पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को यहां वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पथ निर्माण विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग एवं भवन निर्माण विभाग की मेंटेनेंस पॉलिसी से संबंधित समीक्षा बैठक की।

समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि अच्छी सड़कें, पुलों एवं भवनों का बेहतर निर्माण करने के साथ-साथ उसका ठीक ढंग से मेंटेनेंस करना भी हमलोगों का उद्देश्य है। सड़कों की मेंटेनेंस पालिसी को लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के दायरे में लाया गया है ताकि सड़कों के रखरखाव संबंधी लोगों के शिकायतों का निवारण हो सके। सड़कें मेंटेन रहेंगी तो अच्छी दिखेंगी और आवागमन भी सुलभ होगा।

सीएम ने कहा कि पथ निर्माण विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग एवं भवन निर्माण विभाग जल्द से जल्द विभागीय अनुरक्षण नीति की कार्य योजना बनाये। विभाग के इंजीनियर पथों के मेंटेनेंस में सक्रिय भूमिका निभायें। इससे खर्च में कमी आएगी। साथ ही कार्य की गुणवत्ता भी बेहतर होगी। चीफ इंजीनियर से लेकर जूनियर इंजीनियर तक निरीक्षण ठीक ढंग से करें विभागीय स्तर से सड़कों का बेहतर मेंटेनेंस किये जाने से इंजीनियरों की समाज में प्रतिष्ठा बढ़ेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ओपीआरएमसी के तहत जिन्हें मेंटेनेंस की जिम्मेवारी दी गयी है, उन सबकी सतत निगरानी करें मेंटेनेंस को लेकर किसी प्रकार की लापरवाही न हो, जो भी इसमें लापरवाही बरतते हैं। उन पर कड़ी कार्रवाई करें पुलों का मेंटेनेंस हमेशा होना चाहिए। पथ निर्माण विभाग एवं ग्रामीण कार्य विभाग आपस में विचार कर ब्रिज मेंटेनेंस पालिसी जल्द तैयार करें। उन्होंने कहा कि पहले सरकारी भवनों की क्या स्थिति थी, यह सभी जानते हैं। हमलोगों ने इसे मेंटेन कर बेहतर बनाया है।

इससे पहले बैठक में पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया कि राज्य में अच्छी सड़कों एवं पुल-पुलियों के निर्माण से ट्रेवल टाइम में कमी आई है तथा शिक्षा, व्यापार, कृषि आदि क्षेत्रों में चहुंमुखी विकास परिलक्षित हुआ है। 21फरवरी 2013 को ओपीआरएमसी (आउटपुट एण्ड परफार्मेंस बेस्ड रोड ऐसेट मेंटेनेंस कॉन्ट्रैक्ट) लाया गया। वर्ष 2018 में ओपीआरएमसी सेकंड फेज सात वर्षों के लिए लागू की गयी।

उन्होंने क्षेत्रीय एवं मुख्यालय स्तर पर मेंटेनेंस को लेकर सक्रिय एवं प्रभावी अनुश्रवण के संबंध में भी जानकारी दी। ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल ने बिहार ग्रामीण पथ विभागीय अनुरक्षण नीति की कार्य योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एक लाख बीस हजार छह सौ किलोमीटर ग्रामीण पथ स्वीकृत हैं जिसमें एक लाख दो हजार किलोमीटर पथ निर्मित किया जा चुका है और अठारह हजार छह सौ किलोमीटर पथ निर्माणाधीन है। उन्होंने पथों के बेहतर मेंटेनेंस के लिए प्रभावी अनुश्रवण के संबंध में भी विस्तृत जानकारी दी।भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने सरकारी भवनों के मेंटेनेंस के संबंध में जानकारी दी।

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बिहार में विप की सीटों का बंटवारा, 13 पर भाजपा और 11 पर जदयू लड़ेगी चुनाव

पटना: बिहार विधानपरिषद की 24 सीटों पर होने वाले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 13 और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) 11 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। प्रदेश भाजपा कार्यालय में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और जदयू की ओर से प्रदेश के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने संयुक्त प्रेसवार्ता में इसकी घोषणा की।

पार्टी कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि 24 सीटों पर होने वाले एमएलसी चुनाव को लेकर राजग में बात तय हो गयी है। उन्होंने कहा कि भाजपा 13 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं एक सीट वह अपने सहयोगी पशुपती पारस लोजपा गुट को देगी यानी 12-1 पर भाजपा-पारस गुट और 11 सीट पर सहयोगी जदयू चुनाव लड़ेगी।

केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि बीते चार टर्म से हम (भाजपा-जदयू) एक साथ सरकार चला रहे हैं। इससे बिहार का चौमुखी विकास हुआ है। सरकार ने प्रतिबद्धता से काम किया है। दोनों दल ने एकदूसरे का सम्मान देकर सबका साथ सबका विकास के साथ प्रदेश के विकास में अपनी भागीदारी निभायी है। उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश से आज सुबह वार्ता होने के बाद ही एमएलसी के 13-11 के फार्मूले पर सहमति बनी है।

शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि हमारा गठबंधन जितनी मजबूती से चल रहा है, यह आपके सामने है। आप सभी जनता है कि एमएलसी के 24 सीटें खाली है। हम लोग 12 पर लड़ना चाह रहे थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हालांकि, भाजपा की ओर से यह कहा गया कि हम अपने में से एक सीट पारस गुट को देंगे, जिसके बाद हम लोगों की ओर से भी सहमति दे दी गई। वीआईपी को सीट नहीं देने के सवाल पर केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि हम अपने सहयोगी को साथ लेकर ही इस चुनाव में उतरेंगे। उनकी रजामंदी और सहयोग रहेगा।

भाजपा की सीट

रोहतास, औरंगाबाद, सारण, सीवान, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, कटिहार, किशनगंज, सहरसा, गोपालगंज, बेगूसराय, समस्तीपुर और वैशाली सीट है। इनमें से वैशाली सीट से लोजपा के पारस गुट के लिए छोड़ दिया गया है।

जदयू की सीट

पटना, भोजपुर, गया, नालंदा, मुजफरपुर, पश्चिमी चांपारण, सीतमामढ़ी, भागलपुर, मुंगेर, नवादा और मधुबनी।

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पटना: बिहार विधानपरिषद की 24 सीटों पर होने वाले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 13 और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) 11 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। प्रदेश भाजपा कार्यालय में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और जदयू की ओर से प्रदेश के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने संयुक्त प्रेसवार्ता में इसकी घोषणा की।

पार्टी कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि 24 सीटों पर होने वाले एमएलसी चुनाव को लेकर राजग में बात तय हो गयी है। उन्होंने कहा कि भाजपा 13 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं एक सीट वह अपने सहयोगी पशुपती पारस लोजपा गुट को देगी यानी 12-1 पर भाजपा-पारस गुट और 11 सीट पर सहयोगी जदयू चुनाव लड़ेगी।

केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि बीते चार टर्म से हम (भाजपा-जदयू) एक साथ सरकार चला रहे हैं। इससे बिहार का चौमुखी विकास हुआ है। सरकार ने प्रतिबद्धता से काम किया है। दोनों दल ने एकदूसरे का सम्मान देकर सबका साथ सबका विकास के साथ प्रदेश के विकास में अपनी भागीदारी निभायी है। उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश से आज सुबह वार्ता होने के बाद ही एमएलसी के 13-11 के फार्मूले पर सहमति बनी है।

शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि हमारा गठबंधन जितनी मजबूती से चल रहा है, यह आपके सामने है। आप सभी जनता है कि एमएलसी के 24 सीटें खाली है। हम लोग 12 पर लड़ना चाह रहे थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हालांकि, भाजपा की ओर से यह कहा गया कि हम अपने में से एक सीट पारस गुट को देंगे, जिसके बाद हम लोगों की ओर से भी सहमति दे दी गई। वीआईपी को सीट नहीं देने के सवाल पर केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि हम अपने सहयोगी को साथ लेकर ही इस चुनाव में उतरेंगे। उनकी रजामंदी और सहयोग रहेगा।

भाजपा की सीट
रोहतास, औरंगाबाद, सारण, सीवान, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, कटिहार, किशनगंज, सहरसा, गोपालगंज, बेगूसराय, समस्तीपुर और वैशाली सीट है। इनमें से वैशाली सीट से लोजपा के पारस गुट के लिए छोड़ दिया गया है।

जदयू की सीट
पटना, भोजपुर, गया, नालंदा, मुजफ्र, पश्चिमी चांपारण, सीतमामढ़ी, भागलपुर, मुंगेर, नवादा और मधुबनी।

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मोतिहारी: संस्कार भारती, बिहार प्रदेश द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष में 29 जनवरी, 2022 (शनिवार) को सांय 5:30 से “स्वतंत्रता संग्राम में बिहार की पत्रकारिता और साहित्य” विषयक ऑनलाइन परिचर्चा का अयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल के पूर्व कुलपति एवं वरिष्ठ पत्रकार अच्युतानंद मिश्र करेंगे।

मुख्य वक्ता के तौर पर दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग की प्रोफेसर एवं निदेशक, हिंदी माध्यम कार्यान्वयन निदेशालय की प्रो. कुमुद शर्मा होंगी। इस परिचर्चा में सानिध्य एवं मार्गदर्शन बिहार लोक सेवा आयोग, बिहार के सदस्य प्रोफेसर अरुण कुमार भगत का प्राप्त होगा।

कार्यक्रम के संयोजक भोजपुरी सांस्कृतिक समूह, संस्कार भारती, बिहार के सह संयोजक डॉ परमात्मा कुमार मिश्र है।

मीडिया को जानकारी देते हुए कार्यक्रम संयोजक डॉ परमात्मा कुमार मिश्र ने बताया कि यह परिचर्चा संस्कार भारती के फेसबुक पेज से लाइव प्रसारित किया जाएगा। जिसमें स्वतंत्रता संग्राम में बिहार की पत्रकारिता और साहित्य के विविध आयामों पर सविस्तार से चर्चा की जाएगी। इस परिचर्चा में भाग लेने हेतु प्रतिभागी संस्कार भारती बिहार प्रदेश के फेसबुक पेज से जुड़ सकते हैं।

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भाजपा ने सामान्य जनभागीदारी, सहभागिता और समर्पण के उद्देश्य से शुरु किया माइक्रो डोनेशन अभियान

Chhapra: भारतीय जनता पार्टी को आर्थिक रूप से सबल बनाने के साथ साथ आमजनमानस में पार्टी गतिविधि की सहभागिता, सामान्य जनभागीदारी को बढ़ाने के उद्देश्य से शुक्रवार को माइक्रो डोनेशन अभियान की शुरुआत की गई.

स्थानीय सर्किट हाउस में भाजपा व्यपार प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित इस अभियान की शुरुआत सूबे के गन्ना मंत्री प्रमोद कुमार द्वारा की गई.

इस अवसर पर बिहार सरकार के गन्ना एवं विधि मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा पार्टी के लिए चंदा जुटाने के साथ-साथ जनभागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से भाजपा द्वारा माइक्रो डोनेशन अभियान चलाया जा रहा है.

पार्टी द्वारा इस अभियान के तहत तीन ‘स’ यानी सहभागिता, समर्पण, एवं सामान्य जनभागीदारी को बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है. आर्थिक सुचिता और पारदर्शिता के पर्याय इस अभियान के माध्यम से आम जनता एवं भाजपा परिवार के सदस्य अपनी क्षमता व इच्छानुसार 5 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक की सहयोग राशि नमो एप के माध्यम दे सकते हैं.

माइक्रो डोनेशन अभियान का मकसद पैसे जमा करना नहीं, बल्कि अधिक से अधिक लोगों को भाजपा से जोड़ना है. समाज का बड़ा वर्ग जो हमारे संगठन से प्रत्यक्ष रूप नहीं जुड़ा है लेकिन हमारी विचारधारा एवं नीतियों का समर्थक है. इस अभियान का उद्देश्य वैसे अधिक से अधिक लोगों को माइक्रो डोनेशन के तहत पार्टी से जोड़ना है.

इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष रामदयाल शर्मा ने कहा यह अभियान भाजपा को और अधिक सर्वस्पर्शी, सर्व समावेशी और सर्वव्यापी बनाने की तरफ उठा एक महत्वपूर्ण कदम है. उन्होंने सभी से आग्रह है कि स्वयं भी इस अभियान के सहभागी अवश्य बनें तथा साथ ही कम से कम 100 व्यक्तियों को इस अभियान से जोड़, भाजपा को और सशक्त बनाने में अपना योगदान दें. इस अवसर पर सैकड़ो लोगो ने भाजपा को माइक्रो डोनेशन किया.

भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के जिला संयोजक वरुण प्रकाश ने कहा कि इस अभियान को व्यापार प्रकोष्ठ के द्वारा और गति दी जाएगी. इस माइक्रो डोनेशन से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ा जाएगा.

इस अवसर पर बिहार विधान सभा के उप सचेतक सह तरैया विधायक जनक सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष रामदयाल शर्मा, छपरा विधायक डॉक्टर सीएन गुप्ता, महामंत्री शांतनु कुमार, भाजपा युवा नेता श्याम बिहारी अग्रवाल, जिला मंत्री सत्यानंद सिंह, सुपन राय, गायत्री देवी, व्यापार प्रकोष्ठ के जिला संयोजक वरुण प्रकाश राजा, महिला मोर्चा अध्यक्ष अनु सिंह, नेहा यादव आदि ने किया.

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पटना: आरआरबी-एनटीपीसी परीक्षा में धांधली को लेकर छात्रों का आंदोलन जारी हैं। छात्रों ने शुक्रवार 28 जनवरी को बिहार बंद का आह्वान किया है, जिसे जाप राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने समर्थन देने का एलान किया है।

जन अधिकार छात्र परिषद और युवा परिषद छात्रों के समर्थन में कल बिहार बन्द को सफल बनाएगा। पप्पू यादव ने आज यहां कहा कि छात्रों को गोली और लाठी के बल पर धमकाया जा रहा हैं। केंद्र और राज्य सरकार की छात्र विरोधी नीतियों के कारण लगभग तीन करोड़ से ज्यादा छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया हैं। जाप राष्ट्रीय अध्यक्ष में प्रेस से बातचीत में बंद को समर्थन देने की घोषणा की हैं। पप्पू यादव ने कहा कि छात्र अहिंसक तरीके से अपनी लड़ाई को लड़ रहे हैं। केंद्र सरकार और प्रशासन जबरन इस आंदोलन को हिंसक बना रहा हैं. छात्र आंदोलन का जाप सभी तरीकों से पुरजोर समर्थन करेगी।

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पटना: बिहार में रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड (आरआरबी) नॉन टेक्निकल पॉपुलर कैटेगरी (एनटीपीसी) रिजल्ट में गड़बड़ी को लेकर बीते तीन दिनों से जारी घमासान के बाद पटना पुलिस ने बुधवार देर रात खान सर, एस.के झा सर, नवीन सर, अमरनाथ सर, गगन प्रताप सर, गोपाल वर्मा सर तथा बाजार समिति के कई अन्य कोचिंग संस्थानों पर छात्रों के आंदोलन के लिए भड़काने का आरोप लगाते हुए पत्रकार नगर थाने में एआईआर दर्ज किया है।

इन पर आरोप है कि आंदोलन के लिए अभ्यर्थियों को भड़काया और मार्गदर्शन किया। पत्रकार नगर थाने में एफआईआर दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। एफआईआर होने के बाद खान सर फरार है।कोचिंग बंद और मोबाइल भी स्विच ऑफ आ रहा है। खान सर ने 30 नवंबर, 2021 को अपने यूट्यूब चैनल पर आरआरबी-एनटीपीसी से संबंधित एक वीडियो अपलोड किया था। उन्होंने इसमें नौकरी से संबंधित सभी जानकारियों का जिक्र किया है।

इसके साथ उन्होंने भर्ती बोर्ड की खामियों को बताने के साथ किसान आंदोलन से जुड़ी कुछ तस्वीरों को भी शेयर किया है और लिखा है कि ‘छात्रों को अपनी मुहिम किसान आंदोलन की तर्ज पर लंबी चलानी होगी।’ उनके इस वीडियो पर 25.77 लाख व्यूज है। दो लाख 40 हजार लाईक हैं और इसमें एक भी डिसलाईक नहीं है। इसके बाद एक दिसंबर को उन्होंने रेलवे अभ्यर्थियों के समर्थन में ट्विटर पर #Justice_For_Railway_Students कैंपेन भी चलाया, जिसमें लाखों लोगों ने ट्वीट किया है। खान सर ने आरआरबी-एनटीपीसी रिजल्ट को लेकर यूट्यूब पर वीडियो की सीरीज बना डाली है। हर वीडियो में उन्होंने रेलवे पर सवाल उठाया है।

खान सर के समर्थन में आए मांझी और शिवानंद
पूर्व मुख्यमंत्री और हम पार्टी के सुप्रीमो जीतन राम मांझी और राष्ट्रीय जनता दल के नेता शिवानंद तिवारी ने खान सर पर हुए एफआईआर का विरोध किया है। शिवानंद तिवारी ने गुरुवार को परीक्षा बोर्ड पर मुकदमे की मांग की है। हम सुप्रीमो जीतनराम मांझी ने ऐसे कदमों से आंदोलन के और भड़ने की आशंका जाहिर की है।शिवानंद तिवारी ने मांग की है कि पुलिस को शिक्षकों की जगह रेलवे भर्ती बोर्ड के अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज करना चाहिए। पुलिस को रेलवे बहाली बोर्ड पर मुकदमा दर्ज करना चाहिए। इनके अध्यक्ष सहित तमाम सदस्यों को अभियुक्त बनाया जाना चाहिए।

महागठबंधन ने कहा, सरकार का दमनात्मक रूख निंदनीय
छात्रों के आंदोलन के मद्देनजर महागठबंधन ने आज बैठक की। बैठक के बाद महागठबंधन के दलों ने संयुक्त प्रेस बयान जारी कर कहा कि आंदोलनरत छात्र युवाओं के प्रति सरकार का दमनात्मक रूख निंदनीय है। बर्बर पुलिसिया दमन, आंसू गैस गिरफ्तारी व मुकदमे थोपकर सरकार आंदोलन को कुचलने की कोशिश कर रही है, जो कहीं से जायज नहीं है। बीते सात वर्षों में भाजपा के राज में वे अपने को लगातार छला महसूस कर रहे हैं। बिहार की सरकार ने भी उन्हें धोखा दिया है।

उन्होंने कहा कि ऐसी कोई परीक्षा नहीं है जिसकी प्रक्रिया पूरी होने में कम से कम 5 से 7 साल का समय नहीं लगता हो, इससे लोग तंग आ गए हैं। बेरोजगारी का आलम यह है कि ग्रुप डी तक की परीक्षा में भी करोड़ों आवेदन आते हैं। बिहार में तो बेरोजगारी चरम पर है, इसलिए सबसे ज्यादा तीखा प्रतिवाद यहीं देखा जा रहा है।28 जनवरी को छात्र संगठन इनौस और आइसा ने रेलवे परीक्षार्थी के आंदोलन को समर्थन देते हुए बिहार बंद का ऐलान किया है।

सीपीआरओ ने की शांति की अपील
सीपीआरओ राजेश कुमार ने हि.स. से बातचीत में कहा कि रेलवे परीक्षा में रिजल्ट को लेकर छात्रों के प्रदर्शन पर मैं सभी छात्रों से अपील करना चाहता हूं कि रेल मंत्रालय आपकी समस्याओं के प्रति काफी संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि आपकी शिकायतें के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। निवेदन है कि शांति बनाए रखें, धैर्य रखें। परीक्षा निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से ली गई है।

क्या है पूरा मामला
रेलवे ने वर्ष-2019 में लोकसभा चुनाव के वक़्त एनटीपीसी के माध्यम से 35,308 पोस्टों के लिए और ग्रुप डी के लिए लगभग एक लाख तीन हज़ार पोस्टों के लिए आवेदन मंगाया। फ़रवरी-मार्च में छात्रों ने फ़ॉर्म भरा। अप्रैल-मई में नई सरकार बन गई। जुलाई तक परीक्षा लेने की संभावित तारीख़ दी गई थी लेकिन साल 2019 में परीक्षा नहीं ली गई। साल 2021 में परीक्षा हुई और साल 2022 में सीबीटी-1 (एनटीपीसी) का रिज़ल्ट जारी किया गया। उस वक़्त नोटिफ़िकेशन में यह बात लिखी गई थी कि रेलवे बोर्ड सीबीटी-1 (एनटीपीसी) में 20 गुना रिज़ल्ट देगा लेकिन इन्होंने एक छात्र को पांच जगह गिना। इससे यह तो हुआ कि छात्र को 20 गुना रिज़ल्ट दिया। वास्तविकता में रेलवे बोर्ड ने मात्र 10-11 गुना रिज़ल्ट ही दिया है।

छात्रों के आंदोलन के मद्देनजर महागठबंधन ने आज बैठक की। बैठक के बाद महागठबंधन के दलों ने संयुक्त प्रेस बयान जारी कर कहा कि आंदोलनरत छात्र युवाओं के प्रति सरकार का दमनात्मक रूख निंदनीय है। बर्बर पुलिसिया दमन, आंसू गैस गिरफ्तारी व मुकदमे थोपकर सरकार आंदोलन को कुचलने की कोशिश कर रही है, जो कहीं से जायज नहीं है। बीते सात वर्षों में भाजपा के राज में वे अपने को लगातार छला महसूस कर रहे हैं। बिहार की सरकार ने भी उन्हें धोखा दिया है।

उन्होंने कहा कि ऐसी कोई परीक्षा नहीं है जिसकी प्रक्रिया पूरी होने में कम से कम 5 से 7 साल का समय नहीं लगता हो, इससे लोग तंग आ गए हैं। बेरोजगारी का आलम यह है कि ग्रुप डी तक की परीक्षा में भी करोड़ों आवेदन आते हैं। बिहार में तो बेरोजगारी चरम पर है, इसलिए सबसे ज्यादा तीखा प्रतिवाद यहीं देखा जा रहा है।28 जनवरी को छात्र संगठन इनौस और आइसा ने रेलवे परीक्षार्थी के आंदोलन को समर्थन देते हुए बिहार बंद का ऐलान किया है।

सीपीआरओ ने की शांति की अपील
सीपीआरओ राजेश कुमार ने हि.स. से बातचीत में कहा कि रेलवे परीक्षा में रिजल्ट को लेकर छात्रों के प्रदर्शन पर मैं सभी छात्रों से अपील करना चाहता हूं कि रेल मंत्रालय आपकी समस्याओं के प्रति काफी संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि आपकी शिकायतें के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। निवेदन है कि शांति बनाए रखें, धैर्य रखें। परीक्षा निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से ली गई है।

क्या है पूरा मामला
रेलवे ने वर्ष-2019 में लोकसभा चुनाव के वक़्त एनटीपीसी के माध्यम से 35,308 पोस्टों के लिए और ग्रुप डी के लिए लगभग एक लाख तीन हज़ार पोस्टों के लिए आवेदन मंगाया। फ़रवरी-मार्च में छात्रों ने फ़ॉर्म भरा। अप्रैल-मई में नई सरकार बन गई। जुलाई तक परीक्षा लेने की संभावित तारीख़ दी गई थी लेकिन साल 2019 में परीक्षा नहीं ली गई। साल 2021 में परीक्षा हुई और साल 2022 में सीबीटी-1 (एनटीपीसी) का रिज़ल्ट जारी किया गया। उस वक़्त नोटिफ़िकेशन में यह बात लिखी गई थी कि रेलवे बोर्ड सीबीटी-1 (एनटीपीसी) में 20 गुना रिज़ल्ट देगा लेकिन इन्होंने एक छात्र को पांच जगह गिना। इससे यह तो हुआ कि छात्र को 20 गुना रिज़ल्ट दिया। वास्तविकता में रेलवे बोर्ड ने मात्र 10-11 गुना रिज़ल्ट ही दिया है।

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-राज्य के अलग-अलग हिस्सों में सड़कों और रेलवे ट्रैक पर नाराज छात्रों का प्रदर्शन

पटना/गया: आरआरबी-एनटीपीसी के परिणाम में धांधली के विरोध में बिहार के छात्रों का आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को लगातार तीसरे दिन आंदोलनकारी छात्रों ने गया रेलवे जंक्शन पर ट्रेन के एक कोच में आग लगा दी। हालात को काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े हैं।

उधर, राज्य के दूसरे स्थानों पर भी छात्र सड़कों पर उतर गए हैं। रोहतास, जहानाबाद, समस्तीपुर समेत कई इलाकों में छात्र रेलवे ट्रैक पर उतर कर नारेबाजी करने लगे। छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए राज्य में रेल आवागमन प्रभावित हुआ है और कई स्थानों पर ट्रेन खड़ी हो गईं। जहानाबाद रेलवे स्टेशन के पास बुधवार सुबह भारी संख्या में छात्रों ने गया-पटना रेलखंड पर ट्रेन का परिचालन बाधित कर दिया। छात्रों के हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को आगे आकर प्रेसवार्ता करनी पड़ी है।

एडीजी निर्मल कुमार आजाद ने मीडिया से बातचीत में कहा कि रेल पुलिस-आरपीएएफ के साथ राज्य के जिस जिले में छात्रों का आंदोलन उग्र हैं, वहां जिला पुलिस की टीम मौजूद है। उन्होंने कहा कि गया में जहां छात्र आंदोलन का व्यापक असर देखा गया है वहां खुद गया के एसएसपी मौजूद हैं। हालात को काबू करने में लगे हैं। रेलवे में लॉ एंड ऑर्डर की समस्या बन गई है। इस पर काबू पाने के लिए रेलवे के आला अधिकारियों से बात की जा रही है। साथ ही सभी रेल जिला पुलिस को अलर्ट पर रखा गया है। क्योंकि, छात्र कभी भी कहीं भी रेलवे ट्रैक पर पहुंच जा रहे हैं और हंगामा कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि बीते तीन दिन से एनटीपीसी परिणाम को लेकर बिहार में अभ्यर्थियों के व्यापक विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए रेलवे बोर्ड ने बड़ा फैसला किया है। रेल मंत्रालय ने एनटीपीसी और लेवल वन परीक्षा पर फिलहाल रोक लगा दी है। इसके अलावा रेल मंत्रालय ने एक हाई पावर कमेटी का गठन कर दिया है। यह कमेटी परीक्षा में पास और फेल हुए अभ्यर्थियों की शिकायत को सुनेगी और इसकी रिपोर्ट रेल मंत्रालय को सौंपेगी। इसके बाद रेल मंत्रालय आगे का निर्णय लेगा। फिलहाल रेलवे की परीक्षा पर रेल मंत्रालय ने रोक लगा दी है। देशभर में 1.26 करोड़ छात्रों ने परीक्षा के लिए आवेदन किया था।

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पटना: इस वर्ष गणतंत्र दिवस पर बिहार के 16 पुलिस अधिकारियों और कर्मियों को गृह मंत्रालय सम्मानित करेगा । इसमें दो आइपीएस को राष्ट्रपति पदक दिया जायेगा । इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सूची जारी कर दी है । सूची के अनुसार बिहार के दो पुलिस पदाधिकारियों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक और सराहनीय सेवा के लिए 14 पुलिस अधिकारियों को पुलिस मेडल दिया जाएगा।गृह मंत्रालय की ओर से पुलिस अधिकारियों को यह सम्मान प्रत्येक वर्ष दिया जाता है।

विशिष्ट सेवा के लिए इस साल सीनियर आइपीएस अधिकारी एवं एडीजी अभियान सुनील खोपड़े और सीनियर आइपीएस एडीजी विशेष शाखा सुनील कुमार को राष्ट्रपति पुलिस पदक देने की घोषणा की गई है। इसके साथ सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किये जाने वाले पुलिस कर्मियों में एडीजी रेल लक्ष्मण कुमार सिन्हा, एसआइ दिनेश कुमार मिश्रा, एसआइ शुभकांत चौधरी, हवलदार ब्रजकिशोर सिंह, हवलदार शाह मोहम्मद, हवलदार राजेश कुमार हंसदा, हवलदार अनिल कुमार श्रीवास्तव, हवलदार जितेन्द्र राम, हवलदार उदय प्रताप सिंह, हवलदार मो.नसीम, हवलदार मदन तिवारी, कांस्टेबल भरत प्रसाद यादव, सिपाही रमेश प्रसाद, ड्राइवर विजय कुमार शामिल है ।

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Patna: रेलवे ग्रुप डी की परीक्षा में बदलाव में बदलाव से नाराज छात्रों ने सोमवार देर शाम सैकड़ों की संख्या में जमा होकर दानापुर रेल मंडल के राजेंद्र नगर टर्मिनल स्टेशन पर रेलवे ट्रैक को जाम कर हंगामा किया.

नाराज छात्रों के हंगामे के कारण विभिन्न स्टेशनों पर कई महत्वपूर्ण ट्रेनें खड़ी रहीं.

नाराज छात्रों को समझाने के लिए जीआरपी, आरपीएफ के अलावा पटना पुलिस भी मौके पर पहुंची, लेकिन छात्र रेलवे ट्रैक से हटने का नाम नहीं ले रहे थे. जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आशु गैस के गोले भी दागे.

रेलवे ग्रुप डी की परीक्षा में बदलाव से छात्र नाराज हैं. छात्रों ने आरोप लगाया है कि फरवरी 2019 में उन्होंने फॉर्म भरा था. रेलवे की तरफ से सितंबर 2019 में परीक्षा लेने की बात भी कही गई थी. लेकिन तय समय पर परीक्षा नहीं हुई. तब डिपार्टमेंट ने दिसंबर 2021 में आश्वस्त किया था कि सीबीटी की परीक्षा 23 फरवरी 2022 से शुरू होगी. अब अचानक रेलवे ने सोमवार को नोटिस जारी कर कहा है कि ग्रुप डी की परीक्षा एक नहीं, बल्कि 2 एग्जाम के तहत ली जाएंगी. छात्रों ने कहा कि यह फैसला छात्रों के हित में नहीं है.

छात्रों का कहना है कि एक परीक्षा की तैयारी कर रहे थे, लेकिन अब इस फैसले से उन्हें परेशानी झेलनी पड़ेगी. छात्रों ने यह भी आरोप लगाया कि एग्जाम में पहले से ही देरी हो गई है और अब ऐसे में दो परीक्षा आयोजित होने से दो-तीन साल और लग जाएंगे.

छात्रों के हंगामे का असर रेल परिचालन पर पड़ा और कुछ ट्रेनों का परिचालन रद्द किया गया. वहीँ कुछ के रूट में बदलाव किया गया है.

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बेतिया: बेतिया मुफस्सिल थाना के हरदिया में रविवार को मारपीट के मामले में बिहार सरकार में पर्यटन मंत्री नारायण साह के भाई, पुत्र व समधी सहित सात लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई है।

थानाध्यक्ष उग्रनाथ झा ने सोमवार को बताया कि हरदिया निवासी लालबाबू प्रसाद की पत्नी रीना देवी की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई है। जिसमें पर्यटन मंत्री के भाई बिशुनपुरा निवासी हरेंद्र साह, पुत्र नीरज कुमार उर्फ बबलू, चनपटिया थाना क्षेत्र के चुहड़ी निवासी विजय कुमार, हरदिया के विश्वनाथ महतो, बगम्बरपुर के संतोष साह, बगम्बरपुर तुरहाटोली के रंजीत कुमार, पूर्वी चंपारण के मलाही थाना क्षेत्र अंतर्गत पुरंदरपुर निवासी झुनझुनू कुमार को नामजद किया गया है।घटनास्थल से मिले रायफल , पिस्तौल , स्कोर्पियो गाड़ी , रायफल की चार तथा पिस्तौल की 6 गोली को जब्त कर लिया गया है ।झुनझुन कुमार पर्यटन मंत्री के समधी हैं।

रीना देवी ने आरोप लगाया है कि उनके व गांव के कुछ अन्य लोगों का जमीन नापी के दौरान हरेंद्र साह के जमीन में से निकल गया था। इस जमीन को उसके परिजन व अन्य जमीन वाले लोग जोत लिए थे। जिसके चलते हरेंद्र साह तथा बिहार सरकार के पर्यटन मंत्री नारायण साह के परिवार के लोग मार कर खत्म कर देने की फिराक में रहते थे। बीते 23 जनवरी को उसके पुत्र जनार्दन कुमार तथा गांव के 15-20 लड़के हरदिया मिडिल स्कूल के पश्चिम स्थित बगीचा में क्रिकेट खेल रहे थे। पुरानी दुश्मनी साधने के नियत से आरोपी अपनी गाड़ी से हाथ में लोहे का रॉड, पिस्तौल कट्टा, राइफल, बंदूक तथा अन्य हथियार लेकर आए । क्रिकेट खेल रहे बच्चों को घेर कर मारपीट करने लगे। नीरज कुमार उर्फ बबलू तथा हरेंद्र साह उसके पुत्र को जान से मारने की नियत से अपने हाथ में लिए पिस्टल, राइफल से फायर किए। लेकिन इधर उधर भागने के कारण गोली नहीं लगी।

विजय कुमार साह तथा झुनझुनू कुमार हाथ में लिए लोहे की रॉड से अंधाधुन मारने लगे। बबलू ने लोहे की रॉड से उसके पुत्र के सिर पर मारा। जिससे उसका सिर फट गया और वह वही गिरकर तड़पने लगा। अन्य आरोपी भी मारपीट कर रहे थे, जिससे कई लड़के घायल हो गए। बच्चों के चीखने और गोली की आवाज सुनकर गांव की महिला पुरुष वहां पहुंच कर बच्चों को बचाने लगे। जिससे उन लोगों को भी चोट लगी। रीना ने बताया है कि इसके बाद पुलिस को फोन किया गया। सूचना पर दो-तीन गाड़ी के साथ पुलिस आई। पुलिस और ग्रामीणों को देखकर आरोपी भागने लगे। पुलिस और ग्रामीणों के सहयोग से भागते लोगों के पास से पिस्टल, राइफल तथा गोली बरामद किया गया। लेकिन भीड़ का लाभ उठा सभी भाग गए। रीना ने पुलिस ने बताया है कि उसका पुत्र अभी जीएमसीएच अस्पताल में जीवन-मौत के बीच जूझ रहा है।

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-सरकार ने जारी की अधिसूचना

पटना: बिहार की नीतीश सरकार ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के सात अधिकारियों का तबादला किया है। गृह विभाग ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है।

गृह विभाग ने जिन आईपीएस अधिकारियों का तबादला किया गया है उनमें से ज्यादातर 2009 और 2010 बैच के आईपीएस है। गृह विभाग की तरफ से जारी अधिसूचना के मुताबिक 2009 बैच के आईपीएस अधिकारी नवीन चंद्र झा जो पदस्थापन की प्रतीक्षा में थे उन्हें अब बीएमपी 9 जमालपुर का समादेष्टा बनाया गया है। 2009 बैच के आईपीएस अधिकारी पुष्कर आनंद को बीएमपी 14 के समादेष्टा का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। उनके पास पहले से ही बीएमपी 16 का प्रभार है। 2010 बैच के आईपीएस अधिकारी अनिल कुमार को पटना का नया ट्रैफिक एसपी बनाया गया है।

आईपीएस अधिकारी वीणा कुमारी बीएमपी 4 का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। साथ ही साथ उनके पास बीएमपी 18 का भी प्रभार होगा। शैशव यादव को बीएमपी 13 दरभंगा का प्रभार दिया गया है जबकि विद्यासागर पुलिस अधीक्षक वितंतु पटना के पद पर होंगे इसके अलावे 2008 बैच के आईपीएस अधिकारी विकास कुमार को राज्य अग्निशमन पदाधिकारी सह निदेशक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।

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