Chhapra: विजयादशमी के अवसर पर विगत 34 वर्षों से सारण जिला मुख्यालय छपरा के राजेन्द्र स्टेडियम में आयोजित होने वाले रावण वध कार्यक्रम को लेकर इस बार भी आयोजन समिति ने व्यापक तैयारियां की हैं।

इस वर्ष दर्शकों को 50 फीट का रावण व 45 फीट के मेघनाद का पुतला देखने को मिलेगा। साथ ही रावण वध के पूर्व राम-रावण युद्ध की झांकी भी दिखेगी।  इसके लिए आतिशबाजी के अभूतपूर्व प्रबंध किए गए हैं।  

विजयादशमी समारोह समिति के कार्यकारी अध्यक्ष वरुण प्रकाश ने बताया कि समिति के द्वारा पहली बार रावण वध के पूर्व लेजर शो का भी आयोजन किया गया है। जिसमें लेजर लाइट्स के माध्यम से दर्शकों को रामायण का चित्रण देखने को मिलेगा, जो अपने आप में रोमांचक होगा। दर्शकों की सुविधा और समारोह के दौरान होने वाली भीड़ को देखते हुए बड़े डिस्प्ले स्क्रीन लगाए गए हैं, ताकि कार्यक्रम को सभी सही से देख सकें।

विजयादशमी समारोह समिति के उपाध्यक्ष श्याम बिहारी अग्रवाल ने बताया कि इस वर्ष रंगबिरंगी आतिशबाजी का आनंद दर्शक ले सकेंगे। रावण और मेघनाथ के पुतले देर तक जलें और तुरंत खतम ना हो इसके लिए भी कारीगरों को निर्देश दिए गए हैं। पुतलों में आवाज करने वाले पटाखे कम और रंग बिरंगी रौशनी करने वाले पटाखों का ज्यादा उपयोग किया गया है। 

उन्होंने बताया कि रावण दहन के पूर्व शहर में शोभायात्रा निकलेगी। रथ पर भगवान श्रीराम, लक्ष्मण और वीर बजरंग बली संग विराजमान रहेंगे। शोभा यात्रा कटहरी बाग हनुमान मंदिर के पास से निकलकर राजेन्द्र स्टेडियम पहुंचेगी।  

उधर प्रशासन ने कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर आयोजन समिति को की निर्देश दिए हैं,  पुलिस प्रशासन की ओर से भी सुरक्षा के लिए मजिस्ट्रेट और पुलिस पदाधिकारी की तैनाती की गई है। पूरे स्टेडियम में बैरिकेडिंग कर भीड़ को नियंत्रित करने के प्रबंध किए गए हैं। स्टेडियम में प्रवेश करने के लिए महिला व पुरुषों के प्रवेश और निकास द्वार अलग-अलग बनाए गए हैं। किसी भी प्रकार की अनहोने से निपटने के लिए आयोजन समिति के स्वयंसेवक, एनसीसी के कैडेटों की तैनाती की गई है। साथ ही भारी संख्या में पुलिस बल स्टेडियम से लेकर सड़क तक तैनात किए गए हैं। 

Chhapra: अंतराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर पुलिस प्रशासन एवं DLSA की ओर से बालिकाओं के साथ हो रहे शोषण एवं अत्याचार के रोकथाम तथा उन्हें न्याय दिलाने के लिए एक मुहिम सशक्त महिला सशक्त समाज “आवाज दो” कार्यक्रम का आयोजन प्रेक्षागृह में किया गया।

इस संवाद कार्यक्रम में जिला एवं सत्र न्यायाधीश, जिला पदाधिकारी, पुलिस अधीक्षक एवं अन्य पुलिस एवं प्रशासनिक पदाधिकारी भी उपस्थित रहें।

संवाद कार्यक्रम में सारण जिला के महिला संगठन, स्कूल की छात्राओं एवं अन्य महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में स्कूली छात्राओं ने महिला हिंसा से संबंधित अपनी समस्याएँ रखी, जिसके निराकरण हेतु पुलिस अधीक्षक, सारण एवं अन्य प्रशासनिक पदाधिकारियों द्वारा उचित सुझाव दिया गया।

साथ ही इस संवाद में इप्टा और सेंट्रल पब्लिक स्कूल के कलाकारों द्वारा बालिकाओं के ट्रैफिकिंग पर केन्द्रीत नाटक अंधेरे में रोशनी की किरण का सार्थक सारगर्भित मंचन किया गया। नाटक में तीन बालिकाओं के व्यापार की तीन संक्षिप्त कहानियों को प्रस्तुत किया गया जो मानव अंग के व्यापारियों, देह व्यापार के व्यापारियों और कच्ची उम्र के प्यार के धोखे का शिकार हो कर अपना सर्वनाश कर बैठती हैं और जिन्हें पुलिस और डीएलएसए द्वारा न सिर्फ रेस्क्यू किया जाता है बल्कि इनके गुनहगारों को भी पकड़ा जाता है।

इस नाटक में तीन पीडित लडकियों का किरदार कनक श्रीवास्तव, अंजलि कुमारी, श्रेया सिंह तीन धोखेबाज प्रेमियों की भूमिका भाब्या, दिव्यांश, सोनिया राय, कोठेवाली की भूमिका में श्रेया श्रीवास्तव, और खलनायक की भूमिका में सागर कुमार ने बेमिसाल अभिनय प्रस्तुत किया। एसपी की भूमिका में लक्ष्मी कुमारी, पत्रकार की भूमिका में मनोरंजन पाठक, कोठे की गुरु माँ की भूमिका में कुमारी अनिशा ने शानदार अभिनय किया। शेष भूमिकाओं में श्रुति, शुभम राज सिंह, रुद्र आदित्य तिवारी, प्रेरणा श्रीवास्तव, श्रेयसी, आशिष कुमार सिंह, प्रिया श्रीवास्तव, याशी, प्रियंका कुमारी तो सुत्रधार की भूमिका में अंकिता कुमारी, प्रतिमा, कामिनी, सौम्या कुमारी, कृति सिंह, आशिका कुमारी, हर्षित राज, हिमांशु सिंह, शुभम कुमार, रौनक कुमार आदि ने जीवंत अभिनय प्रस्तुत किया। सूत्रधार की भूमिका में कंचन बाला वादकों विनय कुमार, आयुष कुमार मान ने अभिनेत्री अभिनेताओं का भरपूर साथ दिया। सहायक निर्देशक एवं रुप सज्जा रंजीत भोजपुरिया ने काफी शिद्दत से किया।

नाटक का कंसेप्ट जिला और सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष डीएलएसए सारण पुनीत कुमार गर्ग का रहा, मार्गदर्शन डीएम अमन समीर और एसपी डॉ० कुमार आशीष, सुझाव सचिव डीएलएसए धर्मेन्द्र कुमार पाण्डेय, चीफ लैड्स पुर्णेन्दु रंजन, सीपीएस ग्रुप के चेयरमैन डॉ० हरेन्द्र सिंह के सुझाव पर जिसे डॉ० अमित रंजन ने लिखा और निर्देशित किया है।

इस मौके पर बालिकाओं और महिलाओं के बीच चुप न रहें नालसा को 15100 और पुलिस को 112 पर कॉल करें का पुरजोर प्रचार कर डेमो भी प्रस्तुत किया गया।

महिलाओं को छेड़‌छाड़, घरेलू हिंसा, दहेज माँग, मानसिक एवं शारीरिक प्रताड़ना या फिर ऑफलाइन, ऑनलाइन इंस्टाग्राम, फेसबुक, यूट्यूब, या अन्य किसी भी माध्यम से किसी भी तरह का शोषण के प्रति जागरूक किया गया। पुलिस अधीक्षक के द्वारा आवाज दो कार्यक्रम के तहत महिला हेल्पलाईन नं0 9031600191 जारी किया गया।

उत्तरकाशी, 11 अक्टूबर (हि.स.)। गंगोत्री धाम के कपाट अभिजीत मुहूर्त में अन्नकूट पर्व के अवसर पर 2 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद होंगे, जबकि यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज के दिन 3 नवंबर को बंद किए जाएंगे। परंपरा अनुसार, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद करने के मुहूर्त शारदीय नवरात्र के अवसर पर तय किए जाते हैं।

शुक्रवार को गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों ने दोनों धामों के कपाट बंद करने के शुभ मुहूर्त की घोषणा की। गंगोत्री धाम में भगवती गंगा के कपाट 2 नवंबर को दोपहर 12:14 बजे बंद होंगे। मां भगवती गंगा की डोली गंगोत्री से प्रस्थान कर रात्रि में भगवती मंदिर मारकंडेय में विश्राम करेगी और 3 नवंबर को मुखवा गांव में शीतकालीन प्रवास के लिए विराजमान हो जाएगी।

गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने जानकारी दी कि परंपरा अनुसार गंगोत्री धाम के कपाट बंद करने का मुहूर्त शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिन तय किया जाता है। इस वर्ष, मां गंगा की डोली 3 नवंबर को अपने मायके मुखवा में छह महीने के शीतकालीन प्रवास के लिए पहुंचेगी। इस अवसर पर मंदिर समिति के अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थे।

यमुनोत्री धाम के कपाट भी परंपरानुसार दशहरे के दिन तय किए गए मुहूर्त के अनुसार 3 नवंबर को भैया दूज पर बंद होंगे। यमुनोत्री धाम के रावल आशीष उनियाल ने बताया कि 3 नवंबर को सोमेश्वर देवता की डोली के साथ मां यमुना की डोली खरसाली गांव के लिए रवाना होगी, जहां शीतकालीन प्रवास होगा।

बॉलीवुड की चुलबुली एक्ट्रेस आलिया भट्ट मां बनने के बाद पहली बार बड़े पर्दे पर वापसी कर रही हैं। हर कोई उनकी नई फिल्म को लेकर उत्सुक था। आख़िरकार दर्शकों का इंतज़ार ख़त्म हुआ। एक्ट्रेस की फिल्म ‘जिगारा’ हाल ही में रिलीज हुई है। इस फिल्म में एक अलग और अनोखी कहानी देखने को मिलेगी। फिल्म में एक बहन अपने भाई के लिए लड़ती नजर आएगी। हालांकि, आलिया की ये फिल्म कैसी है, इसमें उनका रोल कैसा है, ये जानने के लिए अगर आप फिल्म देखने का प्लान कर रहे हैं तो ये रिव्यू पढ़ें।

फिल्म की कहानी

आलिया भट्ट की फिल्म ‘जिगरा’ की कहानी भाई-बहन के रिश्ते पर आधारित है। फिल्म में आलिया भट्ट और वेदांग रैना मुख्य भूमिका में हैं। आलिया भट्ट वेदांग रैना की बहन का किरदार निभाती नजर आ रही हैं। फिल्म में वेदांग रैना द्वारा निभाए गए किरदार का नाम अंकुल है, जबकि आलिया के किरदार का नाम सत्या है। वेदांग रैना द्वारा अभिनीत अंकुश, आलिया भट्ट द्वारा अभिनीत सत्या का छोटा भाई है। सत्या के भाई अंकुल को जानबूझकर झूठे मामले में फंसाया गया है। इतना ही नहीं, पुलिस की ओर से उस पर लगातार यह दबाव बनाया जा रहा है कि वह यह अपराध कबूल कर ले, जो उसने किया ही नहीं। पुलिस ने उसे जेल में डाल दिया और उस पर बहुत अत्याचार किया जाता है।

अंकुल ये सब सहता है, क्योंकि वह जानता है कि उसकी बहन उसे कुछ नहीं होने देगी। दूसरी ओर, सत्या अपने भाई को बचाने के लिए कुछ भी करने को तैयार है। सत्या ने पहले ही तय कर लिया है कि चाहे कोई भी खतरा आए, वह उसका मुकाबला करेगी और अपने भाई यानी अंकुल को सुरक्षित जेल से बाहर लाएगी। अब अंकुल को जेल से बाहर निकालने के लिए सत्या क्या करेगी, यह जानने के लिए आपको यह फिल्म देखनी होगी।

यह फिल्म कैसी है?

हालांकि, ‘जिगरा’ बहुप्रतीक्षित फिल्म है लेकिन इस फिल्म को लेकर ज्यादा चर्चा नहीं हो रही है। ऐसे में आलिया और वेदांग इस फिल्म में दर्शकों का ज्यादा मनोरंजन करने में नाकामयाब रहीं। इस बार आलिया भट्ट की फिल्म का चुनाव कुछ गलत नजर आ रहा है। फिल्म ‘जिगारा’ कई जगहों पर गलत साबित होती नजर आ रही है। ‘जिगरा’ आलिया भट्ट के करियर की सबसे कमजोर फिल्म हो सकती है। इस फिल्म से पहले आलिया भट्ट कई ब्लॉकबस्टर फिल्मों में नजर आईं। हालांकि इस फिल्म में उनका जादू नहीं चल रहा है।

यह आलिया भट्ट की सबसे कमजोर कहानी और बोरिंग फिल्म है। इस फिल्म में आलिया ने काफी ओवरएक्टिंग की है। फिल्म ‘जिगरा’ हॉलीवुड फिल्मों की शैली में बनाई गई है , जहां कथानक को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता है। इस फिल्म से दर्शकों का कुछ खास मनोरंजन नहीं हुआ है। ऐसा लगता है कि यह फिल्म एक खास वर्ग के लिए बनाई गई है। फिल्म को हिंदी के अलावा साउथ की अन्य भाषाओं में भी रिलीज किया गया है।

पटना, 11 अक्टूबर (हि.स.)। केंद्रीय कपड़ा मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के फायर ब्रांड गिरिराज सिंह 18 से 22 अक्टूबर के मध्य यात्रा पर निकलेंगे। इस यात्रा का नाम ‘हिंदू स्वाभिमान यात्रा’ होगा।

इस बाबत उन्होंने हमारे बेगूसराय संवाददता से बातचीत में कहा कि इस यात्रा के दौरान मैं हिंदुओं को जागरूक करूंगा। क्योंकि, राहुल गांधी जैसे नेता हिंदुओं को जातियों के नाम पर बांटने की कोशिश कर रहे हैं जबकि मुसलमानों की जाति नहीं बताते हैं। ये लोग कोशिश करते हैं कि मुसलमानों का एकतरफा वोट अपने हिस्से में ले लें। इसलिए मैं अब हिंदुओं को यही संदेश देना चाहता हूं कि बंटोगे तो कटोगे।

गिरिराज सिंह ने कहा कि आज बांग्लादेश में हिंदुओं के ऊपर हो रहे अत्याचार को देखकर असहनीय पीड़ा हो रही है। इस बीच भारत में भी कुछ ऐसे लोग सामने आएं, जिन्होंने यह कहने से कोई गुरेज नहीं किया कि भारत में भी बांग्लादेश जैसी स्थिति पैदा होगी। यह सुनने के बाद मुझे अत्यंत पीड़ा हुई। इसके बाद मैंने फैसला किया कि मैं हिंदुओं को जगाने का काम करूं।

भाजपा नेता गिरिराज सिंह 18 अक्टूबर को भागलपुर से यात्रा की शुरुआत करेंगे, फिर 19 अक्टूबर को कटिहार, 20 अक्टूबर को पूर्णिया, 21 अक्टूबर को अररिया, और 22 अक्टूबर को किशनगंज जाएंगे। जिन जिलों में भाजपा नेता जायेंगे वो सभी मुस्लिम बहुल जिले हैं।

पटना, 11 अक्टूबर (हि.स.)। लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर आज आयोजित राजकीय समारोह में राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

इस अवसर पर सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के कलाकारों ने आरती-पूजन, बिहार गीत एवं भजन कीर्तन का गायन किया। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने चरखा समिति (प्रभा-जयप्रकाश स्मृति संग्रहालय) कदमकुआं जाकर लोकनायक जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण की धर्मपत्नी जयप्रभा के चित्र पर भी पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

मुख्यमंत्री ने चरखा समिति (प्रभा-जयप्रकाश स्मृति संग्रहालय) में स्थित जयप्रकाश नारायण के शयनकक्ष, सभा कक्ष, प्रभावती स्मृति कक्ष सहित पूरे परिसर का मुआयना किया। साथ ही महिला चरखा समिति के चरखा घर में महिलाओं द्वारा चरखा चलाये जाने की गतिविधि को देखा और उनके कार्यों के बारे में जानकारी ली।

नई दिल्ली, 11 अक्टूबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को लाओस की राजधानी वियंतियाने में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के अवसर पर थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनावात्रा से मुलाकात की। यह दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच पहली मुलाकात थी।

प्रधानमंत्री मोदी ने मुलाकात की तस्वीर एक्स पर साझा करते हुए लिखा कि लाओ पीडीआर में प्रधानमंत्री शिनावात्रा से मुलाकात की। थाईलैंड भारत का एक बहुत ही मूल्यवान मित्र है। हमारी बातचीत इस बात पर केंद्रित थी कि हमारे देशों के बीच व्यापार संबंधों को कैसे बेहतर बनाया जाए और सांस्कृतिक संबंधों को कैसे बढ़ावा दिया जाए। हम रक्षा, शिपिंग, डिजिटल नवाचारों और अन्य क्षेत्रों में भी बहुत संभावनाएं देखते हैं।

विदेश मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में बताया कि मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने थाई प्रधानमंत्री को पदभार ग्रहण करने पर बधाई दी। थाई प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी को उनके ऐतिहासिक तीसरे कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं दीं। दोनों नेताओं ने कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की। उन्होंने उप-क्षेत्रीय, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मंचों पर घनिष्ठ सहयोग बनाने के तरीकों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया। इस संदर्भ में उन्होंने बिम्सटेक के माध्यम से क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा की।

थाईलैंड के साथ भारत के संबंध भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ हैं, जो इस वर्ष एक दशक पूरा कर रहे हैं।

नई दिल्ली, 11 अक्‍टूबर (हि.स.)। रतन टाटा के बाद अब समूह की कमान नोएल टाटा संभालेंगे। मुंबई में शुक्रवार को टाटा ट्रस्ट की बैठक में नोएल टाटा को सर्वसम्‍म‍ति से टाटा ट्रस्ट का नया चेयरमैन चुना गया है।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि दिवंगत रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा को सर्वसम्मति से टाटा ट्रस्ट्स का चेयरमैन चुन लिया गया है। वे उन ट्रस्टों का नेतृत्व करेंगे, जो टाटा समूह की प्राथमिक होल्डिंग कंपनी टाटा संस में नियंत्रण हिस्सेदारी रखते हैं।

नोएल वर्तमान में टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड, वोल्टास लिमिटेड, टाटा इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड जैसी समूह की कंपनियों के अध्यक्ष हैं। साथ ही टाइटन कंपनी के उपाध्यक्ष भी हैं। नोएल टाटा अपने पारिवारिक संबंधों और समूह की कई कंपनियों में भागीदारी की वजह से टाटा की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए एक मजबूत दावेदार थे।

नोएल टाटा पहले ही सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं। ये दोनों ट्रस्ट टाटा संस में हिस्सेदारी रखते हैं। ये टाटा समूह की परोपकारी संस्थाओं का समूह है, जो 13 लाख करोड़ रुपये के रेवेन्यू वाले टाटा ग्रुप में 66 फीसदी की हिस्सेदारी रखता है। इसके तहत आने वाले सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के पास ही टाटा संस की 52 फीसदी हिस्सेदारी है।

बुधवार को 86 वर्षीय रतन टाटा के निधन के बाद नोएल टाटा की नियुक्ति हुई है। वे टाटा संस के मानद चेयरमैन थे और टाटा ट्रस्ट्स के प्रमुख थे। भारत की अग्रणी सार्वजनिक धर्मार्थ संस्थाओं में से एक के रूप में ट्रस्ट का प्रबंधन इसकी दो प्रमुख संस्थाओं: सर रतनजी टाटा ट्रस्ट और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट में 13 ट्रस्टियों के बोर्ड द्वारा किया जाता है।

उल्‍लेखनीय है कि टाटा ट्रस्ट्स, टाटा समूह के प्रशासन में अहम भूमिका निभाते हैं। ये टाटा संस में 66 फीसदी हिस्सेदारी को नियंत्रित करते हैं, जो ऑटोमोबाइल से लेकर विमानन तक के विविध व्यवसायों की देखरेख करने वाली होल्डिंग कंपनी है। अपने धर्मार्थ और परोपकारी कार्यों के माध्यम से इन ट्रस्टों ने वित्‍त वर्ष 2022-23 के दौरान लगभग 456.42 करोड़ रुपये (लगभग 56 मिलियन डॉलर) दान किए हैं।

मुंबई, 10 अक्टूबर (हि.स.)। शीर्ष उद्योगपति रतन टाटा आजीवन अपनी दादी नवाजबाई टाटा की सादगी की सीख को आजीवन जीते रहे। रतन टाटा के जीवन का सफर आसान नहीं था। टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन को भी पारिवारिक कलह का भी सामना करना पड़ा था। उनकी दादी ने पालन-पोषण किया और सादगीभरा शांत जीवन जीने की सीख दी थी, जिसका निवर्हन रतन टाटा ने अपने जीवन के आखिरी पड़ाव तक किया।

रतन टाटा का जन्म 28 सितंबर, 1937 को मुंबई में हुआ था। रतन टाटा के पिता नवल टाटा को टाटा परिवार ने गोद ले लिया था। नवल टाटा होर्मुसजी टाटा के रिश्तेदार भी थे। 1948 में जब रतन टाटा 10 साल के थे, तब उनके पिता नवल और मां सोनू का तलाक हो गया। तब रतन टाटा की देखभाल उनकी दादी नवाजीबाई ने की थी। उन्होंने रतन टाटा और उनके भाई दोनों का पालन-पोषण किया। इसलिए रतन टाटा को अपनी दादी की दी हुई सीख हमेशा याद रहती थी।

एक इंटरव्यू में बोलते हुए रतन टाटा ने अपनी दादी की यादों से जुड़े कुछ किस्से बताए थे। रतन टाटा ने कहा था कि अगर आप इस तरह से देखें तो मेरा बचपन मजेदार था। लेकिन जैसे-जैसे मैं और मेरा भाई बड़े हुए, हमें उग्रता और कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ा। इसका कारण हमारे माता-पिता का तलाक था। लेकिन हमारी दादी ने हमें अच्छे से पाला। जब मेरी माँ ने दूसरी शादी की, तो स्कूल में कुछ बच्चे हमारे बारे में इधर-उधर बातें कर रहे थे। हालाँकि, हमारी दादी ने हमें हमेशा सिखाया कि सीमा पार नहीं करनी चाहिए। यह शिक्षा आज तक हमारे साथ है।

रतन टाटा ने आगे कहा था कि दादी की इसी सीख के कारण हम अक्सर ऐसे बयानों को नजरअंदाज कर देते थे और इस तरह आगे की बहस भी टाल जाते थे। मुझे अभी भी याद है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद गर्मियों की छुट्टियों के दौरान मेरी दादी मुझे और मेरे भाई को लंदन ले गई थीं। वहां मुझे जीवन का मूल्य सीखने को मिला। वह हमेशा हमसे कहती थी कि ऐसा मत कहो, जो किसी को बुरा लगे। इसीलिए हमें बचपन से सिखाया गया है कि मर्यादाओं का उल्लंघन नहीं करना चाहिए। दादी हमेशा हमारे साथ थीं।

रतन टाटा ने कहा था कि मैं वायलिन सीखना चाहता था लेकिन मेरे पिता ने मुझसे पियानो सीखने को कहा। मैं अमेरिका में कॉलेज जाना चाहता था लेकिन मेरे पिता ने मुझे यूके जाने पर ज़ोर दिया। मैं आर्किटेक्ट बनना चाहता था और वे चाहते थे कि मैं इंजीनियर बनूं लेकिन अगर मेरी दादी नहीं होती तो मैं कभी भी अमेरिका विश्वविद्यालय में नहीं जा पाता। यह उन्हीं की वजह से था कि मैं मैकेनिकल इंजीनियरिंग में आया लेकिन वास्तुकला में डिग्री लेकर निकला। मेरे पिता बहुत परेशान थे और बहुत बहस हुई। लेकिन आखऱिकार मैं अपने पैरों पर खड़ा हो गया। मेरी दादी ने मुझे यही सिखाया है कि साहस सौम्य सम्मानजनक भी हो सकता है। रतन टाटा ने दादी की सीख को आजीवन मानते टाटा नामक ब्रांड को बड़ी नैतिकता और समर्पण के साथ पूरी दुनिया में विस्तार किया। इसके अलावा, अपने परोपकारी व्यक्तित्व के कारण, वह भारत के युवाओं के चहेते बन गए।

– हरियाणा विधानसभा चुनाव की हार पर मंथन के लिए दिल्ली में हुई पहली बैठक

चंडीगढ़, 10 अक्टूबर (हि.स.)। हरियाणा में मिली करारी हार को लेकर कांग्रेस में मंथन शुरू हो गया है। कांग्रेस हाईकमान ने टिकट आवंटन से लेकर चुनाव लड़ने तक की समीक्षा करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान समेत पार्टी प्रभारी दीपक बाबरिया को दिल्ली में तलब किया लेकिन तीनाें ही इस बैठक में शामिल नहीं हुए। नई दिल्ली में गुरुवार को हुई बैठक की खास बात यह रही कि इसमें कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला तथा कैप्टन अजय सिंह यादव को नहीं बुलाया गया।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणगुगोपाल, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, अजय माकन विशेष रूप से मौजूद रहे। बैठक में कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला तथा कैप्टन अजय सिंह यादव को नहीं बुलाया गया था लेकिन पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान तथा प्रभारी दीपक बाबरिया बुलाने के बावजूद इस बैठक में शामिल नहीं हुए। दीपक बाबरिया स्वास्थ्य ठीक नहीं हाेने के कारण वीसी से शामिल हुए, जबकि हुड्डा व उदयभान पूर्व निर्धारित कार्यक्रमाें के चलते बैठक में नहीं गये।

हाईकमान ने इस चुनाव में भूपेंद्र सिंह हुड्डा को फ्री हैंड दिया था, जिसके चलते 90 में 73 सीटों पर हुड्डा की पसंद के उम्मीदवार उतारे गए। चुनाव प्रचार के दौरान भी भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने ही कमान संभाली। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इस बैठक में कहा है कि चुनाव के दौरान हमारे नेताओं के निजी हित पार्टी के हितों से ऊपर रहे। बैठक में तय किया गया कि हार के कारणों को जानने के लिए फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई जा रही है, जो हरियाणा में जाकर नेताओं से चर्चा करके रिपोर्ट हाईकमान को सौपेंगी। कमेटी में कौन-कौन चेहरे शामिल किए जाएंगे, अभी उनके नामों पर चर्चा नहीं हो पाई है।

करीब आधे घंटे चली मीटिंग के बाद कांग्रेस नेता अजय माकन ने हुड्डा-सैलजा के मतभेदों पर कहा कि हार के बहुत सारे कारण हैं, जो चुनाव आयोग से लेकर नेताओं के मतभेद तक हैं। इन्हीं सब कारणों पर चर्चा हुई और आगे भी चर्चा करेंगे। आधे घंटे की मीटिंग में इस मामले में किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंचा जा सका। आज की मीटिंग में हमने आगे की रणनीति पर चर्चा की है। आगे जो भी होगा, उसकी जानकारी केसी वेणुगोपाल देंगे।

नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (हि.स.)। गृह मंत्रालय ने हिज्ब-उत-तहरीर को आतंकवादी संगठन घोषित किया है। गृह मंत्रालय ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत हिज्ब-उत-तहरीर (हुत) और उसके सभी रूपों और प्रमुख संगठनों को आतंकवादी संगठन घोषित किया है। गृह मंत्रालय ने गुरुवार काे यह अधिसूचना जारी की है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 1953 में यरूशलम में बने वैश्विक इस्लामी कट्टरपंथी संगठन हिज्ब-उत-ताहिर (हुत) को आतंकवादी संगठन घोषित कर इसके ऊपर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार का कहना है कि यह संगठन आतंकवादी गतिविधियों में शामिल है जोकि देश के भोले-भाले नागरिकों को जिहाद की आड़ लेकर उन्हें प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन आईएसआईएस में शामिल करने के लिए उकसाता है।

मंत्रालय के मुताबिक, यह संगठन आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन जुटाने का भी काम कर रहा है। देश में कई आतंकवादी गतिविधियों में इसका हाथ रहा है। सरकार ने यह भी कहा है कि हिज्ब-उत-तहरीर नाम का यह संगठन भारत समेत दुनिया भर में इस्लामिक राज्य स्थापित करना चाहता है। इसी मकसद को हासिल करने के लिए यह आतंकवादी गतिविधियों में शामिल है। यह देश की एकता-अखंडता को खतरा है। इस पर प्रतिबंध लगाना बेहद जरूरी है।

गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में यह भी बताया गया है कि यह संगठन विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म का इस्तेमाल करते हुए मासूम नौजवानों को आतंकवाद में शामिल होने के लिए उकसा रहा है। यह संगठन देश में अशांति फैलाना चाहता है। केंद्र सरकार का यह भी मानना है कि यह संगठन भारत में आतंकवाद के कई कार्यों में शामिल रहा है। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने देश में हिंसक जिहाद छेड़कर, भारत सरकार को उखाड़ फेंककर, खिलाफत की स्थापना करने के मामले में तमिलनाडु से फैजुल रहमान को गिरफ्तार किया। यह हुत से संबद्ध आतंकी है। वह अब एनआईए की हिरासत में सातवां आरोपी है।

-वरली श्मशान घाट पर राजकीय सम्मान के साथ किया गया अंतिम संस्कार

मुंबई, 10 अक्टूबर (हि.स.)। देश के अनमोल रतन, शीर्ष उद्योगपति, पद्मविभूषण रतन टाटा का गुरुवार शाम का राजकीय सम्मान के साथ वरली के श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया गया। मौके पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर उपस्थित थे। इसके साथ राजनीतिक, फिल्म जगत, खेल जगत, उद्योग जगत के अतिविशिष्ठ लोगों नम आंखों से अपने प्रिय उद्योगपति के पार्थिव शरीर को अंतिम विदाई दी।

रतन टाटा का कल देर रात ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया था। वह 86 वर्ष के थे। रतन टाटा के पार्थिव शरीर को ब्रीच कैंडी अस्पताल से कोलाबा स्थित उनके आवास ले जाया गया। वहां उनके परिवार, रिश्तेदारों और विभिन्न क्षेत्रों के दिग्गजों ने उनके अंतिम दर्शन किए। इसके बाद आज सुबह 10 बजे रतन टाटा का पार्थिव शरीर कोलाबा स्थित उनके आवास से एनसीपीए लाया गया। इस मौके पर मुंबई पुलिस ने रतन टाटा को श्रद्धांजलि दी।

रतन टाटा का पार्थिव शरीर आज सुबह 10 बजे मुंबई के एनसीपीए में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे, उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, वरिष्ठ नेता शरद पवार, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मंत्री उदय सामंत, विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार, उद्योगपति मुकेश अंबानी समेत बॉलीवुड और इंडस्ट्री के दिग्गजों ने रतन टाटा के पार्थिव शरीर का अंतिम दर्शन किया। शाम 4 बजे के बाद रतन टाटा के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए वर्ली श्मशान घाट ले जाया गया। श्मशान घाट में पुलिस ने रतन टाटा के पार्थीव को सलामी दी और इसके बाद उनका अंतिम संस्कार किया गया।