छपरा/मशरक: गंडामन में हुए मिड डे मील हादसे की चौथी बरखी पर रविवार को मृतक 23 बच्चों को श्रद्धांजलि दी गयी. इस अवसर पर जिलाधिकारी हरिहर प्रसाद, पुलिस अधीक्षक अनुसुइया रन सिंह साहू, एडीएम अरुण कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी राजकिशोर सिंह समेत जिला प्रशासन के कई पदाधिकारी उपस्थित थे.

इस अवसर पर मृत बच्चों के आत्मा की शांति के लिए हवन भी किया गया. बच्चों ने प्रार्थना की प्रस्तुति दी. वही जिलाधिकारी ने स्कूल भवन का निरीक्षण किया और आवश्यक निर्देश दिए.

आपको बता दें कि वर्ष 2013 में मशरक के गंडामन नवसृजित विद्यालय में विषाक्त भोजन खाने से 23 मासूम बच्चों की मौत हो गयी थी. इस घटना ने लोगों को झकझोर दिया था.

छपरा: जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (एमडीएम) अजीत सिंह के मनमानी से तंग आकर सदर प्रखंड के शिक्षकों ने मोर्चा खोल दिया है. शिक्षकों का आरोप है कि एमडीएम डीपीओ द्वारा विद्यालय के शिक्षकों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा और एमडीएम जांच के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है.

सदर प्रखंड के शिक्षकों ने एक बैठक आयोजित कर इस बात की जानकारी दी कि पहले डीपीओ द्वारा विद्यालय के एचएम और शिक्षकों पर मनगढ़ंत आरोप लगाया जाता है बाद में शो कॉज और निलंबन का भय दिखाकर अवैध वसूली का दबाव बनाया जाता है. शिक्षकों ने बताया कि आये दिन डीपीओ द्वारा मिड डे मिल में गड़बड़ी का हवाला दिया जाता है और बेतुके सवालों से उन्हें परेशान किया जाता है. जिन विद्यालयों में बिल्कुल व्यवस्थित ढंग से एमडीएम खिलाया जा रहा है उन्हें भी टारगेट बनाकर वसूली की जा रही है.

शिक्षकों ने बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि अगर 19 अगस्त तक एमडीएम डीपीओ अजीत सिंह को नहीं हटाया गया तो 20 अगस्त को जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में प्रदर्शन किया जाएगा. इसके बाद भी अगर एमडीएम डीपीओ को नहीं हटाया गया तो 22 अगस्त से एमडीएम कार्यालय में अनिश्चित काल के लिये तालाबंदी की जाएगी.

शिक्षकों के एक प्रतिनिधि मंडल ने इस बाबत आयुक्त नर्मदेश्वर लाल एवं जिलाधिकारी दीपक आनंद से मिलकर एक ज्ञापन भी सौंपा है.

छपरा: अब विद्यालय में आने वाले मध्याहन भोजन योजना के तहत चावल के खाली बोरी का हिसाब गुरूजी रखेंगे. खाली बोरी के हिसाब से मिलने वाली राशि को एमडीएम योजना के मद में जोड़ा जायेगा जिसे खर्च किया जायेगा.

बिहार मध्याहन भोजन योजना के निदेशक ने सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ( मध्याहन भोजन ) को पत्र भेज कर यह कार्य शुरू करने का निर्देश दिया है. इस पत्र के द्वारा विद्यालय में आने वाले मध्याहन भोजन योजना के तहत चावल के प्रयोग के बाद खाली पड़े बोरी को अनिवार्य रूप से रखना होगा. प्राप्त बोरी को न्यूनतम 10 रूपये के निर्धारित मूल्य पर बेचकर इसकी राशि को मध्याहन भोजन योजना के मद में जमा की जाएगी. mdm

पत्र के अनुसार प्राप्त राशि का संधारण मध्याहन भोजन रोकड़ बही में लिखना होगा. इसके साथ साथ पूर्व से भी प्राप्त बोरी का हिसाब 10 रुपया की दर से करते हुए रोकड़ भी में लिखना होगा. साथ ही इस राशि  की सूचना जिला कार्यालय को अनिवार्य रूप से देनी होगी. जहाँ से राज्य कार्यालय को सूचना दी जाएगी.

इसके अलावे केंद्रीकृत रसोईघर से परिवहन और ढुलाई मद से 10 रुपया प्रति खाली बोरी या राज्य खाद्य  निगम द्वारा निर्धारित से कट कर भुगतान किया जायेगा. इससे प्राप्त राशि को मध्याहन भोजन योजना के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा प्रबंधन , अनुश्रवण और मूल्यांकन मद में इस्तेमाल किया जायेगा.