छपरा के रास्ते चलेगी श्रावणी मेला स्पेशल ट्रेन, 2 जुलाई से 31 अगस्त तक होगा परिचालन

Chhapra: रेलवे प्रशासन द्वारा श्रावणी मेला के अवसर पर मेला यात्रियों की सुविधा हेतु 05028 गोरखपुर-देवघर अनारक्षित श्रावणी मेला विशेष गाड़ी का संचलन 02 जुलाई से 31 अगस्त, 2023 तक तथा 05027 देवघर-गोरखपुर अनारक्षित श्रावणी मेला विशेष गाड़ी का संचलन 03 जुलाई से 01 सितम्बर, 2023 तक 61 फेरों के लिये किया जायेगा। यात्रियों को यात्रा के दौरान एवं स्टेशन पर प्रशासन द्वारा निर्धारित कोविड प्रोटोकाल का पालन करना होगा।

05028 गोरखपुर-देवघर अनारक्षित श्रावणी मेला विशेष गाड़ी 02 जुलाई से 31 अगस्त, 2023 तक प्रतिदिन गोरखपुर से 20.00 बजे प्रस्थान कर चौरीचौरा से 20.27 बजे, देवरिया सदर से 21.13 बजे, भटनी से 21.40 बजे, मैरवा से 22.10 बजे, सीवान से 22.40 बजे, एकमा से 23.22 बजे, दूसरे दिन छपरा से 00.15 बजे, दिघवारा से 00.47 बजे, सोनपुर से 01.10 बजे, हाजीपुर से 01.25 बजे, देसरी से 01.55 बजे, शाहपुर पटोरी से 02.17 बजे, बछवारा से 02.50 बजे, बरौनी से 03.20 बजे, बेगूसराय से 03.53 बजे, साहिबपुर कमाल से 04.22 बजे, मुंगेर से 05.00 बजे, सुल्तानगंज से 07.00 बजे, भागलपुर से 08.05 बजे, बरहट जं0 से 10.35 बजे तथा बांका से 11.05 बजे छूटकर देवघर 12.40 बजे पहुंचेगी।

वापसी यात्रा में 05027 देवघर-गोरखपुर अनारक्षित श्रावणी मेला विशेष गाड़ी 03 जुलाई से 01 सितम्बर, 2023 तक प्रतिदिन देवघर से 18.50 बजे प्रस्थान कर बंाका से 19.52 बजे, बरहट से 20.50 बजे, भागलपुर से 22.00 बजे, सुल्तानगंज से 22.32 बजे, दूसरे दिन मुंगेर से 00.40 बजे, साहिबपुर कमाल से 01.35 बजे, बेगूसराय से 02.02 बजे, बरौनी से 03.10 बजे, बछवारा से 03.32 बजे, शाहपुर पटोरी से 04.02 बजे, देसरी से 04.32 बजे, हाजीपुर से 05.10 बजे, सोनपुर से 05.22 बजे, दिघवारा से 05.52 बजे, छपरा से 07.05 बजे, एकमा से 07.33 बजे, सीवान से 08.05 बजे, मैरवा से 08.27 बजे, भटनी से 08.55 बजे, देवरिया सदर से 09.20 बजे तथा चौरीचौरा से 09.47 बजे छूटकर गोरखपुर 11.20 बजे पहुंचेगी।

इस गाड़ी में एस.एल.आर/एस.एल.आर.डी. के 02 तथा साधारण द्वितीय श्रेणी के 13 कोचों सहित कुल 15 कोच लगाये जायेंगे.

 

विज्ञान की निरंतर भागदौड़ तथा मानव का भौतिकवाद और असंतुष्ट लोभ , प्राकृतिक संकलनों – संसाधनों की तीव्रता से नष्ट करने के कारण मौसम में जो बदलाव हुआ है वह बेहद चिन्ता का विषय है। इस साल फरवरी मार्च में ही कुछ राज्यों में भीषण गर्मी पड़ी। गोवा, महाराष्ट्र के कोंकण भागों में लू जैसी स्थिति देखी गईं थी। 

मई – जून में बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश को छोड़ कर प्रायः सभी राज्यों में बारिश होती रहीं। मई – जून के माह में जब लू के थपेड़े चेहरे को लाल करने लगता है तब बर्फीली हवाएं चल रही थी और पंखे की जरूरत भी महसूस नहीं हुई। मौसम के दिनोदिन आ रहे बदलाव को सामान्य तो नही कह सकते।

दरअसल यह एक भीषण समस्या है जिसे झुठलाया नहीं सकता। समूची दुनिया इसके दुष्प्रभाव से अछूती नहीं है। इस वर्ष युरोप के आठ देशों में औसतन पिछले कई वर्षो के मुकाबले लगभग 15 डिग्री सेल्सियस ज्यादा तापमान रहा। एशियाई देशों की बात करें तो बांग्लादेश और थाईलैंड में तापमान ने 60 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया।

चीन, जापान, म्यांमार, और वियतनाम में कमोबेश यही स्थिति रही। मौसम विज्ञानी भी अचंभित हैं। वैसे हैरानी की बात आजकल नही रही क्योंकि न तो गर्मियां गर्मियों की तरह रही और न तो सर्दी सर्दियों की तरह। दस साल पहले के मौसम के तुलना में आजकल का मौसम पुरी तरह से परिवर्तित हो चूका है। मार्च के महीने में भारत के कई राज्यों में भारी बारिश देखी गईं। वर्षा से तापमान घटता है, लेकिन फरवरी महीने में पिछले वर्ष की तुलना में कम पानी गिरने से तापमान बढ़ा। देश के कई हिस्से फसलों के लिए जनवरी – फरवरी में बारिश के लिए तरसते रहे। लेकिन अप्रेल – मई में जब खेतों में गेहूं पक चुकी थी तब बारिश ने ऐसा कहर ढाया कि खेतों में ही फसल बिछ गई। यह खतरे की घंटी है।

बदलते मौसम की मार से प्रकृति के साथ साथ हमारे जीवन के कोई पहलू अछूता नहीं बचा है। हमारा रहन सहन, भोजन, स्वास्थ्य और कृषि इस रुप से प्रभावित हुई है। कृषि उत्पादन में आ रही कमी, सुखा और भूमि के बंजर होने की गति में हो रही बढ़ोतरी इसका जीता जागता सबूत है। वैज्ञानिक शोध और अध्ययन ने इस तथ्य को प्रमाणित भी कर दिया है। मौसम के बदलाव के कारण मनुष्य संक्रमण की चपेट में है। नतीजन शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। बाढ़, चक्रवात, तूफान आदि आपदाओं में बढ़ोतरी उसी का नतीजा है।

मौसम में तेजी से हो रहे बदलाव का बड़ा कारण है ग्रीन हाउस गैस का उत्सर्जन। ग्रीन हाउस गैस का उत्सर्जन तेजी से हो रहा है जो मौसम पर प्रतिकुल प्रभाव डाल रहा है। इसके साथ ही एयरोसॉल सल्फेट की मात्रा भी बढ़ती जा रही है। इसकी वजह से जमीन और जल दोनों का तापमान बढ़ रहा है। अल नीनो के कारण भी तापमान पर प्रभाव पड़ा है। जमीन की कटाई की वजह से जमीन से वाष्पीकरण में कमी आई है।

भारतीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की जून 2020 में जलवायु परिर्वतन पर आई रिर्पोट में कहा गया है 1986 से 2015 के बीच गर्म दिनों का तापमान 0.63 डिग्री सेल्सियस और सर्द रातों का तापमान 0.4 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ा है। इसमें यह भी अनुमान लगाया गया है कि अगर यही रुझान आगे भी रहा तो गर्म दिनों का तापमान 4.7 डिग्री और सर्द रातों का तापमान 5.3 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है। इसका अर्थ यह हुआ कि गर्म दिनों की संख्या 5.5 फीसदी तक और गर्म रातों की संख्या 70 फीसदी तक बढ़ना तय है जो बेहद चिंताजनक है।

यह सही है कि प्रकृति को प्रभावित करने वाले कारकों व कारणों के पीछे इंसानी गतिविधियां भी कम ज़िम्मेदार नहीं। अब समय की मांग है कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों पर तत्काल लगाम लगे जिससे औसत तापमान बढ़ोतरी पर अंकुश लगे।

जम्मू, 30 जून (हि.स.)। अधिकारियों ने अमरनाथ यात्रियों को तीर्थयात्रा पर निकलने से पहले जम्मू-कश्मीर में निर्दिष्ट स्थानों से रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान (आरएफआईडी) कार्ड एकत्र करने का निर्देश दिया है। अधिकारियों ने तीर्थयात्रियों को इसके बिना यात्रा न करने की सलाह दी है।

अमरनाथ यात्रा से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि सभी यात्रियों को हर समय अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) की ओर से जारी आरएफआईडी कार्ड पहनना अनिवार्य है। किसी भी यात्री को आरएफआईडी कार्ड के बिना यात्रा क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। आरएफआईडी आर्बिटर टेक्नोलॉजी कार्ड रेडियो फ्रीक्वेंसी से लैस है और यात्रियों के आधार कार्ड से जुड़ा हुआ है। यह आईडी ट्रैकिंग के दौरान रास्ता भटक जाने पर हर तीर्थयात्री की पहचान का पता लगाने में भी मदद करती है।

जम्मू-कश्मीर सरकार ने इस साल अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं और यात्रियों से अपनी सुरक्षित यात्रा के लिए उनका पालन करने को कहा है। 62 दिनों तक चलने वाली वार्षिक अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई से दक्षिण कश्मीर में पहलगाम और मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले में बालटाल मार्ग से पर्याप्त सुविधाओं और अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुरू हुई है।

इसी बीच शुक्रवार सुबह 3,488 तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास आधार शिविर से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यात्रियों को यात्रा अवधि के दौरान आरामदायक कपड़े पहनने के लिए कहा गया है और ट्रैकिंग जूते पहनने, चढ़ते समय धीरे-धीरे चलने और ऊंचाई वाले वातावरण के साथ खुद को ढालने के लिए समय निकालने की सलाह दी गई है। यात्रियों को इस दौरान खुद को हाइड्रेटेड रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीने के लिए भी कहा गया है। तीर्थयात्रियों को सलाह दी गई है कि यदि किसी यात्री को सांस लेने में तकलीफ या फिर असुविधा का अनुभव हो रहा हो तो उसे निकटतम चिकित्सा सुविधा से संपर्क करना चाहिए और यदि संभव हो तो कम ऊंचाई पर उतरने का प्रयास करना चाहिए।

यात्रियों को यह भी सलाह दी गई है कि उन्हें अपनी क्षमता से अधिक परिश्रम करने से बचना चाहिए और रास्ते में बार-बार रूकना और आराम करना चाहिए। यात्रियों से ट्रैकिंग मार्ग और आसपास अपशिष्ट पदार्थ फैलाकर पर्यावरण को प्रदूषित करने से बचने के लिए भी कहा गया है। यात्रियों को रास्ते में कोई शॉर्टकट अपनाने का प्रयास नहीं करने के लिए भी कहा गया है और खतरे के क्षेत्र के संकेतों पर नजर रखने के लिए भी कहा गया है जहां उन्हें सावधानी से आगे बढ़ना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि पिछले साल खराब मौसम के कारण 18 जुलाई, 2022 को बादल फटने से अचानक आई बाढ़ में 15 तीर्थयात्रियों की जान चली गई थी और दर्जनों अन्य घायल हो गए। इस दौरान वार्षिक अमरनाथ यात्रा शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई और 3.60 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए।

पटना, 30 जून (हि.स.)। जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने पटना में जन संवाद के दौरान शुक्रवार को तंज कसते हुए कहा कि बिहार में कांग्रेस कहीं नहीं है। न कोई नेता जमीन पर है। बस सरकार में शामिल है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक के बाद लोकसभा में जीत होगी, ऐसा नहीं है। वर्ष 2018 में कांग्रेस तीन राज्यों में जीती थी। इसके ठीक चार महीने बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में कई राज्यों में खाता तक नहीं खुला।

प्रशांत किशोर ने कहा कि इस बार कांग्रेस कर्नाटक का चुनाव जीती है तो मैं कहना चाहूंगा कि कर्नाटक में मिली जीत को कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनाव की जीत के तौर पर न देखे। पिछले चुनावों की बानगी देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा के लिए 2013 में हुए चुनाव में कांग्रेस जीतकर आई, उसके एक साल बाद ही 2014 के आम चुनाव में भाजपा सबसे अधिक लोकसभा की सीटें जीतकर आई।

उन्होंने याद दिलाया कि 2018 के दिसंबर में राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस जीतकर आई लेकिन इसके ठीक चार महीने बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन बहुत बुरा रहा और खाता तक नहीं खुला। इसलिए मैं कांग्रेस या अन्य पार्टियों को भी बता रहा हूं कि देश में हर चुनाव एक अलग चुनाव होता है।

पटना, 30 जून (हि.स.)। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सभी पार्टियां तैयारियों में लग गई है। इसी परिप्रेक्ष्य में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को पार्टी के विधायकों से मुलाकात की। उन्होंने विधायकों से 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए तैयार रहने को कहा। नीतीश कुमार सामूहिक रूप से नहीं, बल्कि विधायकों से वन-टू-वन बातचीत कर रहे हैं।

नीतीश पार्टी विधायकों से उनके क्षेत्र की समस्याओं को जान और समझ रहे हैं। साथ ही पार्टी की वहां क्या स्थिति है और किस स्तर पर संगठन को मजबूत बनाए जाने की जरूरत है, इसका भी फीडबैक ले रहे हैं।

सीएम आवास के बाहर जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि सीएम विधायकों से कई मुद्दों पर बातचीत कर रहे हैं। मुख्यमंत्री विधायकों से मुलाकात में उनके क्षेत्र की समस्याओं आदि को लेकर बातचीत कर रहे हैं और मिल रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि नीतीश सरकार पर महागठबंधन में शामिल पार्टी भाकपा-माले ने कई बार सवाल उठाए हैं। पार्टी का आरोप रहा है कि सरकार भाजपा से अलग हो गई लेकिन अफसरों के कामकाज का तरीका नहीं बदला है। वे भाजपा वाले मोड में काम कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी जब महागठबंधन में थे तब उन्होंने आरोप लगाया था कि अफसर जनप्रतिनिधियों की नहीं सुन रहे।

Chhapra: राज्य सरकार ने राज्य के 228 प्रखण्ड विकास पदाधिकारियों का तबादला किया है। इसके लिए ग्रामीण विकास विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है। 
अधिसूचना के अनुसार सारण जिले के चार प्रखंडों के प्रखण्ड विकास पदाधिकारियों का तबादला किया गया है। जिनमें छपरा सदर, मकेर, लहलादपुर और गरखा प्रखण्ड शामिल हैं।       
छपरा सदर प्रखण्ड का प्रखण्ड विकास पदाधिकारी विनोद आनंद को बनाया गया है। जबकि रितिका सहाय को मकेर, निलेश कुमार को लहलादपुर और रत्नेश रवि को गड़खा प्रखंड का प्रखण्ड विकास पदाधिकारी बनाया गया है।
इसके साथ ही सिवान के बसंतपुर प्रखण्ड का प्रखण्ड विकास पदाधिकारी मनीष कुमार श्रीवास्तव को बनाया गया है। जबकि दरौंदा के सूर्य प्रताप सिंह सेंगर, पचरुखी के वैभव शुक्ल, गुठनी के प्रखण्ड विकास पदाधिकारी के पद पर संजय कुमार को पदस्थापित किया गया है।   

सारण के कई प्रखंडों में नई सीडीपीओ, बड़े पैमाने पर हुआ तबादला

Chhapra: समाज कल्याण विभाग द्वारा बड़े पैमाने पर सूबे में आईसीडीएस के सीडीपीओ का तबादला किया गया है. इस तबादले से सारण के कई प्रखंडों में सीडीपीओ के नए चेहरे दिखेंगे. सारण के इसुआपुर, मांझी, सोनपुर, जलालपुर, बनियापुर, गरखा, दरियापुर और एकमा में नए सीडीपीओ की पदस्थापना हुई है.

ये बने है सीडीपीओ

इसुआपुर में चंद्रमणि कुमारी

मांझी में पूजा रानी

सोनपुर में श्वेता कुमारी

जलालपुर में नीतू सिंह

बनियापुर में आशा सिंह

गरखा में जया कुमारी

दरियापुर में अंजु सिंह

और एकमा में मनीषा रानी की पदस्थापना की गई है.

Chhapra/Baniyapur: सारण पुलिस ने जिले के बनियापुर प्रखंड के नगडिहा गांव में चलाए जा रहे अवैध मिनी गन फैक्ट्री का उद्भेदन किया है।

सारण पुलिस ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि दिनांक – 29.06.2023 को बनियापुर थानाध्यक्ष को गुप्त सूचना प्राप्त हुई कि अविनाश गिरी, पिता स्व० उपेन्द्र गिरी, सा० नगडीहा थाना बनियापुर, जिला- सारण के द्वारा अपने घर में अवैध आग्नेयास्त्र की खरीद बिक्री एवं निर्माण का कार्य करता है प्राप्त सूचना पर बनियापुर एवं दाउदपुर पुलिस दल द्वारा ग्राम नगडीहा स्थित अविनाश गिरी के घर पर छापामारी किया गया।

छापामारी के कम में अवैध आग्नेयास्त्र, जिंदा कारतूस एवं हथियार निर्माण करने वाला अन्य उपकरण को जब्त किया गया।

इस संबंध में बनियापुर थाना कांड संख्या-246 / 23, दिनांक 30.06.2023 धारा-25 ( 1-एए) /25 (1-बी) /26 (2) आर्म्स अधि० दर्ज कर अवैध आग्नेयास्त्र निर्माण व बिक्री के कारोबारी की गिरफ्तारी हेतु अग्रतर कार्रवाई की जा रही हैं।

पुलिस ने मिनी गन फैक्ट्री से एक एयर गन, 35 जिंदा कारतूस, एक लैपटॉप, दो मोबाइल और अवैध आग्नेयास्त्र निर्माण करने के उपकरण एवम सामग्री बरामद किया है.

Chhapra: अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवी संस्था लायंस क्लब छपरा टाउन की युवा इकाई लियो क्लब छपरा टाउन की सत्र 2023-24 नई कार्यकारिणी का गठन लियो चेयरपर्सन लायन कुंवर जयसवाल के मौजूदगी में की गई।

1 जुलाई से शुरू होने वाले नए सत्र हेतु लियो सदस्यों के सर्व सम्मानित से लियो आशुतोष पांडे अध्यक्ष, लियो अमित सोनी सचिव एवं राहुल राज को कोषाध्यक्ष चुना गया। वही लियो मनीष मनी और लियो आदर्श सिंह को लियो उपाध्यक्ष की जिम्मेवारी मिली है ।

नवनिर्वाचित अध्यक्ष लियो आशुतोष पाण्डेय ने कहा कि इस साल क्लब को नई ऊंचाइयों पर सदस्यों के सहयोग से ले जाने की कोशिश करूंगा। कई नए प्रोजेक्ट के साथ मैं इस बार शहर में समाज की सेवा करूंगा। इस साल मुख्य प्रोजेक्ट लियो पाठशाला है। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से गरीब बच्चो को शिक्षित करना साथ ही जरूरतमंद बच्चों को पठन पाठन की सामग्री उपलब्ध कराना है

लियो क्लब की नए सत्र की टीम का गठन होने पर लायंस क्लब से लायन गोविद सोनी, अमित सिंह, अमर गुप्ता, विकाश गुप्ता, लियो क्लब से अभिषेक गुप्ता, विकास आनंद, सलमान, सनी पठान को बहुत बधाई दी

Chhapra: गर्मी और धूप की तपिश की मार झेल रहे छपरा नगर निगम क्षेत्र वासियों को दो दिनों की बारिश ने राहत क्या दी, उल्टे यह लोगों के लिए आफ़त बन गई।  कूलर और एसी के सहारे गर्मी को सहने वाले शहरवासियों को अब बारिश में घर से निकलने के दौरान पैर रखने के लिए सड़क खोज रहें हैं। हर साल की तरह इस साल भी कई सड़कों का आलम यह है कि आप नालियों में चलेंगे या सड़क पर इसका पता नही है। 

रेड़ी पटरी और ठेला खोमचा वाले जगह की तलाश में है, जहां वह अपनी दुकान लगाकर आज कमाई करें।  जिससे की उनके परिवार को भोजन नसीब हो सकें।

छपरा में विगत दो दिनों से बारिश हो रही है। शहर के कई इलाके पूरी तरह जलमग्न है।  मौना चौक, साँढा रोड, पंचायत भवन, काशी बाजार, गुदरी बाजार, भगवान बाजार, अस्पताल चौक, मलखाना चौक सहित दर्जनों मुख्य सड़के जलमग्न है।  हालात ऐसे है की पैदल चलने के लिए राहगीर सड़क खोज रहे है कि आखिर पैर कहा रखें. वहीं दो पहिया और चारपहिया वाहन चालक भगवान का नाम लेकर ही आगे बढ़ रहे है. सड़क में नाली है या नाली में सड़क इसका पता नही है फिर भी जान हथेली पर लिए किसी तरह शहर वासी जलजमाव में चल रहे है.

सड़कों के जलजमाव ने छपरा नगर निगम के बारिश के पूर्व नालियों के साफ सफाई की पोल खोल कर रख दी है. निगम द्वारा चलाए जा रहा मिशन 40 कितना सफल हुआ यह जलजमाव से पता चलता है।  लिहाजा प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी हालात जस के तस बन गए हैं। 

बारिश में जलजमाव ना हो इसके लिए शहर की नालियों की सफाई हुई। नालों पर बने स्लैब तोड़े गए। अब बारिश से उन सड़कों में फिर से जलजमाव है। जलजमाव से उन सड़कों पर चलना दुभर है। 

शहर के एकमात्र जलनिकासी का श्रोत खनूआ नाला जनप्रतिनिधियों के लिए दुधारू गाय और राजनीति का केंद्र बना है। विगत विधानसभा चुनाव में खनूआ नाला के जीर्णोधार की शुरुआत हुई। काम शुरू हुआ लेकिन अब अधर में है। पुनः सरकार ने राशि बढ़ाई है लेकिन अबतक काम पूरा नही हुआ। शहर के लोगों के इन समस्याओं की ना सांसद को चिंता है ना विधायक को, विकास कार्यों की गाथा सुनाने वाले ये जनप्रतिनिधि निर्माण एजेंसियों के सवाल जबाब करने से भी हिचक रहें हैं। जिससे निर्माण कार्य जैसे तैसे चलने से जनता को कोई लाभ होता नहीं दिख रहा है। 

बहरहाल बारिश शुरू है जलजमाव होना लाजमी है। शहरवासियों के पास इसी व्यवस्था में जीवन यापन करना मजबूरी है। मुख्य सड़कों पर जलजमाव के बाद गली गलियारों की स्थिति और भी भयावह है।  विपरीत परिस्थितियों में शहरवासी जीने के आदी हो चुके है।

जनता के सेवक कहे जाने वाले लोग फिलहाल योजनाओं कि राशियों को गिनने और आकड़ों के खेल में व्यस्त हैं। छपरा को स्वच्छ सुंदर और बेहतर बनाने के लिए रांची से लेकर कोलकाता तक की दौर लगाई जा रही, लेकिन धरातल पर व्यवस्था नदारद है।

नगर निगम क्षेत्र में सेल्फी प्वाइंट बनाए जाने की योजना है, लेकिन शहर में जलनिकासी, सुव्यवस्थित सब्जी बाजार के लिए कोई योजना नहीं है। प्रतिदिन एजेंसी को डेढ़ लाख रुपए देकर सफाई की जाने वाली सड़क पर लोग कचड़ा में पैदल चलने को मजबूर हैं।

जिस शहर में जलजमाव से सड़कों पर नाव चलाने की स्थिति उत्पन्न हो गई हो वहाँ के जनप्रतिनिधि के द्वारा जनता से बदलाव के लिए समर्थन की उम्मीद भी बेमानी होगी।  

पटना, 30 जून (हि.स.)। बिहार में बीते 12 घंटे से लगातार रुक-रक कर हो रही बारिश और वज्रपात से अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है। पटना में बारिश को देखते हुए अधिकांश निजी विद्यालयों को बंद कर दिया गया है।

आठ लोगों की मौत गुरुवार और दो की मौत शुक्रवार को हुई है। मृतकों में जमुई, मुंगेर, गया,बांका और खगड़िया तथा लखीसराय-शेखपुरा के व्यक्ति शामिल हैं। इनमें तीन लोगों की जान खेत और एक की मौत पशु चराने के दौरान हुई।

पटना समेत प्रदेश के कई हिस्सों में जमकर बारिश हुई है। अगले तीन दिन तक मौसम का यही हाल रहेगा। अररिया के रानीगंज में सर्वाधिक 104.2 मिलीमीटर और राजधानी में 26.3 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई है। पटना सहित 26 शहरों के अधिकतम तापमान में गिरावट आई है।

नई दिल्ली, 30 जून (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह के समापन कार्यक्रम में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय केवल विश्वविद्यालय नहीं बल्कि एक मूवमेंट रहा है।

प्रधानमंत्री दिल्ली विश्वविद्यालय के खेल परिसर के बहुउद्देशीय हॉल में आयोजित दिल्ली विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह के समापन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय ऐसे समय में अपने 100 वर्ष पूरे कर रहा है जब आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर देश अमृत महोत्सव मना रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय और शिक्षण संस्थान किसी देश की उपलब्धियों का प्रतिबिंब होते हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय में इन 100 वर्षों की यात्रा में कितने ही ऐतिहासिक पड़ाव पार किए हैं।

उन्होंने कहा कि इंसान हो या संस्थान जब उसके संकल्प देश के संकल्प के साथ जुड़ जाते हैं तो उसकी सफलता भी देश की सफलताओं के साथ कदम से कदम मिलाकर चलती है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह के समापन कार्यक्रम में भाग लेने दिल्ली मेट्रो से यात्रा कर पहुंचे। मेट्रो से यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने यात्रियों के साथ संवाद भी किया। दिल्ली विश्वविद्यालय पहुंचकर प्रधानमंत्री ने छात्रों से भी संवाद किया। इस दौरान शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान उनके साथ मौजूद रहे।

इस कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कंप्यूटर केन्द्र और प्रौद्योगिकी संकाय के भवन और विश्वविद्यालय के उत्तरी परिसर में बनने वाले अकादमिक ब्लॉक का भी शिलान्यास किया।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली विश्वविद्यालय की स्थापना 1 मई 1922 को हुई थी। पिछले सौ वर्षों के दौरान, इस विश्वविद्यालय का काफी विकास एवं विस्तार हुआ है और अब इसमें 86 विभाग, 90 कॉलेज, 6 लाख से अधिक छात्र हैं तथा इसने राष्ट्र निर्माण में उल्लेखनीय योगदान दिया है।