निर्वाचकों को किसी भी परेशानी से बचाना जिला प्रशासन का ध्येय: जिलाधिकारी
दावा-आपत्ति के लिए विशेष कैंप का हुआ उद्घाटन
chhapa: निर्वाचकों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके लिए जिला प्रशासन उनके साथ है। उक्त बातें जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिला पदाधिकारी श्री अमन समीर ने छपरा नगर निगम में दावा आपत्ति के लिए बनाए गए विशेष कैंप का उद्घाटन करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि गहन पुनरीक्षण के अंतर्गत शुक्रवार को ड्राफ्ट सूची के प्रकाशन के साथ ही दावा-आपत्ति की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। आगामी एक सितंबर तक पूरे एक माह कोई भी निर्वाचक नाम जोड़ने, सुधारने, स्थानांतरित करने या विलोपित करने के लिए आवेदन कर सकता है। यह कार्य बीएलओ के माध्यम से या स्वयं ऑनलाईन किया जा सकता है।
कुल 30 विशेष कैंप बनाए गए
जिलाधिकारी ने बताया कि लोगों को दावा-आपत्ति के लिए परेशानी न हो। बीएलओ को ढूंढने या अन्य जानकारी के लिए उसे इधर उधर भटकाना नहीं पड़े। इसके लिए जिला प्रशासन ने नगर निगम समेत सभी 10 शहरी निकाय और 20 प्रखंड कार्यालयों में विशेष कैंप लगाया है। कैंप में वन-स्टॉप सेंटर के तर्ज पर सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। यहां ड्राफ्ट सूची में नाम जांचने, ऑनलाईन दावा-आपत्ति करने का तरीका सीखने या ऑफलाइन फॉर्म प्राप्त करने और जमा करने की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है।

तनिष्क छपरा- डाकबंगला रोड,
फोन-7644849600 , 8235892335
नए वोटर को समझाया तरीका
नगर निगम में कैंप के उद्घाटन के साथ ही शहर के नारायण चौक निवासी रंजीत कुमार की पुत्री राशि रानी निर्वाचक बनने की जानकारी लेने पहुंची। जिलाधिकारी ने एक कुशल काउंसेलर की भूमिका निभाते हुए उन्हें बताया कि आपको नया नाम जुड़वाने के लिए फॉर्म-6 भरना होगा। उसके साथ आयु और निवास से संबंधित साक्ष्य के साथ कुल 11 दस्तावेज में से कोई एक और घोषणा पत्र भरना होगा। मौके पर मौजूद कैंप के प्रतिनियुक्त कर्मियों को उन्होंने लोगों द्वारा पूछे जाने वाले सम्भावित सवाल और उनके उत्तर को विस्तार से समझाया। इस अवसर पर नगर आयुक्त सुनील कुमार पांडेय, उप निर्वाचन पदाधिकारी जावेद एकबाल, एसडीएम नितेश कुमार, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रवीन्द्र कुमार, उप नगर आयुक्त सुनील कुमार आदि उपस्थित थे।
दावा आपत्ति के लिए क्या करें
-प्रारूप निर्वाचक सूची में अपना नाम जांचें
. बीएलओ के पास सूची देखें
.https://voters.eci.gov.in/home/enumFormTrack या https://voters.eci.gov.in/download-eroll?stateCode=S04 पर अपने पीसी या मोबाइल से नाम जांच करें
– नाम जोड़ने के लिए फॉर्म-6 भरें
– सुधार, स्थानांतरण के लिए फॉर्म-8 भरें
– नाम हटाने या विलोपन के लिए फॉर्म-7 भरें

नहर वितरण प्रणालियों में अंतिम छोर तक पर्याप्त मात्रा में पानी पहुंचाने के लिये बैठक
Chhapra: सारण नहर प्रमंडल, छपरा के कार्यालय में कार्यपालक अभियन्ता की अध्यक्षता में विभागीय निदेशानुसार जिलान्तर्गत किसान भाईयों के लिए बैठक आयोजित की गई। बैठक का मुख्य उद्देश्य सभी नहर वितरण प्रणालियों में अंतिम छोर तक पर्याप्त मात्रा में पानी पहुँचाना था।
जिन वितरण प्रणालियों में पानी नहीं पहुँच पा रहा है, वहाँ के कृषकों द्वारा अपनी समस्याओं को नहरवार यथा पटेढ़ा शाखा नहर, सलेमपुर वितरणी, सुल्तानपुर वितरणी, चन्दा उप वितरणी, मशरख उप वितरणी, चैनपुर उप वितरणी, मिर्जापुर उप वितरणी तथा गोल्डेनगंज उप वितरणी से संबंधित समस्याओं को दर्ज कराया गया। उनकी समस्या के निवारण हेतु जल संसाधन विभाग लगातार प्रयासरत है। बैठक में सभी अवर प्रमंडल पदाधिकारी एवं कनीय अभियन्ता उपस्थित थे तथा सभी पदाधिकारियों द्वारा नहरवार समस्याओं को समाधान करने का आश्वासन दिया गया ।

सारण जिलान्तर्गत सरकारी एवं निजी विद्यालयों में हुआ एचपीवी टीकाकरण महाभियान का सफल आयोजन
Chhapra: राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार 9 से 14 वर्ष की आयु वर्ग की बालिकाओं के लिए एचपीवी टीकाकरण महाभियान का सफल आयोजन सारण जिले के विभिन्न विद्यालयों में किया गया। इस अभियान के अंतर्गत आज कुल 2000 बालिकाओं को ये टीका दिया गया ।
सीपीएस छपरा में सर्वाधिक 226 बालिकाओं को यह महत्वपूर्ण टीका लगाया गया। हेज़लवुड स्कूल में 70 तथा सारण अकैडमी में भी कई छात्राओं को टीकाकरण किया गया।
एचपीवी वैक्सीन गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर (सर्वाइकल कैंसर) से सुरक्षा प्रदान करती है और महिलाओं के जीवन में आगे चलकर आने वाली स्वास्थ्य जटिलताओं से बचाव करती है। यह टीका बालिकाओं को कैंसर जैसी घातक बीमारी से सुरक्षा देने वाला एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
विद्यालयों द्वारा बच्चों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए यह पहल की गई, जिससे अभिभावकों में भी संतोष और आभार का भाव देखा गया। अभिभावकों ने राज्य सरकार तथा विद्यालय प्रशासन के इस सराहनीय प्रयास की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस प्रकार के स्वास्थ्य अभियान भविष्य में भी चलते रहने चाहिए।

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विद्यालय प्रबंधन की ओर से उन बालिकाओं को चिन्हित कर टीकाकरण की व्यवस्था सुनिश्चित की गई, जिन्हें किसी गंभीर चिकित्सकीय समस्या नहीं थी। इस दौरान स्वास्थ्य कर्मियों की एक टीम ने पूरी प्रक्रिया को सुरक्षित व सुचारु रूप से संपन्न कराया। इस प्रकार, सभी विद्यालयों में एचपीवी टीकाकरण का यह अभियान बालिकाओं के सुरक्षित भविष्य की ओर एक मजबूत कदम सिद्ध हुआ है।

Patna, 02 अगस्त (हि.स.)। लोकप्रिय रियलिटी शो बिग बॉस को लेकर बिहार में चर्चा का बाजार गर्म है। इस बार वजह हैं बिहार के चर्चित यूट्यूबर और पत्रकार मनीष कश्यप। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर मनीष कश्यप द्वारा शेयर की गई एक ऑडियो क्लिप ने उनके बिग बॉस 19 में एंट्री की संभावनाओं को हवा दे दी है।

इस ऑडियो में एक शख्स खुद को ‘आदिल’ बताता है और दावा करता है कि वह बिग बॉस की कास्टिंग टीम से जुड़ा हुआ है। बातचीत के दौरान आदिल मनीष कश्यप से एक घंटे की ऑनलाइन मीटिंग का वक्त मांगता है और यह भी कहता है कि मनीष का बोलने का अंदाज़ शो के लिए परफेक्ट है।

तेज प्रताप को भी बिग बॉस के घर में आने का ऑफर मिला है

इससे पहले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू यादव के बड़े बेटे और विधायक तेज प्रताप को बिग बॉस के घर में आने का ऑफर मिला है। बताया जा रहा है कि खुद सलमान खान चाहते हैं कि तेज प्रताप बिग बॉस में शामिल हों। इसके लिए उन्होंने तेज प्रताप को फोन भी किया है। इस बाबत तेज प्रताप ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमने फिलहाल इस पर समय मांगा है।

ऑडियो में मनीष कश्यप कहते सुनाई देते हैं, “मिलकर बात करनी होगी,” जिस पर आदिल उन्हें एक घंटे की मीटिंग के लिए मनाने की कोशिश करता है। वहीं जब आदिल उनसे चुनाव लड़ने के बारे में पूछता है, तो मनीष स्पष्ट रूप से कहते हैं, “मैं चुनाव लड़ रहा हूं।

उल्लेखनीय है कि बिग बॉस 19 की थीम इस बार राजनीति से प्रेरित है। खुद सलमान खान शो के प्रोमो में नेता के लुक में दिखाई दिए हैं और घोषणा की है कि इस सीजन में घर के अंदर सियासी रंग देखने को मिलेगा। ऐसे में मनीष कश्यप जैसे सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों पर मुखर रहने वाले चेहरे की संभावित एंट्री को लेकर चर्चाएं तेज़ हो गई हैं।

Patna, 02 अगस्त (हि.स.)। बिहार में बीते कुछ दिनों से मॉनसून सक्रिया है लेकिन प्रदेश में जुलाई माह में 41 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने पहले राज्य के अधिकांश स्थानों पर जुलाई में सामान्य से कम बारिश की भविष्यवाणी की थी। प्रदेशभर में बीते चार वर्षों से जुलाई में लगातार सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है। वर्ष 2024 में 29 की कमी, 2023 में 48 प्रतिशत, 2022 में 60 प्रतिशत और 2021 में 26 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई थी। 2020 में जुलाई माह में सामान्य से 27 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई थी।

इस साल जुलाई में शहर में रिकॉर्ड 383.5 मिमी बारिश हुई

राजधानी पटना में भी पिछले कुछ वर्षों में बारिश में उतार-चढ़ाव देखा गया है। इस साल जुलाई में शहर में रिकॉर्ड 383.5 मिमी बारिश हुई, जबकि पिछले वर्षों में यह आंकड़ा काफी कम था – 2021 में 222.6 मिमी, 2022 में 159.4 मिमी, 2023 में 200.5 मिमी और 2024 में 167 मिमी।

राज्य के अधिकांश हिस्सों में सामान्य बारिश की उम्मीद है

आईएमडी द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार, राज्य के अधिकांश हिस्सों में सामान्य बारिश की उम्मीद है। इसमें कहा गया है कि बिहार में अगस्त में 271.9 मिमी बारिश होगी।

इस बीच, मौसम विभाग ने शनिवार को किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार और मधेपुरा में बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया है। सुपौल, भागलपुर, मुंगेर, समस्तीपुर, खगड़िया और बेगूसराय में भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। इसके अतिरिक्त, राज्य के सभी जिलों के लिए गरज और बिजली गिरने का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। अगले तीन दिनों तक राज्य भर में मध्यम से भारी बारिश जारी रहने की संभावना है।

Patna, 1 अगस्त (हि.स.)। जनसुराज पार्टी बिहार में अपने आप काे मजबूत कर रही है। इस दाैरान अलग अलग दलाें के नेता जनसुराज में शामिल हाे रहे है। इस क्रम में जनसुराज ने इस बार भाजपा झटका दिया है। भाजपा से पिछले ढाई दशकों से ज्यादा समय से जुड़े प्रमुख नेताओं ने अब जनसुराज का दामन थाम लिया है।

भाजपा के सुधीर शर्मा, विनीता मिश्रा और भोजपुरी कलाकार चेतना झाम हुईं शामिल

बिहार भाजपा के पूर्व महामंत्री सुधीर शर्मा, पूर्व भाजपा नेत्री विनीता मिश्रा और व्यवसायी एवं भोजपुरी कलाकार चेतना झाम समेत कई नेताओं ने शुक्रवार को जन सुराज का दामन थामा लिया। प्रशांत किशोर की मौजूदगी में भाजपा के नेताओं ने जनसुराज की सदस्यता ग्रहण की। पीके ने पूर्व भाजपा नेताओं और चेतना झाम के जनसुराज में आने पर इसे पार्टी की मजबूती और जन सरोकारों को समर्पित नेताओं में बढ़ती स्वीकृति करार दिया है।उन्होंने कहा कि जनसुराज के संकल्पों को साकार करने के लिए सुधीर शर्मा, विनीता मिश्रा, चेतना झाम प्रमुख आयाम बनेंगे।

सुधीर शर्मा का बड़े मतदाता वर्ग पर पड़ सकता है प्रभाव

सुधीर शर्मा का भाजपा के साथ पुराना जुड़ाव रहा है। हालांकि जनहित से जुड़े मुद्दों और पार्टी में समर्पित कार्यकर्ताओं को तरजीह नहीं दिए जाने से जुड़े सवाल उठाने पर सुधीर शर्मा को छह वर्ष के लिए भाजपा से निष्कासित किया गया था। पार्टी की अनुशासन समिति ने छह वर्षों के लिए उनकी प्राथमिक सदस्यता समाप्त करते हुए उन्हें पार्टी से निष्कासित किया था। अब विधानसभा चुनाव के पहले सुधीर शर्मा ने जनसुराज का दामन थाम कर पीके की पार्टी को मजबूती देने का संकल्प लिया है.। भूमिहार जाति से आने वाले सुधीर शर्मा का एक बड़े मतदाता वर्ग पर प्रभाव पड़ सकता है।

जनसुराज की हुई चेतना झामा, अब राजनीति में आजमायेंगी किस्मत

कॉल सेंटर से अपने करियर की शुरुआत कर फिर सॉफ्टवेयर कंपनी, मीडिया कंपनी और फिल्म निर्माण में सफलता हासिल करने वाली चेतना झाम एक सफल महिला उद्यमी के तौर पर भी पहचान रखती हैं। चेतना अब बिहार में फिल्म निर्माण को बढ़ावा दे रही हैं। अब सियासत के मैदान में उसी अनुरूप सफलता का परचम लहराने के लिए चेतना ने जनसुराज का बस्ता टंगा है।

27 वर्षों तक भाजपा के साथ रही विनीता मिश्रा

भाजपा की वरिष्ठ महिला नेता और पूर्व महिला मोर्चा उपाध्यक्ष रही विनीता मिश्रा आज जनसुराज में शामिल हाे गयी। उन्हाेंने पिछले महीने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। करीब 27 वर्षों तक भाजपा के साथ रही विनीता मिश्रा ने अपने इस्तीफे में लिखा कि, पिछले डेढ़ साल से वह अंदरूनी उथल-पुथल से जूझ रही थीं। पार्टी में बाहर से आए नेताओं की बढ़ती भीड़ के बीच उन्हें ऐसा महसूस होने लगा कि उनकी खुद की पहचान दबती जा रही है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अब वह उस उद्देश्य और ऊर्जा के साथ पार्टी में काम नहीं कर पा रही थीं, जिससे उन्होंने शुरुआत की थी। अब जनसुराज के साथ जुड़कर वह अपने संगठनात्मक कौशल से पीके के अभियान को सफल बनाती नजर आएंगी।

Patna, 01 अगस्त (हि.स.)। पटना स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के रेजिडेंट डॉक्टरों ने शुक्रवार को शिवहर विधायक चेतन आनंद के ‘दुर्व्यवहार’ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन के कारण पटना एम्स में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से प्रभावित हो गईं।

रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने अस्पताल परिसर में सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है

घटना का विरोध करते हुए एम्स के जूनियर डॉक्टरों ने इसे डॉक्टरों की सुरक्षा पर हमला बताया है। उन्होंने कहा कि जब तक दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होती, वे काम पर वापस नहीं लौटेंगे। रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने भी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को पत्र लिखकर विधायक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई और अस्पताल परिसर में सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है।

आरडीए ने चिकित्सा अधीक्षक को लिखे पत्र में लगाया आरोप 

आरडीए ने चिकित्सा अधीक्षक को लिखे पत्र में आरोप लगाया कि शिवहर विधायक चेतन आनंद, उनकी पत्नी डॉ. आयुषी सिंह और उनके सशस्त्र गार्ड जबरन अस्पताल परिसर में घुस आए, सुरक्षा कर्मचारियों के साथ मारपीट की। रेजिडेंट डॉक्टरों को जान से मारने की धमकी दी और अस्पताल परिसर में बंदूक लहराई। इतना ही नहीं, एक अस्पताल गार्ड को बेरहमी से घायल कर दिया गया और रेजिडेंट डॉक्टरों को उनके अपने कार्यस्थल के अंदर ही धमकियों और दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा।

डॉक्टरों ने आज सुबह 9:00 बजे से वैकल्पिक सेवाएं और आपातकालीन सेवाएं भी सशर्त बंद करने की घोषणा की। डॉक्टरों का कहना है कि जब तक विधायक चेतन आनंद अपने आचरण के लिए माफ़ी नहीं मांगते, तब तक सेवाएं बहाल नहीं की जाएंगी। डॉक्टरों ने कहा कि वे अपने जीवन और सम्मान को ख़तरे में डालकर काम नहीं कर सकते और न ही करेंगे।

क्या है मामला ?

दरअसल, बीते बुधवार की रात करीब 11 बजे विधायक चेतन आनंद अपनी पत्नी डॉ. आयुषी के साथ ट्रॉमा सेंटर में एक परिचित मरीज को देखने पहुंचे। इस दौरान उनके साथ मौजूद सुरक्षा कर्मी (बॉडीगार्ड) को हथियार के साथ अंदर जाने से रोका गया, जिसके बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई।

अस्पताल के सुरक्षा गार्डों का आरोप है कि विधायक और उनके सुरक्षा कर्मी ने उनके साथ मारपीट की। वहीं, विधायक के समर्थकों का दावा है कि गार्डों ने विधायक के साथ बदसलूकी की और उन्हें करीब 30 मिनट तक बंधक बनाए रखा।

घटना के बाद पूरे अस्पताल परिसर में अफरातफरी मच गई। सिटी पुलिस अधीक्षक (एसपी सिटी ), वेस्ट भानु प्रताप सिंह ने बताया कि मामले में दोनों पक्षों की ओर से थाने में प्राथमिक सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज कराई गई है और पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। विधायक चेतन आनंद की पत्नी ने भी इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई है।

इन सबके बीच आरोपी गार्ड सोनू ने मीडिया के सामने कहा कि, मेरी कोई गलती नहीं है। विधायक जी और उनके साथ मौजूद महिला (डॉ. आयुषी) ने मेरा कॉलर पकड़ लिया और गाली-गलौज की।

New Delhi, 1 अगस्त (हि.स.)। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर शुक्रवार को भी राज्यसभा की कार्यवाही बाधित रही। विपक्ष के हंगामे के कारण राज्यसभा पहले 12 बजे तक और फिर सोमवार सुबह 11 बजे तक लिए स्थगित कर दी गयी।

30 सदस्यों ने नोटिस दिया जिसे उपसभापति ने अस्वीकार कर दिया

राज्यसभा की कार्यवाही शुक्रवार को शुरू होते ही आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखे गए। उसके बाद उप सभापति हरिवंश ने कहा कि आज बिहार के संदर्भ में एसआईआर को लेकर कई लोगों ने नोटिस दिया। आज 30 सदस्यों ने नोटिस दिया जिसे उपसभापति ने अस्वीकार कर दिया। उसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया। इस बीच आम आदमी पार्टी के सदस्य अशोक कुमार मित्तल ने अस्पतालों में भीड़ का मुद्दा उठाया। हंगामा फिर भी नहीं थमा। इसके बाद सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी। सदन की कार्यवाही 12 बजे दोबारा शुरू होने पर भी विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा। पीठासीन अधिकारी घनश्याम तिवाड़ी ने प्रश्नकाल को शुरुआत की । पहले प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव जवाब के लिए उठे लेकिन हंगामे के कारण कार्यवाही चल नहीं सकी, जिसके बाद कार्यवाही सोमवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।

Chhapra: जिलाधिकारी सारण अमन समीर ने आज अपने कार्यालय कक्ष में बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 के तहत द्वितीय अपील के अंतर्गत आने वाली शिकायतों की सुनवाई की और उनका समाधान किया।

6 मामलों में अंतिम रूप से आदेश पारित किया गया

इस दौरान कुल 12 मामलों की सुनवाई हुई, जिनमें से 6 मामलों में अंतिम रूप से आदेश पारित किया गया। शेष 6 मामलों में लोक प्राधिकार को पूर्ण प्रतिवेदन के साथ अगली तिथि पर उपस्थित होने का निर्देश दिया गया।

लोक प्राधिकारों को सजगता और तत्परता से कार्य करना होगा: अमन समीर

जिलाधिकारी अमन समीर ने स्पष्ट किया कि लोक शिकायतों का समय पर और गुणवत्तापूर्ण निवारण अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि लोक प्राधिकारों को सजगता और तत्परता से कार्य करना होगा।

उन्होंने यह भी कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है और सभी पदाधिकारियों को इसके प्रति सजग, संवेदनशील तथा सक्रिय रहना चाहिए।

Chhapra: लायंस क्लब महाराजगंज रघु शांति द्वारा सेवा कार्य के तहत धर्मनाथ मंदिर परिसर छपरा में वाटर कूलर लगाया गया। इस पहल से मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं और आसपास के लोगों को अब शुद्ध और ठंडे पानी की सुविधा मिलेगी।

Lions Club ने “हम सेवा के लिए साथ हैं” की भावना को साकार किया

कार्यक्रम की शुरुआत क्लब के सदस्यों द्वारा पूजा-अर्चना से हुई। इसके बाद पूर्व जिलापाल लायन डॉ. एस. के. पाण्डेय ने वाटर कूलर का उद्घाटन किया। इस जनहितकारी कार्य के ज़रिए क्लब ने अपने मूलमंत्र “हम सेवा के लिए साथ हैं” की भावना को साकार किया।

इस अवसर पर क्लब की अध्यक्ष लायन अर्चना श्रीवास्तव, सचिव लायन संदीप कांत, लायन सीमा पाण्डेय, लायन सोनी गुप्ता, लायन दीप शिखा, लायन नीलम शरण, लायन कुमकुम श्रीवास्तव, लायन रीता मिश्रा, लायन ऋषिन्द्र “पप्पु” और अन्य पदाधिकारी व सदस्यगण मौजूद रहे। सभी ने एकजुट होकर इस सेवा कार्य को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

01 अगस्त (हि.स.)। वाशिंगटन डीसी स्थित संघीय सर्किट अपील न्यायालय के न्यायाधीशों ने गुरुवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड जे ट्रंप के आपातकालीन शक्तियों के अभूतपूर्व उपयोग करते हुए अमेरिका के व्यापारिक साझेदार देशों पर व्यापक टैरिफ लगाने के अधिकार पर तीखे सवाल उठाए। कई न्यायाधीशों ने तो बार-बार इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि ट्रंप 1977 के अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्ति अधिनियम (आईपा) कानून का उपयोग करके टैरिफ को कैसे उचित ठहरा सकते हैं?

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न्यायाधीश जिम्मी रेयना ने कहा, “मेरी एक बड़ी चिंता यह है कि आईपी में टैरिफ शब्द का कहीं भी जिक्र तक नहीं है।

अमेरिका ऑनलाइन अखबार ‘पॉलिटिको’ की खबर के अनुसार, न्यायाधीश जिम्मी रेयना ने कहा, “मेरी एक बड़ी चिंता यह है कि आईपी में टैरिफ शब्द का कहीं भी जिक्र तक नहीं है।” न्यायाधीश टिमोथी डिक ने कहा, “मेरे लिए यह समझना मुश्किल है कि कांग्रेस का इरादा आईपा में राष्ट्रपति को उस टैरिफ अनुसूची को रद्द करने का पूरा अधिकार देना था जिसे उसने वर्षों के गहन अध्ययन के बाद अपनाया था।”

अन्य न्यायाधीश इस तर्क पर सहमत दिखे कि ट्रंप ने एक ऐसे कानून का इस्तेमाल किया जिसका उद्देश्य राष्ट्रपतियों को किसी अंतरराष्ट्रीय संकट से निपटने के लिए आपातकालीन शक्तियां प्रदान करना था, बल्कि कांग्रेस की एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को हड़पना था। यहां यह महत्वपूर्ण है कि न्यायाधीश जिम्मी रेयना की नियुक्त ओबामा और न्यायाधीश टिमोथी डिक की नियुक्ति क्लिंटन ने की थी।

न्यायालय में दो मुकदमों पर लगभग दो घंटे तक मौखिक बहस हुई

खचाखच भरे न्यायालय में दो मुकदमों पर लगभग दो घंटे तक मौखिक बहस हुई। इन मुकदमों में ट्रंप के फरवरी और अप्रैल के बीच हस्ताक्षरित कार्यकारी आदेशों में लगाए गए टैरिफ को चुनौती दी गई है। एक मामला निजी कंपनियों ने और दूसरा मामला 11 डेमोक्रेटिक नियंत्रित राज्यों ने दायर किया है। कुछ न्यायाधीशों ने मत व्यक्त किया कि अगर राष्ट्रपति बिना अदालतों की समीक्षा के आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं (जैसा कि ट्रंप प्रशासन का दावा है और वह किसी भी आकार और अवधि के टैरिफ लगा सकते हैं) तो देश की जटिल और दीर्घकालिक व्यापार प्रक्रिया का एक बड़ा हिस्सा अनिवार्य रूप से अनावश्यक हो जाएगा।


उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पूर्व राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन के एक पुरानी आपातकालीन शक्ति के तहत लगाए गए टैरिफ केवल इसलिए कानूनी चुनौतियों से बच पाए, क्योंकि वे एक समस्या पर केंद्रित थे और उनकी एक स्पष्ट समाप्ति तिथि थी। सुनवाई के दौरान 11 न्यायाधीशों ने राज्यों और निजी कंपनियों के वकीलों के तर्क सुने। ओबामा के कार्यकाल में नियुक्त न्यायाधीश रिचर्ड टारंटो ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि वादी ने वास्तव में उन नकारात्मक परिणामों पर ध्यान दिया है, जिनका ट्रंप प्रशासन दावा करता है कि बड़े व्यापार घाटे के कारण विनिर्माण और सैन्य तैयारियों पर प्रभाव पड़ता है।

ओरेगन के सॉलिसिटर जनरल बेंजामिन गुटमैन ने कहा कि ट्रंप के कार्यकारी आदेश में इन परिणामों के बारे में सिर्फ एक वाक्य लिखा गया है, तो जॉर्ज डब्ल्यू. बुश के कार्यकाल में नियुक्त मुख्य न्यायाधीश किम्बर्ली मूर ने इसका विरोध किया। मूर ने कहा, “मुझे नहीं पता कि आप और मैं एक बिल्कुल अलग कार्यकारी आदेश पढ़ रहे हैं या नहीं।” उन्होंने कहा, “मैं एक ऐसा कार्यकारी आदेश देख रहा हूं जो अमेरिकी उत्पादन, सैन्य उपकरणों और विदेशी उत्पादकों द्वारा अमेरिकी सुरक्षा से समझौता करने की बात करता है। एक ऐसा कार्यकारी आदेश जो बताता है कि अमेरिकी विनिर्माण क्षमता में गिरावट अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए अन्य तरीकों से खतरा है, जिसमें विनिर्माण क्षेत्र में नौकरियों का नुकसान भी शामिल है। राष्ट्रपति स्पष्ट रूप से जिसे एक असाधारण खतरा बता रहे हैं, वह कैसे नहीं बनता?”

अब यह मुकदमा सुप्रीम कोर्ट में जाने की उम्मीद है

यहां यह महत्वपूर्ण है कि न्यूयॉर्क स्थित अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय व्यापार न्यायालय ने मई में फैसला सुनाया था कि ट्रंप ने टैरिफ लगाने के लिए आईपा के तहत अपने अधिकार का अतिक्रमण किया है। ट्रंप प्रशासन ने इस फैसले के खिलाफ संघीय सर्किट न्यायालय में अपील की। संघीय सर्किट न्यायालय ने मामले की सुनवाई जारी रहने तक सरकार को शुल्क वसूलने की अनुमति दे दी। अपीलीय न्यायालय ने इस मामले पर न्यायालय की 11 सदस्यीय पूर्ण पीठ के समक्ष विचार करने के लिए कार्यक्रम निर्धारित किया। इसमें आठ जज की नियुक्ति डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति और तीन की नियुक्ति रिपब्लिकन राष्ट्रपति ने की है। अब यह मुकदमा सुप्रीम कोर्ट में जाने की उम्मीद है।

ट्रंप ने आईपा का इस्तेमाल कर दो मुख्य टैरिफ लगाए हैं। एक का उद्देश्य चीन, कनाडा और मेक्सिको पर अमेरिका में फेंटेनाइल और अन्य रसायनों के प्रवाह को रोकने के लिए दबाव डालना है। दूसरा अमेरिका के बड़े व्यापार घाटे को कम करना है। ट्रंप ने अप्रैल की शुरुआत में व्यापार घाटे को कम करने के उद्देश्य से “पारस्परिक” टैरिफ की घोषणा की थी। इसके बाद पहली अगस्त तक इनमें से अधिकतर को रोक दिया था। हालांकि उन्होंने 05 अप्रैल से सभी वस्तुओं पर 10 प्रतिशत का “बेसलाइन” टैरिफ लागू रखा है।

हाल के हफ्तों और महीनों में ट्रंप ने कई देशों के साथ कई तरह के व्यापार समझौते किए हैं

हाल के हफ्तों और महीनों में ट्रंप ने यूनाइटेड किंगडम, वियतनाम, जापान और 27 देशों के यूरोपीय संघ सहित कई देशों के साथ कई तरह के व्यापार समझौते किए हैं। ट्रंप आपातकालीन शुल्कों को देश के विदेशी साझेदारों के साथ लंबे समय से चले आ रहे और लगातार व्यापार घाटे के मद्देनजर उचित ठहराते हैं। उन्होंने ब्राजील पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाया है। उधर, राज्यों और निजी कंपनियों दोनों का तर्क है कि व्यापार घाटा न तो कोई “असामान्य या असाधारण” खतरा है और न ही कोई “आपातकाल”, क्योंकि संयुक्त राज्य अमेरिका में दशकों से यह संकट रहा है। ट्रपं के कार्रवाई करने के लिए आईपा के तहत दोनों ही शर्तें आवश्यक हैं। न्याय विभाग इससे असहमत है, और कहता है कि हाल के वर्षों में व्यापार घाटा “तेजी से” बढ़ रहा है, जो 2019 में 559 अरब डॉलर से बढ़कर 2024 में 903 अरब डॉलर हो गया है।

न्याय विभाग के वकील ब्रेट शुमेट ने न्यायाधीशों को बताया कि ट्रंप का टैरिफ को सौदेबाजी के हथकंडे के रूप में इस्तेमाल करना, उनके द्वारा वर्णित आपातकाल से निपटने के उनके प्रयास का एक महत्वपूर्ण पहलू है। शुमेट ने यूरोपीय संघ के साथ हाल ही में हुए समझौते का उदाहरण दिया।

गुरुवार की सुनवाई के दौरान ट्रंप ने घोषणा की कि उन्होंने एक दीर्घकालिक व्यापार समझौते पर जटिल बातचीत के बीच मेक्सिको के साथ समझौता कर लिया है ताकि टैरिफ में और वृद्धि को रोका जा सके।

एनबीसी न्यूज की खबर के अनुसार, गुरुवार को ट्रंप के पूरे टैरिफ एजेंडे को संघीय अदालत में कड़ी परीक्षा का सामना करना पड़ा। संघीय न्यायालय का फैसला शुक्रवार को आ सकता है। द वाल स्ट्रीट जनरल की खबर में कहा गया है कि राष्ट्रपति ट्रंप के दुनिया भर में टैरिफ लगाने की आपातकालीन शक्तियों के दावे पर न्यायालय ने संदेह व्यक्त किया है। मौखिक बहस में विवाद के प्रमुख प्रश्नों पर चर्चा हुई- क्या व्यापार असंतुलन और सीमा पार नशीली दवाओं की तस्करी जैसी पुरानी समस्याएं आपातकाल के रूप में योग्य हैं जो राष्ट्रपति को सामान्य कानूनों को दरकिनार करने की अनुमति देती हैं? क्या संघीय अदालतों के पास राष्ट्रपति के आपातकालीन निर्णयों की समीक्षा करने का अधिकार है? और क्या अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्ति अधिनियम, 1977 का वह कानून जिसे आईपा के नाम से जाना जाता है और जिसका ट्रंप ने हवाला दिया, राष्ट्रपति को टैरिफ लगाने की अनुमति देता है?

New Delhi, 29 जुलाई (हि.स.)। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में कांग्रेस पर तुष्टीकरण की राजनीति करने और पाकिस्तान के प्रति नरम नीति अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सारे आतंकवाद की जड़ पाकिस्तान है और पाकिस्तान कांग्रेस की भूल है।

पाकिस्तान कांग्रेस की भूल है: अमित शाह

गृहमंत्री अमित शाह ने कल से लोकसभा में जारी पहलगाम में आतंकवादी हमले के जवाब में भारत के सशक्त, सफल और निर्णायक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विशेष चर्चा में आज भाग लिया। उन्होंने ऑपरेशन महादेव, पहलगाम हमले पर एनआईए जांच, पूरे घटनाक्रम और आंतकवाद के खिलाफ भाजपा सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति से अवगत कराया। उन्होंने कांग्रेस सरकारों के दौरान कथित तौर पर की गयी ऐतिहासिक गलतियों का भी उल्लेख किया और तुष्टीकरण के मुद्दे पर पार्टी पर निशाना भी साधा।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने ही देश के विभाजन को स्वीकार किया। पीओके को हासिल किए बिना 1948 में संघर्ष विराम और 1971 में मिली बड़ी जीत के बावजूद पीओके नहीं लेना पार्टी की बड़ी भूल रही। अगर ऐसा न किया होता ‘तो न रहता बांस न बजती बांसूरी।’ उन्होंने कहा, “पाकिस्तान कांग्रेस की भूल है। अगर उन्होंने बंटवारा स्वीकार नहीं किया होता, तो आज पाकिस्तान नहीं होता।”

सरकार का उद्देश्य आतंक के खिलाफ कार्रवाई था न कि युद्ध लड़ना: अमित शाह

शाह ने विपक्ष के पहलगाम हमले के बाद निर्णायक बढ़त हासिल करने के बावजूद भी आगे कार्रवाई नहीं करने के सवाल का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य आतंक के खिलाफ कार्रवाई था न कि युद्ध लड़ना। युद्ध का अपना परिणाम होता है। इसी सदंर्भ में उन्होंने कांग्रेस नेताओं को 1971 के युद्ध की याद दिलाई। उन्होंने कहा, “1971 में 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया, 15 हजार वर्ग किलोमीटर पाकिस्तानी क्षेत्र भारत के नियंत्रण में था, लेकिन पीओके वापस नहीं लिया गया।”

शाह ने कांग्रेस पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ अटल बिहारी वाजपेयी के समय में लाये गए आतंकवाद निरोधक अधिनियम, 2002 (पोटा) को संप्रग सरकार की पहली कैबिनेट में हटाए जाने को लेकर कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना साधा। शाह ने बटला हाउस की घटना की भी उल्लेख किया। साथ ही उन्होंने कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान देश छोड़कर भागे आंतकियों के नाम गिनाए।

उन्होंने कहा, “मुझे याद है एक सुबह नाश्ते के दौरान, मैंने टीवी पर सलमान खुर्शीद को रोते हुए देखा। वह सोनिया गांधी के आवास से बाहर आ रहे थे। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी बटला हाउस की घटना पर रो रही थीं। उन्हें बटला हाउस के आतंकवादियों के बजाय शहीद मोहन शर्मा के लिए रोना चाहिए था।”

आतंकी सुलेमान, फैजल और अफगान पहलगाम हमले में शामिल थे

शाह ने अपने भाषण की शुरुआत ऑपरेशन महादेव से की और कहा कि सारे सबूत बताते हैं कि इसमें मारे गए आतंकी सुलेमान, फैजल और अफगान पहलगाम हमले में शामिल थे। उन्होंने सदन को पूरे ऑपरेशन के बारे में बताया और कहा कि सारी जांच के बाद पुष्टि हो गयी है कि आतंकी पहलगाम हमले में शामिल थे। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही हमने हमले में शामिल आतंकियों और उनके आकाओं दोनों का सफाया किया है। एनआईए जांच का ब्यौरा देते हुए शाह ने बताया कि हमले के बाद 1005 लोगों से पूछताछ की गई। दो लोगों को आतंकियों को ठहरने में मदद करने के लिए गिरफ्तार किया गया।

सदन में शाह ने एक कांग्रेस नेता के आतंकियों के पाकिस्तान से आने पर सबूत मांगने पर कड़ी आपत्ती जताई। उन्होंने कहा कि देश के पूर्व गृहमंत्री अपने बयान से आतंकवादियों को क्लीन चीट दे रहे हैं। वे आतंकियों के पाकिस्तानी होने का सबूत मांग रहे हैं कल को वे पाकिस्तान पर हमला क्यों किया इसपर सवाल खड़े करेंगे।

हमने पाकिस्तान को इसबार 100 किमी अंदर जाकर मारा है: अमित शाह

शाह ने विपक्ष के प्रधानमंत्री मोदी के बिहार में एक चुनावी भाषण देने पर सवाल खड़े किए जाने पर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि हम जिस चश्मे से देखते हैं हमारी दृष्टि भी वैसी होती है। प्रधानमंत्री ने देश के नेता होने के नाते अपना फर्ज निभाया और जनता की भावनाओं के अनुरुप बयान दिया। यह चुनावी भाषण नहीं थी। इसी का परिणाम है कि हमने पाकिस्तान को इसबार 100 किमी अंदर जाकर मारा है।

विपक्ष की ओर से अनुच्छेद-370 हटने के बाद घाटी में शांति पर सवाल खड़े करने पर शाह ने कहा कि आज जम्मू-कश्मीर की स्थिति आज पूरी तरह बदल गई है। आतंकियों का पूरा इकोसिस्टम खत्म किया जा रहा है। आतंकियों को पहले महिमामंडित किया जाता था। आए दिन हड़ताल और पत्थरबाजी होती थी। पिछले कुछ सालों में यह पूरी तरह समाप्त हो गया है।