बिहार में कांग्रेस कार्य समिति की बैठक शुद्ध राजनीतिक लाभ से प्रेरितः रविशंकर

बिहार में कांग्रेस कार्य समिति की बैठक शुद्ध राजनीतिक लाभ से प्रेरितः रविशंकर

New Delhi, 24 सितंबर (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बिहार के पटना में आज हो रही कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की एक दिवसीय बैठक पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें बिहार की याद 85 साल बाद आई है। यह शुद्ध रूप से राजनीतिक लाभ से प्रेरित है।

पटना में सीडब्ल्यूसी की बैठक 85 साल बाद हो रही है: रविशंकर

भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं सांसद रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को पार्टी मुख्यालय में पत्रकार वार्ता में कहा कि आज पटना में सीडब्ल्यूसी की बैठक हो रही है। पटना में सीडब्ल्यूसी की बैठक 85 साल बाद हो रही है। कांग्रेस को पटना और बिहार की सुध 85 साल के बाद आई है। उन्होंने कहा कि राजेन्द्र बाबू पहले राष्ट्रपति थे और पंडित नेहरू उन्हें राष्ट्रपति नहीं बनने देना चाहते थे। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस को एकाएक बिहार में रुचि क्यों हो गई? तो पटना में कांग्रेस की सीडब्ल्यूसी की बैठक इनके शुद्ध राजनीतिक लाभ से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि चारा घोटाला मामले में कांग्रेस ने लालू यादव की गतिविधियों पर कभी कोई आपत्ति नहीं जताई। यह घोटाला 2,000 करोड़ रुपये का था और लालू को इसमें दोषी ठहराया जा चुका है। इस धोखाधड़ी की जवाबदेही से कोई भी बच नहीं सका। इसके अलावा, लालू जी पर रेलवे घोटाले और ज़मीन के बदले नौकरी घोटाले में आरोप पत्र दायर किया गया है। यहां तक कि तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी भी इन मामलों में आरोपित हैं।

कांग्रेस ने लगातार लालू का समर्थन किया है: रविशंकर

उन्होंने पूछा कि क्या कांग्रेस ने कभी अपनी कथित संलिप्तता के बारे में कुछ कहा है? इसलिए, मेरा दृढ़ विश्वास है कि कांग्रेस ने लगातार लालू का समर्थन किया है, जिनकी सरकार बिहार में भय, लूट, अपहरण और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का पर्याय बन गई थी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने हाल ही में एक चौंकाने वाला बयान दिया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि देश में बेरोज़गारी चुनावी गड़बड़ी का नतीजा है। उनकी यह टिप्पणी हाल के चुनावों तक सीमित नहीं है, बल्कि 2014 के चुनावों का संदर्भ देती प्रतीत होती है। क्या ऐसे आरोप लगाकर राहुल गांधी अप्रत्यक्ष रूप से मतदाताओं और देश के नागरिकों की ईमानदारी पर सवाल उठा रहे हैं?

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सितंबर 2014 से मई 2025 तक लगभग 7.91 करोड़ व्यक्तियों के भविष्य निधि अंशदान में कटौती की गई है। ईपीएफओ के आंकड़ों के अनुसार, यह दर्शाता है कि इस अवधि के दौरान लगभग 8 करोड़ लोगों को रोजगार मिला है।

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