भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीय को तीज का त्यौहार मनाया जाता है. महिलाएं व्रत को अखंड सौभाग्य के लिए करती है. इस दिन महिलाएं निर्जला रहकर भगवान शिव की पूजा करती है. भगवान शिव से अपने सुहाग की लम्बी उम्र की कामना करती है. माता पार्वती ने भी भगवान को शिव को पति रूप में पाने के लिए यह व्रत किया था.
व्रत के लिए महिलाएं नए लाल वस्त्र धारण करती है. माँ पार्वती और भगवान शिव की आराधना करती है. कथा सुनती है. माता पार्वती को सुहाग के सामान चढ़ाये जाते है. इस अवसर पर गुजिया प्रसाद के रूप में मुख्य रूप से बनाया जाता है.
शहर के बाज़ारों में भी तीज की रौनक देखने को मिली. पूजा से जुटे तमाम सामान, फल आदि की लोगों ने खरीदारी की.