Patna: दशहरा के मौक़े पर राजधानी के गांधी मैदान में आयोजित विजयादशमी समारोह में इस बार बिहार और केरला के किन्नरों द्वारा संयुक्त कला का प्रदर्शन किया जाएगा.

कार्यक्रम की प्रस्तुति को लेकर दोस्तानसफ़र को दशहरा कमिटी द्वारा अनुमति मिल चुकी है. जिसके बाद किन्नरों द्वारा इसकी तैयारी शुरू कर दी गयी है.

इस संदर्भ में दोस्तानसफ़र एवं किन्नर कला जत्था की संयोजक रेशमा प्रसाद ने बताया कि विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी ट्रांसजेंडर समुदाय को दशहरा कमेटी ट्रस्ट के द्वारा कला प्रदर्शन का मौका दिया गया है. यह ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए बहुत ही हर्ष की बात है.

उन्होंने बताया कि हमें मुख्यधारा में शामिल होने के लिए धार्मिक तौर पर मजबूत संस्थाएं जो कि एक अलग पहचान के साथ हैं, उनके द्वारा ट्रांसजेंडर समुदाय को मौका देना यह गौरव का विषय है.

रेशमा प्रसाद ने बतलाया कि केरला से आने वाली ट्रांसजेंडर टीम तैयम चेंडा, भरतनाट्यम, मोहिनी अट्टम, कथकली नृत्य की प्रस्तुति देंगी. जिसमे बिहार ट्रांसजेंडर समुदाय के कलाकार भी सहभागी है. वही दोस्तानासफर से जुड़ी हुई स्टार्टअप ”नाचबाजा” मुख्य होगा.

कार्यक्रम की प्रस्तुति रावण वध समारोह के मुख्य मंडप से होगी.

रेशमा प्रसाद ने बताया कि दशहरा कमेटी ट्रस्ट के संस्थापक ट्रस्टी तिलक राज गांधी के द्वारा पहली बार ट्रांसजेंडर को कला प्रदर्शन का मौक़ा दिया गया.

जिसकी बदौलत हमारी ट्रांसजेंडर समुदाय के कलाकार ने अग्रसर करते हुए दूसरी बार अध्यक्ष कमलनोपानी प्रसाद तथा सचिव अरुण कुमार के सहयोग से पुनः संभव हो पा रहा है.

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Chhapra: नवरात्रि के छ्ठे दिन शहर के विभिन्न पूजा समितियों द्वारा मां के दर्शन को श्रद्धालुओं के लिए कपाट खोल दिये गए.

सोमवार की सुबह भव्य पूजा व वैदिक मंत्रोच्चारण के बाद शहर के बड़ी देवी पुराना स्थान स्थित मां की प्रतिमा का कपाट खोल दिया गया.

इस दौरान माता के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी. वहीं शहर के भगवान बाजार दुर्गा मंदिर के नीचे स्थापित मां दुर्गा के दर्शन के लिए भी कपाट खोल दिये गए. उसके बाद माता के माता के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्त पहुंच रहे हैं.

इस दौरान कलाकरों द्वारा शहनाई की धुन बजाकर वातावरण को और भी भक्तिमय बना दिया गया.

इसके साथ ही शहर के अन्य स्थानों पर भी कपाट खोलने की तैयारी चल रही थी. शहर के दौलतगंज स्थित अन्नपूर्णा मंदिर में स्थापित मैंट दुर्गा, गुदरी बाजार में स्थापित प्रतिमा, गुदरी राय चौक स्थित सवलिया जी मंदिर में स्थापित प्रतिमा व कचहरी स्टेशन स्थित कालीबाड़ी में भी आज दर्शन के लिए कपाट खोल दिये जायेंगे.

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Chhapra: दुर्गा पूजा को लेकर प्रशासन द्वारा तैयारी पूरी कर ली गई है. विभिन्न स्थानों पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जाएगी. एसपी हर किशोर राय ने बताया कि खराब पड़े कैमरे को ठीक कर लिया गया है और पूजा समितियों को पंडालों में कैमरा लगाने का निर्देश दिया गया है. दुर्गा पूजा के अवसर पर इस वर्ष सारण में 1070 जगहों पर छोटी से लेकर बड़ी मूर्ति स्थापित की जा रही है.

वहीं सारण में 46 जगहों पर मूर्ति विसर्जित की जाएगी. शांतिपूर्ण तरीके से दुर्गा पूजा का त्यौहार संपन्न हो सके इसको लेकर 350 जगहों पर पुलिस पदाधिकारियों की तैनाती की जाएगी.

उन्होंने बताया कि पूरे 16 जगहों पर रावण का कार्यक्रम किया जाएगा. वहीं दुर्गा पूजा में 1750 जवानों की नियुक्ति की जाएगी. 9 पेट्रोलिंग की गाड़ियां दुर्गा पूजा के दौरान पेट्रोलिंग करेंगी. वहीं 15 अक्टूबर को शहर में फ्लैग मार्च निकाला जाएगा.

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Chhapra: शहर में नवरात्र के अवसर पर पंडालों के निर्माण का काम लगभग पूरा कर लिया गया है. आकर्षक पंडालों का निर्माण विभिन्न पूजा समितियों के द्वारा दिन रात कार्य किये जा रहे है.

शहर के टक्कर मोड़ पर इस वर्ष भी गुफा में बाबा बर्फानी को स्थापित करने का कार्य चल रहा है. पूजा समिति के द्वारा वर्फ से बने बाबा बर्फानी की स्थापना की जाती है. साथ ही बांस और चट्टी से गुफा का निर्माण किया जाता है. जिसे आकर्षक रंगों और लाइट्स से सजाया जाता है.

गुफा के अंदर वर्फ से बने शिव लिंग को स्थापित किया जायेगा. जो देखने वालों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा.

पूजा समिति के सदस्य सिंटू कुमार, शशि कुमार, जीतेन्द्र कुमार, अभय कुमार, सत्यजीत कुमार, सूरज कुमार, रंजन कुमार, कंचन कुमार, रणजीत कुमार और संजय कुमार निर्माण में सहयोग कर रहे है.

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Chhapra: नवरात्र शुरू हो गए है. ऐसे में सभी माता की आराधना में लीन है. छपरा शहर के गुदरी राय चौक स्थित सवालिया जी मंदिर में नवयुवक दुर्गा पूजा समिति के द्वारा मूर्ति की स्थापना प्रत्येक वर्ष की जाती है. इस बार यहां की पूजा कुछ खास है. यहां भक्त ने अपने सीने पर कलश रख कर कठिन साधना करने की ठानी है.

रतनपुरा मुहल्ला निवासी राजेश कुमार उर्फ गुड्डू ने अपने सीने पर कलश स्थापित कराया है. राजेश ने बताया कि वे पिछले 14 साल से नवरात्रि के दौरान निर्जला उपवास रखते आ रहे है. इस बार माता की आराधना के लिए सीने पर कलश रखने की ठानी और नव दिन तक चलने वाले अनुष्ठान को कर रहे है.

इस पूजा पंडाल में लोग सीने पर रखे कलश के दर्शन के लिए दूर दूर से पहुंच रहे है.

पूजा समिति के संयोजक संजय सिंह, प्रदीप कुमार, दीपक कुमार, टोलु कुमार आदि का सहयोग भी मिल रहा है.

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Chhapra: शारदीय नवरात्र बुधवार से शुरू हुआ. बुधवार को प्रात: स्नान ध्यान के बाद कलश स्थापना के साथ मां की पूजा-अर्चना शुरू हो गयी. कई घरों व मंदिरों में कलश की स्थापना की गयी. बुधवार को प्रतिपदा प्रातः 7: 56 बजे तक ही था.

हालांकि उदया तिथि में प्रतिपदा मिलने के कारण पूरे दिन यह तिथि मान्य होगी. इस दिन अभिजीत मुहूर्त दिन के 11: 37 बजे से 12: 23 बजे तक है. यह भी कलश स्थापना के लिए उपयुक्त समय है. वाराणसी पंचांग के अनुसार, सुबह 7.56 बजे के बाद से द्वितीया लग जायेगा. इसलिए प्रतिपदा युक्त द्वितीया में भी कलश की स्थापना की जा सकती है.

वाराणसी व मिथिला पंचांग के अनुसार, मां का आगमन नाव पर और गमन हाथी पर हो रहा है. आगमन और प्रस्थान दोनों शुभ माना गया है. मिथिला पंचांग के अनुसार, प्रतिपदा सुबह 8.06 बजे तक है. 15 अक्तूबर को षष्ठी है. इस दिन बेलवरण के बाद अधिकतर पंडालों के पट खुल जायेंगे. 16 को महासप्तमी है. इस दिन नवपत्रिका प्रवेश के साथ मां की प्रतिमा की आराधना शुरू हो जायेगी. 19 को विजया दशमी है.

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Chhapra: शारदीय नवरात्र बुधवार से प्रारंभ हो रहा है. पूजा की तैयारी में लोग जुटे हुए है. पूजा की तैयारी को लेकर शहर के बाज़ार सजे हुए है.

बाज़ारों में माँ दुर्गे की पूजा अर्चना से जुड़े सामानों की खरीदारी लोग कर रहे है. नवरात्र के दौरान कलश स्थापना के लिए घरों और पूजा पंडालों में तैयारियां चल रही है.  बुधवार को कलश स्थापना के साथ शारदीय नवरात्र का अनुष्ठान शुरू हो जायेगा. बाज़ारों में फल और पूजन सामग्री के दुकानों में भीड़ देखि जा रही है. 

वही दूसरी ओर घरों में साफ़ सफाई और कलश स्थापना की तैयारी की जा रही है.

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Manjhi: मांझी के जगदम्बा नगर में जय माँ जगदम्बे पूजा समिति के द्वारा भव्य पूजा पंडाल का निर्माण कराया जा रहा है. पूजा समिति के द्वारा विगत 17 सालों से पंडाल का निर्माण कराकर माता की मूर्ति स्थापित की जाती है.

प्रत्येक वर्ष जान सहयोग से बनने वाले इस पंडाल को इस बार भव्य रूप देने में जुटे है. पंडाल से 45 फिट ऊंचा और
36 फिट चौड़े पंडाल का निर्माण कराया जा रहा है. खास बात यह है कि गाँव के युवा रात दिन एक कर पंडाल बनाते है बाहरी कारीगरी की आवश्यकता नही पड़ती है. आसपास के इलाकों में पूजा पण्डाल की चर्चा होती है. हर वर्ष पूजा में हजारों की भीड़ होती है.

 

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Chhapra/Baniyapur: आयोध्या में प्रस्तावित श्रीराम मंदिर का निर्माण तो कोर्ट के फैसले पर टिका हुआ है पर इस नवरात्र बनियापुर में श्रद्धालुओं को प्रस्तावित श्रीराम मंदिर का आकर्षक प्रतिरुप देखने को मिलेगा.

दरअसल बनियापुर बाजार स्थित गढ़ देवी मंदिर के परिसर में भव्य पूजा पंडाल का निर्माण कराया जा रहा है. यह पंडाल अयोध्या में प्रस्तावित श्रीराममंदीर के प्रतिरुप होगा. पंडाल का निर्माण बंगाल से आये पंडाल निर्माता कर रहे है. पंडाल भव्य दिखेगा. पंडाल 65 फिट लंबा तथा 90 फिट चौड़ा होगा.

पूजा समिति के सदस्यों के अनुसार वे लोग पिछले पांच साल से श्रीराम मंदीर के प्रतिरूप के निर्माण की योजना बना रहे थे. जिसे इस बार मूर्त रूप दिया जा रहा है. समिति के सदस्य उपेन्द्र सिंह ने बताया कि भव्य पंडाल में मां दुर्गा के नौ रूपो की मूर्ति का निर्माण हो रहा है. 15 फिट ऊँचे मां की विशाल प्रतिमा भी आकर्षण का केंद्र रहेगा. पूजा अर्चना बनारस से आये आचार्यो की मंडली द्वारा कराया जायेगा।.

पूजा समिति द्वारा 1972 से प्रतिवर्ष आकर्षक पंडाल व मूर्तियों का निर्माण कराया जाता है. पूजा समिति द्वारा प्रति वर्ष जनसहयोग से भव्य पंडाल बना उसमें मां की अराधना की जाती है.

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Chhapra: पुत्र की सलामती के लिए किया जाने वाला जीवित्पुत्रिका व्रत का उपवास मंगलवार की अहले सुबह से प्रारंभ हो गया. माताओ व्रतियों ने मंगलवार की अहले सुबह यानी रात्रि पहर में पितृ की पूजा अर्चना की साथ ही भोजन कर इस व्रत के लिए उपवास प्रारम्भ किया.

व्रती मंगलवार को 24 घंटे का उपवास रखेगी वही संध्या पहर में स्नान ध्यान के बाद जीवित्पुत्रिका व्रत की कथा का श्रवण करेगी. इस बार अष्टमी तिथि पूरे दिन रहने के कारण माताएं कभी भी पूजा कर सकती हैं. फिर तीन अक्टूबर बुधवार की सुबह 6.15 बजे के बाद इस व्रत का पारण होगा. इस व्रत की समाप्ति बुधवार को होगी उसी दिन व्रती पारण के साथ यह अनुष्ठान पूरा करेगी.

इसके पूर्व आश्विन कृष्ण सप्तमी सोमवार को जीमुत वाहन व्रत के लिए व्रतियों ने पहले नहाय-खाय किया. नहाय-खाय में स्नान के बाद शुद्ध भोजन कर अनुष्ठान की तैयारी में जुट गई.

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Chhapra: नवरात्र में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापना को लेकर शहर के सभी पूजा समितियों द्वारा तैयारी शुरू कर दी गई है. माता की प्रतिमा स्थापना को लेकर सभी चौक चौराहों पर एक से बढ़कर एक पूजा पंडाल बनाए जा रहे हैं.

इसी क्रम में शहर के पंकज सिनेमा रोड में माता की प्रतिमा स्थापना को लेकर पूजा पंडाल बनाया जा रहा है. कोलकाता के रानीगढ से आए पंडाल निर्माण मजदूरों द्वारा पंडाल का निर्माण किया जा रहा है.

पंडाल का निर्माण कर रहे ज्योति दादा ने बताया कि इस बार पंकज सिनेमा रोड में स्थित मां दुर्गा का पूजा पंडाल अलग ही रूप में दिखेगा, जिससे लोग अपने आप ही इस पंडाल को देखने के लिए खिंचे चले आएंगे. उन्होंने बताया कि पंडाल का निर्माण विगत 1 महीने से मजदूरों द्वारा किया जा रहा है. करीब तीन लाख रुपए की लागत से बनाए जा रहे इस पूजा पंडाल की खासियत इसमें बनाए जाने वाले गोल गोल पिलर होगी.

ज्योति दादा ने बताया कि इस बार पंकज सिनेमा रोड में नेपाल के वन देवी मंदिर के अंदर माता की प्रतिमा स्थापित की जाएगी जो काफी आकर्षण का केंद्र रहेगा.

पूजा समिति के अध्यक्ष अतुल कुमार पांडे ने बताया कि प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी पूजा समिति द्वारा कुछ नए तरीके से पूजा पंडाल बनाने की कवायद जारी रखी गई है. इस बार नेपाल में स्थित बन देवी मंदिर की प्रतिरूप यहां बनाई जा रही है. जिसमें माता की प्रतिमा स्थापित होगी.

उन्होंने बताया कि शहर का इकलौता पंडाल है जो 1 वर्ष तक अपनी स्थिति में रहता है. सिर्फ नवरात्र ही नहीं नवरात्र के बाद भी यह पंडाल जस के तस बना रहता है. अगले वर्ष पंडाल निर्माण को लेकर इसको हटाने का कार्य किया जाता है. इस बार का पूजा पंडाल लोगों को अपनी ओर आकर्षित करेगा इसे देखने के लिए लोगों की भीड़ जुटेगी.

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छपरा: स्थानीय साहेबगंज सोनारपट्टी में स्थित गणेश की प्रतिमा को धूमधाम से विसर्जित किया गया. विगत दिनों गणेश चतुर्थी के अवसर पर स्थापित भगवान गणेश की प्रतिमा विसर्जन को लेकर सोमवार को शोभायात्रा निकाली गई.

साहेबगंज सोनार पट्टी से निकली यह शोभायात्रा कटहरी बाग, गांधी चौक, मौना चौक, नगर पालिका चौक, थाना चौक होते हुए शहर के विभिन्न मार्गो से परिभ्रमण कर पुनः साहेबगंज चौक पहुंची.

शोभा यात्रा में हाथी, घोड़ा एवं बैंड के साथ हजारों लोग शामिल थे. भगवान गणेश की प्रतिमा के अंतिम दर्शन को लेकर विभिन्न चौक चौराहे पर श्रद्धालुओं द्वारा पूजा अर्चना भी की गई. गाजे बाजे के साथ निकली यह शोभायात्रा में भक्त पूरी तरह से नाचते देखे गए. संध्या समय तक पुनः भगवान गणेश की प्रतिमा साहेबगंज चौक पर पहुंची.

जहां उनके विसर्जन को लेकर अंतिम रूप से पूजा अर्चना की गई.उसके बाद भगवान की प्रतिमा को सरयू नदी में विसर्जित किया गया.

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