Patna : मानसून से पहले हुई बारिश और वज्रपात से आफत की शुरुआत हो गई है. ठनका गिरने से पटना में चार लोगों की मौत हो गई है. वही कई लोग जख्मी हो गए हैं. जिन्हें इलाज के लिए नजदीकी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है.

बिहार में आपदा प्रबंधन विभाग ने भारी वज्रपात को लेकर अलर्ट जारी किया था. मौसम विभाग के अनुसार बिहार का मौसम काफी तेजी से बदल रहा है. लोगों को सावधान रहने की जरूरत है. अलर्ट के बीच पटना सिटी में आकाशीय बिजली गिरने से चार लोगों की मौत हो गई.

बताया जा रहा है कि फतुहा रेलवे स्टेशन के पास वट वृक्ष के पास ये लोग खड़े थे तभी अचानक से ठनका गिरा, जिसकी चपेट में आने से इनकी जान चली गई.

स्थानीय लोगों के मुताबिक आकाशीय बिजली की चपेट में 6 लोग आये हैं, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई है जबकि दो लोग जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं. जिन्हें घायल अवस्था में नजदीकी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सकों ने प्राथमिक जांच के बाद इन्हें बेहतर इलाज के लिए पटना पीएमसीएच रेफर कर दिया है.

मौसम विज्ञानियों का कहना है कि यह प्री मानसून का दौर है. ऐसे में इस तरह की बारिश होना स्वभाविक है. उम्मीद है की अगले कुछ ही घंटों में बिहार में मानसून की एंट्री हो जाएगी. मौसम विभाग की मानें तो अगले कुछ घंटे में राज्य के कई हिस्सों में बारिश और वज्रपात के आसार हैं. जान-माल की क्षति न हो, इसके लिए मौसम विभाग ने लोगों को अलर्ट रहने को कहा है.

Chhapra: मानसून के आने में अभी महीनों बाकी है. अलबत्ता शहर में मानसून को लेकर की गई तैयारियों की पोल खुल गयी है. बुधवार की देर रात से अचानक हो रही बारिश ने शहर को झील में तब्दील कर दिया है. शहर की कोई भी सड़क इससे अछूता नही है. शहर में करोड़ों रुपये साफ सफाई पर खर्च होते है लेकिन उस साफ सफाई की पोल हल्की बारिश में खुल जाती है. जनप्रतिनिधि से लेकर शासन और प्रशासन तक चिर निद्रा में सोए रहते है जब बारिश होती है तो उनकी निद्रा टूटती है.

गुरुवार को हुई बारिश से मौना चौक से साहेबगंज, साढा ढाला, करीम चक, नगरपालिका चौक, मालखाना चौक, कटहरी बाग, गुदरी बाजार हर तरफ सिर्फ पानी ही पानी नज़र आ रहा है. मुख्य सड़कें तालाब बनी है वही गली गलियारों में तो यह नदी के रूप में दिख रही है.हालात यह है कि अगर सरकार का लॉक डाउन नही लगा होता तो सड़कों पर पैदल कौन कहे गाड़ियों का चलना भी दूभर था.

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करीब 11.51 करोड़ की लागत से दो से तीन वर्ष पहले बनी थी सड़क

सबसे दयनीय स्थिति थाना चौक से नगरपालिका चौक होते हुए योगिनियां कोठी की है. सड़कों पर एक से डेढ़ फीट पानी है. पैदल चलना तो दूर की बात बाइक और छोटी हाइट की कार वालो को भी मुस्किलो का सामना करना पड़ रहा है. करीब 11 करोड़ को लागत से थाना चौक से लेकर नगरपालिका चौक योगिनियां कोठी होते हुए कचहरी स्टेशन तक इस सड़क का निर्माण दो वर्ष पूर्व हुआ था. सड़क निर्माण के साथ दोनों ओर नाला का निर्माण एवं डिवाइडर भी बना लेकिन निर्माण के बाद से ही यह सड़क हल्की बारिश में तालाब बन जाती है. सबसे विकट स्थिति जिलाधिकारी कार्यालय से लेकर नगरपालिका चौक से हरिमोहन दवाखाना, माधो बिहारी लेन तक बनी रहती है.

प्रतिवर्ष बारिश में शहर तालाब बन जाता है लेकिन इसका ठोस निष्कर्ष नही निकाला जाता है. जलजमाव के बाद प्रशासन जागता है और सड़कों से पानी निकलने के बाद सो जाता है. शहर की जल निकासी के लिए लाइफ लाइन करीम चक से लेकर सांढा ढाला तक खनुआ नाला की साफ सफाई का कार्य महीनों से ठप्प है वही पुरानी गुरहट्टी से लेकर छपरा कोर्ट होते हुए बी सेमिनरी तक खनुआ नाला का पुनर्निर्माण कार्य भी अब अधर में है. आनन फानन में शुरू हुए इस दोनो प्रोजेक्ट पर काम शुरू होने के कुछ महीनों के बाद विराम लग चुका है. लेकिन प्रशासन का इस ओर ध्यान नही है.

बहरहाल मानसून की दस्तक बाकी है. जनता की परेशानियों का निदान प्रशासन करेंगे कि जनप्रतिनिधि यह आने वाले बारिश के मौसम में पता चलेगा. फिलहाल जनता तालाब और नदियों में सैर सपाटा करने की आदि है और सारणवासी इस आदत को अपने जीवनशैली में ढाल चुके है.

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छपरा: शहर में आज सावन की पहली बारिश का लोगों ने जमकर आनंद उठाया. लगभग 2 घंटे तक जम कर हुई बारिश से शहर के सभी सड़कों गलियों में जलजमाव हो गया. जलजमाव से निचले क्षेत्रों के घरों और दुकानों में पानी घुस गया.    

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शहर के गुदरी बाज़ार में जलजमाव का नज़ारा

बारिश की वजह से शहर की नारकीय स्थिति ने नगरपरिषद की व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है. बीते कई दिनों से बारिश ने शहरवासियों के साथ आँख मिचौली का खेल जारी रखा था पर आज सावन महीने के दूसरे दिन हुई मूसलाधार बारिश ने उमस और गर्मी से लोगों को खासी राहत पहुंचाई है.

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बारिश के बाद स्कूल से लौटते बच्चे

 

हालाँकि शहर के थाना चौक, साहेबगंज चौक, मौना चौक, सरकारी बाजार, नगरपालिका चौक, भगवान बाजार, थाना रोड, गुदरी बाजार जैसे इलाक़ों में जलजमाव और कचड़े से लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

नई दिल्ली: संसद का मानसून सत्र आज से शुरू हो गया. सत्र 12 अगस्त तक चलेगा.

सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए मंत्रियों का परिचय कराया. उन्होंने उम्मीद जताई कि विपक्ष के सहयोग से इस सत्र में अच्छी चर्चा होगी. हालांकि शहडोल से बीजेपी सांसद दलपत सिंह परस्ते के निधन की वजह से लोकसभा मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई. इस सत्र के दौरान सरकार को जीएसटी समेत कई अहम बिल पास होने की उम्मीद है. दूसरी ओर विपक्ष अरुणाचल और कश्मीर से लेकर पीएम के विदेश दौरे तक सरकार को घेरने की तैयारी में है.

मानसून सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे. वहीं सरकार ने सर्वदलीय बैठक भी बुलाकर विपक्ष का सहयोग मांगा. सरकार का मानना है कि देश हित में संसद का चलना जरूरी. रविवार को सत्र से पहले लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन के घर डिनर पार्टी में पीएम और उनके मंत्रियों के साथ विपक्षी दलों के नेताओं की भी मौजूदगी दिखी.

छपरा: भीषण गर्मी से परेशान लोगों को राहत मिली है. रविवार दोपहर झमाझम बारिश से तापमान में गिरावट दर्ज की गयी है और मौसम सुहाना हो गया है.

लगातार कई घंटों हुए बारिश से लोगों को मानसून के आगमन का अहसास हुआ. जिले के अन्य भागों से मिली जानकारी के अनुसार अधिकतर प्रखण्डों में बारिश हुई है.

जानकार इसे मानसून के पहले होने वाली बारिश बता रहे है. बिहार में मानसून के 18 तारीख तक पहुँचने की सम्भावना व्यक्त की गयी है.

पटना: बिहार में इस बार मानसून 18 जून तक पंहुचने की संभावना जताई जा रही है. मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल में प्रवेश कर गया है. यह तमिलनाडु, कर्नाटक तथा दक्षिण बंगाल की खाड़ी के शेष हिस्सों में आगे बढ़ रहा है.

बिहार समेत पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में औसत से ज्यादा बारिश होने की संभावना है. उत्तर-पश्चिम भारत में बारिश सामान्य के मुकाबले 108 प्रतिशत रहेगी जबकि पूर्वोत्तर में 94 प्रतिशत बारिश होने की संभावना व्यक्त की जा रही है.