इसुआपुर: आगामी 11 जनवरी को प्रखण्ड मुख्यालय पर NRC, CAA तथा NPR के विरोध में राजद द्वारा धरणा प्रदर्शन किया जाएगा. धरना प्रदर्शन को लेकर राजद ने जनसंपर्क अभियान तेज कर दिया है. जिसमे लोगों को शामिल होने का आग्रह किया जा रहा है. प्रदेश राजद के आह्वान पर आयोजित इस धरना प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए गुरुवार को इसुआपुर बाजार स्थित गोला अंसारी के आवास पर राजद कार्यकर्ताओ की एक बैठक आयोजित की गई. जिसकी अध्यक्षता प्रखंड राजद अध्यक्ष बबलू हसन ने की.

बैठक को सम्बोधित करते हुए विधायक मुद्रिका प्रसाद राय ने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है. इस देश मे 70 वर्षों से बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेदकर की लिखी हुई संविधान के तहत देश चल रहा है. इस संविधान को ही सर्वोत्तम संविधान मन जाता है.

लेकिन भाजपा सरकार इस देश मे आरएसएस का संविधान लाना चाहती है. जो हमलोगों को कतई मंजूर नहीं है. जब तक केंद्र की सरकार इन तीनों कानूनों को वापस नहीं ले लेती तब तक धरणा प्रदर्शन चलता रहेगा.

बैठक को प्रखण्ड अध्यक्ष बबलू हसन, विश्वनाथ कुमार, जय कुमार यादव, टुनटुन हाशमी, पप्पू हाशमी, पारस राय, कामेश्वर राय, प्रभावती देवी, शलीमुद्दीन अंसारी रामबाबू राय, रामबिस्वास राय आदि ने भी सम्बोधित किया.

दिल्‍ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (National Population Register, NPR) के अपडेशन को मंजूरी दे दी गई. इसके साथ ही कैबिनेट ने इस प्रक्रिया के लिए 8,700 करोड़ रुपये के बजट आवंटन को भी मंजूरी दे दी. एनपीआर के तहत देश भर के नागरिकों का डेटाबेस तैयार किया जाएगा. यहां बता देना जरूरी है कि एनपीआर डेटाबेस नागरिकता का प्रमाण नहीं होगा.

सरकारी योजनाओं को लागू करने में होगा इस्‍तेमाल 

बता दें कि एनपीआर डेटाबेस का इस्तेमाल सरकार अपनी योजनाओं को लागू करने के लिए करती है. साल 2021 की जनगणना से पहले 2020 में एनपीआर अपडेट किया जाना है. एनपीआर अपडेशन की प्रक्रिया 01 अप्रैल 2020 से शुरू होने वाली है. असम को छोड़कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में यह अभियान 2020 में अप्रैल से सितंबर तक चलेगा. इस बाबत सरकारी अधिसूचना अगस्त में जारी की गई थी. इससे पहले 2011 की जनगणना से पहले 2010 में भी इसको अपडेट किया गया था.

क्‍या है एनपीआर 

रजिस्ट्रार जनरल एवं जनगणना आयुक्त की आधिकारिक वेबसाइट में जारी सूचना के मुताबिक, अब जनगणना-2021 के लिए घरों की सूची तैयार करने के चरण के साथ ही एनपीआर को अपडेट करने का फैसला किया गया है. एनपीआर में सामान्य नागरिकों की गणना की जाती है जो किसी जगह पिछले छह महीने या उससे अधिक समय से रह रहे हों. इस डेटा में व्यक्ति का नाम, पता, शिक्षा, पेशा जैसी सूचनाएं दर्ज होंगी.ये सूचनाएं लोगों द्वारा खुद दी गई जानकारी पर आधारित होंगी.इसमें बाहरी व्यक्ति भी जानकारी दर्ज होगी.