मां भगवती दुर्गा की भक्ति कर शक्ति पाने का महाव्रत शारदीय नवरात्र की तैयारी शुरू हो गई है। दुर्गा पूजा को लेकर मंदिरों में प्रतिमा निर्माण शुरू हो गया है।

दुर्गा पूजा को लेकर मूर्तिकार जहां  प्रतिमा निर्माण में जुटे हुए हैं, वहीं तमाम जगहों पर आकर्षक पंडाल बनाए जाने की तैयारी की जा रही है। हर पंडाल को अलग तरीके से सजाने का प्रयास पूजा समितियां कर रहीं हैं । प्रशासन ने भी शांति पूर्वक दुर्गा पूजा मनाया जाने को लेकर तैयारी शुरू कर दी है।

सबसे सुखद संयोग है कि इस साल मां दुर्गा का आगमन और प्रस्थान दोनों हाथी (गज) पर होगा, जिसका फलाफल अत्यंत शुभ है। हाथी पर आगमन के फलाफल में जल वृद्धि और बाढ़ की संभावना है तो प्रस्थान में वर्षा अधिक होगी। शारदीय नवरात्र की शुरुआत 26 सितम्बर को आश्विन माह की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि को होगी। उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में कलश स्थापन के साथ मां भगवती के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा से होगी।

पुरोहितों के अनुसार इस वर्ष शुभ फलाफल लेकर मां भगवती दुर्गा का आगमन हो रहा है। प्रथम दिन कलश स्थापन और माता शैलपुत्री की पूजा अर्चना के साथ शारदीय नवरात्र शुरू होगा। 27 सितम्बर को हस्त नक्षत्र में भगवती के दूसरे स्वरूप ब्रह्मचारिणी की पूजा, 28 सितम्बर को चित्रा नक्षत्र में माता के तृतीय स्वरूप चन्द्रघंटा की पूजा, 29 सितम्बर को स्वाति नक्षत्र में चौथे स्वरूप कूष्माण्डा की पूजा एवं 30 सितम्बर को विशाखा नक्षत्र में पांचवें स्वरूप स्कन्दमाता की पूजा होगी।

एक अक्टूबर को जेष्ठा नक्षत्र में षष्ठ स्वरूप कात्यायनी की पूजा एवं बिल्व आमंत्रण होगा। दो अक्टूबर को मूल नक्षत्र में सप्तम स्वरूप कालरात्री की पूजा एवं दिन में पत्रिका प्रवेश तथा रात में निशा पूजा और जागरण होगा। तीन अक्टूबर को पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा एवं महाअष्टमी व्रत होगा। चार अक्टूबर को उत्तराषाढ़ नक्षत्र में महानवमी व्रत के दिन नवम स्वरूप सिद्धिदात्री की पूजा, हवन, बलिदान एवं महाअष्टमी व्रत का पारण होगा। इसके बाद पांच अक्टूबर को विजयादशमी होगा, इस दिन कलश विसर्जन के बाद जयंती धारण अवश्य करना चाहिए तथा किसी भी कार्य के लिए अभिजीत मुहूर्त होता है।

फिलहाल शारदीय नवरात्र शुरू होने में अभी भले ही 20 दिन शेष है, लेकिन वातावरण दुर्गा पूजामय हो गया है, मंदिरों में जहां प्रतिमाएं बन रही है वहीं बाजार भी सजने लगे हैं।

 

फाइल फोटो 

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भादो मास के छठ पर्व पर अस्ताचलगामी भगवान को अर्घ्य देगे व्रती

Chhapra: भादो माह में चार दिवसीय अनुष्ठान छठ महापर्व के तीसरे दिन यानी शुक्रवार को छठ व्रती आज भगवान अस्ताचलगामी को अर्घ्य देगे.

शुक्रवार को छठ व्रती डुबते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगे तथा शनिवार को उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य दे अपने एवं परिवार जनों के मंगल कामनाओं का आशीर्वाद मांगेगे.

शहर सहित जिले के सभी प्रखंड क्षेत्रों में भदया छठ महापर्व, चार दिवसीय अनुष्ठान को लेकर ग्रामीण बाजार सजा हुआ है, बाजारों में रौनक है वही इस पर्व को लेकर खरीददारी भी की जा रही है.

छठ पर्व पूजा के लिए बाजारों में फल ईख, नारियल, आदि अन्य सामानों की बिक्री देखी जा रही है.

बताते चलें कि चार दिवसीय छठ पर्व व्रतियों ने बुधवार को नहाय-खाय के साथ छठ व्रत शुरू हुआ. गुरुवार को खरना किया गया वही शुक्रवार को डुबते सूर्य को पहला तथा शनिवार को उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर चार दिवसीय अनुष्ठान छठ पर्व का समापन होगा.

भादो मास के इस छठ व्रत को ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिलता है. जहां मन्नतों के पूरा होने पर किया जाता है. महापर्व छठ वर्ष में तीन बार चैत्र, भादो और कार्तिक मास में किया जाता है.

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शुक्रवार का राशिफल – 02 सितम्बर 2022 

शुक्रवार का राशिफल 

युगाब्ध-5124, विक्रम संवत 2079, राष्ट्रीय शक संवत-1944

सूर्योदय 05.56, सूर्यास्त 06.24, ऋतु – वर्षा

भाद्रपद शुक्ल पक्ष षष्ठी, शुक्रवार, 02 सितम्बर 2022 का दिन आपके लिए कैसा रहेगा। आज आपके जीवन में क्या-क्या परिवर्तन हो सकता है, आज आपके सितारे क्या कहते हैं, यह जानने के लिए पढ़ें आज का भविष्यफल।

मेष राशि :- आज का दिन अच्छा रहेगा। कारोबार में आकस्मिक धनलाभ और नौकरी में तरक्की के योग रहेंगे। सभी कार्यों में सफलता मिलेगी और आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। कार्यक्षेत्र में नए योजनाओं पर काम कर सकते हैं, जिससे अधिकारी आपकी प्रशंसा करेंगे। पैसों के लेन-देने में सावधानी बरतें। परिजनों और मित्रों का भरपूर सहयोग मिलेगा। स्टूडेंट्स के लिए समय अच्छा है। वाहन चलाते समय सावधानी रखें। परिवार का माहौल आपके अनुकूल रहेगा। सेहत भी अच्छी रहेगी।

वृषभ राशि :- आज का दिन सामान्य रहेगा। कारोबार अच्छा चलेगा। कार्यभार की अधिकता से परिश्रम अधिक करना पड़ेगा और भागदौड़ भी रहेगी, लेकिन कार्यों में सफलता मिलने से मन प्रसन्न रहेगा। नए लोगों से मुलाकात होगी, जो लाभदायक रहेगी। जमीन-जायदाद और कोर्ट-कचहरी के कामों में सावधानी बरतें और लेन-देन से बचें। सामाजिक कार्यों में भाग लेंगे, जिससे समाज में प्रतिष्ठा बढ़ेगी। परिवार और कामकाज के बीज उलझन महसूस करेंगे। परिजनों से कलह हो सकती है। सेहत का ध्यान रखें।

मिथुन राशि :- आज का दिन मिला-जुला रहेगा। कार्यक्षेत्र में स्थितियां चुनौतीपूर्ण रह सकती हैं। नौकरी-व्यवस्था में उन्नति या वेतन वृद्धि का मामला टल सकता है। काम के प्रति सक्रिय रहें और सावधानी बरतें, क्योंकि अचानक असुविधाजनक स्थिति बन सकती है। परिवार का माहौल आपके अनुकूल रहेगा। दाम्पत्य जीवन भी खुशहाल रहेगा। परिजनों का भरपूर सहयोग मिलेगा। खर्च पर नियंत्रण रखें। प्रॉपर्टी और शेयर बाजार में निवेश फायदेमंद हो सकता है। सेहत अच्छी रहेगी। यात्रा को टालें।

कर्क राशि :- आज का दिन अच्छा रहेगा। व्यापार-धंधे में धन लाभ और नौकरी में तरक्की के योग रहेंगे। सहकर्मियों का अच्छा सहयोग मिलेगा और सभी कार्य सफल रहेंगे। व्यावहारिक मामले आसानी से निपट जाएंगे। कार्यभार की अधिकता से तनाव में रह सकते हैं और थकान का अनुभव करेंगे। बिना सोचे-समझे निवेश करने से बचें। करियर को लेकर कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। परिवार में सुख-शांति रहेगी। वाणी पर संयम बरतें। समाज के कार्यों में भाग लेंगे। सेहत का ध्यान रखें।

सिंह राशि :- आज का दिन मिला-जुला रहेगा। कारोबार अच्छा चलेगा, लेकिन जिम्मेदारियां काम में रुकावट बन सकती हैं। काम की अधिकता से दिनभर भागदौड़ रहेगी। उधार लेन-देन से बचें। प्रॉपर्टी और शेयर बाजार में निवेश फायदेमंद होगा। शारीरिक और मानसिक रूप से थकान का अनुभव कर सकते हैं। पुराने मित्रों से मुलाकात हो सकती है, जो लाभदायक रहेगी। परिवार का माहौल आपके अनुकूल रहेगा। दाम्पत्य जीवन भी खुशहाल रहेगा। अध्यात्म से जुडऩे का मौका मिलेगा।

कन्या राशि :- आज का दिन सामान्य रहेगा। कार्यक्षेत्र में कठिन परिश्रम रहेगा, जिससे कार्यों में सफलता मिलेगी। व्यापार-धंधे में लाभ रहेगा, जिससे आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। नये लोगों से संबंध बनेंगे, जिनसे लाभ होने की संभावना है। अनावश्यक खर्च पर नियंत्रण रखना होगा। क्रोध करने से बचें, अन्यथा विवाद में फंस सकते हैं। सेहत के मामले में सावधानी बरतनी होगी। परिवार का माहौल अच्छा रहेगा। पार्टी या पिकनिक का प्रोग्राम बन सकता है। खान-पान का ध्यान रखें।

तुला राशि :- आज का दिन शुभ फलदायी रहेगी। कारोबार में धनलाभ के योग रहेंगे। नौकरीपेशा लोगों को स्थान परिवर्तन के साथ पदोन्नति का लाभ मिल सकता है, जिससे आय में वृद्धि होगी। कारोबार विस्तार की नई योजनाएं बना सकते हैं। कार्यक्षेत्र में काम की अधिकता रहेगी, लेकिन आर्थिक स्थिति में सुधार होने से सुख-समृद्धि में इजाफा होगा। परिवार का माहौल ठीक रहेगा और परिजनों का भरपूर सहयोग मिलेगा। घर की सजावट पर भारी संख्या पर खर्च हो सकता है।

वृश्चिक राशि :- आज का दिन आपके जीवन में खुशियां लेकर आएगा। कारोबार में अच्छे लाभ की संभावना है। परिश्रम की अधिकता रहेगी, लेकिन कार्य आसानी से निपटेंगे। सरकारी कार्यों में भी सफलता मिलेगी। सामाजिक कार्यों में बढ़-चढकऱ भाग लेंगे, जिससे समाज में सम्मान बढ़ेगा। निवेश के मामले में सावधानी बरतें। विद्यार्थियों को प्रतियोगिताओं में सफलता मिलेगी। अध्ययन और कला से जुड़े लोग सम्मानित होंगे। आर्थिक मामलों में जोखिम लेने से बचें। वाणी पर संयम रखें। सेहत का ध्यान रखें।

धनु राशि :- आज का दिन अच्छा रहेगा। कारोबार अच्छा चलेगा और आर्थिक लाभ की स्थिति रहेगी। सहकर्मियों के साथ-साथ दोस्तों-परिजनों का भी भरपूर सहयोग मिलेगा। धैर्य और सूझबूझ से निर्णय लेने से सभी कार्य सफल होंगे। काम की अधिकता रहेगी। क्रोध पर नियंत्रण एवं वाणी पर संयम रखें, अन्यथा विवाद में फंस सकते हैं। परिवार का माहौल आपके अनुकूल रहेगा, ध्यान रखें कि आपकी बातों से किसी को ठेस न पहुंचे। राजनीति में नए रिश्ते लाभकारी होंगे। सेहत अच्छी रहेगी।

मकर राशि :- आज का दिन शुभ फलदायी रहेगा। कारोबार अच्छा चलेगा। आकस्मिक धनलाभ की संभावना है। नौकरी में स्थान परिवर्तन के योग बन रहे हैं। मित्रों और परिजनों का भरपूर सहयोग मिलेगा। मानसिक शांति रहेगी और परिवार में सुख की प्राप्ति होगी। व्यावसायिक यात्रा फायदेमंद रहेगी। जीवन में सार्थकता की तलाश में योग, अध्यात्म और धार्मिक गतिविधियों को समय दे सकते हैं। परिवार में कोई धार्मिक या मांगलिक आयोजन हो सकता है। खान-पान का ध्यान रखें।

कुम्भ राशि :- आज का दिन सामान्य रहेगा। व्यापार में लाभ मिलेगा और आय में वृद्धि के योग रहेंगे। रुका हुआ धन भी मिल सकता है। नए कार्यों में शीघ्रता से बचें। अनावश्यक खर्च बढऩे की संभावना रहेगी। कारोबार और परिवार में सामंजस्य स्थापित होगा। बाहर जाने की योजना टल सकती है। मनोरंजन पर जरूरत से ज्यादा खर्च करने से बचें। पारिवारिक जीवन में सुख-संतोष की भावना अनुभव करेंगे। पारिवारिक जिम्मेदारियां बखूबी से निभाएंगे। सेहत का ध्यान रखना होगा।

मीन राशि :- आज का दिन मिला-जुला रहेगा। कार्यक्षेत्र में छोटी-छोटी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, काम की अधिकता रहेगी, लेकिन कठिन परिश्रम से कार्यों में सफलता प्राप्त करेंगे। थकान के कारण स्फूर्ति का अभाव रहेगा। क्रोध पर नियंत्रण एवं वाणी पर संयम रखें, अन्यथा बेवजह विवाद हो सकता है। विदेश यात्रा के अवसर मिलेंगे। कार्यों में सफलता से धनलाभ की स्थिति रहेगी। परिवार का माहौल अच्छा रहेगा। सेहत भी अच्छी रहेगी।

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गणेश चतुर्थी पर देशवासियों को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि भगवान श्रीगणेश की कृपा हम पर सदैव बनी रहे। देशभर में गणेश चतुर्थी की धूम है। लोग अपने घरों में गणपति बप्पा की स्थापनाकर पूजा-अर्चना शुरू करेंगे। देशभर के विभिन्न मंदिरो में सुबह से ही बप्पा की पूजा-अर्चना करने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी है। बप्पा के पंडाल बनाए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।

गणेश चतुर्थी के अवसर पर मुंबई के प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर में पहली आरती की गई। सिद्धिविनायक के अलावा मुंबई के लालबागचा राजा पंडाल से गणेश चतुर्थी के समारोह में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी।

रायपुर में मूर्तिकारों ने विशेष वस्तुओं का उपयोग कर गणेशजी की मूर्ति बनाई है। यह मूर्ति लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। कोच्चि में आज से 10 दिवसीय ओणम उत्सव की शुरुआत हुई है। नागपुर के टेकड़ी में स्थित गणेश मंदिर में गणेश भगवान की पूजा की गई है। गणेशोत्सव का समापन अनंत चतुर्दशी को होगा।

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अखंड सुहाग की कामना के लिए रखा जाने वाला व्रत तीज एवं चंद्रमा की पूजा का पर्व चौठ चंद्र सोमवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया।

मंगलवार को तीज व्रती निर्जला रहकर बुधवार को पारण करेगी, जबकि चौठ चंद्र करने वाले व्रती मंगलवार की शाम में चंद्रमा का उदय होने के बाद पूजा अर्चना कर व्रत का समापन करेंगी।

आचार्य अविनाश शास्त्री ने बताया कि भारतीय सभ्यता संस्कृति में विवाह सबसे उत्तम एवं पवित्र संस्कार माना गया है। महिलाओं के लिए सौभाग्यवती होना पूर्व जन्म के अर्जित पुण्य का प्रभाव माना जाता है, इसलिए महिलाएं अपने सुहाग की रक्षा के लिए विभिन्न प्रकार का व्रत करती हैं।

मंगलवार को प्रातः वेला में सूर्योदय से दोपहर 2:40 बजे तक शुभ मुहूर्त है। तीज व्रत उदय कालिक तृतीया तिथि में किया जाता है एवं चतुर्थी चंद्र पूजन चंद्रमा के उदयकाल में किया जाता है। प्रातः दिलासे अपने पति के दीर्घायु होने की कामना के लिए महिलाओं द्वारा पूजा पाठ शुरू कर दिया जाएगा। जबकि दोपहर में 2:40 के बाद चतुर्थी तिथि का प्रवेश हो जाएगा। इसलिए शाम में 6:20 सूर्यास्त होने के बाद जब चंद्रमा का उदय होगा तो उस समय चंद्र पूजन किया जाएगा।

तीज के संबंध में कथा है कि पर्वतराज हिमालय की पुत्री गिरिजा अर्थात पार्वती ने सबसे पहले तीज व्रत किया था। कहा जाता है कि पर्वतराज हिमालय की पुत्री जब विवाह के योग्य हुई तो पर्वतराज चिंतित हो गए तथा योग्य वर की तलाश में जुट गए। ऐसे में ही एक समय नारद मुनि भगवान विष्णु के विवाह प्रस्ताव लेकर पर्वतराज हिमालय के पास पहुंचे तो हिमालय तुरंत तैयार हो गए। लेकिन उनकी पुत्री गिरिजा उर्फ पार्वती शिव से विवाह करना चाहते थे। जिसमें पिता के राजी नहीं होने पर गिरिजा वन चली गई तथा अपने आत्मीय वर शिव की बालू एवं मिट्टी से प्रतिमा बनाकर पूजन करते हुए निर्जला रहकर नदी तट पर पूरी रात जगी रही।

गिरिजा द्वारा किए जा रहे आराधना से शिव का आसन डोला और उन्होंने आकर पूछा कि देवी तुम क्या चाहती हो, बताओ वह पूरा होगा। शिव के काफी पूछे जाने पर गिरिजा ने कहा कि अगर आप मुझ पर प्रसन्न हैं तो अपनी पत्नी होने का वरदान चाहिए और मजबूर होकर वरदान देते हुए शिव अंतर्ध्यान हो गए। इधर, पर्वतराज हिमालय अपनी पुत्री को खोजते हुए नदी किनारे पहुंचे तो पुत्री को शिव की उपासना करते पुत्री को देखकर पूरी जानकारी ली तथा पुत्री की इच्छा को ही सर्वमान्य बताया।

कहा जाता है कि जिस दिन पार्वती ने घर छोड़कर नदी किनारे बालू एवं मिट्टी से शिव की प्रतिमा बनाकर निराहार रह पूजन किया, वह भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि में हस्त नक्षत्र था। यह मुहूर्त अखंड सौभाग्य को देने वाला योग है, जो सौभाग्यवती स्त्री यह व्रत करती है वह आजीवन अखंड सौभाग्यवती रहती है। उसी दिन से तीज व्रत और पूजन की परंपरा चली आ रही है। इस व्रत से धन, धान्य, सुख, समृद्धि और चिरंजीवी पति एवं पुत्र मिलते हैं।

 

इनपुट एजेंसी

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Isuapur: प्रखंड क्षेत्र के मुख्य बाजार में दो वर्षो बाद शुक्रवार को महावीरी झंडा मेला का आयोजन किया जाएगा. मेला के आयोजन को लेकर अब तैयारियां अंतिम चरण में है.

महावीरी झंडा मेला को लेकर छपरा मशरक मुख्य मार्ग पर डटरा से लेकर चहपुरा तक सड़क के दोनो ओर महावीर के झंडे लहरा रहे है. ग्रामीण रोड पर भी लोगों द्वारा इस बार झंडा लगाया गया है. जो आने जाने वाले लोगो को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है.

महावीरी झंडा मेला को लेकर मुख्य मंदिर इसुआपुर के साथ साथ पुरसौली, आतानगर, अचितपूर, सहवा, मुड़वा, सढ़वारा में तैयारिया जोरों पर है. उधर मुख्य बाजार में इन गांव के स्टेज भी बन चुके है साथ ही उसे सजाने की तैयारिया भी अंतिम चरण में है.

मेला के अवसर पर मुख्य बाजार क्षेत्र में झूले भी लगे है जहां बच्चें आकर अपने मनपसंद झूले के आनंद ले सकेगे.

इस अवसर पर जलेबी और सौंदर्य की दुकानें भी सजने लगी है. दो वर्षो बाद लगने वाले इस मेले को लेकर युवाओं में उत्साह देखा जा रहा है. हर तरफ जय श्री राम के झंडे लगे हुए है.

महावीरी झंडा मेला को लेकर प्रखंड क्षेत्र के लगभग सभी पंचायतों में स्थित हनुमान मंदिर पर रामचरित मानस का पाठ प्रारंभ है.जिससे पूरा माहौल भक्तिमय हो गया है.

बताते चले कि इसुआपुर में प्रत्येक वर्ष भादो मास में महावीरी झंडा मेला का आयोजन किया जाता है. विगत दो वर्षो से कोरोना के कारण यह मेला नही लग पाया था. मेले में प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न पंचायत एवं गांव द्वारा ऑर्केस्ट्रा का स्टेज बनता है जिसपर पूरी रात नृत्य संगीत का प्रोग्राम होता है. इसके पूर्व संध्या समय में सभी गांव से महावीरी झंडा मुख्य बाजार पहुंचता है.

हाथी, घोड़ा और डीजे के गाजे बाजे के साथ आखाड़ा और खिलाड़ी अपने करतब को दिखाते हुए पहुंचते है. लोगों द्वारा भी उनके करतब को देखने के बाद पूरी रात मेले का आनंद लिया जाता है. मेले को देखने के लिए आसपास के प्रखंडों के साथ साथ जिला मुख्यालय से भी हजारों लोग इस मेले का आनंद उठाने के लिए आते है.

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धूमधाम से होगा रावण वध विजयदशमी समारोह समिति बैठक में हुआ निर्णय

सर्वसमत्ति से युवा समाजसेवी राजेश फैशन बने महामंत्री

भव्य और विशाल रावण का होगा निर्माण

Chhapra: विजयदशमी समारोह समिति की आवश्यक बैठक विजयदशमी समारोह समिति के अध्यक्ष सलीम परवेज के निवास स्थान पर आहूत की गई. बैठक मे निर्णय लिया गया कि विजयादशमी समारोह समिति की आम सभा की बैठक अगले महीने की 4 सितंबर 2022 को जन्नत विवाह में संध्या 5:00 बजे होगी. साथ ही विजयदशमी समिति के महामंत्री विभूति नारायण शर्मा के शारीरिक अस्वस्था के कारण समिति से अपना कार्यभार युवा समाजसेवी राजेश फैशन को देने का निर्णय लिया गया. जिसपर सर्वसम्मति से उन्होंने यह पदभार सौप दिया गया.

इस संस्था के अध्यक्ष पूर्व उपसभापति विधानपरिषद् सलीम परवेज ने कहा कि विजयादशमी समारोह पर इस बार रावण पहले से भी बड़ा और बेहतर आतिशबाजी का आनंद शहरवासी उठा पाएंगे.

नए महामंत्री राजेश फैशन ने बताया कि इस बार का विजयदशमी समारोह रावण वध 5 अक्टूबर को राजेंद्र स्टेडियम में बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा. क्योंकि 2 साल कोरोना के चलते यह आयोजन नहीं हो पा रहा था. इसलिए इस बार का आयोजन बड़े अच्छे तरीके से मनाया जाएगा.

इस दौरान इस बैठक में विभूति नाथ शर्मा, कन्हैया सिंह, ददन राज गिरी, मनोज श्रीवास्तव, राजेश फैशन, संजय सिंह, सुनील सिंह, रमेश कुशवाहा समेत अन्य उपस्थित थे.

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हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की से गूंजी जन्मस्थली
मथुरा: जन-जन के आराध्य श्रीकृष्ण कन्हैया ने भादो की अंधेरी रात घर घर अवतरित हुए हैं। श्रीकृष्ण जन्मस्थान के भागवत भवन में जैसे ही 12 बजे हर तरफ बधाई गूंजने के साथ घंटे-घड़ियाल और शंखनाद की ध्वनि की गूंज के साथ लीलाधर का प्राकट्य हुआ। भगवान के जयकारे लगने लगे। हाथी-घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की। नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की। हर तरफ जश्न का माहौल था। श्रीकृष्ण जन्मस्थान में देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु अपने कान्हा के जन्म के साक्षी बने। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर लाखों भक्त इन पलों में ठाकुरजी के दर्शन कर भावविभोर हो गए।

शुक्रवार को लीलाधर भगवान श्रीकृष्ण का 5249वां जन्मोत्सव कान्हा की नगरी में धूमधाम से मनाया गया। सुबह से ही पूरे ब्रज में कान्हा के जन्म का उत्साह देखा गया। श्रीकृष्ण जन्मभूमि में पुष्पांजलि कार्यक्रम की शुरुआत कार्ष्णिक गुरूशरणानंद महाराज एवं केबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण ने ठाकुरजी की आरती कर की। शुक्रवार शाम जन्मभूमि के भागवत भवन पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ठाकुरजी की आरती एवं विशेष पूजा-अर्चना की। इसके बाद भागवत भवन में युगल सरकार जब रेशम, जरी, लता-पताओं से सजी श्रीहरिकांता पोशाक पहन इठलाए, तो श्रद्धालु छवि निहार धन्य हो गए। जैसे-जैसे रात गहराती रही, उल्लास चरम की ओर बढ़ता गया। पूरे परिसर में सुगंधित द्रव्य का छिड़काव हुआ। रात 11 बजे भगवान श्री गणेश, नवगृह पूजन और सहस्त्रवाचन के साथ ही लाला के जन्म की तैयारियां तेज हो गईं।

श्रीराम जन्मभूमि निर्माण न्यास और श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास और कार्ष्णिक गुरुशरणानंद महाराज ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने 12 बजे की ओर इशारा किया, तो कन्हाई के चलित विग्रह को मोरछल आसन पर भागवत भवन लाया गया। रजत कमल पुष्प पर विराजे ठाकुर जी का स्वर्ण मंडित रजत से निर्मित गाय ने दुग्धाभिषेक किया। लाखों की भीड़ इस अद्भुत पल की साक्षी बनी, तो खुशियों की थाह नहीं रही।

इधर, कान्हा ने जन्म लिया और उधर, पूरे ब्रज ने घरों से शंखनाद और घंटा बजाकर उनका जोरदार स्वागत किया। रात डेढ़ बजे तक लाला के दर्शन को पट खुले रहेंगे।

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रोटरी सारण और संस्कार भारती के संयुक्त तत्वाधान में श्रीकृष्ण रूप सज्जा प्रतियोगिता का आयोजन

कार्यक्रम से बच्चों में सांस्कृतिक विरासत संजोए रखने की कोशिश

झांकियों से बच्चों ने भगवान कृष्ण के विभिन्न रूपों को जाना

छपरा: श्री कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर स्थानीय जन्नत विवाह भवन में रोटरी सारण और संस्कार भारती के संयुक्त तत्वाधान में श्री कृष्ण रूप सज्जा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया.

रूप सज्जा प्रतियोगिता का उद्घाटन संस्कार भारती के प्रदेश उपाध्यक्ष राम प्रकाश मिश्रा, उत्तर बिहार के प्रांत महामंत्री सुरभित दत्त, कार्यक्रम के संयोजक राजेश फैशन, संस्कार भारती के संयोजक राजेश मिश्रा, रोटरी सारण के अध्यक्ष सोहन गुप्ता, सचिव दिनेश गुप्ता सहित अन्य उपस्थित गणमान्य लोगों ने दीप प्रज्वलित कर किया.

रूप सज्जा प्रतियोगिता दो वर्गों में आयोजित की गई है जिसमें वर्ग 1 से 5 एवं 6 से 10 वर्ग के बच्चे बच्चे शामिल हुए.

रूप सज्जा प्रतियोगिता में श्री कृष्ण और राधा के रूप में दर्जनों बच्चे और बच्चियां ने भाग लेकर इस कार्यक्रम को साहित्यिक बना दिया. दर्जनों की संख्या में छोटे छोटे बच्चे बाल गोपाल के रूप में मनमोहक और आकर्षक रूप में सजधज कर भगवान श्रीकृष्ण की अनुभूति दे रहे थे. कार्यक्रम में मानो धरती पर स्वयं श्रीकृष्ण पधारे हो. इस दौरान राधा के रूप में भी सैकड़ों बच्चियां सजधज कर रूप सज्जा प्रतियोगिता में शामिल हुई.

कार्यक्रम के दौरान भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े जीवन चरित्र की झांकी प्रस्तुत की गई जिसे उपस्थित लोगों ने खूब सराहा और जमकर तालियां बजाईं.

प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल के रूप में मेंहदी शॉ, अवध किशोर मिश्र एवं कन्हैया सिंह शामिल थे.

कार्यक्रम के संयोजक राजेश फैशन ने बताया कि श्री कृष्ण रूप सज्जा प्रतियोगिता का आयोजन कर सांस्कृतिक विरासत को बचाने की कोशिश की जा रही है.

वही सुरभित दत्त ने बताया कि संस्कार भारती का उद्देश्य सांस्कृतिक विरासत को संजोए रखना है. इस कार्यक्रम के आयोजन से बच्चो में अपनी देश के सनातन और संस्कृति को समझने का मौका मिलता है. साथ ही उन्हें श्रीकृष्ण के झांकियों से उनके जीवन को समझने का उनकी बाल लीलाओं अनछुए दृश्यों को भी जानने का मौका मिला है.

वही सभी अभिभावक अपने बच्चों में श्री कृष्ण एवं श्री राम की रूप को देखते हैं. इस तरह के आयोजन से भगवान श्री कृष्ण के जीवन को जानने का मौका मिलता है. साथ ही साथ इससे सांस्कृतिक विरासत को भी बनाए रखने में सहायता मिलती है.

श्री कृष्ण रूप सज्जा प्रतियोगिता में निर्णायकों द्वारा सीनियर वर्ग में प्रथम स्थान गुनगुन जयसवाल, द्वितीय रवि कुमार एवं तृतीय स्थान कृतिका कुमारी ने हासिल किया.

इस मौके पर संस्कार भारती के सदस्य धनंजय कुमार गोलू, संतोष कुमार, सुधाकर कश्यप, रोटरी सारण अध्यक्ष सोहन कुमार गुप्ता, सचिव दिनेश कुमार, सयोंजक राजेश फैशन, सह संयोजक पंकज कुमार, पूर्व अध्यक्ष सुनील सिंह, राजेश जयसवाल, श्याम बिहारी अग्रवाल, चंद्रकांत द्विवेदी, प्रदीप कुमार, मनोज गुप्ता, बासुकी गुप्ता सहित कई सदस्य शामिल थे.

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सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय में श्रीकृष्ण रूप सज्जा प्रतियोगिता आयोजित

Chhapra: सरस्वती शिशु विद्या मंदिर दर्शन नगर छपरा में श्री राधा कृष्ण रूप सज्जा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया.

श्री कृष्णा जन्माष्टमी के पूर्व संध्या पर आयोजित इस कार्यक्रम का प्रारंभ सिवान विभाग निरीक्षक राजेश कुमार रंजन एवम् विद्यालय के प्रधानाचार्य आशुतोष कुमार दास द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया.

प्रधानाचार्य आशुतोष कुमार दास ने छोटे छोटे छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि ये नन्हे-मुन्ने बच्चे श्री कृष्णा और श्री राधिका के रूप में अपने आप को प्रकट किए हैं. वास्तव में ये भगवान के रूप हैं. इससे समाज में भगवान की छवि के साथ-साथ उनके संदेशों का प्रवाह होता है.

ताकि हम सनातनी अपने कर्म के प्रति सजग रहकर अपने धर्म की रक्षा कर सके. विभाग निरीक्षक राजेश कुमार रंजन ने श्री कृष्ण राधा रूप सज्जा प्रतियोगिता में सम्मिलित सभी भाइयों बहनों का निरीक्षण करते हुए कहा कि यह भैया बहन वास्तव में भगवान के छवि के रूप में प्रकट हुए हैं.

इन्हें प्रोत्साहित करते हुए इनके छवियों के गुणों का वर्णन किया. श्री कृष्णा राधिका रूप सज्जा प्रतियोगिता का संयोजक आचार्य सचिंद्र उपाध्याय एवं टुंपा सिंह थे.

इस प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में आचार्य अनिल कुमार आजाद, टुंपा सिंह एवं नीलू सिंह थे. जिनके द्वारा श्री राधा रूप सज्जा प्रतियोगिता में प्रथम स्थान गुणगुण, द्वितीय स्थान रिया, तृतीय स्थान तान्या एवम् श्री कृष्ण रूप सज्जा प्रतियोगिता में प्रथम स्थान आदित्य द्वितीय स्थान विराट और तृतीय स्थान मान्या प्रकाश का चयन किया गया. इस कार्यक्रम के अवसर पर विद्यालय के सभी आचार्य बंधु भगिनी उपस्थित थे.

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दो वर्ष बाद इसुआपुर में निकला ताजिया जुलूस ब्रह्मोस की दिखी झलक

इसुआपुर: दो वर्षो के बाद उल्लास के साथ इसुआपुर में ताजिया जुलूस निकाला गया. मुहर्रम के अवसर पर निकाली जाने वाली यह जुलूस मंगलवार को इसुआपुर और विशुनपुरा से निकलकर इसुआपुर बाजार पहुंची. जहां हजारों के तादाद में उपस्थित लोगों ने अखाड़ा दिखाया वही लाठी डंडे तलवार के करतब दिखाए.

दो वर्षो बाद जोश के साथ निकली इस ताजिया जुलूस में इस बार इसुआपुर अखाड़ा द्वारा ब्रह्मोस की झलक दिखाई गई.

सैकड़ों की संख्या में ढोल और उसपर शामिल लोग करतब दिखाते नजर आए. इसुआपुर और विशुनपुरा का ताजिया बाजार होते हुए अपने गंतव्य तक गया.

मुहर्रम के अवसर पर इसुआपुर में बड़े मेले का आयोजन होता है. शाम के समय इसुआपुर के आसपास के दर्जनों ताजिया जुलूस आपने अपने अखाड़े के साथ मुख्य बाजार पहुंचेंगे. जहां अखाड़ा खिलाड़ियों द्वारा करतब दिखाया जायेगा.

वही इस अवसर पर लगे मेले में बैलून, खिलौने, जलेबी सहित अन्य सामानों की बिक्री जोरों पर है जो देर रात तक चलेगी.

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मोतिहारी: सावन के अंतिम सोमवारी व एकादशी को बिहार के प्रसिद्ध मनोकामना पूरक पंचमुखी बाबा सोमेश्वरनाथ महादेव मंदिर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी।

रविवार देर रात्रि से ही यहां पहुंचे लोगो के शिव जयकारे से पूरा अरेराज गुंजयमान हो रहा है।नेपाल,यूपी के साथ बिहार के कई जिलों से पहुंचे श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रबंधन व प्रशासन ने रात्रि डेढ़ बजे प्रथम पूजा के बाद भक्तों के जलाभिषेक के लिए पट को खोल दिया गया।

पट खुलने के सूचना के साथ ही हर हर महादेव,बोल बम, ॐ नमः शिवाय के जयघोष से पूरा शिवनगरी गुंजयमान हो गया।बताते चले कि श्रद्धालुओं के सुरक्षा के लिए प्रशासन द्धारा चाक चौबंद व्यवस्था किया गया है।

कतारबद्ध होकर जलाभिषेक करने के लिए मंदिर प्रबंधन ने महिला पुरुष के लिए अलग-अलग प्रवेश द्वार व अर्घा लगाया है।साथ ही देर रात्रि से ही तीन किलोमीटर तक भक्तों की कतार लगाया गया है।

मंदिर परिसर के साथ पूरे मेला परिक्षेत्र मे एसडीओ संजीव कुमार, डीएसपी रंजन कुमार, सीओ पवन झा, इंस्पेक्टर उपेंद्र कुमार,ओपी प्रभारी कंचन भास्कर सहित 50 पुलिस पदाधिकारी, 200 सुरक्षाबल, 60 एनसीसी कैडेट व सौ दंडाधिकारी के अलावा बजरंग दल,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सहित अन्य संस्थाओ द्धारा सुरक्षा के साथ श्रद्धालुओ के सुविधा ध्यान रखा जा रहा है।

सोमेश्वरनाथ पीठ के पीठाधीश्वर महंत रविशंकर गिरी ने बताया कि सोमेश्वरनाथ महादेव मंदिर को मनोकामना पूरक मंदिर कहा जाता है। इस मंदिर में ऐसे तो प्रतिदिन भीड़ होती है। लेकिन सावन के महीने में खासकर सोमवार व शुक्रवार को लोगो की भीड़ काफी होती है।

उन्होंने बताया कि आज अंतिम सोमवार के साथ एकादशी तिथि भी ऐसे मे अनुमान है कि आज दो लाख से अधिक श्रद्धालु यहां पहुंचेगे।उन्होने बताया कि मंदिर प्रबंधन यहां आने वाले सभी भक्तो पर पुष्प वर्षा करने की विशेष व्यवस्था की है।

दूसरी ओर विश्व प्रसिद्ध बौद्ध स्तुप केसरिया के समीप स्थित प्राचीन केसरनाथ मंदिर मे भी पवित्र गंडक नदी से जल लेकर हजारो श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया।यहां भी सुरक्षा को लेकर व्यापक तैयारी की गई है।यहां भी देर रात से ही दूर दराज से श्रद्धालु बाबा केशर नाथ को जलाभिषेक करने पहुंच रहे है।इसके साथ ही अंतिम सोमवारी को लेकर जिले भर के पराम्बा शक्तिपीठ,चाती माई स्थान,नरसिंह बाबा मंदिर,पंचमंदिर अजगरी के हरेश्वरनाथ मंदिर सहित लगभग सभी शिवालयों में शिव भक्तों की भीड़ देखने को मिली। लोगों में बाबा के प्रति श्रद्धा और उल्लास देखते ही बन रहा था। सावन के इस पावन महीने में बाबा भोले की पूजा कर लोग धन्य हो रहे है।

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