9 बजे सुबह: राजेंद्र स्टेडियम में आयुक्त, सारण प्रमंडल करेंगी ध्वजारोहण

10 बजे: जयप्रकाश विश्वविद्यालय परिसर में कुलपति फहराएंगे झंडा

10:30 बजे: राजेंद्र महाविद्यालय में होगा झंडोत्तोलन

10:40 बजे: पुलिस केंद्र में पुलिस अधीक्षक करेंगे झंडोत्तोलन

भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का 76वें स्वाधीनता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संदेश

मेरे प्यारे देशवासियो,
नमस्कार!
छिहत्तरवें स्वाधीनता दिवस की पूर्व संध्या पर देश-विदेश में रहने वाले सभी भारतीयों को मैं हार्दिक बधाई देती हूं। इस गौरवपूर्ण अवसर पर आपको संबोधित करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। एक स्वाधीन देश के रूप में भारत 75 साल पूरे कर रहा है। 14 अगस्त के दिन को विभाजन-विभीषिका स्मृति-दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इस स्मृति दिवस को मनाने का उद्देश्य सामाजिक सद्भाव, मानव सशक्तीकरण और एकता को बढ़ावा देना है। 15 अगस्त 1947 के दिन हमने औपनिवेशिक शासन की बेड़ियों को काट दिया था। उस दिन हमने अपनी नियति को नया स्वरूप देने का निर्णय लिया था। उस शुभ-दिवस की वर्षगांठ मनाते हुए हम लोग सभी स्वाधीनता सेनानियों को सादर नमन करते हैं। उन्होंने अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया ताकि हम सब एक स्वाधीन भारत में सांस ले सकें।

भारत की आजादी हमारे साथ-साथ विश्व में लोकतंत्र के हर समर्थक के लिए उत्सव का विषय है। जब भारत स्वाधीन हुआ तो अनेक अंतरराष्ट्रीय नेताओं और विचारकों ने हमारी लोकतान्त्रिक शासन प्रणाली की सफलता के विषय में आशंका व्यक्त की थी। उनकी इस आशंका के कई कारण भी थे। उन दिनों लोकतंत्र आर्थिक रूप से उन्नत राष्ट्रों तक ही सीमित था। विदेशी शासकों ने वर्षों तक भारत का शोषण किया था। इस कारण भारत के लोग गरीबी और अशिक्षा से जूझ रहे थे। लेकिन भारतवासियों ने उन लोगों की आशंकाओं को गलत साबित कर दिया। भारत की मिट्टी में लोकतंत्र की जड़ें लगातार गहरी और मजबूत होती गईं।

अधिकांश लोकतान्त्रिक देशों में वोट देने का अधिकार प्राप्त करने के लिए महिलाओं को लंबे समय तक संघर्ष करना पड़ा था। लेकिन हमारे गणतंत्र की शुरुआत से ही भारत ने सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार को अपनाया। इस प्रकार आधुनिक भारत के निर्माताओं ने प्रत्येक वयस्क नागरिक को राष्ट्र-निर्माण की सामूहिक प्रक्रिया में भाग लेने का अवसर प्रदान किया। भारत को यह श्रेय जाता है कि उसने विश्व समुदाय को लोकतंत्र की वास्तविक क्षमता से परिचित कराया।

मैं मानती हूं कि भारत की यह उपलब्धि केवल संयोग नहीं थी। सभ्यता के आरंभ में ही भारत-भूमि के संतों और महात्माओं ने सभी प्राणियों की समानता व एकता पर आधारित जीवन-दृष्टि विकसित कर ली थी। महात्मा गांधी जैसे महानायकों के नेतृत्व में हुए स्वाधीनता संग्राम के दौरान हमारे प्राचीन जीवन-मूल्यों को आधुनिक युग में फिर से स्थापित किया गया। इसी कारण से हमारे लोकतंत्र में भारतीयता के तत्व दिखाई देते हैं। गांधीजी सत्ता के विकेंद्रीकरण और जन-साधारण को अधिकार-सम्पन्न बनाने के पक्षधर थे।

पिछले 75 सप्ताह से हमारे देश में स्वाधीनता संग्राम के महान आदर्शों का स्मरण किया जा रहा है। ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ मार्च 2021 में दांडी यात्रा की स्मृति को फिर से जीवंत रूप देकर शुरू किया गया। उस युगांतरकारी आंदोलन ने हमारे संघर्ष को विश्व-पटल पर स्थापित किया। उसे सम्मान देकर हमारे इस महोत्सव की शुरुआत की गई। यह महोत्सव भारत की जनता को समर्पित है। देशवासियों द्वारा हासिल की गई सफलता के आधार पर ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण का संकल्प भी इस उत्सव का हिस्सा है। हर आयु वर्ग के नागरिक पूरे देश में आयोजित इस महोत्सव के कार्यक्रमों में उत्साहपूर्वक भाग ले रहे हैं। यह भव्य महोत्सव अब ‘हर घर तिरंगा अभियान’ के साथ आगे बढ़ रहा है। आज देश के कोने-कोने में हमारा तिरंगा शान से लहरा रहा है। स्वाधीनता आंदोलन के आदर्शों के प्रति इतने व्यापक स्तर पर लोगों में जागरूकता को देखकर हमारे स्वाधीनता सेनानी अवश्य प्रफुल्लित हुए होते।

हमारा गौरवशाली स्वाधीनता संग्राम इस विशाल भारत-भूमि में बहादुरी के साथ संचालित होता रहा। अनेक महान स्वाधीनता सेनानियों ने वीरता के उदाहरण प्रस्तुत किए और राष्ट्र-जागरण की मशाल अगली पीढ़ी को सौंपी। अनेक वीर योद्धाओं तथा उनके संघर्षों विशेषकर किसानों और आदिवासी समुदाय के वीरों का योगदान एक लंबे समय तक सामूहिक स्मृति से बाहर रहा। पिछले वर्ष से हर 15 नवंबर को ‘जन-जातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाने का सरकार का निर्णय स्वागत-योग्य है। हमारे जन-जातीय महानायक केवल स्थानीय या क्षेत्रीय प्रतीक नहीं हैं बल्कि वे पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।

प्यारे देशवासियो,
एक राष्ट्र के लिए, विशेष रूप से भारत जैसे प्राचीन देश के लंबे इतिहास में, 75 वर्ष का समय बहुत छोटा प्रतीत होता है। लेकिन व्यक्तिगत स्तर पर यह काल-खंड एक जीवन-यात्रा जैसा है। हमारे वरिष्ठ नागरिकों ने अपने जीवनकाल में अद्भुत परिवर्तन देखे हैं। वे गवाह हैं कि कैसे आजादी के बाद सभी पीढ़ियों ने कड़ी मेहनत की, विशाल चुनौतियों का सामना किया और स्वयं अपने भाग्य-विधाता बने। इस दौर में हमने जो कुछ सीखा है वह सब उपयोगी साबित होगा क्योंकि हम राष्ट्र की यात्रा में एक ऐतिहासिक पड़ाव की ओर आगे बढ़ रहे हैं। हम सब 2047 में स्वाधीनता के शताब्दी-उत्सव तक की 25 वर्ष की अवधि यानि भारत के अमृत-काल में प्रवेश कर रहे हैं।

हमारा संकल्प है कि वर्ष 2047 तक हम अपने स्वाधीनता सेनानियों के सपनों को पूरी तरह साकार कर लेंगे। इसी काल-खंड में हम बाबासाहब भीमराव आम्बेडकर के नेतृत्व में संविधान का निर्माण करने वाली विभूतियों के vision को साकार कर चुके होंगे। एक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में हम पहले से ही तत्पर हैं। वह एक ऐसा भारत होगा जो अपनी संभावनाओं को साकार कर चुका होगा।

दुनिया ने हाल के वर्षों में एक नए भारत को उभरते हुए देखा है, खासकर COVID-19 के प्रकोप के बाद। इस महामारी का सामना हमने जिस तरह किया है उसकी सर्वत्र सराहना की गई है। हमने देश में ही निर्मित वैक्सीन के साथ मानव इतिहास का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू किया। पिछले महीने हमने दो सौ करोड़ वैक्सीन कवरेज का आंकड़ा पार कर लिया है। इस महामारी का सामना करने में हमारी उपलब्धियां विश्व के अनेक विकसित देशों से अधिक रही हैं। इस प्रशंसनीय उपलब्धि के लिए हम अपने वैज्ञानिकों, डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिक्स और टीकाकरण से जुड़े कर्मचारियों के आभारी हैं। इस आपदा में कोरोना योद्धाओं द्वारा किया गया योगदान विशेष रूप से प्रशंसनीय है।

कोरोना महामारी ने पूरे विश्व में मानव-जीवन और अर्थ-व्यवस्थाओं पर कठोर प्रहार किया है। जब दुनिया इस गंभीर संकट के आर्थिक परिणामों से जूझ रही थी तब भारत ने स्वयं को संभाला और अब पुनः तीव्र गति से आगे बढ़ने लगा है। इस समय भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही प्रमुख अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक है। भारत के start-up eco-system का विश्व में ऊंचा स्थान है। हमारे देश में start-ups की सफलता, विशेषकर unicorns की बढ़ती हुई संख्या, हमारी औद्योगिक प्रगति का शानदार उदाहरण है। विश्व में चल रही आर्थिक कठिनाई के विपरीत, भारत की अर्थ-व्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने का श्रेय सरकार तथा नीति-निर्माताओं को जाता है। पिछले कुछ वर्षों के दौरान physical और digital infrastructure के विकास में अभूतपूर्व प्रगति हुई है। प्रधानमंत्री गति-शक्ति योजना के द्वारा connectivity को बेहतर बनाया जा रहा है। परिवहन के जल, थल, वायु आदि पर आधारित सभी माध्यमों को भली-भांति एक दूसरे के साथ जोड़कर पूरे देश में आवागमन को सुगम बनाया जा रहा है। प्रगति के प्रति हमारे देश में दिखाई दे रहे उत्साह का श्रेय कड़ी मेहनत करने वाले हमारे किसान व मजदूर भाई-बहनों को भी जाता है। साथ ही व्यवसाय की सूझ-बूझ से समृद्धि का सृजन करने वाले हमारे उद्यमियों को भी जाता है। सबसे अधिक खुशी की बात यह है कि देश का आर्थिक विकास और अधिक समावेशी होता जा रहा है तथा क्षेत्रीय विषमताएं भी कम हो रही हैं।

लेकिन यह तो केवल शुरुआत ही है। दूरगामी परिणामों वाले सुधारों और नीतियों द्वारा इन परिवर्तनों की आधार-भूमि पहले से ही तैयार की जा रही थी। उदाहरण के लिए ‘Digital India’ अभियान द्वारा ज्ञान पर आधारित अर्थ-व्यवस्था की आधारशिला स्थापित की जा रही है। ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ का उद्देश्य भावी पीढ़ी को औद्योगिक क्रांति के अगले चरण के लिए तैयार करना तथा उन्हें हमारी विरासत के साथ फिर से जोड़ना भी है।

आर्थिक प्रगति से देशवासियों का जीवन और भी सुगम होता जा रहा है। आर्थिक सुधारों के साथ-साथ जन-कल्याण के नए कदम भी उठाए जा रहे हैं। ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ की सहायता से गरीब के पास स्वयं का घर होना अब एक सपना नहीं रह गया है बल्कि सच्चाई का रूप ले चुका है। इसी तरह ‘जल जीवन मिशन’ के अंतर्गत ‘हर घर जल’ योजना पर कार्य चल रहा है।

इन उपायों का और इसी तरह के अन्य प्रयासों का उद्देश्य सभी को, विशेषकर गरीबों को, बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना है। भारत में आज संवेदनशीलता व करुणा के जीवन-मूल्यों को प्रमुखता दी जा रही है। इन जीवन-मूल्यों का मुख्य उद्देश्य हमारे वंचित, जरूरतमंद तथा समाज के हाशिये पर रहने वाले लोगों के कल्याण हेतु कार्य करना है। हमारे राष्ट्रीय मूल्यों को, नागरिकों के मूल कर्तव्यों के रूप में, भारत के संविधान में समाहित किया गया है। देश के प्रत्येक नागरिक से मेरा अनुरोध है कि वे अपने मूल कर्तव्यों के बारे में जानें, उनका पालन करें, जिससे हमारा राष्ट्र नई ऊंचाइयों को छू सके।

प्यारे देशवासियो,
आज देश में स्वास्थ्य, शिक्षा और अर्थ-व्यवस्था तथा इनके साथ जुड़े अन्य क्षेत्रों में जो अच्छे बदलाव दिखाई दे रहे हैं उनके मूल में सुशासन पर विशेष बल दिए जाने की प्रमुख भूमिका है। जब ‘राष्ट्र सर्वोपरि’ की भावना से कार्य किया जाता है तो उसका प्रभाव प्रत्येक निर्णय एवं कार्य-क्षेत्र में दिखाई देता है। यह बदलाव विश्व समुदाय में भारत की प्रतिष्ठा में भी दिखाई दे रहा है।

भारत के नए आत्म-विश्वास का स्रोत देश के युवा, किसान और सबसे बढ़कर देश की महिलाएं हैं। अब देश में स्त्री-पुरुष के आधार पर असमानता कम हो रही है। महिलाएं अनेक रूढ़ियों और बाधाओं को पार करते हुए आगे बढ़ रही हैं। सामाजिक और राजनीतिक प्रक्रियाओं में उनकी बढ़ती भागीदारी निर्णायक साबित होगी। आज हमारी पंचायती राज संस्थाओं में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों की संख्या चौदह लाख से कहीं अधिक है।

हमारे देश की बहुत सी उम्मीदें हमारी बेटियों पर टिकी हुई हैं। समुचित अवसर मिलने पर वे शानदार सफलता हासिल कर सकती हैं। अनेक बेटियों ने हाल ही में सम्पन्न हुए राष्ट्रमंडल खेलों में देश का गौरव बढ़ाया है। हमारे खिलाड़ी अन्य अंतर-राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी देश को गौरवान्वित कर रहे हैं। हमारे बहुत से विजेता समाज के वंचित वर्गों में से आते हैं। हमारी बेटियां fighter-pilot से लेकर space scientist होने तक हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं।

प्यारे देशवासियो,
जब हम स्वाधीनता दिवस मनाते हैं तो वास्तव में हम अपनी ‘भारतीयता’ का उत्सव मनाते हैं। हमारा भारत अनेक विविधताओं से भरा देश है। परंतु इस विविधता के साथ ही हम सभी में कुछ न कुछ ऐसा है जो एक समान है। यही समानता हम सभी देशवासियों को एक सूत्र में पिरोती है तथा ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है।

भारत अपने पहाड़ों, नदियों, झीलों और वनों तथा उन क्षेत्रों में रहने वाले जीव-जंतुओं के कारण भी अत्यंत आकर्षक है। आज जब हमारे पर्यावरण के सम्मुख नई-नई चुनौतियां आ रही हैं तब हमें भारत की सुंदरता से जुड़ी हर चीज का दृढ़तापूर्वक संरक्षण करना चाहिए। जल, मिट्टी और जैविक विविधता का संरक्षण हमारी भावी पीढ़ियों के प्रति हमारा कर्तव्य है। प्रकृति की देखभाल माँ की तरह करना हमारी भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग रहा है। हम भारतवासी अपनी पारंपरिक जीवन-शैली से पूरी दुनिया को सही राह दिखा सकते हैं। योग एवं आयुर्वेद विश्व-समुदाय को भारत का अमूल्य उपहार है जिसकी लोकप्रियता पूरी दुनिया में निरंतर बढ़ रही है।
प्यारे देशवासियो,
हमारे पास जो कुछ भी है वह हमारी मातृभूमि का दिया हुआ है। इसलिए हमें अपने देश की सुरक्षा, प्रगति और समृद्धि के लिए अपना सब कुछ अर्पण कर देने का संकल्प लेना चाहिए। हमारे अस्तित्व की सार्थकता एक महान भारत के निर्माण में ही दिखाई देगी। कन्नड़ा भाषा के माध्यम से भारतीय साहित्य को समृद्ध करने वाले महान राष्ट्रवादी कवि ‘कुवेम्पु’ ने कहा है:
नानु अलिवे, नीनु अलिवे
नम्मा एलु-बुगल मेले
मूडु-वुदु मूडु-वुदु
नवभारत-द लीले।
अर्थात
‘मैं नहीं रहूंगा
न रहोगे तुम
परन्तु हमारी अस्थियों पर
उदित होगी, उदित होगी
नये भारत की महागाथा।‌’
उस राष्ट्रवादी कवि का यह स्पष्ट आह्वान है कि मातृ-भूमि तथा देशवासियों के उत्थान के लिए सर्वस्व बलिदान करना हमारा आदर्श होना चाहिए। इन आदर्शों को अपनाने के लिए मैं अपने देश के युवाओं से विशेष अनुरोध करती हूं। वे युवा ही 2047 के भारत का निर्माण करेंगे।

अपना सम्बोधन समाप्त करने से पहले मैं भारत के सशस्त्र बलों, विदेशों में स्थित भारतीय मिशनों और अपनी मातृभूमि को गौरवान्वित करने वाले प्रवासी-भारतीयों को स्वाधीनता दिवस की बधाई देती हूं। मैं सभी देशवासियों के सुखद और मंगलमय जीवन के लिए शुभकामनाएं व्यक्त करती हूं।

धन्यवाद,
जय हिन्द!

Chhapra: सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, दर्शन नगर के प्रांगण से तिरंगा – यात्रा निकाला गया।

यह यात्रा आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में विद्यालय के प्रधानाचार्य आशुतोष कुमार दास के नेतृत्व में निकाला गया.

यह यात्रा विद्यालय के सभी भैया, बहनों तथा आचार्य बंधु भगिनियों द्वारा बड़े ही हर्षोल्लास के साथ भारत माता के जयघोष विभिन्न नारों वंदे मातरम् के साथ तिरंगा यात्रा निकाला गया. जो विद्यालय प्रांगण से प्रारंभ होकर, छपरा कचहरी होते हुए नगरपालिका चौक मौना चौक सांढा ढाला तथा वापस परिसर में आकर समाप्त हुआ.

छपरा मे रोटरी ने मनाया अमृत महोत्सव, बच्चों के साथ मनाया आजादी का अमृत महोत्सव

Chhapra: रोटरी सारण ने आजादी के 75 वें वर्षगाठ के अवसर पर अध्यक्ष सोहन गुप्ता, संयोजक पूर्व अध्यक्ष अजय कुमार एवं सह संयोजक पूर्व अध्यक्ष राजेश फैशन के नेतृत्व मे अमृत महोत्सव बहुत ही अदभुत एवं अविस्मरणीय तरीके से मनाया गया. इस दौरान क्लब के सदस्यों ने शिशु पार्क से पारंपरिक पहनावा कुर्ता पायजामा एवं पगड़ी पहने हाथों में तिरंगा झंडा लिए देश भक्ति नारों के साथ सभी राहगीरों को न केवल अपने तरफ़ आकर्षित कर रहे थे, बल्कि नारों मे भागीदार भी बना रहे थे.

प्रभात फेरी शिशु पार्क से निकल थाना चौक होते हुए भगवान बाजार थाना अंतर्गत भागवत विद्यापीठ स्कूल के प्रांगण मे पहुंची. वहां विद्यालय के सभी छात्र छात्राओं ने हाथो में तिंरगा लिए राष्ट्र भक्ति गीत के साथ बच्चों के बीच रोटरी सारण के सदस्यो ने अमृत महोत्सव मनाया.

इस कार्यक्रम में इनर व्हील सारण, रोटरेक्ट सारण सिटी, रोटरेक्ट सारण स्मार्ट की भी सहभागिता रही.

इसमे मुख्य रूप से पूर्व अध्यक्ष श्याम बिहारी अग्रवाल, राजेश गोल्ड, अनूप कुमार, पंकज कुमार, चंद्रकांत द्विवेदी, डॉo मदन प्रसाद, अजय गुप्ता, प्राचार्य अमरेंद्र कुमार सिंह, अशोक कुमार, दीपक कुमार, मनोज कुमार, अनिल कुमार इत्यादि उपस्थित थे.

40वी वाहिनी एसएसबी ने बच्चों में बांटा राष्ट्रीय ध्वज, बच्चों द्वारा प्रभातफेरी निकाल मनाया गया अमृत महोत्सव

Chhapra: आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में हर घर तिरंगा अभियान के तहत 40वी वाहिनी सशस्त्र सीमा बल द्वारा प्रभात फेरी का आयोजन नया गांव में स्कूली बच्चों के द्वारा किया गया.

40 वी वाहिनी सशस्त्र सीमा बल के कमांडेंट सुवर्णा सजवान के दिशा निर्देश में नया गांव स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय डुमरी बुजुर्ग में बच्चों द्वारा प्रभाफेरी निकाली गई. इस अवसर पर द्वितीय कमान अधिकारी कुमार राजीव रंजन द्वारा बच्चों के बीच राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा का वितरण किया गया. साथ ही बच्चों को हर घर तिरंगा अभियान की जानकारी देते हुए अपने अपने घरों पर राष्ट्रीय ध्वज को 13 से 15 अगस्त तक लगाने की बात बताई गई.

इस अवसर पर 40वी वाहिनी सशस्त्र सीमा बल के जवानों के साथ साथ स्थानीय ग्रामीण मौजूद थे.

 

पटना: आजादी के अमृत महोत्सव पर हर घर तिरंगा अभियान के तहत 13 से 15 अगस्त तक सभी घरों के ऊपर राष्ट्रीय ध्वज लगाने का लक्ष्य है। इसका व्यापक असर पटना सहित पूरे प्रदेश दिख रहा है। इसकी वजह से तिरंगे की बिक्री कई गुना बढ़ गई है।

ग्राहकों के अनुसार तिरंगे का स्टॉक करना व्यापारियों के लिए काफी मुश्किल हो गया हैं। बोर्डिंग रोड कदमकुंआ फ्रेजर रोड एग्जीबिशन रोड डाक बंगला के दुकानदारों ने बताया कि दो रुपये के झंडे से लेकर 800 रुपये तक के झंडे उपलब्ध हैं। इसमें सबसे ज्यादा 30 से 50 रुपये की बिक्री हैं। व्यापारियों ने बताया कि इस बार पहले से 30 गुणा ज्यादा बिक्री बढ़ गई हैं। सबसे महंगा तिरंगा 1800 रुपये का है लेकिन मीडियम साइज तिरंगे का सबसे ज्यादा डिमांड हैं। बाकी साइज के अनुसार तिरंगा का रेट चल रहा हैं।

पटना में औसतन हर रोज एक लाख से ऊपर राष्ट्रीय ध्वज की बिक्री हो रही है। अकेले कदमकुआं के व्यापारी हर रोज 10 हजार से ऊपर तिरंगा का कारोबार कर रहे हैं। जहां एक दुकान से लोग 3 हजार से 4 हजार झंडे खरीद कर जा रहे हैं। प्रधानमंत्री द्वारा अभियान की घोषणा के बाद हर तरह के तिरंगा की बिक्री काफी तेजी से बढ़ गई हैं। इनका कहना हैं की राष्ट्रीय ध्वज की मांग में अचानक उछाल आने से इसकी बिक्री इतनी हैं। साथ ही कपड़े का तिरंगा ग्राहक सबसे अधिक लेकर जा रहे हैं।

दुकानदारों का कहना है कि हमने इतनी बड़ी मात्रा में तिरंगा की डिमांड आज तक नहीं देखी। इसलिए हमारे पास इसका शॉर्टेज हो गया हैं और हम झंडे का स्टॉक करने में लगे हुए हैं। व्यापारियों ने बताया कि दिल्ली, सूरत से थोक तिरंगा मंगाते हैं लेकिन एक के बाद एक ऑर्डर आने की वजह से तिरंगा का स्टॉक भी खत्म हो जा रहा हैं। हमने कभी नहीं सोचा था कि तिरंगा का इस तरह शॉर्टेज हो जाएगी।

राष्ट्रीय ध्वज खरीद रहे ग्राहकों का कहना है कि हर घर तिरंगा अभियान के लिए हम तिरंगा खरीद रहे हैं। हम अपने देश के लिए अपने घरों में झंडा फहराना चाहते हैं।

मशहूर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव हाल ही में दिल का दौरा पड़ने के कारण अस्पताल में भर्ती हुए थे। 58 वर्षीय राजू श्रीवास्तव का नई दिल्ली के एम्स अस्पताल में इलाज चल रहा है। हर कोई कॉमेडियन के जल्द से जल्द स्वस्थ्य होने की प्रार्थना कर रहा है। तो वहीं सोशल मीडिया पर उन्हें लेकर कुछ ऐसे पोस्ट सामने आ रहे हैं, जिमें कहा जा रहा है कि कॉमेडियन का निधन हो गया है। इन सब के बीच राजू श्रीवास्तव के परिवार ने इन खबरों को पूरी तरह से अफवाह बताया है। राजू श्रीवास्तव के आधिकारिक इंस्टाग्राम से उनके परिवार ने एक स्टेटमेंट जारी किया है,जिसमें लिखा है -‘राजू श्रीवास्तव जी की हालत स्थिर है ।अफ़वाहों पर ध्यान न दें ।उनके उत्तम स्वास्थ के लिए प्रार्थना करते रहें ।’

गौरतलब है कि 10 अगस्त यानी बुधवार को राजू श्रीवास्तव सुबह जिम में वर्कआउट कर रहे थे। इसी दौरान वह अचानक बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़े। अभिनेता के अचानक बेहोश होने के बाद उन्हें आनन-फानन में एम्स अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टर ने बताया कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा है। इसके बाद से ही हालत चिंताजनक बनी हुई थी।लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार राजू श्रीवास्तव की हालत फिलहाल स्थिर है।

मशरक के सिकटी में 12 वर्षीय बच्चे की हत्या, स्कूल के पीछे मिला शव

Mashrakh: मसरख थाना क्षेत्र के सिकटी गांव में शनिवार की सुबह एक 12 वर्षीय बच्चे की धारदार हथियार से हत्या करने का मामला प्रकाश में आया. बच्चे का शव हत्या के बाद स्कूल के पीछे फेंक दिया गया था. घटना की सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने छानबीन शुरू की वही शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. शव की पहचान गांव के ही प्रमोद यादव के पुत्र रिषभ की बताई जा रही है.

इस संदर्भ में मृतक के पिता ने बताया की शनिवार की सुबह उठकर वह अपने बेटे को चाय देकर बाथरूम चले गए. उन्होंने बताया की इसी बीच उसकी मां का फोन आया जिसपर वह बात करने के लिए बोली और पूछी रिषभ कहा है तो उसने रिषभ को बड़ी मां के पास होने की सूचना दी और घर पहुंचकर बात कराने की भी बात कही. इस दौरान जैसे ही वह घर पहुंचकर रिषभ को बुला रहा था कि पड़ोस से एक बच्चे का शव स्कूल के पीछे मिलने का हल्ला हुआ.

वह भी दौड़कर पहुंचा जहां शव को पहचान रिषभ के रूप में हुई. स्थानीय लोगों का कहना है कि रिषभ की हत्या धारदार हथियार से की गई है. हालांकि उसके पिता का कहना है कि उनकी किसी से दुश्मनी नहीं है उनके बेटे के साथ ऐसा क्यों और कैसे हुआ यह समझ से पड़े है. फिलहाल पुलिस मामले की छानबीन कर रही है.

Chhapra: स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण कार्यक्रम के लिए फुल ड्रेस रिहर्सल किया गया. जिलाधिकारी राजेश मीणा एवं पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार के द्वारा मुख्य समारोह स्थल, राजेंद्र स्टेडियम में ध्वजारोहण कार्यक्रम के संदर्भ में महत्त्वपूर्ण दिशा निर्देश उपस्थित पदाधिकारियों को दिया गया. 

इस अवसर पर उप विकास आयुक्त अमित कुमार, अपर समाहर्ता डॉ गगन, सिविल सर्जन, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, विशेष कार्य पदाधिकारी गोपनीय शाखा रजनीश राय, प्रभारी पदाधिकारी सामान्य शाखा चांदनी सुमन, अनुमंडल पदाधिकारी सदर अरुण कुमार सिंह, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के साथ अन्य जिला स्तरीय पदाधिकारी अन्य पुलिस पदाधिकारी उपस्थित थे.

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 15 अगस्त को राजेंद्र स्टेडियम में मुख्य कार्यक्रम होगा. जहाँ आयुक्त सारण प्रमंडल सुबह 9 बजे ध्वजारोहण करेंगी.   

पटना: बिहार में कुछ दिन पूर्व हुए सत्ता परिवर्तन के बाद बिहार में भाजपा और जदयू नेताओं के बीच तल्खी तेज हो गयी है। इस दौरान अभी चर्चा में नीतीश कुमार के पुराने साथी सुशील मोदी है। सुशील मोदी लगातार नीतीश कुमार पर हमलावर तो है ही सुशील मोदी पर भी पलटवार किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बाद अब जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने भी सुशील मोदी को आड़े हाथ लिया है। उन्होंने बता दिया कि क्यों सुशील मोदी को न सिर्फ बिहार के डिप्टी सीएम के पद से हटाया गया, बल्कि पार्टी में किनारे कर दिया गया।

शनिवार सुबह सुशील मोदी के बयान पर पलटवार करते हुए ललन सिंह ने कहा है कि आपका बयान देखकर घोर आश्चर्य हुआ..! जिस व्यक्ति का ग्रह-नक्षत्र खुद खराब हो और नीतीश जी से अच्छे रिश्तों के कारण खुद हाशिए पर ला दिए गए हों वैसे नेता के यहां नीतीश जी को उपराष्ट्रपति बनाने के लिए कोई जाये, यह अपने-आप में हास्यास्पद और सरासर झूठ है। नीतीश जी कभी ना राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार थे और ना ही उपराष्ट्रपति उपराष्ट्रपति पद के..! यदि ऐसे ही बयान देने से भाजपा नेतृत्व को खुश कर के आप पुनर्वासित हो जाते हैं, तो हमलोगों की शुभकामनाएं आपके साथ है…हो जाइए।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक दिन पूर्व सुशील मोदी पर हमला करते हुए कहा कि वह खुद अपनी पार्टी में दरकिनार कर दिए गए हैं, मेरे खिलाफ बोलकर शायद उनका कुछ भला हो जाए। इससे पूर्व भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा था कि नीतीश कुमार देश के उपराष्ट्रपति बनना चाहते थे। उन्होंने यह भी कहा था कि नीतीश कुमार खुद तो कुछ नहीं करते थे लेकिन अपने करीबी लोगों के जरिए भाजपा के शीर्ष नेतृत्व तक इस बात को पहुंचाते थे। इसे लेकर जदयू के बड़े नेताओं ने भाजपा के मंत्रियों से कई बार बात की थी लेकिन जब भाजपा के पास खुद बहुमत था तो किसी और को कैसे उपराष्ट्रपति बनाया जा सकता था।

Chhapra: मढ़ौरा अनुमंडल क्षेत्र के अंतर्गत जहरीली शराब एवं अन्य संदिग्ध कारणों से लगातार हो रही मौतों के पश्चात प्रभावी कार्रवाई नहीं करने के आरोप पर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मढ़ौरा से जिला पदाधिकारी सारण राजेश मीणा ने स्पष्टीकरण मांगा है.

पत्र में कर्तव्य पालन में लापरवाही, उदासीनता और वरीय पदाधिकारियों के आदेश की अवहेलना का आरोप है. मढ़ौरा एसडीपीओ को पत्र प्राप्ति के 48 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण पुलिस अधीक्षक सारण के माध्यम से समर्पित करने का सख्त निर्देश जिला पदाधिकारी के द्वारा दिया गया है.

18 से 20 अगस्त 2022 के बीच होगा ऋृण हेतु शिविर का आयोजन

Chhapra: जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी श्री रजनीश कुमार राय के द्वारा बताया गया कि बिहार राज्य अल्पसंख्यक वित्तीय निगम, पटना द्वारा मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक रोजगार ऋण योजना वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 के लिए सारण जिला को कर्णांकित राशि के अन्तर्गत प्रखंडवार आवेदको को ऋण स्वीकृति दी गई है। स्वीकृत आवेदको कि सूची जिला अल्पसंख्यक कल्याण कार्यालय में सूचना पट्ट पर देखा जा सकता है। रोजगार ऋण के लिए सभी चयनित आवेदकों को सूचित किया गया है कि दिनांक 18.08.2022 एवं 20.08.2022 को जिला अल्पसंख्यक कल्याण कार्यालय, सारण में शिविर का आयोजन किया जायेगा, जिसमें चयनित आवेदक अपने गारेन्टर के साथ उपस्थित होकर ऋण संबंधी कागजी कार्रवाई पूर्ण करवायें। यह अनिर्वाय होगा।

आवेदक के लिए कागजी कार्रवाई हेतु आवष्यक कागजात में आय प्रमाण-पत्र मूल प्रति में, आवासीय प्रमाण-पत्र (मूल प्रति) अद्यतन, आधार कार्ड (सम्पूर्ण पेज की छायाप्रति) पासबुक (जो आधार से लिंक हो की छायाप्रति), चेक बुक-20 पीस, पासपोर्ट साईज फोटो अद्यतन-2 पीस। एक लाख तक ऋण के लिए जेनरल गारेन्टर को अपना आधार कार्ड की छायाप्रति, जमीन की मालगुजारी की मूल रसीद जो अद्यतन होना चाहिए, पासपोर्ट साईज फोटो अद्यतन- 2 पीस लाना आवश्यक होगा।

एक लाख से अधिक ऋण के लिए सरकारी गारेन्टर जिन कर्मी की सेवा कम से कम हो उन्हें पाँच वर्ष शेष हो, उनके अपना आधार कार्ड की छायाप्रति, वेतन विवरणी की अद्यतन मूल प्रति, सेवा पुस्तिका अपने विभाग से अभिप्रमाणित सभी पेज की छायाप्रति, विभागीय निर्गत परिचय-पत्र एवं पासपोर्ट साईज का दो अद्यतन फोटो निश्चित रुप से अपने साथ लाना होगा।

इसके अलावे एक लाख से अधिक ऋण के लिए आयकर दाताओं को आधार कार्ड की छायाप्रति, पैन कार्ड की छायाप्रति फोटो अद्यतन पासपोर्ट साईज 2 पीस, आयकर रिटर्न की अद्यतन 2 वर्ष की प्रति (वैसे कर दाता जो सरकार को लगातार दो वर्षो से टैक्स भुगतान करते आ रहे है। अथवा आँगनबाड़ी कर्मी के लिए आधार कार्ड की छायाप्रति, नियुक्ति पत्र, अभी तक कार्यरत है उसका इसका प्रमाण-पत्र, पासपोर्ट साईज फोटो अद्यतन 2 फोटो लाना अनिर्वाय होगा इसके अलावे अनुबंधित वक्फ के मोतवल्ली के लिए आधार कार्ड की छायाप्रति, वक्फ बोर्ड से मोतवल्ली का प्रमाण-पत्र, अभी तक मोतवल्ली है उसका जिला औकॉफ कमिटी से प्रमाण-पत्र,

पासपोर्ट साईज फोटो अद्यतन-2 पीस आवश्यक है। किसी भी परिवहन के लिए कोटेशन देना आवश्यक है। एग्रीमेंट के समय गारेन्टर को लाना अनिवार्य है।