पटना: बिहार में कोरोना के मरीजों संख्या और कोरोना से होने वाली मौत के आंकड़ों में  बिहार सरकार द्वारा बड़ी गड़बड़ी की जा रही है.  यह  आरोप कांग्रेस ने राज्य सरकार और उनके स्वास्थ्य विभाग पर लगाया. कांग्रेस प्रवक्ता कुंतल कृष्ण ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग  की नाकामियों को छुपाने के लिए राज्य सरकार द्वारा कोविड के आंकड़ों में बड़ी जालसाजी की जा रही है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है, साथ ही इस कोरोना महामारी ने बिहार सरकार के स्वास्थ्य व्यवस्था में व्याप्त व्यापक भ्रष्टाचार की पोल खोल कर रख दी है.

कांग्रेस की ओर से कहा गया कि बिहार सरकार कोविड पीड़ितों और कोविड-19 से होने वाली मौतों के आंकड़ो को छुपा रही है. कांग्रेस यह आरोप बार-बार सरकार पर लगा रही है. उन्होंने कहा कि पटना हाईकोर्ट में बिहार सरकार के दो आला अधिकारियों ने कोविड से हुई मौतों को लेकर अलग-अलग आंकड़े प्रस्तुत किये हैं. बिहार सरकार के मुख्य सचिव और पटना के प्रमंडलीय आयुक्त द्वारा पटना हाइ कोर्ट को कोविड से जो मौतों की संख्या बताई गई उसमें जमीन आसमान का फर्क है. जिससे साफ पता चलता है कि किस तरह स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना से होने वाली मौत की आकड़ो में बड़ी हेरा फेरी की जा रही है.

कांग्रेस ने सरकार पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि इस तरह के आंकड़ों में हेरा फेरी की जांच हाईकोर्ट के किसी सेवानिवृत्त जज से करानी चाहिए. कांग्रेस प्रवक्ता कुंतल ने कहा कि क्या माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आंकड़ो की इस हेरा फेरी के लिए जिम्मेदार उनके कैबिनेट के सहयोगी स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों पे जिम्मेदारी तय करेंगे, कांग्रेस प्रवक्ता ने सलाह देते हुए कहा कि बिहार सरकार का स्वास्थ्य विभाग अभी से भी अपनी काबलियत को आकड़ो में हेरफेर के प्रबन्धन में लगाने की बजाय स्वास्थ्य सेवाओं के प्रबंधन में लगाए.

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पटना: राज्य में कोरोना को देखते हुए सरकार पर हमेशा  हावी रहने वाले प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।
मंगलवार को यह पत्र ट्वीटर पर अपलोड करते हुए तेजस्वी ने लिखा है मुख्यमंत्री जी से स्वास्थ्य व्यवस्था, बचाव व राहत कार्य दुरुस्त करने और कराने के उद्देश्य से विशेष अनुमति के लिए पत्र लिखा है। एक माह पूर्व सर्वदलीय बैठक में हमने 30 महत्वपूर्ण सुझाव दिए थे लेकिन किसी पर भी अमल नहीं हुआ।सरकार ना विफलताओं से सीख रही है और ना विपक्ष की सुन रही। विगत चार वर्षों में लिखे गये किसी भी पत्र का जबाव आपने नहीं दिया लेकिन उम्मीद है कि मानवीय हित में आप इस पत्र का जवाब देंगे। गांधी, लोहिया, जेपी और कर्पूरी ठाकुर जी की विचारधारा पर चलने का दंभ भरने वाले मुख्यमंत्री आज इतना अलोकतांत्रिक कैसे हो सकते हैं। जो नेता विरोधी दल के पत्र का जवाब देना भी उचित नहीं समझते। यह लोकतांत्रिक परंपराओं और संसदीय प्रणाली के लिए उचित नहीं है।
उन्होंने लिखा है बिहार में वैश्विक महामारी कोरोना के साथ.साथ स्वास्थ्य विभाग की अव्यवस्था, उदासीनता, भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी, आवश्यक दवाओं एंव ऑक्सीजन की कालाबाजारी और सरकार की असंवेदनशीलता भी चरण पर है। यह महामारी अब ग्रामीण इलाकों में भी भयावह रुप ले चुका है। वर्तमान में स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति क्या है यह किसी से छिपा नहीं है।
तेजस्वी ने मुख्यमंत्री को याद दिलाते हुए कहा है कि विधानसभा में आपने खुद कहा था कि स्वास्थ्य व्यवस्था, कोविड मैनेजमेंट, पर्यवेक्षण में विधानमंडल के निर्वाचित प्रतिनिधि भी अपना योगदान दे सकते हैं। राज्यपाल महोदय के साथ हुई सर्वदलीय बैठक में हमने 30 महत्वपूर्ण सुझाव रखे थे। जिसमें दिए गये एक सुझाव में स्पेशल टास्क फोर्स का गठन कर पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट और तमाम राजनीतिक दलों के जनप्रतिनिधियों को सम्मलित करने का प्रस्ताव था लेकिन दुर्भाग्यवश सरकार ने इसका गठन नहीं किया।
उन्होंन कहा कि कोरोना महामारी में स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था से जुझती जनता के लिए हम और हमारे सभी विधायक अपने अपने क्षेत्रों में लोगों को आवश्यक जीवन रक्षक दवाएं, ऑक्सीजन सिलेंडर, बेड मुहैया करा रहे हैं। मैं खुद इन सारे कार्यों का पर्यवेक्षण करना चाहता हूं साथ ही अपील है कि सरकार यह सुनिश्चित करें कि  इससे रोगियों व उनके परिजनों को किसी प्रकार की असुविधा ना हो। विधायकगण सहित मुझे भी राज्य के किसी अस्पताल और कोविड केयर सेंटर आदि के अंदर जाकर मरीजों एवं उनके परिजनों से मिलने और राहत पहुंचाने कोविड केयर सेंटर खोलने और सामुदायिक किचन चलाने की अनुमति प्रदान की जाए।
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Chhapra: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा वर्चुअल टूर के माध्यम से सारण जिला में लॉकडाउन अवधि में कमजोर एवं बेसहारा लोगों के लिए चलाये जा रहे सामुदायिक किचेन के संचालन के संबंध में जानकारी प्राप्त की गयी. मुख्यमंत्री ने जिला स्कूल, छपरा एवं सदर अस्पताल, छपरा में चल रहे सामुदायिक किचेन की व्यवस्था को वर्चुअली देखा और लाभान्वित हो रहे लोगों से स्वयं बात की.

मुख्यमंत्री ने गायत्री देवी, हिरामुनि देवी और प्रदीप कुमार से बात की और सामुदायिक किचेन की व्यवस्था तथा खिलाये जा रहे खाना के विषय में जानकारी ली. इन लोगों ने कहा कि लाॅकडाउन में यहाॅ पर दोनों वक्त का भोजन दिया जा रहा है. प्रदीप कुमार ने कहा कि वे बाहर में रहते हैं लेकिन जब कम्यूनिटी किचेन की व्यवस्था के बारे में सूने तो खाना खाने आ गये. उन्होने सरकार द्वारा उठाये गये इस कदम की एवं जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध करायी गयी व्यवस्था की प्रशंसा की गयी.

इस अवसर पर जिलाधिकारी डॉ निलेश रामचंद्र देवरे जिला स्कूल से जुड़े हुए थे. जिलाधिकारी ने बताया कि जिला में इस समय सभी अंचलों सहित 23 जगह सामुदायिक किचेन चलाया जा रहा है. जहाँ 16 मई 2021 को 2833 लोगों ने भोजन ग्रहण किया था. सामुदायिक किचेन में सप्ताह के अलग-अलग दिनों के लिए अलग मेन्यू बनाया गया है. तला हुआ कोई चीज नही खिलया जा रहा है. खाने से पहले लोगों का नाम पंजी में दर्ज किया जाता है. उनका हस्ताक्षर या अंगुठा निशान लिया जाता है. उनकें हाथों को ठीक से धोने के लिए कहा जाता है. यहाँ सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन कराया जा रहा है. प्रतिक्षारत लोगों को बैठने की भी व्यवस्था करायी गयी है.

जिलाधिकारी ने कहा कि सदर अस्पताल में कोविड के जो मरीज ईलाजरत हैं उनके परिजन के लिए भी वहीं पर सामुदायिक किचेन की व्यवस्था करायी गयी है.

जिला स्कूल से पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार एवं अपर समाहत्र्ता, डाॅ0 गगन जबकि सदर अस्पताल से उप विकास आयुक्त, अमीत कुमार एवं सिविल सर्जन वर्चुअल टूर के समय मुख्यमंत्री के साथ जुड़े हुए थे.

 

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पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नेे वर्चुअल बैठक में सोमवार को सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा तैयार ‘हिट-कोविड’ ऐप की शुरुआत की।

इस बाबत सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जीबेश मिश्र ने बताया कि एंड्रॉयड आधारित हिट-कोविड’ ऐप होम आइसोलेशन ट्रैकिंग एंड्राइड एप्लीकेशन एक यूजर फ्रेंडली ऐप है, जिसे राज्य में वैसे कोरोना पॉज़िटिव मरीज़, जो होम आइसोलेटेड हैं, उन्हें चिन्हित कर ट्रैक एवं उचित देखरेख प्रदान करने के उद्देश्य से विकसित किया गया है।

मंत्री ने बताया कि एप्लीकेशन का उद्देश्य राज्यभर में कोविड पॉजिटिव वैसे मरीज, जो होम आइसोलेशन में हैं, उन्हें उचित देखरेख के साथ ही समय से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाना है। उन्होंने बताया कि राज्य में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों, एएनएम को दिए गए टैबलेट में हिट-कोविड’ ऐप को इंस्टॉल किया जाएगा, जिसके माध्यम से वे अपने से सम्बंधित क्षेत्र में कोविड-19 से प्रभावित रोगी जो होम आइसोलेटेड हैं, की तात्कालिक सूचना क्षेत्रीय अस्पताल या निर्धारित स्वास्थ्य देखभाल सेवा निकाय को प्रदान करेगा।

उन्होंने कहा कि इससे स्वास्थ्य विभाग को इन रोगियों तक पहुंचने और उन्हें समय पर आवश्यक चिकित्सीय सेवा प्रदान करने में सहायता मिलेगी। हिट-कोविड’ ऐप में दर्ज होने वाली जानकारी रियल टाइम में नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य देखभाल सेवा निकायों को रोगी की स्थिति के बारे में सही सूचना उपलब्ध कराएगा, जिससे रोगी को द्रुत गति से चिकित्सीय सेवा उपलब्ध करायी जा सकेगी।

जीबेश मिश्र ने बताया कि ‘डिजिटल बिहार मिशन’ को दिशा देने वाला यह बिहार सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसे सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में राज्य में कोरोना से संघर्षरत मरीजों को अतिशीघ्र बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए तैयार किया गया है। यह एक मील का पत्थर साबित होगा। पूरे देश में व्याप्त कोरोना महामारी की दूसरी लहर के संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार की पहल कोरोना के गम्भीर संकट से जूझ रहे मरीज़, जो घर में ही आइसोलेटेड हैं, और जिन्हें तुरंत चिकित्सा की आवश्यकता है के लिए आशा की नई किरण है।

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पटना: बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर प्रहार करते हुए उनसे इस्तीफे की मांग की है. उन्होंने कहा कि आप से नहीं संभालता है तो इस्तीफा दे दें. तेजस्वी यादव आज सुबह से ही फेसबुक पर लाइव रहे. कोरोना काल में स्वास्थ्य व्यवस्था पर उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कई नसीहत दीं.

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बिहार सरकार में नेता प्रतिपक्ष का कोई महत्व नहीं है. जबकि देश मे नेता प्रतिपक्ष का पद संवैधानिक है. मैंने चार सालों में मुख्यमंत्री को कितने पत्र लिखें लेकिन हमारे मुख्यमंत्री ने एक भी पत्र का जवाब नहीं दिया. मैं तो सीएम से कहूंगा कि यदि उनसे बिहार नहीं संभल रहा तो वह अपनी अंतरात्मा की सुनें और इस्तीफा दे, हम बतायेंगे कि बिहार में किस प्रकार से सरकार चलायी जाती है. उन्होंने कहा कि सरकार को विपक्ष से किसी भी तरह का सहयोग चाहिए होगा तो हम करने के लिए तैयार रहेंगे.

कोरोना महामारी में सहायता के लिए विधायकों और एमएलसी के फंड से पैसे लिये जाने पर तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा कि पिछले साल भी विधायकों और एमएलसी के फंड से पैसे लिये गये थे वे पैसे कहां खर्च हुए. सरकार ने इस साल भी करीब 312 विधायकों और एमएलसी के फंड से दो करोड़ रुपये लिये है जिससे कुल रुपये 624 करोड़ हो जाता है इन पैसों को सरकार कहां खर्च करेगी. कुछ लोग हमसे पूछते है कि कोरोना से राज्य की जनता के लिए विधायक क्या कर रहे है मैं तो उनलोगों को कहता हूं कि विधायकों के पैसे तो सरकार ने ले लिया है. विधायक बिना पैसे के जनता की सहायता कैसे करेंगे. कुछ विधायक जो जनता की सेवा में लगे है वह भी अपने निजी पैसे से काम कर रहे है. वे बेड और ऑक्सीजन सहित अन्य चीजे अस्पतालों में उपलब्ध करा रहे है. उन्होंने कहा कि यदि सरकार को जरुरत लगे तो हमारा सरकारी बंगले का इस्तेमाल कर सकती है.

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पटना: बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आज अपने सहयोगी महागठबंधन के नेताओं के साथ तीन घंटे तक वर्चुअल बैठक की।इस बैठक के बाद महागठबंधन ने संयुक्त रूप से नीतीश सरकार के सामने 15 सूत्रीय एजेंडा रखा है।

क्या है विपक्ष का 15 सूत्रीय एजेंडा

1.कोरोना की पहली लहर के प्रारंभ से लेकर नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार महत्वपूर्ण और आवश्यक नीतिगत निर्णय लेने में असमर्थ रही, जिसके कारण आज बिहार के करोड़ों लोगों का जीवन संकट में है।अत्यंत प्रिय नेताओं व नौकरशाहों द्वारा दिखाए गए नकली गुलाबी फाइलों को ही मुख्यमंत्री सच मान बैठे और वास्तविक ज़मीनी हक़ीक़तों को नकार दिए जिससे आज बिहार विषम परिस्थिति से जूझ रहा है।

2. कोरोना की पहली लहर ने जो चेतावनी दी थी उसके आलोक में डॉक्टर्स, नर्सेज, पारा-मेडिक स्टाफ और सफाई कर्मचारियों की लाखों रिक्तियों को भरने की बजाय मुख्यमंत्रीजी ‘आंकड़ा प्रबंधन’ में लगे रहे।

3. पीएम केयर्स फंड से प्रदत्त वेंटिलेटर्स के बारे में मिल रही जानकारी अत्यंत चिंता का विषय है। अधिकतर मशीन ख़राब हैं और जो काम करने लायक़ हैं। बिहार के विभिन्न ज़िलों से इन वेंटिलेटर्स को वापस मंगवा कर पटना के निजी अस्पतालों को सौंपा जा रहा है।एक संवेदनशील सरकार को फौरी तौर पर पर विभिन्न ज़िलों में वेंटिलेटर चलाने वाले टेक्नीशियन की नियुक्ति करनी चाहिए थी ताकि दूर-दराज़ के इलाकों के लोगों की जान बचायी जा सके।

4. देश के अन्य राज्यों की तुलना में बिहार टीकाकरण के मामले में सबसे निचले पायदान पर है, जबकि विशेषज्ञ ये मानते हैं कि ज़ल्द से ज़ल्द अधिकांश आबादी का टीकाकरण ही कोरोना संकट से हमें निकाल सकता है। जहां बाकी राज्य अपने नागरिकों के बचाव के लिए केंद्र से अधिक से अधिक वैक्सीन की मांग कर रहे हैं और मजबूती से अपना पक्ष रख रहे हैं वहां मुख्यमंत्री और उनकी सरकार की चुप्पी बिहारवासियों के साथ विश्वासघात की श्रेणी में आता है।

5.ग्रामीण इलाकों की जटिलता के मद्देनजर टीकाकरण के लिए पंजीकरण और आधार कार्ड की अनिवार्यता को खत्म करते हुए स्कूल, वार्ड और आंगनवाडी केन्द्रों के माध्यम से वैक्सीनेशन सुनिश्चित किया जाए।चलन्त टीका केंद्र की शुरुआत करनी चाहिए।

6.हमारा मानना है विधान मंडल सदस्यों से मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना मद से 2021-22 से ली गयी दो करोड़ की राशि का खर्च मुख्यमंत्री जी और उनके चहेते नौकरशाहों की मनमर्जी से ना किया जाए। चूंकि विधायक क्षेत्र विशेष का प्रतिनिधित्व करते हैं अतः इस राशि को उनके क्षेत्र में चिकित्सीय कमियों और जरूरतों की पूर्ति के लिए किया जाए।

7.घरों में इलाजरत मरीजों की स्थिति भयावह है।सरकार ऐसे मरीजों के लिए ऑक्सीजन सिलिंडर या ऑक्सीजन कांन्सट्रेटर्स मुहैया कराने की दिशा में कोई कदम उठाया है? हम मांग करते है सरकार फौरी तौर पर अद्यतन स्थिति से अवगत कराते हुए सार्थक कदम उठाये।

8. हमारे बार बार आग्रह और अपील के बावजूद कोरोना जांच के मामले में बिहार फिसड्डी है।हम सरकार को आगाह करते हैं कि आंकड़ों को छुपाने और ढकने की बजाय ईमानदारी से जांच का दायरा बढ़ाये।

9.सरकार की उदासीनता के कारण कालाबाज़ारी बढ़ी और कई गुना अधिक क़ीमतों पर परिजन उन दवाओं को खरीदने पर मजबूर हुए। सरकार को इन सब चीज़ों का विशेष ध्यान रखते हुए रियल टाइम अपडेट और सप्लाई सुनिश्चित करनी चाहिए।

10. हम जानना चाहते हैं कि बीते 15 वर्षों में एमपी/एम एल ए/एमएलसी के फंड से कितने एम्बुलेंस खरीदे गए और किन किन क्षेत्रों/जिले में ये उपलब्ध है। हमारी मांग है कि इस सन्दर्भ में एक सप्ताह के अन्दर स्टेटस रिपोर्ट सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराया जाए।

11. बिहार से छोटे राज्यों जहां आबादी और संक्रमण भी कम है उनको बिहार से अधिक आवंटन हो रहा है। मुख्यमंत्री को केंद्र सरकार से ऑक्सीजन, रेमडेसिवेर जैसी दवाइयां और अन्य जीवन रक्षक उपकरणों को आबादी और संक्रमण के अनुपात में आवंटन और सप्लाई की पुरजोर मांग करनी चाहिये।

12. हम लोगों ने 17 अप्रैल को राज्यपाल महोदय के साथ हुए सर्वदलीय बैठक में सुझाव दिया था कि कोरोना प्रबंधन के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन हो जिसमें सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल हों। आज पुनः हम उस मांग को दोहराते हुए इसकी अविलंब गठन की मांग करते हैं जहां सुझावों और कोविड की अद्यतन स्थिति की जानकारी साझा हो सके।

13. सरकार सभी अधिकारियों विशेषकर ज़िलों के डीएम/एसपी को निर्देशित करे की विधायकों/सांसदों और अन्य जनप्रतिनिधियों का फ़ोन उठायें और उनके समस्याओं का संज्ञान लेते हुए त्वरित कारवाई करें।

14.प्रधानमंत्री के चीफ वैज्ञानिक सलाहकार समेत कई विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना का तीसरी लहर संभावित है। सरकार को इसके मद्देनजर विशेष तैयारी करनी चाहिए ताकि इस बार की तरह स्थिति विस्फोटक ना बने।

15. बिना कोविड जांच के अभाव में मरने वाले मरीज़ों के परिजनों को भी 4 लाख अनुग्रह राशि प्रदान किया जाए।A valid URL was not provided.

 

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पटना: बिहार में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना के नए मामले 7000 से नीचे पहुंच गए हैं. कोरोना मरीजों का रिकवरी दर में भी बहुत ज्यादा सुधार हुआ है और यह 87.89 प्रतिशत पहुंच गया है.

स्वास्थ्य विभाग द्वारा रविवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य में 6,894 नए कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान हुई है. पटना में सर्वाधिक 1,103 नए कोरोना संक्रमित मिले. जबकि 24 जिलों में सौ से अधिक नए कोरोना संक्रमितों की पहचान हुई.

पिछले 24 घंटे में राज्य में 1 लाख 20 हजार 271 सैंपल की कोरोना जांच की गई. अबतक कुल 5,72,987 मरीज ठीक हुए हैं. वर्तमान में कोविड-19 के एक्टिव मरीजों की संख्या 75,089 है.

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Patna: बिहार में शनिवार को लगातार नौवें दिन नये कोरोना संक्रमितों से अधिक स्वस्थ होनेवालों की संख्या रही. पिछले 24 घंटे में 7336 नये पॉजिटिव पाये गये, जबकि इससे करीब दोगुने 14340 मरीज ठीक हुए. इससे जहां रिकवरी दर बढ़ कर 86.63% हो गयी है, वहीं एक्टिव मरीजों में संख्या और घट कर 82,486 रह गयी है.

छह मई को एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़ कर सबसे अधिक एक लाख 15 हजार 151 हो गयी थी. लेकिन, सात मई से इसमें गिरावट शुरू हुई. इस तरह नौ दिनों में 32,665 एक्टिव मरीज कम हो गये. वहीं, संक्रमण दर घट कर 6.66% रही, जो 16 अप्रैल के बाद सबसे कम है.

छह जिलों में 50 से भी कम नये संक्रमित पाये गये. वहीं, पटना को छोड़कर किसी भी जिले में 500 से अधिक नये केस नहीं पाये गये. जिन छह जिलों में 50 से कम नये केस पाये गये हैं, उनमें कैमूर में सिर्फ नौ, भोजपुर में 29, बक्सर में 43, अरवल में 44 और लखीसराय व शिवहर में 49-49 नये पॉजिटिव पाये गये.

आठ जिलों में नये पॉजिटिवों की संख्या 50-100 के बीच है. इनमें जहानाबाद में 51, शेखपुरा में 53, जमुई में 73, रोहतास में 79, दरभंगा व सीतामढ़ी में 91-91, नवादा में 96 और सीवान में 97 नये पॉजिटिव पाये गये. राज्य में सर्वाधिक 1202 नये पॉजिटिव पटना जिले में मिले हैं. इसके अलावा समस्तीपुर में 392, भागलपुर में 361, मधुबनी में 360, वैशाली में 353, बेगूसराय में 334, मुजफ्फरपुर में 292, गया में 285, पूर्णिया में 282, पश्चिम चंपारण में 237, सुपौल में 226, सहरसा में 224, नालंदा में 220, मुंगेर में 213, सारण में 205, पूर्वी चंपारण व गोपालगंज में 191-191, कटिहार में 180, खगड़िया में 124, मधेपुरा में 122, बांका में 117, किशनगंज में 109, अररिया में 107 और औरंगाबाद में 106 नये कोरोना पॉजिटिव पाये गये. इसके अलावा अन्य राज्यों के 49 लोगों के सैंपल भी पॉजिटिव पाये गये.

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पटना: प्रदेश में आज से लॉकडाउन-2 नई शर्तों के साथ लागू हो गई है। लॉकडाउन-टू में कुछ बड़े बदलाव किए गए हैं। शहरी क्षेत्रों में अब फल, सब्जी और किराना की दुकानें सुबह 7 से 11 बजे की जगह सुबह 6 बजे से 10 बजे तक खुलेंगी। वहीं, ग्रामीण इलाके की दुकानें सुबह 8 बजे से 12 बजे तक खुलेंगी।

लॉकडाउन-टू में किनको मिलेगी छूट
अस्पताल एवं अन्य संबंधित स्वास्थ्य प्रतिष्ठान (पशु स्वास्थ्य सहित)। दवा दुकानें, मेडिकल लैब, नर्सिंग होम, एम्बुलेंस सेवाएं।ठेले पर घूमकर फल-सब्जी बेचने वाले (सिटी में सुबह 6 से 10 बजे तक, गांवों में सुबह 8 से 12 बजे तक)। रेस्टोरेंट एवं खाने की दुकानें केवल होम डिलीवरी के लिए सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक। राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित ढाबे टेक होम के आधार पर।
ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा तथा शहरी क्षेत्रों में शहरी रोजगार योजना के अन्तर्गत किए जाने वाले कार्य।

सरकारी-निजी सेवाओं में किनको छूट
जिला प्रशासन, पुलिस, सिविल डिफेंस, विद्युत आपूर्ति, जलापूर्ति, स्वच्छता, फायरब्रिगेड, स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन, दूरसंचार, डाक विभाग से संबंधित कार्यालय। बैंकिंग, बीमा, एवं एटीएम से जुड़ी सेवाएं, औद्योगिक एवं विनिर्माण कार्य से संबंधित प्रतिष्ठान। सभी प्रकार के निर्माण कार्य । ई-कॉमर्स से जुड़ी सारी गतिविधियां, कृषि एवं इससे जुड़े कार्य। कोल्ड स्टोरेज एवं वेयर हाउसिंग सेवाएं।प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, टेलीकम्यूनिकेशन, इंटरनेट सेवाएं, ब्रॉडकास्टिंग एवं केबल सेवाएं।

इसके अलावा पेट्रोल पम्प, एलपीजी, पेट्रोलियम से संबंधित खुदरा एवं भंडारण प्रतिष्ठान। निजी सुरक्षा सेवाएं। आवश्यक खाद्य सामग्री तथा फल एवं सब्जी/मांस-मछली/ दूध/पीडीएस दुकानें (ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में अलग-अलग समय पर)।

सड़क पर निकलने की इनको छूट

रेल-हवाई सफर के लिए जा सकेंगे। आवश्यक कार्यों में शामिल सेवाओं के कर्मी निजी वाहनों से जा सकेंगे।स्वास्थ्य सेवा से जुड़े वाहन चल सकेंगे। आवश्यक सेवा से जुड़े सरकारी वाहन। वैसे वाहन जिन्हें जिला प्रशासन से पास प्राप्त है। इंटरस्टेट यात्रा करने वाले वाहन आ-जा सकेंगे।

शादी समारोह, अंतिम संस्कार/श्राद्ध में क्या छूट

शादियों में अब 20 लोगों की ही अनुमति रहेगी। इसमें बारात, जुलूस और डीजे नहीं रहेंगे। तीन दिन पहले नजदीकी थाने को सूचना देनी होगी। अंतिम संस्कार-श्राद्ध में भी 20 व्यक्तियों की अनुमति होगी।

लॉकडाउन टू में यह पाबंदियां रहेगी जारी
सभी सरकारी-निजी कार्यालय 25 मई तक बंद रहेंगे। इनमें सिर्फ जरूरी सेवाओं से संबंधित कार्यालयों को ही खोलने की अनुमति है। 25 मई तक सड़क पर सभी प्रकार के वाहनों का परिचालन बंद रहेगा। अनावश्यक पैदल निकलना भी प्रतिबंधित। सभी स्कूल/कॉलेज/कोचिंग संस्थान/ ट्रेनिंग एवं अन्य शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे। सरकारी स्कूल/कॉलेजों में किसी तरह की परीक्षा नहीं होगी। सभी धार्मिक स्थल, सामाजिक/राजनीतिक/मनोरंजन/खेल-कूद/ शैक्षणिक/ सांस्कृतिक एवं धार्मिक आयोजन/ समारोह। सिनेमा हॉल, शॉपिंग मॉल, क्लब, स्विमिंग पूल, स्टेडियम, जिम, पार्क। सार्वजनिक स्थलों पर किसी भी प्रकार के सरकारी एवं निजी आयोजन पर रोक।

उल्लेखनीय है कि राज्य में जारी लॉकडाउन-1 की मियाद 15 मई को खत्म हो गई है। लॉकडाउन का असर और इसे और बढ़ाने को लेकर सभी जिलों के सिविल सार्जन और डीपीएम के साथ डॉक्टर्स से भी सरकार ने गत गुरुवार को फीडबैक लिया था। राज्य के 90 प्रतिशत अधिकारियों ने इसे प्रभावी बताते हुए लॉकडाउन के साथ वैक्सीनेशन बढ़ाने की बात कही थी। इसके बाद लॉकडाउन-2 को 25 मई तक के लिए सीएम नीतीश कुमार ने अनुशंसा कर दी थी।

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पटना: बिहार में भी ब्लैक फंगस नाम की नई बीमारी का खतरा बढ़ने लगा है. पिछले 24 घंटे के दौरान पटना में 30 ब्लैक फंगस के नए मामले पहचान में आए हैं. इनमें चार की सर्जरी हुई है जबकि अन्य का इलाज चल रहा है.

प्रदेश में पिछले सप्ताह ब्लैक फंगस का मामला आया था, इसके बाद से मामला कम नहीं हुआ. पटना में बड़े हॉस्पिटल में तो मामले डिटेक्ट हो गए लेकिन कई छोटे अस्पतालों में ब्लैक फंगस के संदिग्ध मरीजों को भर्ती कराया गया है, लेकिन अभी पुष्टि नहीं हो पाई है.

ब्लैक फंगस के शुरुआती लक्षणों वाले मरीजों को एंटी फंगल दवाएं दी जा रही हैं. लेकिन गंभीर और मध्यम लक्षण वाले रोगियों के उपचार को जरूरी लिपोसोमल अम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन देना होता है जो नहीं मिल पा रही है. दवा विक्रेता इसे कम रखते हैं. दवाओं की उपलब्धता को लेकर अब विभाग में अलर्ट है. लिपोसोमल अम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन कालाजार रोगियों के लिए आती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) और स्वास्थ्य मंत्रालय पर्याप्त मात्रा में कालाजार प्रभावित राज्यों को दवाएं उपलब्ध कराता है. बिहार में भी दवाएं हैं लेकिन डिमांड के बाद भी अस्पतालों को नहीं मिल पा रही हैं. ऐसे में मरीजों के उपचार में बाधा आ रही है. जिन अस्पतालों में संदिग्ध मरीज भर्ती हैं वहां इंजेक्शन के बजाय लिपोसोमल अम्फोटेरिसिन-बी की टेबलेट का प्रयोग किया जा रहा है.

मेडिसिन विभाग अभी इंजेक्शन उपलब्ध नहीं करा पा रहा है. औषधि नियंत्रक विश्वजीत दास गुप्ता का कहना है आज अस्पतालों को जरूरत के हिसाब से बहुत जल्द दवा उपलब्ध करा दी जाएगी. स्वास्थ्य विभाग के अफसर भी इस समस्या का समाधान करने में जुटे हैं.

उल्लेखनीय है कि ब्लैक फंगस एक फफूंद से होने वाली बीमारी है. बहुत गंभीर लेकिन दुर्लभ संक्रमण है. यह फफूंद वातावरण में कहीं भी पनप सकता है. जैव अपशिष्टों, पत्तियों, सड़ी लकड़ियों और कंपोस्ट खाद में फफूंद पाया जाता है. ज्यादातर सांस के जरिए यह शरीर में पहुंचता है. अगर शरीर में किसी तरह का घाव है तो वहां से भी ये फैल सकता है.

एमबीबीएस-एमडी और कोविड रिसर्चर डॉक्टर प्रभात रंजन ने बताया कि इस बीमारी में चेहरे के एक हिस्से में सूजन और आंखें बंद हो जाती हैं. साथ ही नाक बंद हाेना, नाक के नजदीक सूजन, मसूड़ाें में सूजन, पस पड़ना, दांताें का ढीला हाेना, तालू की हड्डी का काला हाे जाना, आंखें लाल हाेना, राेशनी कम हाेना इस बीमारी के लक्षण हैं.

उन्होंने कहा कि इस बीमारी से बचाव के लिए कुशल चिकित्सक के परामर्श के बिना खुद से स्टेरॉयड नहीं लें. नियमित शुगर स्तर की जांच कराते रहें. कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले विशेष सावधानी बरतें. डेक्सोना जैसी दवाओं के हाई डोज का इस्तेमाल चिकित्सक की सलाह पर करें. एसी कल्चर से तत्काल दूर हो जाएं. नमी और डस्ट वाली जगहों पर नहीं जाएं. ऑक्सीजन पर होने से पाइप बदलते रहें मास्क के साथ पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहने.

इनपुट एजेंसी से

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पटना: बिहार में लॉकडाउन का अच्छा असर देखने को मिल रहा है. कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण दर में काफी गिरावट है. पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में 7,336 नए कोरोना संक्रमितों की पहचान हुई. इससे पहले शुक्रवार को 7,494 मामले सामने आए थे.

राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में एक्टिव मरीजों में कमी की वजह से अस्पतालों में अब बेड भी खाली होने लगे हैं. पटना में सर्वाधिक 1,202 नए कोरोना संक्रमित पिछले 24 घंटों के दौरान मिले हैं. राज्य के 23 जिलों में एक सौ से अधिक नए कोरोना संक्रमितों की पहचान हुई. एक दिन में 1,10,172 सैंपल की कोरोना जांच की गई.

राज्य में अब तक 5 लाख 44 हजार 445 कोरोना संक्रमित मरीज इलाज के बाद स्वस्थ हो चुके हैं, जबकि अब तक 6 लाख 37 हजार 679 संक्रमितों की पहचान हुई है. राज्य में कोरोना संक्रमित 3670 मरीजों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है. राज्य में अब तक 2,78,39,046 सैंपल की कोरोना जांच की जा चुकी है.

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पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 10 जिलों के डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर तथा 09 मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में स्थापित डेडिकेटेड कोविड अस्पतालों का वर्चुअल टूर के माध्यम से व्यवस्थाओं का जायजा लिया और उसकी समीक्षा की।
मुख्यमंत्री को समस्तीपुर, पूर्णिया, सहरसा, सीवान, पूर्वी चंपारण, नालन्दा, खगड़िया, औरंगाबाद, पटना और कटिहार जिले के जिलाधिकारियों ने डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर की व्यवस्थाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने पीएमसीएच, पटना, एनएमसीएच, पटना, डीएमसीएच, दरभंगा, जेएलएनएमसीएच, भागलपुर केटीएमसीएच, मधेपुरा, एएनएमसीएच, गया, वीआईएमएस, पावापुरी, एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर,जीएमसीएच बेतिया में स्थापित डेडिकेटेड कोविड हॉस्पीटल के संबंध में जिलाधिकारियों एवं मेडिकल सुप्रीटेंडेंट/प्रिसिंपल ने अस्पताल में मरीजों के लिये किये जा रहे व्यवस्थाओं, मेडिकल ट्रीटमेंट, संसाधनों की उपलब्धता आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
वर्चुअल टूर के दौरान कुछ मरीजों के परिजनों से मुख्यमंत्री ने बात की और वहां की व्यवस्था के बारे में जानकारी ली। परिजनों ने मरीजों के इलाज एवं सेंटर पर की जा रही व्यवस्था को लेकर संतुष्टि जतायी।
मुख्यमंत्री ने कुछ स्वस्थ हो रहे मरीजों से भी बातचीत के दौरान उनसे जाना कि वे कब भर्ती हुये, कैसे इलाज हुआ और अब क्या स्थिति है। मरीजों ने डॉक्टरों, नसों के प्रति आभार जताते हुये बताया कि अब वे स्वस्थ हो रहे हैं, यहाँ की व्यवस्था अच्छी है, सभी सुविधायें मिल रही है, इसके लिये सरकार के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। मुख्यमंत्री ने मरीजों से कहा कि मेरी कामना है कि आप जल्द से जल्द स्वस्थ होकर घर जायें।
वर्चुअल निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी लोगों के द्वारा सेंटरों पर की जा रही व्यवस्थाओं की जानकारी दी गई, आप लोगों ने मरीजों के परिजनों से बात करायी, मरीजों की स्थिति भी बतायी। हमारी कामना है कि सभी मरीज जल्द से जल्द स्वस्थ हों।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना जांच की संख्या और बढ़ायें तथा कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए सभी जरुरी कदम उठायें। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन वाले मरीजों की भी पूरी खबर रखें। होम विजिट करते रहें ताकि मरीजों का उनके घर पर बेहतर ट्रीटमेंट हो सके। कोविड अस्पतालों में मरीजों एवं उनके परिजनों की हर सुविधा का ख्याल रखें। कम्युनिटी कीचेन के माध्यम से परिजनों को ससमय भोजन उपलब्ध कराते रहें।
उन्होंने कहा कि सबको सकारात्मकता एवं एकजुटता के साथ काम करना है। चिकित्सक, नर्स एवं अन्य चिकित्साकर्मी सेंटर पर हमेशा उपलब्ध रहें। मरीजों के पास उनका लगातार विजिट हो ताकि प्रॉपर ट्रीटमेंट होने के साथ-साथ उनका मनोबल भी बना रहे। मरीजों की हर सुविधा का ख्याल रखें, सरकार की तरफ से संसाधनों की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। साथ ही कहा कि डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में आईसीयू बेड की संख्या और बढ़ायें।

 

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