Chhapra: रामनगर में राम नवमी के अवसर पर पिछले 50 वर्षों से पहले कुश्ती प्रतियोगिता हुआ करता था. जिसमें देश के सभी प्रांतों के पहलवान आया करते थे. रामनगर अखाड़े का नाम देश के विभिन्न प्रान्तों प्रचलित था. रामनगर अखाड़े के पहलवान देश के विभिन्न राज्यो में जाकर यहां का परचम लहराया करते थे. अब चैता का कार्यक्रम होता है.
इस बार भी दुगोला चैता का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य रुप से पूर्व मंत्री उदित राय एवं वर्तमान जिला परिषद अध्यक्ष सुमित्रा देवी शामिल हुई. पूर्व मंत्री उदित राय ने कहा कि चैता के माध्यम से श्रीराम चन्द्र के चरित्र चित्रण किया जाता जिससे आने वाले पीढ़ी को श्रीराम के चरित्र के बारे जानकारिया मिलती है. जिससे युवाओ में उनके आचरण में सुधार हुआ करता है. पहले मनोरंजन का साधन एक रेडियो हुआ करता था मगर अब तो मोबाइल में लोग सिनेमा देख रहे हैं चैता प्रथा कम होती जा रही है जैसे पहले मुख्य रूप से पहलवानी दंगल हुआ करता था.
चैता में प्रभु श्रीराम के चरित्र चित्रण को दर्शाया जाता है. पिछले 2 सालों से करोना के वजह से कोई प्रोग्राम नहीं हो पाया लेकिन इस बार दुगोला चैता में क्या बच्चे क्या बूढ़े क्या नौजवान सभी बड़े उत्साह एवम उल्लास से लबरेज हैं. रामनगर के गढ़ देवी पर पारंपरिक मेले का नजारा है. कहीं जलेबी दिख रही है तो कहीं गन्ने का रस. कहीं लड्डू दिख रहा है तो कहीं बतासा.
इस आयोजन के आयोजनकर्ताओं में मुख्य रूप से शत्रुघ्न राय ,प्रभाकर श्रीवास्तव ,अजीत श्रीवास्तव, रमाशंकर, शैलेन्द्र मांझी आदि शामिल है.