पटना, 12 अक्टूबर (हि.स.)। पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में विजयादशमी के मौके पर रावण दहन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्घाटन राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संयुक्त रूप से किया।

दशहरा कमेटी के इस कार्यक्रम में दोनों डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, रविशंकर प्रसाद, नंदकिशोर यादव सहित कई नेता और कमेटी से जुड़े लोग मौजूद रहे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने भगवान राम को तिलक लगाकर उनकी आरती उतारी। इसके बाद श्रीराम ने तीर चलाकर बुराई के प्रतीक रावण का दहन कर दिया। पटना का गांधी मैदान जय श्रीराम के नारों से गूंज उठा।

इससे पहले गांधी मैदान में बनाई गई रावण की लंका जली। राम और रावण की बीच युद्ध का नजारा भी दखने को मिला। श्रीराम ने तीर चलाई और सबसे पहले कुंभकर्ण का दहन हुआ। इसके बाद रावण के बेटे मेघनाद का पुतला जला। अंत में श्रीराम ने बाण चलाकर बुराई पर अच्छाई के जीत के प्रतीक अहंकारी रावण का वध कर दिया और रावण धू-धू कर जल गया।

नई दिल्ली, 12 अक्‍टूबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के तहत इंटर्नशिप करने के लिए शनिवार (आज) शाम 5 बजे से https://pminternship.mca.gov.in/login/ पोर्टल पर युवा पंजीकरण कर पाएंगे। इस पोर्टल पर अब तक 193 कंपनियों ने 90,849 इंटर्नशिप के अवसरों की पेशकश की है। इन युवाओं को 24 क्षेत्रों में इंटर्नशिप के अवसर उपलब्‍ध कराए जाएंगे।

कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय से जुड़े आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार शाम तक 90,849 इंटर्नशिप पदों के लिए 193 कंपनियों ने पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराया है। केंद्र सरकार का लक्ष्य वित्‍त वर्ष में 1.25 लाख उम्‍मीदवारों को योजना के दायरे में लाने का है। लेकिन, इसका हिस्सा बनने वाली कई कंपनियों ने अभी यहां जॉब पोस्ट नहीं की हैं। इस पोर्टल पर अभी परिचालन प्रबंधन, उत्पादन एवं विनिर्माण, रखरखाव, बिक्री और विपणन सहित 20 से अधिक क्षेत्रों में युवाओं के लिए इंटर्नशिप के अवसर उपलब्ध हैं।

जानकारी के मुताबिक पीएम इंटर्नशिप योजना के तहत अवसर मुहैया कराने वाली कंपनियों में जुबिलेंट फूडवर्क्स, मारुति सुजुकी इंडिया, आयशर मोटर, लार्सन एंड टूब्रो लिमिटेड, मुथूट फाइनेंस और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी 193 प्रमुख कंपनियों ने इंटर्नशिप अवसरों का ब्योरा रखा है। इस पोर्टल के जरिए योग्‍य उम्‍मीदवारों को 24 क्षेत्रों में इंटर्नशिप उपलब्‍ध कराया जाएगा। इनमें सबसे अधिक अवसर तेल, गैस एवं ऊर्जा के क्षेत्र में हैं, उसके बाद यात्रा एवं आतिथ्य, वाहन और बैंकिंग एवं वित्तीय सेवाओं का स्थान आता है।

इंटर्नशिप के अवसर देश के 37 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों सहित कुल 737 जिलों में उपलब्ध होंगे। केंद्रीय बजट 2024-25 में वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस योजना की घोषणा की थी। सरकार का लक्ष्य पांच साल के भीतर 21-24 वर्ष की आयु के एक करोड़ उम्मीदवारों को इंटर्नशिप कराना है, ताकि वे रोजगार के लायक बन सकें। इस योजना के तहत इंटर्नशिप करने वाले उम्‍मीदवार को 12 महीने के लिए 5 हजार रुपये की मासिक वित्तीय सहायता और 6 हजार रुपये का एकमुश्त अनुदान मिलेगा।

उल्‍लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने इंटर्नशिप अवसरों की जानकारी देने के लिए 3 अक्टूबर को इस पोर्टल को लॉ‍न्‍च किया था। पायलट परियोजना के तहत इंटर्नशिप कार्यक्रम की शुरुआत 2 दिसंबर से होगी। चालू वित्त वर्ष 2024-25 के अंत तक लगभग 1.25 लाख उम्मीदवारों को इस योजना के दायरे में लाए जाने की उम्मीद है।

– बीआरओ की 75 परिवर्तनकारी बुनियादी ढांचा परियोजनाएं वर्चुअली राष्ट्र को समर्पित कीं

नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (हि.स.)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को विजयादशमी के अवसर पर पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में सुकना कैंट में शस्त्र पूजा की और सेना के जवानों के साथ त्योहार मनाया। उन्होंने कहा कि हमने कभी किसी देश पर हमला नहीं किया, क्योंकि हमारे दिल में किसी के साथ कोई दुश्मनी नहीं है। हमने केवल तभी युद्ध लड़ा है, जब किसी देश ने हमारी अखंडता और संप्रभुता का अनादर किया है। शस्त्र की पूजा करना एक प्रतीक है, जिसे जरूरत पड़ने पर पूरी ताकत से इस्तेमाल किया जा सकता है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दो दिवसीय दौरे पर शुक्रवार को सुकना कैंट पहुंचे थे। उन्हें सिक्किम के गंगटोक में एक अग्रिम स्थान पर सैन्य कमांडरों के सम्मेलन में जाना था लेकिन गंगटोक में खराब मौसम के कारण वह वहां नहीं पहुंच सके, इसलिए रक्षा मंत्री ने सुकना में सैन्य प्रतिष्ठान से वर्चुअल मोड में अपना संबोधन दिया था। रात में उन्होंने सैन्य अधिकारियों के सेना के प्रतिष्ठित ‘बड़ाखाना’ में शामिल हुए और सभी के साथ भोजन किया। रक्षा मंत्री ने आज पश्चिम बंगाल के सुकना कैंट में शस्त्र पूजा पूजा करके दशहरा पर्व मनाया, जो हथियारों और सैन्य कर्मियों के लिए आशीर्वाद मांगने का एक पारंपरिक समारोह है।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हम सभी जानते हैं कि आज का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। जब भगवान राम ने बुराई के रावण पर विजय प्राप्त की तो यह मानवता की जीत थी। रक्षा मंत्री ने कहा कि हम देख सकते हैं कि सीमाओं पर हमारे सशस्त्र बलों की सतर्क उपस्थिति के कारण किसी भी घटना की संभावना नहीं है। इसके बावजूद जो हालात चल रहे हैं, उसमें हम पड़ोसियों की ओर से किसी भी संभावित शरारत को नजरअंदाज नहीं कर सकते। रक्षा मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद से मैंने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि वैश्विक परिदृश्य चाहे जो भी हो, तैयारी में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। हम सभी को सभी विकल्पों के साथ हमेशा सक्रिय रूप से तैयार रहना चाहिए। हमें राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति दृढ़ रहना चाहिए, यही हमारी जरूरत है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसके बाद कनेक्टिविटी और रणनीतिक तत्परता बढ़ाने के लिए 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बीआरओ की 75 परिवर्तनकारी बुनियादी ढांचा परियोजनाएं वर्चुअली राष्ट्र को समर्पित कीं, जिससे एक अधिक सुरक्षित राष्ट्र का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि सिक्किम की पावन भूमि से यह प्रोजेक्ट राष्ट्र को समर्पित करते हुए मुझे बेहद खुशी हो रही है। जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मिज़ोरम और अंडमान एंड निकोबार द्वीप समूह के ये सभी 75 प्रोजेक्ट देश की सीमाओं को मजबूत करने और इन इलाकों की सामाजिक-आर्थिक प्रगति को सुनिश्चित करने में हमारी प्रतिबद्धता के बड़े प्रतीक हैं।

उन्होंने कहा कि अगर मैं पूरे उत्तर पूर्व क्षेत्र की बात करूं, तो इस क्षेत्र में ऐसे अनेक प्रोजेक्ट हैं, जो यहां के लोगों के लिए जीवन-रेखा साबित हो रहे हैं। मैं ऐतिहासिक सेला सुरंग भी शामिल करता हूं, जो यहां के विकास की दृष्टि से एक महत्त्वपूर्ण परियोजना है। यह सुरंग, अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग का अद्भुत उदाहरण है। इसी प्रकार हमने भारत-चीन सीमा पर सड़कों और पुलों का निर्माण करके संचालन की दृष्टि से अच्छी प्रगति की है। पिछले साल जब अक्टूबर में विनाशकारी बादल फटने की दुर्घटना ने सिक्किम के जन-जीवन को प्रभावित किया था तो ऐसे समय में हमारे बीआरओ के जवान बड़ी मुस्तैदी के साथ सामने आए और उन्होंने बड़ी तेजी से यहां की कनेक्टिविटी बहाल करके आपदा प्रबंधन में बड़ी मदद की थी।

चेन्नई, 11 अक्टूबर (हि.स.)। तमिलनाडु में शुक्रवार को मैसूर-दरभंगा एक्सप्रेस ट्रेन एक मालगाड़ी से टकरा गई। टक्कर होने से तीन डिब्बे पटरी से उतर गए। ट्रेन नंबर 12578 मैसूर-दरभंगा एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी के बीच टक्कर के बाद पोन्नेरी (कवरापेट्टई) के पास एक्सप्रेस ट्रेन की दो बोगियों में आग लग गई। फिलहाल बचाव कार्य जारी है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार तमिलनाडु के तिरुवल्लुर जिले के कवरापेट्टई रेलवे स्टेशन पर दरभंगा एक्सप्रेस ट्रेन एक मालगाड़ी से टकरा गई। मालगाड़ी से टकराने के बाद दरभंगा एक्सप्रेस के तीन डिब्बे पटरी से उतर गए। हादसे के बाद दरभंगा एक्सप्रेस की दो बोगियों में आग भी लग गई है। घटना के बाद ट्रेन में सवार यात्रियों को किसी तरह से बाहर निकाला जा रहा है। हादसे में अभी तक किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं मिली है।

शुरुआती जानकारी के मुताबिक दरभंगा एक्सप्रेस ने स्टेशन पर खड़ी मालगाड़ी को पीछे से टक्कर मारी है। टक्कर के समय एक्सप्रेस ट्रेन की स्पीड कितनी थी इसे लेकर भी अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आयी है। टक्कर के तुरंत बाद रेलवे के अधिकारी और कर्मचारी मौके पर पहुंचे हुए हैं। राहत व बचाव कार्य भी शुरू कर दिया गया है। इस दुर्घटना का कारण अभी तक पता नहीं सका है। अग्रिम जानकारी प्रतीक्षारत है।

Rear end collision at KAVARAIPPETTAI Railway Station around 20.30 hrs today in Chennai -Gudur section involving Train No.12578 Mysuru – Darbhanga Bagmati Express and a Goods train Help line numbers at Chennai Division 04425354151 04425330952 044-25330953 044-25354995

Major train accident in Tamil Nadu. Bagmati Express coming from Mysore to Darbhanga collides with goods train

नई दिल्ली, 11 अक्‍टूबर (हि.स.)। तिरुचिरापल्ली से शारजाह जा रही एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट संख्या IX 613 हाइड्रोलिक खराबी का सामना करने के बाद सुरक्षित रूप से अब तिरुचिरापल्ली एयरपोर्ट पर लैंड कर गई। इस विमान में क्रू मेंबर सहित 144 यात्री सवार थे। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) को इसकी जानकारी दे दी गई है।

आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को दी जानकारी में बताया कि तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली से संयुक्‍त अरब अमीरात (यूएई) के शारजाह जा रही एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट संख्‍या IX 613 हाइड्रोलिक खराबी का सामना करने के बाद तिरुचिरापल्ली हवाई अड्डे पर सुरक्षित रूप से लैंडिंग करा दी गई है। जानकारी के मुताबिक ये विमान दो घंटे से भी अधिक समय तक हवा में रहा, जो रात 8:14 बजे त्रिची एयरपोर्ट पर सुरक्षित रूप से उतरा। इस विमान में सवार सभी 144 यात्री सुरक्षित हैं।

एयर इंडिया एक्सप्रेस के इस विमान को हवा में हाइड्रोलिक फेलियर का सामना करने के बाद बेली लैंडिंग की अनुमति दी गई थी। हालांकि, फ्लाइट ने सफलतापूर्वक सामान्य लैंडिंग की। विमान का पायलट लगातार एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) के संपर्क में था, जिसने बेली लैंडिंग की सलाह दी थी। घटना की आंतरिक जांच शुरू कर दी गई है।

Chhapra: विजयादशमी के अवसर पर विगत 34 वर्षों से सारण जिला मुख्यालय छपरा के राजेन्द्र स्टेडियम में आयोजित होने वाले रावण वध कार्यक्रम को लेकर इस बार भी आयोजन समिति ने व्यापक तैयारियां की हैं।

इस वर्ष दर्शकों को 50 फीट का रावण व 45 फीट के मेघनाद का पुतला देखने को मिलेगा। साथ ही रावण वध के पूर्व राम-रावण युद्ध की झांकी भी दिखेगी।  इसके लिए आतिशबाजी के अभूतपूर्व प्रबंध किए गए हैं।  

विजयादशमी समारोह समिति के कार्यकारी अध्यक्ष वरुण प्रकाश ने बताया कि समिति के द्वारा पहली बार रावण वध के पूर्व लेजर शो का भी आयोजन किया गया है। जिसमें लेजर लाइट्स के माध्यम से दर्शकों को रामायण का चित्रण देखने को मिलेगा, जो अपने आप में रोमांचक होगा। दर्शकों की सुविधा और समारोह के दौरान होने वाली भीड़ को देखते हुए बड़े डिस्प्ले स्क्रीन लगाए गए हैं, ताकि कार्यक्रम को सभी सही से देख सकें।

विजयादशमी समारोह समिति के उपाध्यक्ष श्याम बिहारी अग्रवाल ने बताया कि इस वर्ष रंगबिरंगी आतिशबाजी का आनंद दर्शक ले सकेंगे। रावण और मेघनाथ के पुतले देर तक जलें और तुरंत खतम ना हो इसके लिए भी कारीगरों को निर्देश दिए गए हैं। पुतलों में आवाज करने वाले पटाखे कम और रंग बिरंगी रौशनी करने वाले पटाखों का ज्यादा उपयोग किया गया है। 

उन्होंने बताया कि रावण दहन के पूर्व शहर में शोभायात्रा निकलेगी। रथ पर भगवान श्रीराम, लक्ष्मण और वीर बजरंग बली संग विराजमान रहेंगे। शोभा यात्रा कटहरी बाग हनुमान मंदिर के पास से निकलकर राजेन्द्र स्टेडियम पहुंचेगी।  

उधर प्रशासन ने कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर आयोजन समिति को की निर्देश दिए हैं,  पुलिस प्रशासन की ओर से भी सुरक्षा के लिए मजिस्ट्रेट और पुलिस पदाधिकारी की तैनाती की गई है। पूरे स्टेडियम में बैरिकेडिंग कर भीड़ को नियंत्रित करने के प्रबंध किए गए हैं। स्टेडियम में प्रवेश करने के लिए महिला व पुरुषों के प्रवेश और निकास द्वार अलग-अलग बनाए गए हैं। किसी भी प्रकार की अनहोने से निपटने के लिए आयोजन समिति के स्वयंसेवक, एनसीसी के कैडेटों की तैनाती की गई है। साथ ही भारी संख्या में पुलिस बल स्टेडियम से लेकर सड़क तक तैनात किए गए हैं। 

Chhapra: अंतराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर पुलिस प्रशासन एवं DLSA की ओर से बालिकाओं के साथ हो रहे शोषण एवं अत्याचार के रोकथाम तथा उन्हें न्याय दिलाने के लिए एक मुहिम सशक्त महिला सशक्त समाज “आवाज दो” कार्यक्रम का आयोजन प्रेक्षागृह में किया गया।

इस संवाद कार्यक्रम में जिला एवं सत्र न्यायाधीश, जिला पदाधिकारी, पुलिस अधीक्षक एवं अन्य पुलिस एवं प्रशासनिक पदाधिकारी भी उपस्थित रहें।

संवाद कार्यक्रम में सारण जिला के महिला संगठन, स्कूल की छात्राओं एवं अन्य महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में स्कूली छात्राओं ने महिला हिंसा से संबंधित अपनी समस्याएँ रखी, जिसके निराकरण हेतु पुलिस अधीक्षक, सारण एवं अन्य प्रशासनिक पदाधिकारियों द्वारा उचित सुझाव दिया गया।

साथ ही इस संवाद में इप्टा और सेंट्रल पब्लिक स्कूल के कलाकारों द्वारा बालिकाओं के ट्रैफिकिंग पर केन्द्रीत नाटक अंधेरे में रोशनी की किरण का सार्थक सारगर्भित मंचन किया गया। नाटक में तीन बालिकाओं के व्यापार की तीन संक्षिप्त कहानियों को प्रस्तुत किया गया जो मानव अंग के व्यापारियों, देह व्यापार के व्यापारियों और कच्ची उम्र के प्यार के धोखे का शिकार हो कर अपना सर्वनाश कर बैठती हैं और जिन्हें पुलिस और डीएलएसए द्वारा न सिर्फ रेस्क्यू किया जाता है बल्कि इनके गुनहगारों को भी पकड़ा जाता है।

इस नाटक में तीन पीडित लडकियों का किरदार कनक श्रीवास्तव, अंजलि कुमारी, श्रेया सिंह तीन धोखेबाज प्रेमियों की भूमिका भाब्या, दिव्यांश, सोनिया राय, कोठेवाली की भूमिका में श्रेया श्रीवास्तव, और खलनायक की भूमिका में सागर कुमार ने बेमिसाल अभिनय प्रस्तुत किया। एसपी की भूमिका में लक्ष्मी कुमारी, पत्रकार की भूमिका में मनोरंजन पाठक, कोठे की गुरु माँ की भूमिका में कुमारी अनिशा ने शानदार अभिनय किया। शेष भूमिकाओं में श्रुति, शुभम राज सिंह, रुद्र आदित्य तिवारी, प्रेरणा श्रीवास्तव, श्रेयसी, आशिष कुमार सिंह, प्रिया श्रीवास्तव, याशी, प्रियंका कुमारी तो सुत्रधार की भूमिका में अंकिता कुमारी, प्रतिमा, कामिनी, सौम्या कुमारी, कृति सिंह, आशिका कुमारी, हर्षित राज, हिमांशु सिंह, शुभम कुमार, रौनक कुमार आदि ने जीवंत अभिनय प्रस्तुत किया। सूत्रधार की भूमिका में कंचन बाला वादकों विनय कुमार, आयुष कुमार मान ने अभिनेत्री अभिनेताओं का भरपूर साथ दिया। सहायक निर्देशक एवं रुप सज्जा रंजीत भोजपुरिया ने काफी शिद्दत से किया।

नाटक का कंसेप्ट जिला और सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष डीएलएसए सारण पुनीत कुमार गर्ग का रहा, मार्गदर्शन डीएम अमन समीर और एसपी डॉ० कुमार आशीष, सुझाव सचिव डीएलएसए धर्मेन्द्र कुमार पाण्डेय, चीफ लैड्स पुर्णेन्दु रंजन, सीपीएस ग्रुप के चेयरमैन डॉ० हरेन्द्र सिंह के सुझाव पर जिसे डॉ० अमित रंजन ने लिखा और निर्देशित किया है।

इस मौके पर बालिकाओं और महिलाओं के बीच चुप न रहें नालसा को 15100 और पुलिस को 112 पर कॉल करें का पुरजोर प्रचार कर डेमो भी प्रस्तुत किया गया।

महिलाओं को छेड़‌छाड़, घरेलू हिंसा, दहेज माँग, मानसिक एवं शारीरिक प्रताड़ना या फिर ऑफलाइन, ऑनलाइन इंस्टाग्राम, फेसबुक, यूट्यूब, या अन्य किसी भी माध्यम से किसी भी तरह का शोषण के प्रति जागरूक किया गया। पुलिस अधीक्षक के द्वारा आवाज दो कार्यक्रम के तहत महिला हेल्पलाईन नं0 9031600191 जारी किया गया।

बॉलीवुड की चुलबुली एक्ट्रेस आलिया भट्ट मां बनने के बाद पहली बार बड़े पर्दे पर वापसी कर रही हैं। हर कोई उनकी नई फिल्म को लेकर उत्सुक था। आख़िरकार दर्शकों का इंतज़ार ख़त्म हुआ। एक्ट्रेस की फिल्म ‘जिगारा’ हाल ही में रिलीज हुई है। इस फिल्म में एक अलग और अनोखी कहानी देखने को मिलेगी। फिल्म में एक बहन अपने भाई के लिए लड़ती नजर आएगी। हालांकि, आलिया की ये फिल्म कैसी है, इसमें उनका रोल कैसा है, ये जानने के लिए अगर आप फिल्म देखने का प्लान कर रहे हैं तो ये रिव्यू पढ़ें।

फिल्म की कहानी

आलिया भट्ट की फिल्म ‘जिगरा’ की कहानी भाई-बहन के रिश्ते पर आधारित है। फिल्म में आलिया भट्ट और वेदांग रैना मुख्य भूमिका में हैं। आलिया भट्ट वेदांग रैना की बहन का किरदार निभाती नजर आ रही हैं। फिल्म में वेदांग रैना द्वारा निभाए गए किरदार का नाम अंकुल है, जबकि आलिया के किरदार का नाम सत्या है। वेदांग रैना द्वारा अभिनीत अंकुश, आलिया भट्ट द्वारा अभिनीत सत्या का छोटा भाई है। सत्या के भाई अंकुल को जानबूझकर झूठे मामले में फंसाया गया है। इतना ही नहीं, पुलिस की ओर से उस पर लगातार यह दबाव बनाया जा रहा है कि वह यह अपराध कबूल कर ले, जो उसने किया ही नहीं। पुलिस ने उसे जेल में डाल दिया और उस पर बहुत अत्याचार किया जाता है।

अंकुल ये सब सहता है, क्योंकि वह जानता है कि उसकी बहन उसे कुछ नहीं होने देगी। दूसरी ओर, सत्या अपने भाई को बचाने के लिए कुछ भी करने को तैयार है। सत्या ने पहले ही तय कर लिया है कि चाहे कोई भी खतरा आए, वह उसका मुकाबला करेगी और अपने भाई यानी अंकुल को सुरक्षित जेल से बाहर लाएगी। अब अंकुल को जेल से बाहर निकालने के लिए सत्या क्या करेगी, यह जानने के लिए आपको यह फिल्म देखनी होगी।

यह फिल्म कैसी है?

हालांकि, ‘जिगरा’ बहुप्रतीक्षित फिल्म है लेकिन इस फिल्म को लेकर ज्यादा चर्चा नहीं हो रही है। ऐसे में आलिया और वेदांग इस फिल्म में दर्शकों का ज्यादा मनोरंजन करने में नाकामयाब रहीं। इस बार आलिया भट्ट की फिल्म का चुनाव कुछ गलत नजर आ रहा है। फिल्म ‘जिगारा’ कई जगहों पर गलत साबित होती नजर आ रही है। ‘जिगरा’ आलिया भट्ट के करियर की सबसे कमजोर फिल्म हो सकती है। इस फिल्म से पहले आलिया भट्ट कई ब्लॉकबस्टर फिल्मों में नजर आईं। हालांकि इस फिल्म में उनका जादू नहीं चल रहा है।

यह आलिया भट्ट की सबसे कमजोर कहानी और बोरिंग फिल्म है। इस फिल्म में आलिया ने काफी ओवरएक्टिंग की है। फिल्म ‘जिगरा’ हॉलीवुड फिल्मों की शैली में बनाई गई है , जहां कथानक को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता है। इस फिल्म से दर्शकों का कुछ खास मनोरंजन नहीं हुआ है। ऐसा लगता है कि यह फिल्म एक खास वर्ग के लिए बनाई गई है। फिल्म को हिंदी के अलावा साउथ की अन्य भाषाओं में भी रिलीज किया गया है।

पटना, 11 अक्टूबर (हि.स.)। केंद्रीय कपड़ा मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के फायर ब्रांड गिरिराज सिंह 18 से 22 अक्टूबर के मध्य यात्रा पर निकलेंगे। इस यात्रा का नाम ‘हिंदू स्वाभिमान यात्रा’ होगा।

इस बाबत उन्होंने हमारे बेगूसराय संवाददता से बातचीत में कहा कि इस यात्रा के दौरान मैं हिंदुओं को जागरूक करूंगा। क्योंकि, राहुल गांधी जैसे नेता हिंदुओं को जातियों के नाम पर बांटने की कोशिश कर रहे हैं जबकि मुसलमानों की जाति नहीं बताते हैं। ये लोग कोशिश करते हैं कि मुसलमानों का एकतरफा वोट अपने हिस्से में ले लें। इसलिए मैं अब हिंदुओं को यही संदेश देना चाहता हूं कि बंटोगे तो कटोगे।

गिरिराज सिंह ने कहा कि आज बांग्लादेश में हिंदुओं के ऊपर हो रहे अत्याचार को देखकर असहनीय पीड़ा हो रही है। इस बीच भारत में भी कुछ ऐसे लोग सामने आएं, जिन्होंने यह कहने से कोई गुरेज नहीं किया कि भारत में भी बांग्लादेश जैसी स्थिति पैदा होगी। यह सुनने के बाद मुझे अत्यंत पीड़ा हुई। इसके बाद मैंने फैसला किया कि मैं हिंदुओं को जगाने का काम करूं।

भाजपा नेता गिरिराज सिंह 18 अक्टूबर को भागलपुर से यात्रा की शुरुआत करेंगे, फिर 19 अक्टूबर को कटिहार, 20 अक्टूबर को पूर्णिया, 21 अक्टूबर को अररिया, और 22 अक्टूबर को किशनगंज जाएंगे। जिन जिलों में भाजपा नेता जायेंगे वो सभी मुस्लिम बहुल जिले हैं।

नई दिल्ली, 11 अक्टूबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को लाओस की राजधानी वियंतियाने में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के अवसर पर थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनावात्रा से मुलाकात की। यह दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच पहली मुलाकात थी।

प्रधानमंत्री मोदी ने मुलाकात की तस्वीर एक्स पर साझा करते हुए लिखा कि लाओ पीडीआर में प्रधानमंत्री शिनावात्रा से मुलाकात की। थाईलैंड भारत का एक बहुत ही मूल्यवान मित्र है। हमारी बातचीत इस बात पर केंद्रित थी कि हमारे देशों के बीच व्यापार संबंधों को कैसे बेहतर बनाया जाए और सांस्कृतिक संबंधों को कैसे बढ़ावा दिया जाए। हम रक्षा, शिपिंग, डिजिटल नवाचारों और अन्य क्षेत्रों में भी बहुत संभावनाएं देखते हैं।

विदेश मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में बताया कि मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने थाई प्रधानमंत्री को पदभार ग्रहण करने पर बधाई दी। थाई प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी को उनके ऐतिहासिक तीसरे कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं दीं। दोनों नेताओं ने कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की। उन्होंने उप-क्षेत्रीय, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मंचों पर घनिष्ठ सहयोग बनाने के तरीकों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया। इस संदर्भ में उन्होंने बिम्सटेक के माध्यम से क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा की।

थाईलैंड के साथ भारत के संबंध भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ हैं, जो इस वर्ष एक दशक पूरा कर रहे हैं।

मुंबई, 10 अक्टूबर (हि.स.)। शीर्ष उद्योगपति रतन टाटा आजीवन अपनी दादी नवाजबाई टाटा की सादगी की सीख को आजीवन जीते रहे। रतन टाटा के जीवन का सफर आसान नहीं था। टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन को भी पारिवारिक कलह का भी सामना करना पड़ा था। उनकी दादी ने पालन-पोषण किया और सादगीभरा शांत जीवन जीने की सीख दी थी, जिसका निवर्हन रतन टाटा ने अपने जीवन के आखिरी पड़ाव तक किया।

रतन टाटा का जन्म 28 सितंबर, 1937 को मुंबई में हुआ था। रतन टाटा के पिता नवल टाटा को टाटा परिवार ने गोद ले लिया था। नवल टाटा होर्मुसजी टाटा के रिश्तेदार भी थे। 1948 में जब रतन टाटा 10 साल के थे, तब उनके पिता नवल और मां सोनू का तलाक हो गया। तब रतन टाटा की देखभाल उनकी दादी नवाजीबाई ने की थी। उन्होंने रतन टाटा और उनके भाई दोनों का पालन-पोषण किया। इसलिए रतन टाटा को अपनी दादी की दी हुई सीख हमेशा याद रहती थी।

एक इंटरव्यू में बोलते हुए रतन टाटा ने अपनी दादी की यादों से जुड़े कुछ किस्से बताए थे। रतन टाटा ने कहा था कि अगर आप इस तरह से देखें तो मेरा बचपन मजेदार था। लेकिन जैसे-जैसे मैं और मेरा भाई बड़े हुए, हमें उग्रता और कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ा। इसका कारण हमारे माता-पिता का तलाक था। लेकिन हमारी दादी ने हमें अच्छे से पाला। जब मेरी माँ ने दूसरी शादी की, तो स्कूल में कुछ बच्चे हमारे बारे में इधर-उधर बातें कर रहे थे। हालाँकि, हमारी दादी ने हमें हमेशा सिखाया कि सीमा पार नहीं करनी चाहिए। यह शिक्षा आज तक हमारे साथ है।

रतन टाटा ने आगे कहा था कि दादी की इसी सीख के कारण हम अक्सर ऐसे बयानों को नजरअंदाज कर देते थे और इस तरह आगे की बहस भी टाल जाते थे। मुझे अभी भी याद है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद गर्मियों की छुट्टियों के दौरान मेरी दादी मुझे और मेरे भाई को लंदन ले गई थीं। वहां मुझे जीवन का मूल्य सीखने को मिला। वह हमेशा हमसे कहती थी कि ऐसा मत कहो, जो किसी को बुरा लगे। इसीलिए हमें बचपन से सिखाया गया है कि मर्यादाओं का उल्लंघन नहीं करना चाहिए। दादी हमेशा हमारे साथ थीं।

रतन टाटा ने कहा था कि मैं वायलिन सीखना चाहता था लेकिन मेरे पिता ने मुझसे पियानो सीखने को कहा। मैं अमेरिका में कॉलेज जाना चाहता था लेकिन मेरे पिता ने मुझे यूके जाने पर ज़ोर दिया। मैं आर्किटेक्ट बनना चाहता था और वे चाहते थे कि मैं इंजीनियर बनूं लेकिन अगर मेरी दादी नहीं होती तो मैं कभी भी अमेरिका विश्वविद्यालय में नहीं जा पाता। यह उन्हीं की वजह से था कि मैं मैकेनिकल इंजीनियरिंग में आया लेकिन वास्तुकला में डिग्री लेकर निकला। मेरे पिता बहुत परेशान थे और बहुत बहस हुई। लेकिन आखऱिकार मैं अपने पैरों पर खड़ा हो गया। मेरी दादी ने मुझे यही सिखाया है कि साहस सौम्य सम्मानजनक भी हो सकता है। रतन टाटा ने दादी की सीख को आजीवन मानते टाटा नामक ब्रांड को बड़ी नैतिकता और समर्पण के साथ पूरी दुनिया में विस्तार किया। इसके अलावा, अपने परोपकारी व्यक्तित्व के कारण, वह भारत के युवाओं के चहेते बन गए।

– हरियाणा विधानसभा चुनाव की हार पर मंथन के लिए दिल्ली में हुई पहली बैठक

चंडीगढ़, 10 अक्टूबर (हि.स.)। हरियाणा में मिली करारी हार को लेकर कांग्रेस में मंथन शुरू हो गया है। कांग्रेस हाईकमान ने टिकट आवंटन से लेकर चुनाव लड़ने तक की समीक्षा करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान समेत पार्टी प्रभारी दीपक बाबरिया को दिल्ली में तलब किया लेकिन तीनाें ही इस बैठक में शामिल नहीं हुए। नई दिल्ली में गुरुवार को हुई बैठक की खास बात यह रही कि इसमें कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला तथा कैप्टन अजय सिंह यादव को नहीं बुलाया गया।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणगुगोपाल, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, अजय माकन विशेष रूप से मौजूद रहे। बैठक में कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला तथा कैप्टन अजय सिंह यादव को नहीं बुलाया गया था लेकिन पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान तथा प्रभारी दीपक बाबरिया बुलाने के बावजूद इस बैठक में शामिल नहीं हुए। दीपक बाबरिया स्वास्थ्य ठीक नहीं हाेने के कारण वीसी से शामिल हुए, जबकि हुड्डा व उदयभान पूर्व निर्धारित कार्यक्रमाें के चलते बैठक में नहीं गये।

हाईकमान ने इस चुनाव में भूपेंद्र सिंह हुड्डा को फ्री हैंड दिया था, जिसके चलते 90 में 73 सीटों पर हुड्डा की पसंद के उम्मीदवार उतारे गए। चुनाव प्रचार के दौरान भी भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने ही कमान संभाली। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इस बैठक में कहा है कि चुनाव के दौरान हमारे नेताओं के निजी हित पार्टी के हितों से ऊपर रहे। बैठक में तय किया गया कि हार के कारणों को जानने के लिए फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई जा रही है, जो हरियाणा में जाकर नेताओं से चर्चा करके रिपोर्ट हाईकमान को सौपेंगी। कमेटी में कौन-कौन चेहरे शामिल किए जाएंगे, अभी उनके नामों पर चर्चा नहीं हो पाई है।

करीब आधे घंटे चली मीटिंग के बाद कांग्रेस नेता अजय माकन ने हुड्डा-सैलजा के मतभेदों पर कहा कि हार के बहुत सारे कारण हैं, जो चुनाव आयोग से लेकर नेताओं के मतभेद तक हैं। इन्हीं सब कारणों पर चर्चा हुई और आगे भी चर्चा करेंगे। आधे घंटे की मीटिंग में इस मामले में किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंचा जा सका। आज की मीटिंग में हमने आगे की रणनीति पर चर्चा की है। आगे जो भी होगा, उसकी जानकारी केसी वेणुगोपाल देंगे।