Chhapra: नगरा प्रखंड के खैरा, मुसहरी, रामचौरा नहर पर लगे पेडों के गायब होने का सिलसिला जारी है. पेडों की कटाई कौन कर रहा है यह किसी को मालूम नही हो पा रहा है. ग्रामीण इस बात को लेकर चिंतित है कि आखिर इन पेड़ों को कौन काट रहा है.

ग्रामीणों का कहना है कि खैरा मुसहरी, रामचौरा वाली इस नहर पर काफी संख्या में पेड़ है. जो अब तैयार है. कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर lockdown जारी है. ऐसे में लोगों का आनाजाना इस नहर से लगभग ना के बराबर है. गांव के लोग भी lockdown में घरों से बाहर नही निकल रहे है. जरूरत के अनुसार लोग या तो टहलने के लिए सुबह और शाम निकल रहे है. इस दौरान नहर के किनारें लगे पेड़ एक एक कर गायब हो रहे है. पेड़ों को मौका पाकर किसी के द्वारा कटाई की जा रही है.

लोगों का अनुमान है कि लोग घरों में रह रहे है जिसका फ़ायदा चोरों द्वारा उठाया जा रहा है. उधर ग्रामीणों ने इस बात की सूचना वन विभाग को भी दी है.लेकिन अबतक कोई करवाई नही हुई. Lockdown अवधि में नहर से एक दर्जन से अधिक पेड़ गायब है जिनकी कटाई हुई है.

नगरा (अयूब रजा): बिहार सरकार द्वारा सिंचाई के लिए लगाये गए नलकूप 20 सालों से बंद पड़े है. नलकूप के बंद होने के कारण सिंचाई कार्य पूरी तरह बाधित हो चूका है. जिससे किसान काफी परेशान है.

ग्रामीणों के अनुसार प्रशासन की उपेक्षापूर्ण नीति की वजह से अफौर, डुमरी, खोदाईबाग, पटेढ़ा, तुजारपुर, खैरा आदि आसपास के क्षेत्रों में 20 वर्षो से सिंचाई की बदतर व्यवस्था होने से कृषि कार्य पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है.

क्षेत्र निवासी रमेश कुमार, पंकज सिंह, अजय महतो, महन्त सिंह, आजाद अली, असरफ अली, आरती कुँवर, देवरती कुमारी, शम्भू राय, सोनू कुमार आदि दर्जनों किसानों ने कहा कि नगरा प्रखंड में कई नलकूप है जो समुचित देख-भाल अधिकारीयों एवम् कर्मियों को इन नलकूपों से कोई मतलब नही रहता है. जबकि मौजूदा हालत यह है कि कई नलकूप बिजली ट्रांसफार्मर जले होने के कारण कई वर्षो से जंगल-झार में ध्वस्त हो चुके है. यह हाल तब है जब नलकूपों को चलाने के लिए सरकार द्वारा ऑपरेटर भी बहाल किया है. फिर भी स्थिति जस की तस बनी हुई है. किसानों ने कहा कि अगर विभाग ने इस ओर ध्यान न दिया तो चरणबध्द आंदोलन चलाया जायेगा.