दरभंगा: देश के जाने माने चिकित्सक पद्मश्री डॉक्टर मोहन मिश्र अब नहीं रहे। उन्होंने बंगाली टोला, लहेरियासराय स्थित अपने आवास पर अंतिम सांसें ली। उनका निधन गुरुवार की देर रात हृदय गति रुकने से हो गया।

पद्मश्री डॉक्टर मिश्र के निधन की खबर मिलते ही पूरे इलाके में शोक की लहर है। डॉ मोहन मिश्र न सिर्फ भारत में, अपितु विश्व स्तरीय ख्यातिलब्ध चिकित्सक थे। डॉक्टर मोहन मिश्रा के बेटे डॉक्टर उद्भट मिश्र ने बताया कि डॉक्टर मोहन मिश्रा की मौत हार्ट अटैक से हुई है। पिछले तीन दिनों से वो गंभीर रूप से बीमार थे। डॉक्टर मोहन मिश्र एक जेेेनरल फिजिशियन थे, जिनकी पहचान विश्व स्तरीय थी। अपने जीवनकाल में इन्होंने कई विषयों व बीमारियों पर शोध किया। जिसको लेकर भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डा प्रणव मुखर्जी द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किए गए।

विश्व में डिमेंशिया यानी भूलने की बीमारी पर प्रभावी और सर्वमान्य रिसर्च नहीं हो सका था। दरभंगा के डॉ. मोहन मिश्र ने ब्राह्मी नामक पौधे से इस बीमारी के इलाज में सफलता पाई। कालांतर में उनके इस रिसर्च ने ब्रिटिश जर्नल में जगह पायी। इन्हें कालाजार पर शोध के लिए 2014 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया।

दरभंगा मेडिकल कॉलेज हास्पिटल (डीएमसीएच) में मेडिसीन विभाग के एचओडी रहे डॉ. मोहन मिश्र वर्ष 1995 में सेवानिवृत्त हुए। इसके बाद से वे बंगाली टोला स्थित अपने आवास पर मरीजों का इलाज करने लगे। इस दौरान उनके पास डिमेंशिया के भी कई मरीज आते रहे। जिसका सटीक दवा नहीं होने की वजस से बहुत फायदा नहीं होता था। फिर इनका ध्यान आयुर्वेद की तरफ गया और ब्राह्मी के पौधे की विशेषता की जानकारी हुई। इस विषय में काफी जानकारी जुटाई। आयुर्वेद के कई चिकित्सकों से बात की। फिर इस पौधे से डिमेंशिया के इलाज पर रिसर्च का निर्णय लिया।

निजी क्लीनिक चलाने वाले अपने दामाद डॉ. अजय कुमार मिश्र एवं पुत्र डॉ. उदभट मिश्र के साथ जून 2015 से मई 2016 तक 12 मरीजों पर रिसर्च किया। सभी को ब्राह्मी से निर्मित दवा प्रतिदिन दो बार लगातार तीन माह तक दी गई। सबों पर बेहतर परिणाम सामने आया। यह शोध वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन में पंजीकृत हुआ। यह रिसर्च वैज्ञानिकों व शोधकर्ताओं के प्रोफेशनल नेटवर्क ‘रिसर्च गेट’ पर भी उपलब्ध है। इसे लंदन के ‘फ्यूचर हेल्थकेयर जर्नल’ ने भी प्रकाशित किया। साथ ही इस शोध का प्रस्तुतीकरण 25 व 26 जून 2018 को लंदन के रॉयल कॉलेज ऑफ फिजिशियन के इनोवेशन इन मेडिसीन सम्मेलन में भी इन्होंने की थी।

0Shares

Patna : कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच बिहार स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों और कर्मचारियों की बहाली का निर्णय लिया है. तीन महीने के लिए अस्थायी तौर पर यह नियुक्ति की जाएगी. इसके लिए जिला पदाधिकारी, मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों के अधीक्षक और प्राचार्य के अलावा सिविल सर्जन को सूचित कर दिया गया है. नियुक्त होने वाले इन डॉक्टरों और नर्सों के मानदेय भी तय कर दिए गए हैं.

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि कोरोना महामारी के बीच बिहार सरकार जिला स्वास्थ्य विभाग में अतिरिक्त मानव बल की अस्थायी नियुक्ति करने जा रही है. इस नियुक्ति से कोरोना मरीजों का बेहतर इलाज हो पाएगा. चयनित कर्मियों को मानदेय भी मिलेगा. मंगल पांडेय ने बताया कि तीन कैटेगरी में नियुक्तियां की जाएंगी. इनमें विशेषज्ञ डॉक्टर, सामान्य चिकित्सक और नर्स की कैटेगरी है.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि तीन महीने के लिए अस्थायी तौर पर नियुक्त होने वाले विशेषज्ञ चिकित्सक (पीजी ) को 7,000 रुपये एवं डिप्लोमा को 5,000 रुपए प्रतिदिन मानदेय मिलेगा. जबकि, एमबीबीएस धारक डॉक्टर को 4,000 रुपए एवं बीएससी (नर्सिग) को 2,000, जीएनएम को 1,500 रुपये एवं एएनएम को 1,000 के रुपये प्रतिदिन मानदेय देने का निर्णय किया गया है. मंगल पांडेय ने कहा कि मानेदय का उपरोक्त दर कोरोना काल के परिप्रेक्ष्य में निर्धारित एक विशिष्ट दर है. इस दर को किसी अन्य उद्देश्य के लिए मानक दर नहीं माना जाएगा.

स्वास्थ्य विभाग की ओर से विशेष कार्य पदाधिकारी आनंद प्रकाश ने मानदेय से संबंधित पत्र सभी डीएम सिविल सर्जन और अस्पताल अधीक्षकों को भेज दिया है. इनके अलावा लैब टेक्नीशियन, वार्ड ब्वॉय, डाटा इंट्री ऑपरेटर, मल्टी टास्किंग स्टाफ आदि की सेवा भी पहले से निर्धारित दरों पर मासिक आधार पर ली जा सकती है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित समिति आवश्यक मानव बल की संख्या को निर्धारित करेगी.

0Shares

Patna : राज्य में कोरोना संक्रमित मरीज़ो की संख्या लगातार बढ़ रही है. ऐसे में मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए बिहटा में कोविड केअर सेंटर बनाया गया है. जिसको पूरी तरह से सेना के द्वारा संचालित किया जाएगा. गुरुवार की देर रात सेना का हवाई जहाज अपने स्वास्थ्य उपकरण और चिकित्सक सहित अन्य स्टाफ के साथ पटना पहुंचा. ये राजधानी पटना औऱ आसपास के इलाके में कोरोना का शिकार बन तड़प रहे लोगों के लिए राहत वाली बड़ी खबर है. पटना में कोरोना पीडितों का इलाज करने के लिए सेना की टीम उतर चुकी है. गुरूवार की रात वायुसेना के दो विशेष विमानों से सामान के साथ सेना की टीम ने पटना में उतरी है. सेना युद्ध स्तर पर पटना के बिहटा में 500 बेड का कोविड अस्पताल शुरू कराने में जुट गयी है.

गुरूवार की शाम वायु सेना के दो विमानों ने पटना में लैंडिग की. उसमें भारी तादाद में मेडिकल साजो सामान के साथ सेना के डॉक्टरों औऱ पारा मेडिकल स्टाफ की टीम सवार थी. एक दिन पहले बुधवार की रात भी एय़रफोर्स के दो विमानों ने पटना में लैंडिंग की थी. उसमें सेना के डॉक्टर, नर्सिंग कर्मचारी, पारा मेडिकल कर्मचारी के साथ साथ चिकित्सा से संबंधित साजोसामान थे. एय़रपोर्ट से सेना की टीम दानापुर स्थित बिहार रेजिमेंट में पहुंच चुकी है.

सेना के सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक ये सारी तैयारी पटना के बिहटा में ईएसआई के हॉस्पीटल में कोरोना के इलाज का सही प्रबंध करने का है. उम्मीद जतायी जा रही है कि शुक्रवार से सेना की टीम इस अस्पताल का कमान संभाल लेगी. जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक सेना ने बिहटा स्थित अस्पताल को सही तरीके से चालू कराने के लिए हर तरीके की तैयारी की है.

बिहटा के ESI अस्पताल में न सिर्फ कोरोना के इलाज की व्यवस्था होगी बल्कि उससे जुडी हर सुविधा मिलेगी. सेना ने पैथोलॉजी से लेकर रेडियोलॉजिस्ट की टीम भेजी है. वहीं, अस्पताल में जंग खा रहे वेंटीलेटर को चालू करने के लिए वेंटीलेटर ऑपरेटर भी भेजे गये हैं. सेना ने पूरे विशेषज्ञों की टीम भेजी है जिसमें शिशु रोग, हृदय रोग, आंख, नाक और गला विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया है. सेना इस अस्पताल के लिए एंबुलेंस की भी व्यवस्था संभालेगी.

बिहटा में बने ईएसआई के ब़ड़े अस्पताल को लेकर बिहार सरकार का हर दावा गलत साबित हुआ है. इस अस्पताल में 500 बेड लगे हैं. पीएम केयर्स से मिले 125 वेंटीलेटर पड़े हैं. लेकिन आज तक राज्य सरकार इसे सही से चालू नहीं करा पायी. वैसे खुद नीतीश कुमार इस अस्पताल को चालू कराने के दावे पिछले एक महीने से कर रहे हैं. यहां तक की पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जमकर फटकार लगा कर इस अस्पताल को चालू करने को कहा लेकिन उसका भी कोई असर नहीं हुआ. इस अस्पताल में लैब, ऑक्सीजन प्लांट, ऑपरेशन थिएटर से लेकर तमाम उपकरण मौजूद हैं. उम्मीद है कि सेना के कमान संभालने से मरीजो को बडी राहत मिलेगी.

0Shares

पटना: बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि राज्य में कोरोनावायरस की दूसरी लहर के मद्देनजर बिहार सरकार स्वास्थ्य विभाग में अतिरिक्त मानव बल की अस्थाई नियुक्ति करेगी।
मंगल पांडे ने गुरुवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि इस आलोक में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिलों में अस्थायी तौर पर मानव बल की उपलब्धता सुनिश्चित कराने को लेकर जिलाधिकारी, मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के अधीक्षक एवं प्राचार्य के अलावा सिविल सर्जन को अधिकृत किया गया है।
मंगल पांडे ने कहा कि मानव बल की संख्या बढ़ने से जहां कोरोना मरीजों का बेहतर उपचार होगा, वहीं चयनित कर्मियों को मानदेय भी मिलेगा। उन्होंने बताया कि तीन महीने के लिए अस्थायी तौर पर किये जाने वाले नियुक्ति में विशेषज्ञ चिकित्सक में पीजी को 7000 रुपये एवं डिप्लोमा को 5000 रुपये प्रतिदिन प्रतिशिफ्ट मानदेय मिलेगा। चिकित्सकों में एमबीबीएस को 4000 रुपये प्रतिदिन प्रतिशिफ्ट एवं बीएससी (नर्सिग) को 2000 प्रतिदिन प्रतिशिफ्ट, जीएनएम को 1500 रुपये एवं एएनएम को 1000 रुपये प्रतिदिन प्रतिशिफ्ट देने का निर्णय किया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मानदेय का उपरोक्त दर कोरोनाकाल के परिप्रेक्ष्य में निर्धारित एक विशिष्ट दर है। इस दर को किसी अन्य उद्देश्य के लिए मानक दर नहीं माना जायेगा। इसके अतिरिक्त लैब टेक्निशियन, वार्ड बॉय, डाटा इंट्री ऑपरेटर, मल्टी टास्किंग स्टाफ आदि की सेवा भी पूर्व से प्रचलित दरों पर मासिक आधार पर ली जा सकती है। आवश्यक मानव बल की संख्या का निर्धारण स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित समिति द्वारा किया जायेगा।

mang

0Shares

बेगूसराय: बेगूसराय में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच लचर स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने में सहयोग देने के लिए अब जिले के जनप्रतिनिधि सामने आ गए हैं। बेगूसराय जिले में सात विधायक हैं, जिसमें से सबसे पहले चेरिया बरियारपुर के राजद विधायक राजवंशी महतों ने अपने विधानसभा क्षेत्र के अस्पतालों में जीवन रक्षक सामग्री की आपूर्ति के लिए एक करोड़ रुपये रुपया दिया है।
इससे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र छौड़ाही, चेरिया बरियारपुर और खोदावंदपुर में आवश्यक जीवन रक्षा समान खरीद करने का पत्र उन्होंने डीएम को लिखा है।

विधायक राजवंशी महतों ने बताया कि तीनों स्वास्थ्य केंद्रों के लिए तीन एंबुलेंस, 36 बेड, 72 बेडशीट, 45 लीटर का 29 ऑक्सीजन सिलेंडर, दस लीटर का 16 ऑक्सीजन सिलेंडर, 26 ऑक्सीजन फ्लो मीटर, 11 ऑक्सीजन सिलेंडर ट्रॉली, पांच ऑक्सीजन कॉन्सस्ट्रेटर मशीन, तीन बीपॉप मशीन सेट, 50 पल्स ऑक्सीमीटर तथा तीन नेबुलाइजर खरीदने के लिए एक करोड़ रुपए की अनुशंसा की गई है। और राशि की जरूरत होगी तो उपलब्ध कराएंगे।

विधायक ने बताया कि राजद भले ही विपक्ष में है, लेकिन महामारी के इस दौर में हम अपनी ताकत भर पीड़ित मानवता की सेवा में लगे रहेंगे। जहां तक हो सकेगा, जो संभव होगा वह करेंगे। सभी अस्पतालों का निरीक्षण कर रहे हैं। चिकित्सकों और कर्मियों से व्यवस्था की जानकारी लेने के साथ-साथ उनका हौसलावर्धन कर रहे हैं। हमारा सेवा भाव इस विपदा की घड़ी में लगातार जारी रहेगा।

इधर, राजद विधायक द्वारा अपने ऐच्छिक फंड से एक करोड़ देने के बाद जिले के विधायकों पर भी अस्पतालों की व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए ऐच्छिक फंड से राशि देने का दबाव बढ़ने लगा है तथा लोग सोशल मीडिया के माध्यम से आवाज उठा रहे हैं। वहीं कुछ लोगों ने दिए गए राशि से तुरंत नियमानुसार सामग्री खरीदने का भी मुद्दा उठाया है।

सामाजिक कार्यकर्ता मुकेश विक्रम ने कहा कि कोरोना के पहले लहर में स्थानीय सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह द्वारा 50 लाख रुपए दिए गए थे। लेकिन उससे कोई सामान की खरीद नहीं हो सकी। भला हो जिले के सामाजिक कार्यकर्ताओं का, जिन्होंने निजी फंड से वेंटिलेटर दिया तो सदर अस्पताल में सेवा शुरू हो सकी है। राजवंशी महतों द्वारा दिए गए फंड से तुरंत खरीदारी हो, जिले के सभी विधायक अपने-अपने फंड से राशि दें तो और सामग्री की खरीद हो जाएगा। इससे अभी चल रहे इस महामारी के दौर में जीवन रक्षा में सहायता होगी और भविष्य में काफी सहूलियत होगी।

0Shares

वैशाली: जिले के बिदुपुर बाजार में उस समय अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया जब एक पटाखा दुकान में अचानक आग लग गई। देखते ही देखते आग ने रौद्र रूप धारण कर लिया।
हालांकि सूचना के बाद मौके पर तीन दमकल की गाड़ियों के साथ अग्निशमन विभाग की टीम पहुंची और आग पर काबू किया। लेकिन इस अगलगी में लाखों की क्षति हुई है।लेकिन कहा जा सकता है कि एक बड़ा हादसा अग्निशमन विभाग ने रोक लिया सूचनाओं के अनुसार पटाखों का जो मुख्य भंडार था वहां तक आग नहीं पहुंची थी अन्यथा हो सकता था बड़ा हादसा।
पूरे मामले पर बिदुपुर थाना अध्यक्ष ने कहा कि मामले की जांच चल रही है आखिर आग लगने की वजह क्या थी और पटाखा दुकान के पास लाइसेंस था कि नहीं इसकी भी जांच कराई जाएगी जो भी आगे तथ्य आएगा उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
0Shares

पटना: जेल से बाहर आने के बाद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की सियासत फिर शुरू होने जा रही है़ वे शनिवार-रविवार को राजद के विधायकों एवं एमएलसी के साथ वर्चुअल मीटिंग करेंगे. हालांकि औपचारिक रूप से अभी तारीख तय नहीं हुई है.

अलबत्ता पार्टी के आधिकारिक सूत्रों ने प्रस्तावित वर्चुअल मीटिंग की पुष्टि कर दी है. उन्होंने बताया है कि रविवार को दोपहर दो बजे लालू प्रसाद विधायकों के साथ वर्चुअल मीटिंग करेंगे. राजद के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के प्रस्ताव पर लालू प्रसाद मीटिंग के लिए तैयार हुए हैं. राजद विधायक व विधान परिषद सदस्यों को वर्चुअल मीटिंग के लिए तैयार रहने को कह दिया गया है.

जानकारों के मुताबिक, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद वर्चुअल मीटिंग में अपने विधायकों को कोरोना काल में अपने विधायकों को जनता के बीच रह कर उनकी सेवा करने के लिए प्रेरित करेंगे. साथ ही सूत्रों का कहना है कि वे अपने विधायकों से उनके क्षेत्रों में कोरोना की स्थिति से जुड़ा फीड बैक भी ले सकते हैं. विधायकों को इस संबंध में बता दिया गया है.

दरअसल राजद नेता एवं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव चाहते हैं कि राजद सुप्रीमो पार्टी पदाधिकारियों एवं विधायकों के संवाद करें. ताकि वे प्रेरित हो सकें. इस वर्चुअल मीटिंग में राजद के राष्ट्रीय एवं प्रांतीय पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे़ उल्लेखनीय है कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद दिल्ली में मौजूद हैं.

0Shares

Begusarai: बिहार में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए राज्य सरकार ने लॉकडाउन लगा दिया है. सीएम नीतीश कुमार ने खुद अपील की है कि शादी-विवाह जैसे आयोजन कुछ समय के लिए टाल दें. इसके बावजूद विवाह जारी है. शादी को लेकर बिहार के बेगूसराय में शादी करके लौटने के दौरान दूल्हे राजा मुश्किल में पड़ गए.

बेगूसराय परिहारा में एक नव दंपती को कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन करना भारी पड़ गया. शारीरिक दूरी तोड़ने के आरोप में पुलिस ने नवविवाहित जोड़े की गाड़ी को रोक दिया. मामला बखरी अनुमंडल क्षेत्र के परिहारा थाना क्षेत्र का है. ऐसे में दूल्हा-दुल्हन के साथ स्वजन भी मुश्किल में पड़ गए.

बताया जा रहा है कि बखरी थाना क्षेत्र के समसा निवासी विजय कुमार की शादी सहरसा जिले की नेहा कुमारी से तीन मई को हुई थी. विवाह के बाद चार मई को नव दंपती को वापस समसा आना था, लेकिन अत्यधिक बारिश की वजह से रास्ता जाम हो गया। ऐसे में उस दिन दूल्हा-दुल्हन वापस समसा नहीं आ सके.

इसी बीच पांच मई से 15 मई तक बिहार सरकार के द्वारा कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए बिहार में लॉकडाउन लगा दिया गया. इस दौरान निजी वाहन के परिचालन पर भी रोक लगा दी गई. बुधवार को जब विजय कुमार अपनी पत्नी नेहा कुमारी के साथ वापस आ रहे थे इसी क्रम में परिहारा की पुलिस ने नव दंपती जोड़े को रोक लिया.

ओपी प्रभारी चंद्र प्रकाश महतो ने बताया कि इन लोगों के द्वारा शारीरिक दूरी का अनुपालन नहीं किया गया था और सात आठ गाड़ियों पर निर्देश से अधिक व्यक्ति सवार थे, इसीलिए इन्हें रोका गया है. बाद में वरीय पदाधिकारी के आदेश पर छोड़ दिया गया है.

0Shares

हाजीपुर: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए ट्रेनों के परिचालन सहित अन्य रेल गतिविधियां सामान्य रूप से जारी रहे इसके लिए रेल कर्मियों के व्यापक स्वास्थ्य हित में पूर्व मध्य रेल द्वारा कई कदम उठाए गए हैं । 
पूमरे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बुधवार को बताया कि कोरोना संक्रमण से बचाव से जुड़े अन्य उपायों के साथ-साथ रेलकर्मियों के टीकाकरण पर काफी बल दिया गया है । इस दिशा में कार्य करते हुए दिनांक 04.05.2021 तक पूर्व मध्य रेल के कुल कर्मचारियों के लगभग 36 प्रतिशत रेलकर्मियों का टीकाकरण किया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि वैक्सीनेशन की दिशा में योजनाबद्ध ढंग से कार्य करते हुए 04.05.2021 तक पूर्व मध्य रेल के मुख्यालय/मंडलों मैं कार्यरत कुल 81706 कर्मचारियों में से 28844 कर्मचारियों को विभिन्न रेलवे अस्पतालों में यह वैक्सीन दी गयी। इनमें मुख्यालय में कार्यरत 2564 अधिकारियों/कर्मचारियों में से 800 रेलकर्मियों का कोविड टीकाकरण किया गया। मंडलों में भी वृहत् टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि दानापुर मंडल में 14640 रेलकर्मियों में से 4919, समस्तीपुर मंडल में 10804 रेलकर्मियों में से 3359, सोनपुर मंडल में 12820 रेलकर्मियों में से 5553, पंडित दीनदयाल उपाध्याय मंडल में 14722 रेलकर्मियों में से 3057 तथा धनबाद मंडल में कार्यरत 22401 रेलकर्मियों में से 9949 रेलकर्मी को कोरोना की वैक्सीन दी जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा हरनौत रेल कारखाना, निर्माण संगठन, प्लांट डिपो/पंडित दीन दयाल उपाध्याय मंडल और समस्तीपुर वर्कशॉप के कुल 3755 रेलकर्मियों में से 1208 रेलकर्मियों का भी टीकाकरण किया जा चुका है ।
वैक्सीनेशन की प्रक्रिया लगातार जारी है तथा शीघ्र ही शत-प्रतिशत रेल कर्मियों को वैक्सीन उपलब्ध कराया जाएगा ताकि रेलकर्मी बिना किसी भय के अपनी जिम्मेदारियों का सफलतापूर्वक निर्वहन कर सकें ।
इस दिशा में कार्य करते हुए पूर्व मध्य रेल द्वारा 04.05.2021 को एक मोबाइल ऐप ‘स्पर्श‘ लॉन्च किया गया है जिसके माध्यम से अन्य चिकित्सा सुविधा के साथ-साथ कोरोना वैक्सीन के लिए घर बैठे रेल कर्मी अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं ।

 

0Shares

पटना: बिहार के उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने चुनावी नतीजे आने के बाद पं. बंगाल में जारी हिंसा और क्रूरता पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने कहा कि चुनाव के नतीजे आने के बाद से पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी के दफ्तरों में आगजनी, भाजपा कार्यकर्ताओं पर लगातार हो रहे हमले और हत्याएं, भाजपा की महिला कार्यकर्ताओं के साथ अभद्रता की जो स्थिति सामने आई है, वह सब तृणमूल कांग्रेस की प्रायोजित रणनीति का हिस्सा है।इन घटनाओं को पूरे देश ने देखा है।
उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां देश कोरोना के संक्रमण से जूझ रहा है वहीं, दूसरी ओर बंगाल में ऐसा अलोकतांत्रिक मंजर कल्पना से परे है। दिनदहाड़े भाजपा महिला कार्यकर्ताओं के साथ बदसलूकी एवं अभद्रता सरेआम देखी जा रही रही है। पश्चिम बंगाल में महिला मुख्यमंत्री के रहते महिलाओं के साथ इस प्रकार के अत्याचार और अपमान बिल्कुल शर्मनाक है। हम बंगाल की इन घटनाओं की घोर निंदा करते हैं।
उप मुख्यमंत्री ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि लोकतंत्र में जीत और हार एक नैसर्गिक प्रक्रिया का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जीत की अपनी गरिमा और शालीनता होती है परंतु पश्चिम बंगाल में जो हालात हैं, उससे स्पष्ट है कि वहां लोकतांत्रिक मर्यादाओं का गला घोंटा जा रहा है। बंगाल में प्रशासन नाम की कोई चीज नहीं बची है। 
उन्होंनेे सवालिया लहजे में कहा कि क्या तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को घटनास्थल पर नहीं जाना चाहिए था ? क्या पश्चिम बंगाल के डीजीपी को तलब नहीं किया जाना चाहिए था, परंतु विडंबना तो इस बात की है कि तृणमूल कांग्रेस के आला नेताओं का बयान भी उकसाने वाला है और इस बात का संकेत है कि सब कुछ राज्य में सत्ता पक्ष द्वारा प्रायोजित है और बंगाल में डर और दहशत का माहौल पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ऐसे कुत्सित मंसूबों को कभी कामयाब नहीं होने देगी। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं का आह्वान करते हुए कहा कि आप बिल्कुल घबराए नहीं, पार्टी और संगठन आपकी संवेदनाओं के साथ खड़ा है। भारतीय जनता पार्टी आज अपने कार्यकर्ताओं की मेहनत और लगन के बदौलत ही पश्चिम बंगाल की मुख्य विपक्षी पार्टी बनकर उभरी है। कार्यकर्ताओं की शहादत को हम व्यर्थ नहीं जाने देंगे। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को बंगाल की जनता के साथ किये जा रहे इन अपमानों और क्रूरताओं का पूरा हिसाब देना होगा।

0Shares

Patna: 05 मई से 15 मई तक लॉकडाउन की घोषणा के साथ ही बिहार सरकार ने गाइडलाइन भी जारी की है. आमजनों के लिए राहत भरी खबर यह है कि मई महीने में राशन के लिए राशन कार्ड धारकों को किसी तरह का शुल्क नहीं देना होगा.

बिहार सरकार ने स्पष्ट किया है कि सभी राशन कार्ड धारकों को मई महीने में राशन की प्राप्ति के लिए किसी राशि का भुगतान नहीं करना होगा. राशन पर खर्च हो रही राशि का भुगतान खुद बिहार सरकार करेगी.

जून में भी लोगों को फ्री राशन मिलेगा, लेकिन वह पहले से मिल रहे राशन के अतिरिक्‍त होगा. यानी कि जून में लोगों को राशन के लिए भुगतान तो करना होगा, लेकिन उतने का ही जितना पहले देते थे और उन्‍हें जून में भी अलग से पांच किलो मुफ्त अनाज मिलेगा.

केंद्र सरकार ने हाल में मई और जून महीने के लिए फ्री में अतिरिक्‍त राशन देने की घोषणा पहले से कर रखी है. इससे कोरोना संक्रमण के चलते रोजगार पाने में कठिनाई का सामना करने वाले लोगों को बड़ी राहत मिली है. केंद्र सरकार के फैसल से बिहार के आठ करोड़ 70 लाख लोगों को पांच किलो अनाज मुफ्त दिया जा रहा है. प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण योजना के तहत मई और जून महीने में दो किलो गेहूं और तीन किलो चावल फ्री दिया जा रहा है. यह हर माह मिलने वाले अनाज के अतिरिक्त है. ऐसे में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच बेरोजगार हुए लोगों को बड़ी राहत मिली है.

0Shares

पटना: बिहार में आपदा प्रबंधन विभाग ने हाई अलर्ट जारी किया है. यह अलर्ट बिहार में आंधी, गरज के साथ बारिश, आकाशीय बिजली और तेज हवा चलने को लेकर किया गया है.

मौसम विभाग के अनुसार शाम पांच बजे तक यह अलर्ट जारी किया है. पटना सहित कई जिलों में भारी बारिश  और आकाशीय बिजली गिरने की संभावना जतायी गयी है. इसे देखते हुए आपदा प्रबंधन ने लोगों से खेत खलिहान में काम करने वालों को सुरक्षित स्थान पर शरण लेने, किसी भी हालत में पेड़ के नीचे खड़े नहीं होने तथा अपने घरों में ही रहने की सलाह दी है. 

विभाग ने पटना, जहानाबाद, गया, औरंगाबाद, भोजपुर, नालंदा, रोहतास में अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग ने पटना के मनेर, संपतचक, नौबतपुर, फतुहा में अलर्ट जारी किया है. गया के कोंच, इमामगंज, बांके बाजार, आमस, गरूआ, शेरघाटी और परैया में बिजली गिरने की संभावना जतायी जा रही है.

इसे देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग ने लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलने की अपील की है. वहीं औरंगाबाद के दाउदनगर, ओबरा, हसपुरा में बिजली गिरने की संभावना है. औरंगाबाद जिले के ही गोह, देव,मदनपुर, रफीगंज के लिए भी अलर्ट जारीे किया गया है. नवादा जिले के गोविंदपुर और अकबरपुर में बिजली गिरने की संभावना जतायी गयी है. 

भोजपुर जिले के अगिआव गरहनी चरपोखरी,पीरो, साहर, तराई, बरहरा, कोइलवर के लिए अलर्ट जारी है. रोहतास जिले के विक्रमगंज, काराकाट, बिजली गिरने की संभावना है. रोहतास के ही राजपुर,नासरीगंज,संझौली में भी अलर्ट जारी किया गया है.

 

 

0Shares