New Delhi, 1 अक्टूबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की शताब्दी वर्षगांठ पर बुधवार को आयोजित विशेष समारोह को संबोधित करते हुए संघ की 100 वर्षों की यात्रा को त्याग, निःस्वार्थ सेवा और राष्ट्र निर्माण की अद्भुत मिसाल बताया। उन्होंने कहा कि विजयादशमी का पर्व अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक है और इसी दिन 1925 में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने संघ की स्थापना की थी।

यह राष्ट्र चेतना का पुण्य अवतार था: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “संघ की स्थापना कोई संयोग नहीं था बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपरा के पुनरुत्थान का संगठित प्रयास था। यह राष्ट्र चेतना का पुण्य अवतार था।” प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर देशवासियों को नवरात्रि और विजयादशमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पीढ़ी सौभाग्यशाली है, जिसे संघ के शताब्दी वर्ष जैसे महान अवसर का साक्षी बनने का अवसर मिल रहा है।

इस ऐतिहासिक अवसर पर भारत सरकार ने 100 रुपये का स्मारक सिक्का और विशेष डाक टिकट जारी किया। सिक्के पर एक ओर राष्ट्रीय चिन्ह तथा दूसरी ओर भारत माता की भव्य छवि अंकित की गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार मुद्रा पर भारत माता की तस्वीर अंकित की गई है। डाक टिकट में वर्ष 1963 का वह क्षण दर्शाया गया है, जब संघ के स्वयंसेवक पहली बार गणतंत्र दिवस परेड में शामिल हुए थे।

RSS के लाखों कार्यकर्ताओं ने राष्ट्र सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित किया है: प्रधानमंत्री 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संघ ने अपने कार्यकर्ताओं के अनुशासन और समर्पण भाव से समाज के हर आयाम को स्पर्श किया है। उन्होंने कहा, “कृषि, विज्ञान, आदिवासी कल्याण, महिला सशक्तिकरण, समाज सेवा या श्रमिक हित- संघ की धारा हर क्षेत्र में प्रवाहित होती रही है। संघ का उद्देश्य राष्ट्र निर्माण है और उसकी कार्यपद्धति में नित्य शाखा इसका आधार है।”

उन्होंने सभी स्वयंसेवकों और उनके परिवारों को स्मरण करते हुए कहा कि लाखों कार्यकर्ताओं ने राष्ट्र सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित किया है। प्रधानमंत्री ने परम पूजनीय डॉ. हेडगेवार को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनके विचारों और संकल्प ने भारत को एक नए युग की ओर अग्रसर किया।

आने वाला समय राष्ट्र निर्माण की दिशा में और भी महत्वपूर्ण होगा: प्रधानमंत्री 

प्रधानमंत्री ने कहा कि संघ के शताब्दी वर्ष में हमें राष्ट्र सेवा का संकल्प और मजबूत करना चाहिए। उन्होंने सभी देशवासियों से आह्वान किया कि वे समाज और राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए आगे बढ़ें।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने इस अवसर पर कहा कि विजयादशमी का संघ की यात्रा में विशेष महत्व है, क्योंकि यही दिन संगठन की स्थापना का साक्षी रहा है। उन्होंने कहा कि कल विजयादशमी पर संघ अपने 101वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है और आने वाला समय राष्ट्र निर्माण की दिशा में और भी महत्वपूर्ण होगा।

उन्होंने कहा कि संघ का कार्य किसी से प्रतिस्पर्धा या उत्तर देने के लिए नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र की सेवा के लिए है। समाज जीवन के हर क्षेत्र में संघ के स्वयंसेवक सक्रिय हैं और राष्ट्रभक्ति, सेवा व अनुशासन के प्रबल प्रतीक के रूप में काम कर रहे हैं।

कार्यक्रम में केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि नागपुर में डॉ. हेडगेवार द्वारा प्रारंभ की गई यह यात्रा आज विश्व का सबसे बड़ा सांस्कृतिक-सामाजिक संगठन बन चुकी है। शेखावत ने कहा कि संघ ने व्यक्ति निर्माण से समाज निर्माण और समाज निर्माण से राष्ट्र निर्माण का मंत्र देकर भारत को नई दिशा प्रदान की है।

उन्होंने कहा कि “समाज के हर क्षेत्र में संघ ने कार्य किया है। प्राकृतिक आपदाओं से लेकर सामाजिक सरोकारों तक, संघ के स्वयंसेवक हमेशा अग्रिम पंक्ति में दिखाई देते हैं। अनुशासन और एकता के साथ समाज को जोड़ने का काम संघ ने निरंतर किया है।”

उल्लेखनीय है कि संघ की स्थापना साल 1925 में विजयादशमी के दिन नागपुर में हुई थी। तब से लेकर आज तक संघ समाज के विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय रहा है और स्वयंसेवकों की सेवा भावना ने इसे विश्व का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन बना दिया है।

New Delhi, 1 अक्टूबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को दिल्ली के डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी समारोह में शामिल होंगे। यह कार्यक्रम सुबह 10:30 बजे शुरू होगा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री राष्ट्र के प्रति आरएसएस के योगदान को रेखांकित करने वाला विशेष रूप से डिजाइन स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करेंगे। इस साल विजयदशमी से साल 2026 विजयदशमी तक आरएसएस शताब्दी वर्ष मना रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी इस दौरान उपस्थित लोगों को भी संबोधित करेंगे

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी इस दौरान उपस्थित लोगों को भी संबोधित करेंगे। डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार की ओर से साल 1925 में महाराष्ट्र के नागपुर में आरएसएस की स्थापना एक स्वयंसेवक-आधारित संगठन के रूप में की गई थी। नागरिकों में सांस्कृतिक जागरूकता, अनुशासन, सेवा और सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देना इसका लक्ष्य है। शताब्दी समारोह न केवल आरएसएस की ऐतिहासिक उपलब्धियों का सम्मान करता है बल्कि भारत की सांस्कृतिक यात्रा में इसके स्थायी योगदान और राष्ट्रीय एकता के संदेश को भी प्रकट करता है। आरएसएस राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के लिए अनूठा जन-पोषित आंदोलन है।

Chhapra: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक छपरा में कोरोना के इस महामारी की मार झेल रहे जरुरतमंदों तक सहायता पहुंचा रहें है. स्वयंसेवक इन दिनों जरुरतमंदों तक अनाज पहुंचा रहे है.

जिला कार्यवाह सरोज जी ने बताया कि लॉक डाउन में शहर के राजेंद्र महाविद्यालय पानी टंकी के पास सेवा बस्ती और शिव बाजार में जरुरतमंद परिवारों के बीच सूखा राशन वितरित किया जा रहा है. 

उन्होंने बताया कि प्रति परिवार 5 किलो चावल का वितरण किया गया है. संघ द्वारा आगे भी इस कार्य को जारी रखा जायेगा ताकि जरूरतमंद को भोजन मिल सके और इस आपदा में वे अपने को अकेला ना समझे. 

इस कार्य में राहुल कुमार, नितेश कुमार, जितेंद्र कुमार, मिलन कुमार एवं मोहित कुमार आदि स्वयंसेवक सहयोग कर रहे है.

Chhapra: सदर प्रखण्ड के मानुपुर जहाँगीर स्थित शिव मन्दिर परिसर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वारा गुरुदक्षिणा कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

इस अवसर पर स्वयंसेवकों को बौद्धिक देते हुए संघ के जिला प्रचारक चन्दन कुमार ने कहा कि देश के प्रति समर्पण की भावना को जागृत करना देश भक्ति है. समाज में भाईचारा प्रेम के साथ मिलजुल कर रहने एवं अपने से बड़ो का आदर सम्मान करना सभी का दायित्व है.

इस अवसर पर स्वयंसेवकों ने भगवा ध्वज को दक्षिणा भेंट की एवं मातृभूमि के प्रति समर्पण का संकल्प लिया.

इस अवसर पर मुख्य रुप से वरिष्ठ भाजपा नेता अरविन्द सिंह, दिनेश सिंह राजन, उमेश उपाध्याय, जिला शारीरिक प्रमुख अमित कुमार, खण्ड कार्यवाहक दीपक कुमार, शाखा कार्यवाहक मनीष कुमार आदि स्वयंसेवक उपस्थित थे.

 

Manjhi: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ सदस्य व जनसंघ के पूर्व प्रत्यासी दिनेश्वर प्रसाद वर्णवाल के निधन पर मांझी दक्षिण टोला स्थित में श्रद्धांजली सभा का आयोजन किया गया. इस मौके पर महराजगंज सांसद जनार्दन सिंह ने उनकी तैल चित्र पर पुष्प अर्पण किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि वर्णवाल जी आदर्श समाज निर्माण में एक मजबूत कड़ी थे. RSS का उद्देश्य ही आदर्श व्यक्ति का निर्माण करना है. सर्व गुण-युक्त व्यक्ति से मजबूत राष्ट्र का निर्माण होता है. स्वयंसेवक अभूतपूर्व होते हैं.

सांसद ने दिनेश्वर बाबू के निधन को पार्टी व क्षेत्र के लिए अपूरणीय क्षति बताया, वहीं पूर्व जिला पार्षद पंकज सिंह ने स्थानीय साहित्य सदन लाइब्रेरी भवन का पुनर्निर्माण कर दिनेश्वर बाबू के नाम पर रखने की सांसद से मांग की. सारण संघ चालक विजय सिंह ने कहा कि मांझी में दिनेश्वर बाबू ने ही सबसे पहले RSS की नींव रखी थी. उन्होंने समाज के नव निर्माण में लोगों को एक दिशा दी.

सभा को रामायण तिवारी, जनार्दन शास्त्री, सरपंच मनोज प्रसाद, शिवाजी सिंह, विजय सिंह, रजनीश सुधाकर, ठाकुर चौबे, विक्की यादव, जय किशोर सिंह, बबलु शर्मा, भरत सिंह, जितेंद्र सिंह, उमा शंकर ओझा, अमिताभ ओझा आदि ने सम्बोधित किया.

 

छपरा: नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के अवसर पर मंगलवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ छपरा नगर के स्वयंसेवकों द्वारा पथ संचलन निकाला गया.

पथ संचलन में बड़ी संख्या में पूर्ण गणवेश में स्वयंसेवक शामिल हुए. पथ संचलन की शुरुआत राजेंद्र कॉलेज से हुई.

छपरा: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वारा विजयादशमी उत्सव मनाया गया. इस अवसर पर पथ संचलन निकाला गया.

संचलन की शुरुआत शहर के मारुति मानस मंदिर से हुई. संचलन बस स्टैंड, नगरपालिका चौक, मौना चौक, कटहरी बाग, साहेबगंज, थाना चौक होने हुए पुनः मानस मंदिर प्रांगन में पहुंचा जहाँ बौद्धिक का आयोजन किया गया.

संचलन में सैकड़ों स्वयंसेवक घोष दल के साथ शामिल थे. विजयादशमी के संचलन में इस बार पहली बार संघ के गणवेश में शामिल किये गए फुलपैंट में स्वयंसेवक दिखे.

इस अवसर पर मुख्य रूप से वरिष्ठ स्वयंसेवक शम्भू कमलाकर मिश्र, विभाग प्रचारक राजाराम, विभाग संघचालक विजय सिंह, विभाग सह कार्यवाह रजनीश शुक्ला, सह जिला कार्यवाह सरोज सिंह, रंजन कुमार, चन्दन कुमार, सचिन्द्र उपाध्याय समेत सैकड़ों स्वयंसेवक शामिल थे.            

छपरा: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो.राजेन्द्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया की पुण्य स्मृति में प्रत्येक वर्ष आयोजित की जाने वाली ‘रज्जू भैया स्मृति व्याख्यानमाला’ के 7वीं कड़ी का आयोजन सोमवार को स्थानीय स्नेही भवन में हुआ.

व्याख्यानमाला का उद्घाटन भाजपा के मुख्य सचेतक एवं लोकसभा सांसद अर्जुन राम मेघवाल और विधान पार्षद ई.सच्चिदानंद राय ने किया.

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्राध्यापक एवं प्रसिद्ध वक्ता तथा संघ के चिन्तक डॉ. राकेश सिन्हा ने अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि छपरा की भूमि उर्वरा भूमि है. लोकनायक जयप्रकाश नारायण, डॉ राजेन्द्रप्रसाद इसी धरती के थे. दोनों ही सादगी में रहना पसंद करते थें. उन्होंने कहा कि संघ चाणक्य है.संघ मजबूत रहेगा तो कितने चन्द्रगुप्त विकास कर सकते हैं.
असामान्य बनना व्यक्ति के गुणों पर आधारित होता है, लोकप्रियता और प्रसिद्धि से दूर रहकर कार्य करने वाले महान बनते हैं.

उन्होंने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बोलते हुए कहा कि देश में हर व्यक्ति को अपने विचार रखने की आजादी मिली है पर राष्ट्रहित का ध्यान रखना हम सबका कर्तव्य है. उन्होंने कहा कि आज हम सब को आत्मालोचन करने की आवश्यकता है, जो व्यक्ति स्वयं के अंदर की अच्छाइयों और कमियों पर चिंतन करता है वो सदैव समाज के लिए समर्पित भाव रखता है.

श्री सिन्हा ने कहा कि मैं आग की वो चिंगारी हूँ जो राख के बीच भी छुप कर रहता हूं, ताकि जब भी जरूरत पड़े समाज के विकास के लिए पुनः जल सकूँ.

व्याख्यानमाला को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांतीय संपर्क प्रमुख प्रो. रविन्द्र नाथ पाठक, विभाग संचालक विजय कुमार, एमएलसी सच्चिदानंद राय आदि वक्ताओं ने संबोधित किया.

इस अवसर पर सांसद अर्जुन मेघवाल और डॉ.राकेश सिन्हा को अभिनन्दन पत्र एवं अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया साथ ही छपरा के वरिष्ठ स्वयंसेवक अश्विनी गुप्ता, रामबहादुर सिंह एवं जगन्नाथ प्रसाद को भी अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया.

कार्यक्रम का सञ्चालन रज्जू भैया स्मृति व्याख्यानमाला आयोजन समिति के अध्यक्ष अवधकिशोर मिश्रा एवं सचिव प्रो.वैधनाथ मिश्र ने किया. धन्यवाद ज्ञापन सुधांशु शर्मा ने किया. व्याख्यान माला में सैकड़ो की संख्या में स्वयंसेवक एवं समाज के प्रबुद्ध लोग सम्मिलित हुए.

नयी दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने बड़ा फैसला लेते हुए अपने गणवेश (ड्रेस) में बदलाव किया है. आरएसएस ने यह बदलाव अपनी स्थापना के 90 वर्षों के बाद किया है. स्वयंसेवक अब खाकी हाफ पैंट की जगह भूरे रंग की फुल पैंट में दिखेंगे.

 RSS के महासचिव भैयाजी जोशी ने नागौर में प्रतिनिधि सभा में रविवार को प्रेस वार्ता में बताया कि अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की नई ड्रेस में खाकी हाफ पैंट की जगह भूरे रंग की फुल पैंट को जगह दी गई. भैयाजी जोशी ने कहा कि रंग को चुनने के पीछे कोई कारण नहीं है.