Chhapra: विभाग के निर्देश के बाद भी छपरा नगर निगम क्षेत्र खुले में शौच से मुक्त नही हो पाया है. छपरा को खुले में शौच से मुक्त कराने के लिए विभाग ने नगर निगम को 2 अक्टूबर तक का समय दिया था. जिसके बाद 2 अक्टूबर बीत जाने के बाद भी छपरा को खुले में शौच से मुक्त नहीं कराया जा सका है. शौचालय के अभाव में अब भी निगम क्षेत्र के विभिन्न वार्डों के लोग खुले में शौच के लिए जा रहे हैं. सबसे ज्यादा तो वार्ड 12, 14 के साथ अन्य वार्डों के लोग दियारा इलाक़ों में खुले में शौच के लिए जा रहे हैं.

नगर निगम की सुस्ती के कारण नहीं खत्म हुई समस्या

इस क्षेत्र में होने वाले कार्य में नगर निगम लगातार सुस्ती दिखा रहा है. जिस कारण छपरा खुले में शौच से मुक्त नहीं हो पाया है. इससे पहले छपरा नगर निगम के 28 वार्डों को ओडीएफ घोषित कर दिया गया था. जिसके बाद 2 अक्टूबर तक 7 और वार्डों को ओडीएफ घोषित किया गया है. अभी भी शहर के 10 वार्ड ओडीएफ घोषित होने का इन्तेजार कर रहे हैं.

छपरा को खुले में शौच से मुक्त करने की दिशा में नगर निगम ने सामुदायिक शौचालय बनवाने की बात कही गयी थी. इसके तहत वैसे लोग जिनके घरों में शौचालय बनवाने के लिए पर्याप्त जमीन नहीं है. उनके लिए सामुदायिक शौचालय बनाने की बात कही गयी थी. लेकिन तय समय सीमा बीत जाने के बाद भी शहर में एक भी सामुदायिक शौचालय नहीं बनवाया जा सका है.

इसके अलावें शहर में पहले से मौजूद सामुदायिक शौचालयों का हाल बेहद खराब है. नगर निगम की अनदेखी के कारण कई शौचालय जजर्र हो गए है. इनकी मरम्मती तक भी नहीं करायी गयी है. इसके अलावें कुछ सामुदायिक शौचालय अतिक्रमण का भी शिकार हो गए हैं.

नही खरीदे एक भी नये मोबाइल टॉयलेट

इसके अलावा नगर निगम द्वारा शहरवासियों के लिए बड़ी संख्या में मोबाइल टॉयलेट खरीदने की बात कही गई थी. लेकिन 2 अक्टूबर बीत जाने के बाद भी एक भी नये मोबाइल टॉयलेट नहीं खरीद पाया है. वही पहले से मौजूद मोबाइल टॉयलेट इस्तमाल करने को लेकर लोगों को जागरूक भी नहीं किया गया. ये मोबाइल टॉयलेट लावारिस हालात में इधर उधर पड़े हुए हैं.

गौरतलब है कि छपरा नगर निगम द्वारा कराय गये सर्वे में 6500 से अधिक परिवारों में शौचलय नहीं होने की बात सामने आयी थी. जिसके बाद हज़ारों परिवारों से आवेदन लेकर उन्हें दो मुश्त में शौचालय बनाने की राशि दी जानी थी. निगम कर्मचारियों का कहना है कि लगभग लोगों को पहली किश्त व दूसरी किश्त राशि भेज दी गयी है. कुछ ही लोगों को ये रकम भजेना बाकी है. साथ ही शौचालय बनवाने के लिए नये आवेदन अब नहीं आये हैं. देखने वाली बात यह होगी कि आखिर कब तक छपरा नगर निगम खुले में शौच से मुक्त हो पाता है.क्या बोलीं मेयर: शौचालय की समस्या को लेकर छपरा नगर निगम की मेयर प्रिया सिन्हा का कहना है कि शौचालय से सम्बन्धित कार्य नगर आयुक्त देखते हैं. आगामी बोर्ड की बैठक में नगर आयुक्त से इस बारे में सवाल किया जाएगा.

Chhapra: छपरा को खुले में शौच से मुक्त करने के लिए नगर निगम लगातार प्रयास कर रहा है. नगर विकास विभाग के निर्देश के बाद इस दिशा में होने वाले कार्य में तेज़ी आयी है. विभाग से नगर निगम को 2 अक्टूबर के पहले छपरा को ओडीएफ घोषित करने का निर्देश मिला है. इसका मतलब 2 अक्टूबर से पहले खुले में शौच जाने वालों को अब शौचालय मुहैया करा दी जायेगी.

शौचालय बनाने के लिए मिल रहा 12 हजार:
आपको बता दे कि शौचालय बनाने के लिए नगर निगम द्वारा लोगों को दो मुश्त में कुल 12 हजार की अनुदान राशी दी जा रही है. जिसमे प्रथम क़िस्त में 7500 और शौचालय निर्माण के बाद दूसरा मुश्त 4500 रूपए लाभुको के खाते में भेजे जा रहे हैं.

छपरा में 6500 परिवार हैं शौचालय विहीन:

2018 में नगर निगम द्वारा कराये गये सर्वे में लगभग 6500 परिवारों में शौचालय नहीं होने की बात सामने आयी थी. जिसमें नगर निगम के 5500 परिवारों को शौचालय बनाने के लिए प्रथम क़िस्त की राशि दी जा चुकी है. जिसमे लगभग 4500 परिवारों को दूसरी क़िस्त की राशि भी भेज दी गयी है.

शौचालय बनाने के लिए जमीन नहीं तो बनेगा सामुदायिक शौचालय:
साथ ही वैसे परिवार जिनके पास शौचालय बनाने के लिए पर्याप्त जमीन नहीं है उनके लिए नगर निगम सामुदायिक शौचालय बनवायेगा. इसके अलावें नगर निगम 500 से अधिक मोबाइल टॉयलेट खरीदने की तैयारी कर रहा है. जिसमें टेंडर के जरिए 500 से अधिक चलंत शौचालय खरीदे जायेंगे.

45 में से 28 वार्ड ओडीएफ घोषित:

गौरतलब है कि छपरा नगर निगम के 45 वार्डों में से 28 वार्डों को ओडीएफ घोषित किया जा चुका है. 2 अक्टूबर से पूर्व अन्य वार्डों को भी ओडीएफ घोषित करने के लिए नगर निगम लगातार प्रयास कर रहा है.

क्या बोले नगर आयुक्त:

नगर आयुक्त अजय सिन्हा ने कहा कि छपरा नगर निगम के सभी वार्डो में इसके लिए कार्य किये जा रहे हैं. 2 अक्टूबर से पूर्व सभी वार्डों को ओडीएफ घोषित कर दिया जायेगा.