Chhapra: इसुआपुर थानान्तर्गत महावीरी झंडा मेला में सांस्कृतिक कार्यक्रम देखने के दौरान हुए हादसे को लेकर पुलिस अधीक्षक ने महावीरी मेला के दौरान विधि व्यवस्था संधारण हेतु प्रतिनियुक्ति दंडाधिकारी और पुलिसकर्मियों के मौजूदगी के बावजूद हुई इस घटना के संबंध में अनुमंडल पदाधिकारी मढ़ौरा और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मशरख से जांच प्रतिवेदन की मांग की गई है। जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर अग्रतर कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि इसुआपुर थानांतर्गत दिनांक 03.09.2024 को लाल बाबा मठिया के पास टीन (चदरा) पर कुछ व्यक्ति चढ़कर सांस्कृतिक कार्यक्रम देख रहे थे। टीन शेड पर अधिक भार होने के कारण वह एक तरफ से मुड़ गया, जिससे उसपर चढ़े व्यक्ति गिर गये। जिसमें से एक दर्जन व्यक्तियों को हल्की चोटें आई हैं, जो सभी प्राथमिक उपचार के बाद स्वस्थ हैं।

सारण पुलिस ने सभी जिलेवासियों से अपील है कि अफवाहों पर ध्यान न दें एवं शांति व्यवस्था कायम रखने में जिला प्रशासन की मदद करें ।


पटना, 04 सितम्बर (हि.स.)।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को पटना स्थित जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माणाधीन टर्मिनल का निरीक्षण किया। साथ ही अधिकारियों को बचे हुये कार्य को जल्द पूरा करने का निर्देश दिया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने हवाई अड्डे के विस्तारीकरण कार्य की विस्तृत जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।

जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के समीक्षा कक्ष में विस्तारीकरण कार्य से संबंधित एक समीक्षा बैठक हुयी। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री को एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के मास्टर प्लान की विस्तृत जानकारी प्रस्तुतीकरण के माध्यम से एयरपोर्ट के अधिकारियों ने दी। समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना एयरपोर्ट पर और बेहतर सुविधाओं के लिए विस्तारीकरण के तहत जो भी जरूरी कार्य हैं वो किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना एयरपोर्ट पर हवाई जहाजों के सुचारु आवागमन को लेकर विस्तारीकरण कार्य जल्द पूरा करें। राज्य सरकार से जो भी मदद की जरूरत होगी उसे पूरा किया जायेगा। हवाई अड्डा परिसर में मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी निकासी की बेहतर व्यवस्था करें और हवाई अड्डा से कनेक्टिविटी को बेहतर बनायें ताकि कम से कम समय में लोग यहां पहुंच सकें।

इसुआपुर में झंडा मेला शांतिपूर्ण संपन्न

इसुआपुर : प्रखंड मुख्यालय बाजार इसुआपुर पर मनाए जाने वाले जिले का प्रसिद्ध महावीरी अखाड़ा सह झंडा मेले का 48 वां आयोजन शांतिपूर्ण संपन्न हो गया। अचितपुर, इसुआपुर, बिशुनपुरा, आतानगर, डटरा पुरसौली के सांस्कृतिक मंचों के उद्घाटन के दौरान स्थानीय विधायक जनक सिंह, वरीय नेता शैलेंद्र, प्रताप सिंह, पूर्व विधायक मुद्रिका प्रसाद राय, प्रखंड प्रमुख मितेंद्र प्रसाद यादव, जिला पार्षद छविनाथ सिंह, भाजपा नेता धीरज सिंह अखाड़ों के लाइसेंसधारी शत्रुघ्न प्रसाद चौरसिया, पंडित नंदकिशोर चतुर्वेदी, मदन सिंह, नागेंद्र सिंह, विजय सिंह, अमरनाथ प्रसाद, रामचन्द्र प्रसाद बिस्कोमान अध्यक्ष प्रबीन सिंह ,राजेश राय,जितेन्द्र सिंह कुशवाहा, सरपंच राजेश प्रसाद कुशवाहा, ढोलन सिंह,पप्पू सिंह, झलटू सिंह, श्याम प्रसाद, मुकेश चौरसिया, बिशेश्वर चौरसिया, अमित चौरसिया, मदन सिंह, किशोर कुशवाहा, आमिर साह, अरबिंद सिंह, रमेश राय, बीडीसी रणधीर सिंह पंचायत के मुखिया गणों, बीडीसी सदस्यों, गणमान्य लोगों समेत दर्जनों लोगों को पगड़ी व अंग वस्त्र देखकर सम्मानित किया गया।

इसुआपुर बाजार पर दोपहर बाद से ही 14 लाइसेंसी अखाड़े हाथी घोड़े व गाजे-बाजे के साथ गंवारा घूमते एकत्र होने लगे। जिनके लिए महावीरी पूजा समिति द्वारा निर्धारित किए गए स्थानों पर युवाओं ने कुश्ती के साथ-साथ लाठी गदका, ढ़ाल-तलवार जैसे पारंपरिक हथियारों से अपने रण कौशल का प्रदर्शन किया। वहीं दूर-दूर से आए कलाकारों ने अपने विभिन्न हैरतअंगेज करतब दिखाए। मेले में छोटे-छोटे बच्चों द्वारा देवी-देवताओं के रुप में निकाली गई झांकी आकर्षण का केंद्र बना हुआ था।

सांस्कृतिक मंचों पर दूर-दराज से आए कलाकार अपने कला के प्रदर्शन से पूरी रात एक दूसरे से आगे निकल जाने की होड़ में लगे रहे। डॉक्टर अमरेश कुमार, सुशीला हमियो केयर, सीएचसी इसुआपुर के सौजन्य से निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया था। वहीं सैनिक कैंटीन इसुआपुर तथा प्रशासन की तरफ से भी शीतल पेय जल की व्यवस्था की गई थी।

एसडीएम मढ़ौरा डॉक्टर प्रेरणा सिंह, एसडीपीओ मसरख अमरनाथ, एसडीपीओ मढ़ौरा, डीएसपी ट्राफिक छपरा , डीएसपी प्रशिक्षु छपरा,सीओ सह बीडीओ इसुआपुर करुण करण, राजस्व पदाधिकारी पूजा रॉय समेत दर्जनों मजिस्ट्रेट तथा वरीय पुलिस पदाधिकारी भारी महिला व पुरुष बल के साथ विधि व्यवस्था को लेकर काफी सक्रिय दिखे। जिससे मेले में पहुंचे बेकाबू जुलूस को कंट्रोल किया जा सका।

Chhapra: राजेंद्र महाविद्यालय प्रांगण में जय प्रकाश विश्वविद्यालय अंतर महाविद्यालय बैडमिंटन प्रतियोगिता का उद्घाटन कुलपति प्रो. प्रमेन्द्र कुमार बाजपेयी द्वारा किया गया।

प्रथमतः प्राचार्य प्रो. सुशील कुमार श्रीवास्तव ने कुलपति और कुलसचिव को सम्मानित किया। कुलपति ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में खेल के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि खेल व्यक्ति के व्यक्तित्व का संपूर्ण विकास करता है। हारने वाला खिलाड़ी जहाँ एक ओर खेल के तकनीकियों एवं टीम में सहयोग की भावना, उचित प्रतिस्पर्धा को सीखता है, वही जीतने वाला खिलाड़ी सद्भाव एवम विनम्रता के साथ जीत को विनम्रतापूर्वक अपनाना सीखता हैं। खेल स्वस्थ तन और स्वस्थ मन की आधारशिला हैं, जो भारत जैसे राष्ट्र को विकसित करने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देता हैं।

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इस प्रतियोगिता में भाग लेने हेतु गोपेश्वर कॉलेज हथुआ, राम जयपाल, डी ए वी सिवान, एच आर कॉलेज अमनौर, राजेंद्र महाविद्यालय, पी एन सिंह डिग्री कॉलेज, गंगा सिंह, पी एन कॉलेज परसा, एच आर कॉलेज मैरवा की महिला एवं पुरुष वर्ग के खिलाड़ी उपस्थित रहे।

इस अवसर पर कुलसचिव प्रो. नारायण दास, कुलानुशासक, प्रो.अजीत तिवारी, प्रो. हरिश्चंद, प्रो. राजेश नायक समेत कई शिक्षक व छात्र उपस्थित रहे।

Chhapra: सारण पुलिस के द्वारा त्वरित अनुसंधान करने और न्यायालय में आरोप-पत्र समर्पित करने के सार्थक पहल से रसूलपुर के तिहरे हत्याकांड में घटना के 48वें दिन दोनों आरोपियों को न्यायालय द्वारा दोषी करार दिया गया है। न्यायालय के द्वारा दोनों आरोपियों को 5 सितम्बर को सजा सुनाई जाएगी।
इस संबंध में सारण के पुलिस अधीक्षक डॉ कुमार आशीष ने बताया कि सारण जिले के रसुलपुर थानान्तर्गत धानाडीह गांव में गत 17 जुलाई 2024 कोे ग्रामीण तारकेश्वर सिंह उर्फ झाबर सिंह के मकान के छत पर 3 लोगो को किसी धारदार हथियार से मारकर हत्या कर दिया गया था।
इस सम्बंध में रसुलपुर थाना कांड सं0-133/24, दिं0-17.07.2024 धारा-103(1)/109(1)/329(4)/3(5) बी0एन0एस0 दर्ज कर उनके निर्देशानुसार त्वरित अनुसंधान एवं कार्रवाई करते हुए दो अभियुक्त सुधांशु कुमार उर्फ़ रौशन, पिता- संतोष राम और अंकित कुमार, पिता- सुनील राम दोनों सा०- रसूलपुर, थाना- रसूलपुर, जिला- सारण को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। साथ ही इस घटना से सम्बंधित अन्य बिन्दुओं पर अनुसंधान त्वरित गति से पूर्ण करते हुए 14 दिन में अभियुक्तों के विरूद्ध  न्यायालय में आरोप-पत्र समर्पित कर दिया गया था।

न्यायालय ने 13 अगस्त 2024 को इस कांड मे स्पीडी ट्रायल प्रारंभ करते हुए 22वें दिन आज दोनो आरोप-पत्रित अभियुक्तों सुधांशु कुमार उर्फ़ रौशन, पिता- संतोष राम और अंकित कुमार, पिता- सुनील राम दोनों सा०- रसूलपुर, थाना- रसूलपुर, जिला- सारण को धारा-103(1)/ 109(1)/329(4) बी0एन0एस0 के तहत दोषी करार दिया गया है। न्यायालय द्वारा 5 सितम्बर 2024 को दोपहर 12 बजे इस कांड मे दोष सिद्ध अभियुक्तों को सजा सुनाई जाएगी।
उन्होंने बताया कि सारण पुलिस द्वारा पुलिस महानिदेशक बिहार के छह मूलमंत्र समय, सार्थक, संवेदनशील, शक्ति, सत्यनिष्ठा एवं स्पीडी ट्रॉयल का अनुपालन करते हुए त्वरित अनुसंधान एवं अन्य कार्रवाईयों को पूर्ण किया गया ताकि पीड़ितों को त्वरित न्याय मिल सके।
एसपी डॉ. कुमार आशीष के नेतृत्व में इस मामले में SIT में डॉ राकेश कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक(मुख्यालय), सारण, राजकुमार, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, सदर-2, सारण, रंजित कुमार, पुलिस उपाधीक्षक, एसपी ऑफिस, सारण, पु0नि0 राकेश कुमार सिंह, प्रभारी अभियोजन कोषांग, पुलिस कार्या0, सारण,  पु0नि0 विरेन्द्र सिंह, अंचल पुलिस निरीक्षक, एकमा, रत्ना राभा, फॉरेंसिक विशेषज्ञ, सारण, पु0अ0नि0 प्रभात कुमार, थानाध्यक्ष, रसुलपुर थाना, पु0अ0नि0 रविन्द्र कुमार, अनुसंधानकर्ता, रसुलपुर थाना शामिल थें।
इस संबंध में लोक अभियोजक सुरेन्द्र नाथ सिंह बेजोड़ ने कहा कि नए कानून के तहत यह पहला मामला है जिसमें आरोपियों को सजा मिली है। पुलिस द्वारा त्वरित अनुसंधान कर आरोप पत्र समर्पित करने के बाद अधिवक्ताओं के प्रयास से इस कांड के आरोपितों को न्यायालय ने दोषी करार दिया है। न्यायालय द्वारा 5 सितंबर को सजा सुनाई जाएगी।   

पटना, 03 सितम्बर (हि.स.)। बिहार के स्वास्थ्य विभाग ने मंकी पॉक्स की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन और अस्पतालों को एक एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी के बाद प्राथमिकता के आधार पर जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (पटना) पर एक स्वास्थ्य डेस्क स्थापित किया गया है।

पटना के जिलाधिकारी (डीएम) चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि अभी तक कोई मामला सामने नहीं आया है लेकिन हवाई अड्डे के अधिकारियों और जिला सिविल सर्जन को आने वाले यात्रियों की कड़ी निगरानी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया कि अधिकारियों को पटना आने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के पिछले 21 दिनों के इतिहास को हवाई अड्डे पर नोट करने के लिए कहा गया है।

डीएम ने बताया कि पटना स्थित गयाघाट के अंतर्देशीय नौवहन प्राधिकरण के अधिकारियों को भी जहाजों के माध्यम से आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की कड़ी निगरानी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। अस्पतालों और सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों को मंकी पॉक्स का कोई मामला दर्ज होने पर संबंधित अधिकारियों को सूचित करने के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया कि अस्पतालों को इस बीमारी के लिए सकारात्मक परीक्षण करने वाले रोगियों को अलग रखने के लिए बिस्तर आरक्षित करने का भी निर्देश दिया गया है।

नई दिल्ली, 3 सितंबर (हि.स.)। पेरिस पैरालिंपिक 2024 में भारत के लिए सोमवार का दिन असाधारण था। इतिहास रचा गया, रिकॉर्ड तोड़े गए और 12 घंटे से भी कम समय में नए मील के पत्थर हासिल किए गए। भारत ने ऐतिहासिक सोमवार को आठ पदक जीतकर अपने कुल पदकों की संख्या 15 कर ली है। सिर्फ़ एक दिन में, भारत ने 1988-2016 के बीच अपने पूरे पैरालिंपिक पदकों की बराबरी कर ली और एक ओलंपिक में अब तक जीते गए पदकों से ज़्यादा पदक जीत लिए। यह निश्चित रूप से भारत के पैरालिंपिक/ओलंपिक इतिहास का सबसे विजयी दिन था। यह वास्तव में भारतीय खेल इतिहास के सबसे महान दिनों में से एक था।

प्रधानमंत्री मोदी लगातार बढ़ा रहे हैं खिलाड़यों का हौंसला

शारीरिक चुनौतियों का सामना करने के बावजूद देश को गौरवान्वित करने वाले एथलीटों को जब देश के मुखिया का साथ मिलता है तो उनका आत्मविश्वास और खुशी सातवें आसमान पर होता है। सोमवार को भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नितेश और चीयर 4 भारत को टैग करते हुए अपने एक्स पर लिखा ‘पैरा बैडमिंटन पुरुष एकल एसएल 3 में नितेश कुमार की सफलता शानदार रही है और उन्होंने स्वर्ण पदक जीता है। उन्हें अपनी अविश्वसनीय क्षमताओं और दृढ़ता के लिए जाना जाता है। वह उभरते खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा हैं।’

इससे पहले भी सुमित अंतिल, तुलसीमथी मुरुगेसन, सुहास यतिराज, योगेश कथुनिया, शीतल देवी और राकेश कुमार, मनीषा रामदास और नित्या श्री सिवन ने जब अपनी अपनी प्रतियोगिताओं में पदक जीते, तब तब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें बधाई संदेश देकर देश के लिए एक प्रेरणा बताया। प्रधानमंत्री ने हर पदक जीत के बाद कभी सोशल मीडिया तो कभी फोन के जरिए खिलाड़ियों से बात की और उन्हें शुभकामनाएं भी दीं, साथ ही उन्होंने असफल एथलीटों को प्रोत्साहित भी किया। प्रधानमंत्री ओलंपिक, पैरालिंपिक या किसी भी बड़े खेल इवेंट के बाद खिलाड़ियों से मिलते हैं और उनका हौसला बढ़ाते हैं।

शानदार सोमवार

दिलचस्प संयोग यह है कि पैरालिंपिक में भारत का पिछला सर्वश्रेष्ठ दिन भी सोमवार – 30 अगस्त, 2021 को आया था। सुमित अंतिल पैरालंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष बन गए और उन्होंने यह उपलब्धि बहुत ही शानदार तरीके से हासिल की – उन्होंने पैरालंपिक में अपना ही रिकॉर्ड फिर से तोड़ दिया (दो बार)।

इस सोमवार को नितेश कुमार ने भी स्वर्ण पदक जीता। बैडमिंटन में तुलसीमथी मुरुगेसन (एसयू5) और सुहास यतिराज (एसएल4) ने रजत पदक जीते और एथलेटिक्स में योगेश कथुनिया (डिस्कस एफ56) ने रजत पदक जीता। शीतल देवी और राकेश कुमार की अद्वितीय जोड़ी ने मिश्रित कंपाउंड तीरंदाजी में शानदार कांस्य पदक जीता, जबकि बैडमिंटन स्टार मनीषा रामदास (एसयू5) और नित्या श्री सिवन (एसएच6) ने भी कांस्य पदक जीता।

नितेश ने पैरों में चोट के बावजूद जीता बैडमिंटन का सोना

पैरा बैडमिंटन में एक घंटे और बीस मिनट के रोमांचक मुकाबले में नितेश कुमार ने ग्रेट ब्रिटेन के पसंदीदा डेनियल बेथेल को 21-14, 18-21, 23-21 से हराकर अपना पहला अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण पदक जीता। दृढ़ निश्चय, बेहतरीन तकनीक और गंभीर धैर्य (सबसे लंबी रैली 122 शॉट की थी) दिखाते हुए नितेश ने अपने प्रतिद्वंद्वी को गेम में पीछे छोड़ दिया। उनके बेदाग डिफेंस और सटीक हमले ने बेथेल को आश्चर्यचकित कर दिया। भारतीय ने ब्रिटिश खिलाड़ी के खिलाफ 10 प्रयासों में अपनी एकमात्र जीत हासिल की।

दादरी (हरियाणा) में जन्मे नितेश का पहला प्यार फुटबॉल था। हालाँकि, 2009 में विजाग में एक दुखद दुर्घटना ने उनकी आकांक्षाओं को चकनाचूर कर दिया, जिससे उन्हें महीनों तक बिस्तर पर रहना पड़ा और पैर में हमेशा के लिए चोट लग गई। इस झटके के बावजूद, नितेश का खेल के प्रति प्यार अटूट रहा। आईआईटी मंडी में पढ़ाई के दौरान नितेश को बैडमिंटन के प्रति नया जुनून पैदा हुआ। उन्होंने कोर्ट पर अपने हुनर ​​को निखारा, अक्सर स्वस्थ शरीर वाले लोगों को चुनौती दी। नितेश का सबसे बड़ा पल 2020 में आया, जब उन्होंने टोक्यो पैरालंपिक पदक विजेता प्रमोद और मनोज को हराकर राष्ट्रीय चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल किया। घरेलू टूर्नामेंट में उनके दबदबे ने भारत के अग्रणी पैरा-बैडमिंटन एथलीटों में से एक के रूप में उनकी स्थिति को मजबूत किया।

दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल विकार के शिकार योगेश ने जीता रजत

चक्का फेंक खिलाड़ी योगेश कथुनिया के लिए यह एक नियमित प्रक्रिया बन गई है, उन्होंने पेरिस पैरालिंपिक में फिर से रजत जीतने के लिए सीजन का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन (इस बार 42.22 मीटर) किया, टोक्यो में अपनी उपलब्धि को दोहराते हुए, वह ब्राजील के क्लॉडनी बतिस्ता से पीछे रहे।

योगेश को नौ साल की उम्र में गिलियन-बैरे सिंड्रोम नामक एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल विकार हो गया था, जिससे क्वाड्रिपेरेसिस (एक ऐसी स्थिति जिसमें प्रभावित व्यक्ति के चारों अंगों में मांसपेशियों की कमजोरी होती है) हो जाती है। उसकी माँ ने उसे बचाया, फिजियोथेरेपी सीखी और तीन साल के भीतर योगेश ने फिर से चलने के लिए पर्याप्त मांसपेशियों की ताकत हासिल कर ली। अब वह दो बार पैरालिंपिक रजत पदक विजेता हैं।

मनीषा ने कमजोर हाथ को बनाया मजबूत और जीता कांस्य

कोर्ट पर पच्चीस मिनट। 21-12, 21-8। पैरा बैडमिंटन में मनीषा रामदास का कांस्य पदक, भारत का दिन का तीसरा पदक, बहुत ही शानदार था।

जन्म से ही मनीषा का दाहिना हाथ क्षतिग्रस्त हो गया था, क्योंकि डॉक्टरों ने उन्हें पैदा करते समय एक नैदानिक ​​गलती की थी। 12 साल की उम्र से पहले तीन सर्जरी करवाने के बावजूद वह अपना हाथ सीधा नहीं कर पाई। उसने कक्षा पांच में बैडमिंटन पर ध्यान केंद्रित करना शुरू किया और केवल 17 साल की उम्र में, विश्व चैंपियनशिप में सफलता हासिल की और 2022 बीडब्ल्यूएफ महिला पैरा-बैडमिंटन प्लेयर ऑफ द ईयर का खिताब जीता। 2024 में, वह अब पैरालिंपिक कांस्य पदक विजेता हैं।

एक हाथ वाली तुलसीमथी का कमाल

मौजूदा चैंपियन यांग किउ ज़िया से 17-21, 10-21 से पराजित, तुलसीमथी मुरुगेसन ने उस शानदार फॉर्म को दोहराने के लिए संघर्ष किया, जिसने उन्हें इस फ़ाइनल में पहुँचाया था।

तुलसी केवल अपने दाहिने हाथ से खेलती है, उनका बायाँ हाथ एक दुर्घटना के बाद और भी ख़राब हो गया था। तुलसी बैडमिंटन में सर्व करने के लिए केवल एक हाथ का उपयोग करती हैं, शटल और रैकेट दोनों को एक ही हाथ में पकड़ती हैं। इसके बावजूद 22 वर्षीय तुलसी ने रजत जीता।”

सुहास यतिराज ने फिर रचा इतिहास

ऐसा हर रोज़ नहीं होता कि आप किसी आईएएस अधिकारी को पैरालंपिक पदक जीतते देखें, लेकिन भारत ने ऐसा दो बार होते देखा है। सुहास यतिराज भले ही लुकास माजुर के अपने घरेलू प्रशंसकों के सामने खेली गई प्राकृतिक शक्ति से चकित रह गए हों (वे 9-21, 13-21 से हार गए), लेकिन 41 वर्षीय खिलाड़ी ने रजत पदक जीता, क्योंकि उन्होंने पहले राउंड में शानदार प्रदर्शन करके अपनी पहली वरीयता को बरकरार रखा।

बाएं टखने में जन्मजात विकृति के साथ जन्मे सुहास की गतिशीलता पर असर पड़ता है, लेकिन उन्होंने हमेशा अपनी चुनौतीपूर्ण नौकरी और अपने खेल करियर के बीच संतुलन बनाए रखा है, और उनका दूसरा पैरालिंपिक रजत पदक उनकी व्यावसायिकता, कौशल और खेल के प्रति समर्पण का प्रमाण है।

शीतल और राकेश ने मिलकर जीता शानदार कांस्य पदक

अंतिम सेट में एक अंक से पिछड़ने के बाद, शीतल देवी और राकेश कुमार को पता था कि उन्हें जीतने के लिए परफ़ेक्ट प्रदर्शन करना होगा। और उन्होंने ऐसा किया, चार तीरों में चार टेन के साथ उन्होंने इटली के एलेनारा सार्टी और माटेओ बोनासिना पर दबाव बनाया… दबाव के कारण भारतीयों ने 156 के संयुक्त पैरालंपिक रिकॉर्ड स्कोर के साथ रोमांचक कांस्य पदक प्लेऑफ़ जीता, जबकि इटली के 155 थे। शीतल के लिए, यह उनके तेज़ी से आगे बढ़ने का एक और प्रमाण था, जबकि राकेश के लिए यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वर्षों तक लगातार बेहतरीन प्रदर्शन करने का इनाम था।

राकेश 2009 में एक दुर्घटना के बाद से व्हीलचेयर पर हैं, जिसके कारण उनकी रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट लग गई थी, और आज वे जिस ऊंचाई पर हैं, वहां पहुंचने के लिए उन्होंने गंभीर अवसाद को झेला है। इस बीच, किशोर सनसनी शीतल का जन्म फोकोमेलिया नामक एक दुर्लभ चिकित्सा स्थिति के साथ हुआ, जिसका मतलब था कि उसके हाथ बहुत कम विकसित थे।

‘हाथहीन तीरंदाज’ अपने पैरों में धनुष पकड़कर और मुंह और कंधे के संयोजन से तीर खींचकर निशाना साधती है। राकेश अपने व्यक्तिगत स्पर्धा में चौथे स्थान पर रहे, शीतल प्री-क्वार्टर में हार गईं, लेकिन दोनों ने अब पैरा-तीरंदाजी में भारत के लिए दूसरा पदक जीतकर इसकी भरपाई कर ली है, एक शानदार कांस्य। शीतल देवी और राकेश कुमार ने शानदार अंदाज में पैरालिंपिक कांस्य जीता।

सुपरस्टार सुमित ने फिर से कमाल किया

बहुत कम भारतीय एथलीट कभी सुमित अंतिल जैसा स्वैग लेकर दौड़े हैं। उनके पास जितने पदक हैं, उतने और भी कम हैं। सुमित ने अपने विरोधियों को पूरी तरह से पछाड़कर टोक्यो पैरालिंपिक स्वर्ण पदक जीता, और उन्होंने तीन साल बाद पेरिस में भी ऐसा ही किया।

सुमित ने शुरू में पहलवान बनने की योजना बनाई थी, लेकिन सड़क दुर्घटना में उसका बायां पैर कट जाने के बाद उसे अपने सपने छोड़ने पड़े। अस्पताल में महीनों रहने के बाद, कृत्रिम पैर ने उसके खेल के सपने को फिर से जीवित कर दिया… और अब वह दो बार पैरालंपिक चैंपियन है।

नित्या ने जीता कांस्य पदक

23 मिनट में 21-14, 21-6 से मिली जीत अपनी कहानी खुद बयां करती है। पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी नित्या श्री सिवन ने सोमवार को भारत के लिए कांस्य पदक जीतकर एक अलग ही कहानी बयां की। उन्होंने हाल ही में शुरू की गई SH6 श्रेणी में इंडोनेशिया की मार्लिना रीना को मात दी, उन्हें मात दी और आमतौर पर उन पर भारी पड़ी। यह श्रेणी छोटे कद के एथलीटों के लिए है। 2019 में ही इस खेल में शामिल होने के बाद से ही वह तेजी से आगे बढ़ रही हैं और इस कांस्य पदक मैच ने यह दिखा दिया कि ऐसा क्यों है। निथ्या ने चतुराई से जगह का इस्तेमाल किया, एंगल्ड ड्रॉप्स के साथ रैलियों को खत्म करने से पहले क्लीयर को गहराई से और सटीक तरीके से आगे बढ़ाया, जिससे वह शुरू से अंत तक मैच पर नियंत्रण में रहीं। ।

नई दिल्ली, 3 सितंबर (हि.स.)। सूर्यकुमार यादव को 2024-25 दलीप ट्रॉफी के शुरुआती दौर से बाहर कर दिया गया है, क्योंकि पिछले हफ़्ते कोयंबटूर में बुची बाबू आमंत्रण टूर्नामेंट में मुंबई के लिए प्री-सीज़न मैच के दौरान उन्हें हाथ में चोट लग गई थी। सूर्यकुमार को आराम करने की सलाह दी गई है और वह नियमित जांच के लिए फिलहाल बेंगलुरु में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में हैं।

ईएसपीएनक्रिकइंफो के अनुसार, सूर्यकुमार ने पिछले हफ़्ते टीएनसीए इलेवन के खिलाफ़ मैच की दूसरी पारी में बल्लेबाज़ी नहीं की थी, क्योंकि तीसरे दिन फ़ील्डिंग करते समय उनके हाथ में चोट लग गई थी। उस समय, मुंबई टीम प्रबंधन ने पुष्टि की थी कि यह कदम सीज़न की शुरूआती दलीप ट्रॉफी में उनकी भागीदारी को ध्यान में रखते हुए एहतियाती तौर पर उठाया गया था।

भारत के टी20 कप्तान सूर्यकुमार ने हाल ही में टेस्ट में वापसी के लिए उत्सुकता व्यक्त की है। एक साल से अधिक समय से कोई प्रथम श्रेणी क्रिकेट नहीं खेलने के बाद, सूर्यकुमार ने रेड-बॉल क्रिकेट के लिए खुद को तैयार करने के लिए प्री-सीजन बुची बाबू टूर्नामेंट के लिए खुद को उपलब्ध कराया, जिसमें भारत को अगले पांच महीनों में 10 टेस्ट खेलने हैं, जिसकी शुरुआत 19 सितंबर से चेन्नई में बांग्लादेश के खिलाफ दो मैचों की श्रृंखला से होगी।

सूर्यकुमार, जिन्होंने अब तक एकमात्र टेस्ट पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था, को इंडिया सी टीम में शामिल किया गया है, जिसका नेतृत्व रुतुराज गायकवाड़ करेंगे, जो अनंतपुर में श्रेयस अय्यर की इंडिया डी से भिड़ेंगे। इंडिया ए और इंडिया बी एक साथ बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में दूसरे शुरुआती दौर का मैच खेलेंगे।

हाल ही में, तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज और उमरान मलिक भी बीमारी के कारण दलीप ट्रॉफी के शुरुआती दौर से बाहर हो गए थे, और रवींद्र जडेजा को वापस बुला लिया गया था, हालांकि बीसीसीआई ने उनके लिए कोई कारण नहीं बताया। नवदीप सैनी और गौरव यादव क्रमशः भारत बी और सी टीमों के लिए सिराज और मलिक की जगह लेंगे।

इस बीच, नितीश कुमार रेड्डी को एनसीए ने फिट घोषित कर दिया है। उन्हें कमर की चोट के कारण फिटनेस की शर्त पर शामिल किया गया था, जिसके कारण उन्हें जुलाई में जिम्बाब्वे के लिए भारत की टी20आई टीम से बाहर होना पड़ा था।

दलीप ट्रॉफी के पहले दौर के लिए संशोधित टीमें-

भारत ए: शुभमन गिल (कप्तान), मयंक अग्रवाल, रियान पराग, ध्रुव जुरेल (विकेट कीपर), केएल राहुल, तिलक वर्मा, शिवम दुबे, तनुश कोटियन, कुलदीप यादव, आकाश दीप, प्रसिद्ध कृष्णा, खलील अहमद, आवेश खान, विद्वाथ कवरप्पा, कुमार कुशाग्र, शाश्वत रावत।

भारत बी: अभिमन्यु ईश्वरन (कप्तान), यशस्वी जयसवाल, सरफराज खान, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), मुशीर खान, नितीश कुमार रेड्डी, वाशिंगटन सुंदर, नवदीप सैनी, यश दयाल, मुकेश कुमार, राहुल चाहर, आर साई किशोर, मोहित अवस्थी, एन जगदीसन (विकेटकीपर)।

भारत सी: रुतुराज गायकवाड़ (कप्तान), साई सुदर्शन, रजत पाटीदार, अभिषेक पोरेल (विकेटकीपर), बी इंद्रजीत, रितिक शौकीन, मानव सुथार, गौरव वी शेक विजयकुमार, अंशुल खंबोज, हिमांशु चौहान, मयंक मारकंडे, आर्यन जुयाल (विकेटकीपर), संदीप वारियर।

भारत डी: श्रेयस अय्यर (कप्तान), अथर्व तायडे, यश दुबे, देवदत्त पडिक्कल, ईशान किशन (विकेटकीपर), रिकी भुई, सारांश जैन, अक्षर पटेल, अर्शदीप सिंह, आदित्य ठाकरे, हर्षित राणा, तुषार देशपांडे, आकाश सेनगुप्ता, के.एस. भारत (विकेट कीपर), सौरभ कुमार।

बाड़मेर, 03 सितंबर (हि.स.)। राजस्थान में बाड़मेर जिले के उत्तरलाई एयरबेस के पास भारतीय वायुसेना का लड़ाकू विमान क्रैश हो गया। सूचना मिलने पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। विमान में दो पायलट थे। दोनों सुरक्षित है। एयरफोर्स ने हादसे की पुष्टि करते हुए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदे दिए गए हैं।

वायुसेना ने एक्स हैंडल पर लिखा है, “बाड़मेर सेक्टर में नियमित रात्रि प्रशिक्षण मिशन के दौरान भारतीय वायुसेना के मिग-29 में गंभीर तकनीकी खराबी आ गई। इसके कारण पायलट को विमान से बाहर निकलना पड़ा। पायलट सुरक्षित हैं और किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दे दिए गए हैं।”

पुलिस के अनुसार सोमवार रात करीब 10 बजे फाइटर प्लेन रहवासी ढाणी से दूर जाकर क्रैश हो गया। विमान के क्रैश होने के बाद तेज धमाके के साथ आग लग गई। हादसे की सूचना मिलने पर बाड़मेर कलेक्टर निशांत जैन, जिला पुलिस अधीक्षक नरेंद्र सिंह मीणा सहित जिले के प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे।

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मीणा के अनुसार कलेक्टर का कॉल आया था कि कवास के पास फाइटर प्लेन क्रैश हुआ है। दोनों पायलट सुरक्षित हैं। जहां विमान क्रैश हुआ, उसके पास आबादी वाला इलाका है। पायलट प्लेन को आबादी से दूर खेत की तरफ ले गए। हादसे के बाद 400 मीटर एरिया को एयरफोर्स ने सीज कर दिया है। दोनों पायलटों ने विमान क्रैश होने से पहले ही इजेक्ट (विमान से बाहर निकलना) कर लिया था।

ग्रामीण नीमराज ने बताया कि हम खाना खाकर घर के बाहर बैठे थे। इसी दौरान तेज धमाका हुआ और धुआं उठने लगा। ऐसा लगा जैसे कि बिजली गिरी हो। इसी दौरान पास की ढाणी से कॉल आई तो हम वहां पहुंचे। वहां देखा तो फाइटर प्लेन था, जिसमें आग लगी हुई थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार एक पायलट क्रैश वाली जगह से 1 किलोमीटर पहले ही फाइटर प्लेन से निकल गया था। दूसरा पायलट शहीद हुकम सिंह की ढाणी के पास मिला। दोनों सुरक्षित हैं।

इसुआपुर में झण्डा मेला को लेकर यातायात व्यवस्था में बदलाव, यहां पढ़ें क्या है यातायात प्लान…

मेले में वाहनों का प्रवेश वर्जित, बनाए गए रूट चार्ट

Chhapra: इसुआपुर मेले में भीड़ के मद्देनजर वाहनों का प्रवेश वर्जित रहेगा। छपरा की तरफ से आने वाले भारी वाहन कृष्णा मोड़ खैरा से मढ़ौरा की तरफ रूट बदल लेंगे । वहीं मलमलिया तथा सतरघाट से आने वाले भारी वाहन मसरख से तरैया की तरफ रूट बदल लेंगे। जबकि छपरा की ओर से आने वाले छोटे वाहन भकुरा भिठ्ठी बाजार से तथा मसरख की ओर से आने वाले छोटे वाहन चहपुरा देवी स्थान से बेला, अमरदह गांवों की तरफ रूट बदल लेंगे। मेले में साइकिल, मोटरसाइकिल के प्रवेश पर भी रोक रहेगा।

इसुआपुर में बिजली रहेगी गुल 

झंडा मेला के दौरान बिजली सेवा बाधित रहेगी। विभागीय जेई मनोज कुमार वर्मा ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि अखाड़े तथा मेले में प्रयुक्त कच्चे बांस के झंडे, मेटल के पाइप, सामानों व अन्य हथियारों के प्रदर्शन को लेकर सुरक्षा के मध्य मद्देनजर टाउन फीडर की बिजली दिन के 2 बजे से अगले दिन 4 सितंबर के 7 बजे सुबह तक बाधित रहेगी। जिसमें आता नगर, इसुआपुर, बिशुनपुरा, तथा डटरा पुरसौली के ग्रामीणों को असुविधा होगी। वहीं बाकी चार फीडरों शामकौड़िया, मुड़वां, पिपरहियां तथा निपनिया फीडर की बिजली 3 सितंबर के दिन के 2 बजे से रात के 10 बजे तक बाधित रहेगी।

जिससे इन फीडरों से संबंधित ग्रामीणों को असुविधा होगी। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि बिजली से सबंधित किसी भी दुर्घटना की आशंका होने पर उनके विभागीय मोबाइल नंबर 7763818721 पर शीघ्र सूचित करेंगे। साथ ही उपभोक्ताओं से यह भी आग्रह किया है कि वे समय रहते बिजली मोटर से संबंधित पानी की टंकी भरने जैसे कार्य कर लेंगे।

इसुआपुर में झंडा मेला मंगलवार को प्रशासनिक व्यवस्था चाक चौबंद

इसुआपुर । प्रखंड मुख्यालय बाजार इसुआपुर पर 3 सितंबर को मनाए जाने वाले महावीरी अखाड़ा सह झंडा मेला की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं ।मेले को शांति व सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न कराने को लेकर प्रशासनिक व्यवस्था भी चाक चौबंद है। ड्रोन कैमरे से जहां मिले की निगरानी होगी।

वहीं अचितपुर, इसुआपुर, बिशुनपुरा, आता नगर तथा पुरसौली के सांस्कृतिक मंचों पर सीसीटीवी कैमरा लगाने के निर्देश दिए गए हैं। 14 लाइसेंसी अखाड़े जुलूस के लिए रूट चार्ट भी बनाए गए हैं।

वहीं प्रत्येक अखाड़े के साथ पांच पुलिस बल के साथ एक मजिस्ट्रेट की प्रतिनियुक्ति की गई है। स्थानीय प्रशासनिक व पुलिस पदाधिकारीयों के अलावे जिला से 20 मजिस्ट्रेट 50 महिला पुलिस बल तथा 200 पुरुष बल मंगाए गए हैं। प्रत्येक सांस्कृतिक मंच के पास पुलिस प्वांइट बनाए गए हैं।

जहां 20 पुलिस बल के साथ दो मजिस्ट्रेट तैनात रहेंगे। मेले में प्रशासनिक शिविर, सूचना केंद्र, दंगा निरोधक वाहन, फायर ब्रिगेड की गड़ियां, एम्बुलेंस, प्राथमिक स्वास्थ्य शिविर, चलंत शौचालयों, डस्टबिन, शीतल पेयजल की भी व्यवस्था की गई है। प्रत्येक अखाड़े द्वारा 20-20 वॉलिंटियर की तैनाती की गई है। जो आई कार्ड के साथ प्रशासन द्वारा चिन्हित किए गए होंगे।

-बंगाल में हिन्दुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए भारत सरकार सजग रहे
-महिलाओं के खिलाफ होने वाले अत्याचारों पर कानून का त्वरित पालन हो, उनकी सुरक्षा के लिए समग्रता में प्रयास हो
-आरक्षण में परिवर्तन के लिए प्रभावित होने वालों की सहमति और सहभागिता आवश्यक

नई दिल्ली, 2 सितंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने साफ तौर पर कहा है कि जातिगत जनगणना का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों का सर्वांगीण विकास होना चाहिए, न कि राजनीतिक स्वार्थ के लिए ऐसे संवेदनशील विषय को उभारना चाहिए।

रा.स्व.संघ की समन्वय बैठक के बाद एक सवाल के जवाब में अ.भा. प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने साफ किया कि देश व समाज की एकता और अखंडता हमेशा से हमारी प्राथमिकता रही है। राजनीतिक लाभ के लिए देश और समाज को बांटने का प्रयास नहीं किया जाना चाहिए। आरक्षण के विषय पर भी संघ की नीति स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि हम हमेशा से संविधान प्रदत्त आरक्षण व्यवस्था का समर्थन करते आए हैं। इसमें किसी भी प्रकार का परिवर्तन संबंधित पक्षों और लाभार्थियों को विश्वास में लेकर ही करना चाहिए। यहां भी उद्देश्य राष्ट्र सर्वोपरि होना चाहिए।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय समन्वय बैठक के बाद पालक्काड में आयोजित पत्रकार वार्ता में एक सवाल के जवाब में संघ के प्रचार प्रमुख ने कहा कि समाज के सभी वर्गों के उत्थान और उनके लिए योजना बनाने के समाज के सभी वर्गों के आंकड़े जुटाना अनुचित नहीं है। यह पहले भी किया जाता रहा है। पर इसका उद्देश्य समाज में विभेद पैदा करना नहीं होना चाहिए।

पालक्काड में 31 अगस्त से 02 सितम्बर तक चली संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक में सभी ज्वलंत राष्ट्रीय महत्व के विषयों पर व्यापक और चर्चा हुई। बैठक में बांग्लादेश के हालात और पश्चिम बंगाल में हुई घटना पर भी चर्चा हुई है। सुनील आंबेकर ने बताया कि बैठक में बंगाल में प्रशिक्षु महिला चिकित्सक के साथ हुए घटनाक्रम पर भी चर्चा हुई है। संघ का मानना है कि महिलाओं के खिलाफ देशभर में हो रहे अपराधों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए। इसके लिए सख्त कानूनों और शीघ्र न्याय के अलावा समाज में जागरुकता, परिवारों में संस्कार, शिक्षा पर ध्यान और महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि संघ ने अपने शताब्दी वर्ष ( 100 वर्ष पूर्ण) होने पर जो पंच अभियान चलाने का निश्चय किया है, उसमें कुटुम्ब प्रबोधन और सामाजिक समरसता को प्राथमिकता दी है, जिसमें इन दोनों सामाजिक चुनौतियों का समाधान निहित है।

संघ की समन्वय बैठक में बांग्लादेश में हिन्दुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के बारे में विस्तृत रिपोर्ट पेश की गई और उस पर व्यापक चर्चा की गई। संघ का कहना है कि वैश्विक स्तर से लेकर भारत के अनेक सामाजिक संगठनों ने भारत सरकार को प्रतिवेदन सौंपे हैं। हमारा मानना है कि बांग्लादेश में हिन्दुओं सहित अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए भारत सरकार को बांग्लादेश सरकार से संवाद बनाए रखना चाहिए और पुरजोर तरीके से उठाना चाहिए।

महिला सशक्तीकरण के बारे में पत्रकार वार्ता के शुरूआत में ही संघ के प्रचार प्रमुख ने बताया कि समन्वय बैठक में कुल 300 प्रतिनिधियों में 32 महिला प्रतिनिधि सम्मिलित हुईं। गत एक वर्ष में पूरे देश में मातृशक्ति के 472 सम्मेलन आयोजित किए गए, जिसमें 5 लाख 75 हजार से अधिक माताओं-बहनों ने भागीदारी की। भारतीय चिंतन दृष्टि से समाज के प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी और उनके सशक्तीकरण के लिए महिला सम्मेलनों में गंभीर चिंतन हुए हैं। समन्वय बैठक में उस पर आगे की योजना पर विचार हुआ है। उन्होंने बताया कि बैठक में आने वाले समय में पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती और रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती को व्यापक स्तर पर धूमधाम से मनाने की कार्ययोजना पर भी विचार हुआ।

प्रचार प्रमुख ने बताया कि बैठक में तमिलनाडु में चल रही मिशनरी गतिविधियों पर ध्यान दिलाया गया। इसमें बताया गया कि बड़े स्तर पर लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। इस पर आगे जमीनी हालात जानने के लिए रिपोर्ट तैयार कराई जाएगी। इसके साथ ही हाल ही में वायनाड में आए भूस्खलन में संघ और सेवाभारती के कार्यकर्ताओं के सेवाकार्यों की जानकारी दी गई, साथ ही पर्यावरण संरक्षण पर भी विचार किया गया।

संघ की समन्वय बैठक में शामिल सभी संगठनों ने संघ के शताब्दी वर्ष के दौरान अपने अपने क्षेत्र में किस प्रकार योजना बनाकर पंच परिवर्तन के लिए कार्य करेंगे, इसकी कार्ययोजना प्रस्तुत की। संघ ने अपने शताब्दी वर्ष में पंच परिवर्तन का आधार मानकर जिन पांच आयामों को निर्धारित किया है, वे हैं- (1) स्व का बोध (2) नागरिक कर्तव्य (3) पर्यावरण (4) सामाजिक समरसता और (5) कुटम्ब प्रबोधन। इन पांच आयामों से ही देश और समाज का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित है।