New Delhi: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का 93 साल की उम्र में निधन हो गया. इसके साथ ही भारतीय राजनीति में एक युग का अंत हो गया. वाजपेयी लम्बे समय से बीमार थे. बीते 11 जून को उन्हें AIIMS में भर्ती कराया गया था.
जहाँ उनकी हालत दिन पर दिन गिरती जा रही थी. जिसके बाद उन्होंने गुरुवार को शाम 5 बजकर 5 मिनट पर अंतिम साँस ली.
मैं नि:शब्द हूं, शून्य में हूं, लेकिन भावनाओं का ज्वार उमड़ रहा है।
हम सभी के श्रद्धेय अटल जी हमारे बीच नहीं रहे। अपने जीवन का प्रत्येक पल उन्होंने राष्ट्र को समर्पित कर दिया था। उनका जाना, एक युग का अंत है।
— Narendra Modi (@narendramodi) August 16, 2018
वाजपेयी के निधन के साथ ही भारतीय राजनीति के एक युग का अंत हो गया. वाजपेयी राजनीति के ऐसे व्यक्तित्व थे जिसको सभी लोगों ने पसंद किया. पक्ष विपक्ष के सभी नेता उनके मुरीद थे. इसी कारण अटल बिहारी वाजपेयी को भारतीय राजनीति का अजातशत्रु कहा जाता था.
लेकिन वो हमें कहकर गए हैं-
“मौत की उमर क्या है? दो पल भी नहीं,
ज़िन्दगी सिलसिला, आज कल की नहीं
मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूं,
लौटकर आऊँगा, कूच से क्यों डरूं?”— Narendra Modi (@narendramodi) August 16, 2018
अटल जी आज हमारे बीच में नहीं रहे, लेकिन उनकी प्रेरणा, उनका मार्गदर्शन, हर भारतीय को, हर भाजपा कार्यकर्ता को हमेशा मिलता रहेगा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और उनके हर स्नेही को ये दुःख सहन करने की शक्ति दे। ओम शांति !
— Narendra Modi (@narendramodi) August 16, 2018