New Delhi, 3 जुलाई (हि.स.)। नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने गुरुवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से उनके आवास पर शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर एडमिरल त्रिपाठी ने छत्रपति शिवाजी महाराज की ऐतिहासिक ‘राजमुद्रा’ की प्रतिकृति उपराष्ट्रपति को भेंट स्वरूप प्रस्तुत की। उपराष्ट्रपति के एक्स हैंडल पर मुलाकात की तस्वीर साझा करते हुए यह जानकारी दी गई।

राजमुद्रा मराठा साम्राज्य की गौरवपूर्ण विरासत और प्रशासनिक दूरदर्शिता की प्रतीक मानी जाती है

यह राजमुद्रा मराठा साम्राज्य की गौरवपूर्ण विरासत और प्रशासनिक दूरदर्शिता की प्रतीक मानी जाती है। इस पर अंकित संस्कृत श्लोक का अर्थ है, शाहजी के पुत्र शिवाजी की यह मुहर, सभी के कल्याण के लिए चमकती है, पहली रात के अर्धचंद्र की तरह, जो पूरे विश्व में निरंतर फैलती और पूजनीय है।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने नीति और राष्ट्रभक्ति को याद किया

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने इस भेंट को ऐतिहासिक और प्रेरणादायक बताते हुए छत्रपति शिवाजी महाराज के शासन, नीति और राष्ट्रभक्ति को याद किया। उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज का जीवन आज भी जनसेवा, नीतिपूर्ण प्रशासन और आत्मगौरव का पथप्रदर्शक है।

राजमुद्रा की यह प्रतीकात्मक भेंट भारतीय नौसेना और मराठा साम्राज्य के बीच उस गौरवपूर्ण सामुद्रिक परंपरा को भी रेखांकित करती है, जिसकी नींव स्वयं शिवाजी महाराज ने रखी थी।