Chhapra: हजरत मोहम्मद साहब की जयंती के अवसर पर शहर में शांतिपूर्ण तरीके से नात शरीफ पढ़ते हुए जुलूस निकाली गई. जिसमें सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए.

जुलूस शहर के खनुआ से निकलकर थाना चौक, महमूद चौक, हॉस्पिटल चौक, दरोगा राय चौक, भरत मिलाप चौक तक गयी.

जुलूस में मुख्य रूप से मोहम्मद गुलाम सरवर, रियाजुद्दीन, मोहम्मद तबरेज, नईमुद्दीन, जावेद, छोटू, राजा, नसीम, मोहम्मद परवेज आदि शामिल थे.

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Chhapra: ईद-मिलाद-उन-नबी 10 नवंबर को मनाया जाएगा. मुसलमानों के इस त्योहार को पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जन्म की खुशी में मनाया जाता है. पैगंबर हजरत मोहम्मद आखिरी संदेशवाहक और सबसे महान नबी माने जाते हैं, जिन को खुद अल्लाह ने फरिश्ते जिब्रईल द्वारा कुरान का सन्देश दिया था.

इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार इस्‍लाम के तीसरे महीने रबी-अल-अव्वल की 12वीं तारीख, 571 ईं. के दिन ही मोहम्मद साहेब जन्मे थे. पैगंबर मोहम्मद का पूरा नाम पैगंबर हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम था. उनका जन्म सऊदी अरब के मक्का शहर में हुआ. इनके पिता का नाम मोहम्मद इब्न अब्दुल्लाह इब्न अब्दुल मुत्तलिब और माता का नाम बीबी अमिना था.

उन्होंने इस्लाम धर्म की पवित्र किताब कुरान की शिक्षाओं का उपदेश दिया. हजरत मोहम्मद ने 25 साल की उम्र में खदीजा नाम की विधवा से शादी की. उनकी एक बेटी बीवी फातिमा का अली हुसैन से निकाह हुआ.

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Chhapra: आस्था के महापर्व छठ उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य के साथ संपन्न हो गया . व्रतियों ने 36 घंटे का निर्जला व्रत रख अर्घ्य दिया. उदयीमान भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के बाद सभी ने पारण किया और प्रसाद वितरण किया.

 पारंपरिक लोक गीतों के साथ महिलाओं ने छठ घाटों पर कोशी भरा. अहले सुबह लोग छठ पूजा घाटों पर पहुंचे. पहले कोशी भरने की परंपरा को पूरा किया गया.

इस दौरान घाटों पर अलौकिक दृश्य देखने को मिला. सभी छठ महापर्व में लीन दिखे. व्रतियों को घाटों पर लाने उन्हें कोई कष्ट ना हो इसके लिए खास इंतजाम किये गए थे.

पूजन सामग्री का हुआ वितरण
शहर के पूजा घाटों पर दूध, पुष्प, अगरबत्ती आदि का वितरण भी पूजा समितियों के द्वारा किया गया.

खूब ली गयी सेल्फी
छठ पूजा में दूर दूर से अपने शहर पहुंचे लोगों ने घाटों पर अपनों के साथ खूब मस्ती की और इस दौरान सेल्फी का भी दौर चला.

सुरक्षा को लेकर पूजा समितियां रही सजग
महापर्व के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पूजा समितियों ने अपने स्तर से व्यापक इंतजाम किये थे. पूजा समितियों के स्वयंसेवक लगातार लोगों पर ध्यान दे रहे थे. लाउडस्पीकर के माध्यम से जरुरी निर्देश दिए जा रहे थे. वही घाटों पर गोताखोर और नाव की व्यवस्था भी की गयी थी.

छपरा टुडे डॉट कॉम की टीम भी शहर के विभन्न घाटों पर मौजूद रही और आपतक वीडियो, LIVE और तस्वीरों को पहुँचाया. हमारा यह प्रयाश आपको कैसा लगा बताइयेगा ज़रुर. अपने feedback आप हमें chhapratoday@gmail.com पर भेज सकते है.


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Chhapra: महापर्व छठ की अलौकिक छटा छपरा शहर समेत सभी पूजा घाटों पर देखने को मिली. छठ के पावन पर्व में शामिल होने अपने घर पहुँचे लोगों ने धूमधाम से छठ पूजा मनाया.

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घाटों को सजाया संवारा गया था. सिर पर दउरा लेकर लोग छठ घाटों पर पहुँचे. महापर्व की महिमा को देखते हुए आम से लेकर ख़ास लोगों ने छठ पूजा किया.

महाराजगंज के सांसद ने किया छठ
महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने छठ किया. वे लगातार कई वर्षों से महापर्व छठ करते आ रहे हैं. इस बार भी उन्होंने जलालपुर मेन छठ के अवसर पर अर्घ्य दिया. सांसद श्री सिग्रीवाल ने ट्विटर पर लिखा कि

“अपने पैतृक गाँव में अस्ताचलगामी भगवान भाष्कर को अर्घ्य दिया. छठी मईया से प्रार्थना है कि सभी देशवासियों को आशीर्वाद प्रदान करें। जय छठी मईया की.”

 


मेयर ने किया छठ
छपरा नगर निगम की मेयर प्रिया देवी ने भी महापर्व छठ किया. उन्होंने इस अवसर पर छपरा के लोगों को शुभकामनाएँ दी. साथ ही सभी के लिए आशीर्वाद माँगा.

इसके साथ ही कई और ख़ास लोगों ने छठ पर्व किया जिनमे छपरा बार एसोसिएशन के महामंत्री रविरंजन सिंह आदि प्रमुख रूप से शामिल है.

छठ एक ऐसा पर्व है जिसमे सभी मिल जुल के मनाते है. इस कारण से ही ये महापर्व है. छठ पूजा की महिमा अब सात समंदर पर तक पहुंच रही है. जो जहां है वहीं इस पर्व को अपनी शक्ति के अनुसार करता है.

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Chhapra: सूर्य उपासना के तीसरे दिन व्रतियों ने नदी घाट, तालाब एवं सरोवरों में खड़ा होकर अस्ताचलगामी भगवान को अर्घ्य दिया. व्रतियों ने पानी मे खड़ा होकर हाथ मे कलसुप और उसमे ईख, नारियल, नीबू, फल, फूल और ठेकुआ का भगवान का अर्घ्य दिया और परिवार को शुभ शांति एवं समृद्धि की कामना की.

अस्तचलगामी भगवान को अर्घ्य देने के लिए व्रतियों द्वारा सुबह में पकवान बनाया गया. दोपहर बाद व्रती परिवार के सदस्यों के साथ माथे पर दउरा लिए नदी घाट, सरोवर, तालाब पहुंचे. कइयों ने अपनी मन्नत के अनुसार लेट कर तथा गाजे बाजे के साथ नदी घाट पहुंचे और सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया.

महापर्व छठ को लेकर शहर से सटे सीढ़ी घाट, नेवाजी टोला, धर्मनाथ मंदिर, इनई, रिविलगंज, डोरीगंज और मांझी के दर्जनों घाट पर साफ सफाई और लाइटिंग की व्यवस्था आयोजकों द्वारा की गई थी.

महापर्व छठ में कोठयाँ के सूर्य नारांव मंदिर में हजारों व्रती भगवान को अर्घ्य देने पहुंचे.

व्रती चौथे दिन की उपासना में रविवार को भगवान भाष्कर को अर्घ्य देगी.

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Bihar: आस्था के महापर्व छठ की छटा आम से लेकर खास तक दिख रही है. बिहार में जन्मे बसे और लगाव रखने वाले हरएक के लिए यह पर्व खास होता है. इस पर्व को मनाने के लिए, देखने के लिए और इसमें शामिल होने के लिए देश ही नही विदेशों से भी लोग अपने आप खिंचे चले आते है. आस्था के इस महापर्व में हर कोई अपनी अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर सेवा भाव मे जुट जाता है.

पत्रकारिता जगत में अपनी अमिट छाप छोड़ने वाले एक दर्जन से अधिक पत्रकार भी इस महापर्व में शामिल होने अपने घर आते है.

इस बार एनडीटीवी के रविश कुमार आपने घर पहुंचे है. लंबे अर्से बाद छठ में घर आने की कसक उनके सोशल मीडिया पर दिख रही है. लोगो से मिलना, गांव जवार की बाते, ठेठ देशी अन्दाज में बतियाने वाले रवीश कुमार का मिट्टी से अलग ही जुड़ाव देखने को मिल रहा है.

छठ पर्व के पहले अर्घ्य के दिन उन्हें दउरा उठाने का मौका मिला. लेकिन इसे उठाने के पहले ही उन्हें एक बार फिर अपने को साबित करना पड़ा. इस बात को लेकर रवीश कुमार ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा है कि “छठ में गाँव आया हूँ . घर के लोग मेरी परीक्षा ले रहे थे कि मैं दौरा उठाऊँगा की नहीं. नंगे पाँव चलूँगा कि नहीं. सबको ग़लत साबित कर दिया. कितनी निगाहों और इम्तहानों से मेरी ज़िंदगी गुज़रती है, ख़ुद को उन सबसे मुक्त रखता हूँ लेकिन नंगे पाँव चलकर लोगों की तकलीफ़ को महसूस किया और दौरा उठा कर उस भार को जी लिया जो सबके हिस्से आता है. लोक पर्व में लोक होना पड़ता है. बहुत आनंद आया. आप सभी को छठ की बधाई. मुझे ज़मीन पर रखने के लिए भी शुक्रिया.”.

बेशक इन शब्दों ने बिहार और बिहारियों की कर्मठता, छठ के प्रति आस्था और शारीरिक क्षमता को बल दिया है. वास्तव में यह महापर्व छठ देश के कुछ लोगो के लिए भले ही एक पर्व त्यौहार हो लेकिन इसका महत्व सिर्फ बिहार और बिहारी जान सकते है.

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Chhapra: आस्था के महापर्व छठ पर भी प्रशानिक दावों की पोल खुलती नज़र आ रही है. शहर से लेकर डोरीगंज, मांझी, रिविलगंज के कई नदी घाटों का निरीक्षण कर जिले के आलाधिकारी डीएम और एसपी ने अपने अधीनस्थ पदाधिकारी और कर्मचारियों को घाटों पर इन्तेजाम करने का निर्देश दिया था लेकिन यह निर्देश सिर्फ हवा में दिखता नज़र आ रहा है. थक हारकर लोगो ने खुद बीड़ा उठाया और आख़िरकार छठ घाट की सफाई सफाई और आने जाने के रास्ते तथा लाइट की व्यवस्था में जुट गए.

शहर से सटे बाबा धर्मनाथ मंदिर के दक्षिण नदी घाट, सीढ़ी घाट, साहेबगंज घाट जाने के लिए लोगो ने स्वयं परिश्रम शुरू कर दिया है.

घाट एवं सड़क बनाने एवं साफ सफाई का कार्य करने वाले लोगो का कहना है कि प्रत्येक वर्ष जिला प्रशासन द्वारा घाट का निरीक्षण किया जाता है, कर्मियों को निर्देश दिया जाता है लेकिन आलाधिकारियों के जाते ही वह दिशा निर्देश भी साथ चला जाता है कोई वापस देखने भी नही आता है.

प्रतिवर्ष आसपास के लोग ही आर्थिक और शारीरिक रूप से छठ घाट की साफ सफाई, आने जाने के रास्ते, लाइट, ध्वनि विस्तारक यंत्र की व्यवस्था करते है और छठ व्रतियों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो इसका ध्यान रखते है.

लोगो का कहना है कि पर्व हमारा है और हमे खुद ही व्यवस्था करनी पड़ती है. प्रशासनिक व्यवस्था किसी से छिपी नही है. सिर्फ खानापूर्ति और लूट खसोट कर इसके नाम पर राशि का बंदरबांट होता है.

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Chhapra: जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक के संयुक्तादेश के आलोक में अनुमंडल पदाधिकारी सदर अभिलाषा शर्मा के द्वारा दण्ड प्रक्रिया संहिता की घारा-144 के तहत सम्पूर्ण सदर अनुमडल क्षेत्र में छठ पर्व के प्रारम्भ होने की तिथि से समाप्ति की तिथि तक निरोधात्मक कार्रवाई के रुप में निषेधज्ञा लागू की गयी है.

छठ में इन कार्यो पर लगी है रोक

  • छठ पर्व के अवसर पर
  • घाटों पर अनुष्ठान के दौरान पटाखा की बिक्री एवं प्रयोग पूर्णतः वर्जित रहेगा
  • घाटो पर तैराकी और जल क्रीड़ा बंद रहेगा
  • गंगा, सरयु एवं एवं गंडक सहित अन्य नदियां में सरकारी नाव को छोड़ कर किसी अन्य प्रकार के नाव का परिचालन नहीं होगा
  • डीजे का प्रयोग पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा
  • ध्वनि विस्तारक यंत्र 40 डेसीबल से अधिक आवाज में नहीं बजेगा तथा इस पर अशलील गीत संगीत, जाति, धर्म को आक्रोशित करने वाले गीत नही बजेंगे
  • लाउडस्पीकर बजाना रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक प्रतिबंधित किया गया है
  • अनुमण्डल क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति आग्नेयास्त्र, धारदार हथियार या घातक हथियार का प्रदर्शन नहीं करेंगा
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Chhapra: छठ महापर्व का चार दिवसीय अनुष्ठान 31 अक्टूबर से शुरू हो रहा है. पहले दिन यानी 31 अक्टूबर को व्रती नहाय-खाय के साथ महापर्व छठ के चार दिवसीय अनुष्ठान को शुरू करेगी.

वही 1 नवम्बर को खरना के साथ 36 घंटों का कठिन व्रत शुरू हो जाएगा.

2 नवम्बर को संध्या में अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को व्रती अर्घ्य देगी. जबकि 3 नवम्बर को प्रातः काल में उदयीमान भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के साथ ही महापर्व सम्पन्न हो जाएगा.

तैयारी में जुटे लोग
महापर्व छठ की तैयारी में लोग जुटे है. शहर के बाजारों में पूजा से संबंधित सामानों की खूब बिक्री हो रही है. बाजारों में खरीदारी करने पहुंचने से खूब भीड़ देखी जा रही है.

घाटों की सफाई में जुटे समिति सदस्य
छठ पूजा में साफ सफाई का विशेष ख्याल रखा जाता है. ऐसे में घरों से लेकर छठ पूजा के नदी घाटों, तालाबों की साफ़ सफाई में आम लोग और पूजा समिति युद्ध स्तर पर जुटी हुई है.

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Chhapra: रक्षा बंधन की तरह ही दीपावली के बाद मनाये जाने वाले पर्व ‘भैया दूज’ का भी अपना खास महत्व होता है. भाई-बहन के परस्पर प्रेम और स्नेह का प्रतीक भैया दूज दीपावली के बाद कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपनी भाइयों को रोली और अक्षत से तिलक करके उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करती हैं. इसे भाई बहन के प्यार और त्याग के त्योहार के रूप में मनाया जाता है.

हिंदू पंचांग के अनुसार दीपावली के दूसरे दिन यानी कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया को भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है. यह त्योहार भाई-बहन के अपार प्रेम और समर्पण का प्रतीक है. इस दिन विवाहित महिलाएं अपने भाइयों को घर पर आमंत्रित कर उन्‍हें तिलक लगाकर भोजन कराती हैं. वहीं, एक ही घर में रहने वाले भाई-बहन इस दिन साथ बैठकर खाना खाते हैं. इस त्‍योहार को यम द्वितीया भी कहा जाता है. इस दिन मृत्यु के देवता यम की पूजा का भी विधान है.

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Chhapra: आस्था के महापर्व छठ को देखते हुए जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन एवं पुलिस अघीक्षक हर किशोर राय के द्वारा संयुक्त रूप छठ घाट का निरीक्षण किया गया.

पदाधिकारियों द्वारा छपरा शहर के राजेन्द्र सरोवर एवं सीढ़ी घाट का निरीक्षण किया गया और वहाँ किये गये कार्यों को देखा गया.

इस अवसर पर नगर आयुक्त और अनुमण्डल पदाधिकारी सदर भी उपस्थित थे.

घाटों के निरीक्षण के क्रम में जिलाधिकारी ने कहा कि घाटों की साफ-सफायी पर विशेष घ्यान दिया जाय और प्रकाश की समुचित व्यवस्था करायी जाय. व्यवस्थायें ऐसी बनायी जाय कि किसी छठव्रती को कोई परेशानी नहीं हो. सभी लोग सोहर्दपूर्ण वातावरण में प्रसन्नचित होकर छठ पूजा करें.

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Chhapra: छपरा के विवेकानंद इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल में शनिवार को दिवाली उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस समारोह के दौरान विद्यालय में विभिन्न प्रकार की कलात्मक प्रतियोगिता, रूप सज्जा प्रतियोगिता तथा आकृष्ट रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया.

जिसके अंतर्गत विद्यालय के अधिकांश नन्हे-मुन्ने एवं होनहार छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. सभी विद्यार्थियों ने अपनी प्रस्तुति में कोई कसर नहीं छोड़ी. वहीं रूप सज्जा प्रतियोगिता के प्रतिभागियों ने अपने आकर्षक प्रदर्शनी सभी दर्शकों का मन मोह लिया. वहीं बच्चों द्वारा एक से बढ़कर एक रंगोली बनाकर अपनी अनोखी प्रतिभा का प्रदर्शन किया गया.

इसके अतिरिक्त बच्चों ने अपनी बौद्धिक क्षमता का प्रयोग करते हुए सुंदर एवं कलात्मक बनाकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया. यह देख उपस्थित लोगों की नजर इन सामग्रियों से हटने का नाम नहीं ले रही थी. इसके साथ ही बच्चों ने दीपावली पर्व पर प्रकाश डालते हुए उसके महत्व व उसके मनाने का उद्देश्य तथा आपसी भाईचारे के साथ खुशियां बांटते हुए निबंध वचन किया.

निर्णायक मंडल की ओर से उत्कृष्ट प्रतिभागियों में प्रथम द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले बच्चों को प्रशस्ति पत्र तथा विशिष्ट पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया.

वहीं विद्यालय के निदेशक सह रिवीलगंज प्रखंड प्रमुख डॉ राहुल राज एवं प्राचार्य नीलम सिंह ने समस्त छात्र-छात्राओं को शुभ आशीष प्रदान करते हुए दीपावली की शुभकामनाएं दी तथा उन्होंने कहा कि विद्यालय में शिक्षा और अनुशासन के साथ बच्चों में कलात्मक गुणों का समावेश भी आवश्यक है. इसके जरिए बच्चे अलग एवं अनोखी पहचान बना सकते हैं.

वहीं रिविलगंज प्रखंड प्रमुख सह विद्यालय के निदेशक डॉ राहुल राज ने विद्यालय सदस्यों को शुभकामना देते हुए छपरा शहर के संपूर्ण विद्यालय एवं अन्य छपरा वासियों को दीपावली की शुभकामनाएं दी. उन्होंने इस दीपावली को प्रदूषण रहित एवं स्वच्छता परिपूर्ण बनाने के लिए लोगों की अपील की.

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