सारण में निर्माण एजेंसियां मानकों का नही रखती ख्याल, धूल और प्रदूषण से लोग बेहाल

सारण में निर्माण एजेंसियां मानकों का नही रखती ख्याल, धूल और प्रदूषण से लोग बेहाल

Chhapra: महानगरों में वायु में प्रदूषण की मात्रा बढ़ने पर अक्सर यह मीडिया की सुर्खिओं में छा जाता है। हर जगह AQI लेवल की बातें होने लगती हैं। यानि वायु की गुणवक्ता बताई जाने लगती है और फिर उसके निराकरण के प्रयास स्थानीय सरकारों के द्वारा शुरू किया जाता है।निर्माण में पानी के छिड़काव नही होने से धूल से पर्यावरण और स्वास्थ्य पर असर

वायु प्रदूषण के मुख्य कारण है, वाहनों से निकलने वाला धुआ, निर्माण कार्य से उड़ने वाला धूल, खेतों में जलाए जाने वाली पराली।

बात छपरा शहर की करें तो यहाँ की सड़कों पर निकलने के बाद ऐसा प्रतीत होता हैं कि सड़क पर धूल ही धूल है। इसके दो कारण हैं एक साफ सफाई की कमी और दूसरा निर्माण एजेंसियों के द्वारा निर्माण स्थल पर उड़ने वाले धूल को लेकर कोई प्रबंध नहीं किया जाना।

शहर में डबल डेकर निर्माण, नमामि गंगे परियोजना और कई छोटे निर्माण कार्य कार्य जारी हैं। इन निर्माण स्थलों पर निर्माण को लेकर जारी मानकों का ख्याल नहीं रखा जा रहा है। जिस कारण लगातार लोग परेशान हो रहें हैं।

शहर में उड़ने वाले धूल के कारण लोगों के फेफड़े कोरोना से भी जायद घातक धूल कण रोजाना अपनी साँसों में ले रहें हैं। जिससे लोग बीमार, बहुत बीमार हो सकते हैं।

ऐसे में जिला प्रशासन, नगर निगम या संबंधित निर्माण एजेंसियों को इस संबंध में ना तो कोई चिंता है और नया ही इन्हे देखने वाला कोई प्रतीत होता है। जिस कारण आम लोग रोज धूल फाँकनें को मजबूर हैं।

नियम के अनुसार पर्यावरण विभाग ने निर्माण एजेंसियों को धूल और प्रदूषण से बचने के लिए निर्माण स्थल को ढक के या धूल ना उड़े उसके लिए निर्माण स्थल के आस पास पानी का छिड़काव करने के निर्देश दिए गए हैं। इस सबके इतर छपरा शहर समेत संपूर्ण सारण में निर्माण कार्य में लगी एजेंसियों को कोई फल नहीं पड़ता। जबकि टेंडर की प्रक्रिया में भी इन सब के लिए अलग से पैसे का प्रबंध किया जाता है ताकि जनता को परेशानी ना हो.

0Shares

छपरा टुडे डॉट कॉम की खबरों को Facebook पर पढ़ने कर लिए @ChhapraToday पर Like करे. हमें ट्विटर पर @ChhapraToday पर Follow करें. Video न्यूज़ के लिए हमारे YouTube चैनल को @ChhapraToday पर Subscribe करें