New Delhi, 26 अगस्त (हि.स.)। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम (वीवीपी) की समीक्षा बैठक में सीमावर्ती जिलों में अवैध धार्मिक अतिक्रमण हटाने पर जोर देते हुए कहा कि सीमाएं कम से कम 30 किलोमीटर के दायरे में अतिक्रमण से मुक्त होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ये अतिक्रमण एक सुनियोजित डिजाइन के तहत किए जा रहे हैं, जिन पर सख्ती से रोक लगाना आवश्यक है।

सीमा से कम से कम 30 किलोमीटर दायरे तक सभी अतिक्रमण समाप्त होने चाहिए

अमित शाह ने यहां मंगलवार को गृह मंत्रालय के सीमा प्रबंधन विभाग द्वारा आयोजित वीवीपी पर दो दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने वीवीपी का लोगो भी लॉन्च किया। उन्होंने कहा कि वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम-1 में प्रशासन कार्यक्रम तक सीमित रहा, लेकिन वीवीपी-2 में दृष्टिकोण बदलना होगा। उन्होंने जिला कलेक्टरों को निर्देश दिया कि वे सीमावर्ती इलाकों में अवैध धार्मिक अतिक्रमण हटाने की दिशा में कदम उठाएं। सीमा से कम से कम 30 किलोमीटर दायरे तक सभी अतिक्रमण समाप्त होने चाहिए। गुजरात का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य ने समुद्री और भू सीमा से बड़ी संख्या में अतिक्रमण हटाकर सराहनीय कार्य किया है। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के अंतिम गांव को “देश का पहला गांव” की उपाधि देकर सीमावर्ती इलाकों को देखने का दृष्टिकोण बदल दिया है। वीवीपी की परिकल्पना सीमांत गांवों से पलायन रोकना, हर नागरिक तक केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ पहुंचाना और इन गांवों को देश और सीमा की सुरक्षा का उपकरण बनाना जैसे तीन बिंदुओं पर आधारित है।

अमित शाह ने कहा कि आने वाले वर्षों में वीवीपी से जुड़े गांव देश और सीमाओं की रक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इस कार्यक्रम के तहत इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जा रहा है, संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन पर बल दिया जा रहा है तथा पर्यटन और रोजगार सृजन के नए अवसर खोले जा रहे हैं।

गृहमंत्री ने कहा कि जिला कलेक्टरों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) को केवल वीवीपी की सीमाओं में नहीं रुकना चाहिए, बल्कि इसे आगे बढ़ाकर और उपाय तलाशने चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के सभी विभाग मिलकर सीमांत गांवों को सुरक्षा का उपकरण बनाएं।

जिला कलेक्टर यह सुनिश्चित करें कि नागरिक गांव न छोड़ें और आबादी में वृद्धि हो: अमित शाह

शाह ने कहा कि अगर होम-स्टे जैसी योजनाओं को हर सीमांत गांव तक ले जाया जाए और राज्यों के पर्यटन विभाग बुकिंग की उचित व्यवस्था करें, तो सीमावर्ती गांवों का कोई भी घर खाली नहीं रहेगा और हर परिवार को रोजगार मिलेगा। जिला कलेक्टर यह सुनिश्चित करें कि नागरिक गांव न छोड़ें और आबादी में वृद्धि हो। अरुणाचल प्रदेश में वीवीपी लागू होने के बाद कई सीमावर्ती गांवों में आबादी बढ़ी है, जो सकारात्मक संदेश है।शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से स्पष्ट कहा था कि जनसांख्यिकीय बदलाव चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि सीमांत जिलों के कलेक्टर इस मुद्दे को गंभीरता से देखें, क्योंकि डेमोग्राफिक बदलाव सीधे तौर पर देश की सुरक्षा को प्रभावित करता है और यह केवल भौगोलिक परिस्थिति नहीं बल्कि एक निश्चित डिजाइन के तहत हो रहा है। उन्होंने राज्यों के मुख्य सचिवों और सीएपीएफ से भी इस पर सतर्क रहने की अपील की।

गृहमंत्री ने कहा कि योजनाओं के शत-प्रतिशत सैचुरेशन के लिए कलेक्टर सीएपीएफ के साथ समन्वय करें। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश का उदाहरण दिया, जहां आईटीबीपी रोजमर्रा की वस्तुएं जैसे दूध, सब्जी, अंडे और अनाज आदि वाइब्रेंट गांवों से खरीद रही है। इसी तरह, डेयरी कोऑपरेटिव बनाकर सीएपीएफ और सेना की दूध की आपूर्ति गांवों से ही सुनिश्चित की जा सकती है। यह रोजगार सृजन का एक प्रभावी मॉडल बनेगा।

अमित शाह ने कहा कि सीमांत गांवों में सड़क, दूरसंचार, शिक्षा, स्वास्थ्य और पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराना प्राथमिकता है। वीवीपी को सिर्फ सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि प्रशासन की स्पिरिट बनाना होगा। उन्होंने मनरेगा के तहत तालाब बनाने, वृक्षारोपण और स्थायी इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की संभावना पर भी जोर दिया।

गृहमंत्री ने कहा कि वीवीपी से सीमांत गांवों को आत्मनिर्भर, समृद्ध और सुरक्षित बनाया जा रहा है। इससे पलायन रुकेगा, रोजगार बढ़ेगा और देश की सुरक्षा मजबूत होगी। उन्होंने सभी अधिकारियों से आग्रह किया कि वे इस कार्यक्रम को सरकारी योजना की तरह नहीं, बल्कि राष्ट्रीय जिम्मेदारी के रूप में लागू करें।

कार्यशाला में गृह राज्यमंत्री बंडी संजय कुमार, गृह सचिव, सीमा प्रबंधन सचिव, वीवीपी के दोनों चरणों में शामिल राज्यों के मुख्य सचिव, सीमा की रक्षा में तैनात सुरक्षा बलों के महानिदेशक और सीमावर्ती जिलों के जिलाधिकारी भी उपस्थित थे।

New Delhi, 26 अगस्त (हि.स.)। यह पहली बार है जब आज दो प्रतिष्ठित भारतीय शिपयार्डों के दो प्रमुख सतही लड़ाकू जहाजों को एक साथ समुद्री बेड़े का हिस्सा बनाया गया है। विशाखापत्तनम के नौसेना बेस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अग्रिम पंक्ति के मल्टी मिशन स्टील्थ फ्रिगेट ‘उदयगिरि’ और ‘हिमगिरि’ का जलावतरण किया। दो जहाजों का एक साथ नौसेना में शामिल होना भारत के तेजी से बढ़ते नौसैनिक आधुनिकीकरण और विभिन्न शिपयार्डों से अत्याधुनिक युद्धपोतों की आपूर्ति करने का प्रत्यक्ष प्रमाण है।

हिंद महासागर क्षेत्र में अपने समुद्री हितों की रक्षा करने में भारत और मजबूत होगा

प्रोजेक्ट 17ए के तहत स्टील्थ फ्रिगेट्स का दूसरा जहाज ‘उदयगिरि’ मुंबई में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने निर्मित किया है, जबकि ‘हिमगिरि’ कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स में निर्मित इसी प्रोजेक्ट का पहला जहाज है। भारतीय नौसेना के लिए एक और बड़ी उपलब्धि यह है कि उदयगिरि नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो में डिजाइन किया गया 100वां जहाज है। डिजाइन के लिहाज से देखा जाए तो उदयगिरि और हिमगिरि अगली पीढ़ी के जहाज हैं। लगभग 6,700 टन विस्थापन वाले प्रोजेक्ट 17ए के यह फ्रिगेट अपने पूर्ववर्ती शिवालिक-श्रेणी के फ्रिगेट से लगभग पांच प्रतिशत बड़े हैं। फिर भी इनका आकार अधिक सुडौल है और इनका रडार क्रॉस सेक्शन कम है।

नौसेना के मुताबिक इन्हें डीजल इंजन और गैस टर्बाइनों का उपयोग करते हुए संयुक्त डीजल या गैस प्रणोदन संयंत्रों से संचालित किया जाता है, जो नियंत्रणीय-पिच प्रोपेलर चलाते हैं और एक एकीकृत प्लेटफ़ॉर्म प्रबंधन प्रणाली के माध्यम से प्रबंधित होते हैं। हथियार सूट में सुपरसोनिक सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें, मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, 76 मिमी एमआर गन और 30 मिमी और 12.7 मिमी क्लोज-इन हथियार प्रणालियों और पनडुब्बी रोधी/पानी के नीचे की हथियार प्रणालियों का संयोजन शामिल है। दोनों जहाजों के निर्माण में 200 से अधिक एमएसएमई का सहयोग रहा है। इनसे लगभग 4,000 प्रत्यक्ष नौकरियों और 10 हजार से अधिक अप्रत्यक्ष नौकरियों का मौका मिला है।

आत्मनिर्भरता का एक गौरवशाली प्रमाण

उदयगिरि और हिमगिरि का जलावतरण जहाजों के डिजाइन और निर्माण में आत्मनिर्भरता के प्रति नौसेना की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसके बाद अन्य स्वदेशी जहाजों, जैसे विध्वंसक आईएनएस सूरत, फ्रिगेट आईएनएस नीलगिरि, पनडुब्बी आईएनएस वाघशीर, पनडुब्बी आईएनएस अर्णाला और गोताखोरी सहायता पोत आईएनएस निस्तार का जलावतरण 2025 में ही होगा। कठोर समुद्री परीक्षणों के दौरान फ्रिगेट्स के पतवार, मशीनरी, अग्निशमन, क्षति नियंत्रण, नौवहन और संचार प्रणालियों ने पुष्टि की है कि वे परिचालन तैनाती के लिए तैयार हैं।लगभग 75 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री वाले ये जहाज रक्षा निर्माण में सरकार के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं।

अपने प्रतिष्ठित पूर्ववर्तियों के नामों को पुनर्जीवित करने की नौसेना की परंपरा को ध्यान में रखते हुए दोनों फ्रिगेटों का नाम पूर्ववर्ती आईएनएस उदयगिरि (एफ35) और आईएनएस हिमगिरि (एफ34) के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने सेवामुक्त होने से पहले 30 वर्षों से अधिक समय तक राष्ट्र की विशिष्ट सेवा की थी। इस प्रकार नये उदयगिरि और हिमगिरि का जलावतरण उनके पूर्वजों की विरासत का सम्मान तथा जहाज निर्माण क्षमता के नये युग का सूत्रपात है। उदयगिरि और हिमगिरि के नौसेना में शामिल होने से समुद्री युद्धक तत्परता बढ़ेगी और हिंद महासागर क्षेत्र में अपने समुद्री हितों की रक्षा करने में भारत और मजबूत होगा

Indore, 26 अगस्त (हि.स.)। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने कहा कि भारत हमेशा शांति के पक्ष में रहा है, लेकिन वह किसी भी परिस्थिति में कमजोर नहीं। भारत शांतिप्रिय देश है, लेकिन दुश्मन गलतफहमी में न रहे। हम शांतिवादी नहीं हो सकते। देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सेना हर समय तैयार रहती है। उन्हाेंने एक लैटिन उद्धरण देते हुए कहा, ‘अगर आप शांति चाहते हैं, तो युद्ध के लिए तैयार रहें, क्योंकि शक्ति से ही शांति आ सकती है।

सीडीएस चौहान दो दिवसीय ‘रण संवाद-2025’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे

सीडीएस जनरल चौहान मंगलवार को मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में महू स्थित आर्मी वॉर कॉलेज में शुरू हुए भारतीय सेना के दो दिवसीय ‘रण संवाद-2025’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शक्ति के बिना शांति केवल एक कल्पना है। इतिहास गवाह है कि असली शांति ताकत के दम पर ही संभव होती है। उन्होंने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की प्रसिद्ध पंक्तियों का उल्लेख करते हुए कहा कि क्षमा उसी को शोभा देती है, जिसके पास सामर्थ्य हो। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी में प्रगति और युद्ध की बदलती प्रकृति को देखते हुए भारत को भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों का जवाब एकजुट, त्वरित और निर्णायक रूप में देना होगा। उन्होंने थल, जल, वायु, साइबर और अंतरिक्ष क्षेत्रों में युद्ध के विकसित होते स्वरूप पर प्रकाश डाला और तीनों सशस्त्र बलों- थलसेना, नौसेना और वायुसेना के बीच अधिक समन्वय की आवश्यकता पर जाेर दिया।

युद्ध में शस्त्र और शास्त्र दोनों समान रूप से जरूरी हैं: सीडीएस चौहान

सीडीएस ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर’ अभी भी जारी है और इससे कई अहम सबक सीखे गए हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में संघर्ष का स्वरूप पूरी तरह बदल जाएगा, जिसमें थल, जल, नभ के साथ-साथ अंतरिक्ष और साइबर डोमेन की निर्णायक भूमिका होगी। हमें गीता, महाभारत और चाणक्य नीति से प्रेरणा लेकर शक्ति, उत्साह और युक्ति – इन तीनों का संतुलन बनाना होगा। युद्ध में शस्त्र और शास्त्र दोनों समान रूप से जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य के युद्ध अत्यंत खतरनाक और तकनीकी रूप से जटिल होंगे, जहां तीनों सेनाओं का समन्वय निर्णायक होगा। इस अवसर पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के घोषित ‘सुदर्शन चक्र मिशन’ का भी जिक्र किया, जिस पर कार्य आरंभ हो चुका है। इस मिशन के तहत विकसित होने वाली प्रणाली वर्ष 2035 तक भारत के लिए आयरन डोम जैसी सुरक्षा कवच प्रदान करेगी।


सीडीएस जनरल चौहान ने कहा कि आधुनिक युद्ध में इंटेलिजेंस, सर्विलांस और रिकनॉसेंस (आईएसआर) की बहुआयामी व्यवस्था अनिवार्य है। इसके लिए भूमि, वायु, समुद्र, अंतरिक्ष और पानी के भीतर के सभी सेंसर को आपस में जोड़कर रियल-टाइम डेटा एनालिसिस करना होगा। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बिग डेटा और क्वांटम टेक्नोलॉजी का बड़ा योगदान रहेगा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह सब न्यूनतम लागत पर हासिल करना भारत की विशेषता होगी।

इस दौरान नौसेना के वाइस एडमिरल तरुण सोबती ने भी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के अनुभवों को आगे बढ़ाते हुए तकनीकी सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया। कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नेवी चीफ एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह सहित थल सेना, जल सेना और वायु सेना के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। इस संवाद कार्यक्रम में युद्ध, युद्धनीति और युद्ध पर आधुनिक तकनीक के प्रभाव जैसे विषयों पर चर्चा होगी। इसमें सेनाओं के अफसर बल्कि रक्षा उद्योग विशेषज्ञ, शिक्षाविद् और अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि भी विचार साझा करेंगे।

Patna, 26 अगस्त (हि.स.)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को पटना जिला अंतर्गत प्रगति यात्रा के दौरान की गयी घोषणाओं से संबंधित पटना शहरी क्षेत्र (पूर्वी) के लिए भद्र घाट, पटना सिटी में आयोजित कार्यक्रम स्थल से 341.43 करोड़ रुपये लागत की विभिन्न योजनाओं का शिलापट्ट अनावरण कर शिलान्यास / कार्यारंभ किया।

341.43 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं का किया शिलान्यास

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि 4 घोषणाओं से संबंधित 5 योजनाओं का शिलान्यास आज किया जा रहा है। इन योजनाओं के क्रियान्वयन से पटना सिटी के लोगों तथा प्रत्येक वर्ष बड़ी संख्या में पटना साहिब आनेवाले सिख श्रद्धालुओं को काफी सुविधा होगी।

उन्होंने कहा कि इन योजनाओं के क्रियान्वयन से पटना शहरी क्षेत्र (पूर्वी) के आम लोगों को काफी फायदा होगा। उन्हें बेहतर जनसुविधाएं मिलेंगी।

मुख्यमंत्री ने भद्र घाट, पटना सिटी में आयोजित कार्यक्रम स्थल से 158.40 करोड़ रुपये लागत की गायघाट-कंगन घाट-दीदारगंज तक (लंबाई 7.80 किलोमीटर) गंगा के किनारे पुराने पथ के चौड़ीकरण/निर्माण कार्य का शिलापट्ट अनावरण कर शिलान्यास किया।

यातायात सुगम होगा और सड़क सुरक्षा बेहतर होगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पटना सिटी क्षेत्र के लोगों को आवागमन में सुविधा होगी। ट्रैफिक जाम की समस्या से लोगों को निजात मिलेगी। साथ ही छठ महापर्व और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों के लिए गंगा नदी तक पहुंचने में सहूलियत होगी।

मुख्यमंत्री ने भद्र घाट, पटना सिटी में आयोजित कार्यक्रम स्थल से 61.95 करोड़ रुपये की लागत से गाय घाट में जेपी गंगा पथ से सटे नदी की ओर डाउन रैंप के निर्माण कार्य का शिलापट्ट अनावरण कर कार्यारंभ किया।

मुख्यमंत्री ने इस इवसर पर कहा कि इस योजना के पूर्ण होने पर जेपी गंगा पथ से गाय घाट उतरने में सुविधा होगी। जेपी गंगा पथ गाय घाट में यू-टर्न व्यवस्था के कारण निरंतर जाम की समस्या बनी रहती है, अब इस कार्य के पूर्ण होने पर जाम से निजात मिलेगी। यातायात सुगम होगा और सड़क सुरक्षा बेहतर होगी।

मुख्यमंत्री ने भद्र घाट, पटना सिटी में आयोजित कार्यक्रम स्थल से 99.26 करोड़ रुपये लागत की पटना साहिब में तख्त श्री हरमंदिर साहिब जी, कंगन घाट में मल्टी लेवल पार्किंग के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया।

मुख्यमंत्री ने भद्र घाट, पटना सिटी में आयोजित कार्यक्रम स्थल से 14.05 करोड़ रुपये लागत की पटना सिटी के मंगल तालाब में पर्यटकीय सुविधाओं का विकास एवं 7.77 करोड़ रुपये लागत की नागरिक सुविधाओं के विकास कार्य का शिलान्यास भी किया।

अच्छे ढंग से लोकनायक जयप्रकाश नारायण की तस्वीर लगाएं: मुख्यमंत्री

कार्यक्रम के पश्चात् लौटने के क्रम में मुख्यमंत्री ने जेपी गंगा पथ पर रुककर लोकनायक जयप्रकाश नारायण की लगायी गयी तस्वीर को देखा। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस पथ पर जगह-जगह और अच्छे ढंग से लोकनायक जयप्रकाश नारायण की तस्वीर लगाएं।

मुख्यमंत्री अटल पथ पर भी रुके और अधिकारियों को निर्देश दिया कि यहां विभिन्न जगहों पर श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी की तस्वीर लगाएं। उन्होंने कहा कि जेपी गंगा पथ और अटल पथ को साफ-सुथरा, सुसज्जित, सुरक्षित और मेंटेन कर के रखें।

केंद्र सरकार ने देश के तीन महापुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल, बिरसा मुंडा और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती को खास बनाने के लिए उच्च स्तरीय समितियां बनाई हैं। इन समितियों की अध्यक्षता खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। यह जानकारी संस्कृति मंत्रालय की ओर से 25 अगस्त को जारी अधिसूचनाओं में दी गई।

उद्देश्य है कि इन महापुरुषों के योगदान को नई पीढ़ी तक पहुँचाया जाए

सरकार का कहना है कि सरदार पटेल और बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती तथा अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्यक्रम होंगे। इन आयोजनों में सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रदर्शनी, संगोष्ठियां और युवाओं से जुड़ी गतिविधियां रखी जाएंगी। उद्देश्य है कि इन महापुरुषों के योगदान को नई पीढ़ी तक पहुँचाया जाए।

सरदार पटेल की जयंती

सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को हुआ था। वे आज़ादी के आंदोलन के बड़े नेता और आज़ाद भारत के पहले गृहमंत्री रहे। उन्हें ‘लौहपुरुष’ के नाम से जाना जाता है। गुजरात में बनी दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी उनके योगदान की याद दिलाती है। उनकी 150वीं जयंती पर बनी समिति अलग-अलग स्तर पर कार्यक्रम आयोजित करेगी।

बिरसा मुंडा की जयंती

संस्कृति मंत्रालय ने बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के लिए भी समिति बनाई है। बिरसा मुंडा को आदिवासी समाज में ‘धरती आबा’ कहा जाता है। वे स्वतंत्रता सेनानी और आदिवासी नायक रहे जिन्होंने ब्रिटिश हुकूमत और शोषण के खिलाफ लड़ाई लड़ी। सरकार चाहती है कि उनके संघर्ष और विचारधारा को देशभर में नए सिरे से सामने लाया जाए।

अटल बिहारी वाजपेयी की शताब्दी

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी के लिए भी अलग समिति बनाई गई है। वाजपेयी तीन बार प्रधानमंत्री बने, पहली बार 1996 में 13 दिनों के लिए, दूसरी बार 1998 से 1999 तक और फिर 1999 से 2004 तक पूरे कार्यकाल के लिए। उनके कार्यकाल में 1998 के पोखरण परमाणु परीक्षण देश की बड़ी उपलब्धि मानी जाती है। वाजपेयी अपनी दूरदर्शिता और प्रभावी भाषण शैली के लिए भी याद किए जाते हैं।

कार्यक्रमों में रहेगा खास फोकस

इन तीनों समितियों में वरिष्ठ मंत्रियों, राज्यों के प्रतिनिधियों और विशेषज्ञों को शामिल किया गया है। सरकार का कहना है कि पटेल की एकता की सोच, बिरसा मुंडा का संघर्ष और वाजपेयी की राजनीतिक दूरदृष्टि को युवाओं तक पहुँचाना मुख्य मकसद है।

Patna, 26 अगस्त (हि.स.)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में उद्योग विभाग के 9 एजेंडों सहित कुल 26 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। राज्य के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने इसकी विस्तृत जानकारी दी।

मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने कैबिनेट बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि बिहार में उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने बियाडा एमनेस्टी पॉलिसी 2025 के बाद अब नया बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज 2025 (बीआईपीपीपी-2025) लागू किया है। इसके तहत 40 करोड़ रूपये तक की ब्याज सब्सिडी दी जाएगी।

1000 करोड़ से अधिक का निवेश करने वाली औद्योगिक इकाइयों को 25 एकड़ तक भूमि निःशुल्क आवंटित की जाएगी

मुख्य सचिव ने कहा कि नई इकाइयों को स्वीकृत परियोजना लागत का 300 प्रतिशत तक शुद्ध राज्य माल और सेवा कर (एसजीएसटी) की प्रतिपूर्ति 14 वर्षों के लिए की जाएगी। 30 प्रतिशत तक पूंजीगत सब्सिडी प्रदान की जाएगी। निर्यात प्रोत्साहन की सीमा 14 वर्ष की अवधि के लए 40 लाख रूपये प्रतिवर्ष होगी। इसके अतिरिक्त कौशल विकास, पर्यावरण संरक्षण, नवीकरणीय ऊर्जा उपयोग, स्टाम्प ड्यूटी एवं भूमि रूपांतरण शुल्क की प्रतिपूर्ति, निजी औद्योगिक पार्कों को सहयोग, पेटेंट पंजीकरण एवं गुणवत्ता प्रमाणन के लिए सहायता दी जाएगी।

इस नए औद्योगिक पैकेज 2025 के तहत निवेश को बढ़ावा देने के लिए निःशुल्क भूमि आवंटित की जाएगी। 100 करोड़ से अधिक का निवेश करने वाली एवं 1000 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार सृजित करने वाली औद्योगिक इकाइयों को 10 एकड़ तक भूमि निःशुल्क आवंटित की जाएगी। 1000 करोड़ से अधिक का निवेश करने वाली औद्योगिक इकाइयों को 25 एकड़ तक भूमि निःशुल्क आवंटित की जाएगी। फॉर्च्यून 500 कंपनियों को 10 एकड़ तक भूमि निःशुल्क आवंटित की जाएगी।

385.45 एकड़ भूमि अधिग्रहण के लिए तीन अरब 76 करोड़ 7 लाख 79,329 रुपये की स्वीकृति दी गई है

औद्योगिक पैकेज 2025 के अंतर्गत लाभ लेने के लिए निवेशकों को 31 मार्च 2026 से पूर्व आवेदन करना अनिवार्य होगा। इस नए औद्योगिक पैकेज 2025 से 5 वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को नौकरी एवं रोजगार देने में सहायता मिलेगी। इस पहल का उद्देश्य है कि बिहार में उद्योगों को और ज्यादा बढ़ावा मिले, बिहार के युवा दक्ष एवं आत्मनिर्भर हों तथा उन्हें राज्य के अंदर ही अधिक से अधिक रोजगार मिल सके एवं उनका भविष्य सुरक्षित हो सके।

मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा मे कहा कि भोजपुर आरा के तरारी में औद्योगिक क्षेत्र के विस्तार के लिए 249.48 एकड़ जमीन अधिग्रहण के लिए 52 करोड़ 62 लाख 22,900 की स्वीकृति दी गई है। शेखपुरा जिले में औद्योगिक क्षेत्र के विस्तार के लिए 250.06 एकड़ भूमि अधिग्रहण के लिए 42 करोड़ 16 लाख 30,233 की स्वीकृति हुई है। कौशल विकास प्रोत्साहन (स्किल डेवलपमेंट इंसेंटिव) के तहत 20 हजार तक प्रति कर्मी देने का भी फैसला कैबिनेट में लिया गया है। नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग (रिन्यूएबल एनर्जी यूज) करने वाले को प्रोत्साहन (इंसेंटिव) के तौर पर 6 लाख रुपये तक देने की भी स्वीकृति दी गई है।

मुख्य सचिव ने कहा कि 32 औद्योगिक पार्क बनाने का सरकार ने फैसला लिया है और उसके तहत 8000 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया है। 14600 एकड़ जमीन अधिग्रहण और करने का फैसला लिया गया है। दरभंगा जिला के बहादुरपुर में औद्योगिक क्षेत्र विस्तार के लिए 385.45 एकड़ भूमि अधिग्रहण के लिए तीन अरब 76 करोड़ 7 लाख 79,329 रुपये की स्वीकृति दी गई है।

इसे फरवरी 2027 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है

अमृत लाल मीणा ने कहा कि पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस-वे के समीप पूर्णिया में 279.65 एकड़ भूमि के अधिग्रहण के लिए 66 करोड़ 91 लाख 91318 रुपये की स्वीकृति दी गई है। पटना जिला के फतुहा में लॉजिस्टिक पार्क के लिए 242 एकड़ जमीन के अधिग्रहण के लिए 408 करोड़ 81 लाख 30503 रुपये की स्वीकृति दी गई है। बिहार जल विद्युत निगम के अंतर्गत 12 निर्माण मशीन परियोजनाओं में से परियोजनाओं के लिए 166.81 करोड़ राशि की स्वीकृति दी गई है।

उन्होंने बताया कि बैठक के दौरान जल संसाधन विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई है, जिसके तहत पटना मुख्य नहर के 62.60 किलोमीटर पर एक पुल है, जिससे राष्ट्रीय राज्य मार्ग-139 गुजरती है। इस पर 100 करोड़ की लागत से पुल का निर्माण किया जायेगा। इसे फरवरी 2027 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। सरकार ने किसान सलाहकारों का मानदेय 13,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये प्रतिमाह कर दिया। यह बढ़ोतरी 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी।

Varanasi, 26 अगस्त, 2025: रेलवे प्रशासन द्वारा आगामी दशहरा, दीवाली, छठ आदि त्यौहारों पर होने वाली अतिरिक्त भीड़ को ध्यान में रखते हुए यात्री जनता की सुविधा हेतु पूर्व से चलाई जा रही।  
यहाँ देखें समय सारणी 
07651/07652 जालना-छपरा-जालना विशेष गाड़ी का संचलन जालना से 27 अगस्त से 26 नवम्बर, 2025 तक तथा छपरा से 29 अगस्त से 28 नवम्बर, 2025 तक 14 फेरों के लिए बढ़ाया जा रहा है। 
07651 जालना-छपरा साप्ताहिक विशेष गाड़ी को 27 अगस्त से 26 नवम्बर, 2025 तक प्रत्येक बुधवार को जालना से 23.35 बजे प्रस्थान कर दूसरे दिन औरंगाबाद से 00.20 बजे, मनमाड से 04.20 बजे, भुुसावल से 06.40 बजे, खंडवा जं0 से 08.55 बजे, हरदा से 10.02 बजे, इटारसी जं0 से 12.10 बजे, पिपरिया से 13.02 बजे, गाडरवारा से 13.27 बजे, नरसिंहपुर से 14.00 बजे, जबलपुर से 15.40 बजे, कटनी से 17.00 बजे, मैहर से 17.42 बजे, सतना से 18.25 बजे, मानिकपुर से 20.10 बजे, प्रयागराज जं0 से 22.40 बजे, ज्ञानपुर रोड से 23.50 बजे तीसरे दिन बनारस से 00.55 बजे, वाराणसी से 01.20 बजे, औंड़िहार से 02.02 बजे, गाजीपुर सिटी से 02.50 बजे, बलिया से 03.45 बजे तथा सहतवार से 04.05 बजे छूटकर छपरा 05.30 बजे पहुँचेगी।
वापसी यात्रा में 07652 छपरा-जालना साप्ताहिक विशेष गाड़ी 29 अगस्त से 28 नवम्बर, 2025 तक प्रत्येक शुक्रवार को छपरा से 22.15 बजे प्रस्थान कर सहतवार से 23.00 बजे, बलिया से 23.25 बजे दूसरे दिन गाजीपुर सिटी से 00.25 बजे, औंड़िहार से 01.00 बजे, वाराणसी से 02.30 बजे, बनारस से 02.45 बजे, ज्ञानपुर रोड से 03.37 बजे, प्रयागराज जं0 से 05.25 बजे, मानिकपुर से 07.37 बजे, सतना से 08.35 बजे, मैहर से 09.00 बजे, कटनी से 09.47 बजे, जबलपुर से 11.10 बजे, नरसिंहपुर से 12.12 बजे, गाडरवारा से 12.40 बजे, पिपरिया से 13.07 बजे, इटारसी जं0 से 14.30 बजे, हरदा से 15.22 बजे, खंडवा से 17.37 बजे, भुसावल से 19.25 बजे, मनमाड से 22.00 बजे तथा तीसरे दिन औरंगाबाद से 01.05 बजे छूटकर जालना 04.00 बजे पहुँचेगी।
इस गाड़ी में वातानुकूलित द्वितीय श्रेणी के 02, वातानुकूलित तृतीय श्रेणी के 05, शयनयान श्रेणी के 11, साधारण द्वितीय श्रेणी के 04 तथा एसएलआर के 02 कोचो सहित कुल 24 कोच लगाये जायेंगे।

Entertainment: इन दिनों सिनेमाघरों में कई बड़े सितारों की फिल्में दर्शकों का खूब मनोरंजन कर रही हैं। इन्हीं में से एक है सुपरस्टार रजनीकांत की ‘कुली’। रजनीकांत ने अपनी दमदार अदाकारी से एक बार फिर फैंस का दिल जीत लिया है। बॉक्स ऑफिस पर भी फिल्म लगातार अपनी पकड़ बनाए हुए है। रिलीज़ के दूसरे हफ्ते में भी ‘कुली’ करोड़ों की कमाई कर रही है।

 ‘कुली’ ने सोमवार को 3 करोड़ रुपये की कमाई की

बॉक्स ऑफिस ट्रैकर सैकनिल्क की रिपोर्ट के अनुसार, ‘कुली’ ने अपनी रिलीज़ के 12वें दिन यानी दूसरे सोमवार को 3 करोड़ रुपये की कमाई की। इसके साथ ही फिल्म का कुल घरेलू कलेक्शन 260.35 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ‘कुली’ शानदार प्रदर्शन कर रही है। अब तक फिल्म ने दुनियाभर में 479 करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार कर लिया है। इस मेगा बजट फिल्म की लागत करीब 350 करोड़ रुपये बताई जा रही है।

रजनीकांत ‘जेलर 2’ की तैयारी में जुटने वाले हैं

‘कुली’ में रजनीकांत के साथ नागार्जुन अक्किनेनी, श्रुति हासन, सौबिन शाहिर, उपेंद्र, सत्यराज और रचिता राम जैसे सितारों ने भी अहम भूमिकाए निभाई हैं। इसके अलावा आमिर खान और पूजा हेगड़े फिल्म में कैमियो करते नजर आते हैं। इस फिल्म का निर्देशन ‘कैथी’, ‘विक्रम’ और ‘मास्टर’ जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों के निर्देशक लोकेश कनगराज ने किया है। बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाने के बाद अब यह फिल्म जल्द ही अमेज़न प्राइम वीडियो पर रिलीज होने जा रही है। ‘कुली’ की सफलता के बाद सुपरस्टार रजनीकांत अब अपनी अगली फिल्म ‘जेलर 2’ की तैयारी में जुटने वाले हैं, जिसकी शूटिंग जल्द शुरू होगी।

Tech/Auto: गुजरात के हंसतपुर से मंगलवार को एक नया इतिहास लिखा गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां सुजुकी मोटर प्लांट से कंपनी की पहली इलेक्ट्रिक कार ई-विटारा (E-Vitara) को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। खास बात यह है कि भारत में बनी यह कार अब यूरोप, जापान समेत 100 से ज्यादा देशों में भेजी जाएगी।

पीएम मोदी ने कहा- अब जब ये गाड़ियां दुनिया की सड़कों पर दौड़ेंगी, तो उन पर लिखा होगा मेड इन इंडिया।

क्यों खास है ये लॉन्च?

  • यह मारुति की पहली ग्लोबल इलेक्ट्रिक कार है।
  • अब भारत में ही बैटरी और हाइब्रिड टेक्नोलॉजी बनने लगी है।
  • देश में पहली बार बैटरी सेल और इलेक्ट्रोड का निर्माण हो रहा है।
  • पुराने वाहनों को हाइब्रिड एम्बुलेंस में बदलने का भी काम शुरू।

प्रधानमंत्री मोदी का संदेश

मोदी ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन सिर्फ विकल्प नहीं, बल्कि प्रदूषण और ईंधन संकट का समाधान हैं। उन्होंने बताया कि मारुति सुजुकी ने महज छह महीने में हाइब्रिड एम्बुलेंस का प्रोटोटाइप बना दिया है और इसके लिए सरकार ने करीब 11 हजार करोड़ रुपये का बजट रखा है।

Make In India का नया चेहरा

मारुति लगातार चार साल से देश की सबसे बड़ी कार निर्यातक है और अब इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्यात के साथ ‘मेक इन इंडिया’ का नया चेहरा बन रही है।

आगे का Roadmap

प्रधानमंत्री मोदी ने सभी राज्यों को आमंत्रण दिया- आइए, रिफॉर्म्स की स्पर्धा करें, प्रो-डेवलपमेंट पॉलिसीज की स्पर्धा करें, गुड गवर्नेंस की स्पर्धा करें।

आगे उन्होंने कहा कि 2047 तक विकसित भारत बनाने के लिए मैन्युफैक्चरिंग, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और सेमीकंडक्टर जैसे क्षेत्रों पर सबसे ज्यादा जोर देना होगा।

Ahmedabad, 26 अगस्त (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को गुजरात के हंसलपुर स्थित सुजुकी मोटर प्लांट से कंपनी के पहले वैश्विक बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (बीईवी) ‘ई-विटारा’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। भारत में निर्मित यह इलेक्ट्रिक कार यूरोप और जापान जैसे उन्नत बाजारों सहित 100 से अधिक देशों में निर्यात की जाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि अब दुनिया के दर्जनों देशों में जब यह इलेक्ट्रिक वाहन सड़कों पर दौड़ेंगे, तो उस पर लिखा होगा ‘मेड इन इंडिया’।

प्रधानमंत्री ने सुजुकी के पहले वैश्विक इलेक्ट्रिक वाहन ‘ई-विटारा’ का लोकार्पण किया

प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि गणेश उत्सव के इस उल्लास में आज भारत की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ यात्रा में नया अध्याय जुड़ गया है। आज से भारत में बने इलेक्ट्रिक वाहन 100 देशों को निर्यात किए जाएंगे और हाइब्रिड बैटरी इलेक्ट्रोड की मैन्युफैक्चरिंग भी शुरू हो रही है। यह दिन भारत और जापान की दोस्ती को नया आयाम देने वाला है। प्रधानमंत्री ने इस उपलब्धि के लिए देशवासियों, जापान और सुजुकी कंपनी को बधाई दी।

उन्होंने कहा कि आज मारुति अपनी टीन एज (किशोरावस्था) में प्रवेश कर रही है। यह पंख फैलाने और सपनों की उड़ान भरने का कालखंड है। गुजरात में मारुति के इस नए चरण का मतलब है कि आने वाले दिनों में कंपनी नए पंख फैलाएगी और नई उमंग के साथ आगे बढ़ेगी। मोदी ने याद किया कि 2012 में जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब हंसलपुर में मारुति सुजुकी को जमीन आवंटित की गई थी। उस समय भी विजन आत्मनिर्भर भारत और ‘मेक इन इंडिया’ का था। आज वही प्रयास देश के संकल्पों को साकार कर रहे हैं।

 

भारत के पास लोकतंत्र की शक्ति है, जनसंख्या का लाभ है और विशाल कुशल कार्यबल है: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के पास लोकतंत्र की शक्ति है, जनसंख्या का लाभ है और विशाल कुशल कार्यबल है। यही वजह है कि भारत हर साझेदार के लिए विन-विन सिचुएशन प्रस्तुत करता है। आज जापानी कंपनी सुजुकी भारत में निर्माण कर रही है और यहां बनी गाड़ियां वापस जापान को निर्यात की जा रही हैं। यह भारत और जापान के रिश्तों की मजबूती का प्रतीक है और ग्लोबल कंपनियों के भरोसे को भी दर्शाता है।

मोदी ने कहा कि मारुति सुजुकी जैसी कंपनियां अब मेक इन इंडिया की ब्रांड एंबेसडर बन चुकी हैं। लगातार चार साल से मारुति भारत की सबसे बड़ी कार निर्यातक है। अब इसी पैमाने पर इलेक्ट्रिक वाहन निर्यात की भी शुरुआत हो रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन पारिस्थितिकी तंत्र का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा बैटरी है। कुछ साल पहले तक भारत पूरी तरह आयातित बैटरियों पर निर्भर था। इसी चुनौती को देखते हुए 2017 में टीडीएसजी बैटरी प्लांट की नींव रखी गई थी। अब इस संयंत्र में तीन जापानी कंपनियां मिलकर पहली बार भारत में बैटरी सेल और इलेक्ट्रोड का निर्माण कर रही हैं। इससे आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को नई ताकत मिलेगी और हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों के कारोबार में गति आएगी।

इलेक्ट्रिक वाहन केवल विकल्प नहीं बल्कि कई समस्याओं का समाधान हैं: प्रधानमंत्री

उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन केवल विकल्प नहीं बल्कि कई समस्याओं का समाधान हैं। हाल ही में उनकी सिंगापुर यात्रा के दौरान उन्होंने पुराने वाहनों और एम्बुलेंस को हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन में बदलने की संभावना रखी थी। मारुति सुजुकी ने इस चुनौती को स्वीकार किया और छह माह में एक वर्किंग प्रोटोटाइप तैयार किया। प्रधानमंत्री ने स्वयं हाइब्रिड एम्बुलेंस का प्रोटोटाइप देखा और बताया कि लगभग 11 हजार करोड़ रुपये की इस योजना में ई-एम्बुलेंस के लिए भी बजट निर्धारित है। इससे प्रदूषण घटेगा और पुराने वाहनों को नया विकल्प मिलेगा।

मोदी ने जोर देकर कहा कि क्लीन एनर्जी और क्लीन मोबिलिटी ही भविष्य है। भारत ऐसे प्रयासों से विश्वसनीय केंद्र बन रहा है। आज पूरी दुनिया आपूर्ति शृंखला व्यवधान से जूझ रही है, लेकिन भारत ने पिछले दशक में जो नीतियां बनाई हैं, वे आज देश के लिए बेहद कारगर साबित हो रही हैं।

भविष्य के उद्योगों, विशेषकर सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में सेवा का अवसर मिलने के बाद से ही मेक इन इंडिया अभियान को गति दी गई और वैश्विक व घरेलू कंपनियों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया गया। आज पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है। ऐसे समय में हर राज्य को आगे आकर अवसर का लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने सभी राज्यों को आमंत्रण दिया- आइए, रिफॉर्म्स की स्पर्धा करें, प्रो-डेवलपमेंट पॉलिसीज की स्पर्धा करें, गुड गवर्नेंस की स्पर्धा करें।

उन्होंने कहा कि 2047 तक विकसित भारत के निर्माण की गति को और तेज करने में सभी को योगदान देना होगा। भारत जिन क्षेत्रों में अच्छा कर रहा है, उनमें और बेहतर प्रदर्शन करने का लक्ष्य है। इसी कारण मिशन मैन्युफैक्चरिंग पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भविष्य के उद्योगों, विशेषकर सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है।

कार्यक्रम में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, भारत में जापान के राजदूत ओनो केइची, सुजुकी मोटर कॉर्प के अध्यक्ष तोशीहिरो सुजुकी, मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशक हिसाशी ताकेउची और चेयरमैन आरसी भार्गव भी उपस्थित थे।

Bengaluru, 26 अगस्त (हि.स.)। कर्नाटक विधानसभा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का गीत गाने पर हुई आलोचना के बाद उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने माफी मांगी है। शिवकुमार ने अपना और गांधी परिवार के रिश्ते को भक्त और भगवान जैसा बताया।

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री ने अपनी ही पार्टी के उन लोगों पर भी नाराजगी जताई

बेंगलुरु में मंगलवार काे एक पत्रकार वार्ता में उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने स्पष्ट किया कि अगर मेरे किसी कृत्य या शब्दों से किसी को ठेस पहुँची है, तो मैं माफ़ी माँगने को तैयार हूँ। मेरी मंशा किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचाने की नहीं है। मैं सभी से माफ़ी मांगूगा। उन्होंने अपनी ही पार्टी के उन लोगों पर भी नाराजगी जताई जिन्होंने उनके खिलाफ आवाज़ उठाई। उन्होंने कहा कि उनकी बातों पर सवाल उठाने वाले मूर्ख हैं। पूर्व मंत्री केएन राजन्ना ने पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें जिसे सलाह देनी है, दे दें। उन्होंने कहा कि उन्हें मुझे बताने की ज़रूरत नहीं है।

 

मैंने आरएसएस का कोई गीत नहीं गाया है: शिवकुमार

शिवकुमार ने आरएसएस का गीत गाने के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि मैंने आरएसएस का कोई गीत नहीं गाया है। जब भाजपा सदस्य विधानसभा में बोल रहे थे, तब मैंने मजाक के तौर पर फिल्म ‘आरआरआर’ का गाना गाया था। यह विपक्ष को उकसाने की एक कोशिश मात्र थी। उन्होंने बताया कि संसदीय लोकतंत्र में व्यंग्य और हास्य सामान्य बात है। अपने राजनीतिक सफर को याद करते हुए डीके शिवकुमार ने स्पष्ट किया कि मैं 1979 से एक छात्र संगठन के माध्यम से सार्वजनिक जीवन में हूँ। मुझे किसी से कुछ सीखने की ज़रूरत नहीं है। मेरा और गांधी परिवार का रिश्ता भक्त और भगवान जैसा है। मैं उनके त्याग, समर्पण और आशीर्वाद से ही राजनीति में आगे बढ़ा हूँ।

Patna/Chhapra: सारण जिला के जलालपुर अंचल में डेयरी प्रोजेक्ट प्लान्ट के निर्माण हेतु राज्य मंत्री परिषद ने स्वीकृति प्रदान की है।

 निःशुल्क स्थायी अन्तर्विभागीय हस्तान्तरण की स्वीकृति

इसके लिए सारण जिलान्तर्गत अंचल जलालपुर के मौजा-बंगरा, थाना सं०-151/2 के खाता सं०-107, खेसरा सं०-426, रकबा-11-04-5 (बीघा-कट्ठा धूर) एवं खाता सं०-104, खेसरा सं०-427, रकबा-9-16-11 कुल प्रस्तावित रकबा 21 बीघा 16 धूर (15.5 एकड़) गैरमजरूआ मालिक परती कदीम शिक्षा विभाग, बिहार, पटना के स्वामित्व की भूमि डेयरी प्रोजेक्ट प्लान्ट के निर्माण हेतु पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार, पटना को निःशुल्क स्थायी अन्तर्विभागीय हस्तान्तरण की स्वीकृति मंत्री परिषद ने दी है।