नई दिल्ली: देश में कोरोना के मामले एक बार फिर बेहद तेज रफ्तार से बढ़ रहे हैं। गुरुवार सुबह तक पिछले 24 घंटों में दो लाख, 47 हजार 417 से ज्यादा नए मरीज मिले हैं। वहीं, ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 84 हजार, 825 है। इस महामारी से 380 लोगों की मौत हो गई है।

गुरुवार को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में कोरोना से ठीक होने वालों की संख्या कुल तीन करोड़, 47 लाख,15 हजार, 361 है। इस दौरान कोरोना से रिकवरी रेट घटकर 95.59 प्रतिशत हो गया है। देश में एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 11 लाख, 17 हजार, 531 हो गई है। रोजाना संक्रमण दर 13.11 प्रतिशत हो गया है।

आईसीएमआर के मुताबिक पिछले 24 घंटे में 18 लाख 86 हजार टेस्ट किए गए। अबतक कुल 69 करोड़ 73 लाख टेस्ट किए जा चुके हैं।

दुनिया के सबसे बड़े सीरियल किलर ने जब खुद को भी मार डालाः एक ऐसा डॉक्टर जो अपने मरीजों में जिंदगी नहीं, मौत बांटने के लिए कुख्यात था। ऐसा दरिंदा जो मां की मौत के बाद अपने अस्पताल में आने वाली बुजुर्ग महिला मरीजों को बिना किसी वजह के मौत के घाट उतार देता था। उसकी खूनी सनक का शिकार हुई महिलाओं के अंतिम संस्कार में भी वह हिस्सा लेता। हारोल्ड शिपमैन नाम का यह शख्स, 250 लोगों की हत्या का जिम्मेदार ठहराया गया। दुनिया के सबसे बड़े सीरियल किलर डॉक्टर डेथ ने खुद को भी नहीं छोड़ा। 13 जनवरी 2004 को आजीवन कारावास की सजा काटते हुए जेल में खुदकुशी की।

इंग्लैंड के नॉटिंघम में 14 जनवरी 1946 को पैदा हुए हारोल्ड शिपमैन को ‘डॉक्टर डेथ’ और ‘द एंजेल ऑफ डेथ’ के नाम से भी जाना जाता है। 1970 में उसने डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी करने के बाद प्रैक्टिस शुरू की। 24 जून 1998 को पता चला कि हारोल्ड शिपमैन 81 वर्ष की एक महिला की हत्या के लिए जिम्मेदार है।

जब पड़ताल शुरू हुई तो दुनिया अवाक रह गयी। हारोल्ड ने अपनी मां की मौत के बाद से 1998 तक 250 से अधिक मरीजों की जान ले ली थी। वह अफीम का ओवरडोज देकर मरीजों को मार डालता था, जिससे मौत की वजह का पता नहीं चलता था।

जांच के बाद पुलिस ने उसे अदालत में पेश किया और अदालत के सामने 15 हत्याओं के सबूत भी पेश किए। अदालत ने डॉक्टर डेथ को उम्रकैद की सजा सुनाई।

अपने 58वें जन्मदिन से एक दिन पहले 13 जनवरी 2004 को डॉक्टर डेथ ने जेल में फांसी लगाकर खुद को भी मार डाला।

अन्य अहम घटनाएंः

1911ः सुप्रसिद्ध हिंदी कवि शमशेर बहादुर सिंह का जन्म।

1938ः प्रख्यात संतूर वादक शिवकुमार शर्मा का जन्म।

1949ः अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय विंग कमांडर राकेश शर्मा का जन्म।

1964ः प्रसिद्ध शायर शौक बहराइची का निधन।

1974ः जाने-माने तबला वादक अहमद जान थिरकवा का निधन।

Chhapra: जयप्रकाश विश्वविद्यालय के अंतर्गत जगलाल चौधरी कॉलेज के प्राचार्य प्रो. डॉ रामानंद राम को विश्वविद्यालय ने निलंबित कर दिया है. निलंबन के दौरान उनका मुख्यालय जगदम कॉलेज के प्रिंसिपल का कार्यालय बनाया गया है. जहां वह प्रतिदिन अपनी हाजिरी बनाएंगे.

इस बाबत जारी पत्र संख्या 36 (8) के माध्यम से कुलसचिव डॉ रवि प्रकाश बबलू ने आदेश जारी कर कहा है कि उन पर घोर कदाचार, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार और कर्तव्य की अवहेलना का आरोप है.

आदेश में डॉ राम को महाविद्यालय की वरिष्ठ शिक्षिका डॉ वसुंधरा पांडे को कार्यभार सौंपने का निर्देश दिया गया है. साथ ही लगे आरोपों पर स्पष्टीकरण 7 दिनों के अंदर मांगा गया है.

छपरा: कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव तथा सुरक्षा के लिए मास्क का प्रयोग आवश्यक है. उक्त बातें इंडियन रेड क्रास सोसायटी के सचिव जीनत जरीना मसीह ने मास्क और साबुन का वितरण करते हुए बुधवार को कही.

उन्होंने कहा कि कोरोना का तीसरा लहर शुरू हो गया गया है और ऐसी स्थिति में लोगों को घरों से तभी निकलना चाहिए, जब बहुत आवश्यक हो। उन्होंने कहा कि घर से बाहर निकलने के पहले मास्क जरूर पहने. उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंस मेंटेंन करते हुए लोगों से मिलें। भीड़ वाले जगह पर जाने से बचें और स्वच्छता का पालन करें. इस दौरान सोसायटी की ओर से 3000 मास्क और साबुन राहगीरों,जरूरक्तमंदो और कोरोना योद्धाओ के बीच वितरण किया गया.

कार्यक्रम का नेतृत्व रेड क्रॉस की युवा इकाई के जिला सचिव अमन राज ने किया.

अमन राज ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 11:00 बजे थाना चौक से शुरू होके विभिन्न चौक चौराहो पे राहगीरों और जरूरतमंद, कोरोना योद्धा पुलिसकर्मी, स्वास्थ्यकर्मी, सफाईकर्मी के बीच पीस मास्क और साबुन का वितरण किया गया.

कार्यक्रम में मुख्य रूप से रेड क्रॉस सदस्य सुरेश प्रसाद सिंह, अमरेन्द्र सिंह, जितेन्द्र महतो, संजीव चौधरी, दीपक कुमार, रंजन कुमार, हरिनारायण सिंह, कचहरी प्रभारी संजय पाण्डेय और युथ रेड क्रॉस सदस्य अमन सिंह, चंदन, सन्नी, शुभम, हर्ष एवं शिवम ने मुख्य भूमिका निभाई.

Chhapra: ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन सारण जिला इकाई ने संगठन कार्यालय मंजर रिजवी भवन में स्वामी विवेकानंद की 159वीं   जयंती सौहार्दपूर्ण तरीके से मनाई गयी.

जयंती में अतिथि के रूप में सीपीआई जिला मंत्री कॉमरेड रामबाबू सिंह उपस्थित हुए. उन्होंने कहा कि देश के युवाओं के लहु में बिना उबाल के क्रांतिकारी बदलाव आज के परिवेश में कतई संभव नहीं है.

वही एआईएसएफ जिला सचिव अमित नयन ने स्वामी जी के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्वामी जी एक तपस्वी का जीवन जीते थे जो दुनिया भर में यात्रा करते थे और तरह-तरह के लोगों से मिलते थे. एक बार जब स्वामी जी विदेश यात्रा पर गए तो उनके कपड़ों ने लोगों का ध्यान खींचा. इतना ही नहीं एक विदेशी व्यक्ति ने उनकी पगड़ी भी खींच ली. स्वामी जी ने उससे अंग्रेजी में पूछा कि तुमने मेरी पगड़ी क्यों खींची? पहले तो वो व्यक्ति स्वामी जी की अंग्रेजी सुनकर हैरान रह गया. उसने पूछा आप अंग्रेजी बोलते हैं? क्या आप शिक्षित हैं? स्वामी जी ने कहा कि हां मैं पढ़ा-लिखा हूं और सज्जन हूं. इस पर विदेशी ने कहा कि आपके कपड़े देखकर तो ये नहीं लगता कि आप सज्जन व्यक्ति हैं. स्वामी जी ने उसे करारा जवाब देते हुए कहा कि आपके देश में दर्जी आपको सज्जन बनाता है जबकि मेरे देश में मेरा किरदार मुझे सज्जन व्यक्ति बनाता है। स्वामी जी से हम सभी युवाओं को प्रेरणा लेते हुए अपने देश को अग्रिम बनाने हेतु दृढ़ संकल्पित होना होगा।

जिलाध्यक्ष रूपेश कुमार यादव ने कहा कि स्वामी विवेकानंद की 159 वी जयंती युवाओं के मानसिक दृढ़ता को सबल बनाने के साथ साथ राष्ट्र निर्माण के लिए एक बड़ी लंबी लकीर खींचेगी। अगर हम सभी युवा स्वामी जी के आचरण का दस प्रतिशत भी अनुसरण कर पाए तो। वही जिला उपाध्यक्ष अभय कुमार चौबे ने कहा कि युवा जोश से ही राष्ट्र का निर्माण संभव है। स्वामी जी की अनुशासन एवं कर्तव्य निष्ठा हम सभी युवाओं को निरंतर प्रेरित करने का कार्य करती है जिसे हम सभी को अमल में लाने की जरूरत है।

अल्ताफ आलम, दीपू कुमार, शुभम बोस, रोहन कुमार, शिवम कुमार, रितिक कुमार, रौनक आदि जयंती में उपस्थित थे।

जलालपुर: प्रखंड के संवरी बक्शी जी निवासी, निजी एयरलाइंस के पूर्व एयरपोर्ट हेड स्वर्गीय रूपेश कुमार सिंह के प्रथम पुण्यतिथि पर जलालपुर के गणमान्यों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी है. 12 जनवरी 2021 को पटना में ऑफिस से अपने आवास जाते हुए उनकी हत्या बदमाशों ने गोली मारकर कर दी थी.

उनकी प्रथम पुण्यतिथि पर रुपेश सिंह जनकल्याण ट्रस्ट के तत्वावधान मे रामपुर नूरनगर स्थित सूर्यदेव सिंह इंटर महाविद्यालय के प्रांगण में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया.

उपस्थित गणमान्यों ने उनके तेैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन कर अपनी श्रद्धांजलि दी. उनके प्रति श्रद्धांजलि देते हुए वक्ताओं ने उन्हें प्रतिभा का धनी, सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर भाग लेने वाला व मिलनसार व्यक्तित्व का धनी बताया. वे जलालपुर के युवाओं के आईकान थे.

कार्यक्रम मे उनके प्रति अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि देने वालों में अंकेश कुमार सिंह, हर्षवर्धन दीक्षित, संजय कुमार मिश्रा, गांधी जी, हैप्पी सिंह, मोनू पांडेय,रोनित रंजन, प्रभात सिंह, रोहित सिंह कुंदन सिंह, आशुतोष सिंह,राकेश कुमार सिंह,सत्येन्द्र सिंह, प्रभाष शंकर शामिल थे.

वहीं युवा नेता प्रमोद सिग्रीवाल, राजेश्वर कुंवर, उमेश तिवारी, राधेश्याम गुप्ता, शैलेंद्र साधु, पत्थल सिंह, अखिलेश्वर पांडेय, उदय कुमार सिंह, शैलेंद्र कुमार सिंह, ब्रजेश कुमार सिंह, धीरज तिवारी, मनिंद्र कुमार पांडेय, उमेश कुमार सिंह, राजेश कुमार, चंदन सिंह मिंटू, विजय कुमार यादव, देवेंद्र मिश्र सहित कई अन्य ने भी उन्हें याद करते हुए अपनी श्रद्धांजलि दी है.

नई दिल्ली: राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने देशवासियों को लोहड़ी, मकर संक्रांति, पोंगल, भोगली बिहू, उत्तरायण और पौष पर्व की बधाई दी है।


राष्ट्रपति ने बुधवार को लोहड़ी की पूर्व संध्या पर जारी अपने शुभकामना संदेश में कहा कि लोहड़ी, मकर संक्रांति, पोंगल, भोगली बिहू, उत्तरायण और पौष पर्व के अवसर पर मैं भारत और विदेशों में रहने वाले सभी देशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।

उन्होंने कहा कि हमारे देश में मनाए जाने वाले अधिकांश त्योहार प्रकृति और कृषि के साथ हमारे अभिन्न संबंधों को दर्शाते हैं। लोहड़ी, मकर संक्रांति, पोंगल, भोगली बिहू, उत्तरायण और पौष पर्व के त्योहार फसलों की कटाई के मौसम को चिह्नित करते हैं क्योंकि सर्दियों का मौसम समाप्त होता है और वसंत ऋतु की शुरुआत होती है। लोग अच्छी फसल के फल का आनंद लेते हैं और इन त्योहारों को मनाते हैं जो हमारे पर्यावरण को संरक्षित करने की आवश्यकता को भी रेखांकित करते हैं। यह न केवल भारतीय विविधता का उदाहरण है बल्कि हमारे देश की विविधता में एकता का भी उदाहरण है।

राष्ट्रपति ने कहा कि मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि इन त्योहारों के माध्यम से लोगों में परस्पर भाईचारे की भावना और प्रगाढ़ हो तथा देश में समृद्धि और खुशियां बढ़े।

बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के बाद विवादों में फंसे अभिनेता सिद्धार्थ ने अब सोशल मीडिया के जरिये साइना नेहवाल से माफी मांगी है।

सिद्धार्थ ने ट्विटर पर अपना माफीनामा साझा करते हुए लिखा-‘प्रिय साइना, कुछ दिन पहले आपके ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए मैंने जो कुछ भी लिखा, उसके लिए आपसे माफी मांगना चाहता हूँ। मैं आपसे कई बातों पर असहमत हो सकता हूँ। लेकिन मेरी निराशा या आपका ट्वीट पढ़ने के बाद आया गुस्सा, मेरे लहजे और शब्दों को सही नहीं ठहरा सकता। अगर एक मजाक को समझाने की जरुरत पड़े, तो वह मजाक नहीं होता है। इसलिए मैं अपने मजाक के लिए माफी मांगता हूँ।’मुझे अपने शब्दों के चयन और मजाक पर जोर देना चाहिए था। किसी भी दुर्भावनापूर्ण इरादे से यह ट्वीट नहीं किया गया था, जिसके लिए सभी वर्गों के लोगों ने इसे जिम्मेदार ठहराया है। मैं खुद एक कट्टर नारीवादी समर्थक हूँ और मैं आपको यकीन दिलाता हूँ कि मेरे ट्वीट में कोई लिंग सूचित शब्द नहीं था और निश्चित रूप से एक महिला के रूप में आप पर हमला करने का मेरा कोई इरादा नहीं था। उम्मीद है कि आप इन सारी बातों भुलाकर मेरे इस माफीनामे को स्वीकार कर लेंगी। आप हमेशा मेरी चैंपियन रहेंगी।’

गौरतलब है, हाल ही में बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई चूक पर ट्वीट करते हुए लिखा था- कोई भी राष्ट्र अपने तब तक खुद को सुरक्षित होने का दावा नहीं कर सकता, जब तक उसके प्रधानमंत्री की सुरक्षा से समझौता किया जाता है। मैं इसकी कड़े शब्दों में निंदा करती हूँ।’

साइना के इस ट्वीट को रि-ट्वीट करते हुए एक्टर सिद्धार्थ ने लिखा था- “दुनिया की कॉक चैंपियन…शुक्र है कि हमारे पास भारत के रक्षक हैं।” इन लाइन्स के साथ सिद्धार्थ ने हैशटैग में रिहाना शब्द का इस्तेमाल किया था।’

साइना नेहवाल पर इस तरह की टिप्पणी करने के बाद सिद्धार्थ ट्रोलर्स के निशान पर आ गए । पूरे मामले में विवाद बढ़ता देख अब उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए माफी मांगी है। वहीं राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी कड़ा रुख अपनाते हुए अभिनेता ने लिखित माफी मांगी है।

हिंदी सिनेमा में खलनायक की भूमिका निभा कई कलाकार मशहूर हुए लेकिन आज भी उनमें अमरीश पुरी का नाम सबसे ऊपर आता है। दिवंगत अभिनेता अमरीश पुरी आज बेशक हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन वे अपनी यादगार भूमिकाओं की बदौलत हमेशा अमर रहेंगे।

अमरीश पुरी का जन्म 22 जून, 1932 को पंजाब में हुआ। उन्होंने अपनी फिल्मी करियर की शुरुआत साल 1971 में ‘प्रेम पुजारी’ से की थी। 1980 के दशक में उन्होंने बतौर खलनायक कई बड़ी फिल्मों में अपनी छाप छोड़ी। 1987 में फिल्म ‘मिस्टर इंडिया में मोगैंबो की भूमिका के जरिए वे घर-घर में मशहूर हो गए। लेकिन 1990 के दशक में उन्होंने फिल्म दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, घायल और विरासत में करेक्टर रोल के जरिए भी सभी का दिल जीता।अमरीश पुरी ने लगभग 400 फिल्मों में काम किया था। लेकिन ब्लड कैंसर की वजह से 12 जनवरी, 2005 को 72 वर्ष की उम्र में अमरीश पुरी का निधन हो गया था। उनकी पुण्यतिथि पर हम अपने पाठकों को बता रहे हैं उनकी कुछ यादगार भूमिकाओं के बारे में।

बाबा भैरोनाथ : साल 1986 में श्रीदेवी और ऋषि कपूर की फिल्म ‘नगीना’ में अमरीश पुरी ने एक तांत्रिक का किरदार निभाया था। फिल्म में उनके किरदार का नाम बाबा भैरोनाथ था। इस फिल्म में उनके किरदार और अभिनय को दर्शकों ने काफी पसंद किया।

मोगैंबो : साल 1987 में आई फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ में मोगैंबो के किरदार को कौन भूल सकता है। अनिल कपूर और श्रीदेवी अभिनीत इस फिल्म में अमरीश पुरी मोगैंबो के किरदार में नजर आये थे। इस फिल्म में उनका मशहूर डायलॉग’ मोगैंबो खुश हुआ’ आज भी हर किसी के जुबान पर अक्सर सुनने को मिल जाता है। इस फिल्म में उनके गेटअप और किरदार को दर्शकों ने बेहद पसंद किया।

जनरल डॉन्ग: साल 1992 में आई मल्टी स्टारर फिल्म ‘तहलका’ में अमरीश पुरी ने अपने अभिनय से सबकी खूब वाहवाही लूटी। इस फिल्म में वह जनरल डॉन्ग की भूमिका में थे। धर्मेंद्र, नसीरुद्दीन शाह, मुकेश खन्ना, आदित्य पंचोली, इच्छा स्वरूप, पल्लवी जोशी आदि के अभिनय से सजी इस फिल्म में अमरीश पुरी विलेन की भूमिका में आइलैंड डॉन्गरीला में अपना अलग साम्राज्य बसाते नजर आये थे। इस फिल्म में अमरीश पुरी का डायलॉग डॉन्ग कभी रॉन्ग नहीं होता काफी फेमस है।

राजा साहब: राकेश रोशन के निर्देशन में बनी फिल्म ‘कोयला’ में अमरीश पुरी ने नेगेटिव रोल निभाया था। इस फिल्म में राजा साहब के किरदार में अमरीश पुरी को काफी पसंद किया। इस फिल्म में अमरीश पुरी ने अपने लुक और एक्टिंग से खूब सुर्खियां बंटोरी थी।

चौधरी बलदेव सिंह: फिल्म ‘दिल वाले दुल्हनिया ले जायेंगे’ में पिता चौधरी बल्देव सिंह के किरदार निभाकर उन्हें दर्शकों के दिलों में अपनी अलग ही पहचान बनाई। फिल्म में वह जहां ‘ऐ मेरी जोहरा जबी’ गाकर अपनी बीबी से रोमांस करते नजर आये तो वहीं एक कड़क पिता अपनी बेटी सिमरन को उसकी जिंदगी जीने की आजादी भी देता है। फिल्म में उनका डायलॉग ‘जा सिमरन जा, जी ले अपनी जिंदगी’ आज भी फेमस है

इसके अलावा अमरीश पुरी ने करण-अर्जुन, घायल, फूल और कांटे, विश्वात्मा, दामिनी, परदेस, गदर-एक प्रेम कथा, ऐतराज, मुझसे शादी करोगी आदि कई फिल्मों में अपने अभिनय की अमिट छाप छोड़ी है, जो आज भी दर्शकों के दिलों में जीवित है।

पटना: देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में बिहार के आईएएस अधिकारियों को भी लगाया जायेगा। बिहार कैडर के 25 आईएएस अफसर शामिल होंगे। इसके लिए बिहार कैडर के 25 आईएएस अफसरों को चुनाव में प्रेक्षक बनाया जाएगा। गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड के विधानसभा के आम चुनाव में केंद्रीय पर्यवेक्षकों की बैठक बुलाई गई है।

बैठक में इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी आईएएस अफसरों को इसकी जानकारी दी है।विभाग की ओर से अधिकारियों को दी गयी जानकारी में बताया गया है कि चुनाव आयोग की तरफ से 10 जनवरी को पत्र आया है, जिसके तहत 14 जनवरी की सुबह 9 बजे से बैठक होनी है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी बिहार के कार्यालय से सभी 25 आईएएस अफसर बैठक में हिस्सा लेंगे।

जिन आईएएस अफसरों को पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में पर्यवेक्षक बनाया गया है उनमें भू अभिलेख निदेशक जय सिंह, माध्यमिक शिक्षा के निदेशक मनोज कुमार, पशुपालन निदेशक विनोद सिंह गुंजियाल, उपभोक्ता संरक्षण के निदेशक दिनेश कुमार, पर्यटन विकास निगम के एमडी प्रभाकर, अर्थ एवं सांख्यिकी के निदेशक वैद्यनाथ यादव, निबंधन आईजी बी. कार्तिकेय धनजी, ईख आयुक्त गिरिवर दयाल सिंह, खाद एवं उपभोक्ता विभाग के विशेष सचिव चंद्रशेखर, पंचायती राज विभाग के निदेशक डॉ रंजीत कुमार सिंह, पशुपालन विभाग के विशेष सचिव सुरेंद्र कुमार, भविष्य निधि निदेशालय के निदेशक नीलम चौधरी, छपरा नगर निगम के आयुक्त संजय कुमार उपाध्याय, बेतिया के बंदोबस्त पदाधिकारी सुरेश चौधरी, ग्रामीण कार्य विभाग के विशेष सचिव संजय दुबे, आपदा प्रबंधन विभाग के विशेष सचिव रामचंद्रूडू, राज्य परिवहन आयुक्त सीमा त्रिपाठी, समाज कल्याण के निदेशक राजकुमार, कला संस्कृति के अपर सचिव करुणा कुमारी, वित्त विभाग के अपर सचिव मिथिलेश मिश्र, बिहार विकास मिशन के मुख्य महाप्रबंधक संजय कुमार पंसारी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के निदेशक संजीव कुमार, बिहार शिक्षा परियोजना निदेशक श्रीकांत शास्त्री, पथ निर्माण विभाग के अपर सचिव शैलजा शर्मा और श्रम संसाधन विभाग के श्रम आयुक्त सुश्री रंजीता शामिल हैं।

पटना: राजधानी पटना सहित बिहार के कई जिलों में बुधवार सुबह से ही कोहरा छाया रहा और सुबह के आठ बजते बजते कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश हुई । हालांकि, बारिश कुछ देर ही हुई और दोपहर बाद हल्की धूप निकली। राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों में हुई बूंदाबांदी से कनकनी बढ़ गई है। खासकर दक्षिण-पश्चिम बिहार में बारिश से कनकनी बढ़ गई है।

पटना मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी आशीष कुमार के अनुसार राजधानी समेत राज्यभर में आज बादल छाये रहेंगे। कुछ स्थानों पर बारिश के साथ बिजली गिरने की संभावना है। कल गुरुवार से सूबे में मौसम साफ होने की संभावना है। प्रदेश में अगले 24 घंटों के दौरान पटना समेत दक्षिण मध्य, दक्षिण पूर्व एवं उत्तर पूर्व भाग के अनेक स्थानों पर एवं दक्षिण पश्चिम एवं उत्तर मध्य भाग के कुछ स्थानों पर हल्के से मध्यम स्तर की बारिश का पूर्वानुमान है। राज्य के उत्तर पश्चिम भाग के एक या दो स्थानों पर मेघगर्जन, आकाशीय बिजली चमकने के साथ हल्की बारिश हो सकती है।

माैसमविदाें के अनुसार 15 जनवरी काे माैसम साफ हाेने की संभावना है। उसके बाद कनकनी और ज्यादा बढ़ेगी। बीते दिन मंगलवार काे भी नवादा, औरंगाबाद, भभुआ, डेहरी, माेतिहारी, दाउदनगर, कैमूर आदि में बारिश हुई। सबसे अधिक बारिश औरंगाबाद में 7.2 एमएम दर्ज की गई थी। इसके अलावा डेहरी और रफीगंज 3.6, चांद और मोहनिया में 3.2, दाउदनगर 2.8 में, भभुआ में 2.4, अधौरा 1.2 और देव 1.2 मिलीमीटर बारिश हुई थी।

पटना माैसम विभाग ने एक-दाे स्थानाें पर ओला गिरने काे लेकर भी अलर्ट जारी किया है। बुधवार काे पटना के अलावा बिहार के अधिकतर हिस्साें में आकाश बादल से घिरा रहेगा। बुधवार को सुबह में ही बारिश होने के कारण न्यूनतम पारा बढ़ गया जबकि अधिकतम पारा में गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, आज सुबह में मौसम को देखकर ठंड का अनुभव हो रहा था।

Chhapra: छपरा समेत जिले के अन्य हिस्सों में कड़ाके की ठंड के बीच बारिश से मौसम और सर्द हो गया है. बारिश से ठण्ड बढ़ गयी है.   

इसके अलावा अभी भी आसमान में बादल छाए हुए हैं जिसके कारण बारिश होने की सम्भावना है.  बारिश की वजह से मौसम सर्द हो गया है. 

ठण्ड बढ़ने से गर्म कपड़ों की मांग की बढ़ गयी है. लोग गर्म कपड़ों की खरीदारी करते नजर आ रहे हैं.