Chhapra: देश के कई राज्यों से अधिक जनसंख्या वाले सारण प्रमंडल में भी पासपोर्ट कार्यालय खोलने की पहल स्थानीय सांसद राजीव प्रताप रूडी ने की है. उन्होंने विदेश मंत्रालय को पत्र के माध्यम से सूचित किया है कि इस प्रमंडल से काफी संख्या में लोग विदेश जाते है जिनका मुख्य उद्देश्य रोजगार और पर्यटन होता है. हर वर्ष हजारों लोग विदेश यात्रा पर विभिन्न कार्यवश जाते है. मालूम हो कि इस सन्दर्भ में श्री रूडी ने विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज से पूर्ब में भी कई बार वार्ता की है.

विगत दिन स्थानीय लोकसभा सांसद रूडी ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को पत्र लिख अवगत कराया कि सारण प्रमंडल का मुख्यालय सारण जिला मुख्यालय के छपरा में है जो उनका निर्वाचन क्षेत्र भी है. इसके अंतर्गत सारण, सिवान और गोपालगंज जिले आते है. इसमें सिर्फ सारण जिला की जिनकी 2011 में 40 लाख थी. तीनो जिलों को मिलाकर सारण प्रमंडल की कुल आबादी 80 लाख से अधिक है जो देश के मेघालय और मिजोरम जैसे कई राज्यों से अधिक है. यहाँ की भोजपुरी संस्कृति के लोग पहले से ही दक्षिण अफ्रीकी देशों सहित सूरीनाम मोरिसस, ऑस्ट्रेलिया सहित अमेरिकी व यूरोपीय देशों में जाते आते है. अधिकतर लोग रोजगार के उद्देश्य से विदेश यात्रा करते है.

श्री रूडी ने विदेश मंत्री को आगे बताया कि सारण के लोग आज़ादी के पहले से ही संसार के कई देशों में भारतीय संस्कृति जे प्रचारदुत के रूप में अब भी याद किये जाते है. स्थानीय लोगों की समस्या से अवगत करते हुए श्री रूडी ने बताया कि सारण प्रमंडल के तीनों जिलों के हज़ारों लोग प्रति माह 100 से 175 किलोमीटर की दुरी तय कर राजधानी पटना के पासपोर्ट कार्यालय आने को बाध्य है. विदित हो की पटना पासपोर्ट कार्यालय पर भरी कार्य बोझ के कारण सारण प्रमंडल के लोग समयानुसार विदेश यात्रा नहीं कर पाते. इस कारण लाखो लोग आर्थिक क्षति भी झेलने को विवश है.

सारण में पासपोर्ट कार्यालय खुलने पर अन्य स्थानीय लोग और अधिक विदेश यात्रा के प्रति जागरूक होंगे, इससे सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा और लोगों को देश विदेश में रोजगार के नए अवसर भी प्राप्त होंगे.

Chhapra: महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने रोजगार मेले को संबोधित करते हुए कहा कि सारण जिला अति पिछड़ों का जिला है, इसके बावजूद भी इस जिले में अपनी अलग पहचान स्थापित की है.

उन्होंने मढ़ौरा के औद्योगिक क्षेत्र की चर्चा करते हुए कहा कि मढ़ौरा अनुमंडल रोजगार से भरा था, अगर मढ़ौरा को विकसित किया गया होता तो आज इस रोजगार मेले की जरूरत युवाओं को नहीं होती.

श्री सिग्रीवाल ने मढ़ौरा की पुनः स्थापना के बारे में सरकार से सोचने का आग्रह किया, जिससे की औद्योगिक क्षेत्र को पुनः विकसित किया जा सके. श्री सिग्रीवाल ने कहा कि पूर्व मंत्री सह सांसद द्वारा मढ़ौरा के विकास को लेकर पहल की गई थी लेकिन राज्य सरकार का समर्थन नहीं मिला.

23 साल बाद यह मौका मिला है जब देश और प्रदेश में एक सरकार है. हम सबको मिलकर रोजगार विकसित बिहार के निर्माण में सहयोग करना चाहिए.

उन्होंने मेले में आई कंपनियों से युवाओं के साथ उनके मान सम्मान की कद्र करने का आह्वान किया.

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