Chhapra: हर कोई वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से जंग लड़ रहा है. इस बीच मौसम ने भी अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है. आसमान से आग बरस रहे हैं. लोगों को घर से निकलना मुश्किल है. पारा 45 डिग्री के पास पहुंच चुका है. गर्मी में चिलचिलाती धूप बढ़ने के साथ ही बीमार होने का खतरा भी बढ़ गया है. जिसमें सबसे अहम है हीट स्ट्रोक यानी लू लगना. लू उन अधिक गर्म और शुष्क हवाओं को कहा जाता है. ऐसे मौसम में अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है तथा अति आवश्यक होने पर ही घरों से बाहर निकलें.

सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने बताया कि लू लगने पर शरीर का तापमान एकदम बहुत बढ़ जाता है और शरीर में पानी और नमक की ज्यादा कमी हो जाती है. दरअसल जब शरीर का थर्मोस्टेट सिस्टम शरीर को वातारवरण के अनुकूल ठंडा रखने में नाकाम हो जाता है तो शरीर में गर्मी बढ़ जाती है. इससे शरीर की ठंडक कम हो जाती है और लू लग जाती है. साथ ही लू लगने पर शरीर में गर्मी, खुश्की और थकावट महसूस होने लगती है और ज्यादा प्यास लगती है.

पानी की पूर्ति रखें
लू लगने की अहम वजह शरीर में पानी की कमी होना है, इसलिए किसी ना किसी रूप में पानी की पूर्ति कर लें. ऐसे में आप आम का पन्ना लें, जो लू से बचाने में काफी कारगर साबित होता है. इसके अलावा नींबू पानी, सादा पानी, फल का रस, दही, मठ्ठा, जीरा छाछ, जलजीरा, लस्सी आदि के माध्यम से पानी लेते रहें. ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं.

धूप में बाहर निकलें तो शरीर को ढककर रखें 
जब भी धूप में बाहर निकलें तो शरीर को ढककर रखें और धूप से बचें. इसके लिए ध्यान रखें कि जब भी आप धूप में जा रहे हैं तो सिर और आंखों को ढककर रखें. आंखों के लिए चश्मे और सिर के लिए कपड़े या टोपी का इस्तेमाल करें. साथ ही अचानक ठंडी जगह से एकदम गर्म जगह पर जाने से बचें. जैसे अगर आप लंबे समय से एसी में बैठे हैं तो एकदम से धूप में ना जाएं.

खाली पेट घर से ना निकलें 
वैसे तो किसी भी मौसम में घर से खाली पेट नहीं निकलना चाहिए, मगर गर्मी में तो ऐसा बिल्कुल ना करें. जब भी कर से निकले तो गर्मी के अनुसार हेल्दी खाना खाएं और फिर बाहर निकलें. साथ में पानी की बोतल ले जाना भी नहीं भूलें.

तरबूज-ककड़ी, खीरा का करें सेवन 
गर्मी के मौसम में शरीर में पानी की कमी न हो इसलिए तरबूज, ककड़ी, खीरा खाना चाहिए. साथ ही ऐसे फ्रूट पर ज्यादा ध्यान दें, जिनमें पानी की मात्रा अधिक होती है. कहा जाता है कि टमाटर की चटनी, नारियल और पेठा खाने से भी लू नहीं लगती है. वहीं जौ खाना भी स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है और आप इसका अलग अलग तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए.

लू के लक्षण
•अचानक शरीर का तापमान बढ़ जाना
•सिर में तेज दर्द का होना
•लू लगने से किडनी, दिमाग और दिल की कार्य-क्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ता है
•नाड़ी तथा सांस की गति तेज हो जाती है
•डिहाइड्रेशन के लक्षण नजर आते हैं-चक्कर आना,दस्त लगना,मिचली होना
•त्वचा पर लाल दाने हो जाना
•बार-बार पेशाब आना
•शरीर में जकड़न होना

फाइल फोटो

Chhapra: सारण के पुलिस कप्तान हरकिशोर राय की पहल पर दिवंगत थानाध्यक्ष के परिजन को सारण में तैनात पुलिसकर्मियों ने निजी स्तर पर मदद की है. पुलिसकर्मियों ने अपने एक दिन से लेकर 10 दिन के वेतन को इकट्ठा कर परिजनों की सहायता की है.

मंगलवार को पुलिस अधीक्षक हर किशोर राय ने इस राशि के चेक को दिवंगत थानाध्यक्ष अमित कुमार की पत्नी निशि को सुपुर्द किया.

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 20 जून को अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए भेल्दी के थानाध्यक्ष अमित कुमार को अनियंत्रित बस में ठोकर मार दिया था. जिससे उनकी मौत हो गई थी. इस घटना के बाद सारण पुलिस बहुत मर्माहित है. सारण पुलिस कर्मियों ने स्वेच्छा से 1 से 10 दिन का वेतन अमित कुमार के परिजनों को देने का सोचा और 11 लाख 14 हज़ार 2 सौ 99 रुपये का चेक सारण पुलिस के द्वारा शहीद अमित कुमार के परिजनों को दिया गया.

उन्होंने बताया कि 2009 बैच के 23 सब इंस्पेक्टर ने 10 दिन का वेतन दिया है. वही 113 सब इंस्पेक्टर, 16 ASI, 13 इंस्पेक्टर, 2 सूबेदार, एक क्लार्क, 2 सिपाही ने एक-एक दिन का वेतन दिया है.

बताते चलें कि 30 जून की रात्रि में ड्यूटी के दौरान अनियंत्रित बस ने भेल्दी थाना अध्यक्ष अमित कुमार को ठोकर मार दी थी. जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी.

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Chhapra: बिहार राज्य विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय कर्मचारी महासंघ जयप्रकाश विश्वविद्यालय प्रक्षेत्र ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर एक छात्र संगठन द्वारा कर्मचारियों के वेतन निर्धारण को गलत ठहराते हुए विश्वविद्यालय द्वारा तीस करोड़ राशि के भुगतान में घोटाले के आरोपो को गलत बताया है.

कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष और सचिव के हस्ताक्षर से जारी विज्ञप्ति में इसकी निंदा करते हुए इसे समुचित तथ्यों को बिना जाने समझे ही आवेश में आकर जारी किया गया बयान करार दिया है. साथ ही कुलपति तथा विश्वविद्यालय की छवि को धूमिल तथा समाज को दिग्भ्रमित करने का आरोप लगाया है.

महासंघ ने कहा है कि वेतन का निर्धारण सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सिविल अपील पारित न्यायादेश के अनुपालन में राज्य सरकार द्वारा निर्गत पत्र के आलोक में किया गया है. कर्मचारी संघ ने बताया है कि वेतनमान के अनुसार ही छठे वेतन आयोग द्वारा किए गए प्रावधानों के तहत विश्वविद्यालय द्वारा वेतन का निर्धारण किया गया है जिसकी पुष्टि राज्य सरकार के पत्र द्वारा किया जा सकता है.

बता दें कि रविवार को शोष विद्यार्थी संगठन ने विश्वविद्यालय में वेतन निर्धारण में अनियमितता का आरोप लगते हुए जांच की मांग की थी.

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