Chhapra: आरएसए के कार्यालय पर छात्रसंघ चुनाव के बाद से लेकर अभी तक छात्र हित में किए गए संघर्ष का ब्यौरा प्रस्तुत किया गया. छात्र संघ राम जयपाल महाविद्याल के तत्कालीन संयुक्त सचिव सह संगठन नेत्री पूनम कुमारी ने कहा कि संगठन के द्वारा लंबित परीक्षाओं के लिए 46 आंदोलन सड़क पर किया गया. जिसके कारण राज्य सरकार एवं विश्वविद्यालय प्रशासन को झुकना पड़ा और लंबित परीक्षाओं का आयोजन हो रहा है.
जगदम महाविद्यालय के छात्रसंघ तात्कालीन अध्यक्ष रणवीर सिंह ने कहा कि शैक्षणिक कैलेंडर सांस्कृतिक कैलेंडर एवं खेल कैलेंडर लागू करने के लिए संगठन लगातार विश्वविद्यालय प्रशासन पर दबाव बनाया है जिस के नतीजे धीरे-धीरे आ रहा है. महामहिम कुलाधिपति से भी इस विषय में एक स्मार पत्र सौंपा गया है.
राम जयपाल महाविद्यालय के तत्कालीन छात्रसंघ अध्यक्ष कुमार मनीष ने कहा कि विश्वविद्यालय के द्वारा परीक्षा फॉर्म भरने हेतु निर्धारित शुल्क से अधिक महाविद्यालयों में लिए जा रहे थे संगठन के द्वारा अनिश्चितकालीन अनशन किया गया. जिसका परिणाम यह हुआ कि विश्वविद्यालय महाविद्यालय प्रशासन को अवैध वसूली पर रोक लगाना पड़ा और निर्धारित शुल्क छात्रों से लिया जाने लगा.
पृथ्वी चंद विज्ञान महाविद्यालय के तत्कालीन अध्यक्ष कुमार आशीष उर्फ गुलशन यादव ने कहा कि संगठन का संघर्ष का नतीजा ही है कि महाविद्यालयों में भ्रष्टाचार की कमी आई है. संगठन के द्वारा कुलपति के द्वारा दो महाघोटाले एसीपी/एमएसपी महाघोटाला और पंजीयन का महा घोटाला किए गए जिसको तथ्य के साथ छात्रों के बीच में लाइ और भ्रष्टाचार के खिलाफ न्यायिक लड़ाई के साथ-साथ सड़क पर भी संघर्ष कर रहा है.
जयप्रकाश महिला महाविद्यालय के तत्कालीन छात्रसंघ अध्यक्ष सोनम कुमारी ने कहा कि संगठन के द्वारा प्रत्येक महाविद्यालय में छात्र महापंचायत लगाकर छात्र की समस्याओं को सुनना और सुनकर समस्या का समाधान किया गया. छात्राओं के प्रतिभा के निखार और नेतृत्व को बढ़ावा देने के लिए रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन करना. खास कर महिला महाविद्यालय में एनसीसी के यूनिट खोलने के लिए संघर्ष करना, सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए सांस्कृतिक कैलेंडर लागू करने के लिए संघर्ष कर रहा है. संगठन इस बिंदु पर कारवाई करने हेतु विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय को बार-बार सूचित करना और सड़क पर संघर्ष किया गया इसके लिए.
इस अवसर पर संगठन के सहसंयोजक मनीष पांडे मिंटू, प्रवक्ता भूषण सिंह, विश्वविद्यालय महासचिव राहुल तिवारी, परमजीत कुमार, प्रमेंद्र सिंह एवं संगठन के सभी तत्कालीन छात्र संघ के काउंसिल मेंबर उपस्थित थे.






