मांगो को लेकर हड़ताल पर गयी सेविका सहायिका
Isuapur: प्रखण्ड की सेविका और सहायिका अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर है. इसुआपुर धर्मशाला परिसर में आंगनवाड़ी सेविका और सहायिका ने अपनी एकजुटता दिखाते हुए अपनी मांगो के समर्थन में आवाज बुलंद की.
प्रखंड के सौ से अधिक केंद्रों के सेविका और सहायिकाओं ने अपने 17 सूत्री मांगों को लेकर आवाज उठाते हुए जोरदार नारे लगाए.
हड़ताल में शामिल सेविकाओं कहना है कि सरकार विगत हड़ताल समाप्ति को लेकर बनी सहमति को अबतक पूरा नही कर पाई है. सरकार के ढुलमुल रैवये से सेविका सहायिका अपने को ठगा महसूस कर रहे है.
सेविकाओं का कहना है कि सरकार के मंत्री ने वार्ता किया था लेकिन वेतन वृद्धि सहित अन्य लाभ को लेकर बनी सहमति आजतक ठंडे बस्ते में है. उन्होंने 17 सूत्री मांग का एक आवेदन भी प्रखंड कार्यालय में सीडीपीओ को देते हुए अनिश्चित कालीन हड़ताल की घोषणा की है.











उन्होंने कहा कि हर एक शिक्षको के मृत्यु का जवाब सरकार को देना होगा. केशव कुमार ने आगे कहा की आर्थिक रूप से कमजोर हमारे शिक्षक को यदि विशेष परिस्थिति आ जाए तो वह संघ को जरूर सूचित करे शिक्षक समाज उसका हर संभव मदद करेगा. इसके अलावे 45 मृत शिक्षको के परिजनो को उन्होंने संघ व चार लाख शिक्षक समाज के तरफ से संत्वना देते हुए लाॅक डाउन के बाद सरकार व संघ के तरफ से हर संभव मदद का आश्वासन दिया.

इस संदर्भ में बंशीधर ब्रजवासी का कहना है कि राज्य के शिक्षक अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर है. कोरोना वायरस को लेकर जारी लॉक डाउन में सभी हड़ताली शिक्षक भी सरकार के निर्देशों का पालन कर रहे है. भारत सरकार ने निर्देश दिया कि इस लॉक डाउन अवधि में सभी सरकारी और निजी संस्थान में कर्मचारी को कर्तव्य पर मानते हुए उन्हें वेतन का भुगतान किया जाए. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य सरकार सभी के लिए राहत योजना एवं अन्य राहत की घोषणाएं कर रही है लेकिन राज्य के 4 लाख शिक्षको को लेकर किसी तरह के बयान नही दे रही है. नियोजित शिक्षकों की आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है. हालात यह है कि जो शिक्षक बीमार थे वह आर्थिक तंगी के कारण अपना इलाज नही करा पा रहे है. अपने परिवार के हालात सोंचकर कई शिक्षकों की ह्रदयघात से मृत्यु हो चुकी है.


फरवरी माह के वेतन भुगतान को लेकर जारी दिशा निर्देश में कहा गया है कि इस माह में कई शिक्षक हड़ताल पर है इस परिस्थिति में फरवरी माह का भुगतान वैसे ही नियमित, नियोजित शिक्षकों को किया जाए. जो इंटर और मैट्रिक की परीक्षा में वीक्षण एवं मूल्यांकन कार्य मे शामिल हो हड़ताल में शामिल नही हो.
सभी पदाधिकारियों को यह भी कहा गया है कि वेतन भुगतान की कार्रवाई की सूचना 31 मार्च तक भेजना भी सुनिश्चित करें.


श्री सिंह ने कहा कि शिक्षको ने हाथ धुलाई का कार्यक्रम कर यह संदेश दिया है कि स्वच्छ रहकर ही इस बीमारी को भगाया जा सकता है. खाने के पूर्व खाने के बाद, सहित सभी कार्यो को करने एवं उसकी समाप्ति के बाद और समय समय पर हैंडवाश करें.

उधर विधायक मुद्रिका प्रसाद राय ने भी शिक्षकों से मिले मांग पत्र के बाद कहा कि शिक्षक हड़ताल पर बैठे हैं. इस विषय पर शिक्षकों से सरकार को आगे आकर वार्ता करनी चाहिए. सरकार को अविलंब इस हड़ताल को खत्म करवाने का प्रयास करना चाहिए. शिक्षकों की मांग जायज है.






