दिल्ली. गणतंत्र दिवस की परेड में राजपथ पर दिखाई गई राम मंदिर की झांकी ने बाजी मार ली है. उत्तर प्रदेश द्वारा प्रस्तुत की गई झांकी को पहला स्थान मिला है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह राम मंदिर की झांकी लिए यूपी सरकार को इनाम देंगे. बता दें कि पिछली बार गणतंत्र दिवस में यूपी की झांकी दूसरे स्थान पर रही थी.

गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल झांकियों को देश का गौरव समझा जाता है. इस बार यूपी की तरफ से क्या थीम हो. इस पर राज्य सरकार की तरफ से खूब माथा पच्ची हुई, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आयडिया ही सबको पसंद आया. झांकी में राम मंदिर के मॉडल का आइडिया सीएम योगी का ही था.

योगी ने एक बैठक में कहा था, “प्रधानमंत्री जी ने मंदिर का भूमिपूजन कर दिया. देश दुनिया के लिए लोग देखना चाहते हैं कि प्रभु राम का मंदिर कैसे होगा.” बस सीएम की इसी बात पर फैसला राम मंदिर के पक्ष में गया. केंद्र सरकार के अफसरों के साथ हुई बैठक में इस बात का प्रस्ताव रखा गया, जिसे मान लिया गया.

झांकी को तैयार करने में करीब 20 दिन लगे. इसे तैयार करने के लिए अयोध्या के कलाकार भी लगाए गए थे. सारा काम यूपी के सूचना निदेशक शिशिर की अगुवाई में हुआ. तैयार होने के बाद झांकी को दिल्ली भेजा गया. जिस दिन गणतंत्र दिवस परेड का रिहर्सल था, उसी दिन से अयोध्या मंदिर के झांकी की चर्चा शुरू हो गई. योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर की झांकी की तस्वीर ट्वीट की थी. उन्होंने इसे सामाजिक सद्भाव और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक बताया.

Chhapra: अयोध्या में भगवान श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण में सभी का संकल्प, श्रद्धा और समर्पण लगे इसको निर्माण के लिए आवश्यक निधि को समाज से दान के रूप में देने का आग्रह किया जाएगा. इसके लिए आगामी 15 जनवरी से 27 फरवरी 2021 तक निधि संग्रह अभियान चलाया जाएगा. उक्त बातें श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल ने कही.

स्थानीय विश्व हिंदू परिषद कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि देश भर से सभी की मंदिर निर्माण में सहभागिता हो इसके लिए सभी से यथा संभव दान का आग्रह किया जाएगा.

भगवान राम में आस्था रखने वाले 11 करोड़ परिवारों से इसको लेकर संपर्क करने का लक्ष्य ट्रस्ट ने रखा है. देश के 4 लाख गांव में अभियान चलेगा. सभी लोग अपनी आस्था को व्यक्त कर सके इसके लिए श्री रामजन्मभूमि मुक्ति आंदोलन में अपनी महती भूमिका निभाने वाले संगठन विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं को इस अभियान का दायित्व दिया गया है.

इस अवसर पर विहिप के जिलाध्यक्ष डॉ अश्विनी गुप्ता, प्रचारक केशव जी, जिला मंत्री धनंजय कुमार, विधायक डॉ सीएन गुप्ता आदि उपस्थित थे.

Chhapra: छपरा में सरयू नदी के किनारे, सैंड आर्टिस्ट अशोक कुमार ने भगवान राम और राम मंदिर की कलाकृति उकेरी है. अशोक ने बेहद खूबसरती से भगवान राम और राम मंदिर को रेत पर उकेरा है. यह सैंड आर्ट सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. सैंड आर्ट में भगवान राम के साथ वहां बनने वाले राम मंदिर के स्वरूप को दिखाया गया है. लोग इस खूब सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं.

सरयू नदी के किनारे बनाए गए सैंड आर्ट को लेकर अशोक कुमार ने बताया कि पूरे देश में हर्ष का माहौल है. अयोध्या भी सरयू के किनारे है और आज मैंने भी सरयू के किनारे ही इस सैंड आर्ट को बनाया है. गुरुवार को जब मन्दिर निर्माण के लिए भूमि पूजन हुआ तो पूरी दुनिया ने इसे देखा. यह अपने आप मे गौरवान्वित करने वाले क्षण था.

Chhapra: गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री राम जन्मभूमि अयोध्या में मन्दिर निर्माण के लिए भूमि पूजन की. छपरा में इस दैरान बेहद खुशी का महौल देखने को मिला. तमाम मंदिरों में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं द्वारा पुजारियों के साथ पूजन समारोह को लाइव देखा गया. इस दौरान छपरा के तमाम मंदिरों में हर्ष और उत्साह का माहौल देखा गया. मंदिर के पुजारी स्मार्टफोन, टैब और स्मार्ट टीवी पर भूमि पूजन समारोह देख रहे थे.

धर्मनाथ मंदिर सहित कई अन्य मंदिरों में लोगों ने भूमि पूजन समारोह को लाइव देखा और प्रसाद बांट कर लोगों को बधाइयां दी.

छपरा में बजरंग दल के धनंजय ने बताया कि आज हम सभी का जीवन धन्य हो गया. इस ऐतिहासिक पल का गवाह हम सभी बने हैं. यदि कोरोनावायरस नहीं होता तो आज हम सभी अयोध्या में रहते. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को किया अपना वादा पूरा किया है.

इसके अलावा मंदिर के महंत बिंदेश्वरी पर्वत ने कहा कि मोदी सरकार रामलला के लिए उनकी जन्मभूमि पर मंदिर बनवा रही है. पूरे देश में खुशी का माहौल है मिठाईयां बांट रही हैं.

वही पूजन समारोह को लाइव देख रहे चरण दास ने कहा कि आज हम सभी हर जगह पूजा-अर्चना हो रही है. पूरे देश में खुशहाली का माहौल है हम सभी राम मंदिर के लिए तन मन से समर्पित हैं आज करोड़ों देशवासियों का सपना पूरा हुआ है.

Ayodhya: बरसों से टाट और टेंट के नीचे रह रहे हमारे रामलला के लिए अब एक भव्य मंदिर का निर्माण होगा. टूटना और फिर उठ खड़ा होना, सदियों से चल रहे इस व्यतिक्रम से रामजन्मभूमि आज मुक्त हो गई है. पूरा देश रोमांचित है, हर मन दीपमय है. सदियों का इंतजार आज समाप्त हो रहा है. उक्त बातें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के भूमिपूजन के बाद आयोजित सभा को संबोधित करते हुए कही.

उन्होंने कहा कि आज श्रीराम का यह जयघोष सिर्फ सिया-राम की धरती में ही नहीं सुनाई दे रहा, इसकी गूंज पूरे विश्व में है. सभी देशवासियों को, विश्व में फैले करोड़ों राम भक्तों को आज के इस सुअवसर पर कोटि-कोटि बधाई. ये मेरा सौभाग्य है कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मुझे आमंत्रित किया, इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने का अवसर दिया.

उन्होंने कहा कि हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के समय कई-कई पीढ़ियों ने अपना सब कुछ समर्पित कर दिया था. गुलामी के कालखंड में कोई ऐसा समय नहीं था जब आजादी के लिए आंदोलन न चला हो, देश का कोई भूभाग ऐसा नहीं था जहां आजादी के लिए बलिदान न दिया गया हो. हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के समय कई-कई पीढ़ियों ने अपना सब कुछ समर्पित कर दिया था. गुलामी के कालखंड में कोई ऐसा समय नहीं था जब आजादी के लिए आंदोलन न चला हो, देश का कोई भूभाग ऐसा नहीं था जहां आजादी के लिए बलिदान न दिया गया हो.

उन्होंने कहा कि राममंदिर के निर्माण की ये प्रक्रिया, राष्ट्र को जोडऩे का उपक्रम है. ये महोत्सव है. विश्वास को विद्यमान से जोड़ने का. नर को नारायण से जोड़ने का. लोक को आस्था से जोड़ने का. वर्तमान को अतीत से जोड़ने का. और स्वं को संस्कार से जोड़ने का.

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भूमि पूजन का कार्यक्रम अनेक मर्यादाओं के बीच हो रहा है. श्रीराम के काम में मर्यादा का जैसे उदाहरण प्रस्तुत किया जाना चाहिए, वैसा ही उदाहरण देश ने पेश किया है. ये उदाहरण तब भी पेश किया गया था, जब उच्चतम न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया था. देश भर के धामों और मंदिरों से लाई गई मिट्टी और नदियों का जल, वहां के लोगों, वहां की संस्कृति और वहां की भावनाएं, आज यहां की शक्ति बन गई हैं. वाकई ये न भूतो न भविष्यति है.

श्री मोदी ने कहा कि श्रीरामचंद्र को तेज में सूर्य के समान, क्षमा में पृथ्वी के तुल्य, बुद्धि में बृहस्पति के सदृश्य और यश में इंद्र के समान माना गया है. श्रीराम का चरित्र सबसे अधिक जिस केंद्र बिंदु पर घूमता है, वो है सत्य पर अडिग रहना. इसलिए ही श्रीराम संपूर्ण हैं. श्रीराम ने सामाजिक समरसता को अपने शासन का आधार बनाया था. उन्होंने गुरु वशिष्ठ से ज्ञान, केवट से प्रेम, शबरी से मातृत्व, हनुमानजी एवं वनवासी बंधुओं से सहयोग और प्रजा से विश्वास प्राप्त किया. यहां तक कि एक गिलहरी की महत्ता को भी उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया.

श्रीराम का अद्भुत व्यक्तित्व, उनकी वीरता, उनकी उदारता, उनकी सत्यनिष्ठा, उनकी निर्भीकता, उनका धैर्य, उनकी दृढ़ता, उनकी दार्शनिक दृष्टि युगों-युगों तक प्रेरित करते रहेंगे. जीवन का ऐसा कोई पहलू नहीं है, जहां हमारे राम प्रेरणा न देते हों. भारत की ऐसी कोई भावना नहीं है जिसमें प्रभु राम झलकते न हों. भारत की आस्था में राम हैं, भारत के आदर्शों में राम हैं! भारत की दिव्यता में राम हैं, भारत के दर्शन में राम हैं. तुलसी के राम सगुण राम हैं, तो नानक और कबीर के राम निर्गुण राम हैं! भगवान बुद्ध भी राम से जुड़े हैं तो सदियों से ये अयोध्या नगरी जैन धर्म की आस्था का केंद्र भी रही है. राम की यही सर्वव्यापकता भारत की विविधता में एकता का जीवन चरित्र है. आज भी भारत के बाहर दर्जनों ऐसे देश हैं जहां, वहां की भाषा में रामकथा प्रचलित है. मुझे विश्वास है कि आज इन देशों में भी करोड़ों लोगों को राम मंदिर के निर्माण का काम शुरू होने से बहुत सुखद अनुभूति हो रही होगी. आखिर राम सबके हैं, सब में हैं: पीएम मोदी. मुझे विश्वास है कि श्रीराम के नाम की तरह ही अयोध्या में बनने वाला ये भव्य राममंदिर भारतीय संस्कृति की समृद्ध विरासत का द्योतक होगा.

उन्होंने कहा कि यहां निर्मित होने वाला राममंदिर अनंतकाल तक पूरी मानवता को प्रेरणा देगा. मुझे विश्वास है कि श्रीराम के नाम की तरह ही अयोध्या में बनने वाला ये भव्य राममंदिर भारतीय संस्कृति की समृद्ध विरासत का द्योतक होगा. यहां निर्मित होने वाला राममंदिर अनंतकाल तक पूरी मानवता को प्रेरणा देगा.

इसके पूर्व अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण कार्य के लिए भूमि पूजन संपन्न हो गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण की शिला तय समय और मुहूर्त में पुरोहितों के मंत्रोच्चारण के साथ रखी.

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या पहुंचने के बाद हनुमान गढ़ी मंदिर दर्शन के लिए पहुंचे थे. इसके बाद उन्होंने भगवान राम विराजमान के दर्शन किए और उन्होंने साष्टांग प्रणाम किया. इस अवसर पर पर प्रधानमंत्री ने 5 रुपये का एक डाक टिकट भी जारी किया.

इस दौरान आरएसएस प्रमुख डॉ मोहन भागवत, महंत नृत्य गोपालदास, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे.

Ayodhya: अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण कार्य के लिए भूमि पूजन संपन्न हो गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री राम मंदिर निर्माण की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तय समय और मुहूर्त में पुरोहितों के मंत्रोच्चारण के साथ रखी.

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या पहुंचने के बाद हनुमान गढ़ी मंदिर दर्शन के लिए पहुंचे थे. इसके बाद उन्होंने भगवान राम विराजमान के दर्शन किए और इस दौरान उन्होंने साष्टांग प्रणाम किया.

Chhapra: अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए छपरा के बाबा मनोकामना नाथ मंदिर कटरा नेवाजी टोला से मिट्टी भेजी गयी है. भाजपा के वरिष्ठ नेता प्राचार्य अरुण कुमार सिंह, पुजारी महेश मिश्रा, प्राचार्य हरिओम त्रिपाठी ने मिट्टी को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को सौंपी है. जिनके द्वारा इसे अयोध्या पहुँचाया जायेगा.

विश्व हिंदू परिषद एवं बजरंग दल के जिला संयोजक धनंजय कुमार के नेतृत्व इन दिनों विभिन्न मंदिरों से मिट्टी एकत्रित की जा रही है.

मंदिर के संस्थापक अरुण कुमार पुरोहित ने कहा कि 5 अगस्त 2020 को छपरा के सभी मंदिरों में भगवान राम नाम का कीर्तन और सभी सनातन धर्मावलंबी अपने घर में लॉकडाउन का पालन करते हुए अपने परिवार के साथ संकीर्तन करें और शाम में अपने घर पर दीप जलाकर दीपावली मनाएं.

आपको बता दें कि 5 अगस्त 2020 को अयोध्या में राम जन्मभूमि में मंदिर निर्माण का शिलान्यास होना तय बाई. जिसके लिए विश्व हिन्दू परिषद् के द्वारा धार्मिक, पौराणिक मंदिरों से मिट्टी अयोध्या पहुंचाई जाएगी.