Chhapra: दर्शन नगर छपरा में अवस्थित विद्या भारती विद्यालय सरस्वती विद्या मंदिर में 11 वाँ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के शुभ अवसर पर योगाभ्यास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। योगाभ्यास कार्यक्रम का प्रारंभ प्रभारी राजेश कुमार पाठक, वरिष्ठ आचार्य राजेश कुमार, अनिल कुमार आजाद, योग प्रशिक्षक संगीता कुमारी ,मणि भूषण सिंहा, विशाल कुमार सिंह ,द्वारा महर्षि पतंजलि एवं भारत माता के चित्र पर पुष्प अर्पित एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस योगाभ्यास कार्यक्रम का प्रस्तावना राजेश कुमार पाठक द्वारा दिया गया । जबकि मंच संचालन मणि भूषण सिंहा द्वारा किया गया । प्रधानाचार्य फणीश्वरनाथ के नेतृत्व में आयोजित योगाभ्यास कार्यक्रम में योग प्रशिक्षक संगीता कुमारी, विशाल कुमार सिंह ,अनिल कुमार आजाद ,मणि भूषण सिंहा राजेश कुमार पांडे द्वारा सूक्ष्म योग, प्राणायाम, व्यायाम योग ,सूर्य नमस्कार, गीत योग, सूर्य नमस्कार इत्यादि योग क्रियाओं का प्रदर्शन किया गया। योग प्रशिक्षक संगीता कुमारी द्वारा योगाभ्यास के महता पर प्रकाश डालते हुए कही की हम सब योग के अष्टांग अंग को धारण करके हम एक स्वस्थ मानव के साथ-साथ एक स्वस्थ समाज का भी निर्माण कर सकते हैं। इसलिए आज के भाग दौड़ की जिंदगी में अपने आप को हर तरह से स्वस्थ रखने के लिए योग करना आवश्यक है। कार्यक्रम का समापन अनिल कुमार आजाद के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। इस कार्यक्रम में हजारों की संख्या में भैया – बहन , अभिभावकगण , आचार्य – बंधु भगिनी उपस्थित थे।

योग आत्मिक संतुलन, मानसिक शांति और शारीरिक सुदृढ़ता के लिए आवश्यक: प्रमेन्द्र रंजन सिंह

Chhapra: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर गंगा सिंह महाविद्यालय छपरा के एनएसएस यूनिट 1 की ओर से महाविद्यालय परिसर में ‘योग संगम’ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर योग प्रशिक्षक डॉ प्रहृष्ठ सिंह ने उपस्थित छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों को योग के विभिन्न आसनों की जानकारी देते हुए उसकी महत्ता बतलाई।

योग संगम के अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो प्रमेन्द्र रंजन सिंह ने कहा कि हमारा देश सांस्कृतिक विविधताओं का प्रदेश रहा है। सभी धर्मों का चिंतन एवं दर्शन तथा जीवन-पद्धति एवं आचार-व्यवहार अपनी-अपनी विशिष्टताओं के साथ हमारे बीच मौजूद है। योग एक ऐसी साधनात्मक पद्धति है, जिसे शारीरिक एवं मानसिक शुचिता तथा आध्यात्मिक शांति के लिए लाभकारी माना गया है।

प्राचार्य ने कहा कि हमारा प्रदेश तो प्राचीन काल से ही ज्ञान व अध्यात्म की भूमि रही है। यह गौरव का विषय है कि मुंगेर का बिहार योग विद्यालय विश्व का पहला योग विश्वविद्यालय रहा है। योग तो हमारे जीवन और चिंतन में समाहित है। कार्यक्रम का संचालन एनएसएस के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ कमाल अहमद ने किया।