छपरा (संतोष कुमार): आस्था के महापर्व छठ को लेकर परदेशियों का घर आना जारी है. लेकिन रेलगाड़ी इन दिनों यात्रियों से खचाखच भरी हुयी है. दिल्ली–मुंबई और देश के अन्य प्रदेशों से बिहार आने वाली सभी रेलगाड़ी में ससरने तक की जगह नही मिल रही है. आरक्षित हो या अनारक्षित सबका एक ही हाल है. ऐसे में अपने घर आना मुश्किल का काम है. लेकिन दिल्ली में रहकर अपने परिवार के लिए दो जून की रोटी का इंतजाम करने वालो ने इस मुश्किल का हाल ढूंढ लिया.
कहते है जहां चाह होती है वही राह भी अपने आप निकल जाती है और निकले भी क्यों ना छठी मईया का आशीर्वाद जो साथ था. सो इस आशीर्वाद के साथ दिल्ली से ट्रक पर चढ़ अपने घर पहुँच गये.
मुजफ्फरपुर और मोतिहारी के 60 से अधिक दिल्ली में अपनी रोजी रोटी की जुगत में लगे लोग विगत एक महीने से ट्रेन में टिकट का प्रयास कर रहे थे. लेकिन उन लोगो को आरक्षित टिकट नही मिल पाया. अंततः उन्हें जनरल टिकट से यात्रा करने की सोची लेकिन ट्रेन की भीड़ देख उनकी हिम्मत न बनी. आखिरकार उस कॉलोनी के सभी लोगों ने एक मिनी ट्रक को किराये पर लेकर छठी माता के जयकारे के साथ अपने घर के लिए चल दिए. ट्रक में कुल 55 लोग सवार थे. बुधवार को ट्रक छपरा से गुजर रही थी.
इसी बीच मुलाकात के दौरान सवार दिनेश सिंह, बलिराम महतों सहित अन्य लोगों ने बताया कि छठ के पर्व को लेकर पूरे वर्ष में एक बार वे घर जरूर आते है. इस बार ट्रेन से नही तो ट्रक से ही सही वे घर जा रहे है. ट्रेन की टिकट की अपेक्षा पैसा और समय दोनों ही काम लगा है. साथ ही शारीरिक परेशानी भी नही है.
उन्होंने बताया कि छठ पूजा को देखने के लिए ही चालक भी तैयार हो गये. त्योहार समाप्त होने के बाद वह इसी ट्रक से वापस भी जायेंगे.