दिल्ली: आगामी 21 जनवरी को चंद्र ग्रहण की दशा बन रही है. खगोलशास्त्री के अनुसार 2019 का दूसरा ग्रहण और पहला चंद्रग्रहण जनवरी महीने के तीसरे सप्ताह में 20 आैर 21 जनवरी की मध्यरात्रि को दिखाई देगा. इस चंद्रगहण को सुपर ब्लड वुल्फ मून के नाम से जाना बुलाया जा रहा है.

चंद्रमा जब धरती की छाया से होकर जाता है तो सुपरमून या लाल तांबे के रंग जैसा नजर आता है. आमतौर पर एेसे हर चंद्र ग्रहण को एक खास नाम दिया जाता है, उसी क्रम में इस चंद्रगहण का नाम भी अपने में खास है.

ये सुपर ब्लड वुल्फ मून 20 जनवरी की शाम 8 बजकर 6 मिनट पर शुरू होगा और 21 जनवरी को 1 बजकर 18 मिनट पर पूर्ण हो जायेगा.

हांलाकि ये भारत में नहीं दिखार्इ देगा जिसके चलते इसका धार्मिक रूप से कोर्इ अधिक महत्व नहीं है फिर भी ग्रह गोचर में परिर्वतन हर संजीव आैर निर्जीव पर कोर्इ ना कोर्इ प्रभाव तो डालता ही है.

0Shares

Chhapra: मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं ने नदी, सरोवरों में आस्था की डुबकी लगाई.

शहर से सटे गंडक नदी घाट, सहित रिविलगंज, मांझी और डोरीगंज के आधा दर्जन से अधिक नदी घाट पर मंगलवार की अहले सुबह से श्रद्धालुओं का पहुंचना जारी था. प्रातः काल मे नदी में स्नान ध्यान कर श्रद्धालुओ ने तील, चूड़ा, गुड़, लाई का दान भी किया.एक मान्यता के अनुसार मकर संक्रांति के दिन नदी में स्नान करना तथा उसके बाद तील, चूड़ा तथा लाई का दान करके खुद सेवन भी करना शुभ माना जाता है. वैज्ञानिक रूप से भी इसका बड़ा महत्व है.

0Shares

Chhapra: इस वर्ष मकर संक्रांति का त्योहार 14 की बजाए 15 जनवरी को मनाया जाएगा. दरअसल मकर राशि में सूर्य का प्रवेश 14 तारीख की रात में हो रहा है. शास्त्रों में त्योहारों की तिथि सूर्योदय से मानी जाती है. इसलिए मकर संक्राति का पर्व 15 तारीख को मनाया जाएगा, जब सूर्य का उदय मकर राशि में होगा.

मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन सूर्य अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं. इस दृष्टि से भी इस पर्व का खास महत्व है. एक अन्य मान्यता के अनुसार मकर संक्रांति के दिन ही भगवान विष्णु ने पृथ्वी लोक पर असुरों का संहार कर उनके सिरों को काटकर मंदराचल पर्वत पर भूमिगत कर दिया था. उस समय से ही भगवान विष्णु के इस विजय को मकर संक्रांति के पर्व के रूप में मनाया जाता है.

इस बार मकर संक्रांति पर सर्वार्थसिद्धि योग भी बन रहा है. 14 जनवरी 2019 की रात को 8:08 बजे सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे, जो मंगलवार को 15 जनवरी दोपहर 12 बजे तक तक इसमें रहेंगे. इसलिए 15 जनवरी 2019 को दोपहर 12 बजे से पूर्व ही स्नान-दान का शुभ मुहूर्त है. मकर संक्रांति पर स्नान और दान का विशेष योग मंगलवार को बन रहा है.

मकर संक्रांति पुण्य काल मुहूर्त:

पुण्य काल- 07:19 से 12:30

पुण्यकाल की कुल अवधि- 5 घंटे 11 मिनट

संक्रांति आरंभ- 14 जनवरी 2019 रात्रि 20:05 से

मकर संक्रांति महापुण्यकाल शुभ मुहूर्त- 07:19 से 09:02

महापुण्य काल की कुल अवधि- 1 घंटा 43 मिनट

0Shares

Chhapra (H.K.Verma): 166th birth anniversary of Holy Mother Sarda Devi will be observed in  Chhapra centre of Ramakrishna Mission on Friday (28th of December 2018).

   Disclosing this Swami Atidevananda, Secretary of this Ashram has informed that the program will begin with Mangal Aarati and Meditation at 5 AM, followed by Vedic Chanting at 6.30 AM, Special Puja and Bhajan at7.30AM, Maha Mangal Aarati at 10 AM, Hawan & Pushpanjali at 11 AM, Prasad distribution at 12 AM, Sandhya Aarati at 5 PM and Bhajans at 7.15 PM. Swami Ji has extended invitation to all devotees with friends and family on this joyous festival.

0Shares

Chhapra: क्रिसमस के अवसर पर शहर के गिरजाघरों में विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया. शहर के डाक बंगला रोड और मिशन कंपाउंड स्थित गिरजाघरों में पहुँच लोगों ने प्रार्थना की और खुशियां मना रहे हैं. वहीं लोग क्रिसमस की एक-दूसरे को बधाईयां भी दे रहे हैं.

खास कर बच्चे एक-दूसरे को बधाई दे रहे है. गिरजाघरों में ईसाई समाज के लोगों की भीड़ जुटी हुई है.

वही क्रिसमस डे के पूर्व ही शहर के कई स्कूलों में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था.

0Shares

Chhapra: रविवार को शहर में धूम धाम से श्याम वार्षिक महोत्सव का आयोजन किया गया. इस दौरान मारवाड़ी समाज और युवा मंच के तत्वाधान में शहर के चांद कोठिया विवाह भवन में श्री श्याम वार्षिक महोत्सव पूरे हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया.

इस अवसर पर लोगों ने भजन कीर्तन भी किया. जिसमें बाहर सेआये भजन गायकों ने अपने भजनों से लोगों को भाव विभोर कर दिया. भजन गायकी में मंयक अग्रवाल, पंजाब के अबोहर, जयपुर के अभिषेक के साथ कटिहार के अभिषेक दाधीच ने अपने भजनों से समां बांध दिया.साथ ही साथ इस मौके पर भव्य दरबार का भी आयोजन हुआ. इसके अलावें सवामणी व छप्पन भोग लगाकर उत्सव मनाया गया.

0Shares

Chhapra: रामजन्मभूमि पर राम मंदिर का निर्माण जरूरी है. सभी के संकल्प से यह कार्य जल्द पूरा हो जाएगा. उक्त बातें विश्व हिन्दू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परानडे ने शहर के नगर निगम सभागार में आयोजित धर्मसभा में कही.

उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि आन्दोलन के बारे में विस्तृत जानकारी दी. वही सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सुनवाई में देरी करने पर असंतोष भी जताया. उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण हिन्दु समाज की इच्छा है कि श्रीराम मन्दिर जल्द-से-जल्द बने और इसके लिए देशभर में धर्मसभा आयोजित की जा रही है. उन्होंने आगे कहा कि श्रीराम मन्दिर के भव्य निर्माण की राह में आनेवाले रोड़े को दूर करने के लिए सभी प्रकार की कोशिश की जाएगी और इसके लिए हम सब को कृतसंकल्प रहना है. उन्होंने केन्द्र सरकार से आग्रह किया कि न्यायालय को दिन-प्रतिदिन सुनवाई करवाये और आवश्यकता पड़ने पर कानून बनाकर मन्दिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करे.

सारण जिला विश्व हिन्दू परिषद एवं बजरंग दल द्वारा आयोजित धर्मसभा में जिले के हिन्दु समाज के गण्यमान्य एवं सामान्य नागरिक उपस्थित थे.


सर्वप्रथम आगन्तुक अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर सभा का शुभारंभ किया गया. मंच पर सभा की अध्यक्षता कर रहे स्थानीय धर्मनाथ मन्दिर के महन्थ बिन्देश्वरी पर्वत के साथ विहिप के क्षेत्र संगठन मंत्री केशव राजू, क्षेत्र मंत्री वीरेन्द्र विमल, प्रान्त अध्यक्ष कृष्णदेव झा, प्रान्त मंत्री अशोक श्रीवास्तव, रा० स्व० संघ के विभाग संघचालक विजय कुमार सिंह भी उपस्थित थे जिन्होंने सभा को संबोधित किया.

कार्यक्रम का संचालन विहिप के जिला मंत्री धनंजय कुमार द्वारा तथा धन्यवाद ज्ञापन जिलाध्यक्ष अश्विनीकुमार गुप्त द्वारा किया गया.

कार्यक्रम में जिला उपाध्यक्ष रामायण जी एवं अन्य अधिकारी तथा प्रमुख लोगों में शम्भु कमलाकर, वेदप्रकाश गुप्ता, सुरेश श्रीवास्तव, प्रकाश रंजन निक्कू, चंदनजी, गंगोत्री प्रसाद आदि उपस्थित रहे.

0Shares

Chhapra/Sonpur/Rivilganj: कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं ने जिले के विभिन्न नदी घाटों पर पवित्र स्नान किया. स्नान के लिए श्रद्धालु एक दिन पूर्व से ही पहुंच चुके थे.

सोनपुर, रिविलगंज, डोरीगंज आदि तमाम जगहों पर स्नान कर लोगों ने भगवान की आराधना की. सोनपुर स्थित हरिहरनाथ मंदिर में दर्शन करने वालों की भारी भीड़ जुटी.

वही रिविलगंज स्थित गोदना-सेमरिया मेला में लाखों श्रद्धालुओं रात से ही पहुंचने लगे थे. सुबह होते ही सभी ने पवित्र स्नान किया.

0Shares

Chhapra: आस्था का महापर्व छठ अब वैश्विक हो चूका है. दुनिया के कई देशों में रहने वाले बिहारियों के द्वारा इसे किया जा रहा है. छठ पर्व अब गाँव देहात के नदियों से लेकर विदेश में भी किया जा रहा है.

छठ पर्व को लेकर लोगों की आस्था के कारण अब यह वैश्विक हो चूका है. छठ की ऐसी ही एक छटा का वीडियो हमें कनाडा के टोरंटो से हमारी पाठक सुमिता सिन्हा ने हमें भेजा है. वीडियो में व्रती छठ व्रत कर रही है. उन्होंने बताया कि कनाडा में शाम का अर्घ्य दिया गया. वहां इस वक़्त तामपान माइनस 3 डिग्री है इसके बावजूद पूजा को लेकर लोगों का उत्साह चरम पर रहा. अपनी परम्पराओं को विदेश में भी रह कर जीवित रखने के लिए सभी ने धूमधाम से छठ व्रत किया.

अपने देश से दूर अपनी मिट्टी से जुड़े सबसे बड़े त्योहार को सभी ने मिलजुल कर मनाया.

देखियें VIDEO

0Shares

Panapur: उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ ही बुधवार को चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व छठ व्रत संपन्न हो गया. गंडक नदी के किनारे स्थित कोंध मथुरा धाम, रामपुररुद्र, सारंगपुर, बसहिया, भोरहा, रामदासपुर पोखरा, महम्मदपुर पोखरा आदि छठ घाटों पर हजारो छठ व्रतियों ने उदीयमान भगवान भाष्कर को अर्घ्य दिया.

व्रतियों ने अपने परिवार के स्वास्थ्य एवं सुख समृद्धि की कामना की. छठ व्रत के दौरान कोई अप्रिय घटना न घटे इसके लिए मथुराधाम घाट पर एसडीआरएफ की तैनाती की गई थी. इसके आलावे बीडीओ मो सज्जाद, सीओ वीरेंद्र मोहन और थानाध्यक्ष रमेश कुमार महतो ने विभिन्न घाटो का निरीक्षण करते रहे.

0Shares

Chhapra: आस्था का महापर्व छठ बुधवार को उदीयमान भगवान भाष्कर को अर्घ्य देने के साथ संपन्न हो गया. व्रतियों ने पानी मे खड़े होकर भगवान भाष्कर और माँ छठी की उपासना की और परिवार सहित समाज की सुख शांति और वृद्धि के लिए कामना की. इसके साथ ही व्रतियों ने पुनः अगले वर्ष आने की भी कामना की.

छठ घाटो पर एक तरफ जहां व्रती माँ छठी की उपासना में लीन दिखे वही युवा वर्ग अपनी सेल्फ़ी लेने में मग्न दिखा. छठ की पूरी तैयारी और घाटो पर ली गयी सेल्फी से पूरा सोशल मीडिया अपडेटेड है. फेसबुक से लेकर व्हाट्सएप, ट्विटर सहित अन्य सोशल प्लेटफॉर्म पर छठ से जुड़ी तस्वीर इस महापर्व को वैश्विक विस्तार में सहयोग कर रही है. दूर देश, प्रदेशों में बैठें अपनो को महापर्व से अवगत करा रही है.

छठ पर्व मुख्य रूप से बिहार का पर्व माना जाता है लेकिन धीरे धीरे इसकी ख्याति में विस्तार हुआ है. वर्तमान समय मे देश के विभिन्न राज्यों में यह पर्व अब धूम धाम से मनाया जाता है. महापर्व छठ की छटा अब विदेशों तक पहुंच चुकी है. जहाँ जहाँ भी बिहार के रहने वाले लोग बसे है उन जगहों पर छठ का पर्व धूम धाम से मनाया जा रहा है.

0Shares

Chhapra: चार दिवसीय आस्था का महापर्व छठ बुधवार को उदीयमान भगवान भाष्कर को अर्घ्य देने के साथ संपन्न हो गया. व्रतियों ने नदी सरोवर और तालाब के साथ साथ छतों पर पानी मे खड़े होकर भगवान भाष्कर को अर्घ्य दिया.

इससे पहले घाटों पर कोसी भरने की परंपरा को पूरा किया गया. फिर सूर्योदय का इन्तजार शुरू हुआ. भगवान भास्कर के दर्शन के लिए व्रती घंटों पानी में खड़े होकर इन्तजार किया. इसके बाद भगवान भास्कर ने दर्शन दिए और अर्घ्य शुरू हुआ.

इस दौरान छठ पूजा घाटों पर व्रतियों ने कथा सुना. पूजा समितियों के द्वारा पूजा घाटों पर चाय और कहवा आदि की व्यवस्था की गयी थी. कई पूजा घाटों पर पूजा समितियों के द्वारा धूप, अगरबत्ती, दूध आदि का निःशुल्क वितरण किया गया.

इसी के साथ चार दिनों तक चलने वाले छठ महापर्व का अनुष्ठान संपन्न हो गया.

0Shares