– इसी तरह की दुर्घटना में 29 अगस्त को हाथरस के पैरा कमांडो हरवीर सिंह हुए थे शहीद
– हेलीकॉप्टर से छलांग लगाने के बाद पैराशूट न खुलने से दो शहादतों के बाद बढ़ी चिंता

नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख की वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय सेना के चल रहे हवाई अभ्यास के दौरान पैराशूट खराब होने से एक और पैराट्रूपर की मौत हो गई। इस अभ्यास के दौरान पैराशूट न खुलने की वजह से यह दूसरा हादसा हुआ है। अभी 13 दिन पहले 29 अगस्त को हुए इसी तरह की दुर्घटना में हाथरस के पैरा कमांडो हरवीर सिंह शहीद हुए थे, जब हेलीकॉप्टर से छलांग लगाने के बाद उनका पैराशूट नहीं खुला था।

पूर्वी लद्दाख में चीन सीमा पर इन दिनों भारतीय सेना का हवाई अभ्यास चल रहा है। इसमें पैरा कमांडो हजारों फीट की ऊंचाई पर हेलीकॉप्टर से छलांग लगाने का अभ्यास कर रहे हैं। इस ट्रेनिंग में भारतीय थल सेना में कमांडो के पद पर कार्यरत उत्तर प्रदेश के हाथरस निवासी सूरजपाल पचौरी भी पैराशूट का प्रशिक्षण हासिल कर रहे थे। शनिवार को करीब एक बजे के आसपास सूरजपाल विमान से पैराशूट लेकर नीचे उड़े लेकिन उनका पैराशूट नहीं खुल सका और वह शहीद हो गया। शाम के करीब साढ़े पांच बजे कुछ पुलिस प्रशासनिक अधिकारी भी शहीद जवान के घर पर पहुंच गये। सूरज अपने पीछे तीन छोटे बच्चे, पत्नी और मां को बिलखता हुआ छोड़ गए हैं। जवान का शव रविवार देर रात तक आने की संभावना है।

इसी तरह 29 अगस्त को पूर्वी लद्दाख में युद्ध अभ्यास के दौरान हेलीकॉप्टर से छलांग लगाने के बाद पैराशूट न खुलने से हाथरस के ही सादाबाद अंतर्गत बाराबाई गांव के पैरा कमांडो हरवीर सिंह शहीद हुए थे। कमांडो हरवीर सिंह 2019 में पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक में भी शामिल थे। दूसरे दिन पैरा कमांडो का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव बारामई लाकर अंतिम संस्कार किया गया था। फिलहाल हरवीर सिंह आगरा में तैनात थे। उन्हें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सेना मेडल से नवाजा गया था।

– टॉप-10 में से 5 टॉपर्स आईआईटी मद्रास जोन से, कुल 1,55,538 में से 40,712 हुए क्वालिफाई
– इस वर्ष 3.37 फीसदी घटकर रिजल्ट 26.17 प्रतिशत रहा, पिछले वर्ष रहा था 29.54 प्रतिशत

नईदिल्ली/कोटा: आईआईटी बॉम्बे ने रविवार को जेईई-एडवांस्ड-2022 का रिजल्ट घोषित कर दिया। इसमें आईआईटी बॉम्बे जोन के छात्र आरके शिशिर ऑल इंडिया टॉपर रहे। शिशिर ने 360 में से 314 अंक प्राप्त किये है। गर्ल्स कैटेगरी में तनिष्का काबरा 360 में से 277 अंक प्राप्त कर ऑल इंडिया टॉपर रही। पहली बार टॉप-10 में से 5 टॉपर्स आईआईटी मद्रास जोन से सफल हुए हैं।

इस परीक्षा में जेईई-मेन से क्वालिफाई हुये 2.50 लाख पात्र अभ्यर्थियों में से 1,60,038 ने पंजीयन करवाया था। जिसमें से 1,55,538 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुये। रिजल्ट में 40,712 को काउंसलिंग के लिये क्वालिफाई घोषित किया गया है। प्रत्येक केटेगरी, स्टेट एवं आईआईटी जोन में भी टॉपर्स घोषित किये गये हैं।

कॉमन मेरिट सूची में आर के शिशिर रैंक-1, पोलु लक्ष्मी साई लोहित रेड्डी रैंक-2, थॉमस बीजू चिरामवेली रैंक-3, वांगपल्ली साई सिद्धार्थ रैंक-4, मयंक मोटवानी रैंक-5, पोलीसेट्टी कार्तिकेय रैंक-6, प्रतीक साहू रैंक-7, धीरज कुरुकुंड रैंक-8, महित गढ़ीवाला रैंक-9 एवं वेचा ज्ञान महेश रैंक-10 पर चयनित हुये हैं। कोटा से रिलायबल इंस्टीट्यूट के क्लासरूम विद्यार्थी मयंक मोटवानी एआईआर-5 पर सफल रहे। रिजल्ट में कोटा सहित देश के प्रमुख कोचिंग संस्थानों ने शीर्ष 100 रैंक पर सफलता के दावे किये हैं।

23 आईआईटी में कुल 16,598 सीटें
इस वर्ष देश के 23 आईआईटी संस्थानों में सीटों की क्षमता 15,031 है। इसके अतिरिक्त 1567 सुपर न्यूमेररी सीटें छात्राओं के लिये आरक्षित होंगी। इस तरह जेईई-एडवांस्ड2022 में क्वालिफाई हुये 40,712 विद्यार्थियों को 23 आईआईटी में कुल 16,598 सीटों पर प्रवेश दिये जायेंगे।

जेईई-एडवांस्ड 2022 में 10 टॉपर्स

1 आर के शिशिर
2 पोलु लक्ष्मी साई लोहित रेड्डी
3 थॉमस बीजू चिरामवेली
4 वांगपल्ली साई सिद्धार्थ
5 मयंक मोटवानी
6 पोलीसेट्टी कार्तिकेय
7 प्रतीक साहू
8 धीरज कुरुकुंड
9 महित गढ़ीवाला
10 वेचा ज्ञान महेश

जेईई एडवांस 2022 के टॉप 10 रैंकर्स में से पांच आईआईटी मद्रास जोन से

पोलु लक्ष्मी साई लोहित रेड्डी: AIR 2
थॉमस बीजू चीरमवेलिल: AIR 3
वांगपल्ली साई सिद्धार्थ: AIR 4
पोलीसेटी कार्तिकेय: AIR 6
धीरज कुरुकुंडा: AIR 8

सूडानी नागरिक की गिरफ्तारी के समय एयरपोर्ट पर हंगामा करने वाले 5 अन्य गिरफ्तार

मुंबई: मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सीमा शुल्क (कस्टम) अधिकारियों ने 5.38 करोड़ रुपये के 12 किलोग्राम सोना बरामद करके एक सूडानी नागरिक को गिरफ्तार किया है। उसकी गिरफ्तारी के समय एयरपोर्ट पर हंगामा करने वाले 5 अन्य लोगों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

कस्टम सूत्रों के अनुसार सूडानी नागरिक के बारे में पहले से सूचना मिली थी, इसी वजह एयरपोर्ट पर कस्टम अधिकारी पहले से तैनात थे। शनिवार देर रात जैसे ही संदिग्ध सूडानी नागरिक दिखा, उसकी तलाशी ली गई। कस्टम अधिकारियों ने विशेष रूप से डिजाइन की गई बेल्ट से 5.38 करोड़ रुपये मूल्य का 12 किलोग्राम सोना बरामद किया। यह बेल्ट सूडानी यात्री पहने हुए था।

इस कार्रवाई के समय कुछ यात्रियों ने उसे भागने में मदद करने के लिए हंगामा किया, इसलिए इन सभी 5 लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है। अधिकारी ने बताया कि सूडानी नागरिक ने रेड चैनल पर 12 किलो बरामद सोने की जानकारी संबंधित अधिकारियों को नहीं दी थी। इसलिए, उसके पास मिले सोने को सीमा शुल्क अधिनियम की धारा 110 के तहत बरामद किया गया है। इस संबंध में सोने की तस्करी का मामला दर्ज करके आगे की जांच शुरू की गई है।

इंटरलॉकिंग के कारण छपरा दुर्ग सहित कई ट्रेनों के मार्ग बदले, कई गाड़ियां हुई रद्द, पढ़ें पूरी ख़बर

Chhapra: पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मण्डल पर गाजीपुर सिटी-बलिया खण्ड पर गाजीपुर-सहबाज कुली-युसूफपुर स्टेशनों के मध्य दोहरीकरण कार्य के परिप्रेक्ष्य में नान इण्टरलॉक कार्य के कारण गाड़ियों का निरस्तीकरण, मार्ग परिवर्तन, शार्ट टर्मिनेशन/शार्ट ओरिजिनेशन एवं नियंत्रण निम्नवत रहेगा।

इन गाड़ियों का हुआ है निरस्तीकरण

– छपरा से 12 से 15 सितम्बर,2022 तक प्रस्थान करने वाली 05445 छपरा-वाराणसी सिटी अनारक्षित विशेष गाड़ी निरस्त रहेगी ।

– वाराणसी सिटी से 12 से 15 सितम्बर,2022 तक प्रस्थान करने वाली 05446 वाराणसी सिटी-छपरा अनारक्षित विशेष गाड़ी निरस्त रहेगी।

– बलिया से 12,13 एवं 15 सितम्बर,2022 को प्रस्थान करने वाली 05169 बलिया-प्रयागराज रामबाग अनारक्षित विशेष गाड़ी निरस्त रहेगी ।

– प्रयागराज रामबाग से 12,13 एवं 15 सितम्बर,2022 को प्रस्थान करने वाली 05170 प्रयागराज रामबाग-बलिया अनारक्षित विशेष गाड़ी निरस्त रहेगी।

इन गाड़ियों का हुआ है मार्ग परिवर्तन

– आनन्द विहार टर्मिनस से 13 सितम्बर,2022 को प्रस्थान करने वाली 14008 आनन्द विहार टर्मिनस-रक्सौल एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग औड़िहार-मऊ-फेफना के रास्ते चलाई जायेगी।

– रक्सौल से 11 सितम्बर,2022 को प्रस्थान करने वाली 14015 रक्सौल-आनन्द विहार टर्मिनस एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग फेफना-मऊ-औड़िहार के रास्ते चलाई जायेगी।

– छपरा से 12 एवं 14 सितम्बर,2022 को प्रस्थान करने वाली 15159 छपरा-दुर्ग एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग फेफना-मऊ-औड़िहार के रास्ते चलाई जायेगी।

– नई दिल्ली से 11, 12 एवं 14 सितम्बर,2022 को प्रस्थान करने वाली 12562 नई दिल्ली-जयनगर एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग औड़िहार- मऊ-फेफना के रास्ते चलाई जायेगी ।

– बरौनी से 12 एवं 15 सितम्बर,2022 को प्रस्थान करने वाली 15231 बरौनी-गोंडिया एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग फेफना-मऊ-औड़िहार के रास्ते चलाई जायेगी।

– गोंडिया से 11, 13 एवं 14 सितम्बर,2022 को प्रस्थान करने वाली 15232 गोंडिया-बरौनी एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग औड़िहार-मऊ-फेफना के रास्ते चलाई जायेगी।

– नई दिल्ली से 12 एवं 13 सितम्बर,2022 को प्रस्थान करने वाली 20504 नई दिल्ली-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग औड़िहार- मऊ-फेफना के रास्ते चलाई जायेगी।

– आनन्द विहार टर्मिनस से 11 सितम्बर,2022 को प्रस्थान करने वाली 14016 आनन्द विहार टर्मिनस-रक्सौल एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग औड़िहार-मऊ-फेफना के रास्ते चलाई जायेगी ।

– लोकमान्य तिलक टर्मिनस से 11, 13 एवं 14 सितम्बर,2022 को प्रस्थान करने वाली 11061 लोकमान्य तिलक टर्मिनस-जयनगर एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग औड़िहार- मऊ-फेफना के रास्ते चलाई जायेगी ।

– दिल्ली से 11 सितम्बर,2022 को प्रस्थान करने वाली 15116 दिल्ली-छपरा एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग औड़िहार-मऊ-फेफना के रास्ते चलाई जायेगी ।

– बरौनी से 12 एवं 15 सितम्बर,2022 को प्रस्थान करने वाली 14523 बरौनी-अम्बाला एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग फेफना-मऊ-औड़िहार के रास्ते चलाई जायेगी ।

– सूरत से 12 सितम्बर,2022 को प्रस्थान करने वाली 09065 सूरत-छपरा विशेष गाड़ी परिवर्तित मार्ग औड़िहार-मऊ-फेफना के रास्ते चलाई जायेगी ।

– अम्बाला से 14 सितम्बर,2022 को प्रस्थान करने वाली 14524 अम्बाला-बरौनी एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग औड़िहार-मऊ-फेफना के रास्ते चलाई जायेगी ।

– छपरा से 14 सितम्बर,2022 को प्रस्थान करने वाली 09066 छपरा-सूरत विशेष गाड़ी परिवर्तित मार्ग फेफना-मऊ-औड़िहार के रास्ते चलाई जायेगी ।

– नई दिल्ली से 15 सितम्बर,2022 को प्रस्थान करने वाली 20506 नई दिल्ली-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग औड़िहार-मऊ-फेफना के रास्ते चलाई जायेगी ।

– वाराणसी सिटी से 15 सितम्बर,2022 को प्रस्थान करने वाली 15552 वाराणसी सिटी-दरभंगा एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग औड़िहार-मऊ-फेफना के रास्ते चलाई जायेगी ।

– आनन्द विहार टर्मिनस से 14 सितम्बर,2022 को प्रस्थान करने वाली 14018 आनन्द विहार टर्मिनस-रक्सौल एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग औड़िहार-मऊ-फेफना के रास्ते चलाई जायेगी ।

– आनन्द विहार टर्मिनस से 14 सितम्बर,2022 को प्रस्थान करने वाली 04056 आनन्द विहार टर्मिनस-बलिया विशेष गाड़ी परिवर्तित मार्ग औड़िहार-मऊ-फेफना के रास्ते चलाई जायेगी ।

– बलिया से 15 सितम्बर,2022 को प्रस्थान करने वाली 04055 बलिया-आनन्द विहार टर्मिनस विशेष गाड़ी परिवर्तित मार्ग फेफना-मऊ-औड़िहार के रास्ते चलाई जायेगी ।

– लोकमान्य तिलक टर्मिनस से 13 सितम्बर,2022 को प्रस्थान करने वाली 15268 लोकमान्य तिलक टर्मिनस-रक्सौल एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग औड़िहार-मऊ-फेफना के रास्ते चलाई जायेगी ।

– छपरा से 12 से 15 सितम्बर,2022 तक प्रस्थान करने वाली 05135 छपरा-औड़िहार अनारक्षित विशेष गाड़ी परिवर्तित मार्ग फेफना-मऊ-औड़िहार के रास्ते चलाई जायेगी ।

– औड़िहार से 12 एवं 14 सितम्बर,2022 को प्रस्थान करने वाली 05136 औड़िहार-छपरा अनारक्षित विशेष गाड़ी परिवर्तित मार्ग औड़िहार-मऊ-फेफना के रास्ते चलाई जायेगी ।

इन गाड़ियों को किया गया है शार्ट टर्मिनेशन

– कोलकाता से 11 सितम्बर,2022 को प्रस्थान करने वाली 13121 कोलकाता-गाजीपुर सिटी एक्सप्रेस बलिया स्टेशन पर शार्ट टर्मिनेट होगी और यह गाड़ी बलिया-गाजीपुर सिटी के मध्य निरस्त रहेगी।

– आनन्द विहार टर्मिनस से 11 एवं 13 सितम्बर,2022 को प्रस्थान करने वाली 22420 आनन्द विहार टर्मिनस-गाजीपुर सिटी एक्सप्रेस औड़िहार स्टेशन पर शार्ट टर्मिनेट होगी और यह गाड़ी औड़िहार-गाजीपुर सिटी के मध्य निरस्त रहेगी ।

– आनन्द विहार टर्मिनस से 12 सितम्बर,2022 को प्रस्थान करने वाली 22434 आनन्द विहार टर्मिनस-गाजीपुर सिटी एक्सप्रेस औड़िहार स्टेशन पर शार्ट टर्मिनेट होगी और यह गाड़ी औड़िहार-गाजीपुर सिटी के मध्य निरस्त रहेगी ।

– प्रयागराज संगम से 14 सितम्बर,2022 को प्रस्थान करने वाली 05438 प्रयागराज संगम-गाजीपुर सिटी अनारक्षित विशेष गाड़ी औड़िहार स्टेशन पर शार्ट टर्मिनेट होगी और यह गाड़ी औड़िहार-गाजीपुर सिटी के मध्य निरस्त रहेगी ।

इन गाड़ियों को किया गया शार्ट ओरिजिनेशन

– गाजीपुर सिटी से 12 सितम्बर,2022 को प्रस्थान करने वाली 13122 गाजीपुर सिटी-कोलकाता एक्सप्रेस बलिया से चलाई जायेगी और यह गाड़ी गाजीपुर सिटी-बलिया के मध्य निरस्त रहेगी ।

– गाजीपुर सिटी से 12 एवं 14 सितम्बर,2022 को प्रस्थान करने वाली 22419 गाजीपुर सिटी-आनन्द विहार टर्मिनस एक्सप्रेस औड़िहार से चलाई जायेगी और यह गाड़ी गाजीपुर सिटी-औड़िहार के मध्य निरस्त रहेगी ।

– गाजीपुर सिटी से 13 सितम्बर,2022 को प्रस्थान करने वाली 22433 गाजीपुर सिटी-आनन्द विहार टर्मिनस एक्सप्रेस औड़िहार से चलाई जायेगी और यह गाड़ी गाजीपुर सिटी-औड़िहार के मध्य निरस्त रहेगी ।

– गाजीपुर सिटी से 15 सितम्बर,2022 को प्रस्थान करने वाली 05437 गाजीपुर सिटी-प्रयागराज संगम अनारक्षित विशेष गाड़ी औड़िहार से चलाई जायेगी और यह गाड़ी गाजीपुर सिटी-औड़िहार के मध्य निरस्त रहेगी ।

इन गाड़ियों को किया गया नियंत्रण

– दुर्ग से 14 सितम्बर,2022 को प्रस्थान करने वाली 15160 दुर्ग-छपरा एक्सप्रेस मार्ग में 30 मिनट नियंत्रित कर चलाई जायेगी ।

 

 

 

 

 

 

 

 

नई दिल्ली: ब्रिटेन की दिवंगत महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के सम्मान में आज देश में राजकीय शोक है । लाल किले और राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका दिया गया है। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का निधन गुरुवार को हुआ था। इसके बाद सरकार ने एक दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की थी। ब्रिटेन में 10 दिन का राष्ट्रीय शोक है।

इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बयान जारी किया था कि ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का गुरुवार को निधन हो गया। उनके सम्मान में देशभर में 11 सितंबर को एक दिवसीय राजकीय शोक मनाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महारानी के निधन के बाद उन्हें श्रद्धांजलि दी थी। उन्होंने कहा कि महारानी के निधन से आहत हूं। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और ब्रिटेन के लोगों के साथ हैं।

पटना, 11 सितम्बर (agency): केंद्र सरकार द्वारा वाई श्रेणी की सुरक्षा वापस लिए जाने की मीडिया में चल रही खबरों के बीच बिहार भाजपा के नेताओं ने कहा है कि उन्हें अभी इसकी कोई जानकारी नहीं है। केंद्र की ओर से भी उन्हें कोई नोटिस अभी नहीं मिला है। उनकी सुरक्षा में लगाए गए केंद्रीय बलों के जवान अभी भी उनके साथ हैं।

तीन महीने पहले अग्निपथ योजना के विरोध में बिहार में हुए उपद्रव के मद्देनजर केंद्र ने प्रदेश भाजपा के दस नेताओं को वाई श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई थी। जिन नेताओं को सुरक्षा मिली थी उनमें प्रमुख रूप से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल, तत्कालीन उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद एवं रेणुदेवी शामिल हैं।

डॉ. जायसवाल, तारकिशोर प्रसाद और रेणुदेवी ने समाचार एजेंसी  से बातचीत में कहा कि हमें अभी तक इस बारे में कोई नोटिस नहीं दिया गया है। तीनों नेताओं ने बताया कि हमें भी आपके द्वारा (समाचार एजेंसी) फोन करने पर यह जानकारी मिली है। उन्होंने कहा कि उनकी सुरक्षा के लिए लगाये गये केंद्रीय बलों के जवान अभी भी उनके साथ हैं। केंद्र सरकार ने उन्हें सुरक्षा वापस लिए जाने जैसी कोई सूचना नहीं दी है।

भाजपा के विस्फी से विधायक हरिभूषण ठाकुर ने भी बातचीत में कहा कि समाचार चैनल में इस तरह की खबर चल रही है लेकिन अभी तक हमारे पास कोई नोटिस नहीं आया है। सारे सुरक्षाकर्मी अभी भी मेरे साथ है। मैं पटना से बाहर हूं।

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने अग्निवीर आंदोलन के समय इन नेताओं को खास सुरक्षा दी थी। अग्निवीर आंदोलन के समय बिहार में कई भाजपा नेताओं के घर और दफ्तर पर हमला किया गया था। बेतिया में तत्कालीन डिप्टी सीएम रेणु देवी के आवास पर हमला किया गया था। बेतिया में ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के घर पर भी हमला किया गया था। हमलावरों ने दोनों के घरों पर काफी उत्पात मचाया था।

पटना/पूर्वी चंपारण:  बिहार के पूर्वी चंपारण में बालू लदे ट्रक की चपेट में आने से आटो सवार पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि छह लोग घायल हो गए। घटना मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के बैरिया देवी के पास की है। बालू से लदा ट्रक टेम्पो पर पलट गया जिससे 12 लोग दब गए।

पुलिस और स्थानीय लोगों की मदद से हताहतों को निकाला गया। पांच शव निकाले गए हैं। मृतकों में चार महिला और एक पांच वर्ष का बच्चा है। गम्भीर रूप से घायल तीन लोगों को सदर अस्पताल और शहर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

बताया जाता है कि मधुबन थाना क्षेत्र के राजेपुर तेतरिया से एक ही परिवार के 12 लोग टेम्पो पर सवार होकर मुफसिल थाना क्षेत्र के नेशनल हाइवे स्थित बैरिया देवी मंदिर में शिव चर्चा पूजा करने आ रहे थे। हाइवे पार करते समय टेम्पो और बालू से ओवर लोड ट्रक में भिड़ंत हो गई। बालू लदा ट्रक टेम्पो पर पलट गया, जिसमें टेम्पो पर सवार लोग दब गए। घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोग और पुलिस मौके पर पहुंचे और क्रेन के सहयोग से सभी को निकाला।

दुनिया के इतिहास में 11 सितंबर की तारीख दुखद घटना के रूप में भी दर्ज है। विश्व के सबसे ताकतवर देश अमेरिका के सीने पर इस दिन हुए आतंकी हमले ने एक ऐसा जख्म दिया, जिसकी टीस हर पल महसूस की जाती है। 2001 को 11 सितंबर को ही आतंकवादियों ने यात्री विमानों को मिसाइल की तरह इस्तेमाल करते हुए अमेरिका के विश्व प्रसिद्ध वर्ल्ड ट्रेड टॉवर और पेंटागन को निशाना बनाया।

इस दिन मंगलवार था। किसी आम दिन की तरह अमेरिकी नागरिक सुबह उठकर अपने काम पर जा चुके थे। न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में भी करीब 18 हजार कर्मचारी अपने-अपने कामों में व्यस्त थे। यहां बड़ी-बड़ी कंपनियों के ऑफिस थे। तभी 8 बजकर 45 मिनट पर बोइंग 767 तेज रफ्तार से वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के नॉर्थ टॉवर से जा टकराया। सैकड़ों लोग मारे गए और इतने ही लोग आग और धुएं के बीच कैद होकर रह गए। अभी तक पूरी दुनिया इसे एक हादसा समझ रही थी।

ठीक 18 मिनट बाद एक दूसरा बोइंग 767 बिल्डिंग के साउथ टॉवर से जा टकराया। बिल्डिंग में आग लग गई और कई लोग मारे गए। अब यह साफ हो चुका था कि यह हादसा नहीं बल्कि आतंकवादी हमला है। दरअसल 19 आतंकियों ने चार विमान हाईजैक किए थे। दो विमान वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के दोनों टॉवरों से टकरा गए। तीसरा विमान अमेरिकी रक्षा मंत्रालय यानी पेंटागन से टकराया। पेंटागन में 184 लोग मारे गए। चौथा विमान शेंकविले में एक खेत में क्रैश हुआ।

इसे मानव इतिहास का सबसे भीषण आतंकी हमला माना जाता है। हमले में 93 देशों के करीब 3000 लोग मारे गए। हाईजैकर्स में 15 सऊदी अरब के थे, जबकि बाकी यूएई, मिस्र और लेबनान के थे। इस हमले के बाद ही अलकायदा का चीफ ओसामा बिन लादेन दुनिया का मोस्ट वांटेड आतंकी बना। अमेरिका ने लादेन को जिंदा या मुर्दा पकड़ने के लिए 2.5 करोड़ डॉलर का इनाम रखा था। आखिरकार 02 मई, 2011 को अमेरिका ने अपने सीक्रेट मिशन के तहत पाकिस्तान के एबटाबाद में छिपकर रह रहे लादेन को मार गिराया।

इसके अलावा 11 सितंबर, 1893 की तारीख भी इतिहास में विश्व धर्म सम्मेलन के लिए याद की जाती है। इस सम्मेलन में स्वामी विवेकानंद ने जैसे ही “सिस्टर्स एंड ब्रदर्स ऑफ अमेरिका” कहकर अपना भाषण शुरू किया, पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा। यह पहला मौका था, जब पश्चिम का सामना पूरब के धर्माचार्य से हो रहा था। उस समय पश्चिमी देशों के सामने भारतीय संस्कृति, अभ्यास और दर्शन नया-नया ही था। विवेकानंद के इस बहुचर्चित भाषण ने भारत की छवि को नया आयाम दिया।

स्वामी विवेकानंद ने अपने भाषण में सांप्रदायिकता, धार्मिक कट्टरता और हिंसा का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा था कि सांप्रदायिकता और कट्टरता लंबे समय से धरती को शिकंजे में जकड़े हुए है और इससे धरती पर हिंसा बढ़ गई है। कई बार धरती खून से लाल हुई है। कितनी ही सभ्यताओं का विनाश हुआ है। न जाने कितने देश नष्ट हुए हैं। उन्होंने अपने भाषण में सहनशीलता और सार्वभौमिकता का मसला भी उठाया था।

यह तारीख इसलिए भी याद की जाती है कि 1906 में दक्षिण अफ्रीका की सरकार ने एक नया कानून बनाया। इस कानून में भारतीय मूल के लोगों के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया । जोहान्सबर्ग में 11 सितंबर को ही हुई भारतवंशियों की बैठक में इसका विरोध हुआ। इसमें गांधी जी ने विरोध के लिए अहिंसा का इस्तेमाल करने की पैरवी की। यह संघर्ष सात साल चला। दक्षिण अफ्रीका में भी उस समय अंग्रेजों का शासन था और उन्होंने हजारों भारतीयों को हड़ताल, रजिस्ट्रेशन से इनकार करने, रजिस्ट्रेशन कार्ड जलाने और प्रदर्शन करने के लिए जेल भेज दिया था।

महत्वपूर्ण घटनाचक्र

1893 : अमेरिका के शिकागो में आयोजित विश्व धर्म सम्मेलन में स्वामी विवेकानंद ने सांप्रदायिकता, धार्मिक कट्टरता और हिंसा पर ऐतिहासिक भाषण दिया।
1906 : महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह आरंभ किया।
1919 : अमेरिकी नौसेना ने होंडुरास पर आक्रमण किया।
1922 : आस्ट्रेलिया के मेलबर्न में सचित्र दैनिक समाचार पत्र द सन न्यूज पेक्टोरियल की शुरुआत।
1939 : इराक और सऊदी अरब ने जर्मनी के खिलाफ युद्ध की घोषणा की।
1951 : फ्लोरेंस चैडविक ने इंग्लिश चैनल तैरकर पार किया। उन्हें इंग्लैंड से फ्रांस पहुंचने में 16 घंटे और 19 मिनट लगे। ऐसा करने वाली वह पहली महिला हैं।
1961 : विश्व वन्यजीव कोष की स्थापना।
1968 : एयर फ्रांस का विमान नाइस के निकट दुर्घटनाग्रस्त। हादसे में 89 यात्रियों और चालक दल के छह सदस्यों की मौत।
2001: अमेरिका में आतंकवादियों ने विमान अपहरण कर न्यूयार्क के वर्ल्ड ट्रेड टावर की दो इमारतों, वर्जीनिया स्थित पेंटागन और पेन्सिलवेनिया पर हमला किया।
2003 : चीन के विरोध के बावजूद तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जार्ज बुश तिब्बत के धार्मिक नेता दलाई लामा से मिले।
2005 : गाजा पट्टी में 38 साल से जारी सैन्य शासन समाप्त करने की घोषणा।
2019 : अमेरिका ने प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के सरगना नूर वली महसूद पर प्रतिबंध लगाया और उसे वैश्विक आतंकवादी करार दिया।

जन्म
1895ः स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और प्रसिद्ध गांधीवादी नेता विनोबा भावे।
1901ः प्रसिद्ध मराठी साहित्यकार आत्माराम रावजी देशपांडे ।
1911ः अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत की ओर से पहला शतक जमाने वाले क्रिकेटर लाला अमरनाथ।
1919ः आधुनिक काल के प्रसिद्ध हिन्दी और राजस्थानी लेखक कन्हैयालाल सेठिया।
1962ः भारतीय जनता पार्टी के नेता प्रह्लाद जोशी।

निधन
1921ः तमिल भाषा के महान कवि सुब्रह्मण्य भारती।
1964ः प्रगतिशील भारतीय कवि गजानन माधव मुक्तिबोध।
1968ः भारतीय सैनिक बाबा हरभजन सिंह।
1973ः बाबा नीम करोली ।
1987ः हिन्दी कवयित्री और हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक महादेवी वर्मा ।
1987ः मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नरेशचंद्र सिंह।
2020ः समाज सुधारक और आर्य समाजी स्वामी अग्निवेश।

दिवस
राष्ट्रीय दादा दादी दिवस
यूनिवर्सल ब्रदरहुड डे

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को विधि व्यवस्था की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए । मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि विधि व्यवस्था सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। अपराध नियंत्रण में किसी प्रकार की कोताही न बरतें। गंभीर आपराधिक घटनाओं पर की गई कार्रवाई के संबंध में अपर पुलिस महानिदेशक, मुख्यालय प्रेस को प्रतिदिन अवगत कराएं। सोशल मीडिया पर भी इसके संबंध में जानकारी दें ।

सीएम ने कहा कि घटना की पूरी जानकारी, उस पर की जा रही कार्रवाई, घटना के विभिन्न पहलुओं के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दें ताकि लोगों को सही जानकारी मिल सके। उन्होंने कहा कि सभी थानों में लैंडलाइन फोन फंक्शनल रहे, इसके लिए मुख्यालय स्तर से निरंतर अनुश्रवण करते रहें। अपराध अनुसंधान कार्य में तेजी लाएं और इसे ससमय पूर्ण करें ताकि दोषियों पर जल्द कार्रवाई हो सके। गश्ती व्यवस्था को और सुदृढ़ करें। इसकी निरंतर निगरानी भी करते रहें ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जमीन से संबंधित आपसी विवाद को खत्म करने के लिए महीने में एक बार जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक, 15 दिनों में एक बार एसडीओ और एसडीपीओ तथा सप्ताह में एक दिन अंचलाधिकारी एवं थानाध्यक्ष की नियमित रूप से होनेवाली बैठकों में समस्याओं का त्वरित निष्पादन करें। उन्होंने कहा कि 60 प्रतिशत से अधिक हत्याएं भूमि विवाद के कारण होती हैं । लैंड सर्वे एंड सेटलमेंट का काम तेजी से हो ताकि भूमि विवाद को लेकर होनेवाले अपराध में कमी आए ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय मानक के अनुरूप प्रति एक लाख की आबादी पर पुलिसकर्मियों की स्वीकृत पदों की संख्या में बढ़ोतरी करने के लिए तेजी से काम करें। उन्होंने कहा कि स्पीडी ट्रायल में तेजी लाएं । अपराध अनुसंधान कार्य को समय पर पूर्ण करें ।

बैठक में पुलिस महानिदेशक एसके सिंघल ने मुख्यमंत्री को अपराध नियंत्रण को लेकर किए जा रहे कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पुलिस पूरी मुस्तैदी के साथ लगातार काम कर रही है। अपराध अनुसंधान के कार्य भी तेजी से किए जा रहे हैं ताकि दोषियों को शीघ्र सजा मिल सके ।

बैठक में पुलिस महानिदेशक, मुख्यालय जेएस गंगवार ने बताया कि पुलिस बल में महिलाओं को आरक्षण दिए जाने के बाद राज्य में महिला पुलिस और महिला दारोगा की संख्या लगातार बढ़ रही है और उनकी पदस्थापना पुलिस थानों में की जा रही है। इसकी सराहना राज्य के बाहर भी हो रही है। उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मियों की स्वीकृत पदों की संख्या में बढ़ोतरी के बाद प्रति लाख की आबादी पर पुलिसकर्मियों की संख्या 192 के करीब हो जाएगी जबकि राष्ट्रीय मानक 193.95 है।

– अनादि विमल तीर्थ पिशाचमोचन कुंड और गंगा तट गुलजार

 

वाराणसी: भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि के बाद से पितृ पक्ष की शुरुआत हो गई। श्राद्ध पूर्णिमा (प्रतिपदा का श्राद्ध) तिथि पर अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए बड़ी संख्या में लोग गंगा तट और अनादि विमल तीर्थ पिशाचमोचन कुंड पर श्राद्ध कर्म के लिए उमड़ पड़े। पहले दिन लोगों ने त्रिपिंडी श्राद्ध, पिंडदान, तर्पण और विधि विधान से श्राद्ध कर्म किया। जिनके पूर्वजों की अकाल मृत्यु हुई थी उन्होंने श्रद्धापूर्वक कर्मकांडी ब्राम्हणों से त्रिपिंडी श्राद्ध कराया।

श्राद्धकर्म के लिए दूर-दराज के प्रांतों से श्रद्धालु शुक्रवार शाम को ही शहर में आ गये थे। अलसुबह से ही गंगा तट और पिशाचमोचन कुंड गुलजार हो गया। गया जाने के पूर्व पिशाचमोचन कुंड पर अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा निवेदित करने के लिए लोग श्राद्ध कर्म सुबह से करते रहे। माना जाता है कि तर्पण और श्राद्ध कर्म से पितृदोष से मुक्ति के साथ पितरों की आत्मा भी तृप्त होती है। तर्पण न करने से पितरों को मुक्ति नहीं मिलती और उनकी आत्मा भी मृत्यु लोक में भटकती है। ऐसे में पितृपक्ष में पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण किया जाता है। पिशाचमोचन कुंड स्थित शेरवाली कोठी के पंडा पं. श्रीकांत मिश्र और प्रदीप पांडेय ने हिन्दुस्थान समाचार से कहा कि पितृपक्ष में पूर्वजों का स्मरण और उनकी पूजा करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है। पितृपक्ष में तीन पीढ़ियों तक के पिता पक्ष के तथा तीन पीढ़ियों तक माता पक्ष के पूर्वजों के लिए तर्पण किया जाता हैं। इन्हीं को पितर कहते हैं। दिव्य पितृ तर्पण, देव तर्पण, ऋषि तर्पण और दिव्य मनुष्य तर्पण के पश्चात् ही स्व.पितृ तर्पण किया जाता है। पितृपक्ष में अपने पितरों के निमित्त जो अपनी शक्ति सामर्थ्य के अनुरूप शास्त्र विधि से श्रद्धापूर्वक श्राद्ध करता है, उसके जीवन में सभी कार्य सिद्ध होते हैं और घर, परिवार, वंश बेल की वृद्धि होती है।

प्रदीप पांडेय ने बताया कि पितृदोष के शमन के लिए त्रिपिंडी श्राद्ध किया जाता है। सनातन धर्म में ये श्राद्ध कर्म सबके लिए है। पूर्वजों की आत्मा की प्रसन्नता के लिए कम से कम तीन बार त्रिपिंडी श्राद्ध अवश्य वंशजों को करना चाहिए। इससे अधिक बार भी कर सकते है। विमल तीर्थ पर श्राद्ध कर्म का इतिहास हजारों साल पुराना है। इस कुंड पर श्राद्ध कर्म का उल्लेख स्कंद महापुराण में भी है। गरुड़ पुराण में भी लिखा हैं। प्रदीप पांडेय बताते है कि पिशाचमोचन मोक्ष तीर्थ स्थल की उत्पत्ति गंगा के धरती पर आने से भी पहले से है। ये श्राद्ध कर्म काशी के अलावा कहीं और नहीं होता। पितृ पक्ष में पितरों के लिए 15 दिन स्वर्ग का दरवाजा खोल दिया जाता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भी जब सूर्य नारायण कन्या राशि में विचरण करते हैं तब पितृलोक पृथ्वी लोक के सबसे अधिक नजदीक आता है। श्राद्ध का अर्थ पूर्वजों के प्रति श्रद्धा भाव से है। जो मनुष्य उनके प्रति उनकी तिथि पर अपनी सामर्थ्य के अनुसार फल-फूल, अन्न, मिष्ठान आदि से ब्राह्मण को भोजन कराते हैं। इससे प्रसन्न होकर पितर अपने वंशजों को आशीर्वाद देकर जाते हैं। प्रदीप पांडेय बताते हैं कि पितरों के लिए किए जाने वाले श्राद्ध दो तिथियों पर किए जाते हैं। प्रथम मृत्यु तिथि पर और द्वितीय पितृ पक्ष में जिस मास और तिथि को पितर की मृत्यु हुई है अथवा जिस तिथि को उसका दाह संस्कार हुआ है। काशी को प्रथम पिंड कहते हैं। सबसे पहले लोग काशी में पिशाचमोचन कुंड पर आकर पिंड दान करते हैं। उसके बाद गया और फिर अंत में केदारनाथ जाते हैं। मान्यता यह भी है कि पिशाचमोचन कुंड में स्नान करने से तमाम तरीके की बाधाओं से मुक्ति मिलती है।

शेरवाली कोठी के वयोवृद्ध कर्मकांडी पं. श्रीकांत मिश्र बताते हैं कि त्रिपिंडी श्राद्ध सिर्फ पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए नहीं किया जाता। अत्यधिक बीमार व्यक्ति के लिए भी किया जाता है। त्रिपिंडी श्राद्ध कर्म पितरों को प्रेत बाधा और अकाल मृत्यु की बाधाओं से मुक्ति दिलाता है तो असाध्य बीमारी को भी ठीक करता है। त्रिपिंडी श्राद्ध में भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु और भगवान रुद्र; शिव की पूजा की जाती है। पं श्रीकांत बताते हैं कि श्राद्ध पक्ष में पितरों को आशा रहती है कि हमारे पुत्र, पौत्रादि हमें पिंडदान तथा तिलांजलि प्रदान कर संतुष्ट करेंगे। इसी आशा के साथ वे पितृलोक से पृथ्वीलोक पर आते हैं। यही कारण है कि सनातन धर्म में प्रत्येक गृहस्थ को पितृपक्ष में श्राद्ध अवश्य रूप से करने के लिए कहा गया है।

फिल्म अभिनेता रणवीर सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह वीडियो हाल ही में हुए 67 वें फिल्मफेयर अवार्ड के दौरान का है, जिसमें रणवीर सिंह को फिल्म 83 के लिए बेस्ट एक्टर के अवार्ड से सम्मानित किया गया है। इस अवार्ड को लेने के बाद रणवीर सिंह ने फैंस के साथ -साथ अपने परिवार के सदस्यों का आभार जताया है। रणवीर सिंह ने इस दौरान का पूरा वीडियो अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम पर फैंस के साथ साझा किया है।

इस वीडियो को शेयर करते हुए रणवीर ने लिखा-‘पीओवी (प्वॉइंट ऑफ व्यू) आप एक सपना जी रहे हैं।’ वह अपनी फिल्म ‘83’ के लिए फिल्मफेयर बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड लेने के बाद अपना भाषण देते हुए दिखाई देते हैं। थोड़ा भावुक होते हुए रणवीर कहते हैं, ‘मेरे जीवन में जो कुछ भी होता है वह मेरी कल्पना से परे है। कई बार तो मुझे विश्वास भी नहीं होता कि मैं यहां हूं, यह कर रहा हूं, आप सबके सामने खड़ा हूं। मैं हर रोज इस बात पर यकीन नहीं कर पाता कि मैं एक्टर बन गया हूं। यह एक चमत्कार है। सबसे बड़ा धन्यवाद मैं दर्शकों को मेरी यात्रा का हिस्सा बनने और मुझे अपने सपने को जीने की अनुमति देने के लिए करना चाहता हूँ। मैं जो कुछ भी हूं अपने मां बाप की वजह से हूं और अपनी दीदी की वजह से हूं। वो मेरे लिए भगवान हैं। मैं जो कुछ भी करता हूं भगवान के लिए करता हूं। मेरे घर में जो लक्ष्मी है, यह मेरी सफलता का रहस्य है -दीपिका पादुकोण।’। इसके बाद रणवीर स्टेज के पीछे से अपनी अभिनेत्री पत्नी दीपिका पादुकोण को खींच कर ले आते है और उन्हें किस करते है और अपनी सफलता का श्रेय उन्हें भी देते हैं।

सोशल मीडिया पर रणवीर का यह वीडियो वायरल हो रहा है और फैंस रणवीर की जमकर तारीफ कर रहे हैं।

लंदन, 10 सितंबर (एजेंसी)। चार्ल्स तृतीय अब औपचारिक रूप से ब्रिटेन के नए सम्राट बन गए हैं। शनिवार को ब्रिटेन की परिग्रहण परिषद ने पूर्व प्रिंस ऑफ वेल्स चार्ल्स तृतीय को ब्रिटेन का नया सम्राट बनाए जाने संबंधी औपचारिक ऐलान किया। लंदन के सेंट जेम्स पैलेस में समारोह पूर्वक उनकी ताजपोशी की गयी।

ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का गुरुवार को निधन हो गया था। उन्होंने स्कॉटलैंड में अंतिम सांस ली थी। उसके बाद उनके पुत्र और अब तक प्रिंस ऑफ वेल्स रहे 73 वर्षीय चार्ल्स तृतीय का सम्राट बनना तय हो गया था। चार्ल्स तृतीय शुक्रवार को लंदन के बकिंघम पैलेस स्थित राजप्रासाद पहुंचे थे। शनिवार को लंदन के सेंट जेम्स पैलेस में हुई ब्रिटेन की परिग्रहण परिषद की बैठक में चार्ल्स तृतीय को आधिकारिक तौर पर ब्रिटेन का नया सम्राट बनाए जाने की घोषणा की गयी। शनिवार को ब्रिटेन के नए सम्राट की ताजपोशी की औपचारिक घोषणा करने और उनके शपथ ग्रहण के लिए विशेष समारोह आयोजित किया गया। ब्रिटेन के नए सम्राट चार्ल्स तृतीय अपनी पत्नी रानी कॉन्सर्ट कैमिला तथा अपने बेटे व ब्रिटेन के उत्तराधिकारी राजकुमार विलियम के साथ समारोह में शामिल हुए।

ब्रिटेन के नए सम्राट का पूरा नाम चार्ल्स फिलिप आर्थर जॉर्ज है, जो प्रिंस फिलिप और महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के बड़े बेटे हैं। चार्ल्स का जन्म 14 नवंबर, 1948 को बकिंघम पैलेस में हुआ था। चार्ल्स ने 29 जुलाई, 1981 को लेडी डायना स्पेंसर से शादी की थी। दोनों के दो बेटे विलियम और हैरी हैं। 1996 में चार्ल्स और डायना दोनों अलग हो गए थे। 1997 में पेरिस में हुए एक कार हादसे में प्रिंसेस ऑफ वेल्स डायना की मौत हो गई। बाद में नौ अप्रैल, 2005 को चार्ल्स ने कैमिला पार्कर से शादी कर ली थी।