छपरा/डोरीगंज/रिविलगंज: मकर संक्रांति के अवसर पर पवित्र स्नान के लिए सुबह से ही नदी घाटों पर भीड़ देखी गयी. छपरा शहर से लेकर रिविलगंज और डोरीगंज के विभिन्न घाटों पर लोग स्नान के लिए पहुंचे.

खरमास के ख़त्म होते ही बड़ी संख्या में लोगों ने पवित्र स्नान कर मंदिरों में भगवान् के दर्शन किये. खरमास के दौरान शुभ कार्य नहीं किये जाते है जो आज से शुरू हो जायेंगे.

दूसरी ओर मकर संक्रांति पर बच्चों ने पतंगबाजी शुरू कर दी है. घरों के छतों पर अपने अपने पतंग के साथ पहुँच पतंगों से पेंच लड़ा रहे है.       

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छपरा: शहर के पुलिस क्लब स्थित गायत्री मंदिर के परिसर में प्रत्येक वर्ष आयोजित किये जाने वाले 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का हुआ शुभारम्भ हो गया है. महायज्ञ 1 जनवरी 2017 तक चलेगा.

महायज्ञ में आज संध्या से प्रवचन शुरू होगा. प्रतिदिन संध्या 6 बजे से प्रवचन होगा. शांतिकुंज हरिद्वार से पहुंचे प्रवचनकर्ताओं के द्वारा प्रवचन दिया जायेगा. वही सुबह से 24 कुंडीय महायज्ञ शुरू हो गया. इस महायज्ञ में लगभग 8 से 9 हज़ार लोग हवन करने पहुंचते है.

गायत्री शक्ति पीठ के सदस्य विश्वनाथ बैठा ने बताया कि इस अवसर पर प्रतिदिन भंडारे का आयोजन भी किया जायेगा. जिसका समय 1 से 3 बजे तक होगा. महायज्ञ में दूरदराज से आय श्रद्धालुओं को रहने और खाने की व्यवस्था की गयी है.

उन्होंने बताया कि 30 से 35 वर्ष से होते आ रहे इस आयोजन को सफल बनाने में गायत्री शक्ति पीठ के कार्यकर्ताओं के साथ साथ शहरवासियों का सहयोग मिलता रहा है. इस अवसर पर मंदिर प्रागंन में मेला भी लगा है. gayatri-2

इससे पहले शुक्रवार को शहर में भव्य कलश यात्रा निकाली गयी जिसमे बड़ी संख्या में महिलाओं और लड़कियों ने भाग लिया. कलश यात्रा में बैंड बाजा के साथ साथ हाथी, घोड़े भी शामिल थे.

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छपरा (संतोष कुमार बंटी): सारण जिला अपने स्थापना काल से ही आध्यात्म से जुड़ा हुआ है. प्रमंडल होने के नाते या एक जिला होने के नाते इस जिले का लगाव भगौलिक दृष्टिकोन से विशेष रूप से पूजा पाठ के लिए जाना जाता है. पूर्व में अम्बिका भवानी का मंदिर तो पश्चिम में गौतम स्थान, अहिल्या उद्धार, दक्षिण में सरयू, गंडक और गंगा का अनमोल संगम तो वही उत्तर में माता गढ़ देवी और शिल्हौरी का शिव मंदिर जिले के धरोहर के रूप में है.

इन्ही धरोहरों और अध्यात्म से लगाव को बढ़ावा देते हुए जिले के उत्तर दिशा में पंचमंदिर की स्थापना की जा रही है.

शीतलपुर-मशरख मुख्य मार्ग पर मढ़ौरा अनुमंडल के तरैया बाजार स्थित निर्माणाधीन यह पंच मंदिर जिले का सिरमौर बनेगा. विगत 10 साल से अधिक समय से निर्माणधीन मंदिर अपने पूर्ण स्वरूप पाने के पूर्व ही आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. करोड़ो रूपये की लागत से बन रहे इस मंदिर के लिए आमजन स्वतः दान करते है. मंदिर परिसर में लगने वाले ग्रामीण बाजार से होने वाली आय ही इसकी सहायता राशि का मुख्य स्रोत है. हालांकि सीमित संसाधनों के बावजूद अच्छी रणनीति से बनाये जा रहे इस मंदिर के अगले 2 वर्षो में बनकर तैयार हो जाने की सम्भावना है. फिलहाल मंदिर के ऊपरी गुम्बज का कार्य समाप्ति की ओर है. इसके बाद तृतीय और फिर द्वितीय तल का सौंदर्यीकरण कार्य प्रारंभ होगा.

वैसे तो इस मंदिर में कई देवी देवताओं की प्रतिमा स्थापित की गयी है. लेकिन मुख्य रूप से यह पंचमंदिर के नाम से प्रसिद्ध है.
करीब 105 फीट ऊँचा यह मंदिर तरैया बाजार के चारों तरफ 2-3 किलोमीटर दूर से ही दिखाई देता है.
मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पूजा पाठ की विशेष व्यवस्था के साथ साथ विवाह सहित अन्य मांगलिक कार्यो के स्थान भी निर्धारित किये गए है.
मंदिर परिसर में लोगों के ठहरने के लिए धर्मशाला भी है. साथ ही स्नान के लिए तालाब भी बगल में स्थित है.

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छपरा/सोनपुर/डोरीगंज/रिविलगंज: कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर नदी घाटों पर लाखों लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई. गंगा स्नान के लिये रविवार रात से ही श्रद्धालुओं के घाटों पर पहुंचने का सिलसिला शुरू हो चूका था. बड़ी संख्या में लोग अपने परिवार के साथ स्नान करने पहुंचे थे.

सोनपुर के विभिन्न घाटों के साथ साथ डोरीगंज के घाट, रिविलगंज के नाथ बाबा घाट, सेमरिया, गौतम स्थान, थाना घाट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नान किया. 

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इस घाटों पर प्रशासन द्वारा सुरक्षा के बंदोबस्त किए गए थे. डोरीगंज घाट पर गोताखोर की तैनाती की गयी थी.

कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान का विशेष महत्त्व है. जिसे लेकर बड़ी संख्या में लोग नदियों के घाटों पर स्नान करने पहुंचते है. सोनपुर में इस अवसर पर हरिहर क्षेत्र मेला और रिविलगंज में गोदना-सेमरिया मेला का आयोजन किया जाता है.  

 

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छपरा: लोक आस्था के महापर्व छठ के दूसरे दिन शनिवार को व्रतियों ने दिनभर उपवास रखा. वहीं, घर में भगवान की आराधना कर शाम में खरना किया. जिसमें व्रतियों ने गुड़ चावल से बनी खीर और रोटी प्रसाद के रूप में ग्रहण किया. इसके बाद परिवार के सदस्यों ने प्रसाद ग्रहण किया. 

खरना करने के साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया. जो सोमवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ समाप्त होगा.

छठ पर्व को लेकर शहर के लगभग सभी प्रमुख बाजारों में चहल पहल देखी गयी. चार दिवसीय छठ का पहला अर्घ्य रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य को दिया जाएगा. वहीं, सोमवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ इस महापर्व का समापन हो जाएगा.

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छपरा: आस्था का महापर्व छठ का चार दिवासीय अनुष्ठान नहाय खाय के साथ प्रारम्भ हो चूका है. शुक्रवार को अहले सुबह से ही छठ व्रतियों का नदी घाट, पोखर, तालाब पर पहुंचना जारी है. जहां व्रती स्नान ध्यान के साथ इस व्रत की शुरुआत करेंगी.

शहर से सटे सरयू नदी के तट रावल टोला, सीढ़ी घाट, साहेबगंज के अलावे डोरीगंज के तिवारी घाट सहित कई बालू घाट पर व्रतियों की भारी भीड़ जुटी थी. स्नान के बाद सभी ने अपने घर आकर चने का दाल, लौकी की सब्जी और चावल  का भोजन किया जायेगा. इस विधि विधान के साथ ही महापर्व की शुरुआत हो गई है.

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शनिवार को व्रती इस अनुष्ठान के दूसरे दिन खरना की विधि को पूरा करंगे. इस चार दिवस के अनुष्ठान में साफ़ सफाई का विशेष महत्व रहता है साथ ही महापर्व की समाप्ति तक लोग फल का सेवन भी वर्जित रखते है. इस कारण यह पर्व कई मायनों में खास बन जाता है. 

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छपरा: महापर्व छठ को लेकर तैयारी अब अंतिम चरण में है. बाज़ारों में खरीदारी को लेकर रौनक है. वही घाटों पर साफ़ सफाई में पूजा समिति के लोग जुटे है. 

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पूजा समितियों के द्वारा घाटों पर लोगों को पहुँचने के लिए मार्ग को सुगम बनाया जा रहा है. शहर के धर्मनाथ मंदिर घाट, सत्यनारायण मंदिर घाट, नेवाजी टोला घाट, कटरा, दहियावां, रूपगंज, जयराम दास का मठिया घाट काफी जगहों पर समितियों के द्वारा तैयारियां की जा रही है. img_20161102_143752996_hdr_wm

धर्मनाथ मंदिर घाट पर चार पहिया वाहन जा सके इसके लिए सड़क का निर्माण आपसी सहयोग से लोगों के द्वारा किया जा रहा है. वही जय रामदास मठिया घाट पर चचड़ी पुल का निर्माण किया जा रहा है. ताकि नदी के दोनों और से घाट पर लोग पूजा कर सके. इसके आलावे घाटों पर रौशनी, पार्किंग और अन्य व्यवस्था किये जा रहे है. 

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घाटों पर साफ़ सफाई और आवश्यक कार्य के लिए जिलाधिकारी दीपक आनंद ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया है. उन्होंने पदाधिकारियों को सभी संवेदनशील छठ घाटों का निरीक्षण कर आवागमन, प्रकाश, पार्किंग आदि की व्यवस्था को सुदृढ़ करने के निर्देश दिया है.

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छपरा: शहर के चांदमारी रोड स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर के समीप बुधवार की सुबह शिवलिंग मिलने से लोगों के कौतुहल फ़ैल गया. देखते ही देखते स्थानीय लोगों के साथ दूर-दूर से शिवलिंग देखने के लिए पहुँचने लगे.

मंदिर के पुजारी अवध किशोर पाण्डेय ने बताया कि सुबह में मंदिर में पहुंचे तो मंदिर के उत्तर दिशा में नज़र पड़ी तो जलजमाव के बीच शिवलिंग की आकृति दिखी जिसके बाद उन्होंने मंदिर प्रबंधन के लोगों को सूचना दी गयी. वहीँ मंदिर प्रबंधन से जुड़े हरेन्द्र सिंह ने बताया कि पुजारी की सूचना पर हम लोगों ने शिवलिंग को देखा. ऐसा प्रतीत होता है कि यह सौ से डेढ़ सौ साल पुराना है.

हालांकि शिवलिंग यहां कहां से आया या किसी प्राचीन शिव मंदिर के अवशेष होने की लोगों में चर्चा रही. लोग बताते है कि साल भर पहले पंचमुखी हनुमान मदिर का निर्माण कराया गया था. यहाँ आज भी लोग पूजा-पाठ करते है.

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छपरा: चार दिनों तक चलने वाला लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा की तैयारियां शुरू हो गयी है. दिवाली ख़त्म होते ही लोग छठ पूजा के तैयारियों ने जुटे हुए है. इस वर्ष छठ पूजा की तिथि चार नवंबर से लेकर सात नवंबर तक है. महापर्व छठ पूजा में उपयोग में आने वाली सभी चीजों के दुकानों पर भारी भीड़ देखी जा रही है.

दउरा और सूप बनाने में जुटे कारीगर
शहर के हवाई अड्डा के मुख्य सड़क के किनारे कारीगर बांस से दउरा, सूप, डलिया आदि बनाने में जुटे है. छपरा टुडे संवाददाता से बात करते हुए कारीगर ने बताया कि हम लोग दुर्गा पूजा के बाद से ही इस कार्य में लग जाते है, छठ पूजा तक बांस के बने सभी सामानों को बेचते है.

पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष दामों में वृद्धि हुई है. एकहरा दउरा प्रति पीस 250 रूपये, दोहरा दउरा प्रति पीस 300 रूपये, सूप 60 रूपये, डलिया 50 रूपये और एकहरा दउरा (बड़ा, जिसमे सात कलसूप) प्रति पीस 550 रूपये का बिक रहा है.chhath

बताते चलें कि महापर्व छठ पूजा कार्तिक शुक्ल की षष्ठी को मनाई जाती है. यह चार दिवसीय महापर्व है जो चौथ से सप्तमी तक मनाया जाता है. इसे कार्तिक छठ पूजा कहा जाता है.

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छपरा: भाई के लंबी उम्र की कामना को लेकर शहर सहित ग्रामीण इलाकों में धूम धाम से भैया दूज का त्यौहार मनाया जा रहा है. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को बहुत से रूप में मनाया जाता है. भाई बहन के अनमोल रिश्ते को लेकर महिलाये और युवतियां बड़े ही उल्लास के साथ भैया दूज का त्यौहार मनाती है. 

भैया दूज को लेकर महिलाएं सुबह से ही तैयारियों में जुट गयी थी. मंगलवार होने के कारण उन्हें यह पूजा सूर्योदय के पूर्व ही करनी थी जिस कारण अहले सुबह ही कई स्थानों पर पूजा संपन्न हुई. पारंपरिक मंगल गीत को गाते हुए महिलाओं ने इस त्यौहार को मनाया. पूजा के बाद सभी ने अपने भाइयों को बजरी ( एक तरह का प्रसाद) खिलाया जिससे की उनकी लंबी उम्र बनी रहे.

आज के दिन कायस्थ लोग भगवान श्री चित्रगुप्त की आराधना करते है. 

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छपरा: सुख, समृधि खुशहाली को लेकर शहर के कई स्थानों पर माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित की गयी है. वैदिक मंत्रोचारण के बीच सम्पूर्ण विधि विधान से पूजा अर्चना के बाद भक्तो के दर्शन के लिए माता का पट खोल दिया गया. माता का पट खुलते ही सभी पूजा पंडालो में माता लक्ष्मी के दर्शन को लेकर भक्तो की भीड़ उमड़ पड़ी हैं. सभी धन धान्य में वृद्धि को लेकर माता से कमाना कर रहे हैं. शहर के नबीगंज में स्थापित माता की स्थापित प्रतिमा को आकर्षक ढंग से सजाया गया है. उधर शहर के ग्रामीण इलाकों में भी माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित की गयी हैं. जहाँ भक्तों की भारी भीड़ जुट रही हैं.

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