Chhapra: पानी की कमी से शहर से लेकर गांव में हाहाकार मचा है. लोग पानी के लिए भटक रहे है. वही जहां पानी सहजता से मिल रही है वहां बर्बाद भी खूब हो रही है. साफ पानी पीने के नाम, शौक में शहर के अधिकतर घर में वाटर प्यूरीफायर लगा मिलेगा. इस वाटर प्यूरीफायर में एक लीटर पानी साफ करने में अनुमानतः 4 लीटर पानी बर्बाद होती है. इससे समझा जा सकता है कि एक ओर लोग पानी नही मिलने से परेशान है वही दूसरी ओर इसे बर्बाद किया जा रहा है.

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शहर में आरओ वाटर के हजारों प्लांट चल रहे है जो लोगों तक आरओ का साफ पानी पहुंचाने का दावा कर रहे है. इनके प्लांट में भी बड़े पैमाने पर पानी साफ की जाती है जिससे पानी की बर्बादी निश्चित रूप से होती है. वही वाहनों के धुलाई में भी पानी की बड़े पैमाने पर बर्बादी देखने को मिलती है.

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शहर में सड़क निर्माण में भी रोजाना टैंकर से पानी का छिड़काव हो रहा है, जिसको भी गर्मी में जब तक पानी की किल्लत है टाला जा सकता है. पानी की कमी खास कर गर्मी के मौसम में इस तरह के चीजों पर पाबंदी या उपयोग कम कर हम पानी बचा सकते है. जरूरत है पहल करने की.

वही शहर के कई जगह पीने के पानी के पाइप लाइन फट जाने से रोजाना हजारों लीटर पानी बर्बाद हो जा रहा है. व्यवस्था को सही करने वालों को इसे लेकर कोई फर्क नहीं पड़ रहा.   

VIDEO: नगरपालिका चौक क्व पास सड़क पर बहता पीने का पानी  

पटना: महाराष्ट्र के बाद अब बिहार भी धीरे-धीरे जलसंकट की और बढ़ रहा है.ताजा सर्वेक्षण के मुताबिक दक्षिण बिहार के 17 जिलों में भू-जलस्तर में गिरावट आई है.लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के हालिया रिपोर्ट के मुताबिक मार्च 2014 की तुलना में मार्च 2016 में राजधानी पटना समेत 17 जिलों के भू-जलस्तर में गिरावट आई है.

इन जिलों के भू-जलस्तर में आई है गिरावट

जांच रिपोर्ट के मुताबिक राजधानी पटना, गया, जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद, कैमूर, सासाराम, नवादा, नालंदा,मुंगेर, भागलपुर, जमुई, शेखपुरा, लखीसराय और भोजपुर जिलों के भू-जलस्तर में गिरावट आई है.

क्या कहते हैं भू-गर्भ के जानकार

भू-जलस्तर में आई गिरावट पर विशेषज्ञों का मानना है कि जलस्तर के कम होने से चापाकल और कुँए तथा तालाबों के सूखने की स्थिति हो सकती है जिससे आम आदमी के साथ-साथ पशु-पक्षियों को भी संकट का सामना करना पड़ सकता है.