Chhapra: शिक्षक नेता सह संरक्षक बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ सारंण, विश्वजीत सिंह चंदेल ने कहा कि राज्य के नियोजित शिक्षकों को सामाजिक सुरक्षा के तहत ईपीएफ का लाभ राज्य के प्रारंभिक से लेकर प्लसटू तक के सरकारी विद्यालयों में वर्तमान में कार्यरत सभी प्रकार के साढ़े चार लाख नियोजित शिक्षकों के साथ ही भविष्य में नियोजित शिक्षक के रूप में योगदान करने वाले शिक्षकों को भी इस सुविधा से जोड़ने हेतु इस दिशा में कार्रवाई को लेकर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने राज्य सरकार के शिक्षा विभाग को पत्र लिखा था.
गौरतलब है कि राज्य के नियोजित शिक्षक ईपीएफ की सुविधा से अबतक वंचित हैं. कुछ शिक्षकों की ओर से पटना हाईकोर्ट में एक वाद दायर किया गया था. मामले पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने 17 सितम्बर 2019 को अपने आदेश में सभी प्रकार के नियोजित शिक्षकों को ईपीएफ और एमपी एक्ट 1952 का लाभ देने का निर्देश दिया. कोर्ट ने इसे सुनिश्चित करने का जिम्मा ईपीएफओ के क्षेत्रीय पीएफ कमिश्नर को दिया है. कार्रवाई के लिए 60 दिनों की मोहलत दी गयी है. पत्र लिखकर हाईकोर्ट द्वारा दिये गये 60 दिन के समय का ध्यान कराया था. याचिककर्ताओं की मांग पर कार्रवाई करने का आग्रह किया था. अदालत के आदेश की किसी तरह की अवमानना न हो, इसका भी ध्यान रखने को कहा गया था.
ईपीएफ आयुक्त ने श्री महाजन को लिखे पत्र में निवेदन किया था कि बिहार के सक्षम नियोजित शिक्षकों को ईपीफ का लाभ देने के लिए शीघ्र जरूरी कदम उठाए जाएं. इसके लिए अपने क्षेत्रीय और जिला कार्यालयों को आवश्यक निर्देश दें. राज्य में कार्यरत ईपीएफओ के क्षेत्रीय और जिला कार्यालय से इस संबंध में किसी तरह के सहयोग के लिए सम्पर्क किया जा सकता है.
शिक्षा विभाग से कहा था कि ईपीएफ और एमपी एक्ट 1952 के दायरे से नियोजित शिक्षकों को जोड़ने के लिए हर जिले में एक नोडल अफसर नियुक्त किया जाए तथा राज्य स्तर पर एक कोऑर्डिनेटर बनाएं तथा उनके नम्बर ईपीएफओ से साझा करें, ताकि अगले कदम के लिए उनसे सम्पर्क साधा जा सके. लेकिन अभी तक कुछ भी नहीं हुआ केवल सरकार टाल मटोल का रवैया अपना रहा है.हम सरकार से मांग करते है कि राज्य के साढ़े चार लाख नियोजित शिक्षकों को नियुक्ति की तिथि से ही ईपीएफ की सुविधा मिलनी चाहिए. यथाशीघ्र सरकार इस पर कार्रवाई करें.