छपरा: महापर्व छठ को लेकर तैयारी अब अंतिम चरण में है. बाज़ारों में खरीदारी को लेकर रौनक है. वही घाटों पर साफ़ सफाई में पूजा समिति के लोग जुटे है. 

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पूजा समितियों के द्वारा घाटों पर लोगों को पहुँचने के लिए मार्ग को सुगम बनाया जा रहा है. शहर के धर्मनाथ मंदिर घाट, सत्यनारायण मंदिर घाट, नेवाजी टोला घाट, कटरा, दहियावां, रूपगंज, जयराम दास का मठिया घाट काफी जगहों पर समितियों के द्वारा तैयारियां की जा रही है. img_20161102_143752996_hdr_wm

धर्मनाथ मंदिर घाट पर चार पहिया वाहन जा सके इसके लिए सड़क का निर्माण आपसी सहयोग से लोगों के द्वारा किया जा रहा है. वही जय रामदास मठिया घाट पर चचड़ी पुल का निर्माण किया जा रहा है. ताकि नदी के दोनों और से घाट पर लोग पूजा कर सके. इसके आलावे घाटों पर रौशनी, पार्किंग और अन्य व्यवस्था किये जा रहे है. 

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घाटों पर साफ़ सफाई और आवश्यक कार्य के लिए जिलाधिकारी दीपक आनंद ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया है. उन्होंने पदाधिकारियों को सभी संवेदनशील छठ घाटों का निरीक्षण कर आवागमन, प्रकाश, पार्किंग आदि की व्यवस्था को सुदृढ़ करने के निर्देश दिया है.

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छपरा: शहर के चांदमारी रोड स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर के समीप बुधवार की सुबह शिवलिंग मिलने से लोगों के कौतुहल फ़ैल गया. देखते ही देखते स्थानीय लोगों के साथ दूर-दूर से शिवलिंग देखने के लिए पहुँचने लगे.

मंदिर के पुजारी अवध किशोर पाण्डेय ने बताया कि सुबह में मंदिर में पहुंचे तो मंदिर के उत्तर दिशा में नज़र पड़ी तो जलजमाव के बीच शिवलिंग की आकृति दिखी जिसके बाद उन्होंने मंदिर प्रबंधन के लोगों को सूचना दी गयी. वहीँ मंदिर प्रबंधन से जुड़े हरेन्द्र सिंह ने बताया कि पुजारी की सूचना पर हम लोगों ने शिवलिंग को देखा. ऐसा प्रतीत होता है कि यह सौ से डेढ़ सौ साल पुराना है.

हालांकि शिवलिंग यहां कहां से आया या किसी प्राचीन शिव मंदिर के अवशेष होने की लोगों में चर्चा रही. लोग बताते है कि साल भर पहले पंचमुखी हनुमान मदिर का निर्माण कराया गया था. यहाँ आज भी लोग पूजा-पाठ करते है.

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छपरा: चार दिनों तक चलने वाला लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा की तैयारियां शुरू हो गयी है. दिवाली ख़त्म होते ही लोग छठ पूजा के तैयारियों ने जुटे हुए है. इस वर्ष छठ पूजा की तिथि चार नवंबर से लेकर सात नवंबर तक है. महापर्व छठ पूजा में उपयोग में आने वाली सभी चीजों के दुकानों पर भारी भीड़ देखी जा रही है.

दउरा और सूप बनाने में जुटे कारीगर
शहर के हवाई अड्डा के मुख्य सड़क के किनारे कारीगर बांस से दउरा, सूप, डलिया आदि बनाने में जुटे है. छपरा टुडे संवाददाता से बात करते हुए कारीगर ने बताया कि हम लोग दुर्गा पूजा के बाद से ही इस कार्य में लग जाते है, छठ पूजा तक बांस के बने सभी सामानों को बेचते है.

पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष दामों में वृद्धि हुई है. एकहरा दउरा प्रति पीस 250 रूपये, दोहरा दउरा प्रति पीस 300 रूपये, सूप 60 रूपये, डलिया 50 रूपये और एकहरा दउरा (बड़ा, जिसमे सात कलसूप) प्रति पीस 550 रूपये का बिक रहा है.chhath

बताते चलें कि महापर्व छठ पूजा कार्तिक शुक्ल की षष्ठी को मनाई जाती है. यह चार दिवसीय महापर्व है जो चौथ से सप्तमी तक मनाया जाता है. इसे कार्तिक छठ पूजा कहा जाता है.

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छपरा: भाई के लंबी उम्र की कामना को लेकर शहर सहित ग्रामीण इलाकों में धूम धाम से भैया दूज का त्यौहार मनाया जा रहा है. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को बहुत से रूप में मनाया जाता है. भाई बहन के अनमोल रिश्ते को लेकर महिलाये और युवतियां बड़े ही उल्लास के साथ भैया दूज का त्यौहार मनाती है. 

भैया दूज को लेकर महिलाएं सुबह से ही तैयारियों में जुट गयी थी. मंगलवार होने के कारण उन्हें यह पूजा सूर्योदय के पूर्व ही करनी थी जिस कारण अहले सुबह ही कई स्थानों पर पूजा संपन्न हुई. पारंपरिक मंगल गीत को गाते हुए महिलाओं ने इस त्यौहार को मनाया. पूजा के बाद सभी ने अपने भाइयों को बजरी ( एक तरह का प्रसाद) खिलाया जिससे की उनकी लंबी उम्र बनी रहे.

आज के दिन कायस्थ लोग भगवान श्री चित्रगुप्त की आराधना करते है. 

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छपरा: सुख, समृधि खुशहाली को लेकर शहर के कई स्थानों पर माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित की गयी है. वैदिक मंत्रोचारण के बीच सम्पूर्ण विधि विधान से पूजा अर्चना के बाद भक्तो के दर्शन के लिए माता का पट खोल दिया गया. माता का पट खुलते ही सभी पूजा पंडालो में माता लक्ष्मी के दर्शन को लेकर भक्तो की भीड़ उमड़ पड़ी हैं. सभी धन धान्य में वृद्धि को लेकर माता से कमाना कर रहे हैं. शहर के नबीगंज में स्थापित माता की स्थापित प्रतिमा को आकर्षक ढंग से सजाया गया है. उधर शहर के ग्रामीण इलाकों में भी माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित की गयी हैं. जहाँ भक्तों की भारी भीड़ जुट रही हैं.

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छपरा: धनतेरस पर सभी स्वर्ण आभूषण और बर्तनों की खरीददारी जमकर कर रहे है. जिससे की उनके घर खुशहाली आये. लेकिन धनतेरस पर विगत कुछ वर्षो से झाड़ू खरीदने की परंपरा काफी प्रचलन में है. माँ लक्ष्मी को खुश करने के लिए साथ ही साथ घर में सुख, शांति और सद्भाव को लेकर सभी झाड़ू खरीदना कभी नही भूलते. शुक्रवार को शहर के मुख्य बाजार मौना चौक पर झाड़ू दुकान की दुकानों में लोगों की अप्रत्याशित भीड़ थी. इसके अलावे इस अवसर को ध्यान में रखकर कई दुकानदारों ने तो मोहल्लों में ठेले पर झाड़ू बेचना शुरू कर दिया था. बाजारों में इस वर्ष कई प्रकार के झाड़ू देखने को मिल रहे थे. सभी अपनी आवश्यकता अनुसार 10 रूपये से लेकर 200 रूपये तक के झाड़ू खरीद कर इस धनतेरस खुशिया घर ले जा रहे थे.

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छपरा: दिवाली पर सभी को अपने घर को बेहतरीन ढ़ंग से सजाने की होड़ होती है. शहर के सभी बाजारों में रंगबिरंगी लाइटों की दुकानों पर भीड़ देखी जा सकती है. बाहरी दीवारों पर लगाने के लिए राइस और एलइडी बल्ब की धूम है. इसके अलावा आंगन को सजाने के लिए रंगोली के स्टीकर, कैंडल, रंगबिरंगी लड़ियाँ को लोग खूब पसंद कर रहे है.

इस दिवाली फूलों की जगह प्लास्टिक के आकर्षक सजावटी फूलों और सामानों ने ले ली है. घर के दरवाजों पर लगाने के लिए इनकी काफी मांग है. इसके साथ ही डिजाइनर दीया और मोमबत्तियों का क्रेज भी दिख रहा है.

पारंपरिक दीयों के साथ साथ डिजाइनर दीये भी बाज़ार में धूम मचा रहे है. मिट्टी के पारंपरिक दीये जहाँ 50-80 रुपये सैकड़ा बिक रहा है. वही डिजाइनर दीये सौ रुपये दर्जन के हिसाब से बिक रहे है. बाज़ार में मोमबत्तियों का भी क्रेज है. मोम से बनी विभिन्न आकृति में बनी मूर्तियाँ लोगों को लुभा रही है.

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छपरा: शहर के मारूतिमानस मंदिर के प्रांगन में चल रहे हनुमज्जयंती समारोह के 49वें वार्षिक अधिवेशन में शुक्रवार से प्रवचनमाला की शुरुआत हो गयी. प्रवचन माला का उद्घाटन काशी के संत महामण्डलेश्वर श्री बालकदास जी महाराज ने किया.

जयंती समारोह में इस बार देश के विभिन्न राज्यों से आये ख्याति प्राप्त संतो के द्वारा प्रवचन दिया जायेगा. प्रवचन के लिए आने वाले प्रवचनकर्ताओं में रामभद्राचार्य जी (चित्रकूट), सुश्री प्रज्ञा भारती ‘पंछी देवी (हरदोई), भरतदास जी (वृन्दावन), श्रीमती हीरामणि (काशी), शिवकांत मिश्र ( काशी), वैराज्ञानंद परमहंस (खलीलाबाद), कृष्णा त्रिपाठी ‘रामायणी’ (काशी), योगेश पराशर (दिल्ली), विद्याभूषण कवि जी (छपरा) तथा शिववचन जी (आमी) शामिल है.

समारोह समिति द्वारा इस आयोजन को लेकर भव्य पंडाल का निर्माण कराया गया है. 11 दिनों तक चलने वाले इस भव्य समारोह में सारण के अलावा आसपास के जिले से भी हजारो श्रद्धालु सम्मिलित होते हैं. मंदिर के प्रांगन में मेला भी लगाया गया है. जहाँ विभिन्न तरह की धार्मिक, अध्यात्मिक पुस्तकों के साथ साथ अन्य सामानों की बिक्री हो रही है.

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छपरा: शहर का माहौल भक्तिमय हो चुका है. चारों तरफ वैदिक मंत्रो का उद्घोष हो रहा है. रामर्चा पूजन के साथ ही सारण जिले का सबसे वृहत धार्मिक आयोजन श्री हनुमज्जयंती समारोह का शुभारम्भ हो गया है. हनुमज्जयंती समारोह के 49वें वार्षिक अधिवेशन को सफल बनाने हेतु शहर के मारूति मानस मंदिर के प्रांगण में समारोह समिति द्वारा भव्य तैयारी की गई है. 11 दिनों तक चलने वाले इस भव्य समारोह में सारण के अलावा आसपास के जिले से भी हजारो श्रद्धालु सम्मिलित होते हैं.

हनुमज्जयंती समारोह समिति द्वारा शहर के विभिन्न चौक-चौराहों पर इस आयोजन के दौरान प्रतिदिन होने वाले  प्रवचन के प्रसार के लिए लाउडस्पीकर लगाया गया है.पूरा शहर वैदिक मंत्रोचार से भक्तिमय हो गया है. इस बार श्रोताओं को ख्याति प्राप्त संत-महात्माओं के प्रवचन से अभिभूत होने का अवसर प्राप्त होगा.

21 अक्टूबर से शुरू होगी प्रवचन माला

काशी के संत महामण्डलेश्वर श्री बालकदास जी महाराज द्वारा 21 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे प्रवचन माला का उद्घाटन किया जाएगा. इस बार के आयोजन में कई ख्याति प्राप्त संतो ने सम्मिलित होने की स्वीकृत दे दी है. रामभद्राचार्य जी (चित्रकूट), सुश्री प्रज्ञा भारती ‘पंछी देवी (हरदोई), भरतदास जी (वृन्दावन), श्रीमती हीरामणि (काशी), शिवकांत मिश्र ( काशी), वैराज्ञानंद परमहंस (खलीलाबाद), कृष्णा त्रिपाठी ‘रामायणी’ (काशी), योगेश पराशर (दिल्ली), विद्याभूषण कवि जी (छपरा) तथा शिववचन जी (आमी) इस बार प्रवचन माला में अपने विचारों के माध्यम से श्रोताओं का मार्गदर्शन करेंगे.

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नई दिल्ली: सुहागिनों का त्योहार करवाचौथ आज है, इस दिन सुहागिनें अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. पति की लंबी उम्र और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए इस दिन चंद्रमा की पूजा की जाती है. चंद्रमा के साथ-साथ भगवान शिव, पार्वती जी, श्रीगणेश और कार्तिकेय की पूजा की जाती है. सुबह स्नान आदि ने निवृत्त होकर शाम के समय विविध विधान से पूजन कर चांद को अर्घ देंगी. चलनी से चांद का दीदार कर व्रत तोड़ेगीं.

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छपरा: शहर में प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाला हनुमज्जयंती समारोह का 49वाँ अधिवेशन आज से शुरू होगा. मारूति मानस मंदिर में जयंती समारोह का आयोजन 29 अक्तूबर तक चलेगा.

हनुमज्जयंती समारोह समारोह में देश के विभिन्न स्थानों से प्रवचनकर्ता पहुंचते है. प्रवचन माला का उद्घाटन 21 अक्तूबर को महामंडलेश्वर बालकदास जी महाराज के प्रवचन माला से होगा. hj

जयंती समारोह का शुभारम्भ आज से श्री रामार्चा पूजन एवं कथा के साथ होगा. शाम में संगीतमय भजन संध्या का आयोजन किया जायेगा.

समारोह में रामानंदाचार्य जी, चित्रकूट, बालकदास जी काशी, प्रज्ञा भारती गिरी (पंछी देवी), हरदोई, भारत दास जी, वृन्दावन, हीरामणि जी, शिवकांत मिश्र, काशी, वैराग्यानंद जी परमहंस, खलीलाबाद, कृष्णानंद त्रिपाठी, काशी, योगेश पराशर, दिल्ली, विद्याभूषण ‘कवि जी’, छपरा और शिववचन जी, अम्बिका स्थान से प्रवचन के लिए पहुंचेंगे. hjs

जयंती समारोह के बाद 30 अक्तूबर को हनुमान जी की शोभयात्रा निकाली जाएगी.

हनुमज्जयंती समारोह में प्रवचन सुनने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती है. इस दौरान शहर का वातावरण भक्तिमय हो जाता है.

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