Chhapra: सांढा ढाला के पास सेंट्रल बैंक के एटीएम में चोरों ने चोरी को नजायां दिया है. मिली जानकारी के अनुसार चोरों ने एटीएम से 8 लाख से अधिक की चोरी की है। इसके लिए एटीएम को तोड़ दिया गया है.  घटना की सूचना के बाद बैंक के अधिकारी और पुलिस मौके पर पहुंची और पड़ताल शुरू हुई.

सहायक ब्रांच मैनेजर विकास कुमार ने बताया कि चोर पैसे के साथ सीसीटीवी की डिवीआर भी ले गए हैं। पुलिस मौके पर पहुँच गई है और जांच कर रही है।   

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Chhapra: सोमवार की देर रात्रि जिला पदाधिकारी राजेश मीणा के द्वारा सदर अस्पताल छपरा का औचक निरीक्षण किया गया।

निरीक्षण के क्रम में जिला पदाधिकारी के द्वारा अस्पताल के साफ सफाई के लिए की जा रही व्यवस्था से असंतोष जाहिर करते हुए अस्पताल प्रबंधक से स्पष्टीकरण की मांग करने के साथ एक दिन का वेतन स्थगित करने का आदेश दिया। साथ ही व्यवस्था में तत्काल सुधार लाने का निर्देश भी दिया।

इस दौरान अपने कर्तव्य स्थल पर उपस्थित दो चिकित्सकों के यूनिफॉर्म में नहीं रहने के कारण तथा ड्यूटी रोस्टर संधारित नहीं करने के कारण उनका एक दिन का वेतन स्थगित करने के साथ स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश दिया गया।

इस दौरान जिला पदाधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार के द्वारा आम जनों को उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु सभी आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। इस क्रम में लापरवाही बरतने वाले चिकित्सक एवं अस्पताल प्रबंधन पर सख्त अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।

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• 31 दिसंबर को कालाजार मुक्त घोषित होगा सारण जिला
• कालाजार के मरीजों को एचआईवी जांच कराना जरूरी
• डब्ल्यूएचओ के सहयोग से एक दिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजन

Chhapra: कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम की सफलता में सामुदायिक स्तर पर कार्य करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों की भूमिका बहुत कारगर है। सामाजिक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाकर कालाजार सहित वेक्टर बॉर्न अन्य डिजीज के प्रति ग्रामीणों के बीच जागरूकता लाना जरूरी है। उक्त बातें सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने शहर के एक निजी होटल में आयोजित कार्यशाला के दौरान कही। सिविल सर्जन ने कहा कि हमने कालाजार बिमारी को शुरूआती दौर से देखा है। आज गौरव की बात है कि इसका उन्मूलन किया जा रहा है। उन्होने कहा कि कालाजार उन्मूलन को सफल बनाने के लिए के आशा के द्वारा जागरूक करते रहना चाहिए। सिविल सर्जन ने कहा कि 31 दिसंबर तक सारण जिले को कालाजार से मुक्त घोषित किया जायेगा। कालाजार उन्मूलन में सभी की सहभागिता महत्वपूर्ण रही है। कार्यशाला में जिले के सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों और मेडिकल ऑफिसर तथा एएनएम और जीएनएम को विश्व स्वास्थ्य संगठन के जोनल कोर्डिनेटर डॉ. माधुरी के द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें कालाजार मरीजों की पहचान, उपचार तथा जांच के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी। इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा, एसीएमओ डॉ. एचसी प्रसाद, डीएस डॉ. एसडी सिंह, डीआईओ डॉ. चंदेश्वर सिंह, डीएमओ डॉ. दिलीप कुमार सिंह, डब्ल्यूएचओ के राज्य समन्वयक डॉ. राजेश पांडेय, क्षेत्रीय समन्वयक डॉ. माधुरी देवाराजू व केयर इंडिया, पीसीआई, सीफार के जिला प्रतिनिधि मौजूद थे।

कालाजार बीमारी के उपचार में व्यक्तिगत एवं सामुदायिक भागीदारी महत्वपूर्ण

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने कहा कि कालाजार (काला-अजार) एक प्रकार से सामुदायिक स्तर की समस्या है और इसके उपचार में व्यक्तिगत और सामुदायिक भागीदारी की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यही है कि समुदाय के बीच कार्य करने वाले स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं स्वास्थ्य कर्मी सामुदायिक स्तर पर ग्रामीणों को कालाजार बीमारी के लक्षण, उससे बचने के उपाय के साथ ही सावधानी बरतने के लिए जागरूकता अभियान चलाएंगे। बरसात के दिनों में कुछ सावधानी बरतकर कालाजार जैसी बीमारी से बचाव किया जा सकता है। क्षेत्र में छिड़काव के लिए जाने वाली टीम का सहयोग कर प्रत्येक घर में छिड़काव कराने के लिए प्रेरित करें। उन्होने बताया कि कालाजार वीएल के मरीजों को एचआईवी की जांच कराना आवश्यक है। जिले में फिलहाल चार ऐसे मरीज है जो एचआईवी से पीड़ित है। उनका उपचार चल रहा है।

कालाजार को जड़ से मिटाने के लिए हम सभी को निष्ठावान बनकर कार्य करने की आवश्यकता

डब्ल्यूएचओ के मुजफ्फरपुर के क्षेत्रीय समन्वयक डॉ माधुरी देवाराजू ने कहा कि कालाजार रोग की जांच एवं उपचार को लेकर जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। कालाजार उन्मूलन के तहत शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा राज्य स्तर पर विशेष रूप से सघन कार्य योजना- 2022 बनाया गया है। इसके तहत स्थानीय ज़िले के चिकित्सा पदाधिकारियों, जीएनएम एवं एएनएम को प्रशिक्षित किया जा रहा है। कालाजार को जड़ से मिटाने के लिए हम सभी को निष्ठावान बनकर कार्य करने के आवश्यकता है। जिले के सभी प्रखंडो में उन्मूलन का लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। एक मात्र प्रखंड इसुआपुर शेष था वहाँ भी उन्मूलन का लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि स्वास्थय कर्मियों द्वारा लोगों को मच्छरदानी का नियमित उपयोग करने एवं अपने घर के आसपास गड्ढों या नालों में बरसात या चापाकल के पानी को निकासी करने के लिए जागरूक करें ताकि बालू मक्खी की संख्या नहीं बढ़े।

मरीजों की सर्विलांस जरूरी:
डब्ल्यूएचओ के राज्य प्रतिनिधि डॉ. राजेश पांडेय ने कहा कि कालाजार के मरीजों की सर्विलांस जरूरी है। कालाजार के मरीज है और ठीक होने के छह माह बाद भी उसकी मौत होती है तो इसकी जांच करना आवश्यक है कि आखिर किस कारण से उसकी मृत्यु हुई है।

कालाजार के मुख्य लक्षण:
• दो या दो सप्ताह से अधिक दिनों तक बुख़ार लगना।
• वजन कम होना।
• पैर, पेट, चेहरे और हाथ की त्वचा का रंग हल्का हो जाना।
• इस बीमारी में भूख न लगना, पीलापन और वजन घटने के कारण कमज़ोरी आती हैं।
• खून की कमी।
• अक्सर तिल्ली और क़भी-क़भी लीवर बढ़ जाने के कारण पेट फूल जाता हैं।
• अगर समय रहते इसका इलाज़ नहीं किया गया तो मरीज की जान जा सकती है। कालाजार को अक्सर लोग मलेरिया, टायफाइड या तपेदिक समझने की भूल कर बैठते हैं।

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22 वर्षों बाद छपरा में हो रहा आयोजित
राज्य भर से 2000 से अधिक छात्र-छात्रा होंगे शामिल।

Chhapra: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद बिहार के 64 वाँ प्रांतीय अधिवेशन की तैयारी जोरो पर है। परिषद के कार्यकर्ता अधिवेशन को भव्य रूप देने में जुटे हैं। इसी को लेकर अभाविप बिहार के प्रांतीय अधिवेशन की तैयारी को लेकर रविवार को हुई बैठक। 5 जनवरी से प्रस्तावित यह तीन दिवसीय अधिवेशन शहर स्थित रामजयपाल महाविद्यालय में होगा। इसके निमित्त कार्यकर्ताओं को सम्भाग सह जिम्मेदारी दी गई है। पूरी व्यवस्था को 16 प्रकार से विभाजित किया गया। (1)- स्वागत संभाग प्रमुख -अंकित सिंह संयोजक-अवधेश कुमार स्वागत विभाग प्रमुख- सचिन चौरसिया,सुरक्षा विभाग प्रमुख- नीरज यादव,वाहन विभाग प्रमुख-अमर पाण्डेय (2) आवास संभाग प्रमुख-प्रशांत सिंह,संयोजक-चरण दास,आवास-1 संभाग प्रमुख-: प्रकाश बादल, आवास-2-रोहित कुमार आवास-3-अनुकृति,मनीषा,श्रेया, खुशी,सुमन आवास-4-गोविंद कुमार (3) भोजन संभाग- प्रमुख-अभिषेक शर्मा, संभाग सहसंयोजक-धर्मेंद्र सिंह,

भोजन निर्माण विभाग-युवराज सिंह,आपूर्ति विभाग-अनमोल पाण्डेय, परिवेषण विभाग-मनीष कुमार,राकेश कुमार, स्वच्छता विभाग-सुबोध शर्मा,पेयजल विभाग-कुलदीप कुमार,अतिथि विभाग राहुल राय, (4) निर्माण संभाग प्रमुख-राजन कुमार संभाग संयोजक-सन्तोष श्रीवास्तव, (5) कार्यालय1 संभाग प्रमुख-गुलशन कुमार,कार्यालय संभाग सह संयोजक-राजीव तिवारी, कार्यालय-2 संभाग प्रमुख-प्रतीक कुमार सह संयोजक-गोलू कुमार (6) प्रेस मीडिया- संभाग प्रमुख सुरभित दत्त (7)- अतिथि संभाग प्रमुख-रजनीकांत सिंह,संभाग सह संयोजक-रंजन यादव (8) -प्रचार-प्रसार संभाग प्रमुख-रोहित गिरी, संभाग सहसंयोजक-राहुल मेहता, (8)कार्यक्रम-संभाग प्रमुख-रोहित पाण्डेय, अम्बिका सिंह,संभाग सहसंयोजक-नवलेश सिंह, (9)-छात्रा व्यवस्था- संभाग प्रमुख-अपराजिता सिंह,स्वेता रानी, (10)-प्रबंधक-संभाग प्रमुख-रविशंकर चौबे सह संयोजक-आकाश कुमार (11) संशाधन संग्रह- संभाग प्रमुख-प्रो.कुमार मोती सहसंयोजक-शांतुन कुमार आदि की जिम्मेदारी को सुव्यवस्थित तरीके से पूरी करने के विषय पर चर्चा की गई।

बैठक के मुख्य अतिथि बिहार प्रांत के प्रांत संगठन मंत्री डॉ. सुग्रीव कुमार ने कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता इस अधिवेशन को सफल बनाने के लिए जिले के प्रत्येक इकाई और कॉलेज में जाकर प्रवास करेंगे तथा छात्र-छात्राओं से इस अधिवेशन में शामिल होने के लिए आग्रह करेंगे। ज्ञात हो कि इस अधिवेशन में पूरे प्रदेश के लगभग 2000 से अधिक कार्यकर्ता शामिल होंगे ।

अधिवेशन को लेकर चल रही तैयारी की समीक्ष हुई। इस संबंध में अभाविप की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य डॉ. पूनम सिंह ने बताया कि कार्यकर्ता इस अधिवेशन को सफल बनाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्यरत हैं।
बैठक में प्रमुख रूप से-: पुरुषोत्तम कुमार (विभाग संगठन मंत्री सारण),अभिमन्यु कुमार(मोतिहारी विभाग संगठन मंत्री)रवि पाण्डेय राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य,विष्णु शरण तिवारी SFS आयाम विश्विद्यालय संयोजक आदि उपस्थित थे।

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Chhapra: सरस्वती विद्या मंदिर के प्रांगण में लोक शिक्षा समिति बिहार के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय विभाग स्तरीय राष्ट्रीय शिक्षा नीति कार्यशाला सह आचार्य दक्षता वर्ग का आयोजन हुआ। दूसरे दिन के सत्र प्रारम्भ वंदना सत्र में सिवान विभाग के विभाग निरीक्षक राजेश कुमार रंजन विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष सुरेश प्रसाद सिंह विद्यालय के प्रधानाचार्य आशुतोष दास एवं सरस्वती शिशु मंदिर मीरगंज के प्रधानाचार्य सुनीता राय, सरस्वती शिशु मंदिर रामगढ़ के प्रधानाचार्य वीरेन्द्र कुमार यादव एवं सरस्वती शिशु मंदिर माझी के प्रधानाचार्य अजय कुमार मिश्र के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर की गई।

दूसरे दिन के द्वितीय सत्र में लोक शिक्षा समिति के प्रदेश सचिव मुकेश नंदन ने अपने प्रबोधन में विद्या भारती के कार्यक्षेत्र पर प्रकाश डाला। उन्होंने अपने आचार्य बंधु भगिनी को यह स्पष्ट रूप से बताया कि हम आचार्य दक्षता वर्ग क्यों लगाते हैं । इसके महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हम यह देखना चाहते हैं कि क्या हमारे अचार्य बंधु भगिनी विद्या भारती की योजनाओं को धरातल पर क्रियान्वयन कर रहे हैं या नहीं या क्रियान्वयन में कोई कमी रह गई हो तो उस कमी को ऐसे दक्षता वर्ग से उसकी क्षतिपूर्ति करना है।

उन्होंने विद्या भारती के आधारभूत विषयों एवं विभिन्न आयामों पर भी चर्चा की। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिपेक्ष में उन्होंने विभिन्न विषयों को प्रतिपादन करते हुए कहा की हमारा प्रारंभिक शिक्षा मातृभाषा में होनी चाहिए । हमारा शिक्षा बाल केंद्रित होनी चाहिए और उन्होंने प्रभावी अभिभावक संपर्क पर भी जोर दिया । उन्होंने बताया कि पूर्वर्ती छात्र और अभिभावक हमारे विद्यालय के थाती है।

उन्होंने अपने उद्बोधन में विद्या भारती के लक्ष्य पर जोर देते हुए कहा कि हम आचार्य बंधु भगिनी विद्या भारती के लक्ष्य के अनुरूप ही बालक का निर्माण करना ही हमारा परम कर्तव्य है ।इसलिए हम सबको पूर्वर्ती छात्रों और अभिभावकों से तालमेल बनाए रखना आवश्यक है।अपने आचार्य बंधू भगनी को यह स्पष्ट रूप से बताया कि विद्या भारती सामाजिक चेतना का केंद्र कैसे बन पाएगा ।इसके लिए हम सब को एकजुट होकर कार्य करने की आवश्यकता होगी ।

विभिन्न सत्रों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के नीतियों पर प्रवीण चंद्र मिश्र और डॉक्टर प्रमेंद्र उपाध्याय सरस्वती विद्या मंदिर विजय हता सिवान, डॉक्टर अमरनाथ गुप्ता अंग्रेजी विभाग जगदम महाविद्यालय छपरा एवं विभिन्न प्रवक्ताओं के द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई।ताकि सरस्वती शिशु विद्या मंदिर के आचार्य बंधु भागनि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विभिन्न पहलुओं को भलीभांति से समझकर दक्ष हो जाएं और इस कार्यशाला से जाने के बाद वह इस नीति के विभिन्न विषयों के अनुरूप अपने कक्षा कक्ष का संचालन कर सकें । इस सत्र में विद्यालय के प्रचार प्रमुख अनिल कुमार आजाद उपस्थित थे

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Chhapra: कड़ाके की ठंड एवं शीतलहर के प्रभाव को देखते हुए छपरा नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत गरीब एवं जरूरतमंद व्यक्तियों के बीच रात्रि में कंबल का वितरण हुआ। जिलाधिकारी राजेश मीणा ने सदर अस्पताल, छपरा जंक्शन, भरत मिलाप चौक तथा छपरा कचहरी का भ्रमण कर कम्बल का वितरण किया। इस दौरान सदर अनुमंडलाधिकारी अरुण कुमार सिंह भी मौजूद थें।

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Chhapra: जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिला पदाधिकारी के निदेश पर समाहरणालय सभागार में नगर निकाय चुनाव के दूसरे चरण के सेक्टर दंडाधिकारी और पुलिस पदाधिकारियों के मिलान सह ब्रीफिंग का आयोजन किया गया।

सेक्टर पदाधिकारी और पुलिस पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए उप निर्वाचन पदाधिकारी जावेद एकबाल ने कहा कि चुनाव के दौरान विधि व्यवस्था संधारण में सेक्टर दंडाधिकारी व पुलिस पदाधिकारियों की भूमिका सबसे अहम है।

उनकी भूमिका सबसे पहले शुरू होती है और मतदान के दिन वे ही बूथ स्तर पर प्रशासन के आंख, कान और हैंड्स होते हैं। उनकी सजगता से ही भयमुक्त, निष्पक्ष और त्रुटि रहित मतदान सम्भव है। डीएसपी सदर सौरभ जायसवाल ने अपने संबोधन में कहा कि चुनाव लोकतन्त्र का महापर्व है। इसमें कोताही कतई क्षम्य नहीं होती।

आयोग के स्तर पर कार्रवाई निश्चित होती है। इसलिए सभी लोग अपने कर्तव्यों के प्रति सजग रहेंगे। इवीएम की सुरक्षा और एसओपी के पालन में जीरो टॉलरेंस का पालन करें। सभी दंडाधिकारी और पुलिस पदाधिकारी चुनाव के दिन आवश्यक रूप अपना मोबाईल खुला रखेंगे और प्रत्येक कॉल को रिसीव व रिस्पॉन्स करेंगे। जिला सूचना एवं विज्ञान पदाधिकारी तारणी कुमार ने पीपीटी के माध्यम से सेक्टर पदाधिकारी के निगरानी सह रिपोर्टिंग ऐप के संचालन के संबंध में जानकारी दी।

जिला पंचायत राज पदाधिकारी राजू कुमार ने बरती जाने वाली सावधानियों पर प्रकाश डाला। मास्टर ट्रेनर नदीम अहमद एवं सुनील कुमार ने रिज़र्व मशीन प्राप्त करने से लेकर बूथ पर त्रुटि निराकरण, मशीन बदलने और उन्हें जिला स्कूल में निर्मित रिजर्व स्ट्रॉन्ग रूम में वापस जमा करने और विभिन्न प्रकार के फॉर्मेट भरने के संबंध में बिन्दुवार चर्चा की।

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पेशी के लिए लाया गया आरोपी फरार, सीसीटीवी में कैद हुई तस्वीर

Chhapra: छपरा सिविल कोर्ट में पेशी के लिए आया एक आरोपी हथकड़ी खोलकर फरार हो गया. यह घटना रविवार शाम की बताई जा रही है.

घटना का एक सीसी टीवी फुटेज सामने आया है जिसमें आरोपी भागता हुआ दिखाई दे रहा है. उसके ठीक पीछे एक पुलिसकर्मी भी हथकड़ी लेकर आरोपी को खदेड़ रहा है. लेकिन आरोपी पुलिस के जवान को चकमा देकर भागने में सफल रहा.

मिली जानकारी के अनुसार फरार हुआ आरोपी मशरक थाना के किसी कांड में आरोपी था जिसे पुलिस पकड़कर पेशी के लिए छपरा सिविल कोर्ट लाई थी. जहां वह कैदी पुलिस को चकमा देकर भागने में सफल रहा. पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई है.

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रोटरी छपरा ने मेडिकल कैम्प आयोजित किया

छपरा: रोटरी छपरा के सौजन्य से पर्यवेक्षण गृह छपरा के बच्चों के स्वास्थ्य की जांच के लिए एक शिविर का आयोजन किया गया. जिसमें शहर के कई नामी-गिरामी चिकित्सक शामिल हुए. जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में रोटरी क्लब के सदस्यों द्वारा बच्चों के स्वास्थ्य की जांच के की गई. साथ ही उन्हें आवश्यक दवाएं भी उपलब्ध कराई गई.

मौके पर रोटरी क्लब के अध्यक्ष पार्थसारथी गौतम इस कार्यक्रम का संचालन किया. वही कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रोटेरियन अमरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि रोटरी क्लब छपरा समय-समय पर ऐसे शिविर का आयोजन कर लोगों के स्वास्थ्य का ख्याल रखती है.

छोटी-मोटी बीमारियों का समाधान शिविर में ही हो जाता है जबकि गंभीर बीमारी वाले मरीजों को डॉक्टर अपने पास बुला कर भी इलाज करते हैं.

मेडिकल कैंप में रोटेरियन डॉक्टर अभिषेक हर्षवर्धन, रोटेरियन डॉ शहजाद आलम, रोटेरियन हिमांशु किशोर,रोटेरियन नवनीत कुमार, रोट्रैक्टर प्रखर पुंज, शामिल हुए.

शिविर में कुल 54 बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की गई जिसमें अधिकांश बच्चों में दांत संबंधी बीमारियां अधिक पाई गई. साथी बच्चों में चर्मरोग की समस्या भी काफी अधिक पाई गई जिसे देखते हुए डॉ बी के सिन्हा ने सलाह और दवाएं उपलब्ध कराई.

साथ ही वहां के प्रबंधन को चरम रोग से बचाव के लिए आवश्यक जानकारी भी दी. इस मौके पर वरिष्ठ खिलाड़ी और रोटेरियन सुरेश प्रसाद सिंह ने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर उन्हें स्पोर्ट्स किट उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया.

धन्यवाद ज्ञापन डालसा के सदस्य पूर्णेन्दु रंजन अधिवक्ता ने किया.

उन्होंने कहा कि रोटरी क्लब के सौजन्य से ऐसे आयोजन अक्सर होते हैं जो काफी सफल होते हैं.

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जहरीली शराब कांड में वितरणकर्ता गिरफ्तार, जांच के लिए भेजी गई बरामद जहरीली शराब

Chhapra: विगत दिनों इसुआपुर, मशरख एवं अमनौर तथा अन्य थानों में मिलावटी शराब पीने से संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु एवं बिमार होने की सूचना पर सारण पुलिस अधीक्षक द्वारा गठित एसआईटी द्वारा जहरीली शराब कांड में लगातार इसमें संलिप्त अभियुक्त की गिरफ्तारी की जा रही है.

सोनपुर एसडीपीओ के नेतृत्व गठित टीम द्वारा जहरीली शराब के वितरण कर्ता मढ़ौरा के असोइया निवासी अर्जुन सिंह को गिरफ्तार किया गया.

इस मामले में विस्तृत जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त अर्जुन सिंह द्वारा पूछ-ताछ के क्रम में अपनी संलिप्ता स्वीकार किया गया तथा अनुसंधान के क्रम में ज्ञात हुआ कि दिनांक- 11.12.2022 को वह अपने माल वाहक पीकअप से राजेश सिंह एवं शैलेन्द्र राय के कहे अनुसार सारण जिलान्तर्गत मिलावटी शराब का कार्टून इसुआपुर के अगोथर एवं अन्य जगहों पर पहुँचाया था.

श्री कुमार ने बताया कि अर्जुन सिंह के निशानदेही पर बताये गए स्थल से इसुआपुर के अगोथर से मिलावटी शराब हेतु लाए गए का 50 (पच्चास ) दवा / रसायन से भरा हुआ सीलबन्द बोतल एवं 13 (तेरह) बोतल खाली बरामद / जप्त किया गया.

एसपी ने बताया कि इसके द्वारा पूर्व में भी राजेश सिंह एवं शैलेन्द्र राय के साथ अधिक पैसे के लालच में मिलावटी शराब / दवा / रसायन का खेप विभिन्न जगहों पर पहुँचाया गया है.

श्री कुमार ने बताया कि पूर्व में इस कांड में अबतक 14 अभियुक्तों को न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है, जिस सदर्भ में पूर्व में प्रेस नोट निर्गत किया जा चुका है.

एसपी ने बताया कि बरामद एवं जप्त बोतल में सीलबन्द दवा / रसायन का विधि-विज्ञान प्रयोगशाला में जॉच कराया जा रहा है. अनुसंधान के क्रम में आये तथ्यों के आधार पर Backward & forward link में उपरोक्त घटना में संलिप्त अन्य बचे हुए अपराधकर्मियों को चिन्हित कर गिरफ्तारी हेतु लगातार छापामारी की जा रही है.

गिरफतार अभियुक्तों का नाम एवं पता

1. अर्जुन सिंह, पिता- सुभाष सिंह, सा०-असईया, थाना- मढ़ौरा, जिला- सारण ।

बरामदगी / जप्ती की विवरणी

1. सीलबन्द मिलावटी दवा / रसायन का बोतल-50 भरा हुआ।

2. खाली बोतल-13

3. घटना में प्रयुक्त सीम सहित मोबाइल-01

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आपसी कहा सुनी में आर्केस्ट्रा संचालक को मारी गोली

बनियापुर: थाना क्षेत्र के मिर्जापुर गांव में आर्क्रेस्ट्रा ग्रुप के सदस्यों के बीच आपसी कहा सुनी में संचालक को गोली मारकर घायल करने का मामला प्रकाश में आया है. घटना शनिवार रात की है.

मृतक थाना क्षेत्र के मिर्जापुर गांव निवासी परशुराम सिंह का 30 वर्षीय पुत्र रूपेश कुमार सिंह बताया गया है. बताया जाता है कि रुपेश मिर्जापुर में ऑर्केस्ट्रा का संचालन करता था.

शनिवार की देर रात्रि ऑर्केस्ट्रा ग्रुप में किसी बात को लेकर विवाद हुआ और उसे गोली मार दी गई. इस घटना के बाद परिजन आनन-फानन में उसे उठाकर छपरा सदर अस्पताल ले गए जहाँ मौजूद चिकित्सक डॉक्टर मेराज आलम ने उसे मृत घोषित कर दिया.

चिकित्सक द्वारा मृत घोषित करते ही परिवार के सदस्यों में कोहराम मच गया. वहीं जैसे इस बात की सूचना बनियापुर थानाध्यक्ष को मिली वे पुलिस बल के साथ घटना स्थल पर पहुंचे और मामले की छानबीन शुरू कर दी.

उन्होंने बताया कि आर्केस्ट्रा संचालक की आपसी रंजिश में गोली मारकर हत्या की गई है. पुलिस द्वारा मामले की छानबीन की जा रही है. वहीं परिवार वाले फिलहाल कुछ भी बताने से मना कर दे रहे है.

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-प्रभात झा

आजादी के पहले सर्वमान्य आंदोलनकारी नेता श्रद्धेय राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (बापू) थे। कांग्रेस को उन्होंने राजनीतिक दल नहीं बल्कि आंदोलन माना था। वे अक्सर अपने भाषणों में कहा करते थे ‘कांग्रेस आजादी के लिए आंदोलन है’। आजाद भारत में किसी भी व्यक्ति से अगर पूछेंगे कि सर्वमान्य नेता कौन, तो बेहिचक दस में से नौ लोग कहेंगे-अटल बिहारी वाजपेयी। सर्वमान्य होना आसान काम नहीं है। सर्वमान्य की मान्यता देश के जन-जन से मिलती है। अब तक की भारतीय राजनीति में जीवन का नब्बे फीसदी हिस्सा विपक्ष में रहने के बाद सर्वमान्य होना आठवें चमत्कार से कम नहीं है। अटल जी हमारी पार्टी के नेता रहे, इसलिए नहीं लिख रहा। वे नेता सच में जनसंघ और भाजपा के रहे पर किसी भी दल ने, यहां तक कि सीपीएम के ज्योति बासु, हरेन मुखर्जी या सोमनाथ चटर्जी जो हमारी विचारधारा के घोर विरोधी रहे, वे भी अटल जी को स्नेहित निगाहों से देखते थे। उनसे कोई नफरत नहीं करता था।

किस राजनीतिक नेता में यह दम है, प्रधानमंत्री रहते हुए चंद्रशेखर ने कहा था कि ‘अटल जी मेरे गुरु हैं’, आज कोई कह सकता है। अटल जी को अपनी पार्टी, अपने समकक्ष नेताओं और कार्यकर्त्ताओं पर अटूट विश्वास था। यही कारण था कि जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल के दौरान सभी दलों के प्रमुख नेताओं को देश के विभिन्न जेलों में डाल दिया था तब जेलों में रहे नेताओं ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी के कहने पर आजादी की दूसरी लड़ाई के तहत लोकतंत्र को बचाने के लिए जनता पार्टी का गठन किया, अटल जी और आडवाणी जी ने लोकतंत्र बचाने के लिए छद्म नाटक नहीं किया। अटल जी ने कहा-‘देश पहले दल बाद में’ और जनसंघ को जनता पार्टी में विलीन कर दिया। अपना चुनाव चिन्ह दिया तक बुझा दिया।

नेतृत्व के प्रति विश्वास क्या होता है यह इसी बात से पता लगता है कि तत्कालीन जनसंघ के किसी नेता ने या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अटल जी, आडवाणी जी से यह नहीं पूछा कि ‘आपने जनसंघ का क्यों विलय किया’। नेतृत्व में सामूहिकता के विश्वास का सेतु सदैव मजबूत रहना चाहिए और अटल जी ने कभी भी दल के भीतर सामूहिकता के सद्भाव और विश्वास को टूटने नहीं दिया। वहीं दूसरी ओर जब जनता पार्टी में दो साल बाद ही दोहरी सदस्य्ता के नाम पर जनता पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर जी, मोहन धारिया और मधु लिमये ने जनसंघ के लोगों को कहना शुरू किया कि ‘आपको यह स्पष्ट करना होगा कि आप जनता पार्टी के सदस्य हैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नहीं’। अटल जी उस समय चूके नहीं। उन्होंने चंद्रशेखर जी को स्पष्ट कहा ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में कोई सदस्य्ता नहीं होती। संघ हमारी संस्कार की मातृ संस्था है। हमलोगों ने बचपन बिताया। इससे राजनीति का कोई संबंध नहीं है। पर तत्कालीन जनता पार्टी के अन्य नेता नहीं माने। अटल जी, आडवाणी जी ने अपने सभी समक्ष नेताओं से चर्चा की और फिर अपने नेताओं, कार्यकर्ताओं और सहयोगियों के विश्वास पर जनता पार्टी से अपने को 4 अप्रैल 1980 को अलग कर लिया। अटल जी, आडवाणी जी को यह पूरा विश्वास था कि ‘हमने भले ही जनसंघ का विलय कर दिया और अपना चुनाव चिन्ह बुझा दिया लेकिन देश में शून्य से शिखर पर ले जाने का सामर्थ्य हमारे ही कार्यकर्ताओं में है’।

अटल जी ने अपने समक्ष सहयोगियों के साथ 6 अप्रैल 1980 को दिल्ली में आयोजित एक बैठक में भाजपा का गठन किया और कमल को चुनाव चिन्ह घोषित किया। विश्व के राजनीतिक इतिहास में दल को मिटाकर एक नए राजनीतिक दल बनाने की यह अनूठी घटना थी। यह ईश्वर प्रदत्त सामर्थ्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से निकले लोगों में ही हो सकता है जिसे अटल जी ने कर दिखाया। सभी सहयोगियों ने मिलकर मुंबई के अधिवेशन में उन्हें पहला राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया। अटल जी कोई त्रिकालदर्शी नहीं थे। लेकिन वे भारत की जन-गण-मन की भावना को समझते थे। वे अपनी आंखों के सामने भारतीय राजनीति का कल देख रहे थे। वे दूरदर्शी थे इसलिए अपने पहले भाषण में कहा था-‘अंधेरा छंटेगा, सूरज निकलेगा, कमल खिलेगा’। आज भारत में उनके सपनों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में सभी सहयोगी नेता साकार कर रहे हैं। जनसंघ के पहले घोषणा पत्र को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, भाई महावीर और बलराज मधोक ने तैयार किया था। उस समय अटल जी पत्रकार के नाते उस घोषणा पत्र निर्माण में भी शामिल थे।

आज अटल जी का जन्मदिन है और वे इस दुनिया से चले भी गए हैं, लेकिन वर्तमान भाजपा का नेतृत्व कर रहे नरेंद्र मोदी जी जनसंघ के घोषणा पत्र के एक-एक घोषणा को जमीन पर साकार कर रहे हैं। अटल जी अक्सर अपने भाषण में कहा करते थे-‘रामजन्मभूमि पर राम मंदिर नहीं बनेगा तो कहां बनेगा’।

वे कहा करते थे कि ‘धारा 370 भारत के लिए अभिशाप है उसे समाप्त होना ही चाहिए’, ‘सामान नागरिक संहिता भारतीय संस्कृति का श्रृंगार है उसे लागू होना ही चाहिए’। अटल जी जानते थे कि जिस दिन सबल नेतृत्व आएगा, ये सभी चीजें पूरी होंगी। वे अक्सर कहा करते थे कि यह सिर्फ हमारी विचारधारा का प्रश्न नहीं है, यह देश की जनधारा का प्रश्न है और आज नहीं कल पूरा होगा ही। आज अटल जी भले ही नहीं हैं, वे जहां भी होंगे दोनों हाथों से भाजपा के वर्तमान नेतृत्व को आशीष दे रहे होंगे।

भारत में अटल जी के सिवा कोई ऐसा दूसरा नेता नहीं हुआ जो विपक्ष में रहकर देश में सर्वाधिक लोकप्रिय हुआ हो। उन्होंने अनीति की राजनीति को अपने राजनीतिक जीवन में स्थान नहीं दिया। उन्होंने सभी से मित्रता की राजनीति की। शत्रुता को कोई स्थान नहीं दिया। यह मेरा सौभाग्य रहा कि वे जिस स्वदेश अखबार के संपादक रहे, मैं भी वर्षों बाद उस स्वदेश अखबार से जुड़ा रहा। अटल जी जैसे व्यक्तित्व पर जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भारत रत्न सुशोभित किया ऐसे व्यक्तित्व पर अभी और काम होना चाहिए। मध्य प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल रामेश्वर ठाकुर जी ने मुझे बताया कि इंदिरा जी जब प्रधानमंत्री थीं, अटल जी नेता प्रतिपक्ष थे। अक्सर इंदिरा जी उन्हें अटल जी से विचार-विमर्श के लिए भेजा करते थे और अटल जी राष्ट्रहित में जो बात करते थे रामेश्वर ठाकुर जी इंदिरा जी को बताते थे। उन्होंने यहां तक कहा कि इंदिरा जी अटल जी की बात मानती भी थीं। अटल जी ने देश में विपक्ष की सार्थकता को अपनी मेहनत और कर्मों से साकार किया था।

अटल जी ने भारत का अखंड प्रवास कर देश में अपनी वाणी से विचारधारा की ज्योति जगाई थी। वे तब भी निराश नहीं हुए जब चंद्रशेखर, इंद्र कुमार गुजराल और एच डी देवगौड़ा जैसे नेता प्रधानमंत्री बने और वे तब भी अति उत्साहित नहीं हुए जब स्वयं देश के प्रधानमंत्री बने। उन्होंने लोकतंत्र में सदैव संतुलन का ध्यान दिया। वे राजनीति में किसी के लिए दर्द नहीं थे, बल्कि राजनीतिक मरहम थे आज भी कोई पूछे कि भारतीय राजनीति में उदारता के अप्रतिम उदाहरण कौन तो देश का सामूहिक स्वर निकलेगा-‘अटल बिहारी वाजपेयी’।

(पूर्व सांसद एवं पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भाजपा)

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