पटना: पटना सहित बिहार के कई जिलों में भी वायरल फीवर बच्चों और युवाओं को परेशान कर रहा है. पटना, छपरा, गोपालगंज समेत कई जिलों में इसका असर सबसे अधिक है. कई जिलों से मरीज पटना के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं. सबसे अधिक पीएमसीएच में 138 बच्चे मौसमी बीमारी से ग्रस्त होकर भर्ती हैं.
एनएमसीएच करीब 100 मरीज पिछले दो-तीन दिनों में ही भर्ती हुए हैं. पटना एम्स व पीएमसीएच शिशु रोग विभाग में 80 प्रतिशत बेड फुल हो गये. हालांकि, डॉक्टरों की मानें तो बच्चों में इस मौसम में मानसून से संबंधित बीमारियां होती हैं, जिससे अस्पतालों में भीड़ बढ़ने लगी है.
अस्पतालों में बेडों की किल्लत एम्स पटना को छोड़ कर शहर के प्रमुख अस्पतालों जैसे पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, एनएमसीएच की शिशु चिकित्सा गहन देखभाल इकाइयों और नवजात गहन देखभाल इकाइयों में बेड की कमी देखने को मिल रही है.
पटना एम्स के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ सीएम सिंह ने बताया कि अभी बच्चों में निमोनिया, बुखार, खांसी-सर्दी के लक्षण अमूमन देखे जाते हैं. एम्स में वायरल फीवर से किसी भी बच्चे की मौत नहीं हुई है. एम्स में तकरीबन हर रोज 3 हजार मरीज ओपीडी में दिखाने आते हैं. यहां पर बच्चों के लिए दो वार्ड हैं, जिसमें 82 बेड हैं. इसमें से 60 बेड और 22 आइसीयू बेड हैं.

									
									
									
									
									
									
																																
									
																																
									
																																
									
																																
									
																																
									
																																
									
																																
									
																																



																			
                        
                        
				
				
				
				
				
				
				
				
				
				