पटना, 05 सितम्बर (हि.स.)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार शाम संपन्न हुई मंत्रिमंडल की बैठक में पटना विश्वविद्यालय के अन्तर्गत विज्ञान ब्लॉक, नये बालिका छात्रावास (02 ब्लॉक) एवं स्टॉफ क्वार्टर के निर्माण के लिए 1,63,60,29,000 (एक अरब तिरसठ करोड़ साठ लाख उनतीस हजार रुपये) की योजना सहित कुल 32 एजेंडों पर मुहर लगाई गई।

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पत्रकार वार्ता में मंत्रिमंडल सचिवालय के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि एससी-एसटी कल्याण विभाग के अन्तर्गत संचालित सभी आवासीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को आवासन की अवधि में भोजन (जलपान सहित) की व्यवस्था, पोशाक की आपूर्ति, सहित सामुदायिक संगठन के माध्यम से किये जाने एवं व्यय की स्वीकृति दी गई।

स्वास्थ्य विभाग के अन्तर्गत मुंगेर जिलान्तर्गत चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के निर्माण के लिए 14.7681 एकड़ रैयती भूमि के लिए 1,51,13,09,700 (एक अरब इक्यावन करोड़ तेरह लाख नौ हजार सात सौ) की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई। स्वास्थ्य विभाग के तहत राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, छपरा (सारण) में 500 बेड के अस्पताल के लिए मेडिकल उपकरण आदि की आपूर्ति के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल तिहत्तर करोड़ दो लाख चौवालिस हजार की लागत पर स्कीम (योजना) की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

स्वास्थ्य विभाग के अन्तर्गत राज्य के गोपालगंज जिला में राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय के निर्माण के लिए बिहार चिकित्सा सेवाएं एवं आधारभूत संरचना निगम लि., पटना से तकनीकी अनुमोदन प्राप्त मॉडल प्राक्कलन के आधार पर दो अरब निन्यानवे करोड़ अठहत्तर लाख की लागत पर वित्तीय वर्ष 2023-24 में योजना की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई। कृषि विभाग के अन्तर्गत चतुर्थ कृषि रोड मैप के अंतर्गत डीपीआर के अधीन दलहन फसलों के विकास के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 में दलहन मिशन कार्यक्रम अन्तर्गत विभिन्न योजनाओं के तहत कुल एक सौ आठ करोड़ उनसठ लाख पैंतीस हजार तीन सौ चौहत्तर रुपये की लागत पर योजना कार्यान्वयन तथा निकासी एवं व्यय की स्वीकृति दी गई।

कृषि विभाग के ही तहत चतुर्थ कृषि रोड मैप (डीपीआर) अन्तर्गत केन्द्र प्रायोजित योजना एकीकृत बागवानी विकास मिशन की उपयोजना राष्ट्रीय बागवानी मिशन (60:40) के कार्यक्रमों के वित्तीय वर्ष 2023-24 में कार्यान्वयन के लिए कुल छियालीस करोड़ आठ लाख पचहत्तर हजार रुपये, जिसमें केन्द्रांश 24 लाख रुपये एवं राज्यांश 16 लाख रुपये तथा राज्य योजना मद से अतिरिक्त टॉप-अप छह करोड़ आठ लाख पचहत्तर हजार रुपये की निकासी एवं व्यय की स्वीकृति दी गई।

कृषि विभाग के ही तहत चतुर्थ कृषि रोड मैप (डीपीआर) के तहत कृषकों के खेत तक सिंचाई उपलब्ध कराने के लिए प्रति बूंद अधिक फसल (60:40) अन्तर्गत सूक्ष्म सिंचाई तथा अन्य अंतःक्षेप अवयव (80:20) का वित्तीय वर्ष 2023-24 में एक सौ पच्चीस करोड़ एकसठ लाख एकहत्तर हजार रुपये की लागत पर योजना कार्यान्वयन की स्वीकृति, जिसमें केन्द्रांश छप्पन करोड़ बाइस लाख बारह हजार छह सौ रुपये, समानुपातिक राज्यांश सैंतीस करोड़ अड़तालीस लाख आठ हजार चार सौ रुपये तथा राज्य योजना से अतिरिक्त सहायता (टॉप-अप) इकत्तीस करोड़ इक्यानवे लाख पचास हजार रुपये की निकासी एवं व्यय की स्वीकृति दी गई।

कृषि विभाग के अन्तर्गत बिहार कृषि अधीनस्थ सेवा कोटि-1 2014 की नियमावली में संशोधन करने के लिए बिहार कृषि अधीनस्थ सेवा कोटि-1, भर्त्ती, प्रोन्नति एवं सेवा शर्त (संशोधन) नियमावली-2023 की स्वीकृति दी गई। कृषि विभाग के ही तहत कृषि रोड मैप (चतुर्थ) के अंतर्गत सब मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मेकेनाईजेशन योजना का चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में कार्यान्वयन एवं केन्द्रांश मद में 3866.23 लाख (अड़तीस करोड़ छियासठ लाख तेईस हजार) रुपये एवं राज्यांश 2577.48 लाख (पच्चीस करोड़ सतहत्तर लाख अड़तालीस हजार) रुपये कुल 6443.71 लाख (चौसठ करोड़ तैंतालीस लाख इकहत्तर हजार) रुपये की निकासी एवं व्यय की स्वीकृति दी गई।

पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के अन्तर्गत चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में राज्य योजना के तहत मुख्यमंत्री तालाब मात्स्यिकी विकास योजना के लिए सत्तावन करोड़ इकतालीस लाख बारह हजार स्वीकृति दी गई। नगर विकास एवं आवास विभाग के ही तहत राष्ट्रीय हरित अधिकरण अन्तर्गत नगरपालिका ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम-2016 एवं अन्य पर्यावरण के मुद्दे में पारित आदेश के अनुपालन में रिंग फेन्सड खाता संधारित करने एवं उसके माध्यम से ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए 4000.00 करोड़ (चार हजार करोड़ रुपये) के व्यय की स्वीकृति दी गई।

पर्यटन विभाग के अन्तर्गत सीतामढ़ी जिले में स्थित पुनौराधाम मंदिर के विकास के लिए बहत्तर करोड़ सैंतालीस लाख की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।पर्यटन विभाग के ही तहत गया जिलान्तर्गत ‘‘गया जी धाम’’ में धर्मशाला के निर्माण हेतुएक सौ बीस करोड़ पन्द्रह लाख पचासी हजार रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

स्वास्थ्य विभाग के अन्तर्गत बिहार मानसिक स्वास्थ्य देखभाल (राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण) विनियम- 2023 की स्वीकृति दी गई। सामान्य प्रशासन विभाग के अन्तर्गत वर्ष 2024 के लिए बिहार सरकार के कार्यालयों में अवकाश और निगोसियेबुल इन्स्ट्रूमेंट्स ऐक्ट के अन्तर्गत बिहार राज्य में अवकाश की घोषणा की स्वीकृति दी गई। सामान्य प्रशासन विभाग के ही तहत स्वास्थ्य विभाग, बिहार, पटना में सृजित बिहार न्यायिक सेवा के सब जज स्तर के विधि पदाधिकारी के एक पद को प्रतिनियुक्ति अवधि तक जिला न्यायाधीश (प्रवेश बिन्दु) के समकक्ष अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में उत्क्रमित करने की स्वीकृति दी गई।योजना एवं विकास विभाग (अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय) सहायक सांख्यिकी पदाधिकारी के 158 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई।

विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के अन्तर्गत राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय/राजकीय पॉलिटेक्निक/राजकीय महिला पॉलिटेक्निक संस्थान, सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष संवर्ग (संशोधन) नियमावली- 2023 की स्वीकृति दी गई। विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के ही तहत विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालयों/राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थानों/राज्य प्रावैधिक शिक्षा पर्षद्, पटना में कार्यालय परिचारी संवर्ग के पूर्व से सृजित कुल-744 (सात सौ चौवालिस) पदों के पुनर्गठन के संबंध में स्वीकृति दी गई।

विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के ही तहत विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग अंतर्गत मुख्यालय स्तर पर पूर्व में सृजित कुल छह (06) पदों के प्रत्यर्पण एवं कुल चौंतीस (34) पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई। गृह विभाग (कारा) के अन्तर्गत शिवेन्द्र प्रियदर्शी, बिहार कारा सेवा, तत्कालीन उप महानिरीक्षक (प्र.), कारा एवं सुधार सेवाएं, बिहार, पटना (सम्प्रति निलंबित) संलग्न शहीद खुदीराम बोस केन्द्रीय कारा, मुजफ्फरपुर की सेवा से बर्खास्तगी करने की स्वीकृति दी गई।

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अन्तर्गत नालन्दा जिला के अंचल-बिहारशरीफ में 10 एकड़ भूमि को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के तहत सेनिटरी लैण्ड फिल साईट के निर्माण के लिए नगर विकास एवं आवास विभाग, बिहार, पटना को निःशुल्क हस्तान्तरण की स्वीकृति दी गई। वित्त विभाग के अन्तर्गत अंकेक्षण निदेशालय, वित्त विभाग के नियंत्रणाधीन आशुलिपिकों/आशुटंककों की भर्ती, प्रोन्नति एवं अन्य सेवा शर्तों को विनियमित करने के लिए नियमावली गठित करने की स्वीकृति दी गई। मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अन्तर्गत राज्यपाल सचिवालय, बिहार, पटना के लिए कम्प्यूटर ऑपरेटर सह केयर टेकर का 01 (एक) छायापद के सृजन की स्वीकृति दी गई।

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शिक्षकों के अवकाश तालिका में नहीं होगा संशोधन, निदेशक माध्यमिक शिक्षा ने अपने ही पत्र को किया रद्द

पटना: शिक्षा विभाग के माध्यमिक शिक्षा निदेशक द्वारा विगत 29 अगस्त 23 को जारी अवकाश तालिका में संशोधन संबंधी पत्र को स्वयं रद्द कर दिया है.

सोमवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने पुनः पत्र जारी करते हुए विगत 29 अगस्त को जारी पत्रांक 2112 को रद्द करते हुए शिक्षा विभाग द्वारा निर्गत पूर्व की अवकाश तालिका को मान्य कर दिया है. अब सरकारी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों एवं छात्रों को पूर्व से निर्गत अवकाश तालिका में निर्धारित छुट्टियां मिलेगी.

बताते चले की विगत 29 अगस्त को निदेशक माध्यमिक शिक्षा द्वारा पत्र जारी करते हुए राज्य के सरकारी विद्यालयों में शिक्षा के अधिकार अधिनियम का हवाला देते हुए छात्रों के बीच शिक्षण कार्य में निर्धारित अवधि दिनों की संख्या कम होने के कारण शिक्षकों के लिए जारी अवकाश तालिका में संशोधन करते हुए सितंबर से लेकर दिसंबर 2023 तक के कल अवकाश 24 दिनों में से 13 दिनों के अवकाश को रद्द कर दिया गया था.

जिसमें कृष्ण जन्माष्टमी, तीज, जीवित्पुत्रिका व्रत, दुर्गा पूजा सहित कार्तिक पूर्णिमा, गुरु नानक जयंती के साथ कई अन्य छुट्टियों को रद्द करते हुए कई छुट्टियों में संशोधन किया गया था.

इस संशोधन के बाद लगातार शिक्षक संगठन आक्रोश में थे. इस संबंध में शिक्षक संगठनों द्वारा सरकार से इस संशोधित अवकाश तालिका को रद्द करने की मांग की जा रही थी.

वहीं विपक्ष की भारतीय जनता पार्टी ने भी राज्य सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया था.

सोमवार की संध्या पुनः निदेशक माध्यमिक शिक्षा द्वारा अपने ही निर्गत पत्र को रद्द करते हुए पूर्व में जारी अवकाश तालिका के तहत निर्धारित अवकाश को मान्य कर दिया है.

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शिक्षक दिवस पर काली पट्टी लगाकर काम करेंगे शिक्षक

Patna: राज्य के करीब 76000 विद्यालयों में 5 सितंबर शिक्षक दिवस के अवसर पर काली पट्टी लगाकर शिक्षण कार्य करेंगे. शिक्षक संघों द्वारा राज्य सरकार के रवैया के खिलाफ यह कदम उठाए जा रहा है. विगत रविवार को शिक्षक संघर्ष मोर्चा की बैठक में लिए गए फैसले के अनुरूप शिक्षक संघ योजनाबद्ध तरीके से चरणबद्ध आंदोलन चलाने जा रही है.

शिक्षक अपने राज्य कर्मी का दर्जा 11 जुलाई को आयोजित धरने के पश्चात शिक्षकों पर की गई विभागीय कार्रवाई एवं शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों के निर्धारित अवकाश तालिका में संशोधन कर रद्द की गई छुट्टियों को पुनः लागू करने की मांग को लेकर आंदोलित है.

आंदोलन के प्रथम चरण में शिक्षक दिवस के अवसर पर 5 सितंबर को सभी सरकारी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक काली पट्टी लगाकर काम करते हुए सरकार के प्रति अपना आक्रोश व्यक्त करेंगे.

वही इस आंदोलन के अगले चरण में प्रखंड से लेकर जिला स्तर तक पुतला दहन का कार्यक्रम 9 सितंबर को निर्धारित किया गया है, साथ ही साथ इसके आगे कई चरणबद्ध आंदोलन की योजनाएं बनाई गई है.

जिसमें शामिल होकर शिक्षक अपना आक्रोश व्यक्त करेंगे शिक्षक संघों का कहना है कि सरकार ने उनके साथ वादा खिलाफी की है. विगत जुलाई माह में आयोजित धरने के दौरान सरकार ने खुले मंच से शिक्षक संघों से वार्ता कर राज्य कर्मी का दर्जा देने की मांग पर अपनी सहमति जताई थी लेकिन अब तक इस संदर्भ में शिक्षक संघ से किसी तरह की कोई वार्ता सरकार ने नहीं की है.

संघ के सदस्यों ने बताया कि उल्टे 11 जुलाई के आंदोलन में शामिल शिक्षकों पर एक सोची समझी रणनीति के तहत निलंबन की कार्रवाई की गई, वहीं विगत दिनों राज्य सरकार द्वारा शिक्षकों के लिए निर्धारित अवकाश तालिका में संशोधन कर 13 छुट्टियों को रद्द कर दिया गया.

उनके सदस्यों का कहना है कि सरकार शिक्षकों को टारगेट करते हुए उनके मुख्य मुद्दे से भटकाकर शिक्षकों को शोषित करने एवं समाज में दुष्प्रचार करने का कार्य कर रही है. लेकिन संघ एकजुट है और सरकार के खिलाफ बिगुल बज चुका है आगे यह आंदोलन और आक्रामक होगा.

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बेतिया में बाइक में बम विस्फोट होने से मचा हड़कंप

Betiya: पश्चिम चंपारण के बेतिया के साठी थाना क्षेत्र के बृंदावन गांव में बम ब्लास्ट होने से हड़कंप मच गया है। विस्फोट होने से आसपास के इलाके में अफरा तफरी का माहौल हो गया। बताया जा रहा है की नवल बिन नाम का लड़का अपनी बाइक की डिक्की में देशी बम लेकर जा रहा था।

तभी अचानक उसकी डिक्की में बम फट गया। इस घटना में युवक गंभीर रूप से जख्मी हो गया। वहीँ घटनास्थल पर लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। साठी थानाध्यक्ष उदय कुमार घटनास्थल पर पहुंचकर घटना की छानबीन में जुटे हैं।

बता दें की जिले में अपराधी बेख़ौफ़ होकर आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। गंभीर घटनाओं को अंजाम देकर अपराधी पुलिस को खुलेआम चुनौती दे रहे हैं। पुलिस एक घटना की गुत्थी सुलझा भी नहीं पाती हैं की अपराधी दूसरी घटना को अंजाम देकर फरार हो जा रहे हैं। इसी कड़ी में आज बाइक में डिक्की में ले जाए जा रहा देशी बम विस्फोट कर गया। जिसकी जांच में पुलिस जुटी है।

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पटना, 3 सितंबर (हि.स.)। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह सांसद राजीव रंजन सिंह ललन ने कहा कि आज बिहार का विकास दर यदि 11 फीसदी है तो उसका श्रेय सिर्फ और सिर्फ प्रदेश के अन्नदाताओं को जाता है। 2015 में मुख्यमंत्री ने सात निश्चय योजना का वादा किया था, जिसे 2020 तक पूरा कर दिया और हमें भरोसा है कि 2025 आते-आते सात निश्चय योजना-2 का वादा भी पूरा कर लिया जाएगा। वे रविवार को पार्टी कार्यालय में किसान एवं सहकारिता प्रकोष्ठ के कार्यकर्ता प्रशिक्षण सह सम्मान समारोह के उद्घाटन के बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि एक तरफ हमारे नेता वादा अनुसार काम कर रहे हैं तो दूसरी तरफ केंद्र में बैठे नरेन्द्र मोदी अपने वादों को चुनाव के बाद जुमला करार कर देते हैं। प्रधानमंत्री ने 2014 में दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था। हर गरीब के खाते में 15-15 लाख रुपये भेजने का वादा किया था। रोजगार मिलने की बात तो दूर केंद्रीय नौकरियों में 2014 के बाद से पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई। ठीक उसी प्रकार देश से कालाधन तो वापस नहीं आया लेकिन सरकार की नाक के नीचे से देश के तीन बड़े पूंजीपति हजारों करोड रुपये लेकर विदेश भाग गए।

उन्होंने कहा कि मोदी ने न खाएंगे, न खाने देंगे की बात कही थी लेकिन आज वास्तविक स्थिति ठीक इसके विपरीत है। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में हमारे देश के वैज्ञानिकों द्वारा चंद्रयान-3 की चांद पर सफल लैंडिंग करवाई गई लेकिन प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिकों के इस मेहनत पर प्रचार शुरू कर दिया।

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने देश में पहली बार कृषि नीति का निर्माण किया ताकि देश का किसान आर्थिक समृद्धि की मुख्यधारा में शामिल हो सके। मुख्यमंत्री के तौर पर नीतीश कुमार ने वर्ष 2008 में पहला कृषि रोड मैप, 2012 में दूसरा कृषि रोड मैप, 2017 में तीसरा कृषि रोड मैप एवं 2023 में चौथा कृषि रोड मैप बनाया जो आज तक चल रहा है। वर्तमान में चलने वाला कृषि रोड मैप का बजट कुल 01 लाख 62 हजार करोड रुपये का है। इस बात से ही पता चलता है कि मुख्यमंत्री किसानों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए किस प्रकार से संकल्पित है।

भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि इसमें दो मत नहीं है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के किसानों को सशक्त बनाने का ऐतिहासिक काम किया है। पहले देश में किसानों के लिए कोई पॉलिसी नहीं थी लेकिन मुख्यमंत्री ने जब केंद्रीय कृषि मंत्री का पदभार ग्रहण किया तो सबसे पहले उन्होंने किसानों के लिए कृषि नीति बनाई। कृषि रोड मैप की शुरुआत की। आज चौथे कृषि रोड मैप की शुरुआत मुख्यमंत्री ने की है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के कुशल नेतृत्व का प्रमाण है कि बिहार को चार बार कृषि के क्षेत्र में राष्ट्रीय कर्मण पुरस्कार से नवाजा गया।

सम्मानित किए गए किसानों में स्वाति यादव (लखीसराय), इंदर कोरा (मुंगेर), भोला महतो (सिवान), विजय गिरी (पश्चिम चंपारण), लता देवी (बांका), राज कुमार यादव (जमुई), हेमचंद्र ठाकुर (मधुबनी), अंजु कुमार (समस्तीपुर), कौशल कुमार (रोहतास), विजय कुमार सिंह (जमुई), नीरज कुमार (लखीसराय) शामिल रहे।

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लगातार 15 दिन अनुपस्थित रहने वाले स्कूली बच्चों का नामांकन होगा रद्द, केके पाठक ने सिखाए 300 करोड़ बचाने के उपाय आरडीडी, डीईओ, डीपीओ को दिया टास्क

PATNA: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर लगातार कदम उठा रहे हैं. इसका रिजल्ट भी दिखने लगा है. स्कूल की व्यवस्था से लेकर शिक्षक-छात्र उपस्थिति में जबरदस्त सुधार हुआ है. हालांकि केके पाठक इतने भर से खुश नहीं हैं. उन्होंने एक बार फिर से सभी जिलों के डीएम को पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि बच्चों की ट्रैकिंग करें कि कहीं सरकारी लाभ लेने के लिए कुछ बच्चे सरकारी स्कूल में नामांकन तो नहीं लेते हैं. अगर ऐसा है तो नामांकन रद्द करें. इससे 300 करोड़ रू की बचत हो सकती है.

पांच-पांच विद्यालय गोद लें आरडीडी, डीईओ और डीपीओ

बिहार के सभी जिलों के डीएम को भेजे पत्र में केके पाठक ने कई दिशा निर्देश दिए हैं. साथ ही सभी डीईओ-डीपीओ और आरडीडीई को पचास फीसदी से कम उपस्थिति वाले विद्यालयों को गोद लेने को कहा है. डीएम को लिखे पत्र में के पाठक ने कहा है कि 1 जुलाई 2023 से सभी सरकारी विद्यालयों में मॉनिटरिंग की व्यवस्था की गई है. इसके तहत लगातार विद्यालयों का निरीक्षण किया जा रहा है. जुलाई 23 से अब तक 50% से कम उपस्थिति वाले विद्यालयों की संख्या में लगातार कमी हो रही है .हालांकि अभी भी 10 फ़ीसदी ऐसे विद्यालय हैं जहां 50 फ़ीसदी से कम उपस्थिति है. यह चिंता की बात है.

15 दिन लगातार नहीं आते हैं तो नामांकन रद्द करें

केके पाठक ने कहा है कि अब समय आ गया है कि एक-एक विद्यालय में आरडीडी, डीईओ और डीपीओ को देखना होगा . हर एक छात्र-छात्रा एवं उनके अभिभावकों से बात करनी होगी. इसके लिए कई कदम उठाने होंगे. डीएम को कहा है कि अपने जिले के डीईओ एवं डीपीओ को पांच-पांच विद्यालय अडॉप्ट करने को कहें. जिस डीपीओ के क्षेत्र में कोई ऐसा विद्यालय नहीं हो जहां छात्रों की उपस्थिति 50 फ़ीसदी से कम है तो उन्हें कार्य क्षेत्र के बाहर का विद्यालय दें. इन विद्यालयों में पदाधिकारी प्रतिदिन जाएं. हर एक छात्र एवं उनके अभिभावकों से बात करें. जो छात्र तीन दिन लगातार अनुपस्थित रहे उसे प्रधानाध्यापक नोटिस दें. 15 दिन तक लगातार अनुपस्थित रहने पर छात्रों का नामांकन रद्द किया जाए.

तीन सौ करोड़ की होगी बचत

केके पाठक ने आगे कहा है कि हर एक छात्र की ट्रैकिंग की जाए. यह देखा जाए कि वह कहीं एक साथ दो विद्यालयों में तो नहीं पढ़ रहा है. ऐसे छात्र नाम कटने के डर से लगातार 15 दिन अनुपस्थित नहीं रहते हैं.बीच-बीच में विद्यालय आते रहते हैं. ऐसी शिकायत मिल रही है कि डीबीटी प्राप्त करने के लिए छात्र-छात्राओं ने सरकारी विद्यालयों में नामांकन ले रखा है. जबकि वह जिले से बाहर या फिर निजी विद्यालयों में पढ़ते हैं. कुछ छात्रों के बिहार से बाहर कोटा जैसी जगह पर रहकर पढ़ने की सूचना है. ऐसे में हर एक मामले की चाइल्ड ट्रैकिंग करें. इस तरह के छात्रों का नामांकन रद्द करें जो सिर्फ डीबीटी के लिए सरकारी विद्यालयों से जुड़े हैं. के के पाठक ने आगे कहा है कि प्रत्येक वर्ष सरकार विभिन्न तरह की योजनाओं पर 3000 करोड रुपए डीबीटी से सहायता देती है. यदि सिर्फ डीबीटी के उद्देश्य से स्कूल में नामांकन कराने वाले 10 फीसदी बच्चों का भी नामांकन रद्द हुआ तो राज्य को 300 करोड रुपए की सीधी बचत होगी.

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पटना/सारण, 01 सितम्बर (हि.स.)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता व पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने 1995 के दोहरे हत्याकांड मामले में आज (शुक्रवार को) आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

उन पर आरोप था कि 1995 में विधानसभा चुनाव में उनके पक्ष में मतदान नहीं करने पर प्रभुनाथ सिंह ने राजेंद्र राय (47) और दारोगा राय (18) की हत्या करवा दी थी। इतना ही नहीं, चुनाव हारने के बाद प्रभुनाथ सिंह ने अपने प्रतिद्वंदी अशोक सिंह को भी 90 वें दिन मौत के घाट उतार दिया था।

मामला वर्ष 1995 का है। आरोप है कि प्रभुनाथ सिंह ने अपने कहे अनुसार मत नहीं देने पर छपरा के मसरख इलाके के रहने वाले राजेंद्र राय और दारोगा राय की हत्या करवा दी। बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान छपरा के मसरख में 18 साल के राजेंद्र राय और 47 साल के दरोगा राय की पोलिंग बूथ के पास ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। दोनों ने ही प्रभुनाथ सिंह के कहे अनुसार वोट नहीं दिया था।

यह वही चुनाव था जिसमें अशोक सिंह ने प्रभुनाथ सिंह को हराया था। इसके बाद प्रभुनाथ सिंह ने 90 दिनों के अंदर ही अशोक सिंह का काम तमाम करने की धमकी दी थी और 3 जुलाई, 1995 के दिन अशोक सिंह की हत्या हो गई। यह उनके विधायक बनने का 90 वां दिन था।

प्रभुनाथ सिंह फिलहाल अशोक सिंह हत्याकांड में झारखंड के हजारीबाग के केंद्रीय कारावास में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।

आज दारोगा राय और राजेन्द्र राय की हत्या के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इन दोनों की हत्या के मामले में पटना के ट्रायल कोर्ट 2008 में बरी कर दिया था। बिहार उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के निर्णय को ही बरकरार रखा था। इसके खिलाफ राजेन्द्र राय के परिजनों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। 18 अगस्त को सर्वोच्च न्यायालय ने निचली अदालतों के निर्णय को खारिज करते हुए प्रभुनाथ सिंह को दोषी करार दिया और 1 सितम्बर को सजा का दिन तय किया था।

प्रभुनाथ सिंह का राजनीतिक सफर
लालू प्रसाद यादव के करीबी और राष्ट्रीय जनता दल के बाहुबली राजनेता प्रभुनाथ सिंह चार बार के सांसद हैं। वे 1998, 1999, 2004 और 2013 में महाराजगंज लोकसभा से निर्वाचित होकर सांसद चुने गए थे।

प्रभुनाथ सिंह के राजनीतिक सफर की शुरुआत 1985 से शुरू हुई थी, तब वे पहली बार विधायक चुने गए थे।

1990 में प्रभुनाथ सिंह जनता दल के टिकट पर दोबारा विधानसभा चुनाव जीते थे। 1995 आने पर विधानसभा चुनाव में जनता दल का टिकट अशोक सिंह को दिया गया। इस दौरान प्रभुनाथ ने बिहार पीपुल्स पार्टी (बीपीपा) से चुनाव लड़ा। प्रभुनाथ हार गए और अशोक सिंह चुनाव जीत गए। इसके बाद 3 जुलाई 1995 को शाम 7.20 बजे पटना के स्ट्रैंड रोड स्थित आवास में अशोक सिंह की हत्या कर दी गई। हत्या में प्रभुनाथ सिंह, उनके भाई दीनानाथ सिंह तथा मसरख के रितेश सिंह को नामजद अभियुक्त बनाया गया था।

अब 70 साल के हो चुके प्रभुनाथ सिंह का पूरा जीवन जेल में ही बीतेगा। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल ने भी सजा सुनाने से पहले प्रभुनाथ की उम्र पूछी, और फिर कहा- अब तो भगवान ही इनका मालिक है।

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ढपली बजाने वाले नीतीश कुमार का अपना ठिकाना है नहीं और विपक्षी एकता की बात कर रहे, ये बस एक जाति को खुश करने की है कोशिश: प्रशांत किशोर

पटना: जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा कि आज नीतीश कुमार को बिहार की चिंता करनी चाहिए। लेकिन आज ये बिहार में एक समुदाय के लोगों को मैसेज देने के लिए कि हम प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, उनको भी मालूम है कि इस प्रयास से कुछ होने वाला नहीं है। ये सिर्फ ढपली बजाने वाले लोग हैं। आज RJD के जीरो एमपी हैं वो देश का प्रधानमंत्री तय कर रहे हैं। जिस पार्टी का खुद का ठिकाना नहीं है वो देश की अलग-अलग पार्टियों को एकत्रित करने में लगा है। क्या लालू और नीतीश बिहार में टीएमसी को एक भी सीट देने के लिए तैयार हो गए हैं? नीतीश कुमार को कौन पूछता है?

अखिलेश यादव के लोकसभा में 5 एमपी और बात ऐसे करते हैं जैसे उनके पांच सौ एमपी जीते हों: प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि नीतीश कुमार बीते दिनों में उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव से मिलने गए। अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी को लोकसभा चुनाव 2014 में 5 सीटें और 2019 में भी 5 सीटें मिली। हालांकि, वो बात ऐसे कर रहे हैं जैसे पांच सौ एमपी इन्ही के पास हैं। दो जीरो को अगर जोड़ेंगे तो उससे क्या होगा? आज ये बीजेपी के B टीम हैं, क्योंकि ये अपनी दुकान चला रहे हैं। साथ बैठकर चाय पीना प्रेस कांफ्रेंस करने से विपक्ष मजबूत हो जाता तो 20 साल पहले ही विपक्ष मजबूत हो गया होता। आज ये लोग घर से निकलकर 5 किलोमीटर चल नहीं सकते हैं कोई दौरा नहीं कर सकते हैं कोई काम नहीं कर सकते हैं राजनीति क्या करेंगे?

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रद्द हुई छुट्टी तो शिक्षिकाओं ने स्कूलों में ही बांधी भाइयों को राखी, बहन भी पहुंच गई स्कूल में शिक्षक भाई को राखी बांधने

Chhapra: शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी विद्यालयों में रक्षाबंधन की छुट्टी रद्द किए जाने के बाद गुरुवार को रक्षाबंधन का त्यौहार शिक्षक और शिक्षिकाओं ने स्कूलों में ही मनाया.

अपने कर्तव्य और दायित्व का निर्वहन करने के साथ-साथ सरकारी आदेश का पालन करते हुए शिक्षक और शिक्षिकाओं ने अपनी उपस्थिति स्कूलों में दर्ज की. वही महिला शिक्षिकाओं ने अपने भाइयों को स्कूल परिसर में ही राखी बांधकर यह त्यौहार मनाया. इसके साथ-साथ शिक्षक की बहन भी स्कूलों में ही पहुंचकर शिक्षकों को राखी बांधी और इस त्यौहार को मनाया.

राज्य सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा विगत दिनों शिक्षकों की छुट्टियों में संशोधन करते हुए कई छुट्टियों को रद्द कर दिया गया है. जिसमें रक्षाबंधन जैसा प्रमुख त्योहार भी शामिल है. मुख्य रूप से महिलाओं के लिए बना यह त्योहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया गया, लेकिन बिहार के सरकारी विद्यालयों में शिक्षक और शिक्षिकाओं ने अपने भाई एवं बहन को बुलाकर यह त्यौहार मनाया.

शिक्षकों की छुट्टी रद्द होने के बाद गुरुवार को स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की उपस्थिति नगण्य रही बावजूद इसके शिक्षक और शिक्षिकाएं अपनी ड्यूटी बजा रहे थे.

रक्षाबंधन की छुट्टी रद्द करने को लेकर शिक्षिकाओं में भारी आक्रोश था. जिले के कई हिस्से सहित राज्य के कई विद्यालयों में महिला शिक्षिकाओं ने न सिर्फ अपने मुंह पर काली पट्टी बांधी, वही सभी शिक्षकों ने हांथो में काली पट्टी बांधकर सरकार के प्रति आक्रोश जताया.

शिक्षक और शिक्षिकाओं का कहना है कि शिक्षा विभाग द्वारा विगत 3 महीने से लगातार तुगलकी फरमान जारी किया जा रहा है. ऐसे में विगत 29 अगस्त को जारी माध्यमिक शिक्षा के निदेशक के पत्र ने शिक्षकों में आक्रोश ला दिया है. आने वाले दिनों में पर्व और त्योहारों में निर्धारित अवकाश रद्द करने से शिक्षक और शिक्षिकाओं की परेशानी बढ़ गई है.

विभाग द्वारा निर्धारित अवकाश तालिका की छुट्टियों को रद्द करने के बाद वह व्रत और त्यौहार कैसे करेंगे यह चिंता सता रही है.

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सरकारी स्कूलों में तीज और जीवित्पुत्रिका व्रत सहित 13 दिनों की छुट्टी समाप्त, मचा है सियासी घमासान

Chhapra: सरकारी विद्यालयों में दिसंबर 2023 तक के लिए जारी अवकाश तालिका में शिक्षा विभाग के माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने संशोधन किया है. नई संशोधन के अनुसार दिसंबर तक की छुट्टी में तीज और जीवित्पुत्रिका व्रत के साथ जन्माष्टमी की छुट्टी को समाप्त कर दिया है. वही दुर्गापूजा, दीपावली एवं छठ की छुट्टियों में कटौती की गई है.

संशोधित अवकाश तालिका के अनुसार दुर्गापूजा में 3 दिन(रविवार सहित), दीपावली में 1 दिन ( रविवार), छठ में दो दिन रविवार सहित, के साथ अनंत/ हजरत साहब का जन्मदिन, क्रिसमस, चेहलुम, भैयादूज/ चित्रगुप्त पूजा में एक एक दिन की छुट्टी शामिल है.

इसके पूर्व जन्माष्टमी को एक दिन, तीज दो दिन, जीवित्पुत्रिका एक दिन, कार्तिक पूर्णिमा को एक दिन, दुर्गापूजा में 6 दिन की बजाय 2 दिन दिया जा रहा है.

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छुट्टी को रद्द करने के खिलाफ शिक्षकों ने फूंका सीएम और अपर मुख्य सचिव का पुतला, निकाला आक्रोश मार्च

Bihar: सरकारी विद्यालयों में अवकाश तालिका में संशोधन को लेकर जारी निदेशक द्वारा जारी पत्र पर घमासान मच गया है. निदेशक द्वारा जारी पत्र में एक और जहां सरकारी विद्यालयों में कई निर्धारित अवकाश में संशोधन करते हुए छुट्टियों को कम किया गया है. वहीं दूसरी ओर तीज और जीवित्पुत्रिका जैसे व्रत की छुट्टी समाप्त कर दी गई है. माध्यमिक शिक्षा के निदेशक द्वारा जारी पत्र के बाद शिक्षक संघों ने इसका कड़ा विरोध किया है.

शिक्षक संघ का कहना है कि राज्य सरकार की शिक्षक नियमावली में 60 दिनों की छुट्टी का प्रावधान है, जिसके आधार पर शिक्षक बहाली हुई है, लेकिन पत्र से उनकी छुट्टियां में कटौती की गई है.

शिक्षक संघों का कहना है कि तीज और जीवित्पुत्रिका, जन्माष्टमी जैसे पर्व त्योहार पर महिलाएं उपवास रहती है. इस परिस्थिति में इन दोनों छुट्टियों को समाप्त कर देना न्यायोचित नहीं है. वही दुर्गा पूजा में मिलने वाले 10 दिनों की छुट्टी में से पूर्व में राज्य सरकार द्वारा निर्गत अवकाश तालिका में 6 दिनों की छुट्टी निर्धारित की गई थी लेकिन अब महज तीन दिनों में ही दुर्गा पूजा की छुट्टी को निर्धारित किया गया है.

साथ ही साथ कार्तिक पूर्णिमा घोषित अवकाश को समाप्त कर दिया गया है.

माध्यमिक शिक्षा के निदेशक द्वारा जारी पत्र का कड़ा विरोध करते हुए राज्य के कई जिला एवं प्रखंड मुख्यालय पर शिक्षक संघ द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक का पुतला दहन किया गया.

शिक्षकों ने आक्रोश मार्च निकालते हुए शिक्षा विभाग द्वारा जारी इस पत्र का कड़ा विरोध किया गया. वहीं इस पत्र को अभिलंब वापस लेने की मांग की गई.

बताते चले की वर्ष 2023 में शिक्षा विभाग द्वारा पहली बार राज्य स्तर से सरकारी विद्यालयों के लिए अवकाश तालिका का निर्माण करते हुए उसे निर्गत किया गया था. जिससे कि राज्य के सभी जिलों में एक समान रूप से अवकाश तालिका का पालन हो सके साथ ही साथ एकरूपता के अनुसार विद्यालयों में अवकाश रहे. लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा जारी इस अवकाश तालिका में भी अगस्त के अंतिम तिथि पर संशोधित करते हुए विद्यालयों में निर्गत कई अवकाश के दिनों में फेर बदल किया गया है और 13 दिनों के अवकाश को रद्द एवं संशोधित कर दिया गया है.

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पटना, 29 अगस्त (हि.स.)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को नालंदा जिला अंतर्गत सिलाव अचल स्थित बड़गांव में 121 करोड़ रुपये की लागत से बने नालंदा खुला विश्वविद्यालय के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जनगणना का काम करवाना अच्छा काम है। इसके विरोध का कोई मतलब नहीं है। हमलोग अच्छा काम कर रहे हैं। इसीलिए बहुत लोगों को ऐतराज होता है ।

सीएम ने कहा कि जनगणना करवाना केंद्र सरकार का अधिकार है लेकिन हमलोग जाति आधारित गणना करवा रहे हैं। सब पार्टियों की सहमति से यह काम करवाया जा रहा है। जाति आधारित गणना का काम लगभग पूरा हो गया है। अब इसकी रिपोर्ट प्रकाशित की जाएगी। हमलोग सभी जाति-धर्म के लोगों की किसकी कितनी संख्या है उनकी गिनती के अलावा सभी की आर्थिक स्थिति की भी जानकारी जुटा रहे हैं।

मुम्बई में होने वाली इंडिया गठबंधन की बैठक के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा काम अधिक-से-अधिक पार्टियों को एकजुट करना है। व्यक्तिगत रूप से मुझे किसी पद या किसी चीज की इच्छा नहीं है। हम तो कल भी इस बात को दोहरा चुके हैं। इंडिया महागठबंधन में कुछ और पार्टियों के शामिल होने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी इस पर बोलना ठीक नहीं होगा। आपलोग देखते रहिए, जब बैठक में लोग आएंगे तो आपलोगों को पता चल जाएगा।

लोकसभा चुनाव से संबंधित पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक सभा चुनाव कभी भी हो सकता है। ये जरूरी नहीं है कि समय पर ही चुनाव हो। केंद्र सरकार कभी भी चुनाव करा सकती है। हम तो सात-आठ महीना पहले से ही कह रहे हैं कि चुनाव कभी भी हो सकता है। इसीलिए सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट हो जाना चाहिए। हम उसी काम में लगे हुए हैं। लोक सभा चुनाव को लेकर केंद्र सरकार की रणनीति के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनलोगों को जो करना है करने दीजिए। मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। चुनाव आने पर हमलोग प्रचार-प्रसार करेंगे

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