{प्रशांत सिन्हा }

इसे जलवायु परिवर्तन का ही असर माने कि समुचे यूरोप में कड़ाके की ठंड के दिनों में भीषण गर्मी पड़ी। यूरोप के कम से कम आठ देशों में ऐसे हालत देखे गए। इस वर्ष युरोप के इन आठ देशों में औसतन पीछले कई वर्षो के मुकाबले लगभग 15 डिग्री सेल्सियस ज्यादा तापमान रहा।

भारत में 1877 के बाद इस साल फरवरी का महीना सबसे गर्म रहा और औसत अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। उसके बाद अप्रेल महीने में भयंकर गर्मी को देखते हुए ऐसा लगा कि हिट वेब की शुरुआत होगी। भारत में 13 लोगों की मौत हिट स्ट्रोक की वजह से हुआ। भारत समेत एशिया के कई देशों में तापमान बढ़ा है। बांग्लादेश में तापमान ने 60 वर्ष का रिकॉर्ड तोड दिया। थाईलैंड में भी तापमान ने 60 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। यहां भी दो लोगों की गर्मी की वजह मौत हो गईं । चीन, जापान, म्यांमार और वियतनाम में भी तापमान ने रिकॉर्ड तोड़ा। गर्मी के बाद देश के कुछ हिस्सों में बारिश और ओलावृष्टि हुआ। जलवायु परिर्वतन से मौसम का लय बदलता जा रहा है।

मौसम के दिनोदिन आ रहे बदलाव को सामान्य तो नही कह सकते। दरअसल यह एक भीषण समस्या है जिसे झुठलाया नहीं जा सकता। समूची दुनिया इसके दुष्प्रभाव से अछूती नहीं है। आज धरती जितनी गर्म है उतनी कभी नहीं रही। यह खतरे की घंटी है। उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव के बीच जलवायु में बदलाव का अंतर दिनोंदीन तेज़ी से बढ़ता जा रहा है जिसके काफी दूरागामी परिणाम होंगे। दुख तो यह है कि इन सब के बावजूद हम इसे सामान्य घटना मानने में लगे हुए हैं।

यही नहीं तापमान में बढ़ोतरी और जलवायु में बदलाव को रोकने की दिशा में जो भी अभी तक प्रयास किए गए हैं इसका कोई कारगर परिणाम नही निकल सका है। यह चिन्ता की बात है। अभी हाल में भारत और थाईलैंड में गर्मी की वजह से हुई मौतों से स्पष्ट होता है कि यदि तापमान में वृद्धि होता है तो इससे हजारों लोग मौत के मुंह में जाएंगे। 2003 में यूरोप और रूस की घटना इसका जीता जागता सबूत है जबकि वहां तापमान बहुत अधिक नही था तब लगभग 70 हजार से अधिक लोग मौत के मुंह में चले गए थे।

यह स्पष्ट है कि जलवायु परिर्वतन और बढ़ता तापमान हमारे अस्तित्व के लिए गंभीर विषय है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या हम वास्तव में इस खतरे से अनजान हैं ? पृथ्वी ग्रह कई प्रमुख पर्यावणीय समस्याओं जैसे भूमि, वायु और जल प्रदुषण, वनों की कटाई, ग्रीन हाउस गैसों में वृद्धि, पानी की कमी, जलवायु परिर्वतन और जैव विविधता के नुकसान जैसी ज्वलंत समस्याओं से ग्रसित है। ऊर्जा के लिए जीवाश्म ईंधन का उपयोग, वाहन उत्सर्जन और औद्धोगीकरण व अनियंत्रित, अनियोजित विकास मानव का प्रकृति चक्र में प्रवेश जैसी समस्याएं वे मुख्य कारण हैं जिन्होंने वैश्विक तापमान में उल्लेखनीय वृद्धि की है। जिस प्रकार देश में लोग बाजारवाद और भौतिकवाद की तरफ़ जा रहे हैं वह दिन दूर नही जब गर्मी के मामले में हम अफ्रीकी देशों के साथ पंक्ति में खड़े मिलेंगे।

इसमें कोई शक नहीं ग्लोबल वार्मिंग का अपराध विकसित यूरोपियन देशों का किया धरा है। भारत में जब तक कुछ मौसमी गड़बड़ियां दिखती हैं तो उनके पीछे प्राकृतिक कारण हो सकते हैं लेकिन आईआईटी दिल्ली में हुई नौ सालों का तापमान के अध्ययन बताता है कि भारत के औसत तापमान में हुई बढ़ोतरी के पीछे कोई प्राकृतिक कारण नही होकर सिर्फ इंसानी हांथ है और हमारे अभी के जीवन व्यवहार की इसमें अहम भुमिका है। जलवायु परिवर्तन को लेकर हम सचेत हो या न हों पर प्रकृति जरूर चेतावनी दे रही है। जिन महीनों को हम वसंत और सर्दियां मान रहे थे वे इस बार गर्मी का एहसास करा रहे थे। इस साल फरवरी में ही गर्मी शुरू हो गईं थीं।

भारतीय शहरों का स्वरूप पिछले कुछ दशकों में काफी बदला है। यहां की हरियाली में दिनों दिन कमी आ रही है। धड़ल्ले से पेड़ काटे जा रहे हैं। इमारतों की संख्या बढ़ती जा रही है। घरों में एयर कंडीशन का इस्तेमाल बढ़ रहा है। यही वजह है कि तापमान भी इसी रफ्तार से बढ़ रहा है। ऐसे में शहरों को अर्बन हिट आइलैंड कहा जाने लगा। शहरों में जितनी जनसंख्या होगी हिट आइलैंड बनने की गुंजाइश उतनी ही ज्यादा होगी। प्रायः देखा गया है कि शहरों की सीमा पार करते ही राहत महसूस होती है। जलवायु परिर्वतन पर संयुक्त राष्ट के अंतर सरकारी पैनल की हालिया रिर्पोट में चेतावनी दी गईं है कि ” ग्लोबल वार्मिंग में हर वृद्धि कई और खतरों को तेज करेगी “।

बेशक प्रदूषण की वजह से जलवायु परिवर्तन की रफ्तार बढ़ी है। यह भी सच है कि हम ग्लोबल वार्मिंग के दौर में जी रहे हैं। यह भी सही है कि प्राकृतिक गतिविधियों के कारण कई तरह के परिर्वतन या आपदाएं घटती हैं। लेकिन प्रकृति को प्रभावित करने वाले कारकों के पीछे इंसानी गतिविधियां भी कम ज़िम्मेदार नहीं है। अभी भी वक्त है यदि हम नही चेते और सब मिलकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए तो भविष्य में हमें इसके गंभीर परिणाम झेलने होंगे।

लेखक पर्यावरणविद हैं  

0Shares

Chhapra: शहर के काशी बाजार में स्थित के० आर० नर्सिंग कॉलेज में फ्रेशर पार्टी का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि डॉ. आशुतोष रंजन, डॉ. प्रियंका भारती एवं डॉ. दीपक कुमार ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

फ्रेशर पार्टी में कॉलेज में प्रवेश पाने वाली नई छात्र – छात्राओं का स्वागत किया गया।

इस अवसर पर छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए साथ ही मॉडलिंग कार्यक्रम का भी आयोजन हुआ। जिसमें एक छात्र को मिस्टर फ्रेशर एवं छात्रा को मिस फ्रेशर कालेज की ओर से सम्मानित किया गया।

एएनएम, जीएनएम एवं बीएससी नर्सिंग के छात्र – छात्राओं ने कई सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर देशभक्ति की भी झलक दिखलाई। साथ ही उन्होंने सामाजिक और स्वच्छ भारत मिशन को भी अपने कार्यक्रमों के माध्यम से पेश किया।

कार्यक्रम के दौरान छात्राओं ने यह भी बताया कि एक नर्स का मरीज के प्रति क्या दायित्व होता है।

कॉलेज की सचिव पदमावती देवी ने नर्सिंग के प्रशिक्षणार्थियों को विशेष सम्मान देकर इनका मनोबल बढ़ाया तथा उनके उज्जवल भविष्य की कामना की । उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ सामाजिक और धार्मिक विषयों पर भी जानकारी उपलब्ध होती है। इसलिए ऐसे कार्यक्रम समय समय पर कराए जाते है।

कार्यक्रम के दौरान कॉलेज के निदेशक बिनोद कुमार ने कहा कि नर्सिंग से रोगियों की सेवा का अवसर मिलता है।

कार्यक्रम में कॉलेज की सभी शिक्षक – शिक्षिका तथा सभी गैर शैक्षणिक वर्ग के कर्मचारी भी मौजूद रहे।

0Shares

छपरा। संस्कार भारती की सारण इकाई एवम नटराज संगीत कला संस्थान द्वारा नृत्याचार्य स्व केशव प्रसाद स्मरण उत्सव स्थानीय सरस्वती शिशु मंदिर के सभागार में मनाया गया।

कार्यक्रम का उद्घाटन महापौर राखी गुप्ता, संस्कार संस्कार भारती के प्रांत उपाध्यक्ष रामप्रकाश मिश्र, महामंत्री सुरभित दत्त, कैलाशपति प्रसाद, डा के पी श्रीवास्तव, नागेन्द्र वर्मा और विवेक समदर्शी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित किया।

इस अवसर पर संस्था के अध्यक्ष विवेक समदर्शी ने कहा कि स्वo केशव प्रसाद ने 1970 में नटराज संगीत कला संस्थान की स्थापना की थी। जहां कला साधक आज भी जुड़ें हैं। उनकी याद में प्रत्येक वर्ष आयोजन होता है।

इस अवसर पर संस्कार भारती के प्रांत उपाध्यक्ष रामप्रकाश मिश्र ने कहा कि कला और संगीत के माध्यम से मनुष्य की तमाम विकृतियों को दूर किया जा सकता है। कला जीवन को संवारती है।

वहीं मुख्य अतिथि महापौर राखी गुप्ता ने कहा कि संस्कार भारती और नटराज संगीत कला संस्थान भारतीय परंपरा को जीवंत रखने में जो योगदान दे रही है, वह सराहनीय है। आज के दौर में जब नई पीढ़ी पश्चिमी सभ्यता की ओर ज्यादा आकर्षित हो रही है वैसे में उन्हें भारतीय परंपरा, नृत्य और गायन शैली से अवगत कराना सराहनीय कार्य है। उन्होंने कार्यक्रम में प्रस्तुति देने वाले कलाकारों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अपने संस्कार, संस्कृति और परंपरा को सहेजना हम सब का कर्तव्य है।

कार्यक्रम में संस्थान के युवा कलाकारों ने नृत्य, गायन और वादन की प्रस्तुति दी। जिसमें , सौम्या कुमारी, भैरवी सौम्या, स्वस्तिका, सौम्या आकांक्षा, अदिति नंदिनी आदि ने प्रस्तुति दी।

कार्यक्रम में संस्कार भारती के जिला संयोजक राजेश चंद्र मिश्र, विश्वनेक समदर्शी, डा० अनुपम कुमार, कौशलेश गर्ग, प्रियंका कुमारी, ललितेश गर्ग आदि उपस्थित थे। मंच संचालन चंचला तिवारी ने किया।

0Shares

Chhapra:  श्री चित्रगुप्त समिति द्वारा गठित उप समिति की बैठक शनिवार को देर संध्या शहर के कटरा बरादरी स्थित राजीव श्रीवास्तव के आवास पर संयोजक कमल किशोर सहाय की अध्यक्षता एवं सदस्य प्रिंस राज की उपस्थिति में हुई।  जिसमें विचारोपरांत श्री चित्रगुप्त समिति के वार्ड 14 के वार्ड समिति का गठन किया गया।

संयोजक कमल किशोर सहाय ने बताया कि अरुण कुमार श्रीवास्तव को अध्यक्ष, राजीव श्रीवास्तव को सचिव सुनील कुमार वर्मा को कोषाध्यक्ष की जिम्मेवारी दी गई। वहीं समिति के सदस्य के रूप में कमल किशोर सहाय, दिलीप कुमार अधिवक्ता, अजीत कुमार वर्मा, रवीश कुमार श्रीवास्तव, विजय कुमार श्रीवास्तव, संजीव कुमार, गुंजन वर्मा, पंकज श्रीवास्तव को रखा गया है।

उप समिति के सदस्य प्रिंस राज ने बताया कि यह गठित वार्ड समिति काफी जुझारू एवं सामाजिक कार्यो के प्रति संकल्पित है।  जिसका परिणाम शीघ्र धरातल पर दिखने लगेगा। बताते चले कि श्री चित्रगुप्त समिति की आम सभा की बैठक में वार्ड गठन करने का निर्णय लिया गया था जिसके आलोक में गठित उपसमिति कार्यान्वयन कर रही है।

0Shares

Chhapra: छपरा नगर निगम क्षेत्र में वार्ड नं० 23 से 45 तक डोर-टू- डोर एवं मुख्य पथ की सफाई हेतु चयनित एजेंसी को समन जारी किया है।

नगर आयुक्त द्वारा कहा गया है कि जुलाई, 2022 से आपके द्वारा कतिपय शर्तों के साथ नगर निगम से एकरारनामा एवं कार्यादेश निर्गत किया गया है। साथ ही उल्लेखित प्रासंगिक पत्रों में आपके द्वारा छपरा नगर निगम के एकरारनामा के शर्तों का उल्लंघन एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, 2016 का कतिपय बार उल्लंघन किया जा चुका है, इसके अलावा माह जुलाई, 2022 एवं अगस्त, 2022 में एजेंसी द्वारा सफाई कार्य सुचारू रूप से नहीं किये जाने, सड़क दोनों ओर कचड़ा फेंके जाने तथा NGT के मापदंड व ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली, 2016 के निर्देशों की अवहेलना करने का दोषी पाया गया है। माह सितंबर, 2022 में (a) NGT के मानकों का उल्लंघन करने कार्य नहीं करने (b) ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली, 2016 के अनुसार कार्य नहीं करने (c) QRT एवं हेल्पलाइन नहीं होने (d) अपूर्ण सफाई एवं रात्रि पाली में कार्य नहीं होने के लिये (e) घर-घर पृथक कूड़ा संग्रहण नहीं नहीं करने के लिए दोषी पाया गया है। माह अक्टूबर, 2022 में (a) ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली, 2016 का पालन नहीं करना (b) सफाई पूर्ण एवं असंतोषजनक करने (c) QRT & हेल्पलाइन विस्तृत विवरण प्रस्तुत नहीं करने के लिये दोषी पाया गया है। माह नवंबर, 2022 में (a) दैनिक निरीक्षण में सफाई कार्य में पायी गयी अपूर्णता (b) NGT एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली, 2016 के मानक का अनुपालन नहीं करने के लिए दोषी पाया गया है। (V) माह दिसंबर, 2022 में (a) अधूरा सफाई कार्य किये जाने (b) NGT एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली, 2016 के मानक की पूर्णता नहीं करने (c) QRT एवं हेल्पलाइन सक्रिय नहीं करने के लिय दोषी पाये गये हैं । माह जनवरी, 2023 में अपूर्ण कार्य करने के लिये एवं NGT एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली, 2016 के मानक का अनुपालन नहीं करने के लिये दोषी पाया गया है।

उन्होंने कहा कि उपरोक्त उल्लंघन स्पष्ट करता है कि आपके द्वारा एकरारनामा में दिए गये निर्देश माननीय ANGT का आदेश, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली, 2016 का मार्गदर्शिका का अनुपालन लगातार नहीं किया जा रहा है। उपरोक्त के अतिरिक्त निम्न शिकायतें भी आपके विरुद्ध है। दिनांक 10.02.2023 को सशक्त स्थायी समिति की बैठक में एजेंसी के कार्य में असंतोष जताया गया । दिनांक 28.02.2023 को बोर्ड की बैठक में वार्ड नं० 23 से 45 तक के पार्षदों से एक-एक का मंतव्य माँगा गया, जिसमें सभी पार्षद आपके एजेंसी के सफाई कार्य से असंतुष्ट थे। पार्षदों ने आपके एजेंसी को हटाने साथ-साथ काली सूची में डालने का निर्णय लिया है।

नरगीस बानो, वार्ड पार्षद, वार्ड नं0 38 के द्वारा बताया गया कि आपके एजेंसी द्वारा भी कूड़ा का उठाव नहीं कराया जाता है और न ही सफाई कराई जाती है, जिसके चलते गंदगी व्याप्त रहती है। हेमंत कुमार, वार्ड पार्षद, वार्ड नं0 39 द्वारा बताया गया कि एजेंसी के कार्य से वे संतुष्ट नहीं हैं, इनके साथ की गई एकरारनामा को रद्द करने की मांग की गयी थी, जिसे सर्वसम्मति से पारित की गयी है। कृष्णा कुमार शर्मा, वार्ड पार्षद, वार्ड नं0 33 द्वारा बताया गया है कि आपके एजेंसी द्वारा गंगा नदी में कूड़ा गिराया जा रहा है, जो पर्यावरण दृष्टिकोण से उचित नहीं है।” दिनांक 20.04.2023 को सशक्त स्थायी समिति की बैठक में आपको सूचना के बावजूद आप बैठक में उपस्थित नहीं हुए जिसके चलते एजेंसी के कार्यों की समीक्षा नहीं हो सकी। विदित है कि एजेंसी का कार्यकलाप एकरारनामा के आधार पर अच्छा नहीं है। दिनांक 25.04.2023 के बोर्ड के बैठक में भी आप सूचना के बावजूद उपस्थित नहीं थे, जिसके कारण आपके कार्यों की समीक्षा नहीं हो सकी तथा सदस्यों ने एजेंसी के कार्यों के प्रति काफी क्षोभ था । स्पष्ट है कि आप बोर्ड की बैठक, सशक्त स्थायी समिति की बैठक का लगातार अवहेलना कर रहे हैं, जो बिहार नगरपालिका अधिनियम, 2007 की सुसंगत धाराओं का उल्लंघन है।

 

उन्होंने कहा कि संज्ञान में यह लाया गया है कि सभी महत्वपूर्ण पर्व यथा छठ, दीपावली, दशहरा आदि पर्व पर सफाई कार्य को कोई न कोई बहाना बनाकर लगातार सफाई बाधित किये हैं, जो एकरारनामा का घोर लापरवाही एवं स्वेच्छाचारिता का प्रतीक है। आपके द्वारा 28 फरवरी, 2023 में अचानक कार्य को बंद कर दिया गया एवं 10 मार्च, 2023 तक लगातार बंद रखा गया जबकि उस दौरान होली एवं शब्- ए-बारात का पर्व था, जिसके चलते दोनों समुदाय के भावना को ठेस पहुँची है। लगातार 10-12 दिन हड़ताल में रहने के बावजूद आपके द्वारा पूर्ण माह का विपत्र मार्च, 2023 का भुगतान करने हेतु प्रस्तुत किया गया है, जो धोखाधड़ी एवं आपराधिक प्रवृति का परिचायक है ।

उन्होंने बताया है कि दिनांक 12.04.2023 को प्रभारोपरांत एजेंसी के कार्य के विरुद्ध लगातार शिकायत मिल रही है एवं एजेंसी द्वारा कई बार कार्य को बंद कर दिया गया है, जो विभिन्न समाचार पत्रों में भी प्रकाशित है। यह भी उल्लेख करना है कि दिनांक 19.04.2023 को अधोहस्ताक्षरी द्वारा बैठक में निदेश देने के बावजूद एजेंसी द्वारा अभी भी कचड़े का पृथकीकरण कार्य नहीं किया जा रहा है, सफाई मजदूरों को यूनिफ़ॉर्म एवं अन्य सुरक्षा उपकरण नहीं दिया जा रहा है, QRT कार्य नहीं कर रहा है, बायोमैट्रिक उपस्थिति नहीं बनाई जा रही है, वाहन में GPS नहीं लगा है, डोर-टू-डोर एवं मुख्य पथ का कचड़ा नहीं उठाया जा रहा है। वर्णित परिप्रेक्ष्य में उल्लेखित बिन्दुओं पर एजेंसी अपना स्पष्टीकरण दिनांक 02.05.2023 तक साक्ष्य सहित अधोहस्ताक्षरी को समर्पित करें क्यों नहीं कार्य में लापरवाही बरतने,  NGT के न्यायादेश में अनुपालन नहीं करने, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली, 2016 का उल्लंघन करने, बिहार नगरपालिका अधिनियम, 2007 के निहित निर्देशों का उल्लंघन करने के आरोप में आपके एजेंसी के साथ की गई एकरारनामा को विखंडित करते हुये एजेंसी को काली सूची में डालने की कारवाई की जाये।

0Shares

Chhapra: प्री पीएचडी परीक्षा के परीक्षा केंद्रों का जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो फारूक अली ने  निरीक्षण किया।

उन्होंने  बताया कि जयप्रकाश विश्विद्यालय में अन्य 56 विश्वविद्यालयों से परीक्षार्थी परीक्षा देने आये। शहर के जगदम महाविद्यालय, राजेंद्र महाविद्यालय, छपरा, गंगा सिंह महाविद्यालय और पी जी विभाग को परीक्षा केंद्र बनाया गया था। परीक्षा के लिए 1816 परीक्षार्थियों ने आवेदन किया था। जिनमे से 1299 परीक्षार्थी परीक्षा में उपस्थित हुए ।

परीक्षा के लिए सभी सेंटर पर पर्यवेक्षक की नियुक्ति की गयी थी और प्रशासन की तरफ से स्टैटिक मैजिस्ट्रेट की भी नियुक्ति की गयी थी। कदाचार करते हुए एक छात्र को निष्कासित भी किया गया है।

कुलपति ने कहा कि बहुत शीघ्र ही PAT 23 के लिए आवेदन आमंत्रित किये जायेंगे।

0Shares

Chhapra: गंगा, सरयू और सोन नद के संगम पर स्थित विश्व का दुर्लभ पूरातात्विक स्थल एवं प्रयागराज जैसा आध्यातिमक-धार्मिक केंद्र चिरांद का वार्षिकोत्सव इसबार 3 जून 2023 को होगा। यह वार्षिकोत्सव गंगा दशहरा के बाद ज्येष्ठ पूर्णिमा पर सरयू जयंती के अवसर पर पिछले पन्द्रह वर्षों से अनवरत आयोजित होता आ रहा है। वार्षिकोत्सव की तैयारी को लेकर चिरांद विकास परिषद के तत्वावधान में चिरांद गांव व सारण के गण्यमान्य लोगों की बैठक हुई।

इस बार के आयोजन पर विस्तार से जानकारी देते हुए परिषद के सचिव श्रीराम तिवारी ने कहा कि गंगा की अविरलता उसकी सहायक नदियों के कारण थी। जब से इसकी सहायक नदियां संकट में हैं तब से भारत की संस्कृति व प्रकृति को संरक्षित करने वाली गंगा माता भी निर्बल हो गयी है। भव्य गंगा आरती से चिरांद के बंगाली बाबा घाट पर काशी और हरिद्वार का दर्शन कराने वाले इस आयोजन का इस बार का संकल्प है-गंगा की सहायक नदियों की अस्तित्व रक्ष। गंगा समग्र के साथ मिलकर हम अपने इस संकल्प को जनअभियान का रूप देंगे ताकि गंगा, सोन, सरयू, सोना, पुनपुन जैसी नदियों के सहारे जीवन वसर करने वालों के जीवन में संकट नहीं आए।

इस बार के आयोजन मंे युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। इस अवसर पर होने वाले भव्य सांस्कृतिक आयोजन मंे सारण का गौरवशाली अतीत व सांस्कृतिक विरासत जीवंत होगा। बिहार सरकार के कला, संस्कृति एवं खेल मंत्री जीतेंद्र राय इस सारस्वत समारोह का उद्घाटनकर्ता एवं मुख्यअतिथि होंगे।

तैयारी के लिए आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता चिरांद विकास परिषद के संस्थापक सदस्य रघुनाथ सिंह ने की। बैठक में डोरीगंज थानाध्यक्ष सुधीर कुमार सिन्हा,बबुआजी महाराज, बिमल पाठक, बिपिन बिहारी रमण, सुशील कुमार पाण्डेय, श्याम बहादुर सिंह, श्री कान्त पाण्डेय, हरिद्वार सिंह, डाॅ शम्भूनाथ तिवारी, तारकेश्वर, सिंह, हरीमोहन , उदय चौधरी, राशेश्वर सिंह, चंदन कुमार सिंह, जुटी राय ,सिंह, सुमन साह, भरत पासवान, मुकेश सिंह, राजू कुमार, जजन यादव जी विजय जी, रूपेश पाण्डेय अमृत सागर आदि उपस्थित थे।

0Shares

Chhapra: शहर में डबल डेकर का निर्माण जारी है जो तमाम बाधाओं के कारण समय से पूरा तो नही हो होगा पर प्रशासन द्वारा एक सड़क को बंद रखा गया है। जिस कारण शहर में डाक बंगला रोड ही फिलहाल यातायात के लिए चालू है। जिससे इस सड़क पर अत्यधिक दबाव है।
जाम से रोज लोग जूझ रहें है, लेकिन कोई हल नहीं निकाला जाता, और तो और डाक बंगला रोड पर भी दारोगा राय चौक के पास आधे सड़क में निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। जो नमामि गंगे परियोजना का बताया जाता है।
अब ऐसे में सड़क संकरी हो गई है। अत्यधिक दबाव के कारण सुबह से ही इस सड़क पर जाम लग जा रही है। स्कूली बच्चे, एंबुलेंस, ऑफिस जाने वाले लोगों, प्रशासन और नेता लोगों को भी काम से जूझना पड़ रहा है। पास में अस्पताल है जहां एंबुलेंस लगता आती जाती है। जिसमे गंभीर मरीज होते हैं।
जाम से सभी को परेशानी हो रही है।
यहां जाम लगने पर पुलिस एक्टिव होती है पर पूर्व तैयारी नही दिखती, यातायात थाना तो है पर यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करने पर उसका ध्यान नहीं है।
विकास के कार्य को लेकर जब एक सड़क बंद की गई है और सड़क का आभाव है ऐसे में दूसरे सड़क पर भी निर्माण शुरू करने से ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है।
0Shares

प्रो. संजय द्विवेदी
विराट भारतीय संस्कृति और परंपराओं में बचपन से ही पढ़ाई के साथ-साथ खेलों का भी एक विशेष महत्व रहा है। हमारा यह विश्वास रहा है कि जिस प्रकार अध्ययन मानसिक विकास में आवश्यक है, उसी तरह खेल शारीरिक विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हमारे जीवन में खेल और स्वास्थ्य का बहुत बड़ा योगदान है। खेल हमारे भीतर टीम भावना पैदा करते हैं। साथ ही इनसे हमारे अंदर, सही समय पर सही निर्णय लेने की क्षमता, नेतृत्व कौशल, लक्ष्य निर्धारण और जोखिम लेने का आत्मविश्वास भी उत्पन्न होता है। शताब्दियों तक भारतीय ज्ञान, अध्ययन और अध्यापन परंपरा में खेलों को समान महत्व दिया गया, क्योंकि एक सुदृढ़ व्यक्तित्व का निर्माण तभी संभव है, जब उसमें एक ‘विचारशील मन’ और एक ‘सुगठित तन’, दोनों शामिल हों। हमारे प्राचीन गुरुकुलों में दी जाने वाली शिक्षा इसका प्रमाण है, जिसमें शास्त्रों-वेदों के अलावा विभिन्न प्रकार के खेल कौशलों की भी विधिवत शिक्षा दी जाती थी।

वर्ष 2014 में जब केंद्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार सत्ता में आई, तो सरकार ने इस पर फिर से विचार करना शुरू किया। भारत जैसे देश में जहां अभी तक क्रिकेट जैसे औपनिवेशिक और एलीट खेल का दबदबा था, दूसरे खेलों को प्रोत्साहन दिया जाना शुरू हुआ। फिर देखते ही देखते, एथलेटिक्स, कबड्डी, आर्चरी, शूटिंग, रेसलिंग, जैवलिन थ्रो, वेटलिफ्टिंग जैसे अनेक खेलों में, जो अभी तक उपेक्षा झेल रहे थे, भारतीय खिलाड़ियों ने एक के बाद एक उपलब्धियां हासिल करनी शुरू कीं। भारत देखते ही देखते, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्पोर्ट्स सुपर पॉवर के रूप में उभरने लगा। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश में एक ऐसी खेल संस्कृति का उदय हुआ, जो अभूतपूर्व थी।

इसी संस्कृति को विराटता और व्यापकता देने के लिए सरकार ने 2018 में एक अभिनव अभियान का आरंभ किया, यह था ‘खेलो इंडिया गेम्स’। ‘खेलो इंडिया स्कूल गेम्स’ के नाम से शुरू की गई इस पहल की शानदार सफलता को देखते हुए इसे और विस्तार दिया गया। इसी साल भारतीय ओलंपिक संघ के इस पहल से जुड़ते ही इसे और मजबूती व लोकप्रियता मिली।

खेलो इंडिया का बढ़ता दायराः खेलों का सिलसिला बचपन तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि इसे आगे बढ़ाकर युवाओं को भी इसमें शामिल किया जाना चाहिए। इस विचार से अगले ही साल, यानी 2019 से इसका नाम बदलकर ‘खेलो इंडिया यूथ गेम्स’ कर दिया गया। और इसमें भारतीय युवाओं की विशाल आबादी को भी शामिल कर लिया गया। बचपन के उत्साह और युवा शक्ति और सामर्थ्य ने मिलकर खेलो इंडिया को इतना व्यापक स्वरूप प्रदान कर दिया है कि यह देश के सर्वाधिक सफल अभियानों में गिना जाने लगा है। यह उपलब्धि हमें कोई अनायास ही हासिल नहीं हुई है, बल्कि इसके पीछे हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की सृजनात्मक, कल्पनाशील व दूरदर्शितापूर्ण सोच व कड़ी मेहनत का बहुत बड़ा योगदान है। इसी सोच का परिणाम था कि प्रधानमंत्री ने अपने दूसरे कार्यकाल में खेल एवं युवा मंत्रालय की कमान अनुराग ठाकुर को सौपीं। ठाकुर का नाम इसलिए महत्वपूर्ण था, क्योंकि खेलों के प्रति उनके विजन की तारीफ पूरा देश करता आया है।

खिलाड़ियों को मिली पहचानः ‘खेलो इंडिया यूथ गेम्स’, जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में है, एक ऐसी अभूतपूर्व योजना है जिसे भारतीय खिलाडि़यों के दीर्घकालीन विकास का मार्ग प्रशस्त करने के लिए लागू किया गया है। खेलो इंडिया एथलीटों का चयन, खेलो इंडिया गेम्स, नेशनल चैंपियनशिप/ओपन सेलेक्शन ट्रायल्स में उनके प्रदर्शन के आधार पर किया जाता है। केंद्रीय खेल व युवा मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर ने पिछले साल लोकसभा में बताया था कि देश भर से 21 खेल विधाओं में 2,841 एथलीटों को ‘खेलो इंडिया एथलीट’ के रूप में चुना गया था। इन चुने हुए एथलीटों को खेलो इंडिया स्कॉलरशिप के लिए प्रतिस्पर्धा करने और अत्याधुनिक खेलो इंडिया अकादमियों में देश के सर्वश्रेष्ठ कोचों से प्रशिक्षण प्राप्त करने का अवसर प्रदान किया जाता है। साथ ही उन्हें दस हजार रुपये प्रतिमाह का जेब खर्च भी मिलता है।

अभी तक इस क्रम में 2017 और 2021 के बीच तीन ‘खेलो इंडिया स्कूल और यूथ गेम्स’, एक ‘खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स’ और दो ‘खेलो इंडिया विंटर गेम्स आयोजित’ किए जा चुके हैं, जिनमें लगभग बीस हजार एथलीटों ने हिस्सा लिया था। खेलो इंडिया कार्यक्रम में अभी तक जिन खेलों का समावेश किया गया है, उनमें एथलेटिक्स, कबड्डी, कुश्ती, खो-खो, जूडो, जिम्नास्टिक, तीरंदाजी, टेबल टेनिस, तैराकी, निशानेबाजी, फुटबॉल, बास्केटबॉल, बैडमिंटन, बॉक्सिंग, लॉन टेनिस, वालीबॉल, वेटलिफ्टिंग, हॉकी जैसे खेल शामिल हैं।

स्पोर्ट्स फॉर ऑल, स्पोर्ट्स फॉर एक्सीलेंसः खेलो इंडिया कार्यक्रम के प्रमुख निहित उद्देश्यों में ‘उत्कृष्टता के लिए खेल’ के साथ-साथ ‘सभी के लिए खेल’ को बढ़ावा देना, वार्षिक खेल प्रतियोगिताओं में बड़े पैमाने पर युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करना, केंद्र सरकार, राज्य सरकार या सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) पद्धति में खेल अकादमियों के माध्यम से खेल प्रतिभाओं की पहचान और पोषण व मार्गदर्शन तथा तहसील, जिला, व राज्य स्तर आदि पर खेल के बुनियादी ढांचे का निर्माण आदि शामिल हैं।

संक्षेप में कहें तो ‘खेलो इंडिया योजना’ एक ऐसा कार्यक्रम है, जो जमीनी स्तर पर भारत की खेल संस्कृति को मजबूत और पुनर्जीवित करता है और खेल प्रतिभाओं की पहचान, विकास और पोषण- प्रोत्साहन से खेल संस्कृति को विकसित करता है। यह कार्यक्रम वंचित और गरीब युवाओं को अनुत्पादक कार्यों के बजाय खेलों से जुड़कर विकास करने की सुविधा प्रदान करता है। यह योजना कितनी व्यापक है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह राष्ट्रीय शारीरिक स्वास्थ्य अभियान के तहत 10 से 18 वर्ष के बीच के लगभग बीस करोड़ बच्चों को कवर करती है। इस योजना के आकार और उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार लगातार इसके लिए आवंटित राशि की मात्रा बढ़ा रही है। वर्ष 2021-22 में इसके लिए 657.71 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जिन्हें वर्ष 2022-23 में बढ़ाकर 974 करोड़ रुपये कर दिया गया और चालू वित्त वर्ष (2023-24) में इसे 1045 करोड़ रुपये किया गया है।

(लेखक, भारतीय जन संचार संस्थान, नई दिल्ली में महानिदेशक हैं।)

इनपुट हिन्दुस्थान समाचार न्यूज एजेंसी

0Shares

गोरखपुर के रास्ते जाने वाली दर्जनों रेलगाड़ियां रद्द, जाने क्या है कारण…

Varanasi: रेलवे प्रशासन द्वारा यात्री सुविधा में उन्नयन एवं परिचालनिक सुगमता हेतु लखनऊ मण्डल के गोरखपुर कैण्ट स्टेशन पर इंजीनियरिंग कार्य हेतु गाड़ियों का निरस्तीकरण निम्नवत किया जायेगा ।

निरस्तीकरण

– गोरखपुर एवं छपरा से 30 अप्रैल से 05 मई,2023 तक चलने वाली 05156/05155 गोरखपुर-छपरा-गोरखपुर विशेष गाड़ी निरस्त रहेगी ।

– वाराणसी सिटी एवं गोरखपुर से 30 अप्रैल से 05 मई,2023 तक चलने वाली 15129/15130 वाराणसी सिटी-गोरखपुर-वाराणसी सिटी एक्सप्रेस निरस्त रहेगी ।

– वाराणसी सिटी से 29 अप्रैल से 04 मई,2023 तक चलने वाली 15132 वाराणसी सिटी-गोरखपुर एक्सप्रेस निरस्त रहेगी ।

– गोरखपुर से 30 अप्रैल से 05 मई, 2023 तक चलने वाली 15131 गोरखपुर-वाराणसी सिटी एक्सप्रेस निरस्त रहेगी ।

– गोरखपुर एवं गोण्डा से 30 अप्रैल से 05 मई,2023 तक चलने वाली 05447/05448 गोरखपुर- गोण्डा-गोरखपुर विशेष गाड़ी निरस्त रहेगी ।

– गोमतीनगर से 30 अप्रैल से 05 मई,2023 तक चलने वाली 15113 गोमतीनगर-छपरा कचहरी एक्सप्रेस निरस्त रहेगी ।

– छपरा कचहरी से 29 अप्रैल से 04 मई,2023 तक चलने वाली 15114 छपरा कचहरी-गोमतीनगर एक्सप्रेस निरस्त रहेगी ।

– प्रयागराज रामबाग एवं मुजफ्फरपुर से 01 एवं 04 मई,2023 को चलने वाली 12538/12537 प्रयागराज रामबाग-मुजफ्फरपुर-प्रयागराज रामबाग एक्सप्रेस निरस्त रहेगी ।

 

0Shares

यार्ड रिमॉडलिंग को लेकर कई ट्रेन रद्द, यहां देखें सूची…

Chhapra: रेलवे प्रशासन द्वारा यात्री सुविधा में उन्नयन एवं परिचालनिक सुगमता हेतु लखनऊ मंडल के गोरखपुर- आनन्दनगर खण्ड पर स्थित नकहा जंगल स्टेशन का यार्ड रिमाडलिंग किये जाने के परिप्रेक्ष्य में 30 अप्रैल से 09 मई,2023 तक प्री नान इण्टरलॉक एवं 10 तथा 11 मई,2023 को नान इण्टरलॉक कार्य किये जाने के कारण गाड़ियों का निरस्तीकरण, शार्ट टर्मिनेशन/शार्ट ओरिजिनेशन, पुर्ननिर्धारण एवं नियंत्रण निम्नवत किया जायेगा ।

निरस्तीकरण

– नौतनवा एवं नकहा जंगल से 01 मई एवं 06 से 11 मई,2023 तक चलने वाली 05470/05471 नौतनवा-नकहा जंगल-नौतनवा अनारक्षित विशेष गाड़ी निरस्त रहेगी ।

– गोरखपुर से 07 से 10 मई,2023 तक चलने वाली 05142 गोरखपुर-सीवान अनारक्षित विशेष गाड़ी निरस्त रहेगी।

– सीवान से 07 से 11 मई,2023 तक चलने वाली 05141 सीवान-नकहा जंगल अनारक्षित विशेष गाड़ी निरस्त रहेगी।

– गोरखपुर एवं नरकटियागंज से 07 से 11 मई,2023 तक चलने वाली 05450/05449 गोरखपुर-नरकटियागंज-गोरखपुर अनारक्षित विशेष गाड़ी निरस्त रहेगी।

– नौतनवा एवं नकहा जंगल से 07 से 11 मई,2023 तक चलने वाली 05470/05471 नौतनवा-नकहा जंगल-नौतनवा अनारक्षित विशेष गाड़ी निरस्त रहेगी।

– गोरखपुर एवं नौतनवा से 10 एवं 11 मई,2023 को चलने वाली 05469/05472 गोरखपुर-नौतनवा-गोरखपुर अनारक्षित विशेष गाड़ी निरस्त रहेगी।

शार्ट टर्मिनेशन

– गोण्डा से 30 अप्रैल से 11 मई,2023 तक चलने वाली 05376 गोण्डा-नकहा जंगल अनारक्षित विशेष गाड़ी नकहा जंगल के स्थान पर मानीराम में यात्रा समाप्त करेगी ।

– नौतनवा से 07 से 11 मई,2023 तक चलने वाली 05378 नौतनवा-गोरखपुर अनारक्षित विशेष गाड़ी गोरखपुर के स्थान पर पीपीगंज में यात्रा समाप्त करेगी ।

– छपरा से 08 से 11 मई,2023 तक चलने वाली 15105 छपरा-नौतनवा एक्सप्रेस नौतनवा के स्थान पर गोरखपुर में यात्रा समाप्त करेगी ।

– नरकटियागंज से 09 एवं 10 मई,2023 को चलने वाली 05039 नरकटियागंज-नकहा जंगल अनारक्षित विशेष गाड़ी नकहा जंगल के स्थान पर गोरखपुर में यात्रा समाप्त करेगी ।

शार्ट ओरिजिनेशन

– नकहा जंगल से 30 अप्रैल से 11 मई,2023 तक चलने वाली 05377 नकहा जंगल-गोण्डा अनारक्षित विशेष गाड़ी नकहा जंगल के स्थान पर मानीराम से चलाई जायेगी ।

– गोरखपुर से 07 से 11 मई,2023 तक चलने वाली 05033 गोरखपुर-बढ़नी अनारक्षित विशेष गाड़ी गोरखपुर के स्थान पर पीपीगंज से चलाई जायेगी ।

– नौतनवा से 08 से 11 मई,2023 तक चलने वाली 15106 नौतनवा-छपरा एक्सप्रेस नौतनवा के स्थान पर गोरखपुर से चलाई जायेगी ।

– सीवान से 09 एवं 10 मई,2023 को चलने वाली 05153 सीवान-नकहा जंगल अनारक्षित विशेष गाड़ी नौतनवा के स्थान पर गोरखपुर में यात्रा समाप्त करेगी ।

– नकहा जंगल से 09 एवं 10 मई,2023 को चलने वाली 05375 नकहा जंगल-गोण्डा अनारक्षित विशेष गाड़ी नकहा जंगल के स्थान पर गोरखपुर से चलाई जायेगी ।

– नकहा जंगल से 10 एवं 11 मई,2023 को चलने वाली 05036 नकहा जंगल-सीवान अनारक्षित विशेष गाड़ी नकहा जंगल के स्थान पर गोरखपुर से चलाई जायेगी ।

पुनर्निधारण

– सीवान से 06 से 09 मई,2023 तक चलने वाली 05153 सीवान-नकहा जंगल विशेष गाड़ी सीवान से 03 घंटा पुनर्निर्धारित कर चलाई जायेगी।

– सीवान से 10 मई,2023 को चलने वाली 05153 सीवान-नकहा जंगल विशेष गाड़ी सीवान से 01 घंटा पुनर्निर्धारित कर चलाई जायेगी।

– नकहा जंगल से 06 से 08 मई,2023 तक चलने वाली 05375 नकहा जंगल-गोण्डा विशेष गाड़ी नकहा जंगल से 02 घंटा पुनर्निर्धारित कर चलाई जायेगी।

– नकहा जंगल से 09 मई,2023 को चलने वाली 05375 नकहा जंगल-गोण्डा विशेष गाड़ी नकहा जंगल से 1.30 घंटा पुनर्निर्धारित कर चलाई जायेगी।

– नौतनवा से 07 मई,2023 को चलने वाली 18202 नौतनवा-दुर्ग एक्सप्रेस नौतनवा से 3.45 घंटा पुनर्निर्धारित कर चलाई जायेगी।

नियंत्रण

– सीवान से 01 मई,2023 को चलने वाली 05153 सीवान-नकहा जंगल विशेष गाड़ी वाराणसी मंडल पर 40 मिनट नियंत्रित कर चलाई जायेगी ।

– बांद्रा टर्मिनस से 05 मई,2023 को चलने वाली 15068 बांद्रा टर्मिनस-गोरखपुर एक्सप्रेस मार्ग में 1.40 घंटे नियंत्रित कर चलाई जायेगी ।

– बांद्रा टर्मिनस से 07 मई,2023 को चलने वाली 22921 बांद्रा टर्मिनस-गोरखपुर एक्सप्रेस मार्ग में 75 मिनट नियंत्रित कर चलाई जायेगी ।

 

 

 

 

 

 

 

0Shares

Chhapra: बनियापुर थानाध्यक्ष ने गुप्त सूचना के आधार पर ग्राम हंसराजपुर स्थित सुधा डेयरी दुकान के पास हाथ में हथियार लेकर लहरा रहे एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।  पुलिस ने इस मामले  में  हंसराजपुर निवासी प्रकाश कुमार सिंह को गिरफ्तार किया है। पूछताछ एवं तलाशी के क्रम में गिरफ्तार व्यक्ति के पास से  1 देशी कट्टा,  1 जिंदा कारतूस एवं एक मोबाईल जब्त किया गया है ।

इस संबंध में बनियापुर थाना कांड संख्या-142 / 23, दिनांक-27.04.2023, धारा-25(1-बी) ए / 26 आर्म्स अधि० दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।

गिरफ्तार अभियुक्त प्रकाश कुमार सिंह का के उपेर बनियापुर थाना कांड संख्या-86 / 19, दिनांक- 15.03.2019, धारा-30 (ए) बि०म०नि० उ० अधि० और बनियापुर थाना कांड संख्या-339 / 21, दिनांक- 02.09.2021, धारा-341 /323/379/504/34 भा० द०वि० एवं 3 ( i ) (r) (s) sc/st act दर्ज है।

पुलिस टीम में पु०अ०नि० अरूण कुमार सिंह, थानाध्यक्ष बनियापुर थाना एवं थाना के अन्य कर्मी शामिल थें 

0Shares