छपरा: कुर्बानी का पर्व ईद-उल-जुहा (बकरीद) 2 सितंबर को मनाया जायेगा, जिसके लिए पूरे देश में जोर-शोर से तैयारी चल रही है. 23 अगस्त को चाँद का दीदार हुआ था. इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार साल के 12वें महिना के 10 तारीख को ईद-उल-जुहा (बकरीद) मनाई जाती है.

त्याग और बलिदान का यह त्योहार कई मायनों में खास है और एक विशेष संदेश देता है. इस त्योहार को रमजान के पवित्र महीने की समाप्ति के लगभग 70 दिनों बाद मनाया जाता है. हजरत इब्राहिम द्वारा अल्लाह के हुक्म पर अपने बेटे की कुर्बानी देने के लिए तत्पर हो जाने की याद में इस त्योहार को मनाया जाता है. इस्लाम के विश्वास के मुताबिक अल्लाह हजरत इब्राहिम की परीक्षा लेना चाहते थे और इसीलिए उन्होंने उनसे अपने बेटे इस्माइल की कुर्बानी देने के लिए कहा.

हजरत इब्राहिम को लगा कि कुर्बानी देते समय उनकी भावनाएं आड़े आ सकती हैं, इसलिए उन्होंने अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली थी. बेटा नहीं, बल्कि दुंबा था जब उन्होंने पट्टी खोली तो देखा कि मक्का के करीब मिना पर्वत की उस बलि वेदी पर उनका बेटा नहीं, बल्कि दुंबा था और उनका बेटा उनके सामने खड़ा था. जानवरों की कुर्बानी विश्वास की इस परीक्षा के सम्मान में दुनियाभर के मुसलमान इस अवसर पर अल्लाह में अपनी आस्था दिखाने के लिए जानवरों की कुर्बानी देते हैं.

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भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीय को तीज का त्यौहार मनाया जाता है. महिलाएं व्रत को अखंड सौभाग्य के लिए करती है. इस दिन महिलाएं निर्जला रहकर भगवान शिव की पूजा करती है. भगवान शिव से अपने सुहाग की लम्बी उम्र की कामना करती है. माता पार्वती ने भी भगवान को शिव को पति रूप में पाने के लिए यह व्रत किया था.

व्रत के लिए महिलाएं नए लाल वस्त्र धारण करती है. माँ पार्वती और भगवान शिव की आराधना करती है. कथा सुनती है. माता पार्वती को सुहाग के सामान चढ़ाये जाते है. इस अवसर पर गुजिया प्रसाद के रूप में मुख्य रूप से बनाया जाता है.

शहर के बाज़ारों में भी तीज की रौनक देखने को मिली. पूजा से जुटे तमाम सामान, फल आदि की लोगों ने खरीदारी की.

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छपरा: मारवाड़ी समुदाय द्वारा अपने कुलदेवी राणी सती दादी का वार्षिकोत्सव छपरा शहर के डीएन गार्डन में हर्षोल्लास मनाया गया.

इस कार्यक्रम में मंगलपाठ वाचक पटना सिटी निवासी सरोज बंका ने एक से बढ़कर एक भजनों की प्रस्तुति दी. जिससे श्रोताओं को झुमने पर मजबूर हो गए.

श्री राणी सती दादी वार्षिकोत्सव के मुख्य यजमान श्याम बिहारी अग्रवाल तथा मंजु अग्रवाल ने पूजा अर्चना कर कार्यक्रम की शुरुआत की.

इस अवसर पर प्रहलाद सोनी, कौशल किशोर जालान, विजय सिंघानिया, विकास चाँदगोठिया, गोपाल अग्रवाल, विशाल जगनानी, अजय गोयन्का, विक्की मिश्रा, कन्हैया टिबड़ेवाल, विशाल चाँदगोठिया आदि ने सराहनीय सहयोग किया.

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छपरा: पवित्र गंगा व मही नदी के तट पर प्राकृतिक सौन्दर्य के बीच मौजूद मां कालरात्रि का वार्षिक पूजनोत्सव सोमवार को धूमधाम से मनाया जाएगा.

पूजा समिति द्वारा पूजनोत्सव को लेकर सारी तैयारी पूरी कर ली गई है. मां कालरात्रि के मंदिर की सजावट व मंदिर प्रांगण मे पंडाल निर्माण सहित पूजा स्थल एवं इसके आसपास के इलाके में झिलमिल रौशनी के व्यापक प्रबंध के साथ ही चौक-चौराहे पर ध्वनि विस्तारक यंत्र लगाए जाने से पूरा नयागांव वातावरण भक्तिमय बना हुआ है.

कालरात्रि मंदिर कैसे पुहंचे

छपरा से हाजीपुर सडक मार्ग पर दिघवारा- सोनपुर के बीच नयागांव के समीप डुमरी बुजुर्ग गांव मे साढे पांच सौ वर्ष पुराना मां कालरात्रि का प्राचीनतम मंदिर है. ऐसी मान्यता है कि मुगल शासन में भक्तों के कष्टों को दूर करने को मां कालरात्रि यहां अवतरित हुई थी.

मां कालरात्रि काल को भी अपने वश मे रख दुष्टों का संहार कर भक्तों का कल्याण करती है. नवरात्र के दौरान यहां देवी भक्तों की बड़ी भीड़ जुटती है. मन्नत पुरी होने पर मां कालरात्रि की भीमकाय प्रतिमा पर 22 मीटर की चुनरी भक्त चढ़ाते है.

मां कालरात्रि की वार्षिक पूजा हर साल भादो आमावस्या की रात की जाती है. इस साल 21 अगस्त सोमवार को वार्षिक पूजा निर्धारित है.

वार्षिक पूजा पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया है जिसमे भजन सम्राट बिक्की छाबडा मां की शान में भजनो की प्रस्तुति देंगे.

मां के चरणों में प्रत्येक घर में बनी दलही पुड़ी व खीर अर्पित करने की परंपरा भी प्राचीन काल से चली आ रही है.

वार्षिकोत्सव पूजा को लेकर उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए विधि व्यवस्था संधारण को लेकर अनुमंडल प्रशासन द्वारा भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया जाता है.

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छपरा: सारण जिला कानू महासभा के तत्वावधान में संत गणीनाथ गोविन्द जी महाराज का वार्षिक पूजनोत्सव हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हुआ.

जिसमें हजारों की संख्या में कानू महासभा के सदस्य एवम् अन्य समुदाय के लोग भी उपस्थित हुए. संतों के संत द्वय की पुजा अर्चना कर समाज एवं देश की सुख शान्ति की कामना की गई.

कानू महासभा के तत्वावधान में सभा के अध्यक्ष अम्बिका प्रसाद की अध्यक्षता में एक आम सभा का आयोजन किया गया.

आम सभा में मुख्य रूप से शैलेश कुमार गुप्ता, अशोक कुमार गुप्ता, राजन गुप्ता, श्याम बिहारी अग्रवाल, सोहन कुमार गुप्ता, ओम प्रकाश गुप्ता, डाॅ कृष्ण मोहन प्रसाद, उदय बाबु, आनन्द बाबु, मुखिया विरेन्द्र साह, धर्मेन्द्र साह, सचिव विद्या सागर विद्यार्थी, जयचन्द प्रसाद, अरुण कुमार गुप्ता शामिल हुए.

पुजन कार्य अशोक कुमार गुप्ता पुजारी के नेतृत्व में हुआ.

आम सभा में सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया की बिहार सरकार वैश्यों की संख्या को देखते हुए छपरा के विधायक डाॅक्टर सी एन गुप्ता को मंत्री मंडल में सम्मिलित किया जाए जिसे ध्वनि मत से वहाँ उपस्थित जनसमूह ने प्रस्ताव को पारित कर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास भेजने का निर्णय लिया गया.

कानू महासभा ने स्थानीय विधायक से मंदिर परिसर में चापाकल की मांग की जिसे विधायक डाॅ सी एन गुप्ता ने सहर्ष स्वीकार किया और चापाकल लगवाने का वादा किया.

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छपरा: रक्षा बंधन को लेकर बाज़ार पूरी तरह सज चुका है. शहर के साथ साथ ग्रामीण इलाकों के चौक चौराहों पर भी राखी की दुकानें सज चुकी है.

रंग बिरंगी और आकर्षक दिखने वाली राखियों से पूरा बाजार पटा है. इस बार बाजारों में बच्चों के लिए टेडी बियर और बेन 10 के अलावे छोटा भीम और मोटू पतलू की राखी भी बाजार में बच्चों को आकर्षित कर रही है.

इसके साथ साथ चाइनीज़ राखी भी बाजार में अपना स्थान बनाने में काफी कारगर साबित हो रही है.

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छपरा: सावन माह के चौथे सोमवारी को लेकर सुबह से ही शिवालयों में श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए पहुँच रहे है. शहर के धर्मनाथ धनी मंदिर, शिव शक्ति मंदिर समेत सभी शिवालयों में लोग जलाभिषेक कर रहे है.

यहाँ देखिये LIVE धर्मनाथ धनी मंदिर से

यहाँ देखिये LIVE शिव शक्ति मंदिर से

मंदिरों में भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन और जिला प्रशासन के द्वारा सुरक्षा के इंतजाम किये गए है.

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छपरा: सावन माह के तीसरे सोमवार के अवसर पर सुबह से ही मंदिरों में भक्तों की भीड़ देखी जा रही है. सभी प्रमुख मंदिरों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक करने पहुंच रहे है. सावन माह में जलाभिषेक का अपना अलग महत्त्व है. सभी शिवालयों को इस अवसर पर सजाया संवारा गया है. मंदिरों में जलाभिषेक के लिए विशेष व्यवस्था भी की गयी है.

मंदिरों में सुरक्षा को लेकर प्रशासन भी सतर्क रहा. सभी मंदिरों में पुलिस बल की तैनाती की गयी है.

जिले के तमाम मंदिरों में भक्तों ने अहले सुबह से ही जलाभिषेक शुरू किया. लम्बी लम्बी कतारों में घन्टों खड़े होकर श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया.

फाइल फोटो

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छपरा: श्री शिव हरि मंदिर के वार्षिकोत्सव के उपलक्ष्य में गुरुवार को धूमधाम से भव्य कलश यात्रा निकाली गई. कलश यात्रा में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया. कलश यात्रा श्री शिव हरि मंदिर के प्रांगण से निकली और सरयू नदी के तट से जलभरी और पूजा अर्चना कर बड़ा तेलपा मठिया, भिखारी चौक, तेलपा स्टैंड होते हुए पुनः मंदिर के प्रांगण में पहुंची. इसके बाद श्रद्धालुओं में प्रसाद वितरण किया गया. शुक्रवार को आयोजित महारुद्राभिषेक एवं अखंड अष्टयाम की तैया।री में कार्यकर्ता जुट गए.

इस अवसर पर मंदिर के कार्यकर्ता विनोद राय, शैलेंद्र कुमार सिंह, शंभू चौरसिया, बृजभूषण चौरसिया, सत्यदेव राय, पंडित रामधन, कृष्णा, कैलाश चौरसिया एवं समस्त ग्रामवासी मौजूद थे.

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छपरा: सावन की दूसरी सोमवारी पर शहर के सभी शिवालय हर हर महादेव के नारों से गूंज उठा. शहर के प्रसिद्ध धर्मनाथ मंदिर, पंकज सिनेमा, सांढ़ा ढाला, गुदरी साहेबगंज सहित दर्जनों शिवालयों में सावन की दूसरी सोमवारी पर जलाभिषेक को लेकर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी थी.

सभी मंदिर प्रशासन और जिला प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओ की सुविधा और सुरक्षा को लेकर व्यापक प्रबंध किए गए थे. वही इस अवसर पर कई स्थानों पर मेला भी लगा था.

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छपरा: कहा गया है कि मानव सेवा से बढ़कर कोई सेवा नही है इसी लिए शिव भक्तों की सेवा के लिए स्थानीय सांसद सह केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राजीव प्रताप रुडी ने भी पहल की है और इसका परिणाम है कि सारण में सोनपुर के पहलेजा घाट पर पाँच सौ स्क्वायर फीट में कांवरियों की सेवा के लिए भव्य सेवा शिविर सह कौशल केन्द्र बनाया गया है.

शिविर में भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता की मौलिक जानकारी देने के लिए ऑडियो विजुअल सिस्टम की भी व्यवस्था की गई है.बड़े से टीवी स्क्रिन पर प्राचीन भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक उन्नती के संदर्भ में समझाया और बताया जा रहा है. ताकि भक्तों में और सेवा करने वालों को भी अपनी प्राचीन आध्यात्मिक संस्कृति के बारे में जानकारी मिल सके.

शिविर में कांवरियों के विश्राम के लिए ठंडी हवा, शीतल पेयजल, चाय, जलपान, भोजन व दवाइयों आदि सभी जरूरी सुविधाओं की निःशुल्क व्यवस्था की गई है.

इस संदर्भ में केन्द्रीय मंत्री श्री रुडी ने कहा कि गरीबों के नाथ हैं बाबा गरीबनाथ और उनके भक्तों की सेवा एक धर्म और पूण्य का कर्म माना जाता है. आदिकाल से आज तक वेदों व मनीषियों की अभिव्यक्ति एवं साहित्यकारों की लेखनी जिस परम सत्य और यर्थाथ को व्यक्त करती आई है.

वह समस्त प्राणियों के प्रति सेवा भाव ही है. श्री रुडी ने सारण और बाबा गरीबनाथ के इतिहास को बताते हुए कहा कि प्राचीन काल से ही सारण एक प्रसिद्ध क्षेत्र रहा है जिसकी चर्चा प्राचीन भारतीय ग्रंथों में भी है. यह महर्षि सारण्य और महर्षि मेघा की तपोभूमि है. ऋषियों के चरण कमल से प्राचीन काल से ही यह क्षेत्र बड़ा ही पवित्र रहा है और आज भी अपनी पवित्रता को कायम किये हुए है.

उन्होने कहा कि मुजफ्फरपुर स्थित बाबा गरीबनाथ धाम वर्षों से श्रद्धालुओं के आस्था और श्रद्धा का केन्द्र रहा है और कालांतर में सारण जिले के पहलेजा घाट से पवित्र गंगाजल लेकर लोग 60 किलोमीटर पैदल चलके वैशाली जिला होते हुए मुजफ्फरपुर जिले के गरीबनाथ में पहुंचते है और गरीबनाथ के मनोकामना शिवलिंग पर जलार्पण करते है. पाँच सौ वर्ष पूर्व पीपल के वृक्ष को चीरकर निकले मनोकामना लिंग के रूप में भक्तों के बीच ख्याति पाए बाबा की महिमा की प्रसिद्धि हर साल बढ़ती ही जा रही है.

केन्द्रीय मंत्री श्री रुडी ने कहा कि कांवरियों की सेवा करके बाबा गरीबनाथ की सेवा होती है. इसी सेवाभाव से कार्यकर्ता कांवरियों की सेवा में लगे है. उन्होने कहा कि शिविर में कांवरियों की सुविधा के लिए चिकित्सा सुविधा समेत सभी इंतजाम किये गये है.

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सावन माह शुरू हो गया है. इस वर्ष सावन सोमवार को शुरू होकर सोमवार को ही समाप्त हो रहा है. सावन माह में भक्त भगवान भोले शंकर को जलाभिषेक कर विशेष फल प्राप्त करते है. पूरे माह शिवालयों में जलाभिषेक के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती है.

हम आपको सारण जिले के कुछ महत्वपूर्ण शिवालयों की जानकारी देते है जहाँ श्रद्धालु जलाभिषेक करने पहुंचते है.

हरिहर नाथ मंदिर
बाबा हरिहर नाथ मंदिर सोनपुर में अवस्थित है. मंदिर में भक्तों का जनसैलाब जलाभिषेक को उमड़ता है. पूरे सावन माह यहाँ भक्त भगवान भोले शंकर के जलाभिषेक के लिए दूर-दूर से पहुंचते है.

धर्मनाथ मंदिर
शहर के रतनपुरा मुहल्ले में अवस्थित यह मंदिर प्राचीन काल से शिव भक्तों के आस्था का केंद्र है. मंदिर प्रांगन में सावन के प्रत्येक सोमवारी को मेला लगता है.

धर्मनाथ मंदिर में स्थापित शिवलिंग

शिल्हौरी मंदिर
छपरा से 35 किलोमीटर दूर मढ़ौरा के शिल्हौरी में अवस्थित शिव मंदिर में भक्त बड़ी संख्या में जलाभिषेक को पहुंचते है.

बाबा महेंद्रनाथ धाम
सारण जिले के पश्चिमी छोर पर अवस्थित बाबा महेंद्र नाथ धाम शिव भक्तों के आस्था का एक प्रमुख केंद्र है. मंदिर में भगवान शिव की प्राचीन लिंग स्थापित है. इस प्राचीन मंदिर में लोग अपनी मनोकामनाओं को लेकर आते है. भगवान् भोले शंकर की कृपा से सभी की मनोकामनाएं पूर्ण होती है. ऐसा भक्तों में विश्वास है.

इसके अलावे शहर का मसुमेश्वर नाथ मंदिर, आमी स्थित शिव मंदिर, शिव शक्ति मंदिर आदि मंदिरों में भक्त जलाभिषेक करेंगे.    

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