• नर्सें दे रहीं लावारिसों को मां का प्यार
• हर साल 15-20 लावारिस नवजात शिशुओं को मिलती है पनाह
• नहलाने से लेकर डायपर बदलने का काम करती हैं यहां की नर्सें

Chhapra: कई महिलाएं बच्चे को जन्म देने के बाद उसे लावारिस हालत में फेंक देती हैं। ऐसे लावारिस मिलने वाले मासूम कई बार सुनसान जगहों पर, तो कई बार नाली में, कांटों और गंदगी के बीच पड़े मिलते हैं। इतनी विपरीत परिस्थितियों में भी जिन नवजातों की सांसें बच जाती हैं। उन्हें छपरा सदर अस्पताल के एसएनसीयू की स्टाफ नर्सें उपचार के साथ मां का प्यार भी देती हैं। गंभीर रूप से बीमार नवजातों के जख्मों पर मरहम लगाने से लेकर उन्हें नहलाना-धुलाना, दूध पिलाना, साफ-सफाई करने और सुलाने का काम भी बिल्कुल मां की तरह करती हैं। जब वे बच्चे ठीक होकर शिशु गृह जाने लगते हैं, तो भावनात्मक रूप से उनकी इन यशोदा माताओं की आंखों में आंसू तक आ जाते हैं।

चार माह तक विक्षिप्त महिला की बच्ची को दुलार-प्यार दिया
सारण जिले के नगरा प्रखंड से एक विक्षिप्त महिला की बच्ची को एसएनसीयू में भर्ती किया गया था। बच्ची जब आयी थी तो उसका वजन काफी कम था, सांस में भी समस्या थी। लेकिन एसएनसीयू की सभी स्टाफ नर्सों ने उस बच्ची को नया जीवनदान देने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया। उस बच्ची के इलाज से लेकर नहलाने-धुलाने, दूध पिलाने और साफ-सफाई की पूरी जिम्मेदारी यहां की नर्सों ने उठायी थी। विक्षिप्त महिला को इतनी समझ नहीं थी कि वह उसकी देखभाल कर सके। लेकिन यहां नर्सों ने यशोदा बनकर माँ का प्यार दिया और उसका नाम भी नर्सों ने रख दिया। उस बच्ची का नाम पायल रखा गया। करीब तीन महीने तक उस बच्ची को यहां रखा गया। उसके बाद से बाल संरक्षण इकाई को सौंप दिया गया। जब बच्ची आयी थी तो उसका वजन 2 किलो था। जब स्वस्थ होकर जा रही थी तो उसका वजन 4 किलो हो गया था। जब उसे सुपुर्द किया जा रहा था, तो हमारी साथी स्टाफ में कोई ऐसा नहीं था, जिसकी आंखों से आंसू न आए हों। जब भी किसी की शिफ्ट खत्म होती, तो ये बताकर जाते थे कि उसे क्या खिलाना है, कौन सी दवा कितने बजे देनी है। उसके साथ हम सभी लोग इमोशनल अटैच हो गए थे। ऐसा लगता था कि वह हमारे बीच ही खेलती रहे।

बेसहारा बच्चों की हम ही मां और परिवार–

छह वर्षों से कार्यरत एसएनसीयू की इंचार्ज स्टाफ नर्स प्रतिमा सिंह कहती हैं वैसे तो सभी बच्चे हमारे लिए बराबर होते हैं। हम सभी का ध्यान रखते हैं, लेकिन लावारिस मिलने वाले बच्चों की खोज खबर लेने वाले उनके कोई सगे संबंधी नहीं होते। बाकी बच्चों की मां उन्हें स्तनपान कराने के लिए आती हैं। इस दौरान उन्हें मां की गोद और दुलार मिलता है। बेसहारा मिले बच्चों के लिए हम ही उनकी मां और परिवार होते हैं। उनके डायपर बदलने से लेकर उन्हें सुलाने तक का काम हम लोग करते हैं। हर साल करीब 15 से 20 लावारिस नवजात बच्चे यहां भर्ती होते हैं। वर्ष 2022 में अब तक 4 लावारिस बच्चे यहां से पूरी तरह स्वस्थ होकर गये हैं।


गोद में आते ही चुप हो जाते थे बच्चे
स्टाफ नर्स मुन्ना कुमारी कहती हैं यहां भर्ती बच्चों की माताएं भी बाहर रहती हैं। बच्चे रोते हैं तो वह आकर दूध पिलाती हैं, लेकिन लावारिस बच्चे बिलखने लगते थे तो देखा नहीं जाता था। उन्हें हम कई बार रात में घंटों तक गोद में लेकर बैठे रहे। वह पहचानने भी लगे थे। गोद में आते ही रोना बंद कर देते थे। कई नर्सो ने मदर मिल्क बैंक में जाकर दूध भी दान किया जिससे इन बच्चों की भूख मिट सके। बच्चों का डायपर बदलने से लेकर वह सभी काम किया जो एक मां करती है।

झाड़ी में मिले नवजात को देखकर आंखों से निकल आया था आंसू
प्रतिमा सिंह ने बताया कि सारण जिले के गड़खा में एक नवजात कांटों के बीच झाड़ी में पड़ा मिला था। उसकी हालत खराब थी। उसका हाथ कुत्ते ने काट लिया था। जब उसे बाल संरक्षण इकाई के लोग यहां लेकर आये, तो उसकी हालत देखकर रोना आ गया था, लेकिन उसे हमने अपने बच्चे की तरह रखा। वजन कम होने के कारण उसकी स्पेशल केयर की गई। करीब डेढ़ महीने वह हमारे बीच रहा। फिर वह पूरी तरह से स्वस्थ होकर यहां से गया।

ये हैं कलियुग की यशोदा माताएं 
एसएनसीयू इंचार्ज प्रतिमा सिंह,मुन्ना कुमारी, अनामिका कुमारी, मीना कुमारी, जूली कुमारी, जूली चौधरी, ज्योति आइजेक, नीलू कुमारी, राखी कुमारी।

कूचबिहार: प्रेमिका का फंदे से लटकता शव देख प्रेमी ने भी फंदे से लटककर जान देने की कोशिश किया। घटना बुधवार को हल्दीबाड़ी प्रखंड के उत्तर हल्दीबाड़ी ग्राम पंचायत के बागरीबाड़ी मोंटूधाम इलाके में घटी है। घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है। पुलिस के मुताबिक मृतक की पहचान तनुश्री राय (17) के रूप में हुई है। जबकि प्रेमी का नाम अर्जुन राय (19) है।


स्थानीय सूत्रों के अनुसार आज सुबह प्रेमी अर्जुन ने अपनी प्रेमिका को फंदे से लटका देखा। यह देख वह तनाव में आ गया। बताया जा रहा है कि इसके बाद अर्जुन सीधे घर गया और फंदे से झूल गया। फंदे में झूलता देख अर्जुन के परिवार ने उसे उतारकर जलपाईगुड़ी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल ले गए। फिलहाल अर्जुन चिकित्साधीन है। उधर, प्रेमिका के शव को पोस्टमार्टम के लिए हल्दीबाड़ी ग्रामीण अस्पताल में भेज दिया है। हालांकि, दोनों परिवारों ने दोनों के बीच प्रेम-प्रसंग के बारे में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है। पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।

• माइग्रेंट मरीजों को हो रही है सहूलियत
• 2025 तक टीबी उन्मूलन का रखा गया है लक्ष्य
• निश्चय पोर्टल पर होती है मरीजों की सभी जानकारी


Chhapra: टीबी को जड़ से मिटाने को लेकर लगातार केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार द्वारा भी अभियान चलाए जा रहे हैं। इसके अलावा लोगों को जागरूक करके टीबी बीमारी से संबंधित जानकारी और इलाज को लेकर उन्हें प्रेरित किया जा रहा है। साथ ही अभियान के तहत टीबी संक्रमित मरीजों को सरकार द्वारा मिलने वाली सुविधाओं के बारे में भी जानकारी दी जा रही है। 2025 तक टीबी को जड़ से खत्म करने का अभियान चलाया जा रहा है। ऐसे में देश के सभी राज्यों में स्थित सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क जांच एवं दवाइयां प्रदान की जा रही हैं । किसी भी जिले के सरकारी अस्पताल में रजिस्टर्ड टीबी संक्रमित मरीज किसी अन्य राज्य के सरकारी अस्पताल में भी निः शुल्क सुविधा ले सकता है। यह सुविधाएं माइग्रेंट लोगों के लिए बेहतर विकल्प बन के सामने आ रही हैं ।

किसी भी सरकारी अस्पताल में पंजीकृत होना जरूरी 

जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. रत्नेश्वर प्रसाद सिंह ने बताया कि टीबी बीमारी से संक्रमित मरीज को किसी भी राज्य के सरकारी अस्पताल में निःशुल्क इलाज किया जाता है। यदि कोई नालंदा जिले का निवासी है और टीबी से संक्रमित है और वह पढ़ाई या काम के सिलसिले में दूसरे राज्य जाना चाहता है तो उसे दूसरे राज्यों के सरकारी अस्पताल में नि:शुल्क उपचार कराने के लिए उसे अपने जिले के अस्पताल को सूचित करना होता है जहाँ से उसका इलाज चल रहा है। उन्होंने बताया कि टीबी संक्रमित मरीज को वर्तमान जगह पर स्थित सरकारी अस्पताल में पंजीकृत होना जरूरी होता है। यदि किसी मरीज का सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा है और वह किसी कारण से दूसरे राज्य या जिला में जाना चाहता है तो ऐसे में उसे वर्तमान के सरकारी अस्पताल में सारी जानकारी देनी होगी कि किस राज्य के किस शहर में जा रहा है। ऐसी स्थिति में उक्त व्यक्ति की सारी जानकारी वहां के संबंधित अस्पताल के टीबी विभाग को भेजी जाती है और वहां मरीज को पहुंच कर अपनी आईडी प्रस्तुत करनी होती है और वहां पर उसका इलाज शुरू हो जाता है।

भेजनी होती है पूर्ण जानकारी 

जब टीबी संक्रमित मरीज दूसरे राज्य या जिले में जाना चाहता है तो ऐसे में उक्त मरीज की पूरी जानकारी अगले राज्य या जिले में स्थित सरकारी अस्पताल को भेजी जाती है। जिसमें जांच के साथ-साथ टीबी का स्टेज और वर्तमान में चल रही दवा की जानकारी के साथ-साथ पंजीकरण संख्या भेजी जाती है। जब वह व्यक्ति उक्त अस्पताल में जाता है तो अपना पंजीकरण संख्या बताता और वहां से उसका इलाज वहीं से शुरू होता है जहां तक पहले इलाज किया जा चुका है।

पोषण योजना बन रही मददगार 

टीबी मरीजों को इलाज के दौरान पोषण के लिए 500 रुपये प्रतिमाह दिए जाने वाली निक्षय पोषण योजना बड़ी मददगार साबित हुई है। नए मरीज मिलने के बाद उन्हें 500 रुपये प्रति माह सरकारी सहायता भी प्रदान की जा रही है। यह 500 रुपये पोषण युक्त भोजन के लिए दिया जा रहा है। टीबी मरीज को 6 महीने तक दवा चलती है। इस अवधि तक प्रतिमाह पांच 500-500 रुपये दिए जाते हैं ।

पटना: बिहार में लोगों को अगले दो दिनों में गर्मी से राहत मिल सकती है। मौसम विभाग ने बुधवार और गुरुवार को उत्तर बिहार के 10 जिलों में 2 दिन भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।

विभाग ने इस दौरान पटना में भी बारिश की संभावना जतायी है। इससे दक्षिण बिहार में तापमान में गिरावट हो सकती है। यहां के लोगों को गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद विभाग ने व्यक्त की है।

मौसम विभाग ने पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, मधेपुरा, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार जिले के कुछ जगहों के लिए चेतावनी ज़ारी की है। बारिश के कारण तापमान में गिरावट आएगी, जिससे राज्य का मौसम बदलेगा।

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार पूर्व-पश्चिम ट्रफ रेखा पूर्वी यूपी से मध्य बिहार, पश्चिम बंगाल और सिक्किम से होकर मणिपुर तक गुजर रही है। इससे बिहार का मौसम आज बुधवार से बदल सकता है। पूर्वानुमान के अनुसार केवल पटना में ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों में भी बारिश से लोगों को गर्मी से राहत मिल सकती है।

Chhapra: अखिल बिहार शतरंज संघ के तत्वावधान में रोहतास में आयोजित बिहार स्टेट अंडर 19 चेस चैंपियनशिप के गर्ल्स कैटेगरी में छपरा की सान्या वर्मा 5 चक्रों की प्रतियोगिता में 4 अंक बनाकर उपविजेता बनी। इस प्रतियोगिता में विजयी होने के साथ ही अब वो राष्ट्रीय अंडर 19 शतरंज प्रतियोगिता में बिहार का प्रतिनिधित्व करेंगी। विदित हो कि सान्या प्रभुनाथनागर निवासी सत्यदेव प्रसाद वर्मा एवं कांति देवी की सुपौत्री एवं पंकज कुमार वर्मा और दीपमाला वर्मा की सुपुत्री हैं। सान्या की इस उपलब्धि से छपरा जिला शतरंज संघ गौरवान्वित है । इसी प्रतियोगिता में सान्या की बड़ी बहन तान्या वर्मा 5 चक्रों में 3 अंकों के साथ सातवें स्थान पर रहीं। ज्ञातव्य हो कि सान्या ब्रजकिशोर किंडरगार्टन एवं तान्या छपरा सेंट्रल स्कूल की विद्यार्थी हैं।

इस उपलब्धि पर छपरा जिला शतरंज संघ के अध्यक्ष सत्येन्द्र कुमार शर्मा, उपाध्यक्ष कुमार धीरज, सुमन कुमार वर्मा, सचिव मनोज कुमार वर्मा ‘संकल्प’, संयुक्त सचिव सुशील कुमार वर्मा, यशपाल सिंह, धनंजय कुमार, कोषाध्यक्ष विक्की आनंद , राष्ट्रीय निर्णायक कुमार शुभम, सन्नी कुमार सिंह, राजशेखर, रणधीर कुमार सिंह सहित कई पदाधिकारियों, शतरंज खिलाड़ियों एवं शतरंज प्रेमियों ने बधाई दी है ।

बांकुड़ा: जिले के बिष्णुपुर महकमा अंतर्गत कोतुलपुर में एक डंपर ने सड़क किनारे खड़ी लॉरी को टक्कर मार दी। हादसे में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना में लारी में सवार 13 गायों की भी मौत हो गईं।

बताया गया कि बुधवार तड़के कोतुलपुर थाना अंतर्गत रायबाघिनी मोड़ इलाके में यांत्रिक खराबी के कारण गायों से लदी एक लॉरी सड़क के किनारे खड़ी थी और मरम्मत का काम चल रहा था। उसी समय बिष्णुपुर से आ रहे बालू लदे डंपर ने लॉरी को टक्कर मार दी। डंपर की टक्कर से गायों से लदी लॉरी पलट गई। हादसे में तीन लोगों की मौत मौके पर ही हो गई जबकि एक अन्य ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। इसके साथ ही लारी मैं मौजूद 13 गायों की भी मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना में सड़क किनारे स्थित एक मकान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है।

पुलिस के अनुसार मृतकों की पहचान घाटकपुकुर निवासी फिरोज लश्कर, शुकुर लश्कर और झंटू मुल्ला के रूप में हुई है। एक अन्य व्यक्ति की पहचान नहीं हो पाई है। यह तीनों लॉरी में सवार थे। पुलिस का अनुमान है कि चौथा व्यक्ति डंपर चालक हो सकता है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। तीनों मृतकों के रिश्तेदार खैरुल अली मुल्ला ने बताया कि फिरोज लश्कर, शुकुर लश्कर और झंटू मुल्ला मेरे मामा हैं।पुलिस के अनुसार गायों से लदी लॉरी पुरुलिया के बलरामपुर से दक्षिण 24 परगना के घटकपुकुर इलाके की ओर जा रही थी।

Chhapra: जेपी विश्वविद्यालय में 22 जून को होने वाले आंदोलन की तैयारी को लेकर सर्किट हाउस छपरा में संघर्ष मोर्चा के साथियों ने बैठक की। अध्यक्षता छात्र राजद के प्रमंडलीय अध्यक्ष प्रिंस कुमार सिंह ने की।संघर्ष मोर्चा में एआईएसएफ, छात्र राजद, एसएफआई, छात्र जन अधिकार परिषद,छात्र जनशक्ति परिषद शामिल हैं। संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारीयों ने कहा कि सारण प्रमंडल के हजारों छात्र-छात्राएं करेंगे।इसको लेकर तैयारी युद्ध स्तर पर चल रही है। विदित हो कि जयप्रकाश विश्वविद्यालय के स्नातक एवं स्नातकोत्तर के सत्र अनियमित है। परीक्षाफल प्रकाशन लेकर रजिस्ट्रेशन, मैग्रेसन सभी चीजों में पापी विसंगतियां बढ़ गई है। एक स्वर में संघर्ष मोर्चा अपील करता है कि सारण प्रमंडल के विश्वविद्यालय/कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र-छात्रा अपने अंधकारमय होती भविष्य को बचाने के लिए भारी तादाद में प्रकाश विश्वविद्यालय के प्रांगण में 22 जून को आएं।

आज के बैठक में मुख्य रूप से वरिष्ठ छात्र नेता शेख नौशाद, एआईएसएफ जिला सचिव अमित नयन, एआईएसएफ जिला अध्यक्ष रूपेश कुमार यादव, उपाध्यक्ष अभय कुमार चौबे,अमन प्रताप यादव,चंदन शर्मा, दिलिप कुमार वर्मा छात्र राजद के मनीष कुमार यादव, छात्र जनशक्ति परिषद के अध्यक्ष रचित भारती, कादिर हुसैन एसएफआई जिला मंत्री सद्दाब मजहरी, छात्र जन अधिकार परिषद के विश्वविद्यालय अध्यक्ष पवन गुप्ता,अमर बाबा रंजीत सिन्हा, दयानंद गुप्ता, आनंद यादव, लग्न देव यादव, नीतीश कुमार आदि उपस्थित थे।

पानापुर: सलेमपुर गांव में दहेज में बुलेट बाइक के लिए ससुरालवालों ने अपने सगे संबंधियों के साथ मिलकर एक विवाहिता की हत्या कर दी. लड़की सूरज कुमार सिंह की 24 वर्षीया पत्नी अंतिमा कुमारी बतायी जाती है. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए छपरा भेज दिया है. मृतका के पिता एवं सिवान जिले के दरौंदा थाने के जलालपुर बाबूलाल सिंह के टोला निवासी मनोज कुमार सिंह ने पानापुर थाने में आवेदन देकर मृतका के पति सूरज कुमार सिंह, देवर पवन कुमार सिंह, सास बबीता देवी, ससुर जयशंकर सिंह केअलावा अमनौर थानांतर्गत जगदीश विशुनपुरा निवासी सूरज के नाना दामोदर सिंह, नानी सोना देवी एवं अपने ही गांव’ जलालपुर के पिंकी देवी को नामजद किया है. आवेदन में कहा है कि ससुरालवालों द्वारा शादी के बाद से ही दहेज में बुलेट के लिये हमेशा प्रताड़ित किया जाता था. सोमवार की रात सभी ने मिलकर मेरी पुत्री की हत्या कर. वही मृतका के ससुरालवालों का कहना है कि पति पत्नी के बीच मामूली विवाद के बाद जब सभी लोग छत पर सोने चले गये इसी दौरान मृतका ने कीटनाशक खा लिया.

बिहार में शिक्षक पात्रता परीक्षा को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए अब इसे खत्म कर दिया है. यहां अब केंद्र सरकार की तरफ से होने वाले सीटीइटी परीक्षा से ही शिक्षक बनेंगे. शिक्षा विभाग ने फिलहाल राज्य में होने वाली शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीइटी) आयोजित नहीं कराने का फैसला लिया है. शिक्षा विभाग ने तर्क दिया है कि केंद्र सरकार की तरफ से नियमित रूप से सीटीइटी करायी जा रही है. इसलिए विभाग को टीइटी कराने की जरूरत नहीं है.

इस तरह प्रारंभिक स्कूलों के शिक्षकों के लिए प्रस्तावित सातवें चरण के शिक्षक नियोजन में अब तक टीइटी और सीटीइटी पास अभ्यर्थी ही पात्र माने जायेंगे. प्राथमिक शिक्षा निदेशक रवि प्रकाश की तरफ से जारी आधिकारिक पत्र में बताया गया है कि भविष्य में आवश्यकता आधारित शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित करने पर शिक्षा विभाग विचार कर सकता है.

प्राथमिक शिक्षा निदेशक रवि प्रकाश ने इस संदर्भ में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष सचिव को पत्र लिखा है. पत्र में लिखकर बताया है कि वर्तमान में शिक्षा विभाग शिक्षक पात्रता परीक्षा कराने की आवश्यकता महसूस नहीं कर रहा है. पत्र में प्राथमिक निदेशक ने बताया कि विभाग के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में इस संदर्भ में निर्णय लिया गया है.

Chhapra: बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री आदरणीय मंगल पांडे द्वारा फेस ऑफ फ्यूचर इंडिया के एफ एफ आई लाडली विंग की संयोजिका व रक्त विरांगना रचना पर्वत एवं एफ एफ आई जिलाध्यक्ष व रक्त वीर मकेसर पंडित एवं सक्रिय सदस्य व रक्त वीर अरुण कुमार दुबे को विश्व रक्तदाता दिवस पर पटना के चानक्या होटल में आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित किया गया ,कार्यक्रम का आयोजन बिहार राज्य एड्स कंट्रोल सोसायटी पटना द्वारा किया गया. कार्यक्रम में रक्त वीर जो पीछले साल भर में चार बार रक्तदान किया हो व रक्त वीरांगना जो पीछले साल भर में तीन बार रक्तदान किया हो उन्हें सम्मानित किया गया. विदित हो कि रचना पर्वत विगत तीन वर्षों से स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित विश्व रक्तदाता दिवस पर सर्वश्रेष्ठ रक्तदाता के लिए सम्मानित होते आ रहीं हैं वहीं अरूण दुबे का दुसरा बार है वहीं जिलाध्यक्ष मकेसर पंडित का पहली बार है, विदित हो कि फेस ऑफ फ्यूचर इंडिया द्वारा विगत 6 वर्षों से निरंतर लोगों को नुक्कड़ नाटक, रैली व विभिन्न माध्यमों से लोगों को रक्तदान के प्रति जागरूक किया जाता है साथ ही साथ नियमित रूप से सारण पुलिस के साथ मिलकर समय-समय पर रक्तदान शिविर आयोजित किया जाता है । टीम के सदस्यों को सम्मानित होने पर टीम के सभी सदस्यों ने बधाई दी ।

Chhapra: भारतीय जनता पार्टी के द्वारा मोदी सरकार के 8 साल के कार्यकाल में किए गए कार्यों को जनता को बताने के उद्देश्य से सभाओं का आयोजन किया जा रहा है. ऐसी ही एक सभा छपरा शहर के नगर निगम के परिसर में मंगलवार को हुई. सभा में बिहार के कला और संस्कृति मंत्री आलोक रंजन झा मुख्य अतिथि के रुप में पहुंचे थे.

कार्यक्रम में भाजपा के नेताओं का जबरदस्त जमावड़ा देखने को मिला लेकिन सामने लगी कुर्सियां बिल्कुल खाली दिखीं. नेताओं के अलावा मोदी सरकार की योजनाओं और उनकी उपलब्धियों को सुनने के लिए जनता की उपस्थिति नगण्य थी.

इस दौरान केवल भाजपा के नेता ही कुर्सी पर बैठे थे पीछे की सारी कुर्सियां खाली थी.

मोदी सरकार के द्वारा ऐसे कार्यक्रम का आयोजन वैसे तो जनता को सरकार की उपलब्धियों को गिनाने के लिए किया जा रहा है पर इस कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर जनता में कोई रुचि नही दिखी.

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इस तरह के कार्यक्रमों से जनता को जोड़ने के लिए पार्टी लगातार प्रयास करती है, लेकिन स्थानीय स्तर पर समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण जनता कार्यक्रम से नहीं जुड़ पाती. वही इस वही इसे लेकर विपक्ष का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी से लोगों का रुझान अब कम हो रहा है. जिसको लेकर भी कुर्सियां खाली रह गई होंगी.

गोपालगंज: ऐतिहासिक थावे मंदिर की सुरक्षा में बड़ी लापरवही सामने आयी है. सोमवार को मंदिर की सुरक्षा में लगे 12 सीसीटीवी कैमरा बंद पाया गया. सीसीटीवी बंद होने के दौरान सात महिला श्रद्धालुओं के गले से चेन उड़ा लिये गये. अचानक हुए चेन स्नेचिंग की वारदात से पूरे मंदिर परिसर में अफरातफरी मच गयी. महिलाओं श्रद्धालुओं ने इसकी शिकायत पुलिस से की. पुलिस जब जांच करने मंदिर परिसर पहुंची तो सीसीटीवी कैमरा बंद पाया गया, जिसके बाद हड़कंप मच गया. इतनी बड़ी लापरवाही कैसे बरती गयी. पुलिस अधिकारी भी हैरान रह गये और इसकी हाइलेवल की जांच शुरू कर दी गयी है.

चेन स्नेचिंग की शिकार हुईं महिला श्रद्धालु इस मामले में मंदिर के पुजारियों और सुरक्षाकर्मियों को दोषी ठहराते हुए थावे थाने में एफआइआर दर्ज कराने पहुंच गयीं. पुजारियों को जब कार्रवाई की जानकारी हुई तो सभी थावे थाना पहुंच गये और महिला श्रद्धालुओं के द्वारा लगाये गये आरोप को बेबनियाद बताते हुए थाने का घेराव किये. स्थिति की जानकारी मिलने पर बीडीओ मनीष कुमार सिंह और सीओ सिद्धनाथ सिंह थावे थाना पहुंच गये और मामले की जांच शुरू कर दी. अधिकारियों के समझाने पर पुजारी और महिला श्रद्धालु शांत हो गये.