Chhapra: देश में इन दिनों बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने, उसकी तुलना प्रतिबंधित संगठन पीएफआई से करने से राजनीति गरमाई हुई है। इन मुद्दों पर विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे से छपरा टुडे डॉट कॉम के संपादक सुरभित दत्त ने बातचीत की।

विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा कि कुछ राजनैतिक दल हिन्दू हित में कार्य करने वाले संगठनों का अपमान कर वोट बटोरना चाह रहें हैं जो विशुद्ध रूप से मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति है। इस देश में 80 प्रतिशत हिन्दू हैं। हिंदुओं का इतिहास ही इस देश का इतिहास है, हिंदुओं की संस्कृति ही इस देश की संस्कृति है।

बजरंग दल की तुलना पीएफआई से करना बिल्कुल गलत है। बजरंग दल अनुशासन के साथ कानून के दायरे में रह कर कार्य करने वाला संगठन है।

उन्होंने कहा कि यदि मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए हिंदुओं का अपमान होगा तो हिन्दू समाज को यह सोचना ही चाहिए की सत्ता में कैसे लोग बैठेंगे। हिन्दू हित के विपरीत सोचने वाले लोग यदि सत्ता में बैठेंगे तो इस देश की दुर्दशा हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद Day To Day की राजनीति नहीं करता। राजनीति से विश्व हिन्दू परिषद का कोई लेना देना नहीं है। किसी भी राजनीतिक दल से जुड़ा व्यक्ति विश्व हिन्दू परिषद का सदस्य नहीं बन सकता।

उन्होंने हिन्दू राष्ट्र बनाने की चर्चाओं पर कहा कि विश्व हिन्दू परिषद की सोंच है कि भारत हिन्दू राष्ट्र था, है, और रहेगा। इसे हिन्दू राष्ट्र बनाना कोई विषय नहीं है। यह हिन्दू राष्ट्र है ही। कुछ लोगों के पास हिन्दू राष्ट्र के विषय में ठीक से समझ नहीं है। जैसे कोई इस्लामिक और ईसाई देश होता है, वैसे वो हिन्दू राष्ट्र को समझना चाहते हैं। उन्हे मन में वह एक राजनैतिक संकल्पना है। मगर हिन्दू राष्ट्र राजनीतिक संकल्पना नहीं है,यह समझना होगा। वह भू राजनैतिक संकल्पना नहीं है। वह भू सांस्कृतिक संरचना है। विश्व हिन्दू परिषद इस राष्ट्र को संगठित, प्रबल और शक्तिशाली बनाने का कार्य कर रहा है।

किसी भी जिम्मेदार संगठन और नागरिक का यह कर्तव्य है कि राष्ट्र में क्या हो रहा है, योग्य नीतियाँ बन रहीं हैं की नहीं, इसके बारे में सोचना ही चाहिए। विश्व हिन्दू परिषद का आह्वान है कि सभी नागरिकों को मतदान करना चाहिए। हिन्दू हित ही देश हित है, यह किसी के भी विरुद्ध नहीं है। हिन्दू हित राजनीति का नहीं बल्कि विश्वास का विषय बनाना चाहिए।

 

छपरा: विश्व हिन्दू परिषद को सारण जिले में एक नई पहचान दिलाने वाले श्यामलाल चौधरी का निधन गुरुवार को हृदयगति रुक जाने से हो गया. 73 वर्षीय श्यामलाल चौधरी वर्त्तमान में विश्वहिंदू परिषद के सारण प्रमंडल के विभागाध्यक्ष थे.

श्यामलाल चौधरी ने सारण जिला में विश्व हिन्दू परिषद को अपने कर्तव्यनिष्ठा से शून्य से शिखर तक ले जाने में जो योगदान दिया है. वो कभी भूला नहीं जा सकता.

सौम्य व्यवहार वाले श्यामलाल चौधरी ने समाज के उत्थान के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किये हैं.

श्यामलाल चौधरी जीवन के अंतिम समय तक अपने दायित्वों और समाज के प्रति अपने कर्तव्यों के लिए कार्य करते रहे. इनकी गिनती समाज के एक प्रखर और प्रबुद्ध व्यक्तियों में की जाती थी.

श्यामलाल चौधरी कई बार विश्व हिन्दू परिषद के महत्वपूर्ण पदों पर योगदान दे चुके थे. समाज के हर वर्ग के लोग उन्हें अपना आदर्श मानते थे. राजनीति और व्यवसाय से जुड़े लोगों में भी वो काफी लोकप्रिय थे.

इनके निधन पर विश्व हिन्दू परिषद्, विद्यार्थी परिषद, बजरंगदल, सारण जिला व्यवसायी संघ एवं समाज से जुड़े कई प्रबुद्ध नागरिकों ने गहरी संवेदना जताई है. अंतिम संस्कार शुक्रवार को डोरीगंज घाट पर किया जाएगा.