मंगलवार का राशिफल
युगाब्ध-5124, विक्रम संवत 2079, राष्ट्रीय शक संवत-1944
सूर्योदय 05.58, सूर्यास्त 06.20, ऋतु – शरद

आश्विन कृष्ण पक्ष तृतीया, मंगलवार, 13 सितम्बर 2022 का दिन आपके लिए कैसा रहेगा। आज आपके जीवन में क्या-क्या परिवर्तन हो सकता है, आज आपके सितारे क्या कहते हैं, यह जानने के लिए पढ़ें आज का भविष्यफल।

मेष राशि :- आज का दिन मिला-जुला रहेगा। कारोबार में लाभ होगा। समाज में यश, मान और सम्मान में बढ़ोतरी होगी। सरकारी कार्यों में सफलता मिलेगी, लेकिन लोगों का व्यवहार आपके लिए निराशाजनक रहेगा। खान-पान का ध्यान रखना होगा, वरना पाचन क्रिया खराब हो सकती है, जिसके कारण पूरे दिन मन खराब रहेगा। जीवन साथी की सेहत भी चिंता का विषय बनी रहेगी।

वृषभ राशि :- आज का दिन शुभ फलदायी रहेगा। आपकी सूझबूझ से कारोबार में अच्छा लाभ मिलेगा। परिजनों और मित्रों से भरपूर सहयोग मिलेगा। नौकरी में तरक्की के योग हैं। योजना अनुसार कार्य करने से सफलता मिलेगी, लेकिन स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता है। कोई दुर्घटना भी हो सकती है, इसलिए वाहन सावधानी से चलाएं। यात्रा पर जाने से बचें। परिवार में खुशनुमा माहौल रहेगा।

मिथुन राशि :- आज का दिन मिला-जुला रहेगा। कारोबार में आर्थिक लाभ होगा और धनप्राप्ति के योग रहेंगे, लेकिन अनावश्यक खर्च बढऩे से चिंता भी रहेगी। परिवार में खुशी का माहौल बना रहेगा। स्वास्थ्य सम्बंधी शिकायतें हो सकती हैं, इसलिए डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। क्रोध पर नियंत्रण एवं वाणी पर संयम रखें, वरना विवाद में पड़ सकते हैं। किसी धार्मिक यात्रा पर जा सकते हैं।

कर्क राशि :- आज का दिन सामान्य रहेगा। अपने करियर को लेकर चिंतिंत रहेंगे, लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारियों का निर्वाह बखूबी कर सकेंगे। सिर दर्द की समस्या परेशान कर सकती है। बिना कारण ही मन बेचैन रहेगा, जिससे किसी काम में मन नहीं लगेगा। शांति के लिए योग और ध्यान करने की कोशिश करें। नए कार्यों की शुरुआत करने से बचें। कार्यस्थल पर कर्मचारियों की वजह से मन परेशान रहेगा।

सिंह राशि :- आज का दिन सामान्य रहेगा। कारोबार में अच्छा मुनाफा होगा। आकस्मिक धनलाभ के योग भी बन रहे हैं, लेकिन अनावश्यक और व्यर्थ खर्चे भी अधिक रहेंगे, जिससे परिवार में कलह हो सकती है। वाणी पर नियंत्रण रखना होगा। किसी खास दोस्त की तबीयत अचानक से खराब होने से मन उदास रहेगा। अपनी सेहत का भी ध्यान रखना पड़ेगा। अधिक कार्यभार होने से अधिक व्यस्त रहेंगे।

कन्या राशि :- आज का दिन अच्छा रहेगा। कारोबार में आर्थिक लाभ के प्रबल योग हैं। सामाजिक कार्यों में सुयश मिलेगा और समाज में प्रतिष्ठा व प्रभाव की बढ़ोतरी होगी। कार्यस्थल पर कोई नई योजना शुरू कर सकते हैं, जिसकी सभी चर्चा करेंगे। स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहें और खान-पान पर ध्यान दें। बच्चों की तबीयत खराब हो सकती है। यात्रा पर जाने से बचें।

तुला राशि :- आज का दिन मिला-जुला रहेगा। धन प्राप्ति के योग बनेंगे, लेकिन अनावश्यक खर्च अधिक होने से चिंतित रहेंगे। नौकरी में तरक्की मिल सकती है। कार्यभार की अधिकता रहेगी। मित्रों-सहयोगियों का भरपूर सहयोग मिलेगा। परिवार के साथ समय का अच्छा इस्तेमाल होगा। वाद-विवाद और झगड़े के चलते मानिसक कष्ट बढ़ेगा। जीवन साथी और माता-पिता की सेहत का खास ध्यान रखना होगा।

वृश्चिक राशि :- आज का दिन अच्छा रहेगा। कारोबार में अच्छा मुनाफा रहेगा। पारिवारिक सुख और धन में बढ़ोतरी होगी। समाज के कार्यों में उत्साहपूर्वक भाग लेंगे। नौकरी में प्रमोशन के योग बन सकते हैं। किसी पुरानी बीमारी से राहत मिल सकती है। परिवार में मांगलिक कार्य हो सकते हैं। धार्मिक यात्रा पर जा सकते हैं। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। खान-पान का ध्यान रखें और क्रोध से बचें।

धनु राशि :- आज का दिन शुभ रहेगा। परिवार में सुख और धन की वृद्धि होगी। नौकरी में प्रमोशन का योग बन सकता है। खान का ध्यान रखेंगे, तो सेहत अच्छी रहेगी। शरीर में ज्यादा ऊर्जा रहने के कारण आप अपने सभी रुके हुए कार्यों को पूरा कर पाएंगे। जीवन को लेकर कोई कठोर फैसला कर सकते हैं। वाणी पर संयम बरतना जरूरी है। समाज के कार्यों में आज आप उत्साह के साथ भाग लेंगे।

मकर राशि :- आज का दिन अच्छा रहेगा। कारोबार में लाभ प्राप्ति के योग हैं। आर्थिक निवेश फायदेमंद होगा। धन संबंधित कार्य पूरे होंगे। मानसिक शांति की तलाश में अध्यात्म से जुडऩे का मौका मिलेगा। सेहत में सुधार आने की संभावना है। किसी लंबी बीमारी से निजात मिलता दिखाई दे रहा है। गर्मी के मौसम में तरल पदार्थों का सेवन ज्यादा से ज्यादा करें। पूरे दिन भागदौड़ रहेगी।

कुम्भ राशि :- आज का दिन मिला-जुला रहेगा। धनप्राप्ति के योग रहेंगे, लेकिन अनावश्यक खर्चों की भी अधिकता रहेगी। खराब सेहत की वजह से आप अपने जरूरी कामों को नहीं कर पाएंगे। इसलिए अपने शरीर को आराम दें, जिससे आप तरोताजा महसूस कर पाएं। जीवनशैली और रहन-सहन में बदलने लाने की कोशिश करेंगे। कारोबारी हालात आशाजनक रहेगी। जीवनसाथी के साथ समय बिताएंगे।

मीन राशि :- आज का दिन सामान्य रहेगा। आर्थिक लाभ का योग बन रहा है। कारोबार में नई योजनाओं की शुरुआत हो सकती है। अच्छी दिनचर्या की वजह से अपने स्वास्थ्य में सुधार आएगा, लेकिन बाहर का खाना खाने से आपको बचना होगा। अपने काम करने के तरीके में बदलाव लाएं, वरना नुकसान हो सकता है। घर की सजावट पर भारी संख्या पर खर्च हो सकता है। किसी यात्रा पर जा सकते हैं।

अंग्रेजी कैलेंडर के नौवें महीने की इस 13वीं तारीख को दिल्ली के लोग कभी नहीं भूल सकते। 13 सितंबर का जिक्र छिड़ते ही लोग सिहर उठते हैं। ठीक 14 साल पहले 13 सितंबर, 2008 को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आतंकवाद का भयावह चेहरा देखने को मिला था। इतिहास में काले अक्षरों में दर्ज इस तारीख को शनिवार था। इस दिन दिल्ली एक के बाद एक कई बम धमाकों से हिल गई थी।

दिल्ली के व्यस्ततम स्थानों पर 30 मिनट के अंतराल पर आतंकवादियों ने चार बम विस्फोट किए गए थे। दिल्ली का दिल माने जाने वाले कनॉट प्लेस, करोल बाग की व्यस्त गफ्फार मार्केट और भीडभाड़ वाले ग्रेटर कैलाश-1 को दहशतगर्दों ने निशाना बनाया था। इन विस्फोटों में 21 लोगों की मौत हुई थी और 90 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इस आतंकी बर्बरता ने दिल्ली ही नहीं समचे देश को दहला दिया था। बम धमाकों से पहले आतंकियों ने एक बड़े मीडिया हाउस को ई-मेल के जरिए संदेश दिया था कि दिल्ली में पांच मिनट के अंदर धमाके होने वाले हैं। रोक सको तो रोक लो। यह मेल आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन के नाम से था। इससे पहले कि मेल पढ़ने वाले को कुछ समझ आता और वह पुलिस और एजेंसियों से इसे साझा कर पाता…तब तक दिल्ली दहल चुकी थी।

वैसे तो यह तारीख वैश्विक इतिहास में और भी कई कारणों से दर्ज है। मगर भारत-पाकिस्तान के टकराव के रूप में भी इसका जिक्र होता है। दरअसल 1947 में भारत को आजादी के साथ-साथ कई समस्याएं भी मिली थीं। इनमें से एक बड़ी समस्या रियासतों के विलय की थी। ज्यादातर रियासतें भारत में आसानी से शामिल हो गई थीं, लेकिन कुछ रियासतें ऐसी थीं जो आजादी की घोषणा कर चुकी थीं। इनमें से एक रियासत थी कश्मीर। इन रियासतों को भारत में शामिल कराने की जिम्मेदारी मिली थी सरदार पटेल को। कश्मीर के राजा हरी सिंह ने अपनी रियासत जम्मू-कश्मीर को स्वतंत्र रखने का फैसला लिया। हरी सिंह का मानना था कि कश्मीर यदि पाकिस्तान में मिलता है तो जम्मू की हिन्दू जनता के साथ अन्याय होगा और अगर भारत में मिलता है तो मुस्लिम जनता के साथ अन्याय होगा।

भारत की आजादी से दो महीने पहले तक लॉर्ड माउंटबेटन ने कश्मीर के राजा महाराजा हरी सिंह से कहा था कि यदि वे पाकिस्तान के साथ जाने का फैसला करते हैं, तो भारत कोई दखल नहीं देगा। ये बात लॉर्ड माउंटबेटन के राजनीतिक सलाहकार रहे वीपी मेनन की किताब ‘इंटिग्रेशन ऑफ द इंडिया स्टेट्स’ में लिखी है। सरदार पटेल भी हैदराबाद के बदले पाकिस्तान को कश्मीर देने के लिए राजी थे। 13 सितंबर, 1947 की सुबह पटेल ने रक्षा मंत्री बलदेव सिंह को चिट्ठी लिखी कि कश्मीर चाहे तो पाकिस्तान में शामिल हो सकता है। इसी दिन पटेल को जब पता चला कि पाकिस्तान ने जूनागढ़ के विलय का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है, तो वे भड़क गए। उनका कहना था कि यदि पाकिस्तान, हिंदू बहुल आबादी वाले मुस्लिम शासक के जूनागढ़ को अपना हिस्सा बना सकता है तो भारत, मुस्लिम बहुल आबादी वाले हिंदू शासक के कश्मीर को क्यों नहीं ले सकता? उस दिन से कश्मीर पटेल की प्राथमिकता बन गया था।

आजादी के बाद हैदराबाद के नवाब मीर उस्मान अली ने अपनी रियासत को आजाद रखने का फैसला लिया था। वो चाहता था कि हैदराबाद का संबंध सिर्फ ब्रिटिश सम्राट से ही रहे। हैदराबाद कांग्रेस चाह रही थी कि हैदराबाद का विलय भारत में हो। मगर इत्तेहादुल मुस्लिमीन नाम का संगठन निजाम का समर्थन कर रहा था। पटेल ने 13 सितंबर 1948 को भारतीय सेना को हैदराबाद पर चढ़ाई करने का आदेश दिया। इसे ऑपरेशन पोलो के नाम से जाना जाता है। तीन दिन के भीतर ही भारतीय सेना ने हैदराबाद पर कब्जा कर लिया। इस ऑपरेशन में 42 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। चार दिन बाद निजाम ने हैदराबाद के भारत में विलय की घोषणा की।

महत्वपूर्ण घटनाचक्र

1791ः फ्रांस के राजा लुई14वें ने नया संविधान अंगीकार किया।
1882ः एंग्लो-मिस्र युद्ध: तेल अल केबिर की लड़ाई लड़ी गई।
1914: प्रथम विश्व युद्ध में जर्मनी और फ्रांस के बीच एस्ने की लड़ाई शुरू।
1922: लीबिया के एल अजिजिया में धरती पर उच्चतम तापमान दर्ज किया गया। उस समय छाया में मापा गया तापमान 58 डिग्री सेल्सियस था।
1923: स्पेन में सैन्य तख्ता पलट। मिगेल डे प्रिमो रिवेरा ने सत्ता संभाली। रिवेरा ने ट्रेड यूनियनों को 10 साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया।
1933: एलिजाबेथ मेकॉम्ब्स न्यूजीलैंड की संसद में पहुंचने वाली पहली महिला बनीं। उन्होंने लिटिलटन से चुनाव जीता। इससे पहले यह सीट उनके पति के पास थी।
1947: भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 40 लाख हिंदुओं और मुसलमानों के पारस्परिक स्थानांतरण का सुझाव दिया।
1948: भारत के तत्कालीन उप प्रधानमंत्री पटेल ने सेना को हैदराबाद में घुस कर कार्रवाई करने और उसे भारतीय संघ के साथ एकीकृत करने का आदेश दिया।
2000: भारत के विश्वनाथन आनंद ने शेनयांन में पहला फिडे शतरंज विश्व कप जीता।
2002ः इजरायल ने गाजा पट्टी पर हमला किया।2005: सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के समर्थन में संयुक्त राज्य अमेरिका ने मानकों की घोषणा की।2006: इब्सा (भारत-ब्राजील-साउथ अफ्रीका त्रिगुटीय संगठन) का पहला शिखर सम्मेलन ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया में शुरू।2007: नेशनल एरोनॉटिक्स स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के वैज्ञानिकों ने 2007 में बृहस्पति से तीन गुना बड़े गृह का पता लगाया।2008: दिल्ली में तीन स्थानों पर 30 मिनट के अंतराल पर एक के बाद एक चार बम विस्फोट हुए।
2009: चंद्रमा पर बर्फ खोजने का इसरो-नासा का अभियान विफल।
2013: तालिबान आतंकवादियों ने अफगानिस्तान के हेरात में अमेरिका के वाणिज्य दूतावास पर हमला किया।

जन्म
1845ः भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष हैनरी कॉटन।
1909ः इंग्लैंड के फुटबॉलर रे बॉअडन।
1912ः अमेरिकी अभिनेत्री रीटा शॉ।
1926ः भारत की महिला क्रांतिकारी नगेन्द्र बाला।
1932ः प्रसिद्ध भारतीय शास्त्रीय संगीत गायिका प्रभा अत्रे।
1939ः प्रसिद्ध कवि एवं निबंधकार भगवत रावत।
1946ः परमवीर चक्र सम्मानित मेजर रामास्वामी परमेश्वरन।
1960ः आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी।
1969ः ऑस्ट्रेलिया के ख्यातिलब्ध क्रिकेट खिलाड़ी शेन वॉर्न।

निधन
1928ः भारत के प्रसिद्ध कवि श्रीधर पाठक।
1929ः भारत के प्रसिद्ध क्रांतिकारी जतीन्द्रनाथ दास ।
1944ः टीपू सुल्तान की वंशज राजकुमारी और दूसरे विश्वयुद्ध के समय ब्रिटेन की गुप्तचर नूर इनायत खान।
1997ः हिन्दी फिल्मों के मशहूर गीतकार और शायर अंजान ।
2020ः बिहार की राजनीति में प्रभाव रखने वाले राजनीतिज्ञ रघुवंश प्रसाद सिंह।
2021ः मोहन बागान के दिग्गज फुटबॉलर भबानी रॉय।
2012ः भारत के 21वें प्रधान न्यायाधीश रंगनाथ मिश्रा ।

दिवस
विश्व भाईचारा एवं क्षमादान दिवस

नई दिल्ली: कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भारत जोड़ो यात्रा की सफलता से परेशान है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोमवार को ट्वीट कर कहा कि देश को जलाने वाले प्रतीकात्मक रूप से एक निक्कर के जलते दिखाए जाने पर इतने परेशान क्यों हैं? उन्होंने कहा कि जो कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते हैं उन्हें पुतला जलाने से परेशानी क्यों है? और वे हमसे जवाब क्यों मांग रहे हैं? रमेश ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा की सफलता से भाजपा परेशान हैं।

रमेश ने कहा कि दरअसल बात ये है कि जिन लोगों ने ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ का विरोध किया था उन्हें आज भारत जोड़ो यात्रा की सफलता से जलन हो रही है। क्योंकि भारत एकजुट हो जाएगा तो इनकी नफरत की दुकान बंद हो जाएगी।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने एक तस्वीर ट्वीट की थी। इस तस्वीर में आरएसएस की पोशाक रही हाफ पैंट में आग लगी दिखाई दे रही है और लिखा गया है कि देश को नफरत के माहौल से मुक्त करने के लिए भाजपा-आरएसएस द्वारा किए गए नुकसान की भरपाई के लिए कांग्रेस एक-एक कदम आगे बढ़ रही है। कांग्रेस के इस ट्वीट पर भाजपा ने आपत्ति जताई है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा नहीं कर रहे। यह ‘भारत तोड़ो’ और ‘आग लगाओ यात्रा’ है।

– राज्य सरकार ने दाखिल किया हलफनामा, केंद्र सरकार को दो हफ्ते का मिला समय

प्रयागराज: काशी विश्वेश्वर नाथ मंदिर व ज्ञानवापी मस्जिद विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर इलाहाबाद हाईकोर्ट अगली सुनवाई 28 सितम्बर को करेगा। यह आदेश हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने अंजुमन इंतजामिया मस्जिद व सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड की पांच याचिकाओं की सुनवाई करते हुए दिया है।

याचिकाओं में वाराणसी की अदालत के विवादित स्थल का सर्वे कराने एवं सिविल वाद की पोषणीयता को चुनौती दी गई है जिसमें दो याचिकाओं की बहस पूरी हो चुकी है। अन्य की सुनवाई जारी है। राज्य सरकार की तरफ से हलफनामा दाखिल किया गया। सरकार का कहना है कि वह कानून व्यवस्था कायम रखने व कोर्ट आदेश का अनुपालन के लिए प्रतिबद्ध है।

केंद्र सरकार की तरफ से हलफनामा दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय मांगा गया। उस दिन आर्कोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के निदेशक की विस्तृत रिपोर्ट व्यक्तिगत हलफनामे के जरिए दाखिल होगी। कोर्ट ने केन्द्र सरकार को समय देते हुए अगली सुनवाई की तिथि 28 सितम्बर तय की है।

-67 कॉलेजों के 79 यूजी प्रोग्रामों में होंगे दाखिले, तीन चरणों में चलेगी दाखिला प्रक्रिया

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय ने सोमवार को शैक्षणिक वर्ष 2022-23 के लिए अपने स्नातक कार्यक्रमों में सीयूईटी परीक्षा के माध्यम से प्रवेश के लिए पोर्टल लॉन्च किया है। पोर्टल के तहत पंजीकरण प्रक्रिया शुरू होती है, छात्र एक फॉर्म भरकर डीयू और उससे संबद्ध कॉलेजों में प्रवेश लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं। छात्रों को फॉर्म के लिए 250 रुपये का शुल्क देना होगा। आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए आवेदन शुल्क 100 रुपये है। डीयू ने आरक्षित वर्ग के छात्रों के लिए 30 फीसदी अतिरिक्त सीटें भी आरक्षित की हैं।

डीयू कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने सीएसएएस-2022 (एलोकेशन-कम-एड्मिशन पोलिसिस) पोर्टल को लॉन्च करते हुए बताया कि इस वर्ष 67 कॉलेजों, विभागों और केंद्रों में 79 यूजी प्रोग्रामों में दाखिले दिये जाने हैं जिनमें बीए प्रोग्रामों के लिए 206 संयोजन (कंबिनेशन) शामिल हैं। यह प्रक्रिया इसी पोर्टल के माध्यम से ही सम्पूर्ण होगी।

कुलपति ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि देश भर से करीब 6 लाख 14 हजार विद्यार्थियों ने डीयू को अपनी प्राथमिकताओं में शामिल किया है। उन्होंने बताया कि सीएसएएस-2022 तीन चरणों में आयोजित किया जाएगा जिसमें पहले चरण में दिल्ली विश्वविद्यालय में आवेदन करना होगा, दूसरे चरण में वरीयता भरना और तीसरे चरण में सीट आवंटन-सह-प्रवेश होगा।

कुलपति ने बताया कि रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया आज से शुरू हो गई है। उन्होंने बताया कि हमारा प्रयास रहेगा कि स्पॉट राउंड से पहले दो अलाटमेंट राउंड रखे जाएं ताकि किसी भी इच्छुक विद्यार्थी को दिक्कत न रहे। उन्होंने आवेदकों से आह्वान किया वे अधिक से अधिक विकल्प भरें ताकि अपनी पसंद के कालेज और विषयों के अलाटमेंट में उन्हें कोई दिक्कत न आए। उन्होंने कहा कि हमने पॉलिसी को इस प्रकार से बनाया है कि परेशानियों को कम से कम किया जा सके, इसके बावजूद भी हमने मिड एंट्री दाखिलों का भी प्रावधान किया ताकि किसी कारण वश जो आवेदक छूट गए हैं उनको भी मौका मिल सके।

कुलपति ने बताया कि ईसीए और स्पोर्ट्स कोटे के विद्यार्थियों के लिए ट्रायल 10 अक्टूबर के बाद होंगे और विद्यार्थियों की कक्षाएं संभवत: एक नवंबर से शुरू कर दी जाएंगी। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि रिजर्व कैटेगरी के दाखिलों को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन पूरी तरह से संजीदा है इसीलिए रिजर्व कैटेगरी के लिए पहले राउंड में ही 30 प्रतिशत अतिरिक्त दाखिलों का प्रावधान रखा गया है। इस अवसर पर उनके साथ दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ विकास गुप्ता, डीन एडमिशन प्रो. हनीत गांधी और पीआरओ अनूप लाठर मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

इस अवसर पर दिल्ली विश्वविद्यालय की डीन एडमिशन प्रो. हनीत गांधी ने दाखिला प्रक्रिया की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया पहले चरण के तहत सीएसएएस-2022 के लिए एससी, एसटी और पीडबल्यूबीडी वर्ग के आवेदकों के लिए 100 रुपये और यूआर, ओबीसी-एनसीएल, ईडब्ल्यूएस वर्ग के लिए 250 रुपये का एकमुश्त आवेदन शुल्क देना होगा जोकि नॉन-रिफ़ंडेबल होगा। दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने के इच्छुक उम्मीदवारों को सीएसएएस-2022 आवेदन पत्र के माध्यम से ही आवेदन करना होगा। सीएसएएस-2022 में आवेदन करने के लिए सीयूईटी (यूजी)-2022 की आवेदन संख्या अनिवार्य होगी। आवेदक द्वारा सीयूईटी (यूजी)-2022 के दौरान प्रस्तुत किए गए व्यक्तिगत विवरण जैसे नाम, फोटो और हस्ताक्षर आदि सीएसएएस-2022 में स्वतः एकीकृत हो जाएंगे।

उन्होंने कहा कि उम्मीदवार अपने व्यक्तिगत विवरण, श्रेणियां, उप-श्रेणियां, जाति जमा करने में सावधानी बरतें क्योंकि एक बार सबमिट होने के बाद ये विवरण बदले नहीं जा सकेंगे। दिल्ली विश्वविद्यालय से सभी संचार केवल सीएसएएस-2022 आवेदन पत्र में भरी गई ईमेल आईडी पर ही किए जाएंगे। उम्मीदवारों को उन सभी विषयों के अंक भी सबमिट करने होंगे जिनमें उन्होंने बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण की है। उम्मीदवार बारहवीं कक्षा के अंक भरते समय अत्यधिक सावधानी बरतें क्योंकि यदि मेरिट टाई हो जाती है तो ये अंक उसको तोड़ने का आधार बनेंगे।

प्रो. गांधी ने बताया कि सीएसएएस का दूसरा चरण सीयूईटी (यूजी)-2022 के परिणाम घोषित होने के बाद शुरू होगा। इस चरण में, उम्मीदवारों को अपने प्रोग्राम और कॉलेज संयोजन का चयन करना होगा और अपनी वरीयताएं भरनी होंगी। प्रोग्राम और कॉलेज संयोजन के चयन का क्रम भी सीटों के आवंटन के लिए वरीयता क्रम का निर्धारण करेगा। इसलिए, उम्मीदवार को वरीयता क्रम में प्रोग्राम और कॉलेज संयोजनों की वरीयता को ध्यान से प्राथमिकता देनी चाहिए। अंत में, उम्मीदवारों को वरीयता भरने के चरण के अंतिम दिन पर या उससे पहले ‘सबमिट’ पर क्लिक करके प्रोग्राम और कॉलेज संयोजनों के लिए वरीयता क्रम की पुष्टि करनी होगी। समय सीमा समाप्त होने के बाद प्रोग्राम और कॉलेज संयोजन वरीयता सूची के बदलाव की अनुमति नहीं दी जाएगी।

एक बार किसी विशेष राउंड में सीट आवंटित हो जाने के बाद, उम्मीदवार को दिए गए आवंटन राउंड के लिए निर्दिष्ट अंतिम तिथि व समय से पहले उसे आवंटित सीट को ‘स्वीकार’ करना होगा। किसी विशेष आवंटित सीट की स्वीकृति का प्रावधान केवल उसी दौर के लिए मान्य होगा जिसमें उम्मीदवार को सीट आवंटित की गई थी। आवंटित सीट के लिए गैर-स्वीकृति के रूप में कार्रवाई नहीं की जाएगी। इसे अनंतिम रूप से आवंटित सीट में डिकलाइन के रूप में माना जाएगा और उम्मीदवार अब सीएसएएस-2022 के बाद के दौर में भाग लेने में सक्षम नहीं होगा। यदि किसी उम्मीदवार को किसी विशेष राउंड में कई सीटों की पेशकश की जाती है, तो उसे केवल एक सीट को ही स्वीकार करना चाहिए। एक बार जब उम्मीदवार अनंतिम रूप से आवंटित सीट को “स्वीकार” कर लेता है, तो संबंधित कॉलेज उम्मीदवार द्वारा अपलोड की गई पात्रता और दस्तावेजों की जांच करेगा। सत्यापन के बाद, कॉलेज उम्मीदवार की अनंतिम रूप से आवंटित सीट को ‘स्वीकृति’ या ‘अस्वीकार’ करेगा। एक बार कॉलेज की मंजूरी के बाद, उम्मीदवार को ‘प्रवेश शुल्क’ का भुगतान करना होगा। प्रवेश शुल्क का सफल प्रेषण उम्मीदवार के आवंटित कॉलेज और प्रोग्राम में अनंतिम प्रवेश की पुष्टि करेगा।

अस्वीकृति, रद्दीकरण और नाम वापसी के कारण खाली हुई सीटों की उपलब्धता के आधार पर, विश्वविद्यालय कई आवंटन राउंड घोषित कर सकता है। प्रत्येक आवंटन राउंड से पहले विश्वविद्यालय अपनी दाखिला वेबसाइट (admission.uod.ac.in) पर रिक्त सीटों को प्रदर्शित करेगा। सीएसएएस -2022 के लिए आवेदन करने वाले सभी उम्मीदवार सभी आवंटन राउंड के लिए पात्र होंगे, सिवाय उन आवेदकों के जिनकी आवंटित सीट/ दाखिला किसी भी कारण से रद्द कर दिया गया हो। जो उम्मीदवार “अपग्रेड” का विकल्प चुनते हैं, उन पर सीटों की उपलब्धता के अनुसार बाद के सीएसएएस-2022 आवंटन राउंड में विचार किया जाएगा। विश्वविद्यालय ने ऐसा प्रावधान भी किया है जिसके माध्यम से आवेदक अनुमोदन के दौरान कॉलेज द्वारा उठाए गए किसी भी प्रश्न का उत्तर दे सकते हैं।

अपग्रेड किए गए उम्मीदवार को अपग्रेड की गई सीट को ‘स्वीकार’ करना होगा और अपग्रेड आवंटित सीट पर प्रवेश प्रक्रिया पूरी करनी होगी। यदि कोई उम्मीदवार अपग्रेड की गई सीट पर कोई गतिविधि नहीं करता है, तो इसे डिफ़ॉल्ट रूप से रद्द माना जाएगा और उम्मीदवार सीएसएएस-2022 से बाहर हो जाएगा। यदि कोई उम्मीदवार अपग्रेड नहीं होता है, तो उसकी पिछली सीट पर प्रवेश बरकरार रखा जाएगा। जिस उम्मीदवार ने आवंटित सीट पर दाखिला ले लिया हो और इसे जारी रखना चाहता है, उसे अपने डैशबोर्ड के माध्यम से ‘फ्रीज’ को स्विच करना चाहिए। ‘फ्रीज’ का चयन करने के पश्चात उम्मीदवार को “अपग्रेडेशन” का विकल्प चुनने की अनुमति नहीं मिलेगी।

टाई की स्थिति में उसे तोड़ने के लिए निम्नलिखित नियमों का प्रावधान भी किया गया है। इनके तहत बारहवीं कक्षा के सर्वश्रेष्ठ 3 विषयों में कुल अंकों का उच्च प्रतिशत; बारहवीं कक्षा के सर्वश्रेष्ठ 4 विषयों में कुल अंकों का उच्च प्रतिशत; बारहवीं कक्षा के सर्वश्रेष्ठ 5 विषयों में कुल अंकों का उच्च प्रतिशत व उम्मीदवार की आयु को शामिल किया गया है। प्रो. हरनीत गांधी ने बताया कि नियमित सीएसएएस-2022 राउंड के पूरा होने के बाद, यदि सीटें खाली रहती हैं, तो विश्वविद्याय प्रवेश के स्पॉट राउंड की घोषणा कर सकता है।

मिड-एंट्री का भी है प्रावधान
निर्धारित समय के दौरान किन्ही कारणों से सीएसएएस-2022 के लिए आवेदन करने में विफल रहे उम्मीदवारों के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय मिड-एंट्री का प्रावधान भी कर रहा है। ऐसे उम्मीदवार सीएसएएस-2022 में मिड-एंट्री शुल्क के रूप में 1000 रुपये का भुगतान करके भाग ले सकते हैं। हालांकि, मिड एंट्री एडमिशन के लिए केवल तभी विचार किया जा सकता है जब उन सभी उम्मीदवारों के सीट आवंटन हो चुके हों जिन्होंने पहले आवेदन किया था और न्यूनतम घोषित स्कोर से अधिक योग्यता अंक आवंटित किए गए थे। (बी.ए. (बी.ए.) ऑनर्स) म्यूजिक, बीएससी फिजिकल एजुकेशन, हेल्थ एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स), ईसीए और स्पोर्ट्स सुपरन्यूमेरी कोटा जैसे प्रदर्शन-आधारित प्रोग्रामों के लिए मिड एंट्री प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।

प्रदर्शन-आधारित प्रोग्रामों में सीट आवंटन
प्रदर्शन-आधारित प्रोग्रामों में सीट आवंटन के लिए 50 प्रतिशत सीयूईटी स्कोर से और 50 प्रतिशत वेटेज प्रफ़ोर्मेंस टेस्ट स्कोर से दिया जाएगा। ईसीए और स्पोर्ट्स सुपरन्यूमेरी कोटा के तहत प्रवेश के लिए 25 प्रतिशत सीयूईटी स्कोर और 75 प्रतिशत वेटेज सर्टिफिकेट और ट्रायल को दिया जाएगा। ईसीए और खेल दोनों के लिए 1 अप्रैल 2017 से 30 जून 2022 की समयावधि के बीच जारी किए गए प्रमाणपत्रों पर ही विचार किया जाएगा। ईसीए और स्पोर्ट्स सुपरन्यूमेरी कोटा में प्रवेश के लिए सीट आवंटन का आधार संयुक्त ईसीए मेरिट (सीईएम) और संयुक्त स्पोर्ट्स मेरिट (सीएसएम) के अनुसार होगा।

पहले राउंड में होंगे अतिरिक्त एलोकेशन
दिल्ली विश्वविद्यालय ने यह भी निर्णय लिया है कि सीट आवंटन के पहले दौर में प्रत्येक कॉलेज के प्रत्येक प्रोग्राम में यूआर, ओबीसी-एनसीएल, ईडब्ल्यूएस श्रेणियों में 20 प्रतिशत और एससी, एसटी, पीडब्ल्यूबीडी श्रेणियों में 30 प्रतिशत अतिरिक्त एलोकेशन (आवंटन) किया जाएगा। डीन एडमिशन श्रीमती डॉ. हनीत गांधी ने आवेदकों को सलाह दी कि वे प्रवेश से संबंधित सभी अपडेट, शेड्यूल और दिशानिर्देशों के लिए नियमित रूप से विश्वविद्यालय की प्रवेश वेबसाइट और उनके डैशबोर्ड को देखते रहें।

उन्होंने कहा कि आवेदक सतर्क रहें और केवल दिल्ली विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट (www.admission.uod.ac.in) पर प्रकाशित जानकारी पर ही भरोसा करें। सभी प्रामाणिक सूचनाओं, घोषणाओं और कार्यक्रम के लिए उम्मीदवारों को केवल दिल्ली विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जाना चाहिए। ध्यान रखें कि विश्वविद्यालय केवल “du.ac.in” के साथ समाप्त होने वाले डोमैन की ईमेल आईडी के माध्यम से मेल करता है।

अयोध्या: श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के निर्माण समिति की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गये। ट्रस्ट ने श्रीरामलला के मंदिर में कोई कमी न रह जाए इसके लिये हर बिंदु पर चर्चा कर रहे हैं।

सागौन लकड़ी के बनाए जाएंगे दरवाजे
ट्रस्ट के तय किया कि मंदिर के दरवाजे सागौन लकड़ी होंगे, जिसमें सुंदर और बारीक नक्काशी की जाएगी। मंदिर में कुल 14 भव्य दरवाजे सागौन लकड़ी के बनाए जाएंगे, जिसमें रामलला के गर्भगृह में एक बड़ा दरवाजा होगा।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि मंदिर निर्माण में कुल 14 दरवाजे बनाए जाने हैं। यह दरवाजे खास लकड़ियों से बनाए जाएंगे। जिन पर सुंदर डिजाइन होगी जो भव्यता बढ़ाएंगे। मंदिर के पहले तल में 13 दरवाजे लगेंगे। रामलला के गर्भगृह में एक बड़ा दरवाजा लगेगा। यह दरवाजे किन लकड़ियों के होंगे इनकी डिजाइन क्या होगी इसको लेकर भी ट्रस्ट की बैठक में मंथन किया गया है। तय हुआ कि मंदिर की चौखट व बाजू संगमरमर का होगी। दरवाजे महाराष्ट्र के जंगलों से सागौन की लकड़ियों से मंदिर से बनाए जाएंगे।

निर्माण में करीब 1800 करोड़ खर्च होंगे
ट्रस्ट महामंत्री राय ने बताया कि मंदिर निर्माण की भव्यता को देखते हुए खर्च बढ़ गया है। अनुमान के मुताबिक मंदिर निर्माण में करीब 1800 करोड़ खर्च होंगे। एक अनुमान के मुताबिक मंदिर निर्माण की प्रक्रिया में अब तक 400 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि मन्दिर निर्माण में पैसे की कोई दिक्कत नहीं है। राम मंदिर निर्माण के लिए देशभर के भक्तों ने अब तक करीब 5500 करोड़ रुपए का दान श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को किया जा चुका है। पहले हमने अनुमान लगाया था कि मंदिर निर्माण में करीब 1000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। पर अब यह अनुमान गलत साबित हो रहा है। मंदिर का 30 प्रतिशत से ज्यादा का काम पूरा हो चुका है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 में मकर संक्रांति के बाद गर्भगृह में रामलला विराजेंगे। उन्होंने कहा कि श्रीराम मंदिर के गर्भगृह का निर्माण दिसंबर 2023 तक पूरा हो जाएगा। उस समय सूर्य दक्षिणायन रहते हैं। इस दौरान शुभ कार्यों का निषेध रहता है। मकर संक्रांति पर सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं। मकर संक्रांति के बाद जो भी शुभ तिथि व मुहूर्त होगा, उसी दिन गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इसके बाद भक्त गर्भगृह में रामलला का दर्शन कर सकेंगे।

उन्होंने बताया कि अभी तिथि को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है। ट्रस्ट और मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय संयुक्त बैठक के बाद चंपत राय ने कहा कि मंदिर का ग्राउंड फ्लोर दिसंबर 2023 तक बन जाएगा। पहले हमारा अनुमान था कि भूतल का आधा हिस्सा ही तैयार हो पाएगा लेकिन काम की गति व इंजीनियरों से चर्चा के बाद यह बात सामने आई है। उन्होंने अभी तिथि को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है।

उन्होंने बताया कि पूरे मंदिर की परिक्रमा करने के दौरान भक्त थक सकते हैं। इसलिए परकोटे के परिपथ में उनके बैठने से लेकर पेयजल की भी व्यवस्था की जाए इस पर चर्चा हुई है। बताया कि परकोटा छह एकड़ में बनेगा। परकोटे में माता सीता, गणेश सहित रामायण के कई पात्रों के मंदिर बनने हैं। इन मंदिरों की ऊंचाई कितनी हो इसको लेकर मंथन हुआ है, यह मुख्य मंदिर से कम ही रखी जाएगी। मंदिर के ऊपर चढ़ने के लिए रेलिंग कैसी बने, पत्थर की बने या धातुओं की इसको लेकर भी चर्चा हुई। कुछ धातुएं काली हो जाती हैं, कुछ लंबे समय तक चलती हैं। मंदिर की मजबूती के साथ सुंदरता भी कम न हो हमारा ऐसा प्रयास है।

ट्रस्ट सदस्य कामेश्वर चौपाल ने बताया कि कष्ट अपना भाई लात भी तैयार कर चुका है। गठन के समय ट्रस्ट का बाइलॉज नहीं बनाया गया था। बाय बाद में विधि विशेषज्ञों की विशेष राय और उनकी देखरेख में तैयार किया जा रहा है। जन्मभूमि परिसर में कुल 7 मंदिर बनाए जाने पर भी विचार हैं जिसे फाइनल किया गया ।

बैठक में ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि, सदस्य डॉ. अनिल मिश्र, महंत दिनेंद्र दास, आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा सहित टाटा, एलएंडटी व ट्रस्ट के इंजीनियर शामिल रहे।

पटना: जनता दल (यूनाइटेड) पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता निखिल मंडल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनकी तरफ से आज इस्तीफे का पत्र जारी किया गया है। पत्र में उन्होंने अपने इस्तीफे के पीछे निजी कारण बताया है। हालांकि पार्टी अध्यक्ष की ओर से उनके इस्तीफे को स्वीकार किया गया है या नहीं इसकी जानकारी नहीं है।A valid URL was not provided.

निखिल मंडल की ओर से जारी इस्तीफे के पत्र में कहा गया है कि निजी कारण से मैं जदयू प्रदेश प्रवक्ता पद से इस्तीफा देता हूं। आप सभी का धन्यवाद जो 31 जनवरी 2016 से लगातार मुझे इस पद के लायक समझा। कृपया मेरे इस्तीफा को मंजूर करें।

निखिल मंडल के लोस का अगला चुनाव मधेपुरा से लड़ने की चर्चा

निखिल मंडल लोकसभा का अगला चुनाव मधेपुरा से लड़ना चाहते हैं। हालांकि उन्होंने अब तक इस बाबत कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है, लेकिन वह लगातार क्षेत्र में सक्रिय हैं। निखिल मंडल ने अपने इस्तीफे की घोषणा के कुछ देर पहले ही सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए मधेपुरा में ज्यादा वक्त गुजारने की बात कही थी। निखिल मंडल पिछले कुछ वक्त से मधेपुरा में ही ज्यादा समय दे रहे हैं।

छह साल रहे जदयू के प्रदेश प्रवक्ता

उल्लेखनीय है कि निखिल मंडल 31 जनवरी 2016 से ही पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता थे और इस पद पर रहते हुए उन्होंने लगातार नीतीश कुमार की नीतियों को और पार्टी लाइन को मीडिया के बीच रखा। उनके चुनावी जीवन की बात करे तो निखिल मंडल ने विधानसभा का पिछला चुनाव जदयू के टिकट पर मधेपुरा से ही लड़ा था, लेकिन उन्हें राजद के प्रोफेसर चंद्रशेखर के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। बिहार में सियासी समीकरण बदलने के बाद जदयू, राजद के साथ सरकार में है और निखिल मंडल को शिकस्त देने वाले चंद्रशेखर अब बिहार के शिक्षा मंत्री हैं।

पार्टी से नाराज चलने की है चर्चा

प्रदेश प्रवक्ता निखिल मंडल के पार्टी से इस्तीफा देने के कारणों पर कई चर्चा भी है। बताया जा रह है कि जदयू और राजद के बीच गठबंधन के बाद निखिल मंडल पिछले कुछ अर्से से असहज महसूस कर रहे थे। निखिल मंडल तेजस्वी यादव और लालू परिवार के ऊपर बेहद हमलावर रहे हैं, लेकिन अब लालू परिवार को डिफेंड करना उनके लिए असहज हो रहा था। ऐसे में उन्होंने जदयू के प्रवक्ता पद से दूरी बनाने का फैसला किया है।

जानकार मानते हैं कि निखिल मंडल किसी भी हाल में लालू यादव के परिवार को डिफेंड नहीं कर सकते जो इस वक्त जदयू के ज्यादातर प्रवक्ताओं को करना पड़ा है। करप्शन को लेकर भी निखिल मंडल की सोच एडजेस्टेबल नहीं है यही वजह है कि उन्होंने शायद अपने पद से इस्तीफा दिया।

Chhapra: स्थानीय रेडियो स्टेशन रेडियो मयूर को मलेशिया के कुआलालम्पुर में, साउथ ईस्ट एशियन देशों के रेडियो की दुनिया के दिग्गजों के बीच सम्मान प्राप्त हुआ है । मौका था, रेडियो डेज एशिया अंतर्राष्ट्रीय रेडियो कांफ्रेंस का । बीते 6 और 7 सितंबर को मलेशिया की राजधानी कुआलालम्पुर में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसमें विशेष रूप से रेडियो मयूर को आमंत्रित किया गया था और स्टेशन हेड अभिषेक अरुण इस कार्यक्रम में बिहार से सामुदायिक रेडियो को रिप्रेजेंट कर रहे थे ।

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इस दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय रेडियो कॉन्फ्रेंस में दुनिया भर से रेडियो ऑडियो और पॉडकास्ट की दुनिया के दिग्गजों का जमावड़ा लगा था और इस क्षेत्र में नया क्या क्या हो रहा है , कैसे इसे और बेहतर बनाया जाए इन सब पर कई मास्टरक्लास और वर्कशॉप भी आयोजित किए गए ।

एक वर्कशॉप और मास्टरक्लास में जब ऑन द स्पॉट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया तब अभिषेक ने बाजी मारते हुए एकमात्र पुरस्कार रेडियो मयूर के नाम किया और ऑस्ट्रेलिया के ट्राइटन कंपनी के निदेशक ने उन्हें सम्मानित भी किया । अभिषेक ने वहां अपने अनुभव भी साझा किए की कैसे वो सामुदायिक स्तर पर बदलाव लाने का प्रयास कर रहे हैं ।

अभिषेक कहते हैं कि, “ये एक अद्भुत अनुभव था जो की जीवन बदल कर रख देगा । सोचने का नजरिया बदल देगा । नई जोश के साथ काम करने का जज्बा भर देगा । पहली बार देश के बाहर जाना हुआ और वो भी रेडियो को साथ लेकर तो ये और भी बेहतर साबित हो गया । मुझे वहां बहुत कुछ सीखने को मिला जो मैं यहां अपने कार्यक्षेत्र में अपनाकर यहां पर लोगों की जीवन में बदलाव लाने का प्रयास करूंगा । अच्छा लगता है जब आपको ये पता लगता है की देश दुनिया में आपकी फील्ड में क्या चल रहा है और क्या क्या नई तकनीक आ रही हैं । रेडियो मरा नहीं है , इसका स्वरूप बदल गया है , इन सब बातों ने हौसला दिया है और विदेश में अपने कार्य के लिए सम्मान मिलना ये अपने आप में एक नई जिम्मेदारी के साथ सामने आया है । “

अभिषेक ने इस सम्मान को पूरी टीम को माता पिता, घरवालों शुभचिंतकों को सहयोगियों को डेडिकेट किया है । बतौर अभिषेक, इस यात्रा के बाद उनके कार्य करने की शैली में बदलाव आएगा और वे अपनी टीम के साथ पूरी ऊर्जा के साथ स्थानीय स्तर पर बदलाव के कार्यक्रमों को और भी बेहतर तरीके से पेश करने की कोशिश करते रहेंगे ।

Chhapra: 17 सितंबर से एक पखवाड़ा तक  प्रधानमंत्री के जन्म दिवस के उपलक्ष में भारतीय जनता पार्टी सेवा पखवाड़ा मनाएगी. उक्त बातें महाराजगंज के सांसद जनारदार सिंह सिग्रीवाल ने प्रेस वार्ता में कही.

  

उन्होंने कहा कि 17 सितंबर भगवान विश्वकर्मा की भी जयंती है. भगवान विश्वकर्मा जैसे निर्माण के देवता उसी तरह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक नए भारत के निर्माण के लिए दिन-रात प्रयासरत है. उनके जन्म दिवस के उपलक्ष में पूरे देश में सेवा सप्ताह मनाया जाएगा.

जिलाध्यक्ष रामदयाल शर्मा ने कहा कि इस सेवा पखवाड़े में भाजपा के सभी कार्यकर्ता पदाधिकारी मंच मोर्चा के अध्यक्ष एवं संयोजक को जिम्मेवारी दी गई है. सेवा सप्ताह में  17 सितंबर से रक्त दान शिविर, शुभकामना संदेश, अभिनंदन पत्र, गंगा आरती, निशुल्क स्वास्थ्य शिविर दिव्यांगों को कृत्रिम अंग वितरण दीनदयाल की जयंती, स्वच्छता अभियान को भी कोविड-19 टिका केंद्रों का निरीक्षण एवं 2 अक्टूबर तारीख को गांधी जयंती एवं लाल बहादुर शास्त्री के जयंती के अवसर पर स्वच्छता अभियान एवं गांधी जी की प्रतिमा के सामने मौन धरना इत्यादि कार्यक्रमों का आयोजन प्रधानमंत्री के जन्मोत्सव के पखवाड़े में करना है.

सेवा सप्ताह के रूप में इसे मनाना है प्रदेश के उपाध्यक्ष एवं सिवान के पूर्व सांसद और सारण के प्रभारी ओम प्रकाश यादव ने कहा कि सेवा पखवाड़े में प्रधानमंत्री के जन्मदिन को बहुत ही हर्षोल्लास के साथ सेवा भावना के साथ मनाना है. इसमें जिले के सारे विधायक सांसद कार्यकर्ता पदाधिकारी लगगे. उन्होंने कहा कि परिस्थिति कितनी भी विपरीत हो भाजपा कार्यकर्ता डगमगाने वाले नहीं. भाजपा कार्यकर्ताओं की पार्टी है और कार्यकर्ताओं के दम पर ही भाजपा एक विश्व के सबसे बड़े दल के रूप आज है.

इस अवसर पर छपरा विधायक डॉ सी एन गुप्ता, प्रदेश अनुशासन समिति के अध्यक्ष और सोनपुर के पूर्व विधायक विनय सिंह, पूर्व विधायक ज्ञानचंद मांझी, जिला के प्रभारी अनूप श्रीवास्तव, महिला मोर्चा की प्रदेश मंत्री एवं जिला परिषद उपाध्यक्ष प्रियंका सिंह, जिला उपाध्यक्ष बृजमोहन सिंह, डॉ धर्मेंद्र सिंह ,लालबाबू कुशवाहा, सीमा सिंह, जिला महामंत्री शांतनु कुमार, रामाशंकर शांडिल्य, जिला प्रवक्ता विवेक कुमार सिंह, मंत्री सत्यानंद सिंह, मोहन शंकरजी, सुपन राय, श्याम बिहारी अग्रवाल, शिक्षा प्रकोष्ठ के संयोजक प्रो देवेंद्र सिंह, किसान मोर्चा जिला अध्यक्ष बबलू मिश्रा आदि उपस्थित थे.

 

केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु मंत्री श्री भुपेंद्र यादव ने कूनो नेशनल पार्क की तैयारियों का लिया जायज़ा

चीतों की वापसी एक ऐतिहासिक कदम: भूपेंद्र यादव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर को अपने जन्मदिन पर नामीबिया से लाए गए 8 चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ेंगे। इसके मद्देनजर कूनो नेशनल पार्क में युद्धस्तर पर तैयारियां चल रही हैं। इसी क्रम में रविवार को केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव ने कूनो नेशनल पार्क में चल रही तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने उस फेंसिंग बाढ़ को भी देखा जहां पर नामीबिया से आये चीतों को 30 दिन के लिए क्वारंटीन में रखा जाएगा। साथ ही श्री यादव ने अधिकारियों से तैयारियों के संबंध में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने अधिकारियों को समुचित दिशा निर्देश भी दिए।

 

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री के साथ केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कूनो नेशनल पार्क में तैयारियों का जायजा लिया।

इस अवसर पर सी पी गोयल, महानिदेशक वन एवं स्पेशल सेक्रेटरी, डॉक्टर एसपी यादव, अपर महानिदेशक, एनटीसीए और वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने फ्रंटलाइन स्टाफ, चीता मित्र, वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के यंग वैज्ञानिकों और सैकड़ों विद्यार्थियों के साथ संवाद किया। उन्होंने कहा कि चीतों की वापसी एक ऐतिहासिक कदम है। इससे पर्यावरण संतुलन को कायम रखने में आसानी तो होगी ही साथ ही स्थानीय लोगों में खुशहाली का संचार होगा। प्राकृतिक संपदाओं से भरपूर कूनो नेशनल पार्क के बीच से बहने वाली कूनो नदी इसे न केवल और भी अधिक खूबसूरत बना देती है, बल्कि इसके सपाट और चौड़े तटों पर खिली हुई धूप में अठखेलियां करते मगरमच्छ यहां आने वाले लोगों को रोमांचित कर देते है। कूनो नेशनल पार्क में विभिन्न प्रकार के 174 पक्षियों की प्रजातियां मौजूद है, वहीं सैंकड़ों प्रजातियां वन्य जीवों की हैं। पक्षियों की 12 प्रजातियां तो दुलर्भ श्रेणी में मानी गई हैं।

केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय के निर्देश पर वर्ष 2010 में भारतीय वन्य जीव संस्थान (वाईल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट) ने भारत में चीता पुनर्स्थापना के लिए संभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया, जिसमें 10 स्थलों के सर्वेक्षण में मध्यप्रदेश के कूनो पालपुर अभ्यारण्य जो वर्तमान में कूनो राष्ट्रीय उद्यान है, सर्वाधिक उपयुक्त पाया गया।

कूनो के राष्ट्रीय उद्यान के 750 वर्ग किलोमीटर में लगभग दो दर्जन चीतों के रहवास के लिए उपयुक्त है। इसके अतिरिक्त करीब 3 हजार वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र दो जिलों श्योपुर और शिवपुरी में चीतों के स्वंच्छद वितरण के लिए उपयुक्त हैं।

भोजपुरी इंडस्ट्री की सबसे महंगे बजट की भोजपुरी फिल्म ‘संघर्ष 2’ का दूसरा शेड्यूल गोरखपुर में चल रहा है। गोरखपुर में फिल्म के सेट पर स्थानीय सांसद और भोजपुरी इंडस्ट्री के मेगा स्टार रवि किशन संघर्ष 2 की पूरी टीम से मिलने पहुंचे।

रवि किशन ने भोजपुरी फिल्म जगत के साथ साथ बॉलीवुड, हॉलीवुड और साउथ इंडियन इंडस्ट्री में भी अपने दमदार अभिनय से सभी को मंत्रमुग्ध कर रखा है। रवि किशन ने इस मुलाकात के बारे में कहा कि मेरे संसदीय क्षेत्र में निर्माता रत्नाकर कुमार की फिल्म संघर्ष 2 शूट हो रही है। इसमें इंडस्ट्री के बहुत टैलेंट अभिनेता खेसारी लाल यादव काम कर रहे हैं, तो इनसे मिलने के लिए और फ़िल्म की पूरी टीम को अपनी शुभकामनाएं देने के लिए यह आया हूँ। आगे रवि ने कहा कि पराग पाटिल का निर्देशन बहुत ही कमाल का होगा है। वे जब भी कोई फिल्म बनाते हैं, वो सुपर डुपर हिट होती है। इसके साथ रवि किशन ने फिल्म की टीम के बारे में पराग पाटिल से जानकारी ली।

खेसारी के बारे में बात करते हुए रवि किशन ने कहा कि इनको तो आप सभी जानते हैं। इनको बना के ऊपर वाला वो माला ही तोड़ दिया कि अब ऐसी माला दुबारा न बनेगी। ये एक ही पीस है एक ही माला हैं। अभी फिल्म का क्या शूटिंग चल रही है, इसके बारे में पराग पति ने बताया कि फिल्म का एक्शन सीन का सिक्वेंस चल रहा है।

खेसारी ने रवि किशन के साथ अपना बैंकॉक का अनुभव शेयर किया कि कैसे उन्होंने बैंकॉक में समंदर के अंदर गाड़ियां चलाई हैं। वर्ल्डवाइड रिकार्ड्स चैनल जितेंद्र गुलाटी प्रस्तुत ‘संघर्ष 2’ में सुपरस्टार खेसारी लाल यादव, साउथ इंडियन एक्ट्रेस मेघाश्री, भोजपुरी सिनेमा जगत की सुपरहॉट एंड बोल्ड एक्ट्रेस माही श्रीवास्तव, खूबसूरत अदाकारा सबा खान, अभिनेता विनीत विशाल, नीलम वशिष्ठ, विनोद मिश्रा और समर्थ चतुर्वेदी सहित कई अन्य कलाकार हैं।

निर्माता रत्नाकर कुमार की संघर्ष 2 एक मेगा बजट फिल्म है। फिल्म के निर्देशक पराग पाटिल, सह- निर्माता कुलदीप श्रीवास्तव, राइटर एंड स्टोरी वीरू ठाकुर, म्यूजिक कृष्णा बेदर्दी, डीओपी आरआर प्रिंस, कॉस्ट्यूम बादशाह, मार्केटिंग हेड विजय यादव और प्रचार डब्ल्यूडब्ल्यूआर टीम कर रही है।

Chhapra: प्रभुनाथ महाविद्यालय, परसा में हिंदी विभाग एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वावधान में हिंदी दिवस के अवसर पर पुरस्कार वितरण व समापन समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें विजेता रहे विद्यार्थियों को किताबें देकर पुरस्कृत किया गया।

सर्वप्रथम महाविद्यालय की परंपरा के अनुसार सभी अतिथियों को पौधा और अंग वस्त्र भेंट कर स्वागत किया गया। फिर हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ. कुमार वरुण ने अपने स्वागत भाषण से अतिथियों का बेहद गर्मजोशी से स्वागत किया।

विदित हो कि समापन समारोह में ख्याति प्राप्त, साहित्य अकादमी और भारत भारती जैसे सम्मान से सम्मानित विदुषी पद्मश्री उषा किरण खान ने बतौर मुख्य वक्ता के रूप में अपने एकल व्याख्यान से बच्चों को हिंदी की महत्ता से परिचित कराया। अपने व्याख्यान में राज भाषा की महत्ता पर प्रकाश डालते हुये बच्चों को हिंदी के प्रति जागरूक करने की कोशिश कीं। उन्होंने बताया कि हिंदी पढ़ कर कई प्रशासनिक क्षेत्रों में अपनी सेवा दे सकते हैं। हिंदी सिर्फ़ पढ़ने-पढ़ाने तक ही सीमित नहीं है, अपितु हिंदी का फलक काफ़ी व्यापक है।

विशिष्ट अतिथि,विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. रवि प्रकाश `बब्लू´ ने हिंदी,जीवन और दर्शन को एक साथ जोड़ते हुये मानवीय जीवन के उद्देश्यों से विद्यार्थियों को रूबरू कराया। अंत में कुल सचिव महोदय ने भारतेंदु हरिश्चंद्र के इस दोहे से बच्चों को हिंदी की महत्ता को समझाने का सफल प्रयास किया –

” निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।
बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।।
विविध कला शिक्षा अमित, ज्ञान अनेक प्रकार।
सब देसन से लै करहू, भाषा माहि प्रचार।।”

वहीं मुख्य अतिथि की भूमिका में जयप्रकाश विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. फारूक अली ने बच्चों को अनुशासन का पाठ पढ़ाया। उन्होंने कहा कि हमें अपनी निज भाषा के प्रति हमेशा संवेदनशील होना पड़ेगा। भाषा का काम आपस में भेद पैदा करना नहीं है, भाषा तो लोगों को जोड़ने का काम करती है। अतः हमें उर्दू-हिंदी या हिंदी-अंग्रेजी के भेद से बचना होगा,तभी सही मायनों में मानवीय मूल्यों की स्थापना संभव है।

सम्मानित अतिथि के तौर शिरकत कर रहे प्रो. हरिश्चन्द्र ने हिंदी की वर्तमान स्थिति पर अपने विचार रखें।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. पुष्पराज गौतम ने इस अपूर्व आयोजन को ऐतिहासिक बनाने के लिए सभी अतिथियों के प्रति आभार प्रकट करते हुए अपनी बातें कहीं।

धन्यवाद ज्ञापन जंतु विज्ञान विभाग की अध्यक्षा डॉ. इंदु कुमारी ने किया जबकि मंच सञ्चालन हिंदी विभाग के अविनाश भारती ने की। मौके पर डॉ. संजय सिंह, डॉ. अनिल कुमार, संजय कुमार राय,डॉ. अनीता कुमारी,डॉ. शमीम मालिक, चंदन प्रकाश, विकास रंजन, सौरभ भट्टाचार्य, दीपा मुख़र्जी, उषा कुमारी, डॉ. अजय कुमार, पंकज कुमार, गुड्डी कुमारी, मनीषा कुमारी, बबिता कुमार, अमोद कुमार दास, दिलीप कुमार चंद्रा, डॉ. यू. एन. झा, सिकन्दर कुमार राय आदि मौजूद थे।