नई दिल्ली: अभिनेत्री काजोल का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में काजोल अपने दोस्तों के साथ पार्टी करती नजर आ रही है. बताया जा रहा है कि काजोल ने इस पार्टी का फेसबुक लाइव किया था.

 

इस फेसबुक लाइव में काजोल अपने दोस्त रेयान से बातें कर रही हैं, जिसमें वह बता रहा है कि उसने पार्टी के लिए बीफ का व्यंजन बनाया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह वीडियो काजोल के फेसबुक और इंस्टाग्राम पर मौजूद था, लेकिन सोमवार को उन्होंने इसे हटा लिया. हालांकि कई लोगों ने इस वीडियो को डाऊनलोड कर लिया और अपने पेज से लगातार शेयर कर रहे हैं. काजोल बताती हैं कि इस व्यंजन को उनके दोस्त ने बनाया है. तभी काजोल के दोस्त रेयान उस बाउल में कुछ ग्रेवी (रसा) जैसी चीज डालते हैं. इसके बाद काजोल अपने दोस्त रेयान को कैमरे के सामने बुलाती हैं और पूछती हैं ये कौन सी डिश है? इसके जवाब में रेयान कहते है कि यह बीफ है.

हालांकि मामले के तूल पकड़ने के बाद अभी तक काजोल की तरफ से कोई बयान नहीं आया है.

पटना: केंद्र सरकार के लालबत्ती हटाने के फैसले की बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और सूबे के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने निंदा की है.

पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि लोग लालबत्ती के पीछे क्यों पड़े हैं? अशोक चौधरी ने कहा कि वीआईपी कल्चर में केवल लालबत्ती हटाना ही काफी नहीं है. राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के लिए रोड को एक घंटे के लिए रोकना भी VIP कल्चर हैं. उन्होंने कहा कि केवल लालबत्ती से हटाने से वीआईपी कल्चर खत्म नहीं होता है.

छपरा: भीषण गर्मी में सड़कों पर रिक्शा और ठेला चालकों को राहत पहुँचाने के उद्देश्य से लियो क्लब के सदस्यों ने उनके बीच शर्बत और टोपी का वितरण किया. मज़दूर दिवस के अवसर पर क्लब के सदस्यों ने स्थानीय नगरपालिका चौक पर चिलचिलाती धूप एवं गर्मी से राहत दिलाने के लिए उन्हें शर्बत पिलाया और टोपियाँ बाँटी. टोपी पाकर और शर्बत पीकर रिक्शा एवं ठेला चालकों ने संस्था के प्रति अपनी खुशी जताई. 

लियो क्लब के अध्यक्ष कुंवर जायसवाल ने बताया कि इस अभियान के तहत लगभग 500 टोपियों का वितरण किया गया. जिससे गर्मी और चिलचिलाती धूप से उन्हें राहत मिलेगी.

इस अवसर पर लियो सचिव साकेत श्रीवास्तव, कोषाध्यक्ष निखिल गुप्ता, अंकित राज, विकास, विक्की गुप्ता, अली, सन्नी, रोहित, आशुतोष, जे पी, एस के सिंह, अमर, धीरज सिंह, सुमित, गणेश पाठक, प्रकाश सिंह समेत कई लायंस एवं लियो सदस्य मौजूद थे. जानकारी लियो क्लब के संयुक्त पीआरओ आदित्य अग्रवाल ने दी.

नई दिल्ली: पाकिस्तान ने एक बार फिर बॉर्डर पर सीजफायर का उल्लंघन किया है. फायरिंग में सेना और बीएसएफ के एक-एक जवान शहीद हो गए. एक बीएसएफ जवान घायल भी हुआ है. शहीदों में एक सेना में कनिष्ठ अधिकारी (JCO) और एक बीएसएफ में हेड कांस्टेबल थे. शहीद जवानों में 22 सिख रेजीमेंट के नायब सूबेदार परमजीत सिंह और 200 बटालियन बीएसएफ के हेड कांस्टेबल प्रेम सागर हैं.

शहीद जवानों के साथ बर्बरता
पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम ने शहीद जवानों के साथ बर्बरता की. सेना के मुताबिक पाकिस्तान ने 2 भारतीय जवानों को क्षत-विक्षत कर दिया. सूत्रों ने बताया कि दोनों जवान पाकिस्तानी रॉकेट लांन्चर और स्वचालित बंदूकों से उस समय घायल हुए जब वे सीमावर्ती पोस्ट की रक्षा कर रहे थे.

बेकार नहीं जाएगी शहादत
रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि दोनों जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी. जेटली ने कहा कि ऐसी हरकत तो जंग में भी नहीं की जाती है. रक्षा मंत्री बोले कि पाकिस्तान की यह अमानवीय हरकत है, सेना को जो भी जवाब देना होगा वह सेना देगी.

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के सांसद और दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी के घर कुछ अज्ञात लोगों ने हमला कर दिया. मनोज तिवारी ने इस घटना को गहरी साजिश करार दिया है.

रविवार देर रात बीजेपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी के नार्थ एवन्यू घर पर कुछ अज्ञात हमलावरों ने हमला कर दिया. हालांकि जिस वक़्त ये हमला किया गया उस वक़्त मनोज तिवारी घर पर मौजूद नहीं थे. वो किसी समारोह में गए हुए थे. हमलावरों की पूरी हरकत सीसीटीवी कैमरे में क़ैद हो गयी.

मनोज तिवारी के मुताबिक हमलावरों ने घर में घुसकर हर कमरे की तलाशी ली और घर में मौजूद उनके स्टाफ के साथ मारपीट भी की. जिस वक़्त हमलावरों ने उनके घर पर हमला किया लगभग उसी वक़्त वो घर पर मौजूद रहते हैं.

छपरा: एक एक ईंट जोड़ कर दूसरों के घरों को बनाने वाले मजदूर खुद प्रतिदिन घर में चूल्हा जले इसलिए सुबह से लेकर शाम तक मेहनत करते है.

सुबह-सुबह शहर के कई ऐसे जगह है जहां मजदूर इकट्ठे होकर मजदूरी ढूंढते दिखते है. प्रतिदिन सुबह शुरू होने वाला यह संघर्ष शाम में घर के चूल्हे को जलाने और बच्चों को पालने के लिए होता है. किसी दिन मजदूरी नही मिली तो फिर उस दिन बच्चे भूखे सोने पर मजबूर हो जाते है.

देश में मनरेगा जैसी मजदूरी की गारेंटी देने वाली योजना भी चल रही है, पर मजदूरों को इसका कितना लाभ मिलता है यह उन जगहों पर जाकर देखा जा सकता है जहां रोजाना ये काम की तलाश में घंटों खड़े रहते है. लोग आते है मजदूरी का मोल भाव होता है, अगर बात बनी तो घर मे चूल्हा जलेगा नही तो नही.

बात जब मजदूर दिवस की हो रही है तो यह कहने में कोई संकोच नही होगा कि यह एक मात्र ऐसा दिवस है जिस दिन जिसके लिए कार्यालयों में अवकाश होता है वह काम कर रहा होता है. अगर मजदूर दिवस के दिन कोई मजदूर छुट्टी मनाए तो उसके घर शायद चूल्हा ना जले.

इस दिन बड़े आयोजन होते है, मजदूरों के संघर्ष और अन्य मुद्दों पर केवल बातें होती है, कार्यक्रमों का आयोजन होता है. मजदूरों के लिए बड़े बड़े बातें कही जाती है. किन्तु सच्चाई यह है कि मजदूर अपने हाल पर बेहाल है.

दुनिया के कई देश 1 मई को मजदूर दिवस मनाते हैं. भारत में पहली बार 1 मई 1923 को हिंदुस्तान किसान पार्टी ने मद्रास में मजदूर दिवस मनाया था. 1 मई को 80 से ज्यादा देशों में राष्ट्रीय छुट्टी होती है.

मजदूर दिवस की शुरुआत कनाडा में 1972 में हुई. यह मजदूरों के अधिकारों की मांग के लिए शुरू किया गया था. मजदूर दिवस को उत्सव के रूप में पहली बार अमेरिका में 5 सितंबर 1882 को मनाया गया. दुनिया के कई देशों में मजदूर दिवस ‘मई डे’ के रूप में मनाया जाता है. इसकी शुरुआत शिकागो से हुई थी. मजदूरों ने वहां मांग की कि वे सिर्फ 8 घंटे काम करेंगे. इसके लिए उन्होंने कैंपेन चलाया, हड़ताल और प्रदर्शन भी किया.

हर साल की तरह आज भी सत्ता जहाँ मजदूरों के लिए चलाई जा रही योजनाओं पर अपनी पीठ थपथपा आत्ममुग्ध होगी तो वही विपक्ष और बुद्धिजीवी समाज मजदूरों की दुर्दशा, उनके सम्मान पर लच्छेदार बाते कर खुद को गौरवान्वित करेगा.

आज सार्वजनिक छुट्टी होने के वजह से अधिकारी और नेता तो आराम करेंगे पर मजदूर, मजदूरी करने जरूर जायेगा क्योकी अगर वह भी छुट्टी मनाये तो शायद उसके घर में शाम में चूल्हा न जल सके.