Panapur: महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल द्वारा पानापुर के कई बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने बाढ़पीड़ितों से मुलाकात की और आवश्यक निर्देश दिए.

श्री सिग्रीवाल ने पानापुर प्रखंड के कोंध भगवानपुर और तरैया प्रखंड के सगुनी, राजवाड़ा, अरदेवा माधोपुर, शीतलपुर और फरिदनपुर बाढ़ क्षेत्रो का दौरा किया.

सांसद ने बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए बनाये गए कैंप में जाकर उनके साथ बातचीत करते हुए खान-पान सहित उनके रहने की व्यवस्था का जायजा लिया. इसके साथ ही अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द मुआवजा देने के लिए निर्देशित किया.

श्री सिग्रीवाल ने कहा कि सरकार इस आपदा में जनता के साथ खड़ी है. उन्हें हर संभव मदद दिलाई जा रही है. बाढ़पीड़ितों के रहने खाने की नियमित व्यवस्था की गई है जिससे कि उन्हें किसी तरह की परेशानी ना हो.

इस दौरान धीरज सिंह सहित कई भाजपा कार्यकर्ता मौजूद थे.

Chhapra: बिहार से उत्तरप्रदेश को जोड़ने वाले अति महत्वपूर्ण जय प्रभा सेतु के जर्जर होने के मामले को महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने संसद में उठाया है.

सांसद सिग्रीवाल ने संसद का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि पिछले 5 सालों से जयप्रभा सेतु की सड़क बुरी तरह क्षतिग्रस्त है. सेतु का रेलिंग महीनों से टूटा हुआ है. सड़क पर अनेक असंख्य गढ्ढे है जिसमें गिरकर आए दिन लोग जख्मी और मौत के शिकार हो रहे है.

उक्त पुल जर्जर होने के कारण दुर्घटना में एक वर्ष में लगभग 24 लोगों की जाने जा चुकी है. उन्होंने इस पुल की जल्द से जल्द मरम्मती की मांग की है. जिससे आम लोगों को दिक्कतों का सामना नही करना पड़े.

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Chhapra: भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने की मांग लगातार उठती रही है. भोजपुरी क्षेत्रवासी हमेशा से चाहते हैं कि भोजपुरी संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल हो जाए.

महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने लोगों की भावनाओं का ख्याल रखते हुए मंगलवार को संसद में नियम 377 के अधीन सूचना के अंतर्गत इस मामले को उठाया.

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सांसद सिग्रीवाल ने संसद में मांग उठाते हुए कहा कि अभिव्यक्ति के लिए भाषा की महत्ता और अनिवार्यता कितनी है हम सभी इस से अवगत हैं. इसी कारण व्यक्ति अपने अपने क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषाओं के विकास, प्रचार, प्रसार और मान्यताओं के लिए हमेशा प्रयासरत रहता है. हमारे देश में अनेक भाषाएं बोली जाती हैं इन्हीं भाषाओं में से एक प्राचीन भाषा का भोजपुरी भी है. यह भाषा विश्व के कई देशों तथा देश के कई राज्यों में करोड़ों करोड़ों लोगों द्वारा बोली और समझी जाती है.

इतनी प्राचीन और बड़े भूभाग में बड़ी जनसंख्या में बोली जाने वाली भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में सम्मिलित किए जाने हेतु देश के अनेक संगठनों, प्रतिनिधियों द्वारा बहुत लंबे समय से संसद से लेकर सड़क तक आवाज उठाई जाती रही है. पूर्व की सरकारों द्वारा कई बार आश्वासन दिया गया की आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने हेतु शीघ्र आवश्यक कदम उठाया जाएगा. इसके बावजूद आज तक भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में सम्मिलित नहीं किया जा सकता है.

सांसद सिग्रीवाल ने लोकसभा के अध्यक्ष के माध्यम से सरकार से विशेष आग्रह करते हुए कहा कि भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने हेतु शीघ्र आवश्यक कदम उठाया जाए. जिससे कि देश के अंदर वास कर रहे करोड़ों लोगों की भावनाओं और उनके विश्वास का आदर हो सके.

 

नई दिल्ली: लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जन्मस्थली ‘छपरा’ से लेकर महात्मा गाँधी की कर्मस्थली ‘पूर्वी चम्पारण’ को सीधे रेल लाइन से जोड़ने के लिए एक नई रेल लाइन बिछाने का मुद्दा महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने बुधवार को लोक सभा उठाया.

सांसद सिग्रीवाल ने कहा कि बिहार राज्य के सारण और चम्पारण जिलों का भारत के स्वतत्रता संग्राम में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रहा है. यहाँ के कई व्यक्तियों, मनीषियों एवं नेताओं ने देश की आज़ादी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर किया है.
जिनका नाम देश के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित है.

इन्ही में से एक महापुरुष लोकनायक जय प्रकाश की जन्मस्थली जिला सारण में मेरे संसदीय क्षेत्र महाराजगंज का दो तिहाई क्षेत्र पड़ता है. इस क्षेत्र का विस्तार उत्तर प्रदेश की सीमा से गोपालगंज एवं चम्पारण जिला की सीमा तक है. चंपारण जिला तो महात्मा गाँधी जी का कर्मस्थल भी रहा है.

उन्होंने ने दोनों स्थानों एवं दोनों महापुरुषों की ऐतिहासिक योगदान के मद्देनजर यहाँ की जनता के लिए सरकार से लोकनायक जयप्रकाश की जन्म स्थली जिला सारण के छपरा से जलालपुर, बनियापुर, भगवानपुर, बसंतपुर, मलमलिया, मोहम्मद, डुमरियाघाट, खजुरिया चौक होते हुए महात्मा गाँधी की कर्मस्थली चम्पारण के चकिया तक एक नई रेलवे लाइन बनाने हेतु आवश्यकता पहल किये जाने की मांग की है.

सांसद ने कहा कि नई रेल लाइन के बनने से न केवल बिहार के जिलों की जनता को रेल यातायात की सुविधा प्रदान की जा सकती है, बल्कि इससे नेपाल जैसे पड़ोसी देश की जनता को भी सुविधा प्रदान की जा सकती है. इस नई रेल लाइन के बनने से उत्तर प्रदेश के वाराणसी से बलिया, छपरा होते हुए मोतिहारी, रक्सौल तक की रेल यात्रा की दूरी काफी घट जाएगी. इस दूरी के घटने से सम्बंधित क्षेत्र के यात्रियों को समय की बचत और आर्थिक बचत भी होगी. वाणिज्य दृष्टि से भी रेलवे को लाभ मिलेगा. क्योंकि इस नये रेल मार्ग से नेपाल से साथ व्यापारिक संबधों से तहत माल की ढुलाई भी अधिक हो सकेगी.