बसंत पंचमी के अवसर पर आज विद्यादायिनी माँ सरस्वती की आराधना हो रही है. घर से लेकर शिक्षण संस्थानों और पूजा पंडालों में विद्यार्थी माँ की आराधना में लीन है. मां सरस्वती की पूजा करने से विद्या, ज्ञान और बुद्ध‍ि का प्रसाद मिलता है.

बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा विधि विधान से की जाती है, मां सरस्वती, ज्ञान-विज्ञान, कला, संगीत और शिल्प की देवी हैं अज्ञानता के अंधकार को दूर करने के लिए और जीवन में नया उत्साह प्राप्त करने के लिए, बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की उपासना पूरे देश में की जाती है, स्कूलों में सरस्वती पूजा का आयोजन किया जाता है.

 

0Shares

Chhapra: बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा की तैयारियां शुरू हो चुकी है. इस साल 22 जनवरी को सरस्वती पूजा मनाई जाएगी. सरस्वती पूजा को लेकर मूर्तिकार इन दिनों मूर्तियों को अंतिम रूप देने में जुटे है.

विद्यादायिनी माँ सरस्वती की आराधना के लिए युवाओं के द्वारा भी तैयारी की जाती है. पूजा के अवसर पर शैक्षणिक संस्थानों, घरों से लेकर पंडालों में भी मूर्तियों की स्थापना की जाती है. इस त्योहार को लेकर पढ़ाई लिखाई करने वाले विद्यार्थी उत्साहित रहते है. देर रात तक जग कर माँ सरस्वती के आराधना की तैयारी और पंडाल का निर्माण किया जाता है.

बसंत पंचमी पर पूजा छात्रों और कलाकारों के लिए काफी महत्व रखती है. देवी सरस्वती को ज्ञान, कला, बुद्धि, गायन-वादन की देवी माना जाता है. बसंत पंचमी का दिन पढ़ने और लिखने की शुरूआत के लिए ही शुभ माना जाता है.

क्या है पूजा का मुहूर्त
वसंत पंचमी पूजा मुहूर्त सुबह 07:17 से शुरू है, इसकी अवधि 5 घंटे 15 मिनट तक रहेगी. पंचमी तिथि की शुरुआत 21 जनवरी 2018 रविवार को 15:33 बजे से है और इसकी समाप्ती 22 जनवरी 2018 सोमवार को 16:24 बजे तक बताई गई है.

0Shares

Chhapra: मकर संक्रांति हिन्दुओं का प्रमुख त्योहार है. सम्पूर्ण भारत में इस त्योहार को किसी न किसी रूप में मनाया जाता है. तमिलनाडु में इसे पोंगल के रूप में मनाते हैं जबकि कर्नाटक, केरल और आंध्र प्रदेश में इसे केवल ‘संक्रांति’ कहते हैं.

पौष मास में जब सूर्य मकर राशि पर आता है जब इस पर्व को मनाया जाता है. यह पर्व जनवरी माह के तेरहवें, चौदहवें या पन्द्रहवें दिन (जब सूर्य धनु राशि को छोड़ मकर राशि में प्रवेश करता है) मनाया जाता है.

शास्त्रों के अनुसार इस दिन जप, तप, दान, स्नान, श्राद्ध, तर्पण आदि धार्मिक क्रियाकलापों का विशेष महत्व है. धारणा है कि इस अवसर पर दिया गया दान सौ गुना बढ़कर पुन: प्राप्त होता है.

मकर संक्रांति के अवसर पर गंगा स्नान एवं दान को अत्यंत शुभकारक माना गया है. इस पर्व पर तीर्थराज प्रयाग एवं गंगासागर में स्नान को महास्नान की संज्ञा दी गई है.

फाइल फोटो 

0Shares

डोरीगंज: गरखा प्रखंड के अवतार नगर थाना क्षेत्र अन्तर्गत पचपटिया शेखा पीर बाबा के मजार पर सैकरों हिन्दु एवं मुस्लिम श्रधालुओं ने चादरपोशी की. यहाँ प्रत्येक बर्ष पच्चीस रबिअउअल को उर्स मेला का आयोजन होता है. जिसमे श्रधालुओं मजार पर उर्स मेला के एक दिन पुर्व चादरपोशी करते है.

स्थानीय मौलाना कासिम साहब, असरफ अली, गुड्डू राज, आशिन मियाँ, असलम अली, भोला राय , राकेश सिंह , अशोक साह ने बताया की 12 को चादर पोशी की गयी एवं 13 जनवरी को यहाँ विशाल मेला लगता है जहाँ हजारों की संख्या मे हिन्दु एवं मुस्लिम धर्म के लोग पहुँचेंगे.

ऐसी मान्यता है की शेखा पीर बाबा से जो भी मन्नते सच्चे दिल से माँगी जाती है वह पुर्ण होती है. यह मजार बड़ागोपाल स्टेशन से दो किलोमीटर पर पचपटिया गाँव के सामने स्थित है.

0Shares

Chhapra(Kabir): इन दिनों कड़ाके की ठंड में भी बच्चे व युवा पतंगबाजी का खुमार सर चढ़ कर बोल रहा है. कोई अखबार को काटकर पतंग में साटने के लिए पूंछ बनता है तो कोई लई से फटी पतंग को चिपकाता दिखता है. हाथों में लटाई और पतंग इसके बाद शुरू हो जाता है पतंग उड़ाने का दौर.

समय के साथ पतंगबाजी के सामानों में बदलाव तो हुआ है लेकिन उत्साह में कोई कमी नही दिख रही है. तरह तरह के मांझे की जगह चाइनीज धागों ने जरूर ले ली है. पतंग के दाम में वृद्धि हुई है लेकिन फिल्मों के नाम, हीरो, हीरोइन, क्रिकेटर आदि की तस्वीर लगी डिजिटल प्रिंट वाली पंतग की धूम है.

पतंगबाजों ने छपरा टुडे से बात करते हुए कहा कि अब पहले की तरह कोई मांझे में समय देना नही चाहता, क्योंकि मांझे से मजबूत प्लास्टिक के धागे बाजार में उपलब्ध है. ऐसा नही है कि अभी मांझा नही किया जाता है लेकिन समय को देखते हुए बाजार से खरीदना आसान होता है.

भतमंझा की बात करें तो पतंगबाज जीतोड़ मेहनत करके पतंगबाजी के लिए धागा को तैयार करते थे. शीशे को बारीक पिसा जाता था. धागे को भात और शीशे से गुजारते हुए लटाई में लपेटा जाता था. मकर संक्रांति के दिन पतंगबाजी के लिए इसकी खास तैयारी की जाती थी.

0Shares

Nagra: नगरा ओपी क्षेत्र के कटेसर रसूलपुर गांव स्थित बाबा मखदूम की मजार पर सालाना उर्ष मेला का गुरुवार को आयोजन किया गया. मेले के पहले दिन मजार पर भीड़ देखने को मिली. हजारो की संख्या में महिला पुरुष मखदूम बाबा की मजार पर चादरपोशी के लिए दूर दराज से पहुंचते है. बाबा मखदूम भी अपने बंदों पर करम करते हैं. यहां आने वाले लोग बाबा मखदूम के मजार पर दुआ करते हैं और फातेहा भी पढ़ते है और मखदूम शाह की कृपा से उनकी दुआएं कबूल होती है.

प्रत्येक वर्ष एग्यारही शरीफ के उर्स का आयोजन किया जाता है. जिसमें सभी समुदाय के लोग आते हैं और बाबा मखदूम शाह की मजार पर चादरपोशी कर मन्नते मांगते हैं।

इस मौके पर मेले में काफी भीड़ भी होती है. जिसको लेकर मौके पर विधि व्यवस्था बनाये रखने के लिए नगरा ओपी थानाध्यक्ष राकेश कुमार राय अपने दल बल के साथ पहुचे तथा अंचल सीओ अरविंद प्रसाद सिंह, रुस्तम अली, मोहम्मद इसरफिल, मोहम्मद रहमत आलम, मोहम्द जमालुद्दीन सहित अन्य शामिल थे.

0Shares

Chhapra: स्थानीय कामता सखी मठ में पौष पूर्णिमा के अवसर पर वार्षिकोत्सव समारोह का आयोजन किया गया. इस वार्षिकोत्सव समारोह में महात्मा कामता सुखी एवं अविनाशी सखी के समाधि पर भक्त जनों द्वारा चादर चढ़ाई गया.

आचार्य कृष्ण मुरारी सखी एवं ब्रजमोहन प्रसाद वर्मा के नेतृत्व में समाधि स्थल के पास हवन एवं आरती की गई. इस अवसर पर उपस्थित भक्तगणों के साथ स्थानीय लोगों के बीच भंडारे का आयोजन किया गया.

देर संध्या सखी संप्रदाय के जय प्रकाश वर्मा द्वारा भजन कीर्तन का आयोजन किया गया. इस मौके पर मुख्य रुप से श्री रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव स्वामी अति देव आनंद जी महाराज, भजन कुमार सिन्हा, छपरा विधायक डॉक्टर सीएन गुप्ता, छपरा नगर निगम मेयर प्रिया देवी, उदय प्रकाश वर्मा, आशीष श्रीवास्तव, राकेश कुमार, प्रकाश कुमार, निर्मल श्रीवास्तव, रजनीश सहित सखी संप्रदाय के अनुयाई एवं सैकड़ों भक्त उपस्थित थे.

0Shares

Chhapra: रविवार से शुरू हो रहे 24 कुंडीय यज्ञ के लिए शनिवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने शहर में गाजे बाजे के साथ भव्य कलश यात्रा निकाली. जिसका शुभारम्भ छपरा की मेयर प्रिया देवी ने किया. 24 कुंडीय यह महायज्ञ 24 दिसंबर से शुरू होकर 1 जनवरी को समाप्त हो जाएगा.

शहर के सलेमपुर स्थित पुलिस क्लब में गायत्री पूजा समिति द्वारा इस महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें प्रत्येक वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच कर हवन करते हैं. इसके लिए 24 दिसंबरको सुबह 6:00 बजे से हवन शुरू हो जाएगा. साथ ही साथ शाम के 7:00 बजे से  रात्रि के 10:00 बजे तक बनारस से आए गुरु प्रवचन भी देंगे.

वहीं हवन स्थल के समीप पुलिस क्लब में मेले का शुभारंभ भी हो जाएगा इस दौरान प्रत्येक दिन भंडारे का आयोजन भी किया जाएगा.
गायत्री पूजा समिति के संयोजक विश्वनाथ बैठा ने दी.

0Shares

Chhapra: आगामी 19 से 27 दिसंबर तक सदर प्रखण्ड के महराजगंज पंचायत के अवधपुरा ग्राम में श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा.

यज्ञ आयोजन समिति के मनोज कुमार सिंह ने प्रेस वार्ता में बताया कि यज्ञ श्री श्री 1008 अनंत विभूषित आदित्य नारायणाचार्य दूधिया जी महाराज के सानिध्य में होगा.

उन्होंने बताया कि यज्ञ में सम्मिलित होने वाले लोगों को बेटी बचाव बेटी पढ़ाओ और दहेज मुक्त शादी करने की शपथ दिलाई जाएगी. साथ ही समापन में पौधा देकर अतिथियों का सम्मान कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया जाएगा.

इस अवसर पर चंद्रशेखर सिंह, उमेश सिंह, राजेश्वर सिंह, बबलू सिंह, शत्रुघन सिंह आदि उपस्थित थे.

0Shares

Chhapra: पैगम्बर मोहम्मद साहब के जन्म दिवस के अवसर मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा जुलूश निकाला गया। शहर के विभिन्न इलाकों से निकले इस जुलूश मे सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल थे।

शहर के जमा मस्जिद से लेकर जुलूश थाना चौक, नगरपालिका चौक, मौना चौक, गांधी चौक होते हुए पुनः साहेबगंज पहुंची।

0Shares

Chhapra: शहर के प्रभुनाथ नगर स्थित कामता सखी मठ में देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के आध्यात्मिक गुरु, संत कवि कामता सखी जी का 132 वां जन्मोत्सव मनाया गया. इस अवसर पर कृष्ण मुरारी सखी एवं ब्रजमोहन प्रसाद वर्मा के नेतृत्व में उनके समाधि स्थल पर हवन, आरती एवं भण्डारे का आयोजन किया गया.

कार्यक्रम में उपस्थित साहित्यकार ब्रिजेन्द्र कुमार सिन्हा ने भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि संत एवं समाजसेवी सदा  दूसरों का कल्याण करते हैं. जय प्रकाश वर्मा ने कहा कि महात्मा जी की रचना पांडुलिपि के बराबर है. उन्होंने इस रचना को रचना को अन्य विश्वविद्यालयों की तरह जेपी विश्वविद्यालय में भी पढ़ाने की मांग की

इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से साहित्यकार ब्रजेंद्र कुमार सिन्हा, लोक कलाकार शंकर श्री, राकेश कुमार वर्मा, मुकेश कुमार, भरत प्रसाद गुप्ता , सत्येंद्र श्रीवास्तव. सुधा श्रीवास्तव एवं अन्य भक्तगण उपस्थित रहे.

उक्त जानकरी जयप्रकाश वर्मा ने दी.

0Shares

Chhapra: विश्व हिंदू परिषद की युवा इकाई बजरंग दल द्वारा भर्ती अभियान को लेकर जागरुकता कैंप का आयोजन किया गया.

स्थानीय नगर पालिका चौक पर आयोजित इस कैंप में विश्व हिंदू परिषद एवं बजरंग दल के उद्देश्य को जनता के बीच बताया गया.

परिषद के उद्देश्य के प्रति जागरुक होकर 550 युवाओं ने बजरंग दल की सदस्यता ग्रहण की.

इस संदर्भ में बजरंग दल के प्रांत संयोजक राहुल मेहता ने बताया कि आगामी 19 नवंबर से 6 दिसंबर तक बजरंग दल भर्ती अभियान चलाया जा रहा है. दल से जुड़े कार्यकर्ता घर घर जाकर समाज की सेवा एवं सुरक्षा के लिए युवा वर्ग को सदस्यता ग्रहण करने का आह्वान करेंगे.

उन्होंने बताया कि पूरे उत्तर बिहार में यह कार्य तेजी से चल रहा है. निर्धारित तिथि के अंतराल में एक लाख से अधिक युवाओं को जोड़ने का लक्ष्य प्राप्त है जिसके लिए चौक-चौराहों पर भी बजरंग दल के द्वारा कैंप का आयोजन कर युवाओं को जोड़ने का प्रयास किया जाएगा.

उन्होंने विश्व हिंदू परिषद की युवा इकाई बजरंग दल के उद्देश्य के बारे में बताएं यह मंच हिंदुओं को संगठित करने का एक माध्यम है. संतो के आह्वान पर विश्व हिंदू परिषद ने सुरक्षा का उत्तरदायित्व युवा वर्ग को दिया है.धर्म की रक्षा, राष्ट्र की रक्षा ही बजरंग दल का मुख्य उद्देश्य है.

इस मौके पर विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष अश्विनी कुमार, जिला मंत्री धनंजय कुमार, बजरंग दल के जिला सह संयोजक संजय राय, सोनू सिंह, छोटू सिंह, आदित्य शर्मा सहित कई सदस्य मौजूद थे.

0Shares