नई दिल्ली, 15 अगस्त (हि.स.)।
सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक का आज अचानक निधन हो गया है। उन्होंने दिल्ली एम्स में अंतिम सांस ली। अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें आज ही एम्स में भर्ती कराया गया था।

जानकारी के अनुसार कार्डियक अरेस्ट होने पर उन्हें दोपहर डेढ़ बजे एम्स की इमरजेंसी में लाया गया। आज अपने आवास पर ध्वजारोहण के दौरान उनकी तबीयत बिगड़ गई थी।

सुलभ ने लगभग 13 लाख घरेलू शौचालय और 5.4 करोड़ सरकारी शौचालयों का निर्माण किया है। शौचालयों के निर्माण के अलावा, संगठन ने मानव अपशिष्ट की मैन्युअल सफाई को हतोत्साहित करने के लिए एक आंदोलन भी चलाया है।

Chhapra: स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शहर के राजेन्द्र स्टेडियम में मुख्य कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जहां विज्ञान और प्रौधोगिकी सह सारण जिला के प्रभारी मंत्री सुमित कुमार सिंह ने ध्वजारोहण किया। 

इस अवसर पर उन्होंने परेड की सलामी ली। उन्होंने कहा कि जिले में सरकार की सभी योजनाएं जनता तक पहुंचे इसके लिए व्यापक अभियान चलाया जा रहा है।

इस दौरान सारण के आयुक्त, पुलिस उप महा निरीक्षक, जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक समेत जिले के तमाम पदाधिकारी उपस्थित थें।   

(प्रशांत सिन्हा)

देश स्वतंत्रता की 77 वीं वर्षगांठ मना रहा है। 15 अगस्त का दिन हमारे देश के लिए गौरवशाली और ऐतिहासिक दिन है। हमारे देश ने इन सालों में हर नए क्षेत्र में नए नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। विकास की दौड़ में हम विकसित देशों के साथ दौड़ लगा रहे हैं। भारत आज विश्व शक्ति बनने के सपने देख रहा है लेकिन इन सबके बीच बहुत कुछ है जो हम खो रहे हैं। विकास की अंधी दौड़ में हम नई नई समस्याएं पैदा कर रहे हैं। हमारे जंगल खत्म हो रहे है , हमारी नदियां प्रदुषित हो चुकी हैं। हमारी हवा सांस लेने लायक नही बची है। खेत और मिट्टी जहरीली हो चुकी है। अब हमें वायु प्रदुषण, गंदे ऊर्जा श्रोतों, रसायनिक खेती, डीजल वाहनों, ट्रैफिक समस्या, जी एम फसलों और कचरे से आज़ादी चाहिए।

इसके निवारण के लिए सभी यही सोचते हैं कि कौन सबसे पहला कदम उठाए। सभी यह सोचते हैं कि हम इससे नही लड़ सकते लेकिन स्वतंत्रता संग्राम सेनापतियों के आज़ादी के लड़ाई से सीख लें कि उस समय कुछ लोग यही सोचते थे कि क्या इतनी बड़ी हुकूमत को हराया जा सकता है। लेकिन हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने भारत को गुलामी की जंजीर से आज़ादी करा दी। स्वतंत्रता दिवस के इस पावन पर्व पर प्रकृति एवं पर्यावरण को बचाने के लिए लोगों को संकल्प लेना होगा और अपने कर्तव्य का पालन करना होगा।

आमतौर हम देश से अपेक्षाएं रखते हैं लेकिन खुद से कोई अपेक्षा नहीं रखते हैं ये जानते हुए भी हमसे ही बनता है देश। हम देश के लिए कुछ नही करते उसकी आर्थिक, सांस्कृतिक, समृद्धि में योगदान नही करते और देश से अपेक्षा करते हैं कि वह हमारे लिए करे। हमसे ही देश बनता है। हमारे कार्यों से देश प्रगति के रास्ते पर जाएगा। स्वतंत्रता दिवस के समय जरूर हम लोगों में देश के प्रति देश भक्ति उजागर होने लगती है। रेडियो, टेलीविजन में देशभक्ति के गाने हमें कुछ समय के लिए अपने कर्तव्यों के लिए प्रोत्साहित करते हैं। परन्तु कुछ समय के बाद हमारा मन भी और चीज़ों में उलझ जाता है। दरअसल व्यक्ति पांच स्तरों पर जीता है। आर्थिक, शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक तथा अद्ध्यात्मिक स्तरों पर। हर स्तर मे देश की एक प्रमुख भूमिका होती है। हम सब पर देश का उधार है। देश ने हमारी झोली में इतना कुछ दिया है फिर भी हम देश के सामने अपनी मांग ही रखते हैं।

कर्त्तव्यपालन के प्रति सतत जागरुकता से ही हम अपने अधिकारों का निरापद रखने वाले आज़ादी का पर्व सार्थक रूप से मना सकेंगे। तभी लोकतंत्र और संविधान को बचाए रखने का हमारा संकल्प साकार होगा। प्रायः कुछ से सुना जाता है कि स्वतंत्रता के इतने वर्षो के बाद भी हमें देश से कुछ नही मिला लेकिन क्या कुछ लोग यह सोचते हैं कि उन्होंने देश को क्या दिया ? यदि सभी लोग याचना छोड़कर देश के प्रति अपने कर्त्तव्य निभाएं तो देश को उन्नति को कोई नहीं रोक सकता। स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है लेकिन यह अधिकार तब तक अधूरा है जब तक देश के सामने मौजूद चुनौतियां को ख़त्म नहीं कर देते हैं। आज देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती है पर्यावरण। बढ़ते प्रदूषण और वैश्विक तापमान, जलवायु परिर्वतन आदि के कारण पृथ्वी पर संकट मंडराने लगा है।

पर्यावरण संरक्षण आज सबसे ज्यादा आवश्यक हो गया है। अकेले सरकार और नौकरशाहों का ही काम नहीं है बल्कि देश की प्रत्येक जनता को इसमें सहयोग देना होगा। आम लोग पर्यावरण के नुकसान से तो परिचित है लेकिन उन तौर तरीकों को रोकने के लिए सजग नही जो पर्यावरण को प्रदुषित कर रहे हैं। पर्यावरण अनमोल धरोहर है, इसकी सुरक्षा करना हमारा कर्त्तव्य है। युवाओं को तो इनके बारे में पता तक नहीं है। उन्हें जागरुक करने की जरूरत है। संविधान में अनु• 51 A ( g ) में भी उल्लेख किया गया है कि प्राकृतिक पर्यावरण की, जिसके अंतर्गत वन, झील, नदी एवं वन्य जीव आदि भी हैं रक्षा करें, उनका संवर्धन करें तथा प्राणिमात्र के प्रति दया भाव रखें।
आज़ादी की सार्थकता तभी होगी जब हरेक व्यक्ति को काम, भोजन एवं स्वच्छ पर्यावरण मिले। संविधान में जो हमारे कर्त्तव्य तय किए गए हैं उसका हम सही ढंग से पालन करें तभी हमारा देश भी महान बनेगा। सबसे बड़ी बात अपने अपने मौलिक अधिकारों को पहचाने ही साथ ही अपने मौलिक कर्तव्यों को भी निर्वहन करें। देशभक्ति का भाव किसी अवसर का मोहताज नहीं होता। यह हमारे भीतर का स्थाई भाव होना चाहिए। देशभक्ति का मतलब देश से अपेक्षा नहीं बल्कि देश के लिए देश के लिए कुछ करने की प्रवृति पैदा होना है।

तिरंगामय हुआ छपरा शहर, तिरंगा यात्रा में बढ़ चढ़कर शहरवासियों ने लिया भाग

Chhapra: सोमवार को छपरा शहर तिरंगामय हो गया. स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पूर्व विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और श्रीराम जन्मोंत्सव शोभायात्रा समिति द्वारा संयुक्त रूप से तिरंगा यात्रा निकाली गई थी. जिसमे सभी वर्गो के लोग शामिल थे.

देश की आजादी के जश्न के तौर पर भारतीय ध्वज के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हुए युवा जोश से लबरेज थे. सोमवार को शहर के नगरपालिका चौक स्थित नगर निगम परिसर से तिरंगा यात्रा निकाली गई. जो योगिनिया कोठी, सांढा ढाला, मोना चौक, मेवालाल चौक, कटहरी बाग होते हुए शहर के विभिन्न मार्गो से गुजरी.

इस दौरान तिरंगा यात्रा में युवा से लेकर वृद्ध के साथ साथ हर वर्ग के लोग शामिल होकर भारत माता की जय के नारे लगा रहे थे.

वही इस दौरान शहरवासियों ने भी इस तिरंगा यात्रा का भरपूर समर्थन करते हुए अपनी सहभागिता प्रदान की.

इस दौरान आयोजक सदस्य लक्ष्मी गुप्ता ने कहा कि विगत वर्षो से यह तिरंगा यात्रा निकाली जा रही है. पहली बार 100 मीटर की तिरंगा यात्रा निकाली गई थी जो आज 150 मीटर से ऊपर की निकाली गई है. तिरंगा यात्रा का उद्देश्य है कि सभी अपने देश की आजादी का जश्न मनाए साथ ही साथ स्वतंत्रता दिवस के दिन अपने अपने घरों में राष्ट्रध्वज फहराएं. इससे अपने राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान और बढ़ेगा.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संगीत के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए आशा भोसले को भारत के ‘शक्ति पुरस्कार’ से सम्मानित किया है। राष्ट्रपति ने उन्हें स्मृति चिन्ह दिया और एक गाने की फरमाइश की भी रखी। इस पर आशा भोंसले ने 89 साल की उम्र में फिल्म ‘लगान’ का गाना ‘…राधा कैसे ना जले’ गाया।

राष्ट्रपति ने जब उनसे अपनी पसंद का गाना गाने का अनुरोध किया तो आशा भोसले ने 70 के दशक का गाना ‘चुरा लिया है तुमने जो दिल को’ गाया। यह गाना फिल्म यादों की बारात (1973) का था। यह गाना न सिर्फ जबरदस्त हिट हुआ, बल्कि आशा भोसले की लोकप्रियता को नई ऊंचाइयों पर ले गया। इसके बाद राष्ट्रपति मुर्मू ने कुछ शब्दों का आदान-प्रदान किया।

राष्ट्रपति ने विश्वास जताया कि नारी शक्ति के योगदान से भारत विकसित देशों की कतार में शामिल हो जाएगा। मेरा मानना है कि ‘अमृत काल’ में भारत ‘नारी शक्ति’ के योगदान से विकसित देशों में अपनी जगह बना सकेगा। राष्ट्रपति ने कहा, “महिला शक्ति के बिना एक स्वस्थ, मजबूत और विकसित समाज की कल्पना करना असंभव है, महिलाओं के योगदान और उपलब्धियों का जश्न मनाने के उद्देश्य से इस पहल में भाग लेकर मुझे बहुत खुशी हो रही है।

आशा भोंसले ने 1940 के दशक के अंत में अपनी संगीत यात्रा शुरू की। उन्होंने चुपके-चुपके मस्त निगाहें, बादल घिर आए, रिमज़िम पानी बरसे और कहदूं तुम्हें (दीवार), ये वादा रहा (ये वादा रहा) जैसे गाने गाए।

पश्चिम चंपारण (बगहा), 13 अगस्त(हि.स.)। पड़ोसी देश नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र और पहाड़ी क्षेत्रों में पिछले दो-तीन दिन से रुक-रुक कर हो रही बारिश से गंडक नदी के जलस्तर में फिर एक बार वृद्धि जारी है। गंडक बराज द्वारा रविवार की शाम लगभग पांच बजे दो लाख एकत्तीस हजार दो सौ क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।

गंडक बराज के अभियंता प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि जल स्तर में वृद्धि को देखते हुए गंडक बराज के सभी 36 फाटकों को आंशिक रूप से जल स्त्राव के लिए उठा दिया गया है।वहीं पानी की बढ़ती स्थिति के मद्देनजर गंडक बराज पर तैनात सभी अधिकारी और कर्मचारियों को हाई अलर्ट कर दिया गया है। उन्होंने आगे बताया कि गंडक बराज के जल स्तर में बनी वृद्धि को देखते हुए रात दिन बराज पर कैंप किया जा रहा है तथा पल-पल की रिपोर्ट पर नजर रखी जा रही हैं।

दूसरी तरफ गंडक बराज के निचले अन्य कई इलाकों में फिर से पानी फैलने लगा है। वही गंडक नदी से सटे वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के अंतर्गत वाल्मीकि नगर वन क्षेत्र के कक्षा संख्या एम 29 एवं 30 तथा ठाडी के जंगल में गंडक का पानी और बरसात का पानी फैला रहा है। वन क्षेत्र में बरसाती पानी व गंडक नदी का पानी घुसने से वन्य जीव सुरक्षित जगहों की तलाश में ऊंचे स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं।

– राष्ट्रगान के साथ सात बंदूकें 52 सेकंड में प्रति 2.4 सेकंड में फायर करके सलामी देंगी
– वायु सेना के दो हेलीकॉप्टर मार्क-III ध्रुव कार्यक्रम स्थल पर फूलों की बारिश करेंगे

नई दिल्ली, 13 अगस्त (हि.स.)। लाल किले की प्राचीर से इस साल पहली बार स्वतंत्रता दिवस के दौरान 105 मिमी भारतीय फील्ड गन (आईएफजी) से 21 तोपों की सलामी दी जाएगी। इस तरह की सात बंदूकें 52 सेकंड में 21 फायर करके सलामी देंगी, यानी राष्ट्रगान के साथ प्रति राउंड 2.4 सेकंड फायर होंगे। औपचारिक 21 तोपों की सलामी की अवधि राष्ट्रगान की लंबाई के साथ मेल खाती है। पिछले साल सलामी देने के लिए स्वदेशी उन्नत टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (एटीएजीएस) फायर करके सलामी दी गई थी।

स्वदेश निर्मित 105 मिमी. भारतीय फील्ड गन्स से पहली बार 8711 फील्ड बैटरी (सेरेमोनियल) के गनर्स ने इस साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर पारंपरिक 21 तोपों की सलामी दी थी। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि आईएफजी पुरानी 25-पाउंडर्स तोपों की जगह लेंगी, जो रक्षा क्षेत्र में बढ़ती ‘आत्मनिर्भरता’ को दर्शाती हैं। इंडियन फील्ड गन (आईएफजी) 105 को 1972 में डिजाइन किया गया था। गन कैरिज फैक्ट्री, जबलपुर और फील्ड गन फैक्ट्री, कानपुर इसका निर्माण करती हैं। ये फील्ड गन कॉम्पैक्ट लाइट हैं और इन्हें हवा से भी गिराया जा सकता है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 15 अगस्त को ऐतिहासिक लाल किले से 77वें स्वतंत्रता दिवस का उत्सव मनाने में देश का नेतृत्व करेंगे। वह राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे और इस ऐतिहासिक स्मारक की प्राचीर से राष्ट्र को पारंपरिक संबोधन देंगे। राष्ट्रीय युद्ध स्मारक, इंडिया गेट, विजय चौक, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन, प्रगति मैदान, राजघाट, जामा मस्जिद मेट्रो स्टेशन, राजीव चौक मेट्रो स्टेशन, दिल्ली गेट मेट्रो स्टेशन, आईटीओ मेट्रो गेट, नौबत खाना और शीश गंज गुरुद्वारा सहित 12 स्थानों पर सरकार की विभिन्न योजनाओं और पहलों को समर्पित सेल्फी प्वाइंट स्थापित किए गए हैं।

लाल किला पहुंचने पर प्रधानमंत्री का स्वागत रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट और रक्षा सचिव गिरिधर अरमने करेंगे। रक्षा सचिव अरामने दिल्ली क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ का परिचय प्रधानमंत्री से कराएंगे। इसके बाद जीओसी नरेन्द्र मोदी को सलामी स्थल तक ले जायेंगे, जहां एक संयुक्त इंटर-सर्विसेज और दिल्ली पुलिस गार्ड प्रधानमंत्री को सलामी देंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण करेंगे। प्रधानमंत्री के गार्ड ऑफ ऑनर दल में सेना, वायु सेना और दिल्ली पुलिस के एक-एक अधिकारी और 25 कर्मी तथा नौसेना के एक अधिकारी और 24 कर्मी शामिल होंगे।

भारतीय सेना इस वर्ष के लिए समन्वय सेवा की भूमिका में है। गार्ड ऑफ ऑनर की कमान मेजर विकास सांगवान के हाथों में होगी। प्रधानमंत्री के गार्ड की कमान मेजर इंद्रजीत सचिन, नौसेना के सैन्यदल की कमान लेफ्टिनेंट कमांडर एमवी राहुल रमन और वायु सेना के सैन्यदल की कमान स्क्वाड्रन लीडर आकाश गांघस के हाथों में होगी। दिल्ली पुलिस के दल की कमान एडिशनल डीसीपी संध्या स्वामी संभालेंगी। गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण करने के बाद प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर की ओर बढ़ेंगे, जहां उनका स्वागत चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और तीनों सेना प्रमुख करेंगे।

दिल्ली क्षेत्र के जीओसी प्रधानमंत्री को राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए प्राचीर पर बने मंच तक ले जाएंगे। मेजर निकिता नायर और मेजर जास्मीन कौर राष्ट्रीय ध्वज फहराने में प्रधानमंत्री की सहायता करेंगी। झंडा फहराए जाने के बाद तिरंगे को ‘राष्ट्रीय सलामी’ दी जाएगी। सेना का बैंड राष्ट्रीय ध्वज फहराने और ‘राष्ट्रीय सलामी’ प्रस्तुत करने के दौरान राष्ट्रगान बजाएगा। बैंड का संचालन नायब सूबेदार जतिंदर सिंह करेंगे। इसके बाद स्वदेश निर्मित 105 मिमी. भारतीय फील्ड गन्स से पहली बार 8711 फील्ड बैटरी (सेरेमोनियल) के गनर्स पारंपरिक 21 तोपों की सलामी देंगे। लेफ्टिनेंट कर्नल विकास कुमार सेरेमोनियल बैटरी की कमान संभालेंगे और नायब सूबेदार (एआईजी) अनूप सिंह गन पोजिशन ऑफिसर होंगे।

राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाने के दौरान वायु सेना के दो उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर मार्क-III ध्रुव कार्यक्रम स्थल पर फूलों की बारिश करेंगे। हेलीकॉप्टर के कैप्टन विंग कमांडर अंबर अग्रवाल और स्क्वाड्रन लीडर हिमांशु शर्मा होंगे। पुष्प वर्षा के बाद प्रधानमंत्री राष्ट्र को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री के संबोधन के समापन पर राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के कैडेट राष्ट्रगान गाएंगे। एनसीसी कैडेटों को वर्दी में ज्ञान पथ पर बैठाया जाएगा। लाल किले पर कार्यक्रम का फूलों से सजा एक अन्य आकर्षण जी-20 प्रतीक चिन्ह होगा।

– उत्तरी क्षेत्र में एक फॉरवर्ड एयरबेस से ‘वार्डन ऑफ द नॉर्थ’ स्क्वाड्रन से होंगे संचालित
– आने वाले दिनों में तीनों सेनाओं को मिलेंगे, ताकि आक्रामक हमले की क्षमता बढ़ सके

नई दिल्ली, 13 अगस्त (हि.स.)। भारतीय वायु सेना में इजराइली हेरॉन मार्क-2 ड्रोन को शामिल किया गया है। एक बार संचालित होने पर लंबे समय तक उड़ने वाले यह ड्रोन एक ही उड़ान में पाकिस्तान और चीन दोनों के साथ पूरी सीमाओं को कवर करने की क्षमता रखते हैं। इसलिए इन्हें उत्तरी क्षेत्र में एक फॉरवर्ड एयर बेस से संचालित किया जा रहा है। इस स्क्वाड्रन को ‘वार्डन ऑफ द नॉर्थ’ के रूप में जाना जाता है। आने वाले दिनों में इसे तीनों सेनाओं के लिए तैयार किया जाएगा ताकि जरूरत पड़ने पर दोनों दुश्मन के खिलाफ एक साथ आक्रामक हमला किया जा सके।

उपग्रह संचार लिंक से लैस हेरॉन ड्रोन मार्क-2 को हाल ही में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया है। सेटेलाइट से नियंत्रित होने वाला हेरॉन ड्रोन 250 किलोग्राम हथियार लेकर उड़ सकता है। भारतीय वायु सेना अब ‘मेक इन इंडिया’ के तहत अपने प्रोजेक्ट चीता को आगे बढ़ाने की योजना बना रही है। इन्हें उत्तरी क्षेत्र में एक फॉरवर्ड एयर बेस पर तैनात किया गया है। हेरॉन मार्क-2 ड्रोन का संचालन करने वाली स्क्वाड्रन को ‘वार्डन ऑफ द नॉर्थ’ के रूप में जाना जाता है। इस स्क्वाड्रन से एकसाथ चीन और पाकिस्तान की सीमाओं पर निगरानी मिशन चलाया जा रहा है।

वायु सेना के एक अधिकारी ने बताया कि उपग्रह संचार लिंक से सुसज्जित यह भारतीय सशस्त्र बलों में सबसे उन्नत ड्रोन हैं। भारतीय वायु सेना में शामिल किये गये चार नए हेरॉन मार्क-2 ड्रोन लंबी दूरी की मिसाइलों और अन्य हथियार प्रणालियों से लैस हैं। उन्होंने कहा कि लंबी दूरी के राडार और सेंसर, एंटी-जैमिंग क्षमता और 35 हजार फीट की ऊंचाई तक पहुंचने की क्षमता के साथ हेरॉन ड्रोन एलएसी के पास सभी प्रकार की खुफिया जानकारी इकट्ठा करने में सक्षम होंगे। इन्हें इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आईएआई) ने सभी मौसमों के रणनीतिक मिशनों के लिए विकसित किया है।

इनकी खरीद रक्षा बलों को दी गई आपातकालीन वित्तीय शक्तियों के तहत की गई है। चीन के साथ जारी संघर्ष के बीच रक्षा बलों को अपनी युद्धक क्षमताओं को उन्नत करने के लिए आपातकालीन वित्तीय शक्तियां दी गई हैं। इन्हीं शक्तियों का उपयोग करते हुए भारतीय वायु सेना ने भी बड़ी संख्या में टैंक-रोधी निर्देशित मिसाइलें, लंबी दूरी की सटीक-निर्देशित तोपखाने के गोले के साथ-साथ हैमर एयर-टू-ग्राउंड स्टैंड ऑफ मिसाइलों को लगभग 70 किमी. स्ट्राइक रेंज के साथ हासिल किया है। अब अगर चीन की सेना लद्दाख सीमा के इस पार या उस पार भारत के खिलाफ कोई ‘नापाक’ हरकत करेगी, तो तुरंत पता चल जाएगा।

इजरायल से लिए गये हेरॉन ड्रोन्स कई खूबियों से लैस है। आने वाले दिनों में अगर भारतीय सेनाएं बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक की तर्ज पर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों का खात्मा करना चाहें, तो इसके लिए सेना को वहां घुसकर ऑपरेशन करने की ज़रूरत नहीं होगी। अमेरिका ने जिस तरह ड्रोन स्ट्राइक में अलकायदा के चीफ अल जवाहिरी और दुनिया के कई दूसरे देशों में अपने दुश्मनों को ढेर किया था, अब भारतीय वायु सेना को भी गेम चेंजर हथियार हेरॉन ड्रोन मार्क-2 मिल गया है।

Chhapra: स्वतंत्रता दिवसके अवसर पर प्रत्येक वर्ष राजेन्द्र स्टेडियम में मुख्य समारोह का आयोजन होता है। इस वर्ष भी समारोह को लेकर भव्य तैयारियां की गई हैं।

रविवार को स्वतंत्रता दिवस पर होने वाले परेड का फूल ड्रेस रिहर्सल किया गया। जिसका निरीक्षण जिलाधिकारीअमन समीर एवं पुलिस अधीक्षक डॉ गौरव मंगला के द्वारा संयुक्त रूप किया गया।

15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जिला मुख्यालय का मुख्य समारोह स्थल राजेन्द्र स्टेडियम में होगा। यहाँ बिहार के विज्ञान एवं प्रावैधिकी सह-प्रभारी मंत्री सारण जिला सुमित कुमार सिंह ध्वजारोहण करेंगे।

स्वतंत्रता दिवस मुख्य समारोह स्थल राजेन्द्र स्टेडियम में फिलहाल तैयारियां अंतिम दौर में हैं।

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह का सीधा प्रसारण डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन सारण के यूट्यूब, फेसबुक एवं ट्विटर पेज पर किया जाएगा। साथ छपरा टुडे भी अपने दर्शकों के लिए सभी कार्यक्रम का सीधा प्रसारण करेगा।

नई दिल्ली, 13 अगस्त (हि.स.। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 15 अगस्त को राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस मनाने की जोरदार तैयारियां चल रही हैं। लाल किले पर आज सशस्त्र बलों की फुल ड्रेस रिहर्सल चल रही है। स्वतंत्रता दिवस समारोह से पहले दिल्ली में जमीन से आसमान तक अभूतपूर्व सुरक्षा का बंदोबस्त किया गया है। लाल किला और राजघाट के साथ राजधानी के चप्पे-चप्पे पर दिल्ली पुलिस नजर रख रही है।

इसके अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा गारद (एनएसजी) के ब्लैक कैट कमांडो ने स्वतंत्रता दिवस समारोह एवं अगले महीने प्रस्तावित जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के मद्देनजर प्रभावी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पिछले कुछ हफ्तों के दौरान सुरक्षा अभ्यास किया है। दोनों कार्यक्रमों के मद्देनजर केंद्रीय सुरक्षा और खुफिया तंत्र के साये में निर्मित की जा रही समग्र सुरक्षा ग्रिड के हिस्से के रूप में विभिन्न केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) से लिए गए लगभग 500 कमांडो, स्नाइपर्स और वीआईपी सुरक्षा कर्मियों की एक टुकड़ी को दिल्ली में तैनात किया गया है। एनएसजी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपने आधिकारिक हैंडल पर यह सूचना साझा की है। इसमें कहा गया है-प्रतिक्रिया तंत्र को मजबूत करने के लिए अन्य हितधारकों को शामिल कर कई तरह आकस्मिकताओं को लेकर पूर्वाभ्यास किया गया।

दिल्ली पुलिस ने रविवार तड़के से कड़े सुरक्षा इंतजाम के साथ गश्त और वाहनों की जांच तेज कर दी है। यहां तक कि डीटीसी की बसों के रूट तक डायवर्ट किए गए। उल्लेखनीय है कि देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को नागरिकों से 13 से 15 अगस्त तक ‘हर घर तिरंगा’ आंदोलन में हिस्सा लेने का आग्रह कर चुके हैं। 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करेंगे। इस गरिमामय समारोह में पूरे देश से लगभग 1800 विशेष अतिथि शामिल होंगे।

नई दिल्ली, 13 अगस्त (हि.स.)। बिहार के दरभंगा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए गए बयान के बाद राजनीति गर्मा गई है। बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एक पुराना पत्र जोकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को संबोधित करते हुए लिखा था, उसे सार्वजनिक किया और आरोप लगाया कि एम्स का सारा श्रेय नरेन्द्र मोदी ले रहे हैं और हकीकत ये है कि बिहार की सरकार द्वारा जमीन दिए जाने के बाद आज भी एम्स नहीं बन सका है। वहीं, शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने जवाबी पत्र को ट्विटर पर साझा करते हुए तंज कसा। मांडविया ने कहा कि मोदी सरकार विकास में राजनीति नहीं करती बल्कि विकास की राजनीति करती है।

मांडविया ने इस संबंध में तेजस्वी को पत्र लिख कर कहा कि हमारी नीयत साफ है। एम्स दरभंगा की अनुमति मोदी सरकार ने 19 सितंबर 2020 को दी थी और बिहार सरकार ने 3 नवंबर 2021 को पहली जमीन दी। इसके बाद आप सरकार में आए और राजनीति करते हुए 30 अप्रैल 2023 को यह जगह बदल दी।

मनसुख मांडविया ने कहा कि नियमों के अनुसार जमीन की जांच करने के लिए एक्सपर्ट कमेटी ने जमीन की जांच की । 26 मई 2023 को भारत सरकार ने उपलब्ध करवाई गई दूसरी जमीन एम्स निर्माण के लिए उपयुक्त नहीं है इस संबंध में पत्र बिहार सरकार को भेजा था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने तेजस्वी से पूछा कि जमीन को क्यों बदला गया? किसके हित में बदला गया? बिहार की विधानसभा में आपके ही विधायक ने एम्स के लिए दी गई अनुपयुक्त जमीन के लिए क्या कहा था? राजनीति से बाहर आइए और एम्स बनाने के लिए तत्काल उचित जगह दीजिए। हम बिहार में एम्स बनाने के लिए तैयार हैं।

Chhapra: अंतरराष्ट्रीय स्वंयसेवी संस्था लियो क्लब छपरा टाउन ने सावन महोत्सव के अवसर पर एसडीएस पब्लिक स्कूल में मेहंदी प्रतियोगिता आयोजित किया। 

मेंहदी प्रतियोगिता में छात्राओं ने मेंहदी के कलाकारी का हुनर दिखाया। छात्राओं ने एक दूसरे को मेहंदी लगाकर अपनी कला का प्रदर्शन किया।

इस दौरान विजेताओं को सम्मानित भी किया गया। संस्था की सदस्या लियो शबाना खातून की अध्यक्षता में मेहंदी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली छात्राओं को सम्मानित भी किया गया।

इस दौरान संस्था के अध्यक्ष लियो आशुतोष पाण्डेय, कोषाध्यक्ष राहुल राज, लियो अभिषेक गुप्ता, लियो राजनंदनी सहित अन्य महिलाएं व छात्राएं उपस्थित रही।

इस दौरान स्कूल के प्राचार्य डॉ राकेश सिंह ने छात्राओं का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि मेहंदी प्रतियोगिता से छात्राओं की क्रियाशीलता, सृजनात्मकता, एकाग्रता एवं मिलकर कार्य करने की क्षमता का विकास होता है।  साथ ही प्रतियोगिताओं से टीम वर्क की भावना आती है।